Who is the king who killed Buddhists? I PUSHYAMITRA SHUNGA I SHUNGA DYNASTY
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- เผยแพร่เมื่อ 7 ต.ค. 2021
- Who is the king who killed Buddhists? I PUSHYAMITRA SHUNGA I SHUNGA DYNASTY
आख़िरी मौर्य राजा की हत्या करके राज्य पर कब्ज़ा करने वाला पुष्यमित्र शुंग कौन था? क्या उसने बौद्ध विहारों और स्तूपों को नष्ट किया? क्या उसने बौद्ध भिक्षुओं की हत्या के लिए इनाम की घोषणा की थी? क्या भारत में बौद्ध धर्म के क्षय की एक वज़ह पुष्यमित्र था? देखें सच का सामना। एक विशेष श्रंखला जिसमें वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार और प्रो. राम पुनियानी भारत के इतिहास से संबंधित गलत धारणाओं और तोड़े-मरोड़े गए तथ्यों पर से पर्दाफाश करेंगे
Who was Pushyamitra Shunga who captured the kingdom by killing the last Maurya king? Did he destroy Buddhist viharas and stupas? Did he announce a reward for killing Buddhist monks? Was Pushyamitra a reason for the decline of Buddhism in India? Watch Sach Ka Saamna. A special series in which senior journalist Mukesh Kumar and Prof. Ram Puniyani will expose the misconceptions and distorted facts related to the history of India
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#PushyamitraShunga #Buddhism #SachKaSaamna
बहुत ही सरल, सटीक, सारगर्भित एवं सत्य विश्लेषण आप दोनों को बहुत बहुत शुक्रिया.... नमोः बुध्दाय.....
as a history student what he saying.. It's just propaganda... as a history student I talk with historians.. And story is different... See our real history actually bended by propaganda.. That why still in India hav religious conflicts.. I think there were some sites were discovered there were jain, buddhist, and Hindu temples together... And they co exist together. The demolition talking about not Hindu destroying budda temple.. It's a rival king who destroying temples... Like I attack a place and destroying everything... If you started believe this leftist Twisted propaganda I think you will never taste real truth.
Bihar ka purana nam vihar
भारत में बौद्ध धर्म का फूल मुरझाया जरूर है
लेकिन इसकी जड़ें बहुत मजबूत है !
अतः बौद्धमय भारत का सपना एक दिन जरूर साकार होगा !
We are happy if Buddhism if Islam allows
Budh koi saudi Arabia ka nahi the wa yahi ka the aur rajput the yad rakna
You are right
Wud u think Islaam will let Buddhist live. Only Hindu fought over Islaam to save this country. Pakistan ke side Buddhism tha isliye sare Islamist ho gaye!! It does not mean that we don’t love ❤️ Budha . We love him a lot coz all this indigenous culture like Jain, Budha, Sikha are our pride. Hence we all hv to unite so that all our culture survive else Abrahmics religions and communist will finish us.
@@yash3963 अफगाणिस्तान मे भी वही हो गया. अफगाणिस्तानमे और इंडोनेशियामे पहला हिन्दुझम था बाद में बुद्धिझम और बाद में पुरा अफगाणिस्तान और इंडोनेशिया इस्लामिक राष्ट्र बन गये.
रामपुण्यानी सर आपको सैल्यूट, बड़ी सरलता से आपने देश को सच्चे इतिहास से अवगत कराया,
Ye log satya hindi bolkar asatya failate hain..
Ram naam rakh kar jhuth bolte hain..
नालंदा ,उद्भंडपुर और विक्रमशिला तो गुप्त काल में ही स्थापित हुए । मुझे तो लगता है की धर्मपाल और बाद में शंकराचार्य जी और मुस्लिम आक्रांताओं ने बौद्ध स्थलों के विनाश के लिए जिम्मेदार हैं ।
आप प्राचीन भारत के इतिहास को सामने लाने का प्रयास करते हैं इस कारण मैने आपके चैनल को लाइक किया। रोहित पटेल इलाहाबाद। जयमूलनिवासी ।
Ghanta mul niwasi budh vi rajput the ye ku vhul gai aur 99% buddhism upnisad ki copy ki gai ha
@@arbindkumarsingh1551 rajput the hahahaha
Romila Thapar writes that the lack of concrete archaeological evidence casts doubt on the claims of Buddhist persecution by Pushyamitra.
Jai moolnivasi jaibuddha
@@SandeepYadav-gx3nj aap chutiya Hain kya. Budh ka janam Kahan hua tha ? Budh banane se pehle kya naam tha? Kahan ke Rajkumar they?
मुकेश सर जी सटीक विश्लेषण
पुष्य मित्र शुंग ने मौर्य सम्राट राजा बृहद्रथ की हत्या कर के सत्ता पर कब्ज़ा किया था और बौद्धो का नरसंहार किया !
अफगाणिस्तानसे बोध्दोंको और इराणसे पारशीओंको किसणे खत्म कीया इसकाभी जवाब चाहिए हमे।
Desh.ke.gadar.logo.ka.kam.ta.us.samy.ka.lekin.ab.samy.aa.gaya.ha.Hbagwan.bugh.ke.raste.per.chalne.ka.her.gaw.me.hbagwan.bugh.kI.asthapna.kArne.ka.
@@sushantgawade5339 प्राचीन इतिहास पढ़ो सब कुछ है
Achcha aapke gyan chakshhu in logo ne khol diye
@@sushantgawade5339 in jhut failane Waalo ka kya kiya jaaye...
बहुत सुंदर प्रस्तुति।काफी ज्ञान बर्धक । इसी तरह की ज्ञान बर्धक बातों को बताते रहने की कृपा करें ।सादर आभार ।
धर्म एक ही है समानता,न्याय,निती, सदाचार.
सत्य हिन्दी नाम को चरितार्थ कर रहे हो....सत्य हिन्दी टीम को बहुत बहुत साधुवाद...👍👍🙏
th-cam.com/video/JukNHjdxvmQ/w-d-xo.html
अफगाणिस्तानसे बोध्दोंको और इराणसे पारशीओंको किसणे खत्म कीया इसकाभी जवाब चाहिए हमे।
Ye manusmrit Sabse Ghatak hai
Saty hindi teem ko dhanybad
तो अब बात करते है कि फिर बौद्ध धर्म कब अस्तित्व में आया ,
"भगवान बुद्ध के परिनिर्वाण के 150 वर्षों बाद उनके ब्राह्मण अनुवाइयो ने बुद्ध के संदेशों को धर्म के रूप में परिभाषित कर एक अलग धर्म और व्यवस्था की नींव डालने का प्रयास किया "
आधुनिक बौद्ध धर्म असली ब्राह्मण धर्म इस लिए भी है , की इसमें सबसे अधिक किसी बात की चर्चा है तो , ब्राह्मण की ।
ब्राह्मण क्या ,और कैसे पर ही पूरा बौद्ध धर्म टिका है ? गंभीरता से अध्ययन करे तो ब्राह्मण ग्रथ है बौद्ध साहित्य ।
वर्तमान में नवबौद्ध जो बिना बूद्ध को जाने ही बुद्ध नाम का सर्टिफिकेट धारण किये है अगर इनकी दलील सुने तो बिलकुल अलग नजारा है। यह हर सभा मीटिंग में चीख चीख कर कहते है कि बौद्ध धर्म ब्राह्मण विरोधी धर्म है और ब्राह्मणों के खिलाफ बुद्ध ने बौद्ध धर्म बनाया था। यह बिलकुल ही बचकानी बात है जो वास्तविकता से मेल नही खाती क्यों की बौद्ध ग्रन्थो का अध्ययन करे तो ब्राह्मण क्या और कैसा हो यही सबसे प्रमुख विषय है उसका । और अगर मान लिया जाये की बुद्ध का धर्म ब्राह्मणों के खिलाफ था तो इस धर्म को हवा पानी किसने दिया , इस धर्म के बारे में हम आज जितना भी जान पा रहे है उस जानकारी का स्रोत किस्से प्राप्त हुवा। बौद्ध ग्रथों की रचना किसने की जिससे हम बुद्ध को जान पाये और समझ पाये।
सवाल यह भी तो बनता है कि इस बौद्ध धर्म के संवर्धक कौन थे?
आप अध्ययन करे तो पायेंगे की गौतम बुद्ध के प्रथम 5 शिष्य में 4 ब्राह्मण , बुद्ध के प्रिय शिष्य अग्निहोत्र ब्राह्मण , प्रथम द्वितीय तृतीय बौद्ध संगतियों के आयोजक ब्राह्मण , बौद्ध विहारों के लिए सर्वाधिक भूमि दान करने वाले ब्राह्मण , बुद्ध से पूर्व 27 बौद्धों में 7 ब्राह्मण, सभी बौद्ध साहित्यों के रचनाकार ब्राह्मण , बौद्ध धम्म के सभी सम्प्रदायो यथा महायान हीनयान और बजरायन के सूत्रधार भी ब्राह्मण ,, तो क्या समझे आधुनिक बौद्ध धर्म की नींव ही टिकी है ब्राह्मण पर अगर इस धर्म से ब्राह्मणों के योगदान को निकाल कर फेंक दे , बौद्ध धर्म में कुछ भी नही बचेगा क्यों की यह धर्म ही ब्राह्मणों का बनाया हुवा है।
यहा देखिये
Buddhists born to Brahmin families
There have been various notable Buddhists born to Brahmin families. Some like Sariputra and Maudgalyayana were the Buddha's disciples, while some like Bodhidharma were missionaries spreading Buddhism beyond India. Others like Asvaghosa were poets; others like Chandragomin were grammarians. Both Sramanas and Brahmanas (whether Sramana or not) are important in terms of spirituality.
महायान(नार्गाजुन, अश्वघोष)
थेरबाड (बुद्धघोष)
वज्रयान(पद्मसंभव)
तिब्बत बौद्ध(पद्मसंभव )
चीना बौद्ध(कुमारजीव )
जेन बौद्ध(बुद्धिधर्मा)
कुंग फु(कुमारजीव)
वे ऑफ बुद्धिस्त्व(शांतिदेव)
बुद्धचरित (अश्वघोष Asvaghosa )
हरिता धम्मसुत्रा (हरित)
शून्यता अवधारणा (नार्गाजुन)
सेकेँड बुद्धा (बसुबंधु)
यमनतका तंत्र (कनका)
वज्रयान-दवान्ताऊ-विकास्ना (ज्नानश्रीमित्रा )
यह सभी ब्राह्मण ही थे , और बौद्ध दर्शन के उत्थान में जितना इनका योगदान है उतना किसी का नही , अगर कहे की बौद्ध धर्म का कॉन्सेप्ट इनका ही था तो यह अतिश्योक्ति नही होगी । क्यों की अगर इन ब्राह्मणों और इनके योगदान को बौद्ध दर्शन से अलग करते है तो इस दर्शन में कुछ भी नही बचता क्यों की तब न बुद्ध समझ में आयेंगे न उनका दर्शन।
सत्य कभी पराजित नहीं हो सकता है 🙏🙏
jin nich canvrted dhedo ke pas jumle ke siva kuch nahi o kya saty aasaty ke bare bole.😂😂
सच्चा इतिहास बताने और सामने लाने के लिए और ब्राम्हनो की सच्चाई सामने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद सर... और मैं St Sc Obc minority को हाथ जोडकर निवेदन करते हैं इन बातों को समझे और गम्भीरता से लें
Bhat saale
और मुस्लिम को इस अहिंसा के कारोबार का निमंत्रण नहीं दोगे ? हाय अल्लाह ऐ क्या हुआ? 😅
हमें विरोध ब्राह्मणों का नहीं करना चाहिए हमारा असली दुश्मन तो ब्राह्मणवाद है ब्राह्मणवाद ही जहर है
अच्छा टॉपिक इस चर्चा मे शामिल करने के लिये सत्य की खोज का तहे दिलं से शुक्रिया.आपको औंर जानकारी प्रो.विलास खरात की औंर से प्राप्त हो सकती है,सर आपसे निवेदन है आप उनको भी निमंत्रित करे 🙏
Satya Kya hai? Apney paya ya nahi abhi Tak?
Aur paya to Kya paya?
अब सच खुलकर सामने आ रहा है, धन्यवाद प्रोफेसर मुकेश कुमार जी और पुन्यानी जी 👏
सच्चाई को नष्ट नही किया जा सकता है सुन्दर प्रस्तुति है भगवान वुद्ध की करूणा आप दोनो पर सदैव बनी रहे
Budhha ne kabhi khud ko bhagwan nhi kha...
Brahmno ne hi budhha ko visnu ka avatar bnakr...buddhism ko fir se brahman ke control me la diya
इन के हिसाब से हिंदू ही क्रिमिनल थे, बकवास प्रेजेंटेशन
@@vijayjoshi2104 not hindu only Brahmin 👍 fact check ✔️ joshiji jarurat ke hisab se Hindu and malai khane ke time bramhin mandir me ka reservation sorry (khirat)😂q pandit ji
कौन सी सच्चाई चुतिया बना रहे हैँ दोनों
कैसे नहीं किया जा सकता सच्चाई को नष्ट।देखते नहीं जहां बौद्ध विहार था वहां राम मंदिर बनाया जा रहा है।
धन्यवाद...🙏🙏
प्रो. मुकेश जी और Dr. Ram puniyani jee... 🙏🙏🙏
जानकारी के लिए बहुत बहुत शुक्रगुजार हूं नमो बुधाय!!
बहुत सुन्दर प्रस्तुति कि है डॉ राम पुनयानी जी।
बहुत गलत प्रस्तुति है। सब तोड़ मरोड़ कर बता दिया। कुछ तो शर्म करो।
@@prakashchandsahu4269 andh-bhagat sirf gober khoor hai
@@prakashchandsahu4269original history se tm chutye always door hote ho
चर्चा बहुत अचछी है🙏💕
डा. पुनिया नी साहब से पूछें की, क्या पुष्यमित्र शुंग ही राम था
पुष्यमित्र शुंग और राम पर चर्चा करेगें
आशा करता हूँ 🙏🙏👍
Yes ayodhya jo hai wo saket nagari hai bauddh nagari sare viharo ko tod kar mandir banaya gaya
Yes
रामायण मे अशोक वाटिका का जिकर है जो सम्राट अशोक की वाटिका थी जिसे अशोक ने अपने पुत्र महेंदरवरमन की लंका विजय के बाद बनवाया था
अफगाणिस्तानसे बोध्दोंको और इराणसे पारशीओंको किसणे खत्म कीया इसकाभी जवाब चाहिए हमे।
यह सच्चाई हर जगह हर इतिहासकारने छुपाई है पुश्यमित्र शुंग ही राम है और उसकी पत्नी का नाम भी सीता था,, और उसके नाम के सिक्के मिले हैं,,, और एक बात ध्यान दिजिये ,राम की मां को खीर खिलाने वाला शश्रिंगी रिषि था,,, शुंग, श्रिंग,,, और वाल्मीकउनका राजकवि था जिसने रामायण में उसका चरित्र ध्यान में रखकर किताब लिखी, वामन मेश्राम जी के भाषण सुनिये
ये दोनो दलित विमर्श या मार्क्सवादी इतिहास कार है इसीलिए इनका सारा विश्लेषण इस तरह का होता है। इनकी बताईं गयी बाते सच्चाई से ज्यादा एक खास दृष्टिकोण को प्रेरित करने के लिए ज्यादा है । जो कि बिना सेंसर मीडिया youtube का फायदा उठा रहे है और लोगो की अज्ञानता का ।
Samrat Ashoka ne Hindu dharma kyun chhoda tha aur agar Buddha bhi Hindu the toh unhone apna purana dharm kyun chhoda? Unko satya ki talaash kyun karni padi agar Hindu dharm hi satya tha?
samrat ashoka ne dharm kaling yudh ke bad chhoda kyonki usme hatyaen hui thi aur budhism me agar sher bhi tumhare samne aa jaye ya koi aur janwar to self diffence me bhi nahi mara ja sakta.vo pure vegeterian dharm hain lekin hinduism me ek upnishad me likha hai ki machhli kha sakte hain. jabki south me kai log pashu bali bhi dete the pata nahi kyun @@mohsiulhoda2582
Yes people should in fact write history according to the lives of normal people and not just kings and royalty who were always in luxury.
सच कड़वा ही होता है ।
भविष्य पुराण पढ़ो शुरू से और अंत तक और यह कहना छोड़ दोगे कि मुसलमान बाहर से आये या तुम बाहर से आये थे जिन्होंने यह लिखा है कि औरंगजेब सवा मन जनेऊ रोजाना तुड़ाई करके होली जलाता था और यह सब इसी सोशल मीडिया की उपज मैंने भी लिखकर दी है इतिहासकारों ने कहीं इस तरह की बातें नहीं हैं फर्जी लेखकों ने तमाम तरह की बातें लिखी और कुप्रचार किया,,, और आजकल जो वाशिंग मशीन चल रही है वैसी ही वाशिंग मुस्लिम शासकों और अंग्रेजी शासन में भी खूब चलाई गई है,,,,,
I apprehend the future of Prof. Ram Puniyani.
Sir, please stay cautious.
आप ने बहुत अच्छी सीरीज शुरू की है। यह कार्यक्रम भारत के सच्चे एतेहास के संरक्षण के लिए मील का पथ्थर साबित होगा ।
सत्य और तथ्य पर आधारित ऐतिहासिक यथार्थ भारत के जनजन तक पहुंचाने का यह प्रयास सराहनीय है।
फिर हिंदू नामधारी कब बन रहे हो
@@brijeshkumarsavita4573 jis din Manusmriti jalai jaye aur Bhraminwad khatm ho.
Ha mohhmad ke bare me bhi kuchh sach jana hai kabhi ya nahi
Sidhe das (10.5) biwiya 6 saal se 60 saal tak ka pura callaction tha...
तुम जो satanic verses पड़ कर नफरत फ़ैलाने की कोसिस कर रहे हो पूरे दुनिया से तुमहरी सफ़ाई शुरू हो गए है।
Dr पुनियानी साहेब एवं प्रो.मुकेश कुमार जी इस जानवर्धक जानकारी के लिए बहुत बहुत आभार।
Jankari nahi , Misinformation ke liye dhanyavad karo
शुकर मनाओ की NEPAL मे हमेशा HINDU RAAJ रहा और वो ISLAMIC अकरांताओ से बचा रहा,वरना आज BUDDHA जन्मस्थान पे बौध्द मंदिर की जगह एक मस्जिद खडी होती ,और हमारे देश के मानसिक गुलाम उसे मुघलो का बनाया आठवा अजूबा बोलके देखने जाते🤣🤣🙏🚩🚩🚩🚩
@@goo-lamokadoctor181 achaaaa..,..
Bahut aschi prastuti.....namo buddhay
Kabhi Kabhi Ek Vyakti k aane se pura Etihaas hi badal jata he...सरल, सटीक, सारगर्भित एवं सत्य विश्लेषण
Pushyamitra Shung ne bishwas ghat ke dwara Bharat ka itihas badal diya.Samrat Ashok ke sapno ka Bharat ab Brahmano ka Bharat ho gaya.
पुष्यमित्र शुंग ही आज के राम है
वाल्मीकि राजकवि थे शुंग के दरबार मे।
Birth of ram according to astrology 12125bc, 14125 before year
Rt
Bewkuf
@@rameshchandrana2145 तेरे से बड़ा?
पुष्यमित्र शुंग की ही नीति तो वर्तमान सरकार चल रही है। आज भी सरकार लिंचिंग करने वालों का विशेष आदर करती है।
लिंचिंग के कारनामे तो आपके पूर्वज 1500 सालो से करते आ रहे है। हिन्दुओ ने थोड़ा सा चोर उच्चको को सबक सिखा दिया तो उसमें ही दर्द होने लगा
।
@@apoorvatrivedi1719 छल कही नही है कुरान मे न ईसलाम फैलाने मै आप लोगो के महाभारत से लेकर रमायण तक छल है डंडे के बल पर कुच्छ कहसकते लेकिन बात के बल पर उलटा जिड़ो हो
@@apoorvatrivedi1719 मुसलिम देश मे बना सिरियल ड्रामा है आ्रतुलगाजी देख लेना
@@ansarisultanansari5387 दुनिया भर में जो अब्राहमिक रिलिजन ओर मज़हब ऐसे ही फैले है। तुम सच देखना नही चाहते हो बस यही समस्या है। और रही बात रामायण और महाभारत की तो वो धर्मिक ग्रंथ नही है वो महाकाव्य है जो उस समय ओर घटनाओ का चित्रण करते है, गीता को भी धार्मिक ग्रन्थ नही कहा जा सकता है क्योंकि वो किसी एक के लिए नही बनी अपितु पूरे विश्व ओर मानव मात्रा के लिए बनी है। ओर गीता ही है जिस पर दुनिया मे कोई अंधा भी उंगली नही उठा सकता। और रामायण या महाभारत कभी पढ़ी भी है या बस ऐसे ही अपने मुल्लो की तरह धूल में लट्ठ घूमने आ गए।
कुरआन की कितनी आयते है काफ़िरो को मारो उनकी लड़कियो से बलात्कार करो और धन लूटो
I want to know more about Pushya mitra Sung.Thank you sir for your this preaching.
विलकुल सच।नमो बुद्धाय।
इतिहास के बहुत महत्वपूर्ण तथ्य को पृस्तुत करने के लिए धन्यवाद
Thank.you.
खरोखर खरोखर बरोबर बोललेत फार छान जय भारत
डा.पुनियानी साहब को शत् शत् नमन।आपने सत्य, निष्पक्ष और ज्ञानवर्धक जानकारी दी।समतामूलक समाज की स्थापना के लिये बौद्ध धर्म ही सबसे उपयुक्त है,इसमें कोई संदेह नहीं है।
Bhai baudh dharm apnaoge ?
@@saurabhshah448 bharat ko bchana hai to sbko ek din koi na koi ek brabari ka dharam apnana padega
मुकेश सर और राम साहब पुनयानी आप दोनो की परिचर्चा और सत्य हिंदी की पहल बेहतरीन है।
आशा करते हैं आज के राजनैतिक माहौल में आपकी आवाज़ दबाने का प्रयास न हो , शुभकामनाओं के साथ🙏🙏
अफगाणिस्तानसे बोध्दोंको और इराणसे पारशीओंको किसणे खत्म कीया इसकाभी जवाब चाहिए हमे।
@@sushantgawade5339 brahmin nee shudhra to khlsa film dekho
@@sushantgawade5339 duniaa barbad kar diya Kater Hindu Muslim jasse katerwad nee
@@sushantgawade5339 Itihas padho, sab pata chal jayega...
Khtm nhi kiya wo khud convert hue Islam k prabhav se ..
बहुत बहुत धन्यवाद, मेरे उस प्रश्न का उत्तर मिल गया जो था कि आखिर भारत से जाति क्यों नहीं जाति, अर्थात जब तक मनुवाद के समर्थक रहेंगे तब तक यह देश जातिवाद का गुलाम रहेगा।
जय निषाद राज🙏🙏
आप सत्य बताया है और सत्य को उजागर करने की कोशिश की है आप को बहुत बहुत साधूवाद और जय निषाद राज🙏🙏
इतिहास को आप लोगों ने बहुत ही अच्छे तरीके समझाया।
कोटि कोटि धन्यवाद।
Stop your leftists propoganda. Buddhist scriptures aur leftist writer over exaggerated books likhi h. Chutia mat banao. Buddhist Greeks ke sath mil gye the isliye Pushyamitra ne Buddhist monks ko pela tha. Shi history btao.
@@SanataniSabhyta.Inse pucho ki phir sunga ne stupa ki marammat kiyu ki
@@SanataniSabhyta.😂😂😂😂 han whatsApp history hi best hain 😂 baki left propaganda😂 dallo sudhar jao
@@SanataniSabhyta.Motherchod kutte ki aulad Brahamin gunde Tera murder hona chahiye
@@SanataniSabhyta.Toh tere baap mughlo k sth mil gye hoge islye Nalanda jalaya hoga hna?..ya boddh mil gye hoge mughlo k sth islye fr tmhri ma bhno ko pela hoga unhone?
बहुत सुंदर संदेश दिया है आपलोग ने इसके लिए आपको दिल से साधुवाद ।
आपको सुनकर समाज के बहुसंख्य लोगों के सोचने का नजरिया अवश्य बदलना चाहिए।
और जब नजरिया बदलेगा तो दौर को बदलना ही होगा।
Thanks a lot 🎉🎉🎉🎉🎉
धन्यवाद मुकेश जी आपने इतिहास के और बुद्धम के बारे में के बारे में इतनी अच्छी जानकारी दी
Reality of History
Sir barma main musalmano k sat jo hoa o kun hua.
Abe Aakde Kyun nahi dete Pushyamitra Shunga ne kitne Stupa tode..agar Muslim rajaon ke khilaaf badha Chadha kar likha Gaya hain to Pushyamitra Shunga ke baare mein bhi badha Chadha kar kaha gaya ho Sakta hain.
@@Spiritkill1 ये लोग Invaders के मानसिक गुलाम है , इनके मलिक Indian(Indus(Hindus)) civilization खतम करने आये थे..
अब इनके ये मानसिक गुलाम अब भी उसी काम पे लगे है..🤣🤣
इनसे सचचाई की उम्मीद मत रखो , बस गुलामी की उम्मीद रखो 😆😆
@@vijaypahwa6185 शुकर मनाओ की NEPAL मे हमेशा HINDU RAAJ रहा और वो ISLAMIC अकरांताओ से बचा रहा,वरना आज BUDDHA जन्मस्थान पे बौध्द मंदिर की जगह एक मस्जिद खडी होती ,और हमारे देश के मानसिक गुलाम उसे मुघलो का बनाया आठवा अजूबा बोलके देखने जाते🤣🤣🙏🚩🚩🚩🚩
सच्चे इतिहास की जानकारी देने के लिए धन्यवाद।
Ram Puniyani is an idiot like Mukesh Kumar. Both are spreading lies. Pushyamitra Shunga patronized the Buddhist Viharas and did not kill any Buddhist. The idiot Puniyani and dumbass Kumar make reference to a 16th century Tibetan monk Tarnath who wrote a book against the Shungas 1600 after the death of Pushyamitra Shunga. No scholar in the world believes in Tarnath’s account. Instead the Shungas patronized the Buddhists and their Viharas as the Viharas having been situated on Dakshinpath and Uttarpath facilitated trade.
Don’t follow idiots like these instead read from Oxford or Cambridge texts.
Ye sacha itihas nhi hai
पुष्यमित्र शुंग के समय में ही शिक्षा पर रोक लगाई गई कि अन्य लोग शिक्षा ग्रहण न कर सके।
बहुत बहुत धन्यवाद,, साहेब,जी, ईतनी सच्ची और पुख्ता जानकारी देने के लिए,🙏🙏🙏🙏🙏 i SALUTE YOU sir, 👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍 जय भीम,
नमो बुद्धाय,
जय संविधान,
जय मूलनिवासी,
अति महत्वपूर्ण भारतीय साहित्य की सही जानकारी दी आपने ,आपको साधुवाद।मंगलकना।
Very sad knowing this fact. I used to always ask how Buddhism completely vanished from Indian Subcontinent ?! Thank you for shedding some light on Buddhism.
भगवान bhudh तो एक चींटी भी नही मारते उसे भी हिंसा कहते थे
पर धन्य है बुद्ध धर्म वही पनपा जहाँ लोग छपिकाली,कुत्ता,बिल्ली,चमगादड़ तक को मार कर खा जाते हैं।
धन्य है
❤
જો ધર્મ પહેલે થા એના ઉપર અશોક રાજાએ બહુ જ ધર્મ સ્વીકારી ધર્મ બદલો તો તે સમય નો હિન્દુ ધર્મ સમાજમાં સુકૃત નહોતો શા માટે બૌદ્ધ ધર્મ લાયો ફેરફાર કરવાના કોઈ ખાસ કારણો સમાજની માંગણી હતી જો સમાજની માંગણી ન હોય તો પછી બૌદ્ધ ધર્મ લાવવાની શું જરૂર હતી સમાજ તેના પ્રો વર્તમાન ધર્મોથી અસંતુષ્ટ હોય તો રાજાએ ફેરફાર કરવો પડે
It's vanished because buddh was sanatani only but some ppl like ashok made buddh sepret frm sanatan and made different relegion soo this all happend and who did this all... Humans 💯
@@abhijeetjadhav7171 Buddhism hi sanatan hai, bramha vishnu mahesh bhi Buddhism ke God
आपने भारत के इतिहास में बौद्ध साम्राज्य को नष्ट कैसे हुआ , अच्छा विश्लेषण किया। ब्राह्मणों ने कैसे अपना सम्राज्य स्थापित किया ।आप ने इतिहास की सच्चाई प्रस्तुत किया , आपको धन्यवाद,नमो बुध्दाय।जय भीम ।
भगवान बुद्ध के बारे में हमने सुना बहुत अच्छा लगा बहुत सुंदर और अच्छी अच्छी बातें और दीजिएगा धन्यवाद जय भीम नमो बुद्धाय
आप को भारत की सच्ची इतिहास के विश्लेषण के लिए बहुत बहुत धन्यवाद् आप से निवेदन है कि भारत के सच्चे इतिहास के इसी तरह के विडीओ बनाए जिससे झूठे इतिहास का पर्दाफास हो सके।
बहुत शानदार,।ऐतिहासिक और वास्तविक जानकारी देने के लिए आपको साधुवाद।
यदि पत्रकार इसी तरह वास्तविक इतिहासिक सच्चाई को बताने लगे तो निश्चित रुप से हम भी जापान सिंगापुर की तरह विकसित हो जाएंगे।
चलो बुद्ध की ओर
चलो
Namo buddhaye ❤🙏
बहुत सुंदर, विवेकपूर्ण, तर्कपूर्ण, सटिक विश्लेषण व्याख्यान... सर...
कृपया ऐसे मौलिक व्याख्यान भेजते रहें...
धन्यवाद...🙏🏻
धन्यवाद मुकेश सर ईस सिरीज से हमे सच से अवगत कराणे ने के लिये
Bhagwan.budh.ki.niti.manusy.ke.liy.bahut.bahut.sunder.niti.sidhant.ha.manusy.me.ghenna.dagain.faside.ya.uch.nich.nahi.ha.bigan.se.jyada.june.ha.kis.tare.ke.baims.ya.ghenna.nahi.ha.desh.kI.unti.nischia.ha.
Thank.you.sir.
तो अब बात करते है कि फिर बौद्ध धर्म कब अस्तित्व में आया ,
"भगवान बुद्ध के परिनिर्वाण के 150 वर्षों बाद उनके ब्राह्मण अनुवाइयो ने बुद्ध के संदेशों को धर्म के रूप में परिभाषित कर एक अलग धर्म और व्यवस्था की नींव डालने का प्रयास किया "
आधुनिक बौद्ध धर्म असली ब्राह्मण धर्म इस लिए भी है , की इसमें सबसे अधिक किसी बात की चर्चा है तो , ब्राह्मण की ।
ब्राह्मण क्या ,और कैसे पर ही पूरा बौद्ध धर्म टिका है ? गंभीरता से अध्ययन करे तो ब्राह्मण ग्रथ है बौद्ध साहित्य ।
वर्तमान में नवबौद्ध जो बिना बूद्ध को जाने ही बुद्ध नाम का सर्टिफिकेट धारण किये है अगर इनकी दलील सुने तो बिलकुल अलग नजारा है। यह हर सभा मीटिंग में चीख चीख कर कहते है कि बौद्ध धर्म ब्राह्मण विरोधी धर्म है और ब्राह्मणों के खिलाफ बुद्ध ने बौद्ध धर्म बनाया था। यह बिलकुल ही बचकानी बात है जो वास्तविकता से मेल नही खाती क्यों की बौद्ध ग्रन्थो का अध्ययन करे तो ब्राह्मण क्या और कैसा हो यही सबसे प्रमुख विषय है उसका । और अगर मान लिया जाये की बुद्ध का धर्म ब्राह्मणों के खिलाफ था तो इस धर्म को हवा पानी किसने दिया , इस धर्म के बारे में हम आज जितना भी जान पा रहे है उस जानकारी का स्रोत किस्से प्राप्त हुवा। बौद्ध ग्रथों की रचना किसने की जिससे हम बुद्ध को जान पाये और समझ पाये।
सवाल यह भी तो बनता है कि इस बौद्ध धर्म के संवर्धक कौन थे?
आप अध्ययन करे तो पायेंगे की गौतम बुद्ध के प्रथम 5 शिष्य में 4 ब्राह्मण , बुद्ध के प्रिय शिष्य अग्निहोत्र ब्राह्मण , प्रथम द्वितीय तृतीय बौद्ध संगतियों के आयोजक ब्राह्मण , बौद्ध विहारों के लिए सर्वाधिक भूमि दान करने वाले ब्राह्मण , बुद्ध से पूर्व 27 बौद्धों में 7 ब्राह्मण, सभी बौद्ध साहित्यों के रचनाकार ब्राह्मण , बौद्ध धम्म के सभी सम्प्रदायो यथा महायान हीनयान और बजरायन के सूत्रधार भी ब्राह्मण ,, तो क्या समझे आधुनिक बौद्ध धर्म की नींव ही टिकी है ब्राह्मण पर अगर इस धर्म से ब्राह्मणों के योगदान को निकाल कर फेंक दे , बौद्ध धर्म में कुछ भी नही बचेगा क्यों की यह धर्म ही ब्राह्मणों का बनाया हुवा है।
यहा देखिये
Buddhists born to Brahmin families
There have been various notable Buddhists born to Brahmin families. Some like Sariputra and Maudgalyayana were the Buddha's disciples, while some like Bodhidharma were missionaries spreading Buddhism beyond India. Others like Asvaghosa were poets; others like Chandragomin were grammarians. Both Sramanas and Brahmanas (whether Sramana or not) are important in terms of spirituality.
महायान(नार्गाजुन, अश्वघोष)
थेरबाड (बुद्धघोष)
वज्रयान(पद्मसंभव)
तिब्बत बौद्ध(पद्मसंभव )
चीना बौद्ध(कुमारजीव )
जेन बौद्ध(बुद्धिधर्मा)
कुंग फु(कुमारजीव)
वे ऑफ बुद्धिस्त्व(शांतिदेव)
बुद्धचरित (अश्वघोष Asvaghosa )
हरिता धम्मसुत्रा (हरित)
शून्यता अवधारणा (नार्गाजुन)
सेकेँड बुद्धा (बसुबंधु)
यमनतका तंत्र (कनका)
वज्रयान-दवान्ताऊ-विकास्ना (ज्नानश्रीमित्रा )
यह सभी ब्राह्मण ही थे , और बौद्ध दर्शन के उत्थान में जितना इनका योगदान है उतना किसी का नही , अगर कहे की बौद्ध धर्म का कॉन्सेप्ट इनका ही था तो यह अतिश्योक्ति नही होगी । क्यों की अगर इन ब्राह्मणों और इनके योगदान को बौद्ध दर्शन से अलग करते है तो इस दर्शन में कुछ भी नही बचता क्यों की तब न बुद्ध समझ में आयेंगे न उनका दर्शन।
बहुत महत्वपूर्ण जानकारी मुकेश जी बौद्ध धर्म मानवतावादी धर्म है, जो असली धर्म है, जिसे धर्म कहा जा सकता है, वैदिक धर्म धारण योग्य नहीं है, बौद्ध धर्म को पुनर्स्थापित किया जाना चाहिए, धन्यवाद🙏
अनीश्वरवाद धर्म कैसे हुआ! आत्मा की मान्यता नहीं फिर पुनर्जन्म को कैसे मान्यता दे रहे बुद्ध??
Aap logon ko dhanybad sahi jankari ke liye
जय चक्रवर्ती सम्राट अशोक महान 🇮🇳🙏
बुद्धं शरणं गच्छामि 💐🙏
अैकंर महोदय आप को और
पुनयानी सर को
1000- बार सैलूट सच्ची और इतिहासक बात बताने के लिए आप का बहुत बहुत धनयवाद
as a history student what he saying.. It's just propaganda... as a history student I talk with historians.. And story is different... See our real history actually bended by propaganda.. That why still in India hav religious conflicts.. I think there were some sites were discovered there were jain, buddhist, and Hindu temples together... And they co exist together. The demolition talking about not Hindu destroying budda temple.. It's a rival king who destroying temples... Like I attack a place and destroying everything... If you started believe this leftist Twisted propaganda I think you will never taste real truth.
बहुत बहुतधन्यवाद मुकेश जी और पुनियानी जी ऐसे👌👌👌👌👌👌👌👌 ज्वलंत विषय पर चर्चा करने के लिए। 🌹🌹🌹🌹 🌹🌹🌹🌹🌹 कृपया इस देश का नाम भारत है हिंदुस्तान न बोले🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
बिलकुल सही बात कही आपने ये भारत है हिन्दुस्तान नहीं जय भीम जय भारत।
Puniyani ji ek sach aur ache jankar
Etihaskar hai
Lekin ye sab logon tak der se pahuche
आप जीसे भारत कह रहे है वह आज अफगानिस्तान का हिस्सा है आज जो भरात है वह 15 /8/1947 को बना । हां मौर्य काल मे वह मगध सामराज्य था हिन्दुस्तान नही जो बहुत विशाल था । हिनदुस्तान का जनम 11वीं शताब्दी मे दिल्ली मे हुआ और 17वीं मे पुरण हुआ फिर INDIA का जनम हुआ और वह 19वीं मे विस्तार हुआ फिर भी मगध से छोटा था फिर 20 वीं मे चार टुकरों मे बट गया ।
अफगाणिस्तानसे बोध्दोंको और इराणसे पारशीओंको किसणे खत्म कीया इसकाभी जवाब चाहिए हमे।
Desh.ka.name.hbarat.ha.desh.ke.sahbi.nagrik.Hbaratiy.ha.
Thank you so much for this information 🙏🙏🙏🙏
गजब स्टेटमेंट "मध्यकाल में शांति और मेलजोल के कारण सिख धर्म का उदय हुआ"
स्वघोषित इतिहासकार
गुरुनानकजिका जन्म 15 एप्रिल,1469 मे हुवा।और हिंदू शब्द का प्रचार और प्रसार 1918 के बाद हुवा जब साऊथ बिरो कमिशन भारत आया। खुद दयानंद सरस्वती ने कहा है हिंदू मुगलोने हमे दि हूवी गाली है हिंदू का मतलब गुलाम। इसलीये हम इसका विरोध करते है। और इसलीये 10 एप्रिल 1875 को आर्य समाज की स्थापना की।हिंदू धर्म एक मजाक बन गया है।बाल हनुमान सूरज को निगल गया।ब्रम्हा के मुखसे ब्राम्हण पैदा हुवा।क्षत्रीय बहोसे,वैस्य कमरसे,शुद्र पैर से।इंसान ने पागल होणा लेकिन ब्राम्हण से कम होणा।
Tbhi Sikh guru ke baccho ko diwar me chunwa diye Prem me 😂😂😂 ahm brmshim....
ऐतिहासिक जानकारी देने के लिए धन्यवाद। राम पुनियानी सर आपके विचार मुझे बहोत अच्छे लगते हैं।
Brahmin.aur bodho ka takrav hua dokhe sa Breadrat ka senapati puspmitery sung na dikhe sa Raja ka vadh kiya aur bodho ka katleaam kiya bodh ka shir head ko lane per 100 dinar inam bad ma kha gya ki vakya ma bodh ka katal kiya to bodh ka head ko Kil loha ka road per marna jaruri kiya gola patak kar marna ya partha tabhi sa ha
बिल्कुल ग़लत जानकारी दी गयी है।
जिस अखंड भारत की कल्पना आचार्य चाणक्य ने की थी, उनकी मृत्यु के बाद वह परिकल्पना धुॅंधली होने लगी। मौर्य वंश के शासक वैदिक धर्म के प्रति उदासीन होने लगे। चन्द्रगुप्त मौर्य, जैन धर्म का अनुयायी हो गया था। चन्द्रगुप्त के पुत्र बिन्दुसार ने स्वयं आजीविक सम्प्रदाय से अपनी दीक्षा ली। इसके बाद बिन्दुसार का पुत्र अशोक राजगद्दी पर विराजमान हुआ। भयंकर हिंसा करके अपने साम्राज्य का विस्तार करने वाला सम्राट अशोक अहिंसक हो गया। उसने बौद्ध धर्म की दीक्षा ली। इसके बाद अशोक का पूरा जीवनकाल बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार में व्यतीत हुआ।
जब पूरा विश्व सीमा विस्तार के संकट से जूझ रहा था तब अशोक की अहिंसा ने भारतवर्ष की वीरता पर गहरा आघात किया। अशोक ने 20 वर्षों तक एक बौद्ध सम्राट के रूप में शासन किया। इसी कारण पूरे भारतवर्ष का शासनतंत्र निर्बलता की भेंट चढ़ गया।
मौर्य वंश के शासकों का दूसरे पंथों की ओर झुकाव गलत नहीं था। यह उनका निजी विषय था, किन्तु शासनतंत्र की सहायता से भारतवर्ष के सनातन धर्म को क्षीण करने का कार्य करना गलत था। भारतवर्ष के वैदिक अस्तित्व पर बौद्ध पंथ की शिक्षाओं को थोपना गलत था। भारतवर्ष अहिंसा की चपेट में आता जा रहा था। भारतीय सनातन धर्म से विरक्ति की यह प्रक्रिया मौर्य वंश के अंतिम शासक बृहद्रथ तक चलती रही।
बाणभट्ट द्वारा रचित हर्षचरित में भी बृहद्रथ प्रतिज्ञादुर्बल कहा गया है क्योंकि राजगद्दी पर बैठते समय एक राजा अपने साम्राज्य की सुरक्षा का जो वचन देता है उसे पूरा करने में बृहद्रथ पूर्णतः असफल रहा।
मौर्य साम्राज्य निरंतर दुर्बल होता जा रहा था और बृहद्रथ के शासनकाल में यह दुर्बलता अपने चरम पर पहुँच चुकी थी। अधिकांश मगध साम्राज्य बौद्ध अनुयायी हो चुका था।
इन सब के बीच यह खबर आई कि ग्रीक शासक भारतवर्ष पर आक्रमण करने की योजना बना रहे हैं। पुष्यमित्र शुंग जो कि बृहद्रथ का सेनानायक था, इस बात से व्यथित था कि एक ओर शत्रु आक्रमण के लिए आगे बढ़ा चला आ रहा है और दूसरी ओर उसका सम्राट किसी भी प्रकार की कोई सक्रियता नहीं दिखा रहा है।
पुष्यमित्र ने अपने स्तर पर प्रयास प्रारम्भ किया। उसे अपने गुप्तचरों से शीघ्र ही यह सूचना मिली कि ग्रीक सैनिक बौद्ध भिक्षुओं के वेश में मठों में छुपे हुए हैं और कुछ बौद्ध धर्मगुरु भी उनका सहयोग कर रहे हैं। इस सूचना से व्यथित होकर पुष्यमित्र ने बौद्ध मठों की तलाशी लेने की अनुमति माँगी, किन्तु बृहद्रथ इसके लिए तैयार नहीं हुआ।
फिर भी पुष्यमित्र ने अपने स्तर पर कार्यवाही की। इस कार्यवाही के दौरान पुष्यमित्र और उसके सैनिकों की मुठभेड़ मठों में छिपे शत्रुओं के सैनिकों से हुई। कई शत्रु सैनिक मृत्यु के घाट उतार दिए गए। बृहद्रथ, पुष्यमित्र की इस कार्यवाही से रुष्ट हो गया। वह पुष्यमित्र से भिड़ गया।
एक ओर शत्रु भारत विजय का कुस्वप्न लिए बढ़ रहा था और यहाँ भारतवर्ष का सम्राट अपनी सीमाओं की सुरक्षा में लगे सेनानायक से संघर्ष में लगा हुआ है। अंततः सम्राट और सेनानायक के संघर्ष में सम्राट मृत्यु को प्राप्त होता है। सेना पुष्यमित्र के प्रति अनुरक्त थी। पुष्यमित्र शुंग को राजा घोषित कर दिया गया।
Aap Ka Bahot Bahot Shukriya
Jo Aap Ne Bodh - Hindu Aur Muslim - Hindu ke Bich Me Jo purane Sambandh the uske baare me bataya
Thank you!!
Thanks for sharing this video as well sir
Dr Ram Puniyani द्वारा ऐतिहासिक संदर्भों का विश्लेषण काबिले तारीफ है जो बड़ी निष्पक्षता से स्थितियों को रखते हैं, बधाई के पात्र हैं
बौधों की लडाई,बौधिक/वैचारिक लडाई थी जो अनततह समाज के विकास में ही सहयोगी थी।पुष्यमित्र की लडाई खूनी संघर्ष था।
Thank.you.
शुंग आयेगा
बहुत अच्छा
Pushmitra k bccho ne aage jaake rss and bajrang dal bna li
@@lalupursingh7472 kha ayega sungh ? Haa re jodha k bhatije
Nice information
Sir i wanna kbow some thing.. If mahaveer swami was 24 thethankar..than how he started jain.. It must bhi first thethankar who started it.. Please be clarify this
यह चैनल के संवाददाता को कोटी कोटी काल आरान्तोना सेवा सेवा जोहार।
जय गोंडवाना गणतंत्र प्रजातंत्र गणराष्ट्र कि सत्ता शासन व्यवस्था को संवर्द्धन करना अनिवार्य है।
आप जैसे व्यक्तियों की बहुत जरूरत है इस समाज को एकात्मकता एकरूपता देने के लिए इस समाज को,, सत्य कहा आपने धन्यवाद।।
त्रिलोक पाठक जी ए! राम पुनियानी और ए! प्रश्नकरने वाले एदोनो भारत का केन्द्रीय मुल्य मान्यता ओको विरोध कररहै यिनको आपने कैसे समर्थ कर रहै है कृपया उत्तर देदिजिए! मेरेख्यालसे ए!दोनो व्यक्ती किसि पश्चिमी दुनिया मतलब युरोप अमेरिकि ओका एजेण्ट लगते है। यिनहोने मुसलमान नो ने भारतमे कुछ नही किया उससमयमे सारे युवाओको भड्काके बौद्ध भुक्षुबनाए ।यहनही रोकाजाता तो भारत दोहजार साल पहले साराकासारा भारत वर्ष गुलाम नही हो जाता आज स्वतन्त्र भारतमे भारतीप्राचीन सभ्यताको विरोधकरने वाले लोग क्या सचमुछ एक असल नागरिक है? एपोरेके पूरे मेरे ख्यालमे एजेन्ट है भारतीसमाज को भ्रम सिर्जना कर रहे हैं।
Ese log honge to logo k beech dwash hi badhega. Ku ek community k khilaaf zehar ugal rahe ho
अपनी मैया के लिए,?
ओ,बाप रे,एक साथ दो..?
बेचारी मैया,कितना बेशरम, बेरहम बेटा पैदावार..?
very nice information
Pushyamitra Sunga restored SANATAN DHARMA to its rightful place!! Without him, there would have been no worship of Rama, Krishna, Shiva, Lalitha, etc.
बौद्ध धर्म ,मानवीय स्वंतत्रता, सामाजिक समानता, जनवेदना पर संवेदनशीलता का प्रतीक है।
Chagez Khan Budhism ka follower tha aur poori dunia mein jo usne budh dharam ke nam par jo katle aam kiya hai sharm ko bhi sharm aati hai.
@@bittooaman4320 changez khan Buddhist nhi tha....wo Tengrism religion ko follow karta tha
@@bittooaman4320 andh-bhagat bas WhatsApp wala andha prachar karta rahegaa
@@bittooaman4320 चुप रहने से बेवकूफी छुप जाती है
Reservation abolished karne ke liye andolan kab karoge aise Maan nahi milta karam to karna padega aur tyagi bhi banana padega tabhi humare saath baith paoge
Never knew that Buddhism was destroyed by a Brahman ruler.
History is really very deep. Really got to learn new things.
আঋঋম
Don't get mislead
@@bhairavichaudhary6274
Please share some gyan you have so that i dont get mislead.
@@zed_plus Don't be lazy. If you are really sincere pick up the books and do the reading. You might get to start with the wrong books but keep on reading and sooner or later you will also get to the right ones. Don't think anyone can give you GYAAN in a youtube comment. I hope you are not such an idiot to assume such q thing.
Fake stories by commie mindset people to divide the people
Salut sir àap dono k madhaim se history ko deeply janne ka moka mila thx 🙏🙏🙏🙏🙏
बहुत बहुत धन्यबाद सर 🙏 बुद्ध धम्म का नष्ट कैसे हुवा साे जनकार देने के लिऐ 🌷शाधु शाधु शाधु 🌷
ये एक पहलू है पुष्यमित्र शृंग के जीवन और कालखंड पर। मैने एक श्री राजीव पटेल लिखित " वैदिक युग का घालमेल" पुस्तक पढ़ी उसमे कुछ बिंदु इसके विपरित प्रमाण बताते हैं।
१ ऊनके अभिलेख पर न ब्राह्मण या संस्कृत का प्रमाण नहीं।
२. उनके समय दक्षिण में सतवहन राजा का साम्राज्य था जो बुद्ध धम्म के अनुयाई थे।
३ पुष्यमित्र ने चीनी साहित्य के अनुसार सारनाथ स्तूप की मरम्मत करवाई थी।
४. शृंग के बाद सभी शासक जैसे मिलिंद (रोमन मूल) शक, कुषाण, पहलव, गुप्त, हश्वर्धन पाल सभी बुद्ध धम्म के अनुयाई थे। इनके अभिलेख पर या पुरातत्व नमूनों से कोई भी संस्कृत या महाविद्यालय का सबूत नहीं।
पाल वंश के समय धीरे धीरे वैदिक और वर्ण विभक्ति की शुरुवात हुई।
मैं कोई एक्सपर्ट नही। 😃सिर्फ जो पढ़ा वो बताया 🙏
बहुत ही सुंदर वर्णन किया सर आपने बहुत-बहुत धन्यवाद सच्चाई को उजागर करने
डा साहब आपने बहुत अच्छी तरह से इतिहास को समझाया ,🌹
Best episode, demonstrating Horrors faced by Buddhist.
Shame to S.ungh
बहुत-बहुत धन्यवाद सर इतनी महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए लेकिन हमारे समाज को इस अच्छे रास्ते पर लाने के लिए और बहुत सारी सच्चाई यों का सामना करना पड़ेगा
One of the best channels, and the journalist is real journalist! We are proud of Dr Mukesh Kumar ji.
ਸਿੰਗੋਲ ਰਾਜ਼ ਦੰਡ ਦੇ ਬਾਰੇ ਦੱਸਣ ਦੀ ਕ੍ਰਿਪਾਲਤਾ ਕਰਨੀ ਜੀ। ਬਹੁਤ ਹੀ ਵਧੀਆ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦੇਣ ਲਈ।। 🙏
Mehetwepurn jankari
अच्छी जानकारी युक्त चर्चा 👍🙏
Lakho.thank.you.
अफगाणिस्तानसे बोध्दोंको और इराणसे पारशीओंको किसणे खत्म कीया इसमेही जवाब छुपा हे।
तो अब बात करते है कि फिर बौद्ध धर्म कब अस्तित्व में आया ,
"भगवान बुद्ध के परिनिर्वाण के 150 वर्षों बाद उनके ब्राह्मण अनुवाइयो ने बुद्ध के संदेशों को धर्म के रूप में परिभाषित कर एक अलग धर्म और व्यवस्था की नींव डालने का प्रयास किया "
आधुनिक बौद्ध धर्म असली ब्राह्मण धर्म इस लिए भी है , की इसमें सबसे अधिक किसी बात की चर्चा है तो , ब्राह्मण की ।
ब्राह्मण क्या ,और कैसे पर ही पूरा बौद्ध धर्म टिका है ? गंभीरता से अध्ययन करे तो ब्राह्मण ग्रथ है बौद्ध साहित्य ।
वर्तमान में नवबौद्ध जो बिना बूद्ध को जाने ही बुद्ध नाम का सर्टिफिकेट धारण किये है अगर इनकी दलील सुने तो बिलकुल अलग नजारा है। यह हर सभा मीटिंग में चीख चीख कर कहते है कि बौद्ध धर्म ब्राह्मण विरोधी धर्म है और ब्राह्मणों के खिलाफ बुद्ध ने बौद्ध धर्म बनाया था। यह बिलकुल ही बचकानी बात है जो वास्तविकता से मेल नही खाती क्यों की बौद्ध ग्रन्थो का अध्ययन करे तो ब्राह्मण क्या और कैसा हो यही सबसे प्रमुख विषय है उसका । और अगर मान लिया जाये की बुद्ध का धर्म ब्राह्मणों के खिलाफ था तो इस धर्म को हवा पानी किसने दिया , इस धर्म के बारे में हम आज जितना भी जान पा रहे है उस जानकारी का स्रोत किस्से प्राप्त हुवा। बौद्ध ग्रथों की रचना किसने की जिससे हम बुद्ध को जान पाये और समझ पाये।
सवाल यह भी तो बनता है कि इस बौद्ध धर्म के संवर्धक कौन थे?
आप अध्ययन करे तो पायेंगे की गौतम बुद्ध के प्रथम 5 शिष्य में 4 ब्राह्मण , बुद्ध के प्रिय शिष्य अग्निहोत्र ब्राह्मण , प्रथम द्वितीय तृतीय बौद्ध संगतियों के आयोजक ब्राह्मण , बौद्ध विहारों के लिए सर्वाधिक भूमि दान करने वाले ब्राह्मण , बुद्ध से पूर्व 27 बौद्धों में 7 ब्राह्मण, सभी बौद्ध साहित्यों के रचनाकार ब्राह्मण , बौद्ध धम्म के सभी सम्प्रदायो यथा महायान हीनयान और बजरायन के सूत्रधार भी ब्राह्मण ,, तो क्या समझे आधुनिक बौद्ध धर्म की नींव ही टिकी है ब्राह्मण पर अगर इस धर्म से ब्राह्मणों के योगदान को निकाल कर फेंक दे , बौद्ध धर्म में कुछ भी नही बचेगा क्यों की यह धर्म ही ब्राह्मणों का बनाया हुवा है।
यहा देखिये
Buddhists born to Brahmin families
There have been various notable Buddhists born to Brahmin families. Some like Sariputra and Maudgalyayana were the Buddha's disciples, while some like Bodhidharma were missionaries spreading Buddhism beyond India. Others like Asvaghosa were poets; others like Chandragomin were grammarians. Both Sramanas and Brahmanas (whether Sramana or not) are important in terms of spirituality.
महायान(नार्गाजुन, अश्वघोष)
थेरबाड (बुद्धघोष)
वज्रयान(पद्मसंभव)
तिब्बत बौद्ध(पद्मसंभव )
चीना बौद्ध(कुमारजीव )
जेन बौद्ध(बुद्धिधर्मा)
कुंग फु(कुमारजीव)
वे ऑफ बुद्धिस्त्व(शांतिदेव)
बुद्धचरित (अश्वघोष Asvaghosa )
हरिता धम्मसुत्रा (हरित)
शून्यता अवधारणा (नार्गाजुन)
सेकेँड बुद्धा (बसुबंधु)
यमनतका तंत्र (कनका)
वज्रयान-दवान्ताऊ-विकास्ना (ज्नानश्रीमित्रा )
यह सभी ब्राह्मण ही थे , और बौद्ध दर्शन के उत्थान में जितना इनका योगदान है उतना किसी का नही , अगर कहे की बौद्ध धर्म का कॉन्सेप्ट इनका ही था तो यह अतिश्योक्ति नही होगी । क्यों की अगर इन ब्राह्मणों और इनके योगदान को बौद्ध दर्शन से अलग करते है तो इस दर्शन में कुछ भी नही बचता क्यों की तब न बुद्ध समझ में आयेंगे न उनका दर्शन।
@@RajeevRanjan-uk6bx videshi 😂😂😂 Gaumutra sevi 😂😂😂
बहुत ही विचारोउत्तेजक परिचर्चा
सत्य का सामना
जनता को किसानों को व्यापारियों को लूटा जाता रहा। चौथ लगान इस्लाम से पहले से ही था।
History Repeats❤ आज फिर यही हो रहा है🙏🌹
Great knowledge 😊
औरंगजेब कि तीन बीवियों में से दो बिवियों ब्राम्हण थी
Ramesh Patil Bilkul Sahi Baat He
This man communist always propagate propoganda for hindus
'Mughalonke' aur baki sabhi 'Muslim Rajyonke Badshahonke' pas jitane bhi 'Khan' nam ke 'Adhikari', 'Sardar' aur 'Sainik' the o sabhi 'Bramhanhi' the. Matlab aap bhi 'Bramhan' hi ho. Kyo sahi hai na?
Ramesh Patil - Isiliye 'Mughal Badshaha Aurangzeb' apni 'Mughaliya Saltanat' ka raj - kaj 'Manusmriti' ke anusar hi chalata tha aur 'Manusmriti' aur 'Shariya' me koi fark nahi hai. Isiliye 'Bramhanonko' manane wale sabse chhote 'Mughal Shahajade' 'Aurangzebko' usake bap ko jail me dalwaneki salah aur uske 3 bade bhaiyonki hatya karne ki salah 'Bramhanonehi' di thi bad me 'Aurangzeb' 'Mughal Saltanat' ka Badshaha banane ke bad 'Bramhanone' apni 2 betiya apni marjise 'Mughal Badshaha Aurangzeb' ke 'Janankhaneme' dal di. Yani 'Mughal Badshaha Aurangzeb' '16' vi sadi ka 'Bramhanvadi Pushyamitra Shung' tha. Isiliye hamari shaikshanik itihaske pathyapustakome jyada se jyada 'Mughalonka' itihas hi milta hai kyonki 'Mughal Saltanatke' 'Samant' asalme 'Bramhan' the kyonki 'Mughal Badshaha Aurangzeb' 'Bramhanonsehi' salah - Mashvara karta tha.
Kya iska koi beti ya बहन को किसी bramhan ya Rajput ka sath सादी कराइ।
Thanks dhanayvad sir for giving knowledge of Buddhism. I am Hindu MARATHA converted into sikh but secular M govt PENSIONER and FARMER by Occupation My 2children are well educated. Thanks dhanayvad sir
Boddhism ki ek kalp sikhi thi, guru nanak nalanda k paas se wahi sakha wapis lekar aaye the
I was* a Hindu Maratha kaho
This idiot doesn't know even abc of history. Rajputs destroyed successors of Ashoka and reestablished Sanatana Dharma.
That's so great. Can we connect? I wish to speak with you pls
Great explanation ❤ thanks to both of you ❤
App ka bahut bhanyabad is jankari ka
ਬਹੁਤ ਬਹੁਤ ਧੰਨਵਾਦ ਭਾਈ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਸੱਤਿਆ ਕੋ ਪਰਗਟ ਕਰਣ ਲਈ।। 🙏
उत्तम एवं सटीक विश्लेषण।
आपकी यह चर्चा भारतीय इतिहास पर हमें बहुत अच्छी लगी और इस तरह की जानकारी लेकर आपको आते रहना चाहिए जिसे दुनिया नहीं जानती।
Galat jankari de rhe hai dono pusyamitra brahman nahi tha
@@vishvlogs1325Brahamin gunde tumahari maa ki chudayi karke.tumahara murder kar de.ptrayek Brahamin ke Ghar ke one child and preganent child ko khatam kar dena chahiye.proof bata motherchod bhadwe
@@vishvlogs1325tere Brahamin logo se earth se khatam ho jana chahiye.preganet child and one child ko bhi finish kar dena chahiye
Thanks sir good information
एकदम सही कहा आपने न लोग इतिहास पड़ते हैं न ही इंग्लिश लिटरेचर पढ़ने की कोशिश करते है
इतिहास की सच्चाई अच्छाई को आज की
झूठी वाट्सएप युनिवर्सिटी युवाओं को झूठे मनगढ़ंत इतिहास में डालकर
देश व समाज में तुच्छ मानसिकता से ग्रस्त राजनीति से प्रेरित होकर अपने राज्य में
देश में नफ़रत फैलाने में मदद और समर्थन में गौरवशाली इतिहास को मिटाकर
भटकाने वाली बात है
विचारणीय है संवैधानिक अधिकार नेतिक सांस्कृतिक आर्थिक जिम्मेदारी बहाली को लेकर गंभीर नहीं है।
जनता दरबार को समझना समझाना होगा। आपके प्रयास सराहनीय है आभार अभिवादन करते हैं
प्रोफेसर पुनियानी ने काफी सरलता से इतिहास समजा दिया ...इनके शिबिर में हजारों विद्यार्थियों ने असली इतिहास समजा ....He is best👍
एक भी सबुत पेश नही किया.
बस किसी तरह Mughal aur British Invaders को justify karne ki, aur logo ko unka mansik gulam rakhna ki koshish
@@goo-lamokadoctor181 l
@@goo-lamokadoctor181 brahmino ne sc st obc k school jane pe pabandi thi ..,..angrej aye sbko school jane ka haqq mila....or mughal tumhari hi treh lootkhor or iss desh ko chusne wale the unse tumhe hamdardi hai.....hme nhi
Tumne bhaut shadiya ki hai mughlo se jb unka raaj tha
@@goo-lamokadoctor181 अबे जाहिल जाति-व्यवस्था का भी सबूत देना पड़ेगा क्या।
@@ashuak2836 जाती व्यवस्था एक सामाजिक कुनिती है.
ओर जो सभ्यता जितनी पुरानी उसमे उतनी ज्यादा कुनितिया होने की संभावना ज्यादा होती है.
इसका मतलब ये नही की आप अपनी भारतीय सभ्यता पे आक्रमण करने वालो के मानसिक गुलाम हो जाय.
वंशवाद ये जातीवाद का मूल होता है, जब Bollywood जैसा संगठन सिर्फ 75 मे वंशवादी हो गया , तो भारतीय सभ्यता जैसा हजारो साल पूरानी सभ्यता मे जातीवाद जैसी कूनिती आ ही सक्ती है... हमारा फोकस कुनित्यो को खतम करने पे होना चाहिए... हमारा फोकस बिमारी को खतम करने पे होना चाहिए, बिमार को खतम करने पे नही
पुष्यमित्र शुंग ने अंतिम मौर्य शासक वृहद्रथ की हत्य कर ,उनको पदस्थ कर 'शुंग' वंश की नींव रखी । बुद्ध धर्म जो मेजोरिटी में था भारतीय उपमहाद्वीप में उसके पतन की शुरुआत की थीं ।
Absolutely right.
This man communist totally propagate propoganda
Engineer Stalin, You are right. पुष्यमित्र शुंग की वजह से बुद्ध धर्म का ही पतन नही हुआ बल्कि भारत की सोने की चिडिया की छवि का भी ह्रास हो गया। तब से आजतक भारत उस स्तर तक नही पहुंच पाया। उल्टे आक्रांताओं ने आकर भारत को लूटा और हमें 1000 सालों तक गुलाम बनाया ।
अफगाणिस्तानसे बोध्दोंको और इराणसे पारशीओंको किसणे खत्म कीया इसकाभी जवाब चाहिए हमे।
Pushy Mitra k aulad (brahman) bharat chhodo
💗
उत्कृष्ट प्रस्तुति.. thanks..🌾🌾
Good information sir
बहुत मार्मिक चित्रण किया। धन्यवाद सर।
पुष्यमित्र ही तो राम है। जिसने यहां के अन्य छोटे छोटे राजा थे उन्हें भी राक्षस घोषित कर मार दिया गया ।उसे आज तक साल दर मारा या जलाया जाता है।
यह सच है कि महाभारत की तरह रामायण भी तीन संस्करणों से गुजर चुकी है। महाभारत में रामायण के दो प्रकार के उल्लेख मिलते हैं। एक मामले में संदर्भ लेखक के किसी उल्लेख के बिना रामायण का है। दूसरा संदर्भ वाल्मीकि की रामायण का है। लेकिन वर्तमान रामायण वाल्मीकि की रामायण नहीं है। श्री सी.वी. वैद्य की राय में: "कि वर्तमान रामायण, भले ही इसे खोज और सर्व-सम्मानित टिप्पणीकार कटक द्वारा अनुमोदित और अपनाया गया है, मूल रूप से वाल्मीकि द्वारा लिखी गई रामायण नहीं है, यहां तक कि सबसे रूढ़िवादी विचारक का भी निपटारा नहीं किया जाएगा। शक करने के लिए। जो कोई भी सरसरी तौर पर कविता पढ़ता है, वह विसंगतियों, संबंधों के विच्छेद, नए और पुराने विचारों के जुड़ाव से प्रभावित नहीं हो सकता है, जो वर्तमान रामायण में बहुत अधिक है, चाहे हम बंगाल का पाठ लें या बॉम्बे का पाठ। और कोई इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकता है कि वाल्मीकि की रामायण को बाद की किसी तारीख में काफी हद तक पुनर्निर्मित किया गया था। ” जैसा कि महाभारत के मामले में, रामायण की विषय-वस्तु में वृद्धि हुई है। मूल रूप से यह रावण द्वारा राम की पत्नी सीता के अपहरण पर राम और रावण के बीच युद्ध की कहानी थी। दूसरे संस्करण में यह एक उपदेश के साथ एक कहानी बन गई। विशुद्ध रूप से ऐतिहासिक कार्य से, यह सामाजिक, नैतिक और धार्मिक कर्तव्यों का एक सही कोड सिखाने के उद्देश्य से एक उपदेशात्मक कार्य भी बन गया। जब इसने तीसरे संस्करण का रूप धारण किया, तो यह फिर से, महाभारत की तरह, किंवदंतियों, ज्ञान, शिक्षा, दर्शन और अन्य कलाओं और विज्ञानों का भंडार बन गया। रामायण की रचना की तिथि के संबंध में, एक प्रस्ताव अच्छी तरह से स्थापित है कि राम का प्रसंग पांडवों के प्रकरण से भी पुराना है। लेकिन यह कि रामायण की रचना महाभारत की रचना के साथ-साथ पेरिपासु पर चली गई है। रामायण के कुछ अंश महाभारत से भी पहले के हो सकते हैं। लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि रामायण का एक बड़ा हिस्सा महाभारत के एक बड़े हिस्से की रचना के बाद ही रचा गया था।यह सच है कि महाभारत की तरह रामायण भी तीन संस्करणों से गुजर चुकी है। महाभारत में रामायण के दो प्रकार के उल्लेख मिलते हैं। एक मामले में संदर्भ लेखक के किसी उल्लेख के बिना रामायण का है। दूसरा संदर्भ वाल्मीकि की रामायण का है। लेकिन वर्तमान रामायण वाल्मीकि की रामायण नहीं है। श्री सी.वी. वैद्य की राय में: "कि वर्तमान रामायण, भले ही इसे खोज और सर्व-सम्मानित टिप्पणीकार कटक द्वारा अनुमोदित और अपनाया गया है, मूल रूप से वाल्मीकि द्वारा लिखी गई रामायण नहीं है, यहां तक कि सबसे रूढ़िवादी विचारक का भी निपटारा नहीं किया जाएगा। शक करने के लिए। जो कोई भी सरसरी तौर पर कविता पढ़ता है, वह विसंगतियों, संबंधों के विच्छेद, नए और पुराने विचारों के जुड़ाव से प्रभावित नहीं हो सकता है, जो वर्तमान रामायण में बहुत अधिक है, चाहे हम बंगाल का पाठ लें या बॉम्बे का पाठ। और कोई इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकता है कि वाल्मीकि की रामायण को बाद की किसी तारीख में काफी हद तक पुनर्निर्मित किया गया था। ” जैसा कि महाभारत के मामले में, रामायण की विषय-वस्तु में वृद्धि हुई है। मूल रूप से यह रावण द्वारा राम की पत्नी सीता के अपहरण पर राम और रावण के बीच युद्ध की कहानी थी। दूसरे संस्करण में यह एक उपदेश के साथ एक कहानी बन गई। विशुद्ध रूप से ऐतिहासिक कार्य से, यह सामाजिक, नैतिक और धार्मिक कर्तव्यों का एक सही कोड सिखाने के उद्देश्य से एक उपदेशात्मक कार्य भी बन गया। जब इसने तीसरे संस्करण का रूप धारण किया, तो यह फिर से, महाभारत की तरह, किंवदंतियों, ज्ञान, शिक्षा, दर्शन और अन्य कलाओं और विज्ञानों का भंडार बन गया। रामायण की रचना की तिथि के संबंध में, एक प्रस्ताव अच्छी तरह से स्थापित है कि राम का प्रसंग पांडवों के प्रकरण से भी पुराना है। लेकिन यह कि रामायण की रचना महाभारत की रचना के साथ-साथ पेरिपासु पर चली गई है। रामायण के कुछ अंश महाभारत से भी पहले के हो सकते हैं। लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि रामायण का एक बड़ा हिस्सा महाभारत के एक बड़े हिस्से की रचना के बाद ही रचा गया था।
डॉ. बाबासाहब आंबेडकर
Vol 03 p.252
आप किस राक्षस के पुत्र हो राम मौर्य जी ?😁
@@ajaybhate6685 Don't resort to Ad hominem.
@@ajaybhate6685 Don't resort to personal attacks.
@@Yajna007 then think 10 times before criticizing Gods.
Very very deep information reality truth one
बहुत ही अच्छा विश्लेषण किया गया है भाई मुकेश जी। भाई जी यहां के मूलनिवासी किस धर्म व मतों को मानने वाले लोग थे। बाबा साहब ने अपनी पुस्तक शूद्र कौन में लिखा है कि शिव जी शूद्रों के आदि देवता थे। जो यहां केआदिवासी जंगलों में रहते थे उनकी धार्मिक मान्यताएं कैसी थीं।
सत्य ने ,, सत्य ,, से अवगत कराया।
एतिहासिक मूल्यों को बहुत सरलता से समझाया, इसके लिए ,,सत्य,, को धन्यवाद।