ज्या राजकीय लोकांनी वीज वितरण कंपनीचे वाटोळे केले त्या ना उचला.आहे का हिम्मत ह्या आमदारांची. अडाणी चा कोळसा किती रक्कम ने विकत घेता हे या आमदारांनी मोदींना विचारावे.
श्री. मंगेश चव्हाण आमदार यांचा मतदारसंघ मध्ये रस्ता किती खराब आहे ते पाहा चव्हाण साहेब, आपल्या ला सुध्या चपला चा हार टाकला पाहिजे भेड हल्लीचे जाहीर निषेध
लोक जाणून बुजून भरत नाहीत, नंतर ते इतके साठत की लय वाट्त परत भरायला, सरकारी अधिकारी दया दाखवतात म्हणून इतक्या वेळ pending ठेवतात, अडाणी किंवा टाटा कडे उद्या ह्या वीजवितरण कंपन्या असत्या तर 45 दिवसात वीज disconnect केली असती
तो काय त्याच्या घरचे पैसे घेत नाही सरकारी कंपनीचे आहेत वरुण (मंत्रालयातून) जोपर्यंत तशी पॉलिसी येत नाही तोपर्यंत काही नाही करू शकत executive Level चा अधिकारी पण....
वहा ...क्या बात हैं ....मस्तच यार अभिमान वाटतो यार माझ्याच मराठी माणसाचा ...🙏 वहा रे सरकार .....आदेशाचे पालन करणाऱ्या एका अधिकाऱ्याला अशी वागणूक त्याच्या परिवारावर , त्याचा मुलांवर काय परिणाम होईल ह्याचा कधी विचार केला का ... मान्य आहे कोरोनाच्या ह्या भयाण काळात शेतकरी खुपच त्रासलेला आहे ...सरकार तुम्ही ही बिले माफ ही करू शकता ,नाही जमल्यास कमीही ...करू शकता... पण एक अधिकारी तो विद्युत विभागाचा असो , किंवा माझा एखादा पोलीस अधिकारी तो ज्यावेळी तुमच्या समोरच वाकतो तेव्हा एवढं वाईट वाटतं की माझा IPS , I AS अधिकारी एवढं शिकण घेऊन ही कुठे तरी मजबूर पडतो ... कधी तरी I A S , I P S ची अभ्यासक्रमाची पुस्तके उघडून बघाला तेव्हा कळेल किती मेहनत , कष्ट करून हे अधिकारी झालेले असतात .... 🙏 जय हिंद 🙏
Comments जमाने थे मुख़्तार की तूती बोलती थी UP में. मैं तो लखनऊ में रहता था, जो मुख़्तार का इलाक़ा नहीं है, फ़िर भी हर प्रॉपर्टी डिस्प्यूट में / हर ठेके में मुख़्तार का कोई ना कोई आदमी ज़रूर होता था. हाई वे पर चलते हुवे यदि 786 नम्बर प्लेट वाली गाड़ी का जुलूस जा रहा है तो मालूम होता था किनारे हट जाना है. एक चीफ़ इंजीनियर साहब नहीं हटे थे तो उन्हें गाड़ी से उतार अपनी गाड़ी में डाल लिया था भाई ने. भाई का उन दिनो पवित्र महीना चल रहा था तो मारा नहीं था बस टाँगे तोड़ कर ही छोड़ दिया था. लखनाऊ RTO में किसी भी सीरीज़ में 786 नम्बर आए जाता भाई या उनके आदमियों को ही था. यहाँ भाई नहीं भाई के नाम का राज चलता था. शहर के एक बहुत बड़े बिल्डर से बात हो रही थी, वह अपना भौकाल बता रहे थे कि वह इतने पावर फ़ुल हैं कि मुख़्तार ने उनका नम्बर अपने मोबाइल पर सेव कर रखा है. मुख़्तार के नाम को जानना मात्र ही आपको एक डेढ़ करोड़ का ठेकेदार बना देता था. और आज... फ़ेस बुक पर बोली लग रही है कि मुख़्तार को पंजाब से UP लाने वाली गाड़ी पलटेगी या नहीं. लोग चार चार आने की शर्त लगा रहे हैं, इतनी मात्र वैल्यू रह गई. मुख़्तार जिसके नाम का असर पूरे प्रदेश में बड़ों बड़ों को कंपकंपी ला देता था, आज डर से पसीना पसीना है, चल नहीं पा रहा है, व्हील चेयर पर है, पैंर पर खड़े होगा तो गिर जाएगा. तय बात है पैंट चेक की जाए तो शायद गीली ही मिले. बीते पाँच वर्षों में UP में यह बदलाव आया है. बाक़ी जो है सो है ही.
@@swapnilbhuwad136 swapanil hya m s e b w palikene aani water supailers mahapalikene tasech nagarasewakanni zopadpattyanna wisatar karayala sath diliy hya asalya adhikaryanna mumbai madhe yeun zopadpattyanchi electricity canections todayala sang bagh kay hoil bichyarya shetkaryanchi electric power canections ka todatat ?
आमदार साहेब अभ्यास करून येत जा शेतकरी मजूर कष्टकरी कामगार दलितांचे अत्याचार यांबाबत विधानसभा गाजवा प्रशासनावर दबाव आणून टुकार प्रदर्शन. करुन स्व:ताची घालवु नका सरकारी कार्यालयात गुंडगिरी म्ह्णुन संबंधितांवर पोलिसांनी कारवाई करावी
आमदार साहेबांनी बरोबर केले आहे .शेतकऱ्यांची बाजू मांडली आहे . काय डान्सबारचा मॅनेजर ला पकडले नाही चुकीची व्यक्तवे करायची नाही काय सत्य तुम्हाला माहीत असतं का .आज शेतकरी कुठल्या परिस्थितीत जगतोय ते बघा
त्या कर्मचार्याला खुर्चीला बांधाल,त्याला माराल,त्याची धिंड काढाल बांधवानो त्याच्या ऐवजी उर्जामंत्र्यांना बांधा,त्यांची धिंड काढा आहे का हिम्मत,गरीब बकर्याचा बळी देतात वाघाचा दिला जात नाही.
पब्लिसिटी सरळ ऊर्जा मंत्रीना असा तमाशा केला तर उत्तर मिळेल .. नोकरांच्या हातात काय आहे आदेशानुसार पालन करणारे नोकर वर्ग मोठेपणा मोठ्यानं पकडून करा लाईव्ह
Comments जमाने थे मुख़्तार की तूती बोलती थी UP में. मैं तो लखनऊ में रहता था, जो मुख़्तार का इलाक़ा नहीं है, फ़िर भी हर प्रॉपर्टी डिस्प्यूट में / हर ठेके में मुख़्तार का कोई ना कोई आदमी ज़रूर होता था. हाई वे पर चलते हुवे यदि 786 नम्बर प्लेट वाली गाड़ी का जुलूस जा रहा है तो मालूम होता था किनारे हट जाना है. एक चीफ़ इंजीनियर साहब नहीं हटे थे तो उन्हें गाड़ी से उतार अपनी गाड़ी में डाल लिया था भाई ने. भाई का उन दिनो पवित्र महीना चल रहा था तो मारा नहीं था बस टाँगे तोड़ कर ही छोड़ दिया था. लखनाऊ RTO में किसी भी सीरीज़ में 786 नम्बर आए जाता भाई या उनके आदमियों को ही था. यहाँ भाई नहीं भाई के नाम का राज चलता था. शहर के एक बहुत बड़े बिल्डर से बात हो रही थी, वह अपना भौकाल बता रहे थे कि वह इतने पावर फ़ुल हैं कि मुख़्तार ने उनका नम्बर अपने मोबाइल पर सेव कर रखा है. मुख़्तार के नाम को जानना मात्र ही आपको एक डेढ़ करोड़ का ठेकेदार बना देता था. और आज... फ़ेस बुक पर बोली लग रही है कि मुख़्तार को पंजाब से UP लाने वाली गाड़ी पलटेगी या नहीं. लोग चार चार आने की शर्त लगा रहे हैं, इतनी मात्र वैल्यू रह गई. मुख़्तार जिसके नाम का असर पूरे प्रदेश में बड़ों बड़ों को कंपकंपी ला देता था, आज डर से पसीना पसीना है, चल नहीं पा रहा है, व्हील चेयर पर है, पैंर पर खड़े होगा तो गिर जाएगा. तय बात है पैंट चेक की जाए तो शायद गीली ही मिले. बीते पाँच वर्षों में UP में यह बदलाव आया है. बाक़ी जो है सो है ही.
ह्या आमदाराच्या.... तर ... अरे तूला लाज वाटायला पाहिजे आमदार तू जनतेचा सेवक म्हणून विधान सभेत आहे तू करू शकतो वरच्या लेव्हल ला, तुझी लायकी का एका अधिकारी का अशी वागणूक देतो का,
Comments जमाने थे मुख़्तार की तूती बोलती थी UP में. मैं तो लखनऊ में रहता था, जो मुख़्तार का इलाक़ा नहीं है, फ़िर भी हर प्रॉपर्टी डिस्प्यूट में / हर ठेके में मुख़्तार का कोई ना कोई आदमी ज़रूर होता था. हाई वे पर चलते हुवे यदि 786 नम्बर प्लेट वाली गाड़ी का जुलूस जा रहा है तो मालूम होता था किनारे हट जाना है. एक चीफ़ इंजीनियर साहब नहीं हटे थे तो उन्हें गाड़ी से उतार अपनी गाड़ी में डाल लिया था भाई ने. भाई का उन दिनो पवित्र महीना चल रहा था तो मारा नहीं था बस टाँगे तोड़ कर ही छोड़ दिया था. लखनाऊ RTO में किसी भी सीरीज़ में 786 नम्बर आए जाता भाई या उनके आदमियों को ही था. यहाँ भाई नहीं भाई के नाम का राज चलता था. शहर के एक बहुत बड़े बिल्डर से बात हो रही थी, वह अपना भौकाल बता रहे थे कि वह इतने पावर फ़ुल हैं कि मुख़्तार ने उनका नम्बर अपने मोबाइल पर सेव कर रखा है. मुख़्तार के नाम को जानना मात्र ही आपको एक डेढ़ करोड़ का ठेकेदार बना देता था. और आज... फ़ेस बुक पर बोली लग रही है कि मुख़्तार को पंजाब से UP लाने वाली गाड़ी पलटेगी या नहीं. लोग चार चार आने की शर्त लगा रहे हैं, इतनी मात्र वैल्यू रह गई. मुख़्तार जिसके नाम का असर पूरे प्रदेश में बड़ों बड़ों को कंपकंपी ला देता था, आज डर से पसीना पसीना है, चल नहीं पा रहा है, व्हील चेयर पर है, पैंर पर खड़े होगा तो गिर जाएगा. तय बात है पैंट चेक की जाए तो शायद गीली ही मिले. बीते पाँच वर्षों में UP में यह बदलाव आया है. बाक़ी जो है सो है ही.
मला खात्री वाटते की आपण U.P./Bihar मधील गुंद्दा राज पाहत आहोत! यांना President / V.P./Governer किंवा BJP ने त्वरित बडतर्फ केले पाहिजे! हे लोकप्रतिनिधींच्या लायकीचे मुळीच नाहीत. हिंमत असेल तर अजित पवार/ ऊर्जा मंत्री यांना घेरा विधानसभेत व आपला पुरुषार्थ दाखवा ! अन्यथा बांगड्या भरा स्वतःला .
आमदार पदाला आसले नीच कृत्य शोभते का तुझा बाप अभियंता आसता तर असे केले असते का.त्या अभियंत्यांच्या जीवितास कमी जास्त झाल्यास चव्हाण नालायक आमदार जबाबदार असेल .आरे शांत घे.
Comments जमाने थे मुख़्तार की तूती बोलती थी UP में. मैं तो लखनऊ में रहता था, जो मुख़्तार का इलाक़ा नहीं है, फ़िर भी हर प्रॉपर्टी डिस्प्यूट में / हर ठेके में मुख़्तार का कोई ना कोई आदमी ज़रूर होता था. हाई वे पर चलते हुवे यदि 786 नम्बर प्लेट वाली गाड़ी का जुलूस जा रहा है तो मालूम होता था किनारे हट जाना है. एक चीफ़ इंजीनियर साहब नहीं हटे थे तो उन्हें गाड़ी से उतार अपनी गाड़ी में डाल लिया था भाई ने. भाई का उन दिनो पवित्र महीना चल रहा था तो मारा नहीं था बस टाँगे तोड़ कर ही छोड़ दिया था. लखनाऊ RTO में किसी भी सीरीज़ में 786 नम्बर आए जाता भाई या उनके आदमियों को ही था. यहाँ भाई नहीं भाई के नाम का राज चलता था. शहर के एक बहुत बड़े बिल्डर से बात हो रही थी, वह अपना भौकाल बता रहे थे कि वह इतने पावर फ़ुल हैं कि मुख़्तार ने उनका नम्बर अपने मोबाइल पर सेव कर रखा है. मुख़्तार के नाम को जानना मात्र ही आपको एक डेढ़ करोड़ का ठेकेदार बना देता था. और आज... फ़ेस बुक पर बोली लग रही है कि मुख़्तार को पंजाब से UP लाने वाली गाड़ी पलटेगी या नहीं. लोग चार चार आने की शर्त लगा रहे हैं, इतनी मात्र वैल्यू रह गई. मुख़्तार जिसके नाम का असर पूरे प्रदेश में बड़ों बड़ों को कंपकंपी ला देता था, आज डर से पसीना पसीना है, चल नहीं पा रहा है, व्हील चेयर पर है, पैंर पर खड़े होगा तो गिर जाएगा. तय बात है पैंट चेक की जाए तो शायद गीली ही मिले. बीते पाँच वर्षों में UP में यह बदलाव आया है. बाक़ी जो है सो है ही.
नौकरी करत आहेत ते सरकारची, सरकारचा आदेश त्यांना बंधनकारक असतो एडझव् आमदार, आणि शेतकऱ्यांना पूर्ण वीज बिल माफ करावा असे त्या उर्जामंत्र्याला लिहून आदेश काढायला लावा..
मा.आमदार साहेब . अधिकारी हा आपल्या वरीष्ठांच्या आदेशाचे पालन करत होता. आमदार साहेब तुम्ही स्वतः त्यांच्या वरिष्ठासोबत बोललात. तसेच तुम्ही अजित पवार साहेबांचाही दाखला दिला. तरीही विजतोडणीला फक्त हा अधिकारीच जबाबदार आहे हा समज तुम्ही ठेवून त्या अधिकार्याशी या पद्धतीन वागलात. आपली शेतकर्यांप्रती तळमळ अतिशय योग्य आहे पण शासकीय कर्मचार्यांना वेठीस धरुन आपली कामे करुन घेणे निच्शितच योग्य नाही. सरकारी कर्मचार्यांना कितीही मनापसून वाटलं तरी तो नियमाच्या चौकटीबाहेर जाउन कामे करु शकत नाही. अधिकार्यांना बडवून काहिही साध्य होनार नाही. मंत्रालयीन स्तरावरुनच यासंबंधी शासन निर्णय झाला पाहिजे आणि म्हणूनच आपले म्हणणे मांडण्यासाठी आपण विधानसभेत गेला आहात. ईश्वर सर्वांना सद्बुद्धी देवो। ॐ शांती।
माजले आहेत आमदार. याला पण याच्याच भाषेत बोललं पाहिजे एवढा माज आहे तर सरसकट लाईट बिल बंदच करा ना कशाला लावले बिल . स्वतः सरकार मध्ये आहे तर बिल लावता कशाला. सरकारी कर्मचाऱ्याला जबरदस्ती करून बांधून ठेवणे चुकीचं आहे. या सर्व गुंडावर फौदरी गुन्हा दाखल झाला पाहिजे.
सरकारी कर्मचारी बिचारा वरिष्ठ अधिकाऱ्यांनी सांगितलं, आदेश दिले तर ते फॉलो करतात.. यांचा त्यात काय दोष. मान्य आहे शेतकरी बिचारा परेशान आहे, पण हा मुद्दा विधान सभेत गाजवायला पाहिजेत.. असं लोकशाही ला घातक आहे. अधिकारी होण्यासाठी नविन पिढी तयार होणार नाही. 👍🌹
आमदार साहेब तुम्ही ऊर्जा मंत्र्याच्या गल्यात हार घालून वरात कढलीत तर आप ला तुम्हाला फुल्ल सपोर्ट असणार . फक्त कधी येऊ सांगा आणि वरात काढण्या साठी आपली 1000 पोरं घेऊन येतो आणि सोबत बॅन्ड पण .
Comments जमाने थे मुख़्तार की तूती बोलती थी UP में. मैं तो लखनऊ में रहता था, जो मुख़्तार का इलाक़ा नहीं है, फ़िर भी हर प्रॉपर्टी डिस्प्यूट में / हर ठेके में मुख़्तार का कोई ना कोई आदमी ज़रूर होता था. हाई वे पर चलते हुवे यदि 786 नम्बर प्लेट वाली गाड़ी का जुलूस जा रहा है तो मालूम होता था किनारे हट जाना है. एक चीफ़ इंजीनियर साहब नहीं हटे थे तो उन्हें गाड़ी से उतार अपनी गाड़ी में डाल लिया था भाई ने. भाई का उन दिनो पवित्र महीना चल रहा था तो मारा नहीं था बस टाँगे तोड़ कर ही छोड़ दिया था. लखनाऊ RTO में किसी भी सीरीज़ में 786 नम्बर आए जाता भाई या उनके आदमियों को ही था. यहाँ भाई नहीं भाई के नाम का राज चलता था. शहर के एक बहुत बड़े बिल्डर से बात हो रही थी, वह अपना भौकाल बता रहे थे कि वह इतने पावर फ़ुल हैं कि मुख़्तार ने उनका नम्बर अपने मोबाइल पर सेव कर रखा है. मुख़्तार के नाम को जानना मात्र ही आपको एक डेढ़ करोड़ का ठेकेदार बना देता था. और आज... फ़ेस बुक पर बोली लग रही है कि मुख़्तार को पंजाब से UP लाने वाली गाड़ी पलटेगी या नहीं. लोग चार चार आने की शर्त लगा रहे हैं, इतनी मात्र वैल्यू रह गई. मुख़्तार जिसके नाम का असर पूरे प्रदेश में बड़ों बड़ों को कंपकंपी ला देता था, आज डर से पसीना पसीना है, चल नहीं पा रहा है, व्हील चेयर पर है, पैंर पर खड़े होगा तो गिर जाएगा. तय बात है पैंट चेक की जाए तो शायद गीली ही मिले. बीते पाँच वर्षों में UP में यह बदलाव आया है. बाक़ी जो है सो है ही.
Mag nako Shiku det! Aani shikaycha asel tar Govt. job laglyawar kam kara mhana! Shikun kay mothe upkar kartat kay Deshawar... ! (100% sagale ase nahit hyachi nond gyavee)
सरकारी अधिकारी जे आदेश येतात त्याचे पालन करतात ,त्यांचा काय दोष ..सरकारी लोकांना काम करू द्यावे अन्यथा कोणी चांगले अधिकारी सरकारी नोकरी करणार नाही आणि मग समाजाचे नुकसान होईल जे कोणी थांबवू शकणार नाही
Aamdar saheb karmacharyala sangat aahe urja mantryala call lav . Swata call Karu shakat nahi ka. Adiveshnat bolayla pahije na shetkarya babat . Nako tithe staunt karun ky upyog.
गरीब शेतकऱ्यांची एवढी काळजी असेल तर ..आमदार आहात ना तुम्ही विधानसभा मध्ये मांडा प्रश्न ...शासकीय अधिकारी ,,स्वतः चे नियम थोडी तयार करतो.. शासकीय नियमानुसार काम करतो
Poor men got punishment he is working on government job and following state order....... by the way all minister must understand the situation. ... and give relief order....government central and state remove tax on same badic cost of electricity is 25 percent say rs 3 per unit.whifh 7s in bearable to people....
आपल्या विभागातील रस्ते खराब असेल तर आमदारांना पण चपलांचे हार घाला
ओन्ली शेतकरी
त्या मुर्ख, नालायक, आमदाराला त्यांच्या मतदारसंघाचं रस्ते दाखवा अन् त्या रस्त्यातील खड्यात गाढा त्याला...
नुसते चप्पल नाही त्या खड्यात घालून वरून बुटाने हाणले पाहिजे
ज्या राजकीय लोकांनी वीज वितरण कंपनीचे वाटोळे केले त्या ना उचला.आहे का हिम्मत ह्या आमदारांची. अडाणी चा कोळसा किती रक्कम ने विकत घेता हे या आमदारांनी मोदींना विचारावे.
Barobar
श्री. मंगेश चव्हाण आमदार यांचा मतदारसंघ मध्ये रस्ता किती खराब आहे ते पाहा चव्हाण साहेब, आपल्या ला सुध्या चपला चा हार टाकला पाहिजे भेड हल्लीचे जाहीर निषेध
Tuzi niti dhasali
अभियंता एकटा असुन शुद्धा धैर्य दाखवला । salute sir🙏🙏🙏
😂 तुझा बाप नक्कीच भ्रष्ट कर्मचारी असेल
तो कठोर आहे, त्याला कोणाचेही पर्वा नाही, असा अधिकारी काय कामाचा ज्यांना आपल्याच मनसा साठी दया भाव नाही, थोड़े थोड़े पैसे घ्यायला नाही हवे का?
लोक जाणून बुजून भरत नाहीत, नंतर ते इतके साठत की लय वाट्त परत भरायला, सरकारी अधिकारी दया दाखवतात म्हणून इतक्या वेळ pending ठेवतात, अडाणी किंवा टाटा कडे उद्या ह्या वीजवितरण कंपन्या असत्या तर 45 दिवसात वीज disconnect केली असती
तो काय त्याच्या घरचे पैसे घेत नाही सरकारी कंपनीचे आहेत वरुण (मंत्रालयातून) जोपर्यंत तशी पॉलिसी येत नाही तोपर्यंत काही नाही करू शकत executive Level चा अधिकारी पण....
Shame on you
सामान्य अधिकाऱ्यावर दादागिरी करता येते हिम्मत असेल तर ऊर्जा मंत्र्यांना पकळून व्हिडिओ अपलोड करावा🙏🙏🙏🙏
आमदार साहेब शेतकऱ्याचा एवढा कळवळा असेल तर ऊर्जा मंत्र्याना घेराव घाला
Koni nivdun dele yalaaa.
Amdaramadhe himmat nahi ahe. Barobar manse gheun ala ahe. Urja mantrishi bolayala Ekta jave lagel.
तिथे गांडीत दम नाही
Eka amdarane kay hoel sarvani milun dharla pahije mantryanna
HyavAmdarala ughdyawr chopayla hava. Kayda hatat ghyaychi koni parwangi dili
खालच्या लोकांवर जोर दाखवण्यात काही अर्थ नाही खरा दम असेल ना तर मुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री ऊर्जामंत्री यांच्यावर असा कार्यक्रम करा .
💯👍..
तूझ्या बापाला लाव उचलायला
एक नंबर बोलास भावा
आगदी बरोबर आहे भाऊ
Tumchyat topan dum nahi😂
काही ही असलं तरी एखाद्या कर्मचार्यासाठी आमदारांनी कायदा हातात घेने निंदनीय.
बरोबर, मग आपल्या परिसरातील रस्ते खराब असले का मग आमदाराला पण अशीच शिक्षा द्यायची का?
Ho ka . .shetkarynchi hal bagha jara
किती शेतकरी originally light bill भरतो सगळेच शेगड्या वापरतात फुकटे कुणीकडचे
@@ssjk9121वीज बीलचा दर अल्पदरात आहे का? कोणाला किती तर कोणाला काही असे बील येते.
@@ssjk9121इतर राज्यातील युनीट दर आणि महाराष्ट्रातील युनीट दरची तुलना केल्यास फरक लक्षात येईल.
वहा ...क्या बात हैं ....मस्तच यार अभिमान वाटतो यार माझ्याच मराठी माणसाचा ...🙏
वहा रे सरकार .....आदेशाचे पालन करणाऱ्या एका अधिकाऱ्याला अशी वागणूक त्याच्या परिवारावर , त्याचा मुलांवर काय परिणाम होईल ह्याचा कधी विचार केला का ...
मान्य आहे कोरोनाच्या ह्या भयाण काळात शेतकरी खुपच त्रासलेला आहे ...सरकार तुम्ही
ही बिले माफ ही करू शकता ,नाही जमल्यास कमीही ...करू शकता...
पण एक अधिकारी तो विद्युत विभागाचा असो , किंवा माझा एखादा पोलीस अधिकारी तो ज्यावेळी तुमच्या समोरच वाकतो तेव्हा एवढं वाईट वाटतं की माझा IPS , I AS अधिकारी एवढं शिकण घेऊन ही कुठे तरी मजबूर पडतो ...
कधी तरी I A S , I P S ची अभ्यासक्रमाची पुस्तके उघडून बघाला तेव्हा कळेल किती मेहनत , कष्ट करून हे अधिकारी झालेले असतात ....
🙏 जय हिंद 🙏
ह्या गोष्ठी शी मी सहमत आहे
अगदी बरोबर.....
हे लोक पण किती नालायक असतात त्या बिचाऱ्या अभियंत्याला चपलांचा हार घातला. ऊर्जा मंत्र्याची काय उपटलीत तुम्ही.
Comments
जमाने थे मुख़्तार की तूती बोलती थी UP में. मैं तो लखनऊ में रहता था, जो मुख़्तार का इलाक़ा नहीं है, फ़िर भी हर प्रॉपर्टी डिस्प्यूट में / हर ठेके में मुख़्तार का कोई ना कोई आदमी ज़रूर होता था. हाई वे पर चलते हुवे यदि 786 नम्बर प्लेट वाली गाड़ी का जुलूस जा रहा है तो मालूम होता था किनारे हट जाना है. एक चीफ़ इंजीनियर साहब नहीं हटे थे तो उन्हें गाड़ी से उतार अपनी गाड़ी में डाल लिया था भाई ने. भाई का उन दिनो पवित्र महीना चल रहा था तो मारा नहीं था बस टाँगे तोड़ कर ही छोड़ दिया था.
लखनाऊ RTO में किसी भी सीरीज़ में 786 नम्बर आए जाता भाई या उनके आदमियों को ही था. यहाँ भाई नहीं भाई के नाम का राज चलता था. शहर के एक बहुत बड़े बिल्डर से बात हो रही थी, वह अपना भौकाल बता रहे थे कि वह इतने पावर फ़ुल हैं कि मुख़्तार ने उनका नम्बर अपने मोबाइल पर सेव कर रखा है. मुख़्तार के नाम को जानना मात्र ही आपको एक डेढ़ करोड़ का ठेकेदार बना देता था.
और आज... फ़ेस बुक पर बोली लग रही है कि मुख़्तार को पंजाब से UP लाने वाली गाड़ी पलटेगी या नहीं. लोग चार चार आने की शर्त लगा रहे हैं, इतनी मात्र वैल्यू रह गई. मुख़्तार जिसके नाम का असर पूरे प्रदेश में बड़ों बड़ों को कंपकंपी ला देता था, आज डर से पसीना पसीना है, चल नहीं पा रहा है, व्हील चेयर पर है, पैंर पर खड़े होगा तो गिर जाएगा. तय बात है पैंट चेक की जाए तो शायद गीली ही मिले.
बीते पाँच वर्षों में UP में यह बदलाव आया है. बाक़ी जो है सो है ही.
श
विधान सभेत काय हा आमदार गोट्या खेळतो काय.तिकडे बोलून दाखवा ना
बरोबर
Agadi Barobar
Ho tuzya Gharat khelato ka gotya
@@sandeshsule3134 ha chahata aahe amdaracha mag tuzyavar sankat aal ka yeto ka dhavun aata fkt nivdnukicha dikhava nko
@@swapnilbhuwad136 swapanil hya m s e b w palikene aani water supailers mahapalikene tasech nagarasewakanni zopadpattyanna wisatar karayala sath diliy hya asalya adhikaryanna mumbai madhe yeun zopadpattyanchi electricity canections todayala sang bagh kay hoil bichyarya shetkaryanchi electric power canections ka todatat ?
बिल भरलं की अधिकाराच्या खात्यात पैसे जात नाहीत...अधिकाऱ्याला काय सरकार चे आदेश पाळावे लागतात
असेच अडाणचोट लोक आमदार बनत असतील तर असच होत राहील...
विधानसभेत उचलणं अशे मुद्दे YZ
आमदार साहेब चोर सोडून कोतवालाला का फाशी देता ऊर्जा मंत्र्याला घोडे लावा
Are Bhau To Hyana Ghode Lavel Na Mag
आमदार साहेब अभ्यास करून येत जा
शेतकरी मजूर कष्टकरी कामगार
दलितांचे अत्याचार यांबाबत विधानसभा गाजवा प्रशासनावर दबाव आणून टुकार प्रदर्शन. करुन स्व:ताची घालवु नका
सरकारी कार्यालयात गुंडगिरी म्ह्णुन
संबंधितांवर पोलिसांनी कारवाई करावी
हिम्मत असेल तर अर्जंमंत्र्याशी भांडून दाखवा, काय कनिष्ठ कर्मचाऱ्यांना त्रास देता, कर्मचारी आदेशानुसार कार्यवाही करतात.
अधिकाऱ्यांना काय बांधतो गांडूची अवलाद सर्वांचे बिल भरणा
अगदी बरोबर
काय मूर्ख लोक आहेत?यांना काही अक्कल आहे का नाही.काय चाललंय महाराष्ट्रात काही कळेचना
😢 अरे आमदारा मंत्रयाला दाखव ताकद
आमदाराला तातडीने अटक करण्यात यावी सर्व मंडल कर्म चारी ब॔धुनी काम बंद करावे आमदार खासदार हे सरंजामी थाटाने वागतात
आमदार साहेबराव गरीबावर नोकरी करणारे माणसावर कशाला ताकद दाखवून तमाशा करतात, मंत्री लोकांना ताकद दाखवा, तीथे......
Correct sr
आमदार साहेबांनी बरोबर केले आहे .शेतकऱ्यांची बाजू मांडली आहे . काय डान्सबारचा मॅनेजर ला पकडले नाही चुकीची व्यक्तवे करायची नाही काय सत्य तुम्हाला माहीत असतं का .आज शेतकरी कुठल्या परिस्थितीत जगतोय ते बघा
Adhikari haramkhorach aahet maajlet saley assach pahije
सुरुवात कुठून तरी झाली पाहिजे ना 🙏
तिथे लेंड्या टाकतात हे मंत्र्यांसमोर
विधानसभेत हा आमदार काय झाटं उपटतो का?
Barobar
बरोबर भाऊ
तु जा की मग ते एवढे तरी करतात
एकदम बरोबर बोलले भाऊ
barobar
कोणाचं बाप कशाला काढतोय आमदार.. स्वतःची राजकीय पोळी भाजून घेतोय....
जिथे आमदार काम करत नाही तीथे आमदाराला पण चप्पल हार घातला पाहिजे
जोपर्यंत लोकांना फुकट भेटत राहील तो पर्यंत हेच होणार
आमदार साहेब तुमच म्हणण बरोबर आहे
पण तुम्ही विधानसभा मधे काय करता गोट्या खेळता काय ़
😂😂
अरे वरी बोलुन उपयोग होत नसला तर असेच करावे लागते
😂😂😂
त्या कर्मचार्याला खुर्चीला बांधाल,त्याला माराल,त्याची धिंड काढाल बांधवानो त्याच्या ऐवजी उर्जामंत्र्यांना बांधा,त्यांची धिंड काढा आहे का हिम्मत,गरीब बकर्याचा बळी देतात वाघाचा दिला जात नाही.
Maharastra madhye kayada zopala.Saglya rajkarnyana haklun lava.
असल्या आमदारांना निवडून देणारे.. कमाल आहेत...काय भाषा, हाच पुरोगामी महाराष्ट्र का असा प्रश्न आहे...
हे शेतकरी लोक नाहीत राजकीय आहेत
याची आमदारकी रद्द झाली पाहिजे
अधिकारी ला शिवी देतो आहे आणि उर्जा मंत्राल्या शिवा दियाची हिम्मत नाही याचात
कमजोर अधिका-यावर जोर दाखवतात. त्यापेक्षा हातात बांगड्या भरा. विधानसभेत काय तोंड शिवलं होतं का ?
हा का आमदार आहे बालिश कोणीकडचा कडक शासन व्हावे अश्यांना
सरकार तुमचे असून आमदार साहेब काही करू शकत नाही 🤔
गजब की बात है
अतिशय निदनीय प्रकार
आमदार साहेब, तुमची ताकद मंत्र्यांवर दाखवा....
Tyachyat Himmat nahi ahe.
बोलत आहे ना भाऊ आजुन काय पाहिजे तुला😂
अरे जिथून funding येते त्यांच्यावर हात कसे उचलतील ते😂
आधिकारी होने एवढे सोपे नाही पाण्यातील मासा झोप घेतो कसा जावे त्याच्या वंशी तेव्हा कळेल
कसला आमदार आहे हा दादागिरी करतोय
आमदार नी कामे केली नाही तर त्याला सुध्दा असेच कराल का ?
पोलीस यंत्रणा आणि या राज्याची शासन व्यवस्था झोपली आहे का?
ज्यांनी आदेश काढला त्यांना बाधा यांना बाधून काय फायदा हे कर्मचारी आहे याच्या काय श्ट्ट हातात आहे
अधिकारी खूपच माजलेत त्यांच्याशी हिच वागणूक योग्य आहे
आमदाराला राजकारणी स्टंट करण्याची सवय आहे, एवढे हिम्मत असेल ना अधिवेशनामध्ये यांना पाळीव कुत्र्यासारखे कोपर्यात बसतात.....
👍😂😂
खरंय दादा
Ha tya girish mahajan mude majalae yavades girishya layki dakhav
मोठ्या पंत्री ना बांधून तमाशा करा साहेब अधिकारी ऑर्डरचे पालन करत असतील तर त्यांना बांधून काय होईल
त्याला bolun kahi fayada nahi sir... त्याला वर्तून ऑर्डर असल्यास तो काय करणार सर....वरती बोला सिनियर सोबत 😢😢 हा त्याच्या वर अन्याय आहे
हे कृत्य योग्य आहे काय... अधिकाराचा दुरुपयोग कोणीही करु नये... कुठे गेला कायदा आणि सुव्यवस्था.. कामगार संरक्षण कायदा... कुठे गेला...
पब्लिसिटी सरळ ऊर्जा मंत्रीना असा तमाशा केला तर उत्तर मिळेल .. नोकरांच्या हातात काय आहे आदेशानुसार पालन करणारे नोकर वर्ग मोठेपणा मोठ्यानं पकडून करा लाईव्ह
आमदार अशी दादागिरी विधानसभा दाखवा,केवळ मतांसाठी
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जमाने थे मुख़्तार की तूती बोलती थी UP में. मैं तो लखनऊ में रहता था, जो मुख़्तार का इलाक़ा नहीं है, फ़िर भी हर प्रॉपर्टी डिस्प्यूट में / हर ठेके में मुख़्तार का कोई ना कोई आदमी ज़रूर होता था. हाई वे पर चलते हुवे यदि 786 नम्बर प्लेट वाली गाड़ी का जुलूस जा रहा है तो मालूम होता था किनारे हट जाना है. एक चीफ़ इंजीनियर साहब नहीं हटे थे तो उन्हें गाड़ी से उतार अपनी गाड़ी में डाल लिया था भाई ने. भाई का उन दिनो पवित्र महीना चल रहा था तो मारा नहीं था बस टाँगे तोड़ कर ही छोड़ दिया था.
लखनाऊ RTO में किसी भी सीरीज़ में 786 नम्बर आए जाता भाई या उनके आदमियों को ही था. यहाँ भाई नहीं भाई के नाम का राज चलता था. शहर के एक बहुत बड़े बिल्डर से बात हो रही थी, वह अपना भौकाल बता रहे थे कि वह इतने पावर फ़ुल हैं कि मुख़्तार ने उनका नम्बर अपने मोबाइल पर सेव कर रखा है. मुख़्तार के नाम को जानना मात्र ही आपको एक डेढ़ करोड़ का ठेकेदार बना देता था.
और आज... फ़ेस बुक पर बोली लग रही है कि मुख़्तार को पंजाब से UP लाने वाली गाड़ी पलटेगी या नहीं. लोग चार चार आने की शर्त लगा रहे हैं, इतनी मात्र वैल्यू रह गई. मुख़्तार जिसके नाम का असर पूरे प्रदेश में बड़ों बड़ों को कंपकंपी ला देता था, आज डर से पसीना पसीना है, चल नहीं पा रहा है, व्हील चेयर पर है, पैंर पर खड़े होगा तो गिर जाएगा. तय बात है पैंट चेक की जाए तो शायद गीली ही मिले.
बीते पाँच वर्षों में UP में यह बदलाव आया है. बाक़ी जो है सो है ही.
बरोबर
😂😂😂😂
बरोबर आहे आपले वीचार खुप छान पण ते घालणार कोन
कमजोरापुढे शिरजोर करणाऱ्या आमदाराने दोन्ही हातात बांगड्या भराव्यात. कायदेशीर मार्गाने प्रश्न सोडवायला तेवढी बुध्दीची क्षमता असावी लागते.
चमकू आमदार प्रजा आंधळी ... अजब तुझे.. .. धन्य आहात तुम्ही. आपले विचार राज्यात पोहचले.
ह्या आमदाराच्या.... तर ... अरे तूला लाज वाटायला पाहिजे आमदार तू जनतेचा सेवक म्हणून विधान सभेत आहे तू करू शकतो वरच्या लेव्हल ला, तुझी लायकी का एका अधिकारी का अशी वागणूक देतो का,
उर्ज्या मंत्री ला पन बोलतोय किंग आमदार ।।।। आहे
Ho abhiyanta nalayak aahe tyala aamdar ne call kela tr tyani aamdar chi layki kadhali mhanun aamdar ni us kel
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जमाने थे मुख़्तार की तूती बोलती थी UP में. मैं तो लखनऊ में रहता था, जो मुख़्तार का इलाक़ा नहीं है, फ़िर भी हर प्रॉपर्टी डिस्प्यूट में / हर ठेके में मुख़्तार का कोई ना कोई आदमी ज़रूर होता था. हाई वे पर चलते हुवे यदि 786 नम्बर प्लेट वाली गाड़ी का जुलूस जा रहा है तो मालूम होता था किनारे हट जाना है. एक चीफ़ इंजीनियर साहब नहीं हटे थे तो उन्हें गाड़ी से उतार अपनी गाड़ी में डाल लिया था भाई ने. भाई का उन दिनो पवित्र महीना चल रहा था तो मारा नहीं था बस टाँगे तोड़ कर ही छोड़ दिया था.
लखनाऊ RTO में किसी भी सीरीज़ में 786 नम्बर आए जाता भाई या उनके आदमियों को ही था. यहाँ भाई नहीं भाई के नाम का राज चलता था. शहर के एक बहुत बड़े बिल्डर से बात हो रही थी, वह अपना भौकाल बता रहे थे कि वह इतने पावर फ़ुल हैं कि मुख़्तार ने उनका नम्बर अपने मोबाइल पर सेव कर रखा है. मुख़्तार के नाम को जानना मात्र ही आपको एक डेढ़ करोड़ का ठेकेदार बना देता था.
और आज... फ़ेस बुक पर बोली लग रही है कि मुख़्तार को पंजाब से UP लाने वाली गाड़ी पलटेगी या नहीं. लोग चार चार आने की शर्त लगा रहे हैं, इतनी मात्र वैल्यू रह गई. मुख़्तार जिसके नाम का असर पूरे प्रदेश में बड़ों बड़ों को कंपकंपी ला देता था, आज डर से पसीना पसीना है, चल नहीं पा रहा है, व्हील चेयर पर है, पैंर पर खड़े होगा तो गिर जाएगा. तय बात है पैंट चेक की जाए तो शायद गीली ही मिले.
बीते पाँच वर्षों में UP में यह बदलाव आया है. बाक़ी जो है सो है ही.
सर्व अधिकारीनि मिळून मोर्चा काढला पाहिजे यांच्या विरोधात
सूपर भाऊ
आमदार साहेब हे चुकीचं आहे लोकशाहीला धरून नाही. तुम्हाला अशोभनीय आहे. हे असे करणे. कायदेशीर कारवाई करा त्यांच्यावर असा दुडगुस घालणे चुकीचे आहे.
ह्या पुढाऱ्यांची मुजोरी थांबवायला पाहिजे कुठेतरी लोकशाहीचा दुरुपयोग करतात
आमदार आहे तुम्ही हा मुद्दा विधानसभेत मांडला पाहिजे न की अधिकारीला 25 ते 30 लोक घेऊन मारले पाहिजे
मारले पाहिजे
मला खात्री वाटते की आपण U.P./Bihar मधील गुंद्दा राज पाहत आहोत! यांना President / V.P./Governer किंवा BJP ने त्वरित बडतर्फ केले पाहिजे! हे लोकप्रतिनिधींच्या लायकीचे मुळीच नाहीत. हिंमत असेल तर अजित पवार/ ऊर्जा मंत्री यांना घेरा विधानसभेत व आपला पुरुषार्थ दाखवा ! अन्यथा बांगड्या भरा स्वतःला .
आमदार महाराज, आपल्या खंडणी सम्राटाला
जोड्याची माळ घालायची मर्दानगी दाखवा।
मि पन चालीसगांव मदून हाहे हा आमदार चालीसगांव करान साटी देव मानस हाए 5वर्ष्यत त्यानि कूप काम केली हाए रस्त्याचे पन काम चालू हाए दादा नो
एवढे गुन्हे बलात्कार होतात,तेव्हा या आमदाराने पोलीस अधिकाऱ्याला चपलेचा हार घालून धींड काढायची हिंमत दाखवावी.
आमदार पदाला आसले नीच कृत्य शोभते का तुझा बाप अभियंता आसता तर असे केले असते का.त्या अभियंत्यांच्या जीवितास कमी जास्त झाल्यास चव्हाण नालायक आमदार जबाबदार असेल .आरे शांत घे.
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जमाने थे मुख़्तार की तूती बोलती थी UP में. मैं तो लखनऊ में रहता था, जो मुख़्तार का इलाक़ा नहीं है, फ़िर भी हर प्रॉपर्टी डिस्प्यूट में / हर ठेके में मुख़्तार का कोई ना कोई आदमी ज़रूर होता था. हाई वे पर चलते हुवे यदि 786 नम्बर प्लेट वाली गाड़ी का जुलूस जा रहा है तो मालूम होता था किनारे हट जाना है. एक चीफ़ इंजीनियर साहब नहीं हटे थे तो उन्हें गाड़ी से उतार अपनी गाड़ी में डाल लिया था भाई ने. भाई का उन दिनो पवित्र महीना चल रहा था तो मारा नहीं था बस टाँगे तोड़ कर ही छोड़ दिया था.
लखनाऊ RTO में किसी भी सीरीज़ में 786 नम्बर आए जाता भाई या उनके आदमियों को ही था. यहाँ भाई नहीं भाई के नाम का राज चलता था. शहर के एक बहुत बड़े बिल्डर से बात हो रही थी, वह अपना भौकाल बता रहे थे कि वह इतने पावर फ़ुल हैं कि मुख़्तार ने उनका नम्बर अपने मोबाइल पर सेव कर रखा है. मुख़्तार के नाम को जानना मात्र ही आपको एक डेढ़ करोड़ का ठेकेदार बना देता था.
और आज... फ़ेस बुक पर बोली लग रही है कि मुख़्तार को पंजाब से UP लाने वाली गाड़ी पलटेगी या नहीं. लोग चार चार आने की शर्त लगा रहे हैं, इतनी मात्र वैल्यू रह गई. मुख़्तार जिसके नाम का असर पूरे प्रदेश में बड़ों बड़ों को कंपकंपी ला देता था, आज डर से पसीना पसीना है, चल नहीं पा रहा है, व्हील चेयर पर है, पैंर पर खड़े होगा तो गिर जाएगा. तय बात है पैंट चेक की जाए तो शायद गीली ही मिले.
बीते पाँच वर्षों में UP में यह बदलाव आया है. बाक़ी जो है सो है ही.
दादागिरी एकट्या आधिकार्यावर दाखवुन जमत नाही दम विधानसभेत...नेत्यावर दाखवा पाचंट काम करू नका थू थू होईल अस....
हां आमदार लायकीचा नाही शिवा देतो।
थू थू
हा मार्ग नव्हे कुठलाही अधिकारी एक जबाबदार नसतोच आमदार साहेब😢😢
मोबाईल रिचार्ज, पेट्रोल पंप यासारखे वीज बिल करावा
नौकरी करत आहेत ते सरकारची, सरकारचा आदेश त्यांना बंधनकारक असतो एडझव् आमदार, आणि शेतकऱ्यांना पूर्ण वीज बिल माफ करावा असे त्या उर्जामंत्र्याला लिहून आदेश काढायला लावा..
मा.आमदार साहेब . अधिकारी हा आपल्या वरीष्ठांच्या आदेशाचे पालन करत होता. आमदार साहेब तुम्ही स्वतः त्यांच्या वरिष्ठासोबत बोललात. तसेच तुम्ही अजित पवार साहेबांचाही दाखला दिला. तरीही विजतोडणीला फक्त हा अधिकारीच जबाबदार आहे हा समज तुम्ही ठेवून त्या अधिकार्याशी या पद्धतीन वागलात. आपली शेतकर्यांप्रती तळमळ अतिशय योग्य आहे पण शासकीय कर्मचार्यांना वेठीस धरुन आपली कामे करुन घेणे निच्शितच योग्य नाही. सरकारी कर्मचार्यांना कितीही मनापसून वाटलं तरी तो नियमाच्या चौकटीबाहेर जाउन कामे करु शकत नाही. अधिकार्यांना बडवून काहिही साध्य होनार नाही. मंत्रालयीन स्तरावरुनच यासंबंधी शासन निर्णय झाला पाहिजे आणि म्हणूनच आपले म्हणणे मांडण्यासाठी आपण विधानसभेत गेला आहात. ईश्वर सर्वांना सद्बुद्धी देवो। ॐ शांती।
काय लोकशाही आहे वरीष्ठ अधिकारी आदेश देण्यात आले पण तोफेचे तोंडावर कर्मचारी आहेत😂
माजले आहेत आमदार. याला पण याच्याच भाषेत बोललं पाहिजे एवढा माज आहे तर सरसकट लाईट बिल बंदच करा ना कशाला लावले बिल . स्वतः सरकार मध्ये आहे तर बिल लावता कशाला. सरकारी कर्मचाऱ्याला जबरदस्ती करून बांधून ठेवणे चुकीचं आहे. या सर्व गुंडावर फौदरी गुन्हा दाखल झाला पाहिजे.
हे याआमदाराचा ड्रामा आहे मंत्रालयात जावुन बोबंलावना यागरिब अधिकारी लोकांना का डेरीगं दाखवतो बिचाराना आदेश आसतात
सरकारी कर्मचारी बिचारा वरिष्ठ अधिकाऱ्यांनी सांगितलं, आदेश दिले तर ते फॉलो करतात.. यांचा त्यात काय दोष. मान्य आहे शेतकरी बिचारा परेशान आहे, पण हा मुद्दा विधान सभेत गाजवायला पाहिजेत.. असं लोकशाही ला घातक आहे. अधिकारी होण्यासाठी नविन पिढी तयार होणार नाही. 👍🌹
महाभकास आघाडीच्या काळात ही परिस्थिती संपूर्ण महाराष्ट्रात होती..वाकरे सरकार घरी बसून 😂
खुप जबरदस्त लूट आहे, दिल्ली मध्ये इतके कमी रेटस असताना, महाराष्ट्रात वीज इतकी महाग का दिली जाते. कृपया काही तरी मर्यादा ठेवा.
अभियंता साहेब तुम्ही न्यायालयात दाद मागा
आमदार साहेब तुम्ही ऊर्जा मंत्र्याच्या गल्यात हार घालून वरात कढलीत तर आप ला तुम्हाला फुल्ल सपोर्ट असणार . फक्त कधी येऊ सांगा आणि वरात काढण्या साठी आपली 1000 पोरं घेऊन येतो आणि सोबत बॅन्ड पण .
No dya
हे राजकारणी लोक असे वागायला लागले तर खुप अवघड आहे... चुक त्यांची नाही ,चुक आपल्या जनतेचि आहे.
ज्या आमदाराचे मंत्रालयमधे चालत नाही ते खालच्यावर गुर गुर करतात
आशी वागणुक जर आधीकार्याला मिळत आसेल तर महाराष्टात एकही विध्यार्थी आधीकारी होनार नाही व तरुण पिढी शिकण्य पासुन व परीक्षा देण्या पासुन वंचीत राहील़
Saglya chorana ashich vagnuk pahije..paisya sathi government job lagtat kaam karat nai.. desh mage challa aahey ashya chor karmacharyanmule
@@TravelFoodNatureRepeat te tar aahe dada pn aamdar ne urjamantryla har ghlyala pahije hota
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जमाने थे मुख़्तार की तूती बोलती थी UP में. मैं तो लखनऊ में रहता था, जो मुख़्तार का इलाक़ा नहीं है, फ़िर भी हर प्रॉपर्टी डिस्प्यूट में / हर ठेके में मुख़्तार का कोई ना कोई आदमी ज़रूर होता था. हाई वे पर चलते हुवे यदि 786 नम्बर प्लेट वाली गाड़ी का जुलूस जा रहा है तो मालूम होता था किनारे हट जाना है. एक चीफ़ इंजीनियर साहब नहीं हटे थे तो उन्हें गाड़ी से उतार अपनी गाड़ी में डाल लिया था भाई ने. भाई का उन दिनो पवित्र महीना चल रहा था तो मारा नहीं था बस टाँगे तोड़ कर ही छोड़ दिया था.
लखनाऊ RTO में किसी भी सीरीज़ में 786 नम्बर आए जाता भाई या उनके आदमियों को ही था. यहाँ भाई नहीं भाई के नाम का राज चलता था. शहर के एक बहुत बड़े बिल्डर से बात हो रही थी, वह अपना भौकाल बता रहे थे कि वह इतने पावर फ़ुल हैं कि मुख़्तार ने उनका नम्बर अपने मोबाइल पर सेव कर रखा है. मुख़्तार के नाम को जानना मात्र ही आपको एक डेढ़ करोड़ का ठेकेदार बना देता था.
और आज... फ़ेस बुक पर बोली लग रही है कि मुख़्तार को पंजाब से UP लाने वाली गाड़ी पलटेगी या नहीं. लोग चार चार आने की शर्त लगा रहे हैं, इतनी मात्र वैल्यू रह गई. मुख़्तार जिसके नाम का असर पूरे प्रदेश में बड़ों बड़ों को कंपकंपी ला देता था, आज डर से पसीना पसीना है, चल नहीं पा रहा है, व्हील चेयर पर है, पैंर पर खड़े होगा तो गिर जाएगा. तय बात है पैंट चेक की जाए तो शायद गीली ही मिले.
बीते पाँच वर्षों में UP में यह बदलाव आया है. बाक़ी जो है सो है ही.
@@TravelFoodNatureRepeat Barobar
Mag nako Shiku det! Aani shikaycha asel tar Govt. job laglyawar kam kara mhana! Shikun kay mothe upkar kartat kay Deshawar... ! (100% sagale ase nahit hyachi nond gyavee)
Are kasali vaganuk re baaappppp.....😢😢😢😢chukichi vartavnuk amadar saheb...😢😢😢
अशा आमदारांना निवडून देता कामा नये!
आमदाराला.कोणी अधिकार दिला एका अधिकार्याला हात लावण्याचा त्याला एवढी आहे तर त्यानी सगळ्याची बील भरावी आमदाराला याची किमत मोजावी लागेल फुकटे सगळे
भाडखाऊ
Amdarani vij bharl ah ka aj paryant
Bhava toh lokpratnidhi ahe
जिथे बोलायचे तिथे शेपूट घालून फिरतात स्वतःची लायकी एवढी कमी करू नये आमदार म्हणजे छोटे पद नाही .
आता पाऊस आला...त्यांना म्हणा...वरती जाऊन भांडं म्हणावं...हे ही समोर जाऊन पैसे खाणार हे नक्की....
या आमदाराने त्याच्या मतदार संघात पूर्णपणे कामे केली नसतील तर याच्या गळ्यात पण व्हाणा बांधा
दादा जरा विधान भवनात मुद्दा ग्या आणि उर्जा मंत्रीला पण काळे फासा दिलासा देऊ म्हणे अजून दिलासा आलेला नाही
सरकारी अधिकारी जे आदेश येतात त्याचे पालन करतात ,त्यांचा काय दोष ..सरकारी लोकांना काम करू द्यावे अन्यथा कोणी चांगले अधिकारी सरकारी नोकरी करणार नाही आणि मग समाजाचे नुकसान होईल जे कोणी थांबवू शकणार नाही
Hech adhikari paise ghetat tevha,..paise ghya ase adesh d'etat ka mag .
निषेध....... निषेध........ निषेध
Sarkari tumhi pn aahe vatte ...mseb engineer khup luttat garibana
not good
Aamdar saheb karmacharyala sangat aahe urja mantryala call lav . Swata call Karu shakat nahi ka. Adiveshnat bolayla pahije na shetkarya babat . Nako tithe staunt karun ky upyog.
अधिकाराच्या हिमतीला सलाम....
या आमदाराने कायदा हातात घ्यायला नको होता.कांही चुकीचे केले असेल अधिकाऱ्याने तर त्याच्या विरूद्ध कारवाई करा.
दर तीन वर्षींनी या अधिकार्यींनी , त्यांची वैयक्तिक संपत्ति जाहीर करावी , आहे का दम ?
चुकी कोणाची कळत नाही पण झालेला प्रकार मानुसकी ला धरून नाही...👎
दम असेल तर ऊर्जा मंत्र्याचा असा हाल करा सामान्य नोकराला कोणीही अस करू शकते प्रसिद्ध मिळवण्यासाठी हे केलं गेलं
चव्हाण साहेब कायदा हातात घेणं चुकीचं आहे...
हे आमदार शेतकर्यांची दिशाभूल करुन स्वतःची पोळी भाजून घेण्याच्या तयारीत सावधान शेतकरी बांधवांना आता जागृत होण्याची गरज जय जवान जय किसान
कर्मचाऱ्यांना मारण्या पेक्षा जे वरून आदेश देणारे मंत्री ias यांना असे बांधून दाखवा
Dang fatate na Bhava he krayla 😂
या आमदारावर त्वरित कारवाई केली पाहिजे.
हे आमदारच शेतकऱ्यांनची फसवणूक करतात.
विधानसभेत जेवायला जातात का ?
U R absolutely 💯 % write ...
तु कार्यवाही करायला मंगेश दादा ला केसाला पण धक्का लावु शकत नाही
असा आमदार पाहिजे पुणे ला अधिकारी ची मनमानी चालु आहे ईकडे असे लोक प्राधिनिधी नाहीतच
आशा घटना मुळे विजेची थकबाकी हजारो कोटी रुपये वर चालली आहे राज्य देश किती खड्यात चालला ह्याच काही देण घेणं राहिल नाही
आमदार साहेब हे तुम्हाला म्हणजेच आमदार पदाला शोभत नाही.निषेध,निषेध,निषेध
आमदार झाला तर विधानसभेत बोल. अधिकाऱ्याला कशाला त्रास. #राजीनामा घ्या
गरीब शेतकऱ्यांची एवढी काळजी असेल तर ..आमदार आहात ना तुम्ही विधानसभा मध्ये मांडा प्रश्न ...शासकीय अधिकारी ,,स्वतः चे नियम थोडी तयार करतो.. शासकीय नियमानुसार काम करतो
अरे आमदार साहेब बरोबर बोलताय गरीब शेतकर्यांवर अन्याय होतोय ना
स्वतःला लोकप्रतिनिधी म्हणवून घेता...असलं वर्तन तुम्हाला शोभत नाही...
खुप चांगल काम केलत मंगेश सर🙏🙏🙏 . तुमच्या सारख्या आमदाराची खरी गरज आहे .
कायदेशीर मार्गाने जायला हवे...
Urja mantri laa pakda..hyala pakdun Kay honar
Are ha stunt ahe fkt lokana dakhvnyasathi
Swatacha bap abhiynta rahila Asta tr kalal ast konachi grj ahe
हे फार घातक प्रथा आहे
आमदारांना शेतकऱ्यांचे प्रश्न दिसतात पण बेरोजगारांचे प्रश्न दिसत नाही
Poor men got punishment he is working on government job and following state order.......
by the way all minister must understand the situation. ... and give relief order....government central and state remove tax on same badic cost of electricity is 25 percent say rs 3 per unit.whifh 7s in bearable to people....
आमदाराने ऊर्जामंत्री वर जोर ताकत दाखवावी