यदि इस संसार में कोई पवित्र कार्य है, तो वह धम्म् का प्रचार करना है। दिल से धन्यवाद् । आप तर्क, सत्य, प्रमाण एवं ऐतिहासिक दृष्टिकोण से बौद्ध धम्म् के प्रसार के लिए अद्भुत कार्य कर रहे हैं। आपको शुभकामनाएँ। तथागत् सम्यक् सम्बुद्ध की आप पर अनंत करुणा हो....🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🍃🍃🍃🍃
Khan sir vikash divya kirti राजेन्द्र प्रसाद सर के सामने कुछ नही है क्योंकि ये लोग फ़र्ज़ी ज्ञान देते है असलियत कभी नही पढ़ाते ना ही इन दोनों का अपना कोई रिसर्च है मगर राजेन्द्र सर महान तर्कवादी और Researcher है और पुरी बात with evidance के साथ करते है इसलिए यह उन दोनों से बहोत ही शानदार टीचर है
@Psychologicalfacts843.आदरणीय साहबजी.नमो बुधाय.आप साहबजी यह चर्चासे सहमत नहीं हो?अगर आप साहबजीके पास एसा कोई आधार हो तो दिखा दीजिए.दिपक सुबोध .अहमदाबादसे.
धन्यवाद सर मोहनजोदडो की खुदाई में स्तुप मिले और आपने बताया पिछले साल ही कुषाण क़ालीन सिक्के मिले । कुषाण क़ालीन सभ्यता बौद्ध सभ्यता थी । मतलब वैदिक युग इतिहास का घालमेल है । सही कहा जो इतनी विकसित सभ्यता थी कैसे झोपड़ी में बदल गई । बुद्ध ही सत्य है । भारत बुद्धों की धरती है । नमोबुद्धाय
सर, ऐसा लगता है जैसे आप प्याज़ के छिलको की तरह इतिहास की परते अधेड़कर सचाई से रूबरू करा रहे हैं, छुपाए गए इतिहास की सच्चाई का दर्शन करा रहे हैं . बहुत बहुत साधुवाद के पात्र हैं आप . हम और आने वाली हमारी नश्ले आपकी सदैव ऋणी रहेगी।
प्राचीन मोहन जोदड़ो हड़प्पा में प्राप्त अवशेषों में ऊंचे ऊंचे, पक्के ईंटों से निर्मित भवन के निर्माण कर्ता विदेशी बर्बर आर्यों से निश्चित ही बहुत सभ्य और विकसित रहे होंगे | ❤❤❤
आपकी द्वारा सटीक,सत्य, साक्ष्य सहित अनकही एतिहासिक विवरण। इतिहासकारों ने इतिहास लेखन में बहुत से एतिहासिक साक्ष्यों का अनदेखा किया दिया है। आपने इतिहास की सही जानकारी के लिए मा० डॉ राजेन्द्र सिंह प्रसाद जी को बहुत बहुत धन्यवाद व साधुवाद।
सर क्या खूब सच्चा छिट्टा खोला है इन मक्कार झूठे मनुवादियों का किसी भी तरह का कोइ वैदिक काल नहीं था ना ही आर्यो का भारत आगमन उस काल खंड में था ये सभी मनुवादी इतिहास को गलत तरीके से व्याख्या करते है, नमो बुध।।।
आर्य सब भारत के मूल निवासी हैं यह अंग्रेजों की थ्योरी है डिवाइनएंड रूल चीनी यात्री फाह्यान हर्षवर्धन के टाइम में आया इसका अंग्रेजी संस्करण हुआ है उसे पुस्तक का मुझे नाम पता नहीं उसमें लिखा है हिंदू और बौद्ध भारत में बहुत अच्छी तरह मिलजुल कर रहते हैं एक दूसरे का सम्मान करते हैं यह सबकम्युनिस्ट धर्मनिरपेक्ष इतिहास कारों का गोलमाल है कि यहां बहुत और हि
@@PradeepSharma-ue1mm यदि आर्य मूल निवासी हैं तो सिन्धु सभ्यता में उनका R1A1 जीन क्यों नहीं है? आर्यों की भाषा प्राकृत और संस्कृत भारोपीय परिवार की भाषा क्यों हैं??
प्रोफेसर साहब आप अपने जैसे एक बढ़िजीवीयो की एक टीम बनाकर प्राचीन इतिहास सिंधुघाटी सभ्यता से लेकर आजतक का सिलसिले बार किताब 1, 2, 3,4, 5.... वॉल्यूम में लिखने की कृपा करें. वर्तमान में इतिहास की बहुत सारी किताबें पड़नी पडती है, किताबों को ढूढ़ना भी मुश्किल होता है आम लोगो को.
डॉ साहब यह तो हमे मालूम हो गया कि हमारी सभ्यता संस्कृति बहुत विशाल व सभ्य थी।।लेकिन हमसे क्या ऐसी गलती हो गई कि हम जातियों में बंट गई और भयंकर शोषण असमानता की पैदा हुई।हम बार बार अज्ञानी अनपढ़ पांखण्ड और गुलाम होते रहे।।हम कैसे पक्के मकानों से छप्पर में आ गए।।।इस पर भी विस्तृत चर्चा करने का कष्ट कर हम कभी फिर इतिहास को दोहरा पा रहे हैं।।।यहां तो सारी गंगा उल्टी बह रही है।।।🎉🎉🎉🎉🎉🎉
@@NIINDIAN853Sabhyata to wahi continue ho rhi h bs kabza kisi or ka h jisne apna dhandha set karne ke liye usme se buddh ko gayab kr itihas ko mithihas bana kr pracharit Kiya hua h or teez tyoharo ka swarup badal Diya h 🙏🏻🙏🏻
गलती हमारी नहीं होती यह तो ब्रिटिश अधिकारी ने जातियों में सब लोगों को बात और उसी को बाद में उन्होंने किस प्रकार से भारतीय राजनीति में घुसता की जातियां बनती ही गई और आजादी के बाद कांग्रेस ने कभी भारत के लोगों को एक होने का मौका नहीं दिया हमें जाती और तुष्टिकरण की राजनीति में सभी को अलग अलग कर दिया
@@YashKumar-s2s angrezo ne jatiyan bana di to mughlo ke time brahman jat gujar ahir rajput ch.....r kumhar teli Mali lohar aadi aadi jatiyan Kahan se aayi ....akl ke andho jatio ka ullekh boddh dharm ko khatm kr bne brahman dharm ke sath hi hone lagta h seedhi baat h jati vyavastha varn vyavastha ki tareh brahmano ki den h ..kuchh itihas bhi padh liya Karo or dimag jagao 😆🤣🤣🤣🤣🤣
सर, इसका सीधा सा मतलब यही है कि भारत का इतिहास लिखने अधिकतर भरामण लोग ही लिखा है जो भ्रम ही फैलाता है। भारत का इतिहास को इस भरामण जाति के लोग भ्रामक बना दिया।
Brahmana ne pura barbad kar diya tab tho brahmana ne bohut atyachar b kiye phir budh k anujaee aur budh itne din tak jibit kaise rahe ussi deah may Jainism Aur Budhism kaise bikshit hue
Prof. Singh sir, though I am Student and Professor of Science and Technology, but your fact finding ability and explanation has created a lot interest in me in the field of history especially BUDDHA'S era. Thank you very much. Stay always blessed sir 🙏 🎉 Namo Budhhay 🙏
जय हो सर जी आपकी जय हो, अब पुरा भारत का गाँव गाँव ब्लॉक ब्लॉक तहसील जिला शहर राज्य विद्यालय स्कूल शिक्षक प्रोफेसर पत्रकार वकील वैज्ञानिक ऐतिहासिक वैज्ञानिक भाषा लिपि के सबूत के साथ आपके द्वारा जागरूक होंगे जय संविधान जय मंडल कॉमिसन जय विज्ञान
आप जिस तरह सरलता से तथ्यों के साथ बात करते हो आपकी बात आसानी से सम्झ आती है.द्वेश ग्रसित वीडियो बनाने वाले ब्राहमण धर्मी बोध नास्तिको को यह कला सरलता आपसे सीखनी चाहिये❤❤
Saf saf ek hi baat hai sir ji ki ye jitni bhi historical chapters aur Vedic history batai Jaa rahi padhai ja rahi sab ek shariyantra ke wajeh se ki bharat ke log apne dharohar ko naa Jann paye humare Buddhism ki rich culture ko dafna ke banni hai ye Vedic period ye sab jitne bhi religious shariyantra Kari kitabe likhi gai ye humare history ko mitane ke liye fake kitabey kahaniya banai hai hai aap ka dhanyawad sir aap sach ujagar kar rahe hain Namo buddhay 💙🙏🏻
इतिहासकारों ने अपनी मानसिकता के अनुसार सच्चाई पर पर्दा डालकर इतिहास लिखा है झूठा इतिहास लेखन के कारण झूठी बात को सही मानने लगते है लोग । सच्ची जानकारी देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद
मैंने बहुत सारे इतिहास करो के बारे में आप जैसे कुछ लोगों से जो जाना है उसका सर यही निकलता है आठवीं सदी के बाद वैदिक युग शुरुआत हुई और इतिहास में घालमेल करना शुरू किया गया आदि अनंत तमाम बातें बतानी जाने लगी आजादी के बाद
सही कह रहो हो भाई गुप्त वंश भी कल्पना थी सातवाहन वंश भी कल्पना थी महात्मा बुद्ध की सभाएं भी वैदिक पालन लोगों के घर नहीं होती थी कोई भी चीनी यात्री भारत नहीं आया राजा हर्ष को पुलकिशन ने थोड़े ही हराया था वो समुद में डूब कर मर गया था हमारे यहां के लोग सुमात्रा द्विप पर जब गए जब अरब वालो ने आक्रमण किया कुछ भी जिस बात की जानकारी ना हो उसमे दखल अंदाज नहीं करनी चाहिए ये सत्य है कि सिंधु घाटी सभ्यता वैदिक सभ्यता के बाद की है बस अब अगर लिपि भाषा का सही बोध हो जाए तो सारी गुत्थियां सुलझ जायेगी
आर्यन (घोड़े वाले) पहले oxus civilization मे आकर बसे थे। हड़प्पा संस्कृति के लोग अपनी खेती को बचाने के लिए पुल बांध कर रखते थे। आर्यन अनपर आक्रमण करते रहते थे और उनके पुल तोड़कर उनकी खेती खराब कर देते थे। पुलों को इंद्र के द्वारा तोड़ने का जिक्र मिलता है। धीरे धीरे नॉन आर्यन अपने नगर घर छोड़कर जाने लगे। कई पीढ़ी बाद उत्तर भारत (कुरुक्षेत्र) में आर्यों और नॉन आर्यों के बीच युद्ध हुआ था। फिर वैदिक काल का आरम्भ हुआ। नॉन आर्यों की औरतों से शादी करके आर्यों ने अपने घर कुनबे बसा लिए। और गैर आर्यों को साउथ की तरफ भगा दिया। आर्य मांस खाते थे, घोड़े चलाते थे और हवन करते थे। उनको खेती नहीं आती थी। धीरे धीरे खेती और पशु पालन सीख लिया। कुछ पीढ़ियों बाद इन्हीं में से ब्राह्मण बने और समाज को बांटने लगे।
AAP ko hardik dhanyavad for humari sachi purani history ke bare mai batane ke liye..🙏. Aisa lagta hai Vadic sabhyata shankracharya se shuruat hui hogi.. tabhi toh Buddh and Asoka ka civilization totally destroy kar diya…
वृद्धि, सकारात्मक अथवा नकारात्मक हो सकती हैं किन्तु विकास , हमेशा सकारात्मक ही होता हैं । तात्पर्य यह हैं कि पक्के मकानों में रहने वाले कभी कच्चे व छोपड़ीनुमा मकानों में नही रहेगे ।
जागो बहुजन जागो मनुवादी पाखंडवादी असमानतावादी वर्ण व्यवस्था त्यागो अपने संवैधानिक हक अधिकार मांगो अपने महापुरुषों का गौरवशाली इतिहास को जानो उनकी मानवतावादी विचारधारा को मानो बहुजन समाज के दुश्मनो को पहचानो बहुजन एकता जिंदाबाद।
Ye abhi ke jo brahman he inke purkhone jo vaidik sabhyta wale the..ye sbse bade chor lutere the..aiyashi the...Inhone sb ithihas ko Andhere me rakha he...Ithihas ugagar karne ke liye aapka bahot sadhuwad sir..
लोगों ने अपने अपने द्रष्टि कौंण से इतिहास को देखा और लिखा है। सही इतिहास तो वह होगा जो मानव के समय समय पर विकास और पतन के बारे में लिखा जाय। सभी लिखित इतिहास में इतिहासकारों ने अपनी एक धारणा को जो उनके मन में थी, उसे स्थापित करने का कार्य किया है। मैं इस बात को मानने को बाध्य हूं कि इस संसार में मानव ने अनेक बार विकास किया और उस का पतन भी हुआ। विकास के बारे में हमारी आज जो समझ है उस के अलावा भी मानसिक और सामाजिक तौर पर कई और आयाम हो सकते हैं।अनेक पुराने अवषेशों को देखते हैं तो वे हमारे समझ से परे होते हैं,हम सोचने को मजबूर हो जाते हैं कि ऐसा कैसे हो सकता है, वह हमारे ज्ञान विज्ञान से परे होते हैं।
सम्भवतः नदियों की बाढ़ से जनसंख्या ने आस पास के ऊँची जगहों पर अपनी नई आबादी बसा ली होगी लेकिन पूर्णतया नष्ट हो गई यह तर्क वर्तमान नवीन शोध में गलत ही सिद्ध होता है। आपके तर्क बिल्कुल सटीक है कि आबादी व उनके पारम्परिक क्रियाकलाप बने रहे।
जब से श्रृष्टि बनी तब से तथागत बुद्ध हैं। जब कुछ नही था तब बुद्ध थे। बुद्ध पांच लाख साल पहले से हैं। सबसे पहले बुद्ध प्रकट हुए। फिर बुद्ध प्रकट हुए। उसके बाद फिर जो प्रकट हुए उनका नाम भी बुद्ध था। और सबसे अंत में जो बचेंगे वो भी बुद्ध ही होंगे।
बिल्कुल इस्लाम कॉन्सेप्टकी तरह लेकिन इससे पहले यहूदी शायद ईशा फिर उसके बाद अब मेंइस्लाम ऐसे ही भारत में वैदिक बौद्ध फिर वैदिक सनातन फिर इस्लाम आया फिर सिख धर्म गुरु आए
सर!सिंधु सभ्यता को नष्ट करने वाले हथियार यदि नहीं मिलते हैं तो उनको बनाने वाले औजार भी तो नहीं मिलते? पर एक बात तो सच है ही कि आर्य तब भी हमलावर थे और आज भी हमलावर हैं।जो आज हमलावर है वो कल हमलावर तो रहा ही होगा.
तार्किकती से हम समझ सकते हैं कि वैदिक सभ्यता पूरी तरह गप्प ही है।
आम लोगों की आंख खोलने के लिए ग्रेट सैल्यूट।❤
सरकार जो कोचिंग देती हैं सही है
@@Drkailashchauhansarkar politics nahi karegi to
Yahan ke logon ko control kaise karegi?
मेरे आदर्श मेरे गुरु जी को कोटि कोटि वंदन। गुरुदेव आपने भारत के सच्चे इतिहास को उजागर कर दिया है।
डा मुकुट सिंह बौद्ध (प्रधानाचार्य)
आज तक हम सभी को अंधेरे में रखा गया था लेकिन सर जी आप ने हमारी आँखे खोल दी बहुत बहुत धन्यवाद❤❤❤
Bahut bada baklel hai ye vyakti , matlab tumko dimag nahi hai ,jo isko sun rahe ho
गनीमत है केवल आंखें खोली हैं।
Ankhe khol di,😂😂
मोहन जोदड़ो देश के मूल निवासीयो के असली सबूत मिलता हैं।
@@ramsuratram7409 क्या सबूत मिला? जात प्रमाणपत्र?
यदि इस संसार में कोई पवित्र कार्य है, तो वह धम्म् का प्रचार करना है। दिल से धन्यवाद् । आप तर्क, सत्य, प्रमाण एवं ऐतिहासिक दृष्टिकोण से बौद्ध धम्म् के प्रसार के लिए अद्भुत कार्य कर रहे हैं। आपको शुभकामनाएँ। तथागत् सम्यक् सम्बुद्ध की आप पर अनंत करुणा हो....🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🍃🍃🍃🍃
Very nice
आदरणीय श्री राजेन्द्र प्रसाद सिंह जी , आप के द्वारा इतिहास की सही जानकारी प्राप्त हो रही है।❤हार्दिक❤ शुभकामनाएं बधाई । जय भीम नमो बुध्दाय।
दिक्कत आप लोगो के साथ यही है जो जैसा समझाया वैसे ही समझ लिए। खुद का दिमाग भी लगाइये और स्वंय का अध्ययन भी कीजिये।
शोधकर्ता विद्यार्थियों को आप के द्वारा दिए गये जानकारी से बोहोत फैयदा हो।
❤
आपने इतने गहराई से पकड़ कर तथ्यों को प्रमाणिकता से खोजकर रखा.. काफिले तारिफ है.. thanks..🌾🌾
Kabile tarif😅
बहुत-बहुत धन्यवाद मान्यवर डॉ राजेन्द्र सिंह जी 🙏🙏🙏🙏🙏
सर आप लाइट ऑफ एशिया के सर्च लाइट है नमन है आपको
😂Ap joke accha marte ho
😂
Inka ye gyan poori tarah se confusing Hai, ye apne sunnewalon ko dishaheen bana rahe Hai.
@@arunkumarkhareSHIV kaha se gyan lu, thoda batane ka kast karenge? Is haramkhor rajen sing se?
dishaheen to vedon purano ne kiya hai.
Khan sir vikash divya kirti राजेन्द्र प्रसाद सर के सामने कुछ नही है क्योंकि ये लोग फ़र्ज़ी ज्ञान देते है असलियत कभी नही पढ़ाते ना ही इन दोनों का अपना कोई रिसर्च है मगर राजेन्द्र सर महान तर्कवादी और Researcher है और पुरी बात with evidance के साथ करते है इसलिए यह उन दोनों से बहोत ही शानदार टीचर है
Learned aur scholar mein yahi antar hota hai
@mohammadinamullah9380 Yes
आदरणीय बहुजन समाजके सच्चे पथदशॅक. बहुजन समाजमें ओक्सिजन भरने वाले योद्धा.आदरणीय राजेंद्रप्रसाद साहबजी.नमो बुधाय.आपने समाजमें जागृति लाए हो .समाज आपका ऋणी रहेंगा.आपका दिपक सुबोध. अहमदाबाद .👃👃👃
सारी चर्चा का सरास यह निकलता है कि कोई वैदिक काल था ही नहीं।
हम आपसे 100%सहमत हैं
ये तो ऋग्वेद पढ़ के ही समझ आता है कि ये कोई बकवास है ,
मनगढ़ंत है ।
Great sir 👌👌👌
@Psychologicalfacts843.आदरणीय साहबजी.नमो बुधाय.आप साहबजी यह चर्चासे सहमत नहीं हो?अगर आप साहबजीके पास एसा कोई आधार हो तो दिखा दीजिए.दिपक सुबोध .अहमदाबादसे.
तुझे समझ में आ ही नही सकता @@KAUSHALKUMAR-pv5nc
हमें जम्बु दिपको 28 बुद्ध मिले और हमारे भविष्य के बुद्ध डॉ बाबासाहेब आंबेडकर जी को कहेंगें💙💙💙🙏🏼🙏🏼🙏🏼
29 वें बुद्ध अम्बेडकर जी थे
Amedkar is only a intellectual politician that's it he is not religious person or buddha. Understand??
Hain .....😅
Hain😅
सर आपको इतना अधिक ज्ञान है इतिहास और भाषा विज्ञान का आपको नमन 😊
NCERT को भी आपसे जानकारी लेना चाहिए।
एनसीईआरटी की इतिहास की किताबें पैसे दे कर और डरा धमकाकर लिखवाई जाती है।
Ncert ki phat jaegi
NCERT पंडा इतिहास के झूठ का घटिया पाठ्य सामग्री है।
सर राजेंद्र सिंह का बहुत बहुत धन्यवाद ज्ञानवर्धक बातें बताने के लिए प्रवेश चंद्र मौर्य जनपद भदोही
धन्यवाद सर मोहनजोदडो की खुदाई में स्तुप मिले और आपने बताया पिछले साल ही कुषाण क़ालीन सिक्के मिले । कुषाण क़ालीन सभ्यता बौद्ध सभ्यता थी । मतलब वैदिक युग इतिहास का घालमेल है । सही कहा जो इतनी विकसित सभ्यता थी कैसे झोपड़ी में बदल गई ।
बुद्ध ही सत्य है । भारत बुद्धों की धरती है ।
नमोबुद्धाय
कोई वैदिक युग नहीं है सब कुछ बौद्ध मय है।
कमाल का विष्लेषण, पहली बार इस दृष्टिकोण से इतिहास को जानने का अवसर मिला। बहुत ही अदभुत । लाखों लाइक्स भी कम हैं इस वीडियो के लिए.....
सर कई दिनों से आपके विडियो का इंतजार था।बहुत बहुत धन्यवाद
सही कहा गुरु जी आपने । भारत के इतिहास को दोबारा से लिखा जाए।
सर, ऐसा लगता है जैसे आप प्याज़ के छिलको की तरह इतिहास की परते अधेड़कर सचाई से रूबरू करा रहे हैं, छुपाए गए इतिहास की सच्चाई का दर्शन करा रहे हैं . बहुत बहुत साधुवाद के पात्र हैं आप . हम और आने वाली हमारी नश्ले आपकी सदैव ऋणी रहेगी।
माननीय श्री राजेन्द्र प्रसाद सिंह जी आपने बहुत अच्छी अच्छी जानकारी दिया करते हैं, इसके लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद।।
प्राचीन मोहन जोदड़ो हड़प्पा में प्राप्त अवशेषों में ऊंचे ऊंचे, पक्के ईंटों से निर्मित भवन के निर्माण कर्ता विदेशी बर्बर आर्यों से निश्चित ही बहुत सभ्य और विकसित रहे होंगे | ❤❤❤
तू है विदेशी हम मूल निवासी जय श्री राम जय बुद्ध
नमो बुद्धाय सर,
आप से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है,
ज्ञानवर्धन के लिए आपका आभार 🙏🏼🙏🏼
आपकी द्वारा सटीक,सत्य, साक्ष्य सहित अनकही एतिहासिक विवरण। इतिहासकारों ने इतिहास लेखन में बहुत से एतिहासिक साक्ष्यों का अनदेखा किया दिया है। आपने इतिहास की सही जानकारी के लिए मा० डॉ राजेन्द्र सिंह प्रसाद जी को बहुत बहुत धन्यवाद व साधुवाद।
ग्रेट वर्क जी 💐💐💐💐💐💐
❤ बेमिसाल तार्किक ढंग से जानकारी देने के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद, सारे झूठ इतिहासकारो केलिए आईना है। जय मूलनिवासी।
सर क्या खूब सच्चा छिट्टा खोला है इन मक्कार झूठे मनुवादियों का किसी भी तरह का कोइ वैदिक काल नहीं था ना ही आर्यो का भारत आगमन उस काल खंड में था ये सभी मनुवादी इतिहास को गलत तरीके से व्याख्या करते है, नमो बुध।।।
Arya kab aye the aye the bhi ki ni 😅
Dearest Dr you are a very truth teller with examples 🎉
आर्य यदि नहीं आए तो प्राकृत भाषा क्या आसमान से टपकी ??
आर्य सब भारत के मूल निवासी हैं यह अंग्रेजों की थ्योरी है डिवाइनएंड रूल
चीनी यात्री फाह्यान हर्षवर्धन के टाइम में आया इसका अंग्रेजी संस्करण हुआ है उसे पुस्तक का मुझे नाम पता नहीं उसमें लिखा है हिंदू और बौद्ध भारत में बहुत अच्छी तरह मिलजुल कर रहते हैं एक दूसरे का सम्मान करते हैं यह सबकम्युनिस्ट धर्मनिरपेक्ष इतिहास कारों का गोलमाल है कि यहां बहुत और हि
@@PradeepSharma-ue1mm यदि आर्य मूल निवासी हैं तो सिन्धु सभ्यता में उनका R1A1 जीन क्यों नहीं है?
आर्यों की भाषा प्राकृत और संस्कृत भारोपीय परिवार की भाषा क्यों हैं??
बहुत-बहुत साधुवाद आदरणीय सर,,🎉
जय भीम नमोबुद्धाय सर,,,❤
Ati sarahneey prastuti.namo Buddhay.
प्रोफेसर साहब आप अपने जैसे एक बढ़िजीवीयो की एक टीम बनाकर प्राचीन इतिहास सिंधुघाटी सभ्यता से लेकर आजतक का सिलसिले बार किताब 1, 2, 3,4, 5.... वॉल्यूम में लिखने की कृपा करें. वर्तमान में इतिहास की बहुत सारी किताबें पड़नी पडती है, किताबों को ढूढ़ना भी मुश्किल होता है आम लोगो को.
The Real Bahujan Journalist of India , Keep it up !!!!!!
Historian not journalists
Doing both jobs .... simultaneously without losing his temper ( dedicated to बहुजन समन ) .thanks
बहुत उत्कृष्ट तर्क है। सच्चाई को सामने लाने के लिए सच्चे इतिहासकार ही कर सकते हैं।
Sir आपने भारत के सही इतिहास का पुनः लेखन किया है, जय मूलनिवासी
ये तो खुद उच्च जाति का है मालिक
ऐसा महान विद्वान को प्रणाम करता हूँ।
बहुत अच्छा लगा आपकी बातों को सुनकर।
हमें इतिहास की सच्ची जानकारी देने के लिए हम आपके आभारी हैं 🙏🙏🙏🙏🙏
वैदिककाल कोरी कल्पना है जो सिर्फ किताबों में मिलते हैं जिसे लगभग एक हजार साल में वैदिक सभ्यता खड़ा किया गया ❤🎉❤🎉❤🎉❤
जय भीम नमो बुद्धाय 🎉🎉🎉
आर्य आगमन भी कोरी गप्प है
Right bro
Aap log angrejo ke dwara aapas mei ladwane ki policy ka
Shikar hue hai
आपस में लड़वाने पॉलिसी हजारों वर्ष पुरानी ही चली आ रही है ,केवल अंग्रेजों का ही नाम क्यों ले रहे है आप 😅
.@@rajugore235
अपने राजा महाराजाओं, संत, महापुरुषों का इतिहास बताने के लिए आपको बहुत-बहुत आभार।
डॉ साहब यह तो हमे मालूम हो गया कि हमारी सभ्यता संस्कृति बहुत विशाल व सभ्य थी।।लेकिन हमसे क्या ऐसी गलती हो गई कि हम जातियों में बंट गई और भयंकर शोषण असमानता की पैदा हुई।हम बार बार अज्ञानी अनपढ़ पांखण्ड और गुलाम होते रहे।।हम कैसे पक्के मकानों से छप्पर में आ गए।।।इस पर भी विस्तृत चर्चा करने का कष्ट कर हम कभी फिर इतिहास को दोहरा पा रहे हैं।।।यहां तो सारी गंगा उल्टी बह रही है।।।🎉🎉🎉🎉🎉🎉
बहुत सुंदर सवाल है कि हमारी सभ्यता कहां चली गई हय् है सर जी 🙏🙏🙏
@@NIINDIAN853Sabhyata to wahi continue ho rhi h bs kabza kisi or ka h jisne apna dhandha set karne ke liye usme se buddh ko gayab kr itihas ko mithihas bana kr pracharit Kiya hua h or teez tyoharo ka swarup badal Diya h 🙏🏻🙏🏻
जिन्हें जातियां बता कर फैलाया गया है ये सब हमारी बौद्ध परंपरा में उपाधि हुआ करती थी इन्हीं को ब्राह्मण टुच्चे ने जातियां बता कर फैलाया
गलती हमारी नहीं होती यह तो ब्रिटिश अधिकारी ने जातियों में सब लोगों को बात और उसी को बाद में उन्होंने किस प्रकार से भारतीय राजनीति में घुसता की जातियां बनती ही गई और आजादी के बाद कांग्रेस ने कभी भारत के लोगों को एक होने का मौका नहीं दिया हमें जाती और तुष्टिकरण की राजनीति में सभी को अलग अलग कर दिया
@@YashKumar-s2s angrezo ne jatiyan bana di to mughlo ke time brahman jat gujar ahir rajput ch.....r kumhar teli Mali lohar aadi aadi jatiyan Kahan se aayi ....akl ke andho jatio ka ullekh boddh dharm ko khatm kr bne brahman dharm ke sath hi hone lagta h seedhi baat h jati vyavastha varn vyavastha ki tareh brahmano ki den h ..kuchh itihas bhi padh liya Karo or dimag jagao 😆🤣🤣🤣🤣🤣
हम इस देश के शासक थे और "हम फिर शासक होंगे"
Kaise utube dekhkar
आप की सोच और खोज और समझने की शैली को हम दिल से नमन करते हैं नमो बुद्धाय एक वीडियो आप राजा पोरस और सिकंदर के समय का बनाया समय के साथ
बहुत अच्छी ऐतिहासिक जानकारी।
श्रृंखला जारी रहेगी।
Kuch bhi gapod do tum yahan the vahi rahoge 😂
@@VanrajsinghVansjungleegapod shankh to tum logo ka hai. Ham log to sirf sacchai ka pata laga rahe hai
@@NewworldBaby-p6r ha ha accha fir bata buddha kaise paida hue the??aur kahan se??
सर, इसका सीधा सा मतलब यही है कि भारत का इतिहास लिखने अधिकतर भरामण लोग ही लिखा है जो भ्रम ही फैलाता है। भारत का इतिहास को इस भरामण जाति के लोग भ्रामक बना दिया।
ब्राह्मण ख़ुद अपने आप में भर्मित है, परन्तु चालाक बहुत है।😮
British ke likha itihas
Brahmana ne pura barbad kar diya tab tho brahmana ne bohut atyachar b kiye phir budh k anujaee aur budh itne din tak jibit kaise rahe ussi deah may Jainism Aur Budhism kaise bikshit hue
Prof. Singh sir, though I am Student and Professor of Science and Technology, but your fact finding ability and explanation has created a lot interest in me in the field of history especially BUDDHA'S era. Thank you very much. Stay always blessed sir 🙏 🎉 Namo Budhhay 🙏
Dr Rajendra Prasad Singh ji ka Nishpakshta se Itihas ka darshan karane par Tahe dil se Jai Bhim, Jai Asok,Namo buddhay.❤️🙏
निष्पक्षता सिर्फ एक विचारधारा को बढ़ावा दे ये कैसी निष्पक्षता है।
नमो बुद्धाय जय सम्राट...☸️
बहुत ही ज्ञानवर्धक जानकारी
जय हो सर जी आपकी जय हो, अब पुरा भारत का गाँव गाँव ब्लॉक ब्लॉक तहसील जिला शहर राज्य विद्यालय स्कूल शिक्षक प्रोफेसर पत्रकार वकील वैज्ञानिक ऐतिहासिक वैज्ञानिक भाषा लिपि के सबूत के साथ आपके द्वारा जागरूक होंगे
जय संविधान जय मंडल कॉमिसन जय विज्ञान
आप का सराहनिय प्रयास...नमो बुद्धा.जय भीम
Thanks for more information sadhubad namobudhay
राजेंद्र प्रसाद सिंह जी लॉजिकल फैक्ट्स पर इतिहास का एनालिसिस करते हैं जो बहुत ही शिक्षा प्रद है।
बहुत सही जानकारी दी है सर आपने धन्यवाद।
, सच में आज के सबसे बेस्ट टीचर में से आप एक है, इतनी गहराई से इतिहास पर कोई बोल नही पाया जितनी आप बोल रहे है 🙏
जानकारी देने के लिए सर आपको बहुत बहुत साधुवाद
SUKRIYA SIR JI💙🙏💙
Sir apke jese aur 15-20 bahujan itihaaskaar aur bhasha vaigyanik humare samaj ko jagane k liye chahiye 🙏💙💛❤️🤍🧡
प्रोफेसर साहब आपको कोटि कोटि नमन अच्छी जानकारी उचित विश्लेषण के लिए धन्यवाद
जब तक घर का भेधी विभीषण ना हो तब तक दुश्मन हम पर विजय प्राप्त कर ही नहीं सकता है 💯
आप जिस तरह सरलता से तथ्यों के साथ बात करते हो आपकी बात आसानी से सम्झ आती है.द्वेश ग्रसित वीडियो बनाने वाले ब्राहमण धर्मी बोध नास्तिको को यह कला सरलता आपसे सीखनी चाहिये❤❤
आप नित्य नूतन , तार्किक और रोचक तथ्य के साथ आते है।
गूढ़ जानकारी आपने दिया।
बहुत बहुत धन्यवाद, डॉक्टर साहब।
Saf saf ek hi baat hai sir ji ki ye jitni bhi historical chapters aur Vedic history batai Jaa rahi padhai ja rahi sab ek shariyantra ke wajeh se ki bharat ke log apne dharohar ko naa Jann paye humare Buddhism ki rich culture ko dafna ke banni hai ye Vedic period ye sab jitne bhi religious shariyantra Kari kitabe likhi gai ye humare history ko mitane ke liye fake kitabey kahaniya banai hai hai aap ka dhanyawad sir aap sach ujagar kar rahe hain
Namo buddhay 💙🙏🏻
इतिहासकारों ने अपनी मानसिकता के अनुसार सच्चाई पर पर्दा डालकर इतिहास लिखा है झूठा इतिहास लेखन के कारण झूठी बात को सही मानने लगते है लोग । सच्ची जानकारी देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद
मैंने बहुत सारे इतिहास करो के बारे में आप जैसे कुछ लोगों से जो जाना है उसका सर यही निकलता है आठवीं सदी के बाद वैदिक युग शुरुआत हुई और इतिहास में घालमेल करना शुरू किया गया आदि अनंत तमाम बातें बतानी जाने लगी आजादी के बाद
सही कह रहो हो भाई गुप्त वंश भी कल्पना थी सातवाहन वंश भी कल्पना थी महात्मा बुद्ध की सभाएं भी वैदिक पालन लोगों के घर नहीं होती थी कोई भी चीनी यात्री भारत नहीं आया राजा हर्ष को पुलकिशन ने थोड़े ही हराया था वो समुद में डूब कर मर गया था हमारे यहां के लोग सुमात्रा द्विप पर जब गए जब अरब वालो ने आक्रमण किया
कुछ भी
जिस बात की जानकारी ना हो उसमे दखल अंदाज नहीं करनी चाहिए
ये सत्य है कि सिंधु घाटी सभ्यता वैदिक सभ्यता के बाद की है बस अब अगर लिपि भाषा का सही बोध हो जाए तो सारी गुत्थियां सुलझ जायेगी
Excellent Professor Saheb,Keep it up !!!!!!
There is similarity between Vedic period and oxus civilization (BMAC)
आर्यन (घोड़े वाले) पहले oxus civilization मे आकर बसे थे। हड़प्पा संस्कृति के लोग अपनी खेती को बचाने के लिए पुल बांध कर रखते थे। आर्यन अनपर आक्रमण करते रहते थे और उनके पुल तोड़कर उनकी खेती खराब कर देते थे। पुलों को इंद्र के द्वारा तोड़ने का जिक्र मिलता है। धीरे धीरे नॉन आर्यन अपने नगर घर छोड़कर जाने लगे। कई पीढ़ी बाद उत्तर भारत (कुरुक्षेत्र) में आर्यों और नॉन आर्यों के बीच युद्ध हुआ था। फिर वैदिक काल का आरम्भ हुआ। नॉन आर्यों की औरतों से शादी करके आर्यों ने अपने घर कुनबे बसा लिए। और गैर आर्यों को साउथ की तरफ भगा दिया। आर्य मांस खाते थे, घोड़े चलाते थे और हवन करते थे। उनको खेती नहीं आती थी। धीरे धीरे खेती और पशु पालन सीख लिया। कुछ पीढ़ियों बाद इन्हीं में से ब्राह्मण बने और समाज को बांटने लगे।
AAP ko hardik dhanyavad for humari sachi purani history ke bare mai batane ke liye..🙏. Aisa lagta hai Vadic sabhyata shankracharya se shuruat hui hogi.. tabhi toh Buddh and Asoka ka civilization totally destroy kar diya…
बहुत ही बढ़िया और ज्ञानवर्धक जानकारी के लिए आभार आपका
Dear Dr.Rajendra sir ji good evening aap ko dil se Abhaar Namo buddhay Jai bhim Jai samvidhan Jai vigyan Jai bharat Jai mulnivasi 🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
वृद्धि, सकारात्मक अथवा नकारात्मक हो सकती हैं किन्तु विकास , हमेशा सकारात्मक ही होता हैं ।
तात्पर्य यह हैं कि पक्के मकानों में रहने वाले कभी कच्चे व छोपड़ीनुमा मकानों में नही रहेगे ।
बोहोत खुब धन्यवाद साधुवाद सलाम अभीनंदन सर जी 🙏 🙏 🌹 🌹 👌👌👌👌👌👌👌👌
आपके लिए मंगलकामनाएं स्वस्थ रहें दीर्घायु हों
Jay Bheem Namo buddhay sar aapane Itihaas Ko ujagar Kiya
Behtareen tarike se aapne samjhaya singh sir 💝🙏🏻
Aapka bahut bahut dhanyawad hai hamesha mehetwapurn jankari dene ke liye
इतना झूठा इतिहास पढ़ाया गया है हमको की अपने ही देश की सभ्यता से अनजान थे हम लोग
और झूठे और काल्पनिक पात्रों को सही मान रहे थे।
Thank you Sir ❤❤
सर जी आपके चरणों में कोटि कोटि नमन ❤जो आप सोये हुये समाज को जागरूक कर रहे हैं जी❤
जय भीम जय संविधान जय बहुजन साहब 🎉
आप ने बहुत ही सुन्दर और बेहतरीन जानकारी प्रदान किए हैं साहब आपको बारंबार साधुवाद भीमवाद ❤🎉🎉❤
👏👏👏 pramano ke saath baaton ko rakhne ka accha prayas anukarneey.
NAMO BUDDA JAI BHIM🙏 JAI SAMRAAT🙏🙏
Sachai ki ujagar, tarka aur sabut ke sath. Jai ho Prof sahab ki.
सिंधु घाटी की सभ्यता और संस्कृति आज से उन्नत थी
कम से कम नालियां आज की तरह बजबजाती नहीं रहती थी
Atyant sahi sateek evm gyanvardhak video dhanyavaad sir🙏🌹
Pranam gurujii
आपने बहूतही तर्कशुद्ध स्पष्टीकरण दिया है. जयभीम, नमो बुध्दाय, जय संविधान .
जागो बहुजन जागो मनुवादी पाखंडवादी असमानतावादी वर्ण व्यवस्था त्यागो अपने संवैधानिक हक अधिकार मांगो अपने महापुरुषों का गौरवशाली इतिहास को जानो उनकी मानवतावादी विचारधारा को मानो बहुजन समाज के दुश्मनो को पहचानो बहुजन एकता जिंदाबाद।
हा जाग गए, अब बताओ क्या कहना है 😂
आपके द्वारा जो ज्ञान दिया जा रहा अति अवस्यक है जो वीडियो के द्वारा नई पीढ़ी (बच्चो)को दिया जाए इसके लिए मैं तैयार हू
Vedic period ❌kalpanik period ✔️. 💯💯🖌️💯💯💯
कोटि कोटि प्रणाम
बहुत नेक काम कर रहे है आप
Ye abhi ke jo brahman he inke purkhone jo vaidik sabhyta wale the..ye sbse bade chor lutere the..aiyashi the...Inhone sb ithihas ko Andhere me rakha he...Ithihas ugagar karne ke liye aapka bahot sadhuwad sir..
सही बात ये ब्राह्मण ख़ुद चोर लुटेरे, अइयाश, व्यभिचारी, बलात्कारी थे परन्तु बताते दूसरी सभ्यता को हैं।
आप ने हमारी आँखे खोल दी बहुत बहुत धन्यवाद
Jay Bheem namo budhay Jay samvidhan Jay bharat
Bahut badhiya sar ji aap jaise udarvadi itihaas ke vaigyanik ki hamare Desh aur samaj ko bahut jarurat hai
कोटि कोटि धन्यावाद सर सही इतिहास बताने के लिए !🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Bahut bahut dhanyawad sir
आपके समझानें कि कला बहुत सुंदर है जल्दी समझ में आ जाते हैं ❤
लोगों ने अपने अपने द्रष्टि कौंण से इतिहास को देखा और लिखा है। सही इतिहास तो वह होगा जो मानव के समय समय पर विकास और पतन के बारे में लिखा जाय। सभी लिखित इतिहास में इतिहासकारों ने अपनी एक धारणा को जो उनके मन में थी, उसे स्थापित करने का कार्य किया है। मैं इस बात को मानने को बाध्य हूं कि इस संसार में मानव ने अनेक बार विकास किया और उस का पतन भी हुआ। विकास के बारे में हमारी आज जो समझ है उस के अलावा भी मानसिक और सामाजिक तौर पर कई और आयाम हो सकते हैं।अनेक पुराने अवषेशों को देखते हैं तो वे हमारे समझ से परे होते हैं,हम सोचने को मजबूर हो जाते हैं कि ऐसा कैसे हो सकता है, वह हमारे ज्ञान विज्ञान से परे होते हैं।
Aapke Gyan aur behtar jaankari se hum prakasit ho rahe he
सम्भवतः नदियों की बाढ़ से जनसंख्या ने आस पास के ऊँची जगहों पर अपनी नई आबादी बसा ली होगी लेकिन पूर्णतया नष्ट हो गई यह तर्क वर्तमान नवीन शोध में गलत ही सिद्ध होता है। आपके तर्क बिल्कुल सटीक है कि आबादी व उनके पारम्परिक क्रियाकलाप बने रहे।
आपने बहुत अच्छी जानकारी दी। आपके अनुसार कुषाण काल तक एक क्षेत्र आबाद था
जब से श्रृष्टि बनी तब से तथागत बुद्ध हैं।
जब कुछ नही था तब बुद्ध थे।
बुद्ध पांच लाख साल पहले से हैं।
सबसे पहले बुद्ध प्रकट हुए।
फिर बुद्ध प्रकट हुए।
उसके बाद फिर जो प्रकट हुए उनका नाम भी बुद्ध था।
और सबसे अंत में जो बचेंगे वो भी बुद्ध ही होंगे।
इतनी क्यों जल रही है 😂😂😂
बिल्कुल इस्लाम कॉन्सेप्टकी तरह लेकिन इससे पहले यहूदी शायद ईशा फिर उसके बाद अब मेंइस्लाम
ऐसे ही भारत में वैदिक बौद्ध फिर वैदिक सनातन फिर इस्लाम आया फिर सिख धर्म गुरु आए
सर!सिंधु सभ्यता को नष्ट करने वाले हथियार यदि नहीं मिलते हैं तो उनको बनाने वाले औजार भी तो नहीं मिलते? पर एक बात तो सच है ही कि आर्य तब भी हमलावर थे और आज भी हमलावर हैं।जो आज हमलावर है वो कल हमलावर तो रहा ही होगा.
Tu manuwadi hai budh ka bhi maza bana rha hai ye sab likh ke
😆😆😆😆
इस विडियो को जब भी मैं,देखता हूं,बहुत हसी आती है,,,,जय हो गुरु देव ,,,,
ईरानी फारसी ही आज के ब्राह्मण है ।