Hello Ateet Sir ❤❤❤ अतीत सर गिरनार (जूनागढ़ - गुजरात) पे आज हिन्दू (ब्राह्मण धर्म) का कब्जा है, लेकिन प्राचीन सबूतों की बात करे तो बौद्धों और जैनों के ही मिलते है, इसपे आपका क्या कहना है ?❤❤❤
सर आपके चैनल के कारण सही इतिहास जानने में लोगों की रुचि बढ़ती ही जा रही है...बहुत इच्छा है जल्द ही काबिल हो सकूं ताकि आप जैसे लोगो की सहायता पैसों से भी करके देश की सेवा कर सकूं अभी तो सिर्फ view दे के ही कर सकते हैं आप और आपकी टीम सच्चे हीरो हैं जो बिना लालच के अपना पैसा और समय लगा के चुपचाप सेवा में लगे हैं।
आश्चर्य की बात है कि दुनिया की सभी सभ्यताओं ने कुछ न कुछ लिखा है। किसी ने मिट्टी पर, किसी ने दीवारों पर, किसी ने पेड़ों पर तो किसी ने चमड़े पर। लेकिन ये एक सभ्यता थी जिसे श्रुति साहित्य कहते हैं जो इंतज़ार कर रही थी। कब कागज़ आएगा और हम उस समय का इतिहास लिखकर प्राचीन हो जाएँगे।😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂
प्रणाम आचार्य जी।। इक्ष्वाकु वंश के राजा यदि भारतीय नहीं थे तो भगवान की कहानी क्या एक कथा मात्र है?? मेरा मन तो यही स्वीकार करने लगा है क्योंकि ऐतिहासिक प्रमाणों से ये तो सिद्ध होता ही है। क्या किया जाए वास्तविक इतिहास से प्रगाढ़ प्रेम जो है।।। ❤❤❤
Dear - जिस दिन आपको भारत का सच्चा इतिहास पता चलेगा उस दिन सारे भगवानों से आपको नफरत हो जाएगी | हमारी टीम कभी-कभी यही सोचकर भगवानों के ऊपर वीडियो नहीं बनाती है, क्योंकि आप लोगों की उनमें गहरी आस्था है | आपकी आस्था का हमारी टीम पूरी तरह से सम्मान करती है 🙏
Dear - ऋग्वेद के कुछ मंडलों की रचना बहुत बाद में हुई है। ऋग्वेद के कुछ मंडल बहुत प्राचीन भी हैं, जो प्राचीन है उनमें आपको वर्ण व्यवस्था का उल्लेख देखने को नहीं मिलेगा |
सर जितना आपके चैनल की विडियो का इंतजार होता है उतना तो किसी फिल्म का भी नहीं होता! हर बार एक से एक नई नई जानकारीयां प्रदान कर इतिहास से जुड़े मिथकों को दूर करते हो। कृपया एक विडियो विदेशी बमन और समन बमन में अंतर पर बनाइए। तथा सबूतों के आधार पर बताइए की कब विदेशी बरमनो ने बौद्ध विद्वान सूचक शब्द बमन को पूरी तरह कब्जा लिया? 🤔😒🙏
थोड़ा संसोधन कर दू - पढ़के नहीं सुनके - कोई ही विद्वान इतने सारे ग्रंथो को सुन के यहाँ तक नहीं ला सकता है - और उससे बड़ा प्रश्न यह उठता है कि किसने कोई भी ग्रन्थ सिर्फ बोल के रचा दिया क्रमबद्ध तरीके से जब पाणिनि का भाष्य ही नहीं आया था अस्तित्व में और लोग बहुत सारे alphabets को जानते ही नहीं थे और कई वर्णमाला के शब्दों से-हलन्त-विसर्ग-मात्राओं से अनभिज्ञ थे और फिर क्रमबद्ध तरीके से उसको दसवीं सदी तक ढो के लाया सिर्फ सुनके (स्मरण करके) - इतिहास का सबसे बड़ा घालमेल - अपना विदेशी पहचान छुपाने के लिए ऐसा थोपा जा रहा है हम पर - जब बुद्ध के समय ब्राम्हण के लिए बमड़ शब्द प्रयोग किया जाता था और बमड़ का मतलब जो आचार्य जैसा जो शिक्षा देता हो और जिसका जनम से कोई मतलब नहीं होता था कि वह जनम से बमड़ है मतलब जात से |||
You and your team ko bahut bahut thanks for lessons of ancient times and religious history..I watched Turkish series before ottoman and they showed morpanks in their mukuts, tilak..
सर स्वस्तिक चिन्ह तो सिंधु घाटी सभ्यता से पहले भी मध्य एशिया में पाया जाता है तो क्या उसे सिर्फ सिंधु घाटी सभ्यता और समन परंपरा से जोड़ना कहां तक उचित है ?
Dear - जो लोग स्वयं को भगवान राम का वंशज मानते हैं उन्हें खुद ही पता नहीं है कि भगवान राम का असली नाम क्या है ? जो समाज आज तक यह सोचकर जी रहा है कि मैं श्री राम का वंशज हूं जब उन्हें श्री राम का असली नाम पता चलेगा तो उनका क्या हाल होगा । यह सोचकर वीडियो नहीं बना रहा हूं ।
प्राचीन भारत में गुरु शिष्य परम्परा थी ।गुरु शिष्य को सारा ज्ञान सुनाते थे और शिष्य उसको आत्मसात करके स्मरण करते थे।यह ज्ञान एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक इसी प्रकार पहुंचता था।जब लिपि का अविष्कार हुआ तो यह ग्रन्थ लिपिबद्ध अर्थात लिखे जाने लगे।एक बात का स्मरण अवश्य रखा जाना चाहिए कि बाहरी आक्रमणकारियों ने हमारे देश में धन लूटने के साथ साथ ज्ञान को नष्ट करने के लिए पुस्तकालयों को भी अग्नि के हवाले कर दिया था।तक्षशिला में तो फिर भी कुछ पुस्तकें यवनों ने बचा ली थी व यूनान ले गए थे।पर इस्लामिकों ने तो सब कुछ नष्ट ही किया।वेदों को तो अपौरुषेय कहा गया है,वह तो ईश्वर की वाणी से उतपन्न हुए माने जाते हैं।दूसरी बात यह है कि, हमारी भारतीय संस्कृति ईरान तक फैली थी ,दूसरी ओर तिब्बत पर भी भारतीय संस्कृति ही थी,क्योंकि शिवजी के कैलाश मानसरोवर के विषय में सभी धर्म ग्रन्थों में वर्णित है,यह सब तो प्रमाणित ही है।वेद केवल दो ढाई हजार साल पहले के हैं कहना ठीक नहीं है।ढाई हजार साल पहले का तो हमारा विक्रम सम्वत पंचांग ही है।उससे पहले भी अनेक महान राजाओं ने अपने सम्वत निकाले थे।फिर भारत कोई मोहनजोदड़ो या हड़प्पा तक ही नहीं था,उससे पहले भी था।गंगा जी के पृथ्वी पर आने की कथा ही उससे पहले की है।कोई खोज ही कहाँ की गई।सभी प्राचीन नदी घाटियों की सभ्यताओं की खोज की जाए तो सच्चा इतिहास पता चले।दूसरे विजेता तो अपने अनुसार इतिहास लिखवाकर चले गए।उनमें कितना प्रामाणिक है ,कहा नहीं जा सकता।जो प्रमाण मिल चुके हैं वही सही माने जा सकते हैं।
Dear - कुछ समय पहले अज्ञात लोगों ने हमारे सिस्टम को खराब कर दिया था जिसमें लैपटॉप, डेस्कटॉप, माइक, हार्ड ड्राइव सब कुछ शामिल था | लगभग 2 लाख 17 हजार समान था । यह सब सामान खरीदने में मुझे थोड़ा समय लगेगा, क्योंकि यूट्यूब से इतना पैसा नहीं आता है | रिसर्च करने में भी हमारा व्यक्तिगत पैसा खर्च हो जाता है । अभी हम लोग दूसरे के सिस्टम से अपना काम चला रहे हैं । आपको थोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा 🙏
Sir Ramayana Puran aur Mahabharat se bhi hame ancient dynasty aur states ke bare me pta chlta hai jo 6th century BCE ke hain kaise ? Wo bhi after 1000 AD ke hain
Rigveda ke koi bhi Evidence nhi milte 14th century AD se pehle lekin Shruti kya 1000 -2000 saal kaise chal sakti har generation mein distortion hoga Lekin classical sanskrit ke 8th century AD ke pehle Evidence nhi milte Kya aisa nhi hota word rigveda ka mtlb pehle kuch aur tha aaj kuch aur Sir ek page vedas ka 1464AD ka hai page mila lekin aaj ka vedas pichle 100-200 years mein kyu nhi likhe gye hoo sakte hai
Dear - उन बेचारे बच्चों के पास कोई कंटेंट नहीं है इसीलिए वो एक्सपोज करने को ही अपना कंटेंट समझते हैं । जब जब वह मुझे एक्सपोज करते हैं, तब तब उनके समर्थक मेरे वीडियो को देखने आते हैं इससे मुझे फायदा होता है |
आपका शुक्रिया , शब्द " स्वस्तिक " और " शिव लिंग " इसका origin कहाँ से है । इसका किसी को नहीं पता केवल किस्से और कहानियाँ हैं । इसकी खोज कर के कृपया बताएं
sir jo kamandal (lote jaisa patra) rishiyo k htaho me dikaya jata hai waisa hi kamadal sumeriyan or babyloniyans ki murtiyo me hai par bhartiyo ki boudho ki jaino ki prarambik murtiyo ya chitro me nahi dikta
Dear - तिवारी जी आपके पूर्वज तो स्वयं सनातन धर्म को नहीं मानते थे । टोनी जोसेफ की एक किताब है आप उसे पढ़ लेना जिसमें बताया गया है कि तिवारी ब्राह्मण ही भारत में सबसे आखिरी में आए थे । कहो तो किताब खोलकर ही दिखा दूं 🙏 अगर मैंने ग्रंथों को खोल कर पढ़ाना शुरू किया तो आप जैसे बहुत से लोगों को तकलीफ होगी, और मैं आपको तकलीफ देना नहीं चाहता क्योंकि मेरा काम समाज में नफरत फैलाना नहीं है 🙏 मैं किसी की आलोचना नहीं करता बल्कि सच बताता हूं जिसे आप लोग आलोचना समझते हैं ।
सर आप बोल रहे हो कि... वैदिक परंपरा का चलन सिकंदर के साथ तो बौद्ध साहित्य में ब्राह्मणों का नाम कैसे आता है? और तीन वेदों का आप का कहना सही हैं, मैंने सुना है कि, इ. स. पूर्व में तीन वेद ही थे बाद में चौथा वाला वेद जोड़ लिया, जिसका नाम अथर्ववेद था।
Dear - बौद्ध धर्म के एक भी ग्रंथ अंग्रेजों के समय से पहले भारत में उपलब्ध नहीं थे, तो फिर बौद्ध धर्म के ग्रंथ किसने लिखे? यह सब पता करो जवाब स्वयं ही मिल जाएगा ।
गौतम बुद्ध द्वारा जो सत्य का मार्ग बताया गयाहै और किसी ने नहीं बताया है धर्म जाति पात उनका उदय दसवीं आठवीं दसवीं शताब्दी बाद हुआ है इतिहास का जितने भी किताब की भाषण सब बकवासलिखी हुई है परमात्मा आत्मा है परमेश्वरी एक ही है जिस प्रकार सृष्टि नियमों से चलतीरहेगी इस प्रकार कारण अपने नियमों सेचलेंगे
सर इंद्र ओर ब्रह्मा का उल्लेख त्रिपिटक में बहुत बार हुआ है भगवान बुद्ध 31 लोक का उल्लेख करते है इसमें ब्रम्ह लोक ओर इंद्र लोक का उल्लेख है पाली में इंद्र को इन्द कहते है त्रिपिटक में हमे उल्लेख मिलता है कि सहंपति ब्रम्हा ब्रह्मलोक से आकर भगवान बुद्ध को उपदेश करने की याचना करता है
श्रीमान आपकी टीम अच्छा कर रही है ,लेकिन सत्य से कोसों दूर।मनु दक्षिण से उत्तर गए थे,एलाम भारत और लंका से सम्पूर्ण संस्कृति संबंधित हैं, बलगोंडा 37000yrs ago, ईख का रोपण South East Asia 12000yrs पूर्व।
इतिहास के बारे में आप बता रहे हैं इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद
इतीहासका उच्च कोटीका ज्ञान आपके पास है. वह ज्ञान आप पुरी दुनियाको बाटरहे है. उच्चतम विश्लेषण, सटीक जानकारी. आपका शुक्रीया
Hello Ateet Sir ❤❤❤ अतीत सर गिरनार (जूनागढ़ - गुजरात) पे आज हिन्दू (ब्राह्मण धर्म) का कब्जा है, लेकिन प्राचीन सबूतों की बात करे तो बौद्धों और जैनों के ही मिलते है, इसपे आपका क्या कहना है ?❤❤❤
हां सही बात है ।
सर आपके चैनल के कारण सही इतिहास जानने में लोगों की रुचि बढ़ती ही जा रही है...बहुत इच्छा है जल्द ही काबिल हो सकूं ताकि आप जैसे लोगो की सहायता पैसों से भी करके देश की सेवा कर सकूं अभी तो सिर्फ view दे के ही कर सकते हैं आप और आपकी टीम सच्चे हीरो हैं जो बिना लालच के अपना पैसा और समय लगा के चुपचाप सेवा में लगे हैं।
बहुत ही अच्छी जानकारी ।
भारत में कोई वैदिक काल नही थी।
ए केबल एक धार्मिक प्रोपोगंडा है
सर आपकी वजह से हमें बहुत सारा ज्ञान प्राप्त हुआ है ...आप जो बुक बतातें हो हम ने बहुत सारे बुक मंगवाए है ...
आपको बहुत धन्यवाद सर..
जय प्रबुद्ध भारत
नमस्कार सर,
मैं इस विषय का बेसब्री से इंतजार कर रहा था, मेरी कई शंकाएं मिट गयीं । अत्यंत महत्वपूर्ण जानकारी देने के लिए आपका बहुत बहुत आभार 🙏🏼🙏🏼
Thanks! JayBhim NamoBudha JaySavidhan JayBharat 💙💙💙🙏🙏🙏
🙏
डियर अतीत सर! कितना धन्यवाद करें ? कितनी बार करें ?? एक ही तो दिल है ...कितनी बार लूटेंगे आप ?????गुड नाईट 🌹❤
आश्चर्य की बात है कि दुनिया की सभी सभ्यताओं ने कुछ न कुछ लिखा है। किसी ने मिट्टी पर, किसी ने दीवारों पर, किसी ने पेड़ों पर तो किसी ने चमड़े पर। लेकिन ये एक सभ्यता थी जिसे श्रुति साहित्य कहते हैं जो इंतज़ार कर रही थी। कब कागज़ आएगा और हम उस समय का इतिहास लिखकर प्राचीन हो जाएँगे।😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂
प्रणाम आचार्य जी।। इक्ष्वाकु वंश के राजा यदि भारतीय नहीं थे तो भगवान की कहानी क्या एक कथा मात्र है?? मेरा मन तो यही स्वीकार करने लगा है क्योंकि ऐतिहासिक प्रमाणों से ये तो सिद्ध होता ही है। क्या किया जाए वास्तविक इतिहास से प्रगाढ़ प्रेम जो है।।। ❤❤❤
Dear - जिस दिन आपको भारत का सच्चा इतिहास पता चलेगा उस दिन सारे भगवानों से आपको नफरत हो जाएगी | हमारी टीम कभी-कभी यही सोचकर भगवानों के ऊपर वीडियो नहीं बनाती है, क्योंकि आप लोगों की उनमें गहरी आस्था है | आपकी आस्था का हमारी टीम पूरी तरह से सम्मान करती है 🙏
ऋग्वेद के सबसे पुराने माने जाने वाले मंडलों में ब्रह्मा/ब्रह्म का उतना जोर-शोर से उल्लेख क्यों नहीं मिलता जितना कि अपेक्षाकृत नए मंडलों में मिलता है?
Dear - ऋग्वेद के कुछ मंडलों की रचना बहुत बाद में हुई है। ऋग्वेद के कुछ मंडल बहुत प्राचीन भी हैं, जो प्राचीन है उनमें आपको वर्ण व्यवस्था का उल्लेख देखने को नहीं मिलेगा |
जय हिंद सर l 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🙏 नमो बुद्ध l नमो नमः ll 🙏❤
🙏
सर जितना आपके चैनल की विडियो का इंतजार होता है उतना तो किसी फिल्म का भी नहीं होता! हर बार एक से एक नई नई जानकारीयां प्रदान कर इतिहास से जुड़े मिथकों को दूर करते हो। कृपया एक विडियो विदेशी बमन और समन बमन में अंतर पर बनाइए। तथा सबूतों के आधार पर बताइए की कब विदेशी बरमनो ने बौद्ध विद्वान सूचक शब्द बमन को पूरी तरह कब्जा लिया? 🤔😒🙏
This vedio reopens ancient history in all perspectives and endorses truth.
Apka history ka knowledge super se bhi uper hai . 🙏
सर मैं ऋग्वेद में यह देखा है उसमें न राम न शिव भगवान की अनु गणेश भगवान की की चर्चा की गई ना किसी देवी की सिर्फ इंद्र मित्र वरुण और कृष्ण की
Dear - सही है 🙏
आपके पहले के विडियो के आधार पर आज के विडियो पर बहुत सारे प्रश्न खड़ा किए जा सकते हैं सर।आपकी बात ही आपकी बात से कट जा रही है।
थोड़ा संसोधन कर दू - पढ़के नहीं सुनके - कोई ही विद्वान इतने सारे ग्रंथो को सुन के यहाँ तक नहीं ला सकता है - और उससे बड़ा प्रश्न यह उठता है कि किसने कोई भी ग्रन्थ सिर्फ बोल के रचा दिया क्रमबद्ध तरीके से जब पाणिनि का भाष्य ही नहीं आया था अस्तित्व में और लोग बहुत सारे alphabets को जानते ही नहीं थे और कई वर्णमाला के शब्दों से-हलन्त-विसर्ग-मात्राओं से अनभिज्ञ थे और फिर क्रमबद्ध तरीके से उसको दसवीं सदी तक ढो के लाया सिर्फ सुनके (स्मरण करके) - इतिहास का सबसे बड़ा घालमेल - अपना विदेशी पहचान छुपाने के लिए ऐसा थोपा जा रहा है हम पर - जब बुद्ध के समय ब्राम्हण के लिए बमड़ शब्द प्रयोग किया जाता था और बमड़ का मतलब जो आचार्य जैसा जो शिक्षा देता हो और जिसका जनम से कोई मतलब नहीं होता था कि वह जनम से बमड़ है मतलब जात से |||
भारत में सनातन के नाम पर तुर्की और सीरिया का धर्म थोप दिया।।
हुर्रियन धर्म में भी ये सब देवता पाए जाते हैं ।
Wow. Ek or deep research or deep knowledge wala video. You r great teacher sir. Thanks for valuable vidio. 🙏🎉
भारत में लिखने की परम्परा बहुत पहले से है
सिंधु घाटी सभ्यता में देखिए
लेकिन ये वैदिक लोग जो बहुत महान बनते हैं इन्हें लिखने का ज्ञान नहीं था 😂
Schedule cast untouchable कैसे बना इसपर detail video ji 🙏
धन्यवाद गुरूजी! 🙏
Thank you so much sir ❤
Most welcome
Sir ji🙏 prnam. Thanks.
🙏
बहुत बहुत धन्यवाद सर💙💙💙💙🙏🙏🙏🙏
Guru g 🙏
🙏
Guruji
Ek Week me 2 videos banaaiye na
Please koshish karna ❤
You and your team ko bahut bahut thanks for lessons of ancient times and religious history..I watched Turkish series before ottoman and they showed morpanks in their mukuts, tilak..
सर आप एक नई किताब लिख दे इतिहास इतिहास की नमस्कार
आज भी जब भी लोगों के घर में शादी होती है लोग जुआ खेलते है। क्या इसके पिछे यहीं वजह है ?
Dear sir
Buddhism me jo bodhisattva hai unke samkalin koi praman hai kya?
Unke astitva ke praman pe vedio banao na sir please 🙏
जी हां
सर यह रामायण महाभारत किसी देश में हुआ है दशरहा युद्ध इजराइल में कैसा हुआ ओर किसी किसी के बीच हुआ क्या इक्ष्वाकु और यहूदियों के बीच हुआ था हक्सोस
सर स्वस्तिक चिन्ह तो सिंधु घाटी सभ्यता से पहले भी मध्य एशिया में पाया जाता है तो क्या उसे सिर्फ सिंधु घाटी सभ्यता और समन परंपरा से जोड़ना कहां तक उचित है ?
Dear - स्वास्तिक चिन्ह पर भी बहुत जल्द बात की जाएगी ।
Thank you so much sir 🎉
1.सर मेघवाल जाति के बारे में जानकारी कब से मिलती हैं?
2.चमार और मेघवाल में संबंध हैं या नहीं?
Aap satik jankari de rahe hai
सर भगवान राम कौन है इसपर वीडियो कब आएगा ?
Dear - जो लोग स्वयं को भगवान राम का वंशज मानते हैं उन्हें खुद ही पता नहीं है कि भगवान राम का असली नाम क्या है ? जो समाज आज तक यह सोचकर जी रहा है कि मैं श्री राम का वंशज हूं जब उन्हें श्री राम का असली नाम पता चलेगा तो उनका क्या हाल होगा । यह सोचकर वीडियो नहीं बना रहा हूं ।
Jay bhim NamoBudday
Sir Megasthenis ki indica par detail me video banaiye.
संभवतः अगला वीडियो 🙏
प्राचीन भारत में गुरु शिष्य परम्परा थी ।गुरु शिष्य को सारा ज्ञान सुनाते थे और शिष्य उसको आत्मसात करके स्मरण करते थे।यह ज्ञान एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक इसी प्रकार पहुंचता था।जब लिपि का अविष्कार हुआ तो यह ग्रन्थ लिपिबद्ध अर्थात लिखे जाने लगे।एक बात का स्मरण अवश्य रखा जाना चाहिए कि बाहरी आक्रमणकारियों ने हमारे देश में धन लूटने के साथ साथ ज्ञान को नष्ट करने के लिए पुस्तकालयों को भी अग्नि के हवाले कर दिया था।तक्षशिला में तो फिर भी कुछ पुस्तकें यवनों ने बचा ली थी व यूनान ले गए थे।पर इस्लामिकों ने तो सब कुछ नष्ट ही किया।वेदों को तो अपौरुषेय कहा गया है,वह तो ईश्वर की वाणी से उतपन्न हुए माने जाते हैं।दूसरी बात यह है कि, हमारी भारतीय संस्कृति ईरान तक फैली थी ,दूसरी ओर तिब्बत पर भी भारतीय संस्कृति ही थी,क्योंकि शिवजी के कैलाश मानसरोवर के विषय में सभी धर्म ग्रन्थों में वर्णित है,यह सब तो प्रमाणित ही है।वेद केवल दो ढाई हजार साल पहले के हैं कहना ठीक नहीं है।ढाई हजार साल पहले का तो हमारा विक्रम सम्वत पंचांग ही है।उससे पहले भी अनेक महान राजाओं ने अपने सम्वत निकाले थे।फिर भारत कोई मोहनजोदड़ो या हड़प्पा तक ही नहीं था,उससे पहले भी था।गंगा जी के पृथ्वी पर आने की कथा ही उससे पहले की है।कोई खोज ही कहाँ की गई।सभी प्राचीन नदी घाटियों की सभ्यताओं की खोज की जाए तो सच्चा इतिहास पता चले।दूसरे विजेता तो अपने अनुसार इतिहास लिखवाकर चले गए।उनमें कितना प्रामाणिक है ,कहा नहीं जा सकता।जो प्रमाण मिल चुके हैं वही सही माने जा सकते हैं।
क्या मिथिला ब्राह्मण मिट्टी जाती संबंध है
हां
Sir batayen brahaman sab ke guru kaise ban gayen aur jab shudron ko siksha se banchit kiya to shudro ne virodh kyon nahin kiya
सर आप 1हफ्ता me 2 video क्यों नहीं लाते हो
Dear - कुछ समय पहले अज्ञात लोगों ने हमारे सिस्टम को खराब कर दिया था जिसमें लैपटॉप, डेस्कटॉप, माइक, हार्ड ड्राइव सब कुछ शामिल था | लगभग 2 लाख 17 हजार समान था । यह सब सामान खरीदने में मुझे थोड़ा समय लगेगा, क्योंकि यूट्यूब से इतना पैसा नहीं आता है | रिसर्च करने में भी हमारा व्यक्तिगत पैसा खर्च हो जाता है । अभी हम लोग दूसरे के सिस्टम से अपना काम चला रहे हैं । आपको थोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा 🙏
🙏🙏🙏🙏
Sir Ramayana Puran aur Mahabharat se bhi hame ancient dynasty aur states ke bare me pta chlta hai jo 6th century BCE ke hain kaise ? Wo bhi after 1000 AD ke hain
Rigveda ke koi bhi Evidence nhi milte 14th century AD se pehle lekin Shruti kya 1000 -2000 saal kaise chal sakti har generation mein distortion hoga
Lekin classical sanskrit ke 8th century AD ke pehle Evidence nhi milte
Kya aisa nhi hota word rigveda ka mtlb pehle kuch aur tha aaj kuch aur
Sir ek page vedas ka 1464AD ka hai page mila lekin aaj ka vedas pichle 100-200 years mein kyu nhi likhe gye hoo sakte hai
Agar hindu dharma bauddh dharma k hinyan se nikla h to fir isme brahmno k kabja kaise hua
Namaste 🙏 sir 😊
कर्म अपने नियमों से चलते रहेंगे
❤❤
सर जी... सनातन समीक्छा चैनल वाले आपलोग को एक्सपोज़ करने मे लगे हुए है
Dear - उन बेचारे बच्चों के पास कोई कंटेंट नहीं है इसीलिए वो एक्सपोज करने को ही अपना कंटेंट समझते हैं । जब जब वह मुझे एक्सपोज करते हैं, तब तब उनके समर्थक मेरे वीडियो को देखने आते हैं इससे मुझे फायदा होता है |
आपका शुक्रिया , शब्द " स्वस्तिक " और " शिव लिंग " इसका origin कहाँ से है । इसका किसी को नहीं पता केवल किस्से और कहानियाँ हैं । इसकी खोज कर के कृपया बताएं
जी जरूर
Hello sir 🙏
नमस्कार गुरु जी
Namaskar 🙏
हिमाचल में पाई जाने वाली जनजाति हाटी का क्या हित्ती लोग से कोई संबंध है?
Dear - हित्ती और मितानी बारे रिसर्च जारी है बहुत जल्द वीडियो देखने को मिलेगा ।
Sir, SC community untouchable kaise Bana ?
Sar main aapke channel ko 7 star deta hun
Namo Buddhay jay bhim sir 😊
Good night sir ji 🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹
Good night
sir jo kamandal (lote jaisa patra) rishiyo k htaho me dikaya jata hai waisa hi kamadal sumeriyan or babyloniyans ki murtiyo me hai par bhartiyo ki boudho ki jaino ki prarambik murtiyo ya chitro me nahi dikta
सर आप चमार जाति का वीडियो बनाई न आप ने सारे जाति का पर वीडियो बनाए हो पर आप हमारी जाति छोड़ कर
Dear - जाति का भेदभाव हमारी टीम में कोई नहीं करता है | आप परेशान ना हो, वीडियो जरूर बनाया जाएगा |
Tibbatiyan language kaise sikhe wobhi bhi purani language
Jay bhim ❤😊sir
Hettie ke ruins Aaj bhi turkiye me hai.Unki capital Hatusa thi.
लीपी का ज्ञान नहीं था आर्यो को तो कीस लीपी में वेलखे होंगे उन्होंने.
यह बात, समझ नहीं आ ई। मज़ाक़ था क्या। क्योंकि बिना लीपी के ज्ञान के सीखोगे कैसे?!
🙏
Sir namaste naman jaishrikrishna sir yah batayen logo ne varnbyavashtha ko accept kaise.kiya
Dear - 🙏 वर्ण व्यवस्था प्रारंभ में कर्म के आधार पर ही थी परंतु बाद में कुछ स्वार्थी लोगों ने वर्ण व्यवस्था को जन्म के आधार पर बना दिया ।
Sir kya sikandar ke akraman se pehle bhi greeks aur persi Gandhar ke aspas baste the? please bataiye
हेराक्लीज भी भारत आया था । लेकिन उसका इतना प्रभाव भारत में नहीं हुआ था जितना अशोक के बाद आए यवनों का हुआ ।
आपने फिर वही बात करी इतिहास के स्रोतों पर आधारित है आपकी जानकारी कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है आप सनातन के आलोचनात्मक रूप पर ही ज्यादा ध्यान देते हैं
Dear - तिवारी जी आपके पूर्वज तो स्वयं सनातन धर्म को नहीं मानते थे । टोनी जोसेफ की एक किताब है आप उसे पढ़ लेना जिसमें बताया गया है कि तिवारी ब्राह्मण ही भारत में सबसे आखिरी में आए थे । कहो तो किताब खोलकर ही दिखा दूं 🙏 अगर मैंने ग्रंथों को खोल कर पढ़ाना शुरू किया तो आप जैसे बहुत से लोगों को तकलीफ होगी, और मैं आपको तकलीफ देना नहीं चाहता क्योंकि मेरा काम समाज में नफरत फैलाना नहीं है 🙏 मैं किसी की आलोचना नहीं करता बल्कि सच बताता हूं जिसे आप लोग आलोचना समझते हैं ।
सर आप बोल रहे हो कि...
वैदिक परंपरा का चलन सिकंदर के साथ तो बौद्ध साहित्य में ब्राह्मणों का नाम कैसे आता है?
और
तीन वेदों का आप का कहना सही हैं, मैंने सुना है कि, इ. स. पूर्व में तीन वेद ही थे बाद में चौथा वाला वेद जोड़ लिया, जिसका नाम अथर्ववेद था।
Dear - बौद्ध धर्म के एक भी ग्रंथ अंग्रेजों के समय से पहले भारत में उपलब्ध नहीं थे, तो फिर बौद्ध धर्म के ग्रंथ किसने लिखे? यह सब पता करो जवाब स्वयं ही मिल जाएगा ।
क्या सिंधु घाटी सभ्यता में सच में कोई शिवलिंग मिला है या ये सिर्फ बस व्हाट्सअप यूनिवर्सिटी का ज्ञान है ?
Dear - इस प्रश्न का उत्तर आपको इस वीडियो के अंदर मिल जाएगा ।
शंकर कौन हैं, क्या यह वास्तविक चरित्र हैं या अल्लाह की तरह काल्पनिक...और भारत में इनकी श्रेष्ठता कैसे स्थापित हुई?? कृपया ज्ञान वर्धन करें।
गौतम बुद्ध द्वारा जो सत्य का मार्ग बताया गयाहै और किसी ने नहीं बताया है धर्म जाति पात उनका उदय दसवीं आठवीं दसवीं शताब्दी बाद हुआ है इतिहास का जितने भी किताब की भाषण सब बकवासलिखी हुई है परमात्मा आत्मा है परमेश्वरी एक ही है जिस प्रकार सृष्टि नियमों से चलतीरहेगी इस प्रकार कारण अपने नियमों सेचलेंगे
सर ये वैदिक लोग तो सिकंदर और darius कि औलाद हैं 😂😂लेकिन darius तो likhwata था लेकिन उसकी औलादें लिखना नहीं जानती thi😂😂😂
सर इंद्र ओर ब्रह्मा का उल्लेख त्रिपिटक में बहुत बार हुआ है
भगवान बुद्ध 31 लोक का उल्लेख करते है
इसमें ब्रम्ह लोक ओर इंद्र लोक का उल्लेख है
पाली में इंद्र को इन्द कहते है
त्रिपिटक में हमे उल्लेख मिलता है कि
सहंपति ब्रम्हा ब्रह्मलोक से आकर भगवान बुद्ध को उपदेश करने की याचना करता है
Dear - शक और कुषाण राजाओं ने अपने कॉस्केटों पर बुद्ध के साथ साथ इंद्र और ब्रह्मा की आकृति को बनाया है ।
Sir ji namaskar🙏
Sir ji kya chamar jati ko chamar kahkar pahle se hi pukara karte the ya bad me.
Please sirji reply.❤
Takshshila and Patliputra yeh Vidic ka ho sakta hai.
Sir muje mahayan shakha ki book chahiye foto ke sath
Ap link dijiyega
Thailand ka Kitna prabhav hai Vaidik parampara me
श्रीमान आपकी टीम अच्छा कर रही है ,लेकिन सत्य से कोसों दूर।मनु दक्षिण से उत्तर गए थे,एलाम भारत और लंका से सम्पूर्ण संस्कृति संबंधित हैं, बलगोंडा 37000yrs ago, ईख का रोपण South East Asia 12000yrs पूर्व।
🌹🌹🌹💓❤️❤️🙏🙏 M kaise apka dhanyawad Karu guru ji ,
Thank you so much Sir ❤
🙏🙏🙏
🙏🙏🙏