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- เผยแพร่เมื่อ 4 ต.ค. 2024
- योग में नाड़ी शोधन प्राणायाम को सबसे महत्वपूर्ण और प्रमुख प्राणायाम कहा गया है। यदि आप इसका विधि पूर्वक अभ्यास करते हैं तो आप अपने शरीर पर उपस्थित जो नर्वस सिस्टम है, means तंत्रिका तंत्र उसको पूर्ण रूप से स्वस्थ रखने का काम मात्र एक प्राणायाम नाड़ी शोधन करता है।
जैसे कि हमको पता चलता है इसके नाम मात्र से की नाड़ी शोधन प्राणायाम कि यह प्राणायाम शुद्धिकरण का कार्य करता है।
नाड़ी:-नर्वस सिस्टम या तंत्रिका तंत्र
शोधन:-शोधन मतलब शुद्धिकरण
नाड़ी शोधन प्राणायाम यह प्राणायाम हमारे शरीर पर जो हमारी नसों में मल दोष भर जाता है,उसके अंदर बहता रहता है जिसको हम वात, पित्त और कफ कहते हैं। यह त्रिदोष के नाम से जाने जाते हैं ,उनको हमारे शरीर में सम बनाकर के रखना है नाड़ी शोधन प्राणायाम। जिससे हमारे शरीर पर किसी भी प्रकार का विकार उत्पन्न नहीं होता है और हमारा शरीर को पूर्ण रूप से स्वस्थ रहता है ।
हमारे शरीर में कुल कितनी नदियां उपस्थित हैं ,हमारे ग्रंथ कहते हैं कि हमारे शरीर में 3:30 लाख नाड़ी उपस्थित है, इन नाड़ीयो के कारण हमारा शरीर एक पिंजरेनुमा बना हुआ है। जिस प्रकार से एक मकड़ी का जाल है इस प्रकार से इस शरीर में मकड़ी के जल की तरह ही नाड़ीया फैली हुई है और इन नदियों को शुद्धिकरण के लिए योग में नाड़ी शोधन प्राणायाम का वर्णन किया गया है यह नाड़ी शोधन प्राणायाम योग में प्रमुख प्राणायाम कहा गया है।
😊😊😊
Bahut badiya guru ji
धन्यवाद जी🙏
Guruji 🙏 aap bahut achcha batate hain thank u ❤
सब ईश्वर करता हैं हम मात्र माध्यम हैं।
Knowledgeable video 👌
Thank you so much 😊
बहुत अच्छी विडियो 😊
बहुत बहुत धन्यवाद आपका 🙏
@@Yogawithomi to
आप को बहुत बहुत धन्यवाद 🎉
आपको भी बहुत बहुत धन्यवाद जी🙏
Bahut achha knowledge
Thank you 😊
❤ bahut badhiya guru ji
left knee to apka jamin me nehi lagta hai.
Sir ji lag jata hain hum chattan par bethe hai