खूप सुंदर माहिती दिली आहे आपण असेच अभ्यासपूर्ण व्हिडिओ बनवत राहा जेणेकरून अजून लोकांमध्ये प्रबोधन निर्माण होईल ब्राह्मण इराण वरून आले आणि इकडचा मूळ इतिहास खोडून टाकला म्हणूनच जमीन खोदल्या वरती बुद्धाचे अवशेष सापडतात.... जय भीम
आदरणीय महोदय हमारे देश में नैतिकता का अभाव है। हम सिर्फ़ उच्च मूल्यों की बात करते हैं और कभी उन पर अमल नहीं करते। मैं इसे अपने उदाहरण से व्यक्त कर रहा हूँ।2015 से यह बात और भी सच हो गई है। मैं अपने अनुभव का ब्यौरा साझा कर रहा हूँ। मेरी राय में, नैतिकता की कमी की यह समस्या हिंदू धर्म के विरोधाभास का कड़वा फल है। जब भी आप हमारे देश में किसी भी व्यक्ति से जाति और धर्म के बारे में कुछ सुनते हैं, चाहे वह बुद्धिजीवी हो या राजनीतिक नेता, हमेशा एक महत्वपूर्ण बात याद रखें। आपको कभी भी ऐसा व्यक्ति नहीं मिलेगा जो पूरी तरह से सच बोलता हो। आपको उसके राजनीतिक झुकाव के अनुसार आधा सच या झूठ मिलेगा। आधे सच या झूठ का प्रतिशत व्यक्ति की प्रकृति के अनुसार अलग-अलग होगा। जितना बेशर्म व्यक्ति, उतना अधिक आधा सच और झूठ। यदि व्यक्ति अच्छा है, तो अच्छे इरादे या ज्ञान की कमी के कारण वह आधा-अधूरा सच बोलेगा। मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो वास्तव में गैर राजनीतिक हूँ और इसलिए केवल सच बोलने की स्थिति में हूँ। 25 जून 2024 तक का सत्य 30 जनवरी 1948 से भारत का सामाजिक और धार्मिक ताना-बाना कमज़ोर होता चला गया। 30 जनवरी 1948 को क्या हुआ था? गोडसे ने गांधीजी की हत्या की। इस दुखद घटना ने जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में पक्षपात को बढ़ावा दिया। यह प्रक्रिया जारी रही और आज हम सबसे खराब स्थिति में पहुँच गए हैं। जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में हम दुनिया में नंबर एक बेवकूफ राष्ट्र हैं। इस प्रक्रिया ने हमारे इतिहास को खराब कर दिया है। इतिहास अब हमारे देश में हास्य बन गया है। एक सच्चे साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र का दर्जा पाने के लिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा करनी चाहिए। एक लंबे धागे की उलझन से हर कोई परिचित है। अगर आप इसे सुलझाना चाहते हैं, तो यह बहुत ही नाजुक काम है। और हमारे पास हज़ारों सालों की ऐसी उलझन है। और ऐसा समाधान खोजना जो सभी को संतुष्ट कर सके, बहुत ही खास काम है। इसके लिए खास उपकरण की ज़रूरत होगी। मेरे पास ऐसा उपकरण है। मैंने इस उद्देश्य के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने और सभी को संतुष्ट करने में सक्षम है। लेकिन इसके लिए सरकार का समर्थन ज़रूरी है। मई 2022 तक, मैंने सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ कीं। और सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया। मैं सभी सच्चे देशभक्त नागरिकों से सरकार से ऐसा अनुरोध करने का विनम्र अनुरोध करता हूँ। कृपया सरकार से मुझे एक अवसर देने का अनुरोध करें। आइए हम अपने देश को एक सच्चा साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र बनाएँ। अवधूत जोशी
#🌎😘जय भीम 🙏नमो बुध्दाय .राणा सर आपण जो ईतिहास संशोधन करताय किंवा मांडत आहात तो सेकंडरी सोर्स च्या माध्यमातून मांडून लोकांमध्ये संभ्रम निर्माण करताय. वास्तविक इतिहास जाणून घेण्यासाठी प्रायमरी सोर्स च्याच माध्यमातून संशोधन करणे आवश्यक आहे.आपला वास्तविक इतिहास जाणून घेण्यासाठी #❤Science journey channel la अवश्य भेट द्या.धन्यवाद 🙏
मित्रा सायन्स जर्नी बंद खोलीत बसून फक्त पुस्तकी सोर्सवर विसंबून चर्चा करतो.. व चर्चेत वरचढ ठरण्यासाठी सिलेक्टिव अभ्यास करतो.. मात्र राणा साहेब पुस्तक वाचनासोबत स्वतः फिल्डवर जाऊन इतिहास अभ्यास करतात.. म्हणून त्यांचा अभ्यास जास्त विश्वासू वाटतो.रानासाहेब हे खरेखुरे इतिहास संशोधक आहेत.
भावांनो, science journey पुस्तकी सोर्स [सेकंडरी सोर्स] पेक्षा पुरातात्विक प्रमाण [प्रायमरी सोर्स] च्या माध्यमातून रिसर्च करून वास्तविक इतिहास मांडून येथील बहुजन समाजाला जागृत करत आहे. ते ही समकालीन पुरावे देऊन. 🙏धन्यवाद
Thanku Rana sir as wel as Ganeshji. This is truth called history ! It will help every Idian to know how forigners ruled us by emotional way. It will expose their cheating so that every Indian will be cautious and alert to safeguard himself in future.
आदरणीय महोदय हमारे देश में नैतिकता का अभाव है। हम सिर्फ़ उच्च मूल्यों की बात करते हैं और कभी उन पर अमल नहीं करते। मैं इसे अपने उदाहरण से व्यक्त कर रहा हूँ।2015 से यह बात और भी सच हो गई है। मैं अपने अनुभव का ब्यौरा साझा कर रहा हूँ। मेरी राय में, नैतिकता की कमी की यह समस्या हिंदू धर्म के विरोधाभास का कड़वा फल है। जब भी आप हमारे देश में किसी भी व्यक्ति से जाति और धर्म के बारे में कुछ सुनते हैं, चाहे वह बुद्धिजीवी हो या राजनीतिक नेता, हमेशा एक महत्वपूर्ण बात याद रखें। आपको कभी भी ऐसा व्यक्ति नहीं मिलेगा जो पूरी तरह से सच बोलता हो। आपको उसके राजनीतिक झुकाव के अनुसार आधा सच या झूठ मिलेगा। आधे सच या झूठ का प्रतिशत व्यक्ति की प्रकृति के अनुसार अलग-अलग होगा। जितना बेशर्म व्यक्ति, उतना अधिक आधा सच और झूठ। यदि व्यक्ति अच्छा है, तो अच्छे इरादे या ज्ञान की कमी के कारण वह आधा-अधूरा सच बोलेगा। मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो वास्तव में गैर राजनीतिक हूँ और इसलिए केवल सच बोलने की स्थिति में हूँ। 25 जून 2024 तक का सत्य 30 जनवरी 1948 से भारत का सामाजिक और धार्मिक ताना-बाना कमज़ोर होता चला गया। 30 जनवरी 1948 को क्या हुआ था? गोडसे ने गांधीजी की हत्या की। इस दुखद घटना ने जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में पक्षपात को बढ़ावा दिया। यह प्रक्रिया जारी रही और आज हम सबसे खराब स्थिति में पहुँच गए हैं। जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में हम दुनिया में नंबर एक बेवकूफ राष्ट्र हैं। इस प्रक्रिया ने हमारे इतिहास को खराब कर दिया है। इतिहास अब हमारे देश में हास्य बन गया है। एक सच्चे साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र का दर्जा पाने के लिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा करनी चाहिए। एक लंबे धागे की उलझन से हर कोई परिचित है। अगर आप इसे सुलझाना चाहते हैं, तो यह बहुत ही नाजुक काम है। और हमारे पास हज़ारों सालों की ऐसी उलझन है। और ऐसा समाधान खोजना जो सभी को संतुष्ट कर सके, बहुत ही खास काम है। इसके लिए खास उपकरण की ज़रूरत होगी। मेरे पास ऐसा उपकरण है। मैंने इस उद्देश्य के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने और सभी को संतुष्ट करने में सक्षम है। लेकिन इसके लिए सरकार का समर्थन ज़रूरी है। मई 2022 तक, मैंने सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ कीं। और सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया। मैं सभी सच्चे देशभक्त नागरिकों से सरकार से ऐसा अनुरोध करने का विनम्र अनुरोध करता हूँ। कृपया सरकार से मुझे एक अवसर देने का अनुरोध करें। आइए हम अपने देश को एक सच्चा साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र बनाएँ। अवधूत जोशी
पर्शिया म्हणजे,राजा पारस चे राज्य,आणि तिथे राहत होते,मुस्लिम धर्म उदय नंतर अत्याचार झाले म्हणून तिथून बाहेर पडले,ते पारशी, पारशी स्वतःला मूळ आर्यन मानतात,
आदरणीय महोदय हमारे देश में नैतिकता का अभाव है। हम सिर्फ़ उच्च मूल्यों की बात करते हैं और कभी उन पर अमल नहीं करते। मैं इसे अपने उदाहरण से व्यक्त कर रहा हूँ।2015 से यह बात और भी सच हो गई है। मैं अपने अनुभव का ब्यौरा साझा कर रहा हूँ। मेरी राय में, नैतिकता की कमी की यह समस्या हिंदू धर्म के विरोधाभास का कड़वा फल है। जब भी आप हमारे देश में किसी भी व्यक्ति से जाति और धर्म के बारे में कुछ सुनते हैं, चाहे वह बुद्धिजीवी हो या राजनीतिक नेता, हमेशा एक महत्वपूर्ण बात याद रखें। आपको कभी भी ऐसा व्यक्ति नहीं मिलेगा जो पूरी तरह से सच बोलता हो। आपको उसके राजनीतिक झुकाव के अनुसार आधा सच या झूठ मिलेगा। आधे सच या झूठ का प्रतिशत व्यक्ति की प्रकृति के अनुसार अलग-अलग होगा। जितना बेशर्म व्यक्ति, उतना अधिक आधा सच और झूठ। यदि व्यक्ति अच्छा है, तो अच्छे इरादे या ज्ञान की कमी के कारण वह आधा-अधूरा सच बोलेगा। मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो वास्तव में गैर राजनीतिक हूँ और इसलिए केवल सच बोलने की स्थिति में हूँ। 25 जून 2024 तक का सत्य 30 जनवरी 1948 से भारत का सामाजिक और धार्मिक ताना-बाना कमज़ोर होता चला गया। 30 जनवरी 1948 को क्या हुआ था? गोडसे ने गांधीजी की हत्या की। इस दुखद घटना ने जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में पक्षपात को बढ़ावा दिया। यह प्रक्रिया जारी रही और आज हम सबसे खराब स्थिति में पहुँच गए हैं। जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में हम दुनिया में नंबर एक बेवकूफ राष्ट्र हैं। इस प्रक्रिया ने हमारे इतिहास को खराब कर दिया है। इतिहास अब हमारे देश में हास्य बन गया है। एक सच्चे साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र का दर्जा पाने के लिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा करनी चाहिए। एक लंबे धागे की उलझन से हर कोई परिचित है। अगर आप इसे सुलझाना चाहते हैं, तो यह बहुत ही नाजुक काम है। और हमारे पास हज़ारों सालों की ऐसी उलझन है। और ऐसा समाधान खोजना जो सभी को संतुष्ट कर सके, बहुत ही खास काम है। इसके लिए खास उपकरण की ज़रूरत होगी। मेरे पास ऐसा उपकरण है। मैंने इस उद्देश्य के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने और सभी को संतुष्ट करने में सक्षम है। लेकिन इसके लिए सरकार का समर्थन ज़रूरी है। मई 2022 तक, मैंने सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ कीं। और सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया। मैं सभी सच्चे देशभक्त नागरिकों से सरकार से ऐसा अनुरोध करने का विनम्र अनुरोध करता हूँ। कृपया सरकार से मुझे एक अवसर देने का अनुरोध करें। आइए हम अपने देश को एक सच्चा साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र बनाएँ। अवधूत जोशी
असे व्हिडिओ viral झालं पाहिजेत... पण आपल्या लोकांनी डोळे बंद करून बसायच ठरवलंय. आपल्या लोकांनी ठरवलंय की खोट्या देवांना डोक्यावर घेऊन नाचवायच, तर आपण काय करू शकतो.
आर्य विशुद्ध भारतीय ही थे ...! जितनी भी वेज्ञानिक साक्ष मिले यही सिध्द कर थे हे. ..आर्यन इन्वेजन थ्योरी सो साल पहले मान रहे थ क्यो की विज्ञान तकनिक अभी सुधार रही थी और भारतीय गुलाम थे गोरो के ! लेकीन आज कोई यह मान रहा है तो वो या तो अज्ञानी है या फिर उनकी खोज अभी बाकी है !!
आदरणीय महोदय हमारे देश में नैतिकता का अभाव है। हम सिर्फ़ उच्च मूल्यों की बात करते हैं और कभी उन पर अमल नहीं करते। मैं इसे अपने उदाहरण से व्यक्त कर रहा हूँ।2015 से यह बात और भी सच हो गई है। मैं अपने अनुभव का ब्यौरा साझा कर रहा हूँ। मेरी राय में, नैतिकता की कमी की यह समस्या हिंदू धर्म के विरोधाभास का कड़वा फल है। जब भी आप हमारे देश में किसी भी व्यक्ति से जाति और धर्म के बारे में कुछ सुनते हैं, चाहे वह बुद्धिजीवी हो या राजनीतिक नेता, हमेशा एक महत्वपूर्ण बात याद रखें। आपको कभी भी ऐसा व्यक्ति नहीं मिलेगा जो पूरी तरह से सच बोलता हो। आपको उसके राजनीतिक झुकाव के अनुसार आधा सच या झूठ मिलेगा। आधे सच या झूठ का प्रतिशत व्यक्ति की प्रकृति के अनुसार अलग-अलग होगा। जितना बेशर्म व्यक्ति, उतना अधिक आधा सच और झूठ। यदि व्यक्ति अच्छा है, तो अच्छे इरादे या ज्ञान की कमी के कारण वह आधा-अधूरा सच बोलेगा। मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो वास्तव में गैर राजनीतिक हूँ और इसलिए केवल सच बोलने की स्थिति में हूँ। 25 जून 2024 तक का सत्य 30 जनवरी 1948 से भारत का सामाजिक और धार्मिक ताना-बाना कमज़ोर होता चला गया। 30 जनवरी 1948 को क्या हुआ था? गोडसे ने गांधीजी की हत्या की। इस दुखद घटना ने जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में पक्षपात को बढ़ावा दिया। यह प्रक्रिया जारी रही और आज हम सबसे खराब स्थिति में पहुँच गए हैं। जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में हम दुनिया में नंबर एक बेवकूफ राष्ट्र हैं। इस प्रक्रिया ने हमारे इतिहास को खराब कर दिया है। इतिहास अब हमारे देश में हास्य बन गया है। एक सच्चे साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र का दर्जा पाने के लिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा करनी चाहिए। एक लंबे धागे की उलझन से हर कोई परिचित है। अगर आप इसे सुलझाना चाहते हैं, तो यह बहुत ही नाजुक काम है। और हमारे पास हज़ारों सालों की ऐसी उलझन है। और ऐसा समाधान खोजना जो सभी को संतुष्ट कर सके, बहुत ही खास काम है। इसके लिए खास उपकरण की ज़रूरत होगी। मेरे पास ऐसा उपकरण है। मैंने इस उद्देश्य के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने और सभी को संतुष्ट करने में सक्षम है। लेकिन इसके लिए सरकार का समर्थन ज़रूरी है। मई 2022 तक, मैंने सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ कीं। और सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया। मैं सभी सच्चे देशभक्त नागरिकों से सरकार से ऐसा अनुरोध करने का विनम्र अनुरोध करता हूँ। कृपया सरकार से मुझे एक अवसर देने का अनुरोध करें। आइए हम अपने देश को एक सच्चा साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र बनाएँ। अवधूत जोशी
@@rahulnagarkar8237 चल बे मूर्खा तू कधी बौद्ध. साहित्य वाचलेस का देव हा शब्दच मुळात बौद्ध धर्माचा आहे अलीकडे २००वर्षापूर्वी. आलेल्या हिंदू पंथीय लोकांनी सर्व Buddhist. Sanklpana. हिंदूंच्या म्हणून. घोषित केल्यात
@@kokanorbit8877 देव या शब्दाचा अद्भुत शक्ती किंवा चमत्कारी शक्ती यांच्याशी काहीही संबंध नाही. प्राचीन काळात देव शब्द राजा किंवा टोळी प्रमुखाला उद्देशून वापरत जो जीवनावश्यक प्रमुख गरजा, संरक्षण उपलब्ध करुन देण्यात महत्त्वाची भूमिका करत असे. प्राचीन राजांच्या नावात देव शब्द आढळतो. बुद्धांच्या मूळ नावात देव शब्द आहे, सुकितीदेव.
@@amarshinde8359 Micheal Bamshad cha DNA report check kar R1A1 steppe pestoralist haplogroup Bharatiy naahi, R1A1 steppe pestoralist haplogroup Eurasian DNA aahe ji Brahmancha aahe Bharataat🤣🤣 tu hi test karun ghe kadhi tuze gharache satsangaat gele asateel tar🤣🤣 Mahabharat tar purava aahech mhana , jas Mahabharataat parashuram Kshatriya 21 vela sampavati prithvi Varun ni mag baaki uralelya kshatraani swatah ni brahmaanankade pathavato Kshatriy paida karaayala🤪🤣🤣🤣
पर्शिया म्हणजे,राजा पारस चे राज्य,आणि तिथे राहत होते ते पर्शियन म्हणजे आजचे पारशी,मुस्लिम धर्म उदय नंतर अत्याचार झाले म्हणून तिथून बाहेर पडले,ते पारशी, पारशी स्वतःला मूळ आर्यन मानतात,
मूळ सर्वत्र हिंदू धर्मच संस्थापित , आर्य अनार्य हा इतिहास लिहिणारेच मला वैयक्तिक अमान्य आहे. याच लोकांनी लोकांचा बुध्दी भेद केला. असे माझे स्पष्ट मत आहे.
सर्व देश विदेशी इतिहास कारांनी इतिहास परिषद भरून यावर सांगोपांग पुरावे सहीत मते मांडावी इतिहासात खुप घालमेल आहे इरा नी अफगानी भारतीय फ्रेंच सीरीलका चाईनीस थाईलड बरमा अरबी तीबेटी म्यानमार जापान अजून सर्वे देश विदेशातील फार मोठे दोनातीन महीने चालेल असे कान्फरन्स भरवाववे असे मला वाटते यावर आपली प्रतीकीय द्यावी प्रत्येक देशात इतिहासकार आहे एका ठीका नी येवून हा सर्व घोड आहे यातून जागतीक असे एक निर्णय एक नवीन संशोधन पुर्ण नवीन इतिहास तयार करता येईल
Perfect agar apko irani history padhe to apko.. Ramayan Mahabharat gita jaise sab main idea mil jayengaa... Sab god sab mil jayengaa.... Mahatma fule Ji ne Sanatan god kalpnik plan ki dhajjiyaa uda ke rakhadi😅
क्रांती आणि प्रतिक्रांती ह्या पुस्तकात dr Babasaheb यांनी स्वत:पान क्र १२१ मध्ये आर्य हे परदेशातून आले असल्याचा कोणताही ऐतिहासीक पुरावा नसल्याचे स्वत:मान्य केले आहे.
भारत नावाचा एक राज्य सत्ता, नागरिकत्व,निश्चित सीमा, राज्यघटना असलेला सार्वभौम असा आजच्या सारखा देश कधीच नव्हता, इराण अफगाण,भारत हे सर्व भूखंड जोडले असल्या मुळे त्या काळी कोणतीही मानवी टोळ्या त्यांचे नायक कुठे ही स्थलांतर करीत होते जे जिंकत ते तिथे वसाहत करीत असत उगाच कशाला दावे करीत बसता
@@rushikeshbhoite9022एखादा तुमच्या गावातील व्यक्ती अपघातात मरण पावला तर तुमच्याच गावचे नाव लागणार मग यावरून हे सिद्ध होत नाही की त्या बस मध्ये तुमच्याच गावचा एकटा प्रवाशी प्रवास करत होता, तो व्यक्ती मरण पावला म्हणून त्याचे व तुमच्या गावाचे नाव पुढे आले तसेच गुण सूत्रे दक्षिण भारतातील मिळाले म्हणजे इतर जमातीच इथे अस्तित्व नव्हते असे होत नाहीं. आज तुम्ही मुसलमान, ख्रिश्चन, पारशी यांना विदेशी म्हणू शकता कारण आज सीमा आहेत त्याकाळात तसें नव्हते कुठली टोळी कुठेही वास करू शकत होती सीमेच बंधन नव्हते. जंगलात सर्व पशु पक्षी राहतात वाघाच्या गुण सूत्रांसोबत इतर प्राण्यांचे गुण सूत्र मिळत नाहीं म्हणजे तो जंगलाचा भाग नाहीं असे नाहीं.
आर्य विशुद्ध भारतीय ही थे ...! जितनी भी वेज्ञानिक साक्ष मिले यही सिध्द कर थे हे. ..आर्यन इन्वेजन थ्योरी सो साल पहले मान रहे थ क्यो की विज्ञान तकनिक अभी सुधार रही थी और भारतीय गुलाम थे गोरो के ! लेकीन आज कोई यह मान रहा है तो वो या तो अज्ञानी है या फिर उनकी खोज अभी बाकी है !!!
Does mere language can prove the transposition of humans? Nagpur gets the word "lay bhaari " from pune. Pune gets the word " saoji " from Nagpur. In today's world we have our domiciles which will slowly get destroyed. Last three generations of my family discussed about our native place. Next generation doesn't knows any further about it. Land has gone, our existence proof ended there.
@@suhasbokare2408 unfortunately Indians don't know but all over the world especially in western countries linguistics are studying the origin of their languages and find sanskrit as a mother language...
28 बुद्ध झाले त्यापैकी एकही बुद्ध शूद्र नव्हते सगळे एकतर ब्राह्मण व क्षत्रिय होते, डोळे उघडा त्रिपिटक वाचा , अशा सडक छाप जातीवादी मानसिकता असलेल्या इतिहासकारांचे व्हिडिओ बघू नका, 🙏ते तुम्हाला खरं कधी सांगणार नाही
आर्य हे स्थानीकच म्हणजे भारतीय ज्या कुणाला आर्य बाहेरून आले असे वाटते त्यांनी दाशराज युद्ध या सर्वात प्राचीन महायुद्धाचा अभ्यास करावा दाशराज युद्ध म्हणजे पृथ्वीतलावरील पहिले युद्ध ज्याचे लिखीत वर्णन आढळते ते आजच्या पंजाब प्रांतात घडले गेले होते त्याचे वर्णन ऋग्वेदात आहे ( टिप युनेस्को ने ऋग्वेदास सर्वात प्राचीन ग्रंथ घोषीत केले आहे) या युद्धाचा कालावधी परदेशी विद्वानाच्या मते सात हजार ते अकरा हजार वर्षांपूर्वीचा असु शकतो तर भारतीय विद्वानाच्या मते हा काळ वीस हजार वर्षांपूर्वीचा असु शकतो सांगायचे म्हणजे या युद्धात एका राजा विरूद्ध दुसर्या दहा राजांनी एकजूट करून युद्ध पुकारले होते म्हणून याला दाशराज यूद्ध म्हणतात या राजांचे राज्यस्थले भारतीय उपखंडातील आहेत या युद्धात काहीं राजे स्वतःला आर्य म्हणवून घेत असत असा उल्लेख आहे यावरून सिद्ध होते कि आर्य हे बाहेरून आलेले नसुन स्थानीकच या दाशराज युद्धाबदलचे अनेक व्हिडिओ युट्युब वर उपलब्ध आहेत तरी जिज्ञासूंनी त्याचे अवलोकन करावे
माहिती खूप चांगली भेटली पण काही इतिहासकार जसे की, राजीव पटेल आणि राजेंद्र प्रसाद सिंघ यांचे मत इतिहासाविषय वेगळे वाटते काय सर कारण त्यांचे मत हे देव देवी हे सारे बुद्ध संस्कृती देणं आहे त्यांचा इतिहासाविषयी दृष्टिकोन वेगळा दिसतो धन्यवाद सर
माहिती भेटली हे चुकीचे मराठी आहे. माहिती मिळाली असे आहे. भेटली हा शब्द व्यक्ती साठी वापरला जातो. काका भेटला, मित्र भेटला... असे. बक्षीस मिळाले... पैसे मिळाले असे. कृपया लक्षात घ्या आणि सुधारणा करा ही नम्र विनंती 🙏
अरे भावा हे सर्व सडक छाप इतिहासकार आहे त्यांना विद्वान वर्ग मानत नाही त्यामुळे पैसे कमावण्यासाठी ते युट्युब वर येऊन उलट सुलट भुंकतात त्या भुंकण्याला इतिहास म्हणत नाही.
संशोधन पण आगलावे धंदा पण करायचे तर शेतीत करा रस्ते,धरणे अशा बाबीत करा ही ऊरफोड कशाला स्वताचे पांडित्य देश निर्माणासाठी वापरा भारताचे काय देणघेणे ईराणशी रिक्कामे ऊद्योग ह्यात डाकटरकी तरी काय कामाची जीसमाजपुरुष बिघडवते
One more attempt to break Bharat. Why cant we accept the fact that hinduism buddhism jainism sikhism are all sanatan... why keep breaking into smaller and smaller pieces.. imagine our might if we all stand together.. please use your intelligience to be promote ekata in anekata and not fall prey to break sanatan forces... there are just 2 idealogies.. sanatan and abrahamic... inclusive and exclusive... which idealogy do u follow... the fate of our planet now depends on our choice of idealogy..
Bhudha Dev nahit. Parinirvan. Truth. Now you are claim Harit, avliketshawre, Then Kali And how Shambhu appear? All philosophy is just Controversy. And still you are in Not present. Thanks. I would like To hear from you. Thanks.
सर माहिती खुपच आवडली , मला एक माहिती पाहिजे होती पर्शुराम वगेरे ही मंडळी किती हजार वर्षा पुर्वी आली असावीत. दुसरे असे की? माहुरची देवी हि रेणूका नसून माता पार्वती आहे कारण देवी सिंहावर बसली आहे .
नवीन updated माहिती Science journey चॅनेलवर आली आहे सुरसती बुद्ध भिक्कूनी पासून सरस्वती आली आहे. राजीव पटेल यांच्या भ्रम का पुलिंदा या पुस्तकात पण हीच माहिती उपलब्ध आहे
Sir, Greek mythology me, Hercules ne akash/ earth ko uthaya tha.. Fir Atlas ke sath usse exchange kiya... old perisa/Iran me hercules ko Vehram/Behram kahate the... Vehram ka totem) emblem/Kulchinh hai Suar/boar... Bharat me Gupta dynasty me vishnu avatar banaye gaye.. Varah avtar pruthvi ko uthaye hue dikhaya jata hai.... Kya greek bramhan sect ka bhartiya samaj me sammilan karte samay Varah avtar ko manyata dee gai? Atlas astronomy ka Greek expert tha... Greek log samudra yatra karte the... Aakashiya gole aur rashi/ constellations ke disha margadarshan se greeks samudri yatra karte the..
आदरणीय महोदय हमारे देश में नैतिकता का अभाव है। हम सिर्फ़ उच्च मूल्यों की बात करते हैं और कभी उन पर अमल नहीं करते। मैं इसे अपने उदाहरण से व्यक्त कर रहा हूँ।2015 से यह बात और भी सच हो गई है। मैं अपने अनुभव का ब्यौरा साझा कर रहा हूँ। मेरी राय में, नैतिकता की कमी की यह समस्या हिंदू धर्म के विरोधाभास का कड़वा फल है। जब भी आप हमारे देश में किसी भी व्यक्ति से जाति और धर्म के बारे में कुछ सुनते हैं, चाहे वह बुद्धिजीवी हो या राजनीतिक नेता, हमेशा एक महत्वपूर्ण बात याद रखें। आपको कभी भी ऐसा व्यक्ति नहीं मिलेगा जो पूरी तरह से सच बोलता हो। आपको उसके राजनीतिक झुकाव के अनुसार आधा सच या झूठ मिलेगा। आधे सच या झूठ का प्रतिशत व्यक्ति की प्रकृति के अनुसार अलग-अलग होगा। जितना बेशर्म व्यक्ति, उतना अधिक आधा सच और झूठ। यदि व्यक्ति अच्छा है, तो अच्छे इरादे या ज्ञान की कमी के कारण वह आधा-अधूरा सच बोलेगा। मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो वास्तव में गैर राजनीतिक हूँ और इसलिए केवल सच बोलने की स्थिति में हूँ। 25 जून 2024 तक का सत्य 30 जनवरी 1948 से भारत का सामाजिक और धार्मिक ताना-बाना कमज़ोर होता चला गया। 30 जनवरी 1948 को क्या हुआ था? गोडसे ने गांधीजी की हत्या की। इस दुखद घटना ने जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में पक्षपात को बढ़ावा दिया। यह प्रक्रिया जारी रही और आज हम सबसे खराब स्थिति में पहुँच गए हैं। जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में हम दुनिया में नंबर एक बेवकूफ राष्ट्र हैं। इस प्रक्रिया ने हमारे इतिहास को खराब कर दिया है। इतिहास अब हमारे देश में हास्य बन गया है। एक सच्चे साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र का दर्जा पाने के लिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा करनी चाहिए। एक लंबे धागे की उलझन से हर कोई परिचित है। अगर आप इसे सुलझाना चाहते हैं, तो यह बहुत ही नाजुक काम है। और हमारे पास हज़ारों सालों की ऐसी उलझन है। और ऐसा समाधान खोजना जो सभी को संतुष्ट कर सके, बहुत ही खास काम है। इसके लिए खास उपकरण की ज़रूरत होगी। मेरे पास ऐसा उपकरण है। मैंने इस उद्देश्य के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने और सभी को संतुष्ट करने में सक्षम है। लेकिन इसके लिए सरकार का समर्थन ज़रूरी है। मई 2022 तक, मैंने सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ कीं। और सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया। मैं सभी सच्चे देशभक्त नागरिकों से सरकार से ऐसा अनुरोध करने का विनम्र अनुरोध करता हूँ। कृपया सरकार से मुझे एक अवसर देने का अनुरोध करें। आइए हम अपने देश को एक सच्चा साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र बनाएँ। अवधूत जोशी
साडे तीन हजार वर्षा पूर्वी इराण मधे एक ईश्वर (अहुर मझदा,पारसी धर्म) याचा उदय झाल्या नंतर , बहु देव वादी आर्य भारतात आले,ऋग्वेद त्याच काळात लिहिले गेले.त्या काळातले इंद्र,इत्यादी आता पुजले जात नाहीत.
Better Dr Ashok Rana has to make video documentary on this unless & until people are not watching live they don't believe. This hidden truth has to come in front....
सर्व बौद्ध धम्माशी निगडित वेग-वेगळ्या शाखा निर्माण होऊन, अखेर [8व्या ते 11व्या शतकाच्या कालावधीत या संकल्पनेत पाखंडवादाचा मोठ्याप्रमाणात प्रभाव पडला. कारण परकीय आक्रमणकारी -मुघल, ईरानी लोक हे याच कालावधीच्या आसपास भारतात आले. या दोघांच्या संगनमताने एकाला सत्ता व एकाला वर्चस्व प्रस्थापित करून येथील समण संस्कृतीचा र्हास होऊन येथील बहुजन मुलनिवासी लोकांना पाखंडवाद थोपवून मानसिक गुलाम बनवून आपले वर्चस्व कायम अबाधित ठेवले. याच काळात म्हणजेच 8व्या/9व्या शतकातच तंत्र-मंत्र यान शाखेतून आदी शंकराचार्य [प्रच्छन्न बौद्ध भिक्खु]यांनी शैव संप्रदाय व त्याच कालखंडात वैष्णव संप्रदाय,नाथ संप्रदाय व 11व्या/13व्या शतकात वारकरी संप्रदाय असे अनेक संप्रदाय निर्माण झाले. आता मुळ मुद्द्यावर म्हणजेच आपल्या प्रश्नावर स्पष्टीकरण देत आहे. ते असे, बौद्ध धम्मातील हीयान [थेरवाद]या तथागत बुध्द यांच्या मुळ तत्वज्ञानाशी निगडित परंपरेत काही नियम जसे विनय पिटक मधील नियमावली अशा वैचारीक मतभेदातुन फुट पडुन, महायान अर्थातच परिवर्तनवादी व थेरवाद [बुध्दांच्या मुळ तत्वप्रणालीत बदल न करता त्याच तत्वांवर चालत आलेली. अशा दोन मुख्य शाखा निर्माण होऊन ,महायान शाखा परिवर्तनवादी असल्या कारणास्तव या शाखेचा मोठ्याप्रमाणात प्रभाव पडला.याच शाखेतून मूर्ती स्थापत्य कलेचा मोठ्याप्रमाणात प्रभाव पडुन तथागत बुध्द व बोधिसत्व मूर्तीस्वरुपात संकल्पनेतून [बुध्दीस्ट जातक कथेतील प्रसंगानुरूप] गुण दर्शविण्यात आले #कारण -सर्व सामान्य लोकांपर्यंत प्रसार-प्रचार मोठ्याप्रमाणात व्हावा. हेच पुढे अपडेट्स होत वज्रयान, तंत्रयान व मंत्रयान शाखा निर्माण होत गेल्या. 🙏धन्यवाद
Sir there are no enough proofs for Aryan invasion theory. Now a days information is easier to access. I am fan of Mahatma Jyotiba Fule. Please quote reference which are accepted by modern historians.
इराणी आर्य जेव्हा भारतात आले तेंव्हा सिंधू संस्कृती संपलेली होती आणि त्याचे उरलेले लोक (आजचे ओबीसी/शूद्र) है इथे अगोदरच राहत होते. आर्य ह्यांनी स्वतः ल ब्राह्मण सांगितलं आणि ओबीसी मध्ये पहिलेच कामा अनुसार जाती विभागणी होती.
@@D.K.12342. आप को और पढ़ने की और ढूंढने की जरूरत है, कोई बात नहीं कोई कह रहा है, सिर्फ इसलिए मानना नहीं चाहिए। आप और पढों और ढूंढों अगर सच लगता है तो मानों वरना मत मानों। आपको जैसा ठीक लगे 🙏🏻
@@D.K.12342. और एक बात सनातन समीक्षा पर गाली गलोच सुनने से अच्छा है हमारा Atit YT देखो। मैंने सुना है अब वो इतिहास छोड़कर Geopolitics पढ़ाने जा रहें है। वैसे भी इतिहास पढ़ाने का काम वो सही तरीके से कर भी नही रहे थे।
As usual... डॉक्टर अशोक राणा यांचे माहितीपूर्ण.. विवेचन.. सरांची सर्व पुस्तके मी वाचलेली आहे अनेक गोष्टी यातून शिकायला मिळाल्या
खूप सुंदर माहिती दिली आहे आपण असेच अभ्यासपूर्ण व्हिडिओ बनवत राहा जेणेकरून अजून लोकांमध्ये प्रबोधन निर्माण होईल ब्राह्मण इराण वरून आले आणि इकडचा मूळ इतिहास खोडून टाकला म्हणूनच जमीन खोदल्या वरती बुद्धाचे अवशेष सापडतात....
जय भीम
शिव ही सत्य है
शिव ही सुंदर है
खूप छान अभ्यासपूर्ण लेखन माहिती देण्यात आली.
थेरी गाथा पठण करून तालासुरात गायन करणाऱ्यांना सुरसती म्हटले जायचे, सुरसाती या शब्दाचा अपभ्रंश सरस्वती असा उल्लेख वाचनात आला आहे. संदर्भ....त्रिपीटक
तु तुझीच लाल म्हणशील कोन तुझ ऐकेल
भाट कोणाला म्हणतात
@@bapparawal9709भाट वंशवेल सांगतात, भाटी पद्धति ने
सत्य शोधक जय महात्मा फुले.
सुंदर माहीती
आदरणीय महोदय
हमारे देश में नैतिकता का अभाव है। हम सिर्फ़ उच्च मूल्यों की बात करते हैं और कभी उन पर अमल नहीं करते। मैं इसे अपने उदाहरण से व्यक्त कर रहा हूँ।2015 से यह बात और भी सच हो गई है। मैं अपने अनुभव का ब्यौरा साझा कर रहा हूँ। मेरी राय में, नैतिकता की कमी की यह समस्या हिंदू धर्म के विरोधाभास का कड़वा फल है।
जब भी आप हमारे देश में किसी भी व्यक्ति से जाति और धर्म के बारे में कुछ सुनते हैं, चाहे वह बुद्धिजीवी हो या राजनीतिक नेता, हमेशा एक महत्वपूर्ण बात याद रखें। आपको कभी भी ऐसा व्यक्ति नहीं मिलेगा जो पूरी तरह से सच बोलता हो। आपको उसके राजनीतिक झुकाव के अनुसार आधा सच या झूठ मिलेगा। आधे सच या झूठ का प्रतिशत व्यक्ति की प्रकृति के अनुसार अलग-अलग होगा। जितना बेशर्म व्यक्ति, उतना अधिक आधा सच और झूठ। यदि व्यक्ति अच्छा है, तो अच्छे इरादे या ज्ञान की कमी के कारण वह आधा-अधूरा सच बोलेगा।
मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो वास्तव में गैर राजनीतिक हूँ और इसलिए केवल सच बोलने की स्थिति में हूँ।
25 जून 2024 तक का सत्य
30 जनवरी 1948 से भारत का सामाजिक और धार्मिक ताना-बाना कमज़ोर होता चला गया। 30 जनवरी 1948 को क्या हुआ था? गोडसे ने गांधीजी की हत्या की। इस दुखद घटना ने जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में पक्षपात को बढ़ावा दिया। यह प्रक्रिया जारी रही और आज हम सबसे खराब स्थिति में पहुँच गए हैं। जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में हम दुनिया में नंबर एक बेवकूफ राष्ट्र हैं। इस प्रक्रिया ने हमारे इतिहास को खराब कर दिया है। इतिहास अब हमारे देश में हास्य बन गया है।
एक सच्चे साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र का दर्जा पाने के लिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा करनी चाहिए। एक लंबे धागे की उलझन से हर कोई परिचित है। अगर आप इसे सुलझाना चाहते हैं, तो यह बहुत ही नाजुक काम है। और हमारे पास हज़ारों सालों की ऐसी उलझन है। और ऐसा समाधान खोजना जो सभी को संतुष्ट कर सके, बहुत ही खास काम है। इसके लिए खास उपकरण की ज़रूरत होगी। मेरे पास ऐसा उपकरण है। मैंने इस उद्देश्य के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने और सभी को संतुष्ट करने में सक्षम है।
लेकिन इसके लिए सरकार का समर्थन ज़रूरी है। मई 2022 तक, मैंने सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ कीं। और सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया। मैं सभी सच्चे देशभक्त नागरिकों से सरकार से ऐसा अनुरोध करने का विनम्र अनुरोध करता हूँ। कृपया सरकार से मुझे एक अवसर देने का अनुरोध करें। आइए हम अपने देश को एक सच्चा साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र बनाएँ।
अवधूत जोशी
Very nice and deep information sir ❤
#🌎😘जय भीम 🙏नमो बुध्दाय .राणा सर आपण जो ईतिहास संशोधन करताय किंवा मांडत आहात तो सेकंडरी सोर्स च्या माध्यमातून मांडून लोकांमध्ये संभ्रम निर्माण करताय. वास्तविक इतिहास जाणून घेण्यासाठी प्रायमरी सोर्स च्याच माध्यमातून संशोधन करणे आवश्यक आहे.आपला वास्तविक इतिहास जाणून घेण्यासाठी #❤Science journey channel la अवश्य भेट द्या.धन्यवाद 🙏
मित्रा सायन्स जर्नी बंद खोलीत बसून फक्त पुस्तकी सोर्सवर विसंबून चर्चा करतो.. व चर्चेत वरचढ ठरण्यासाठी सिलेक्टिव अभ्यास करतो..
मात्र राणा साहेब पुस्तक वाचनासोबत स्वतः फिल्डवर जाऊन इतिहास अभ्यास करतात.. म्हणून त्यांचा अभ्यास जास्त विश्वासू वाटतो.रानासाहेब हे खरेखुरे इतिहास संशोधक आहेत.
Science journey he fake channel aahe ... navat science thevale aahe, baki kahihi scientific nahi
भावांनो, science journey पुस्तकी सोर्स [सेकंडरी सोर्स] पेक्षा पुरातात्विक प्रमाण [प्रायमरी सोर्स] च्या माध्यमातून रिसर्च करून वास्तविक इतिहास मांडून येथील बहुजन समाजाला जागृत करत आहे. ते ही समकालीन पुरावे देऊन. 🙏धन्यवाद
यासाठी प्रभू श्री विश्वकर्मा पुराण वाचा म्हणजे कळेल....
ऑनलाईन कुठे मिळेल @@sachinrajgure8490
उपयुक्त माहिती मिळाली
Thanku Rana sir as wel as Ganeshji.
This is truth called history !
It will help every Idian to know how forigners ruled us by emotional way. It will expose their cheating so that every Indian will be cautious and alert to safeguard himself in future.
अत्यंत महत्वपूर्ण माहिती.
हा वामपंथी किंवा बामसेपी इतिहास कार आहे.नेहमीच इतिहासाची मोडतोड करून सांगण्याची खाशियत आहे.
मग उजवे नेहमी बरोबर सांगतात का?
@takawale......tumhi andharat ahat ajun....kadhi ujedat yal mahiti nahi....
True.
Takwale ja ani tak piyun ye
आदरणीय महोदय
हमारे देश में नैतिकता का अभाव है। हम सिर्फ़ उच्च मूल्यों की बात करते हैं और कभी उन पर अमल नहीं करते। मैं इसे अपने उदाहरण से व्यक्त कर रहा हूँ।2015 से यह बात और भी सच हो गई है। मैं अपने अनुभव का ब्यौरा साझा कर रहा हूँ। मेरी राय में, नैतिकता की कमी की यह समस्या हिंदू धर्म के विरोधाभास का कड़वा फल है।
जब भी आप हमारे देश में किसी भी व्यक्ति से जाति और धर्म के बारे में कुछ सुनते हैं, चाहे वह बुद्धिजीवी हो या राजनीतिक नेता, हमेशा एक महत्वपूर्ण बात याद रखें। आपको कभी भी ऐसा व्यक्ति नहीं मिलेगा जो पूरी तरह से सच बोलता हो। आपको उसके राजनीतिक झुकाव के अनुसार आधा सच या झूठ मिलेगा। आधे सच या झूठ का प्रतिशत व्यक्ति की प्रकृति के अनुसार अलग-अलग होगा। जितना बेशर्म व्यक्ति, उतना अधिक आधा सच और झूठ। यदि व्यक्ति अच्छा है, तो अच्छे इरादे या ज्ञान की कमी के कारण वह आधा-अधूरा सच बोलेगा।
मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो वास्तव में गैर राजनीतिक हूँ और इसलिए केवल सच बोलने की स्थिति में हूँ।
25 जून 2024 तक का सत्य
30 जनवरी 1948 से भारत का सामाजिक और धार्मिक ताना-बाना कमज़ोर होता चला गया। 30 जनवरी 1948 को क्या हुआ था? गोडसे ने गांधीजी की हत्या की। इस दुखद घटना ने जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में पक्षपात को बढ़ावा दिया। यह प्रक्रिया जारी रही और आज हम सबसे खराब स्थिति में पहुँच गए हैं। जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में हम दुनिया में नंबर एक बेवकूफ राष्ट्र हैं। इस प्रक्रिया ने हमारे इतिहास को खराब कर दिया है। इतिहास अब हमारे देश में हास्य बन गया है।
एक सच्चे साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र का दर्जा पाने के लिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा करनी चाहिए। एक लंबे धागे की उलझन से हर कोई परिचित है। अगर आप इसे सुलझाना चाहते हैं, तो यह बहुत ही नाजुक काम है। और हमारे पास हज़ारों सालों की ऐसी उलझन है। और ऐसा समाधान खोजना जो सभी को संतुष्ट कर सके, बहुत ही खास काम है। इसके लिए खास उपकरण की ज़रूरत होगी। मेरे पास ऐसा उपकरण है। मैंने इस उद्देश्य के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने और सभी को संतुष्ट करने में सक्षम है।
लेकिन इसके लिए सरकार का समर्थन ज़रूरी है। मई 2022 तक, मैंने सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ कीं। और सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया। मैं सभी सच्चे देशभक्त नागरिकों से सरकार से ऐसा अनुरोध करने का विनम्र अनुरोध करता हूँ। कृपया सरकार से मुझे एक अवसर देने का अनुरोध करें। आइए हम अपने देश को एक सच्चा साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र बनाएँ।
अवधूत जोशी
Nice information
🙏🙏🙏🙏🙏 Namo Buddhay, jaybhim.Very knowledgeable information sir good 👍
इराण हा देश परशीया म्हणून ओळखला जायचा, नंतर तेथे इस्लामी करण झाले आणि नंतर त्याचे इराण हे नाव झाले, तेथील सर्व पारशी कन्व्हर्टर झाले
पर्शिया म्हणजे,राजा पारस चे राज्य,आणि तिथे राहत होते,मुस्लिम धर्म उदय नंतर अत्याचार झाले म्हणून तिथून बाहेर पडले,ते पारशी, पारशी स्वतःला मूळ आर्यन मानतात,
आदरणीय महोदय
हमारे देश में नैतिकता का अभाव है। हम सिर्फ़ उच्च मूल्यों की बात करते हैं और कभी उन पर अमल नहीं करते। मैं इसे अपने उदाहरण से व्यक्त कर रहा हूँ।2015 से यह बात और भी सच हो गई है। मैं अपने अनुभव का ब्यौरा साझा कर रहा हूँ। मेरी राय में, नैतिकता की कमी की यह समस्या हिंदू धर्म के विरोधाभास का कड़वा फल है।
जब भी आप हमारे देश में किसी भी व्यक्ति से जाति और धर्म के बारे में कुछ सुनते हैं, चाहे वह बुद्धिजीवी हो या राजनीतिक नेता, हमेशा एक महत्वपूर्ण बात याद रखें। आपको कभी भी ऐसा व्यक्ति नहीं मिलेगा जो पूरी तरह से सच बोलता हो। आपको उसके राजनीतिक झुकाव के अनुसार आधा सच या झूठ मिलेगा। आधे सच या झूठ का प्रतिशत व्यक्ति की प्रकृति के अनुसार अलग-अलग होगा। जितना बेशर्म व्यक्ति, उतना अधिक आधा सच और झूठ। यदि व्यक्ति अच्छा है, तो अच्छे इरादे या ज्ञान की कमी के कारण वह आधा-अधूरा सच बोलेगा।
मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो वास्तव में गैर राजनीतिक हूँ और इसलिए केवल सच बोलने की स्थिति में हूँ।
25 जून 2024 तक का सत्य
30 जनवरी 1948 से भारत का सामाजिक और धार्मिक ताना-बाना कमज़ोर होता चला गया। 30 जनवरी 1948 को क्या हुआ था? गोडसे ने गांधीजी की हत्या की। इस दुखद घटना ने जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में पक्षपात को बढ़ावा दिया। यह प्रक्रिया जारी रही और आज हम सबसे खराब स्थिति में पहुँच गए हैं। जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में हम दुनिया में नंबर एक बेवकूफ राष्ट्र हैं। इस प्रक्रिया ने हमारे इतिहास को खराब कर दिया है। इतिहास अब हमारे देश में हास्य बन गया है।
एक सच्चे साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र का दर्जा पाने के लिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा करनी चाहिए। एक लंबे धागे की उलझन से हर कोई परिचित है। अगर आप इसे सुलझाना चाहते हैं, तो यह बहुत ही नाजुक काम है। और हमारे पास हज़ारों सालों की ऐसी उलझन है। और ऐसा समाधान खोजना जो सभी को संतुष्ट कर सके, बहुत ही खास काम है। इसके लिए खास उपकरण की ज़रूरत होगी। मेरे पास ऐसा उपकरण है। मैंने इस उद्देश्य के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने और सभी को संतुष्ट करने में सक्षम है।
लेकिन इसके लिए सरकार का समर्थन ज़रूरी है। मई 2022 तक, मैंने सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ कीं। और सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया। मैं सभी सच्चे देशभक्त नागरिकों से सरकार से ऐसा अनुरोध करने का विनम्र अनुरोध करता हूँ। कृपया सरकार से मुझे एक अवसर देने का अनुरोध करें। आइए हम अपने देश को एक सच्चा साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र बनाएँ।
अवधूत जोशी
@@avadhutjoshi796 sahi kaha ji aapne
@@onkarpuri7185 धन्यवाद भाईसाब. देशव्यापी चर्चा की बात लोगों के साथ साझा करना और समर्थन करना ऐसी आपसे प्रार्थना है.
🙏
असे व्हिडिओ viral झालं पाहिजेत... पण आपल्या लोकांनी डोळे बंद करून बसायच ठरवलंय.
आपल्या लोकांनी ठरवलंय की खोट्या देवांना डोक्यावर घेऊन नाचवायच, तर आपण काय करू शकतो.
Wrong Theory's
Lack of study
zaroor... faqt ek at aahe.. donhi bajuna neet aikun ghya... shastrokt vaad vivad kara... bias thevu naka..
Tu 5 wela namazach kar
डोळे उघडायची गरज तुमच्यासारख्या मूर्ख लोकांना आहे
आर्य विशुद्ध भारतीय ही थे ...! जितनी भी वेज्ञानिक साक्ष मिले यही सिध्द कर थे हे. ..आर्यन इन्वेजन थ्योरी सो साल पहले मान रहे थ क्यो की विज्ञान तकनिक अभी सुधार रही थी और भारतीय गुलाम थे गोरो के ! लेकीन आज कोई यह मान रहा है तो वो या तो अज्ञानी है या फिर उनकी खोज अभी बाकी है !!
सूर सती या बौध्द भिक्कुनी चे हाथी वीणा घेऊन बौध्द गाथा गात असलेचे मूर्ती अनेक संग्रहालय अस्तित्वात आहेत. यांनाच पुढे सरस्वती करण्यात आले.
Source kay?
Trust me bro
नाईंटी 🥃
Great sir
Nice Information 👍
आर्य बाहेर से आए नही है तो वो इधर के हि है | ऐसा लिखा है, आंबेडकर साहेब 'शूद्र पूर्वी कोण होते' इस ग्रंथ मे
आर्य बाहर से आए ये तिलक ने लिखा है। जो खुद ब्राह्मण थे।
कोळंबे साहेब,मराठीतून लिहा म्हणजे रिकामा वेळ असेल विचार व वाद दोन्ही प्रखर पणे मांडता येतात.😂
Ambedkr श्रेष्ठ आणि नाग vashi yana आर्य म्हणतात युरेशियन bhatana विदेशीच
आदरणीय महोदय
हमारे देश में नैतिकता का अभाव है। हम सिर्फ़ उच्च मूल्यों की बात करते हैं और कभी उन पर अमल नहीं करते। मैं इसे अपने उदाहरण से व्यक्त कर रहा हूँ।2015 से यह बात और भी सच हो गई है। मैं अपने अनुभव का ब्यौरा साझा कर रहा हूँ। मेरी राय में, नैतिकता की कमी की यह समस्या हिंदू धर्म के विरोधाभास का कड़वा फल है।
जब भी आप हमारे देश में किसी भी व्यक्ति से जाति और धर्म के बारे में कुछ सुनते हैं, चाहे वह बुद्धिजीवी हो या राजनीतिक नेता, हमेशा एक महत्वपूर्ण बात याद रखें। आपको कभी भी ऐसा व्यक्ति नहीं मिलेगा जो पूरी तरह से सच बोलता हो। आपको उसके राजनीतिक झुकाव के अनुसार आधा सच या झूठ मिलेगा। आधे सच या झूठ का प्रतिशत व्यक्ति की प्रकृति के अनुसार अलग-अलग होगा। जितना बेशर्म व्यक्ति, उतना अधिक आधा सच और झूठ। यदि व्यक्ति अच्छा है, तो अच्छे इरादे या ज्ञान की कमी के कारण वह आधा-अधूरा सच बोलेगा।
मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो वास्तव में गैर राजनीतिक हूँ और इसलिए केवल सच बोलने की स्थिति में हूँ।
25 जून 2024 तक का सत्य
30 जनवरी 1948 से भारत का सामाजिक और धार्मिक ताना-बाना कमज़ोर होता चला गया। 30 जनवरी 1948 को क्या हुआ था? गोडसे ने गांधीजी की हत्या की। इस दुखद घटना ने जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में पक्षपात को बढ़ावा दिया। यह प्रक्रिया जारी रही और आज हम सबसे खराब स्थिति में पहुँच गए हैं। जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में हम दुनिया में नंबर एक बेवकूफ राष्ट्र हैं। इस प्रक्रिया ने हमारे इतिहास को खराब कर दिया है। इतिहास अब हमारे देश में हास्य बन गया है।
एक सच्चे साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र का दर्जा पाने के लिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा करनी चाहिए। एक लंबे धागे की उलझन से हर कोई परिचित है। अगर आप इसे सुलझाना चाहते हैं, तो यह बहुत ही नाजुक काम है। और हमारे पास हज़ारों सालों की ऐसी उलझन है। और ऐसा समाधान खोजना जो सभी को संतुष्ट कर सके, बहुत ही खास काम है। इसके लिए खास उपकरण की ज़रूरत होगी। मेरे पास ऐसा उपकरण है। मैंने इस उद्देश्य के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने और सभी को संतुष्ट करने में सक्षम है।
लेकिन इसके लिए सरकार का समर्थन ज़रूरी है। मई 2022 तक, मैंने सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ कीं। और सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया। मैं सभी सच्चे देशभक्त नागरिकों से सरकार से ऐसा अनुरोध करने का विनम्र अनुरोध करता हूँ। कृपया सरकार से मुझे एक अवसर देने का अनुरोध करें। आइए हम अपने देश को एक सच्चा साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र बनाएँ।
अवधूत जोशी
कॉम्युनिस्ट इतिहासकर यांनी वाट लावली इतिहास ची,,, यांना मुघल जवळचे आहे,, अरे भारतातूनच सगळी कडे लोक गेली आहे
हरिती नावाची देवता ही बोद्ध कालीन आहे ,तिलाच बुद्धांनी जगदंबा म्हटलं आहे.
ती लहान मुलांचे रोगापासून सवरक्षण अशी समज आहे.
@@rahulnagarkar8237तुम्ही आधी महायान वाचा.
@@rahulnagarkar8237
चल बे मूर्खा
तू कधी बौद्ध. साहित्य वाचलेस का
देव हा शब्दच मुळात बौद्ध धर्माचा आहे
अलीकडे २००वर्षापूर्वी. आलेल्या हिंदू
पंथीय लोकांनी सर्व Buddhist. Sanklpana. हिंदूंच्या म्हणून. घोषित
केल्यात
संदर्भ दे रे 😂 फेकायचं म्हणून फेकायचा काही
मुळात देव ही संकल्पना भगवान बुध्दाना मान्य नव्हतं मग हे कस शक्य आहे
@@kokanorbit8877
देव या शब्दाचा अद्भुत शक्ती किंवा चमत्कारी शक्ती यांच्याशी काहीही संबंध नाही. प्राचीन काळात देव शब्द राजा किंवा टोळी प्रमुखाला उद्देशून वापरत जो जीवनावश्यक प्रमुख गरजा, संरक्षण उपलब्ध करुन देण्यात महत्त्वाची भूमिका करत असे. प्राचीन राजांच्या नावात देव शब्द आढळतो. बुद्धांच्या मूळ नावात देव शब्द आहे, सुकितीदेव.
आर्य इथून जगभर पांगले हे आता सिद्ध झाले आहे...
Arya musalmaan ko dar ke bharat me aye aur dudh me sarkar milake bharat ke logo ka dudh hi pi gaye reciest
ओरायण, आणि आर्क्टीक होम इन वेदाज ही दोन पुस्तकं लिहून टिळकांनीच आर्य हे ऊत्तर ध्रुवावरून भारतात आले. असे म्हटले आहे.
@@amarshinde8359 Micheal Bamshad cha DNA report check kar R1A1 steppe pestoralist haplogroup Bharatiy naahi, R1A1 steppe pestoralist haplogroup Eurasian DNA aahe ji Brahmancha aahe Bharataat🤣🤣 tu hi test karun ghe kadhi tuze gharache satsangaat gele asateel tar🤣🤣 Mahabharat tar purava aahech mhana , jas Mahabharataat parashuram Kshatriya 21 vela sampavati prithvi Varun ni mag baaki uralelya kshatraani swatah ni brahmaanankade pathavato Kshatriy paida karaayala🤪🤣🤣🤣
@@thakarsanjeev Aarya he bharatiy mulnivasi, jyana brahmanani shudra tharavale, aat shudra kas koni swatahala maanal tar Pali bhashet shudrach arth shuddh asa hoto, he shudra shuddh aahet brahman Kshatriy vaishy naahi🤣
@@kamlakarrest923 मला इंग्रजी येत नाही हो सर
पर्शिया म्हणजे,राजा पारस चे राज्य,आणि तिथे राहत होते ते पर्शियन म्हणजे आजचे पारशी,मुस्लिम धर्म उदय नंतर अत्याचार झाले म्हणून तिथून बाहेर पडले,ते पारशी, पारशी स्वतःला मूळ आर्यन मानतात,
Correct
@@qc5rd JSA aajhi aaplya desha alpasankhyank aani dalitanvar anyay hotoye
@@greencorner8842 काहीही ,,,उगाच काय पण रिप्लाय देऊ नका,
मूळ सर्वत्र हिंदू धर्मच संस्थापित ,
आर्य अनार्य हा इतिहास लिहिणारेच मला वैयक्तिक अमान्य आहे. याच लोकांनी लोकांचा बुध्दी भेद केला. असे माझे स्पष्ट मत आहे.
😂😂😂
Aarya aanary ladai aadhipn hoti n aajhi aahe
हिंदू शब्दाचा अर्थ हिंदू शब्दाचा उगम सांगाल का याबद्दल काही
सर्व देश विदेशी इतिहास कारांनी इतिहास परिषद भरून यावर सांगोपांग पुरावे सहीत मते मांडावी इतिहासात खुप घालमेल आहे इरा नी अफगानी भारतीय फ्रेंच सीरीलका चाईनीस थाईलड बरमा अरबी तीबेटी म्यानमार जापान अजून सर्वे देश विदेशातील फार मोठे दोनातीन महीने चालेल असे कान्फरन्स भरवाववे असे मला वाटते यावर आपली प्रतीकीय द्यावी प्रत्येक देशात इतिहासकार आहे एका ठीका नी येवून हा सर्व घोड आहे यातून जागतीक असे एक निर्णय एक नवीन संशोधन पुर्ण नवीन इतिहास तयार करता येईल
Excellent truthful analysis and good job 👍👍👍👍👍
प्राचीन भारताचा वस्तुनिष्ठ ईतिहास जाणून घ्यायचा असेल तर इराण ( पर्शिया ) चा प्राचीन इतिहास अभ्यासावा लागेल.
अजबच तर्कट रे बाबा तुझं!!
बरोबर आहे दुसऱ्याच्या ओंजळीने पाणी पिणारे हेच करणार!!
Perfect agar apko irani history padhe to apko.. Ramayan Mahabharat gita jaise sab main idea mil jayengaa... Sab god sab mil jayengaa....
Mahatma fule Ji ne Sanatan god kalpnik plan ki dhajjiyaa uda ke rakhadi😅
Binkami
Lively Information
Nice
Very nice
ही सर्व माहिती डॉक्टर बाबासाहेब आंबेडकर यांनी लिहिलेल्या शूद्र पूर्वी कोण होते या ग्रंथात सापडते
Mi vachlay pan mala nahi athvat kadachit Buddha and his dhamma madhe asel
क्रांती आणि प्रतिक्रांती ह्या पुस्तकात dr Babasaheb यांनी स्वत:पान क्र १२१ मध्ये आर्य हे परदेशातून आले असल्याचा कोणताही ऐतिहासीक पुरावा नसल्याचे स्वत:मान्य केले आहे.
@@snehallolage110 HELLANHELLA
@@snehallolage110
OK Me check.
@@snehallolage110म्हणजे यांच्या मते आंबेडकर चुकीचे होते.
इराण,अफगाण आता नाव आहेत आधी भारतात होते भारत च भूभाग होता.पण दैत्य ,दानव यांनी हिंस्त्र,मारकात करून,लबाडी करून वेगळे झाले
हे दैत्य आणि दानव नेमके कोण होते?
Te mulache bhatiya n he ghuskhor hote tyana hakanyasathi tyanchi yudh vayachi n mhane tyani vegale kele kiti hasyaspad
भारत नावाचा एक राज्य सत्ता, नागरिकत्व,निश्चित सीमा, राज्यघटना असलेला सार्वभौम असा आजच्या सारखा देश कधीच नव्हता, इराण अफगाण,भारत हे सर्व भूखंड जोडले असल्या मुळे त्या काळी कोणतीही मानवी टोळ्या त्यांचे नायक कुठे ही स्थलांतर करीत होते जे जिंकत ते तिथे वसाहत करीत असत उगाच कशाला दावे करीत बसता
Barobar
Arayan theory शिनोली मध्ये फॉल्ट झाली आहे 😂 कारण खूप प्रगत अशी 5000 इयर्स. पूर्वीची शिल्प मिळालं आहे आणि रथ सुधा त्यामुळे आर्यन हे भारतीयच
DNA
@@anilshinde3074 tyancha DAN south Indian mansanbrobr match hoto
@@rushikeshbhoite9022एखादा तुमच्या गावातील व्यक्ती अपघातात मरण पावला तर तुमच्याच गावचे नाव लागणार मग यावरून हे सिद्ध होत नाही की त्या बस मध्ये तुमच्याच गावचा एकटा प्रवाशी प्रवास करत होता, तो व्यक्ती मरण पावला म्हणून त्याचे व तुमच्या गावाचे नाव पुढे आले तसेच गुण सूत्रे दक्षिण भारतातील मिळाले म्हणजे इतर जमातीच इथे अस्तित्व नव्हते असे होत नाहीं. आज तुम्ही मुसलमान, ख्रिश्चन, पारशी यांना विदेशी म्हणू शकता कारण आज सीमा आहेत त्याकाळात तसें नव्हते कुठली टोळी कुठेही वास करू शकत होती सीमेच बंधन नव्हते. जंगलात सर्व पशु पक्षी राहतात वाघाच्या गुण सूत्रांसोबत इतर प्राण्यांचे गुण सूत्र मिळत नाहीं म्हणजे तो जंगलाचा भाग नाहीं असे नाहीं.
सायन्स जर्नी, रॅशनल वर्ल्ड, रियालीस्ट आझाद, अमित तिवारी....
यातल्या एकानेही बुद्धांचा समकालीन पुरावा दिला नाही😂
Agni Poojak Aarya
Parjanya Poojak Aarya
Samudra Devta Poojak Aarya
Vruksha Pujak Aarya
Haa
Aarya Ki Adiwasi ?
Dr. Ashok Rana sir - 👍
मुळ आर्य म्हणजे - ऋग्वेदातील पशुपालक वैश्य , वंजारी जे आजही इराण अफगाणिस्तान मधील मुस्लिम वंजारे व फाॅरेनर ( वंजारी ) युरोपियन वनिक लोक
Kahipan, saglya jaga la mahiti ahe Bharata madhle Arya kon ahet, Vanjari tar ajibat ch nahit Arya
Arya Kshatriy aslyache purave ahet, Vanjari kshatriy nahit
Aso atta sagle Bhartiy ahet he kafi ahe
आर्य विशुद्ध भारतीय ही थे ...! जितनी भी वेज्ञानिक साक्ष मिले यही सिध्द कर थे हे. ..आर्यन इन्वेजन थ्योरी सो साल पहले मान रहे थ क्यो की विज्ञान तकनिक अभी सुधार रही थी और भारतीय गुलाम थे गोरो के ! लेकीन आज कोई यह मान रहा है तो वो या तो अज्ञानी है या फिर उनकी खोज अभी बाकी है !!!
खुप छान माहिती दिली आहे. धन्यवाद
तिकडून इकडे आलेत की इकडून तिकडे गेलेत, ह्यावर काय संशोधन आहे?
@@changetheworld-j8i But whether they had come here or our people had gone there?
Sanskrit is the mother of all the languages...like matru and pitru.....mother and father...so they migrated from jambudwip to west
@@suhasbokare2408 sankarit is Braman vedic language not hindu people language pali is Indian people language
Does mere language can prove the transposition of humans? Nagpur gets the word "lay bhaari " from pune. Pune gets the word " saoji " from Nagpur. In today's world we have our domiciles which will slowly get destroyed. Last three generations of my family discussed about our native place. Next generation doesn't knows any further about it. Land has gone, our existence proof ended there.
@@suhasbokare2408 unfortunately Indians don't know but all over the world especially in western countries linguistics are studying the origin of their languages and find sanskrit as a mother language...
उपयुक्त माहिती मिळाली.
सर खूप खूप धन्यवाद.
Pratham purn shanti ne aika mg aapli pratikriya dya 🙏🌹jay bhim 🌹namo buddhay 🙏🌹
खूप छान माहिती. .. राणा सरांकडून प्रत्यक्ष हे बरंचसं ऐकायला फार छान वाटायचं..
निरर्थक चर्चा
वाल्मीकी रामायण वाचा म्हणजेच समजेल आर्य कुठल ???
saudi arabia varun jya murti pojnare yana hakala teva te kuthe gele ka ale ... ?
आपण खरच फोन वरच साबशन आहे का
Sir mhanje bhartat je lok je pujtat he brhamhanachi den aahe mag bhartatla mul dharm konta
Buddhism hach mul dharm aahe ,
33 cr devi devta bamna che aahet 🙏
@@crante8357 पुरावा आहे का???
28 बुद्ध झाले त्यापैकी एकही बुद्ध शूद्र नव्हते सगळे एकतर ब्राह्मण व क्षत्रिय होते, डोळे उघडा त्रिपिटक वाचा , अशा सडक छाप जातीवादी मानसिकता असलेल्या इतिहासकारांचे व्हिडिओ बघू नका, 🙏ते तुम्हाला खरं कधी सांगणार नाही
Rana sir mala Marathi shikavayache Amolakchand college Yavtmal la 1996_97 la,khup chaan vatal sir itakya varshanni tumacha aavaj aikun
इराण ला गेले तर तिथेच राहायचं कायमच
इराणी आदिवासी भाषा आणि संस्कृत भाषेतल नातं काय आहे त्याचा व्हिडिओ बनवा आपलं सहकार्य फार मोलाचा आहे
💐🙏 आपले धन्यवाद सर
आर्य हे स्थानीकच म्हणजे भारतीय
ज्या कुणाला आर्य बाहेरून आले असे वाटते
त्यांनी दाशराज युद्ध या सर्वात प्राचीन महायुद्धाचा अभ्यास करावा
दाशराज युद्ध म्हणजे पृथ्वीतलावरील पहिले युद्ध ज्याचे लिखीत वर्णन आढळते ते आजच्या पंजाब प्रांतात घडले गेले होते त्याचे वर्णन ऋग्वेदात आहे ( टिप युनेस्को ने ऋग्वेदास सर्वात प्राचीन ग्रंथ घोषीत केले आहे)
या युद्धाचा कालावधी परदेशी विद्वानाच्या मते सात हजार ते अकरा हजार वर्षांपूर्वीचा असु शकतो तर भारतीय विद्वानाच्या मते हा काळ वीस हजार वर्षांपूर्वीचा असु शकतो
सांगायचे म्हणजे या युद्धात एका राजा विरूद्ध दुसर्या दहा राजांनी एकजूट करून युद्ध पुकारले होते म्हणून याला दाशराज यूद्ध म्हणतात या राजांचे राज्यस्थले भारतीय उपखंडातील आहेत
या युद्धात काहीं राजे स्वतःला आर्य म्हणवून घेत असत असा उल्लेख आहे यावरून सिद्ध होते कि आर्य हे बाहेरून आलेले नसुन स्थानीकच
या दाशराज युद्धाबदलचे अनेक व्हिडिओ युट्युब वर उपलब्ध आहेत तरी जिज्ञासूंनी त्याचे अवलोकन करावे
th-cam.com/video/s_8MotLXrR4/w-d-xo.htmlsi=OtXspM_sKX8mQTqz
माहिती खूप चांगली भेटली पण काही इतिहासकार जसे की, राजीव पटेल आणि राजेंद्र प्रसाद सिंघ यांचे मत इतिहासाविषय वेगळे वाटते काय सर कारण त्यांचे मत हे देव देवी हे सारे बुद्ध संस्कृती देणं आहे त्यांचा इतिहासाविषयी दृष्टिकोन वेगळा दिसतो धन्यवाद सर
माहिती भेटली हे चुकीचे मराठी आहे. माहिती मिळाली असे आहे.
भेटली हा शब्द व्यक्ती साठी वापरला जातो. काका भेटला, मित्र भेटला... असे.
बक्षीस मिळाले... पैसे मिळाले असे.
कृपया लक्षात घ्या आणि सुधारणा करा ही नम्र विनंती 🙏
अर्धवट
@@Kshitij0818 काय भाऊ अर्धवट
अरे भावा हे सर्व सडक छाप इतिहासकार आहे त्यांना विद्वान वर्ग मानत नाही त्यामुळे पैसे कमावण्यासाठी ते युट्युब वर येऊन उलट सुलट भुंकतात त्या भुंकण्याला इतिहास म्हणत नाही.
संशोधन पण आगलावे धंदा पण करायचे तर शेतीत करा रस्ते,धरणे अशा बाबीत करा ही ऊरफोड कशाला स्वताचे पांडित्य देश निर्माणासाठी वापरा भारताचे काय देणघेणे ईराणशी रिक्कामे ऊद्योग ह्यात डाकटरकी तरी काय कामाची जीसमाजपुरुष बिघडवते
One more attempt to break Bharat. Why cant we accept the fact that hinduism buddhism jainism sikhism are all sanatan... why keep breaking into smaller and smaller pieces.. imagine our might if we all stand together.. please use your intelligience to be promote ekata in anekata and not fall prey to break sanatan forces... there are just 2 idealogies.. sanatan and abrahamic... inclusive and exclusive... which idealogy do u follow... the fate of our planet now depends on our choice of idealogy..
सरस्वती इराणची अनाहिता नसून सनातन बौद्धांची महामयुरी ही देवी आहे . याचे पुरावे आहेत .
Mg saheb 1 sanga konta dharma khara ahe jyat sarv khar ahe hindu, muslim,sikh isai,parshi,khrichan. Baki dharma baddal pn abdhyas ahe ka
हरती ही बौध्द देवता आहे
Bhudha Dev nahit.
Parinirvan. Truth.
Now you are claim
Harit, avliketshawre,
Then Kali And how
Shambhu appear?
All philosophy is just
Controversy.
And still you are in
Not present.
Thanks. I would like
To hear from you.
Thanks.
bauddha प्रतिक असे म्हणायचे आहे बहुतेक
हास्यास्पद.
Plz Matang jati baddal mahiti sanga kay itihas ahe Matang jaticha
मातंग ऋषींचे वंशज आहेत तुम्ही
चूक आहे. आर्य ह्या शब्दाचा अर्थ बौद्ध असा होतो. बौद्ध हे मक्केपासून जपानपर्यंत पसरले होते .
इराणला इराण हे नाव तर अलीकडेच पडले आहे.
"विदेशी ओंजळीतन पाणी पिणारे....हे घरचे ना आहेत, ना दारचे आहेत..."
सर माहिती खुपच आवडली , मला एक माहिती पाहिजे होती पर्शुराम वगेरे ही मंडळी किती हजार वर्षा पुर्वी आली असावीत. दुसरे असे की? माहुरची देवी हि रेणूका नसून माता पार्वती आहे कारण देवी सिंहावर बसली आहे .
कोण मूळचा कुठचा हे पुराव्याशिवाय सांगण्यातच अर्थ नाही.
R1A1 डी एन ए बद्दल विस्तार पूर्वक यूरेसिया ईरान मिश्र (इजिप्ट) यूनान ( ग्रीक , ग्रीस) से कौन कौन आये भारत यह भी बताया जाय
Aryan he baherun aale navhte he proove jhale aahe...
🎉🎉
Kokeshas parvat parisaratale aarya parshiyan dharm kase gheun aale ? Ya tolyani parshiyan dharm swikarala ka ? Karan te parshiya che navate . Te kokeshas parvat parisaratale . Aavesta tyani sobat aanala hota ka ? Tya granthacha abhyas karanyakarta agodar aaryana parshiyan dharm swikarava lagala asel . Ya vishayi sangava . Parshiyan dharm mhanaje zorastarian dharm . Aavesta tyanchach granth aahe . Zorastarian dharm madhe conversion aahe ka ? Zorasterian dharmamadhe conversion disalel nahi . Magte pahile hota aani nantar band kela ka ? Kokeshas parvat rangatil tolya jar to dharm granth gheun yetat mhanaje tyani to dharm swkarala abhyas kela . Tyana tya dharmat ghetale mhanaje convert kele . Zoraster yani eshwar ek aahe aani to nirakar aahe ya tyanchya ahikavanukivar zoraster dharm tayar zala . Mag murtipoojecha kay sambandha aala ? Bharatat je zorasterian mhanaje aapan jyana paraai mhanto te lok aale tyani tyanche poojasthan bandhale . Tyat murti pooja hote ka ?
दगडाचे देव बनवुन सर्व देशाला फसवले हेच आश्चर्यच
नवीन updated माहिती
Science journey चॅनेलवर आली आहे
सुरसती बुद्ध भिक्कूनी पासून
सरस्वती आली आहे.
राजीव पटेल यांच्या भ्रम का पुलिंदा या पुस्तकात पण हीच माहिती उपलब्ध आहे
Sir, Greek mythology me, Hercules ne akash/ earth ko uthaya tha..
Fir Atlas ke sath usse exchange kiya...
old perisa/Iran me hercules ko Vehram/Behram kahate the...
Vehram ka totem) emblem/Kulchinh hai Suar/boar...
Bharat me Gupta dynasty me vishnu avatar banaye gaye.. Varah avtar pruthvi ko uthaye hue dikhaya jata hai....
Kya greek bramhan sect ka bhartiya samaj me sammilan karte samay Varah avtar ko manyata dee gai?
Atlas astronomy ka Greek expert tha... Greek log samudra yatra karte the... Aakashiya gole aur rashi/ constellations ke disha margadarshan se greeks samudri yatra karte the..
ज्या लोकांना हजारो वर्षे लिहायला वाचायला अधिकार नव्हता त्यांतील काहि बुध्दिजीवी लोक आज शिकवणार कि धर्म काय भारतीय देव कोण...
Mg tuzich lal mn😁😁😁 kholun pha ksi aahe ti😁😁😁
@@onkarpuri7185 tuzi kholun pahili na kiti laal ahe te..
@@3lokd633 Tula Mirchi powder chi garaj aahe tuzi aag vizvyala jra Changli ghasun laav mnje bhadka udel🤣🤣🤣😂
@@onkarpuri7185 tuch lav changli ghasun tuza reply vachunach kalatay ki kunachi jalali ahe te.
हो मी यज्ञ असो ही इकडचे शब्द तिकडे गेला असं नाही होऊ शकत काय
अमेरिकेतील स्टॅच्यू ऑफ लिबर्टी 🗽ही देखील बुद्धांची मूर्ती आहे😂
Nahi ti thya Surya khanarhya makdachi ahe😂😂😂😂
छान व चांगली, उदबोधक माहीती.
अरदवी सुरा अनाहिता असं त्या देवीचं नाव आहे. ती जलदेवता आहे. शिवाय ती प्रजनन ,उपचार व बुद्धी यांचीही देवी आहे
tari pan tu nirbuddhich kashi rahilis….
@@123xyzabccba तुला बुद्धिमापन करायचं काम दिलं आहे का ? अपात्री दानच झालं मग.
फोन वर बोलण्या पेक्षा प्रत्यक्ष मुलाखत प्रभावी ठरले.
कान सोनारानी टोचावे लागतात
धन्यवाद. राणा साहेबांचा अभ्यास गाढा आहे.
आदरणीय महोदय
हमारे देश में नैतिकता का अभाव है। हम सिर्फ़ उच्च मूल्यों की बात करते हैं और कभी उन पर अमल नहीं करते। मैं इसे अपने उदाहरण से व्यक्त कर रहा हूँ।2015 से यह बात और भी सच हो गई है। मैं अपने अनुभव का ब्यौरा साझा कर रहा हूँ। मेरी राय में, नैतिकता की कमी की यह समस्या हिंदू धर्म के विरोधाभास का कड़वा फल है।
जब भी आप हमारे देश में किसी भी व्यक्ति से जाति और धर्म के बारे में कुछ सुनते हैं, चाहे वह बुद्धिजीवी हो या राजनीतिक नेता, हमेशा एक महत्वपूर्ण बात याद रखें। आपको कभी भी ऐसा व्यक्ति नहीं मिलेगा जो पूरी तरह से सच बोलता हो। आपको उसके राजनीतिक झुकाव के अनुसार आधा सच या झूठ मिलेगा। आधे सच या झूठ का प्रतिशत व्यक्ति की प्रकृति के अनुसार अलग-अलग होगा। जितना बेशर्म व्यक्ति, उतना अधिक आधा सच और झूठ। यदि व्यक्ति अच्छा है, तो अच्छे इरादे या ज्ञान की कमी के कारण वह आधा-अधूरा सच बोलेगा।
मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो वास्तव में गैर राजनीतिक हूँ और इसलिए केवल सच बोलने की स्थिति में हूँ।
25 जून 2024 तक का सत्य
30 जनवरी 1948 से भारत का सामाजिक और धार्मिक ताना-बाना कमज़ोर होता चला गया। 30 जनवरी 1948 को क्या हुआ था? गोडसे ने गांधीजी की हत्या की। इस दुखद घटना ने जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में पक्षपात को बढ़ावा दिया। यह प्रक्रिया जारी रही और आज हम सबसे खराब स्थिति में पहुँच गए हैं। जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भ में हम दुनिया में नंबर एक बेवकूफ राष्ट्र हैं। इस प्रक्रिया ने हमारे इतिहास को खराब कर दिया है। इतिहास अब हमारे देश में हास्य बन गया है।
एक सच्चे साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र का दर्जा पाने के लिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा करनी चाहिए। एक लंबे धागे की उलझन से हर कोई परिचित है। अगर आप इसे सुलझाना चाहते हैं, तो यह बहुत ही नाजुक काम है। और हमारे पास हज़ारों सालों की ऐसी उलझन है। और ऐसा समाधान खोजना जो सभी को संतुष्ट कर सके, बहुत ही खास काम है। इसके लिए खास उपकरण की ज़रूरत होगी। मेरे पास ऐसा उपकरण है। मैंने इस उद्देश्य के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने और सभी को संतुष्ट करने में सक्षम है।
लेकिन इसके लिए सरकार का समर्थन ज़रूरी है। मई 2022 तक, मैंने सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ कीं। और सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया। मैं सभी सच्चे देशभक्त नागरिकों से सरकार से ऐसा अनुरोध करने का विनम्र अनुरोध करता हूँ। कृपया सरकार से मुझे एक अवसर देने का अनुरोध करें। आइए हम अपने देश को एक सच्चा साक्षर और लोकतांत्रिक राष्ट्र बनाएँ।
अवधूत जोशी
मानव सेवा हीच ईश्वर सेवा आहे बहुजन हिताय बहुजन सुखाय
साडे तीन हजार वर्षा पूर्वी इराण मधे एक ईश्वर (अहुर मझदा,पारसी धर्म) याचा उदय झाल्या नंतर , बहु देव वादी आर्य भारतात आले,ऋग्वेद त्याच काळात लिहिले गेले.त्या काळातले इंद्र,इत्यादी आता पुजले जात नाहीत.
Mag tumhi aryan invasion theory la support karta ??
शील प्रज्ञा सत्य***
🙏🙏🙏
#sciencejourney #rationalworld
अभिनंदन, काँग्रेस सत्तेत अली की आपला जावई शोध NCERT मध्ये छापला जाईल
गौतम बुध्दांपूर्वी पूर्वी भारतीय उपखंड अस्तित्वातच नव्हता. सगळीकडे समुद्रच समुद्र होता.
गौतम बुध्दांनी ४२ लाख चौरस किलोमीटर भूमी निर्माण केली.
@@bharatmahaan2991 ok यासाठी तुम्हाला भारतरत्न कॉंग्रेस तर्फे
@@bharatmahaan2991 व्वा,आपणास पण पुरस्कार मिळेल या संशोधनासाठी खोंग्रेस कडून
@@qc5rd 😂😂
अरे/आर्य हे सिंदु नदी कथ्य्ची सभ्यता होती ( आजचे इरान /परसी रास्ट्र होत, अता हिन्दुस्तान ला कुठ्ले रास्ट्र बनवायचे आहे तद्न्य
मग बाकीचे देव कुठून आले प्रा.. पक.
हा अतिशहाणाच आहे.. बारामती पुरुस्कृत.
तुला बारामतीची लइचं अलार्जी दिसते तुला
Better Dr Ashok Rana has to make video documentary on this unless & until people are not watching live they don't believe.
This hidden truth has to come in front....
Mala 1 samjat nahi ki Buddhism madhe dev pujat nahi mag hy sarva devi kasha aalya ??
यासाठी आपल्याला बौद्ध धम्मातील महायान, वज्रयान, तंत्रयान-मंत्रयान शाखांचा अध्ययन करावे.आपल्या या संदर्भात बहुतेक प्रश्नांची उकल ईथुनच होईल. 🙏धन्यवाद.
@@dineshkamble685 pan mahayana hinayana vajrayana yamadhe aapsat mat bhed ahet
सर्व बौद्ध धम्माशी निगडित वेग-वेगळ्या शाखा निर्माण होऊन, अखेर [8व्या ते 11व्या शतकाच्या कालावधीत या संकल्पनेत पाखंडवादाचा मोठ्याप्रमाणात प्रभाव पडला. कारण परकीय आक्रमणकारी -मुघल, ईरानी लोक हे याच कालावधीच्या आसपास भारतात आले. या दोघांच्या संगनमताने एकाला सत्ता व एकाला वर्चस्व प्रस्थापित करून येथील समण संस्कृतीचा र्हास होऊन येथील बहुजन मुलनिवासी लोकांना पाखंडवाद थोपवून मानसिक गुलाम बनवून आपले वर्चस्व कायम अबाधित ठेवले. याच काळात म्हणजेच 8व्या/9व्या शतकातच तंत्र-मंत्र यान शाखेतून आदी शंकराचार्य [प्रच्छन्न बौद्ध भिक्खु]यांनी शैव संप्रदाय व त्याच कालखंडात वैष्णव संप्रदाय,नाथ संप्रदाय व 11व्या/13व्या शतकात वारकरी संप्रदाय असे अनेक संप्रदाय निर्माण झाले. आता मुळ मुद्द्यावर म्हणजेच आपल्या प्रश्नावर स्पष्टीकरण देत आहे. ते असे, बौद्ध धम्मातील हीयान [थेरवाद]या तथागत बुध्द यांच्या मुळ तत्वज्ञानाशी निगडित परंपरेत काही नियम जसे विनय पिटक मधील नियमावली अशा वैचारीक मतभेदातुन फुट पडुन, महायान अर्थातच परिवर्तनवादी व थेरवाद [बुध्दांच्या मुळ तत्वप्रणालीत बदल न करता त्याच तत्वांवर चालत आलेली. अशा दोन मुख्य शाखा निर्माण होऊन ,महायान शाखा परिवर्तनवादी असल्या कारणास्तव या शाखेचा मोठ्याप्रमाणात प्रभाव पडला.याच शाखेतून मूर्ती स्थापत्य कलेचा मोठ्याप्रमाणात प्रभाव पडुन तथागत बुध्द व बोधिसत्व मूर्तीस्वरुपात संकल्पनेतून [बुध्दीस्ट जातक कथेतील प्रसंगानुरूप] गुण दर्शविण्यात आले #कारण -सर्व सामान्य लोकांपर्यंत प्रसार-प्रचार मोठ्याप्रमाणात व्हावा. हेच पुढे अपडेट्स होत वज्रयान, तंत्रयान व मंत्रयान शाखा निर्माण होत गेल्या. 🙏धन्यवाद
Sir there are no enough proofs for Aryan invasion theory. Now a days information is easier to access. I am fan of Mahatma Jyotiba Fule. Please quote reference which are accepted by modern historians.
Who were shudras वाचल्यावर याबद्दल इत्यंभूत माहिती डॉ बाबासाहेब आंबेडकर यांनी सविस्तर दिलेली आहे
इराणी आर्य जेव्हा भारतात आले तेंव्हा सिंधू संस्कृती संपलेली होती आणि त्याचे उरलेले लोक (आजचे ओबीसी/शूद्र) है इथे अगोदरच राहत होते. आर्य ह्यांनी स्वतः ल ब्राह्मण सांगितलं आणि ओबीसी मध्ये पहिलेच कामा अनुसार जाती विभागणी होती.
Dr . राणा ह्यांचं धाबोलकर कधी करतील है सांगता एनार नाही.. sir please स्वतःची काळजी घ्या.. विनंती ,🙏
आपण कुठले आहात
डॉ अशोक राणा साहेब सरस्वती विद्येची देवता कशी झाली
Sarasvati hi suranchi devta aahe ashi murti kalktyachya sangrahalyat aahe tasech harata devi budhhisum grik pharasi ani jain dharmat pan sapadate iran irak kivet afhan paryant budhh dharm pasarlela hota pharasi muslim khristi dharm nantarch udyala aalet he saty aahe
पार्शिया नावाचा देश होता त्याचं नांव इराण कसं झालं ते पण सांगा
👌👍✔️उद्बोधक,, ब्राम्हण आणि श्रमण,,, संघर्ष --समन्वय यावर एकदा, बोलावे,,, विनंती🙏🙏
Read history. In 4000 BC Aryans from " Aryanwajo" in Himalaya went to Parsia I650
Indra सुध्दा Zeus आहे. तिकडूनच इकडे आला आहे.
@@D.K.12342. वो कहानियां महायानियों ने लिखी है यानी आज के हिंदुओ ने जिन्होंने ने विष्णु पुरान में बुद्ध को विष्णु का अवतार माना है।
@@D.K.12342. आप को और पढ़ने की और ढूंढने की जरूरत है, कोई बात नहीं कोई कह रहा है, सिर्फ इसलिए मानना नहीं चाहिए। आप और पढों और ढूंढों अगर सच लगता है तो मानों वरना मत मानों। आपको जैसा ठीक लगे 🙏🏻
@@D.K.12342. और एक बात सनातन समीक्षा पर गाली गलोच सुनने से अच्छा है हमारा Atit YT देखो। मैंने सुना है अब वो इतिहास छोड़कर Geopolitics पढ़ाने जा रहें है। वैसे भी इतिहास पढ़ाने का काम वो सही तरीके से कर भी नही रहे थे।
@@D.K.12342. Kubja boys zindabaad 🤪🤣
@@D.K.12342. baajuvaale pappa ki jai, Jay ho niyog putra ki , Jai ho gufaa putra ki🤪 ,Jai hagatan samiksha ki, Jai tunni maharaj ki😝
ज्या गोष्टींचा अभ्यास नाही त्या गोष्टींवर विनाकारण तोंड उघडू नये.. इस्लामचा अभ्यास आणि सनातन संस्कृतीचा अभ्यास याची थोडी तरी माहिती आहे का तुम्हाला..
अबे तू ज्ञान गेलेला आहे
तुझा तरी अभ्यास आहे का इतिहास कार संशोधन करून सांगतात पुरावे सहीत इरान वरून खोदुन आले ते
@@devidasgore9491 तुझा किती अभ्यास आहे इतिहासावर?
@@dr.rajeshpadole1869 हे सडक छाप इतिहासकार आहे यांना कुत्र विचारत नाही , विद्वान वर्ग यांना मानत नाही.