Sangat Ep.67 | Suryabala on Short Stories, Novels, Satire, Varanasi & Sahitya Akademi | Anjum Sharma

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  • เผยแพร่เมื่อ 4 เม.ย. 2024
  • हिंदी साहित्य-संस्कृति-संसार के व्यक्तित्वों के वीडियो साक्षात्कार से जुड़ी सीरीज़ ‘संगत’ के 67वें एपिसोड में मिलिए सुपरिचित कथाकार सूर्यबाला से। सूर्यबाला (जन्म : 1943, वाराणसी) हिन्दी की आधुनिक उपन्यासकार और कहानीकार हैं। 'बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय' से हिंदी साहित्य में पीएच. डी.। कार्य का प्रारंभ आर्य महिला विद्यालय में अध्यापन से। 1972 में पहली कहानी सारिका में प्रकाशित। 1975 में बंबई आने के बाद लेखन में विशेष प्रगति। 1975 में प्रकाशित पहला उपन्यास 'मेरे संधिपत्र' विशेष रूप से चर्चित। समकालीन कथा साहित्य में सूर्यबाला का लेखन अपनी विशिष्ट भूमिका और महत्त्व रखता है। समाज, जीवन, परंपरा, आधुनिकता एवं उससे जुड़ी समसयाओं को सूर्यबाला एक खुली, मुक्त और नितांत अपनी दृष्टि से देखने की कोशिश करती हैं। उसमें न अंध श्रद्धा है न एकांगी विद्रोह।
    इनकी अब तक 19 से भी ज़्यादा कृतियाँ, पाँच उपन्यास, दस कथा-संग्रह, चार व्यंग्य-संग्रह के अलावा डायरी व संस्मरण प्रकाशित हो चुके हैं। अनेक रचनाएँ कक्षा आठ से लेकर स्नातक व स्नातकोत्तर स्तर तक के पाठ्यक्रमों में शामिल हैं। प्रकाशित कृतियाँ : 'मेरे संधि-पत्र’, ‘कौन देस को वासी : वेणु की डायरी’, ‘सुबह के इन्‍तज़ार तक’, ‘अग्निपंखी’, 'यामिनी-कथा’, ‘दीक्षान्‍त’ (उपन्यास); ‘एक इन्‍द्रधनुष जुबेदा के नाम’, 'दिशाहीन’, 'थाली-भर चाँद’, 'मुँडेर पर’, 'गृह-प्रवेश', ‘साँझवाती', ‘कात्यायनी संवाद’, ‘मानुष-गंध’, ‘गौरा गुनवंती’ (कहानी); 'अजगर करे न चाकरी’, ‘धृतराष्ट्र टाइम्स’, ‘देश सेवा के अखाड़े में’, 'भगवान ने कहा था’, 'यह व्यंग्य कौ पंथ’ (व्यंग्य); ‘अलविदा अन्ना’ (विदेश संस्मरण); ‘झगड़ा निपटारक दफ़्तर' (बाल हास्य उपन्यास)। कई रचनाएँ भारतीय एवं विदेशी भाषाओँ में अनूदित। टीवी धारावाहिकों के माध्यम से अनेक कहानियों, उपन्यासों तथा हास्य-व्यंग्यपरक रचनाओं का रूपांतर प्रसारित। ‘सज़ायाफ़्ता’ कहानी पर बनी टेलीफ़िल्म को वर्ष 2007 का सर्वश्रेष्ठ टेलीफ़िल्म पुरस्कार। कोलंबिया विश्वविद्यालय (न्यूयार्क), वेस्टइंडीज़ विश्‍वविद्यालय (त्रिनिदाद) एवं नेहरू सेंटर (लंदन) में कहानी एवं व्यंग्य रचनाओं का पाठ। न्यूयार्क के ‘शब्द’ टी.वी. चैनल पर कहानी एवं व्यंग्य-पाठ।
    साहित्य में योगदान के लिए ‘प्रियदर्शिनी पुरस्कार’, ‘व्यंग्यश्री पुरस्कार’, ‘रत्नादेवी गोयनका वाग्देवी पुरस्कार’, ‘हरिशंकर परसाई स्मृति सम्मान’, महाराष्ट्र साहित्य अकादेमी का राजस्तरीय सम्मान, महाराष्ट्र साहित्य अकादेमी का सर्वोच्च ‘शिखर सम्मान’, ‘राष्ट्रीय शरद जोशी प्रतिष्ठा पुरस्कार’, भारतीय प्रसार-परिषद का ‘भारती गौरव सम्मान’ आदि से सम्मानित।
    संगत के अन्य एपिसोड्स देखने के लिए दिए गए लिंक पर जाएँ : • संगत
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ความคิดเห็น • 40

  • @ashokseth2426
    @ashokseth2426 หลายเดือนก่อน +3

    Sury बाला जी कहानी सौगात कितनी मार्मिक है।पढ़ें जरूर।

  • @Sahitya-Nidhi
    @Sahitya-Nidhi หลายเดือนก่อน +5

    दीदी प्रणाम...आपको रूबरू देख कर ऐसा लगा कि आपसे बात कर रही हूँ.मैं सीमा हूं दी.

  • @jaishreegujar8076
    @jaishreegujar8076 หลายเดือนก่อน

    Suryabalaji आपका संधि पत्र किशोरावस्था में पढ़ा था।आज ४०वर्ष पश्चात भी वो अभी तक याद है।

  • @avagallery6599
    @avagallery6599 หลายเดือนก่อน +4

    सूर्यबाला जी के साक्षात्कार के लिए आभार अंजुम जी और बधाई🙏💐

  • @devendramewari4372
    @devendramewari4372 หลายเดือนก่อน +3

    सूर्यबाला जी की जीवन और रचनात्मक यात्रा को सुनना एक अलग अनुभव है। उनके साथ आपके संवाद से हम जीवन और सोच की एक नई कहानी सुन रहे हैं, जैसे हर बार एक अलग लेखक की कहानी सुनते हैं।

  • @neelimashukla462
    @neelimashukla462 หลายเดือนก่อน

    बुआ जी प्रणाम हम बहुत दिनों से याद कर रहे थी अच्छा लगा आप को सुन कर ❤

  • @urmilarai1960
    @urmilarai1960 หลายเดือนก่อน +2

    बहुत आभारी हूँ आपका साक्षात्कार सुन कर।
    ये बात छू गई कि विवेक सम्मत विद्रोह होना चाहिए।
    🙏🏻

  • @user-tb3oq7ll3l
    @user-tb3oq7ll3l หลายเดือนก่อน +3

    आनंद आ गया आपके अनुभव सुनकर दी। अनेक साक्षात्कार देखें हैं किन्तु अंजुम जी के तटस्थ सवाल और शैली ने इस संवाद को बहुत उच्च स्तर पर स्थापित किया है । * विद्रोह विवेक सम्मत हो* 👌👌आप दोनों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ।

  • @sharadbishnoi3794
    @sharadbishnoi3794 หลายเดือนก่อน

    आखिरी विदा पढ़ी❤❤❤.... बहुत ही कमाल हैं

  • @ashokseth2426
    @ashokseth2426 หลายเดือนก่อน +3

    गरिमा और स्नेहपूर्ण व्यक्तित्व की स्वामिनी सूर्य बाला जी।

  • @manojghildiyal6854
    @manojghildiyal6854 11 วันที่ผ่านมา

    सुनकर अच्छा लगा।

  • @ashmakaul9122
    @ashmakaul9122 หลายเดือนก่อน

    बहुत सुंदर साक्षात्कार,,,,🙏❣️

  • @user-sd3zi2ly5m
    @user-sd3zi2ly5m หลายเดือนก่อน +1

    मैम! बहुत ही आनंदमय रहा आपको जानना। आपका पहला पारितोषिक , विवाह और लेखन।
    लिखना, सच में दुखों की शरणस्थली है और जब लेखन इस शरणस्थली को छोड़ता है तब आप जैसा सशक्त लेखन सामने आता है।
    नमन आपको

  • @sushmamunindra8481
    @sushmamunindra8481 หลายเดือนก่อน

    बहुत अच्छी वार्ता

  • @ramnarayanmandal9805
    @ramnarayanmandal9805 หลายเดือนก่อน +1

    उत्कृष्ट सत्र सर जी
    सर जी नीलोत्पल मृणाल सर को संगत में लायें सर जी

  • @archanasingh3997
    @archanasingh3997 หลายเดือนก่อน

    Behtarin varta

  • @sarlapurohit1216
    @sarlapurohit1216 หลายเดือนก่อน +1

    धर्मयुग, सारिका, कादम्बिनी के साथ साप्ताहिक हिन्दुस्तान में भी कवियों और लेखकों की रचनायें छपा करती थी ।😊❤

  • @sarojlata8657
    @sarojlata8657 หลายเดือนก่อน

    मैं उन सौभाग्यशाली लोगों में से हूँ,जिन्होंने धर्मयुग ,साप्ताहिक हिंदुस्तान,सारिका पढ़ने का आनंद प्राप्त किया ! सूर्यबाला जी को साक्षात्कार में लाकर अंजुम ने शानदार काम किया ! दोनों का धन्यवाद!

  • @sushmamunindra8481
    @sushmamunindra8481 หลายเดือนก่อน

    दीदी आप बहुत अच्छा बोलीं

  • @shreesandeepji
    @shreesandeepji หลายเดือนก่อน

    अनेकों धन्यवाद🙏🙏🙏
    सादर अनुरोध है अगर आप साक्षात्कार के साथ में लेखक/ लेखिका के द्वारा लिखी गई पुस्तकों की सूची भी डिस्क्रिप्शन में सकें तो बहुत बेहतर होगा🙏🙏 धन्यवाद

  • @sharadbishnoi3794
    @sharadbishnoi3794 หลายเดือนก่อน

  • @user-wr7bi2ni8i
    @user-wr7bi2ni8i หลายเดือนก่อน

    पुरस्कार आपसे बड़े नहीं हैं। आप बहुत बड़ी रचनाकार हैं, क्योंकि आप सच्ची और ईमानदार महिला हैं।

  • @user-wr7bi2ni8i
    @user-wr7bi2ni8i หลายเดือนก่อน

    अगर किसी की केवल एक कहानी से ही कहानीकार नाम स्मृति में अमिट होजाय तो यह रचनाकार की अजेय , कालजयी लेखन का प्रतीक है । आदरणीया सूर्यबाला जी ऐसी ही लेखिका हैं।
    आज इस साक्षात्कार में उनका एक एक वाक्य आत्मसात् होगया है।

  • @chandanikumari5490
    @chandanikumari5490 5 วันที่ผ่านมา

    it is awosome interview. where do I purchase her books and other writers book in one place.

  • @amitasarkar
    @amitasarkar หลายเดือนก่อน

    सूर्यबाला जी का सादर नमन 🙏 और अंजुम जी का बहुत धन्यवाद इतने सुंदर भाव से इस संगत के लिए। सूर्यबाला जी की सशक्त लेखनी का प्रभाव अनेक सदियों से हम पाठकों पर रहा है। आज उनके साथ जैसे रूबरू हो उनके विचारों को सुनने का सुअवसर मिला। संगत को बहुत बधाई 👏👏

  • @nageshmis
    @nageshmis หลายเดือนก่อน

    सूर्यबाला जी को सुनकर बहुत अच्छा लगा; अंजुम ने संगत भी बहुत अच्छी की है 👏❣️
    इन वर्षों में #कौन_देस_को_वासी_वेणु_की_डायरी पढ़कर चौंक गया, लगा,परिवार की ही बात है ❗ सूर्यबाला जी की कृतियां पुरस्कार की मोहताज नहीं है ‼️
    @shivkant
    @RajvardhanAzad
    @minthakur

    • @user-ht3yh2xc5j
      @user-ht3yh2xc5j หลายเดือนก่อน

      बहुत ही प्रेरणाप्रद साक्षात्कार

  • @anshushrisaxena1536
    @anshushrisaxena1536 หลายเดือนก่อน +1

    स्वागत है दीदी 🙏

  • @user-wr7bi2ni8i
    @user-wr7bi2ni8i หลายเดือนก่อน

    अधिकतर पत्रिकाएं विमर्श वाली कहानियों को हाथों हाथ लेती है इसलिए विमर्श आधारित लेखन रचनाकार आगे दिखाई देते हैं।

  • @sarojininautiyal9696
    @sarojininautiyal9696 หลายเดือนก่อน

    बहुत सार्थक, स्मरणीय वार्ता

  • @Dineshkumar-yj8ok
    @Dineshkumar-yj8ok หลายเดือนก่อน

    Aaap bilkul thik kah rahi ho…stree vimarsh stree utthaan ke liye ghatak hai…sirf lekhan me nahi…

  • @DINESHKUMAR-kq7yk
    @DINESHKUMAR-kq7yk หลายเดือนก่อน

    बहुत बढ़िया साक्षात्कार, हमेशा की तरह।

  • @saumyakaushal2922
    @saumyakaushal2922 หลายเดือนก่อน

    बहुत भावपूर्ण अभिव्यक्ति

  • @rudrajha-fb3pp
    @rudrajha-fb3pp หลายเดือนก่อน

    बहुत सुंदर, समृद्ध हुआ। सादर धन्यवाद

  • @seemasikander9164
    @seemasikander9164 หลายเดือนก่อน

    कौन देस को वासी ...वेणु की डायरी। मुझे बहुत पसंद है 👍

  • @divyasuhag5164
    @divyasuhag5164 หลายเดือนก่อน

    रंग संयोजन पर भी ध्यान रहता है क्या 😊

  • @PILKENDRAARORA
    @PILKENDRAARORA หลายเดือนก่อน

    स्वागत अभिनंदन

  • @shreeprakashupreti6061
    @shreeprakashupreti6061 หลายเดือนก่อน

    Excellent

  • @anshushrisaxena1536
    @anshushrisaxena1536 หลายเดือนก่อน

    जिज्जी की मुस्कान मुझे आज तक याद है।