Sangat Ep.50 | Uday Prakash on Stories, Magic Realism, JNU, Politics, Sansad & Irrfan | Anjum Sharma
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- เผยแพร่เมื่อ 7 ธ.ค. 2023
- इंतिज़ार ख़त्म होता है, मिलिए ‘संगत’ के 50वें एपिसोड में समादृत साहित्यकार उदय प्रकाश से।
गए वर्ष 'हिन्दवी' के यूट्यूब चैनल पर 'संगत' सीरीज़ के अंतर्गत हिंदी भाषा और साहित्य-प्रेमियों के लिए साहित्य-संस्कृति-संसार के व्यक्तित्वों के वीडियो साक्षात्कार प्रसारित किए गए। 'हिन्दवी' की इस प्रस्तुति को आपका का भरपूर प्यार और समर्थन भी मिला।
‘संगत’ की शुरुआत सुकवि आलोकधन्वा के साथ हुई और 25वाँ एपिसोड समादृत साहित्यकार विश्वनाथ त्रिपाठी के साथ प्रसारित किया गया।
‘संगत’ की यह अविराम-नयनाभिराम शृंखला आपकी संलग्नता और सराहना के बलबूते आज उदय प्रकाश के साथ अपने 50वें पड़ाव पर है। आपके साथ-साथ यह हमारे लिए भी एक विशेष अवसर है।
बक़ौल उदय प्रकाश-उनका जन्म 1952 में हुआ, लेकिन उनके पिता चाहते थे कि बीसवीं सदी का उत्तरार्ध जिस दिन शुरू हो उदय प्रकाश का जन्म भी उसी दिन हो, इसलिए उनका आधिकारिक जन्मदिन 1 जनवरी 1951 है। छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के सीमांत ज़िले अनूपपुर के छोटे-से गाँव सीतापुर में जन्मे उदय प्रकाश का बचपन यहीं बीता और प्राथमिक शिक्षा भी यहीं हुई। उन्होंने विज्ञान में स्नातक किया और हिंदी साहित्य में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में शोध छात्र रहे उदय प्रकाश आठवें दशक के चर्चित कवि रहे। कहानी के क्षेत्र में भी वह एक स्थापित हस्ताक्षर हैं। उनकी कहानियों का अनुवाद कई भारतीय और विश्व की प्रमुख भाषाओं में हुआ है। ‘तिब्बत’ कविता के लिए उन्हें 1980 का भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार मिला और उपन्यास ‘मोहनदास’ के लिए 2010 में उन्हें साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
उदय प्रकाश किन सूक्ष्म तंतुओं से कथा बुनते हैं? उनकी रचना-प्रक्रिया क्या है? ख़ुद पर लगने वाले आरोपों पर उदय प्रकाश का क्या कहना है? कभी कम्युनिस्ट पार्टी के होलटाइमर रहे उदय प्रकाश का राजनीति से मोहभंग क्यों हुआ? हिंदी साहित्य के साथ-साथ एंथ्रोपोलॉजी में उनकी रूचि कैसे पनपी? हिंदी-साहित्य-समाज और हिंदी विभागों से उनकी क्या शिकायत है? अवॉर्ड वापसी अभियान के अगुआ रहे उदय प्रकाश का हिंदी-कहानी, आलोचना और राजनीति पर क्या कहना है?
इस इंटरव्यू में उदय प्रकाश ने अपने रचनात्मक सरोकार, कथन-शैली से लेकर रचना-प्रक्रिया के विविध आयामों पर विस्तार से बात की है। उदय प्रकाश के निजी जीवन से लेकर उनके रचना-संसार को सिलसिलेवार ढंग से जानने-समझने के लिए देखिए अंजुम शर्मा के साथ 'संगत' का यह बेहद विशेष एपिसोड।
संगत के अन्य एपिसोड्स देखने के लिए दिए गये लिंक पर जाएँ : • संगत
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उदय प्रकाश सर का इंटरव्यू दो या तीन एपिसोड में होना चाहिए।वे जो बोलें बिना टोके उन्हें बोलते रहने देना चाहिए।उदय सर को सुनना वैचारिक स्तर पर बहुत अधिक समृद्ध करता है।
उदय जी का ये साक्षात्कार अपने आप में एक किताब है, कितना गहरा, कितना ठहरा और कितना सरल,
उदय जी हमारे समय के मानवीय, साहित्यिक, दार्शनिक और बेहद पुराने और आधुनिक विद्वान हैं।
वो हिंदी के लाडले हैं और हमारे पुरखे हैं।
देवेन्द्र अहिरवार
अंजुम जी उदय प्रकाश जी को टोकना नहीं चाहिए था आपको..उनका फ्लो में बोलते जाना आपके प्रश्नों से ज़्यादा इंटरेस्टिंग है।प्रश्न चुन के लाने का अर्थ ये तो नहीं कि प्रश्नोत्तरी ही पूरी करनी है।आप भी उदय जी के ऑरा के फ्लो में डूबकर इस इंटरव्यू को और गहरा बना सकते थे।उनके उत्तर खत्म होने से पहले आपका "ठीक है" बोलना ,चुभ रहा है,जैसे कोई डॉक्टर मरीज़ की आधी बात पर रिप्लाई देता है,"ठीक है आगे बताओ टाइप"..
बिलकुल सही बात बोली आपने
सच कहा आपने।अंजुम मास्टर की तरह लगने लगते हैं।कभी कभी
उदय जी महिला सशक्तिकरण उसी शक्ति के केंद्रीयकरण से निकला नारा है सवाल सत्ताओं के निशक्तिकरण का है नारीवाद वहीं से शुरू होता है
@@ashutoshsharma3311इसकी जगह 'बिल्कुल' या 'जी' बोलना चाहिए ।
Kay kahe samgh nahi pa rahi hu. Stabdha
बहुत दुख हो रहा है। एक घंटे रोका भी ख़ुद को कुछ बोलने से। माफ़ी चाहूँगा पर जब भी लगा उनकी बातों में,उनकी दुनिया में खोने ही वाला हूँ आपने उन्हें टोक दिया। जब वो कहते चले गये की कैसे आठ घंटे लगातार काम करते चले जाना या फिर चूमते रहना अमानवीय है..मुझे उन्हें और सुनना था। फिर आपका ये कहना की “मुझे मेरा जवाब नहीं मिला” वो थोड़ा रूखा भी लगा सुनने में। ख़ैर, आपको आभार भी व्यक्त करना चाहूँगा आपने ये इण्टरव्यू किया और हमारे सामने रखा। धन्यवाद ।
"लेखक जन्म से बूढ़ा होता है।" -उदय प्रकाश जी। हमेशा की तरह संगत टीम का शानदार काम।
उदय जी से पूछे गए सवालों को लेकर वो जो भूमिकाएं बांधते हैं तथा कई परतों पर प्रश्न को ले जाते हैं,कभी कभी श्रोता को कथाओं के बीहड़ में धकेल देती है,और समझ आता है कि उदय जी क्यों वारेन हेस्टिंग्स का सांड और तिरिछ जैसी कालजयी कहानियाँ लिख पाए । गगन गिल के बात बहुत ही बहुआयामी संवाद ।
उदय प्रकाश जी के साथ सैकड़ों बार अंतरंग चर्चा के बावजूद कुछ अलग बातें आपकी इस बातचीत के दौरान मेरी जानकारी में जुड़ीं ।
हज़ारों बार गोताखोरी के बाद भी संपूर्ण समुद्र को जान लेने का दावा नहीं किया जा सकता ।
सचमुच 😊
A living legend
Hindi I love you
अंजुम पहली बार ये लगा यहां प्रश्नों की आवश्यकता कम, सुनने की अधिक थी।
शांति से एक बार में पूरा सुनना चाहता था लेकिन समयाभाव के कारण एक साथ नहीं देख पाया लेकिन 8-10 बार में थोड़ा-थोड़ा करके तीन दिन में पूरा देख लिया. बहुत अच्छा लगा 🙏
बहुत सुन्दर अंजुम भाई खासकर वह हिस्सा जहाँ उदय प्रकाश जी ने कहा कि हवा पानी पेड़ पौधों को तो राजनीति या जाति की तरह नहीं बाँट सकते. ये समय की सबसे बड़ी चिंता है कि हम असहिष्णु ता के तौर पर दिन दुगनी रात चौगुनी उन्नति कर रहे हैं।
उदय प्रकाश जी की एक एक बात महत्वपूर्ण है... यदि वे भावुक हुए तो उन्हें होने देना चाहिए था। एक शब्द भी निरर्थक नहीं कहते। ग़लत जगह रोका गया। उन्हें इतना कसने की जरूरत नहीं थी। फिर भी यह अच्छा अवसर आपने उपलब्ध करवाया है
Anjum ,you are doing a commendable job.
आपका बहुत बहुत शुक्रिया सर..
आप इतने अच्छे साहित्यकार से संवाद करते हैं और हम लोग उनसे रूबरू होते हैं जिन्हें हम लोग किताबों में पढ़ते हैं।
जिनसे बहुत कम लोगों का सम्पर्क हो पाता है ऐसे लोगों के व्यक्तित्व और संघर्ष से अवगत कराने के लिए आपका बहुत आभार 🙏💐💐
सुन रहा हूॅं। अद्भुत है, बहुत शुक्रिया अंजुम.
उदयप्रकाश जी का गहन अध्ययन उनकी बातों को अत्यंत पर प्रभावी और रोचक बनाता है। उनकी बातें सुनना स्वयं को समृद्ध करना है।
धन्यवाद अंजुम जी
बहुत अच्छा साक्षात्कार, हालाँकि यह लम्बा हो गया है पर रुचिकर है , ख़ासकर उदय जी के उत्तर , केवल पूछे गए प्रश्नों के उत्तर ही नहीं है बल्कि उसके परिप्रेक्ष्य में वे जिन घटनाओं को समेटते हैं वे रोचक ही नहीं ज्ञानवर्धक भी हैं ।बहुत अच्छा साक्षात्कार रहा । दोनों को बधाई ।
उदय प्रकाश, लेखकों की बाढ़ में बहता हुआ कोई लेखक नहीं है कि उस बाढ़ से अलहदा होकर अपना कोई मुक़ाम हासिल कर ले । वास्तव में उदय प्रकाश का अध्ययन बहुत ही गहरा है और सोच बहुत ही विस्तारित और यही बात उदय प्रकाश को अन्य लेखकों से अलग करती है और उनके प्रभावशाली आभा मंडल को निर्मित करती है ।
उदय प्रकाश जी ने कितना पढ़ा है ये हैरान करता है,लगभग सब कुछ...अंजुम जी कुछ लोगों का पार्ट 2 भी करिए ...ज़रूरी है.. जैसे उदय जी से कितनी ही बातें रह गईं..ख़ैर वो हमेशा रह जाएंगी लेकिन पूरी तृप्ति नहीं हुई ये तो कहूंगा ही...अब मुझे पता चला कि दूरदर्शन का पुराना शो "ताना- बाना" बचपन मे मुझे क्यों अच्छा लगता था उसके पीछे उदय जी का हाथ था..और ये भी कहूंगा कि हर हिंदी के रचनाकार के घर इतनी ठाठ और समृद्धि तो दिखनी ही चाहिए जितनी उदय जी को हासिल है ..कम से कम इतना होना ही चाहिए कि वो दो चार बार अमेरिका,जर्मनी की सहज यात्रा कर सके...हिंदी का लेखक ग्लोबल कब हो पायेगा कब नोबेल ला पायेगा??एक मात्र उदय जी ने उम्मीद बनाई है ..धन्यवाद!...राजेन्द्र यादव ने कभी कहा था कि उदय प्रकाश 1 नंबर के कहानीकार और 2 नंबर के कवि हैं.
हिंदी के महान रचनाकार उदय प्रकाश जी को समझने के लिए सार्थक साक्षात्कार
बहुत बढ़िया साक्षात्कार!
चन्द्रकान्ता
Author और writer के बीच का पार्थक्य 👌
It was a pleasure to listen Uday Ji.
वाह ! बहुत अच्छा। ढाई घंटा हो गया, लेकिन जी नहीं भरा। बहुत सजीव सहज रही बातचीत ।
How enriching! I mean wow! .... Will listen again and comment.
मेरे सबसे प्रिय कवि उदय प्रकाश जी ❤❤
। धन्यवाद हिंदवी
Bohut bohut dhanyawad...intejar tha uday prakash ji ko sunne ka.
उदय प्रकाश जी हमारे पसंदीदा लेखक है, वो जो संवेदना से संपूरित कहानियां लिखते हैं,वो गहरे दिल में उतर जाती हैं।
बहुत सुन्दर बातचीत ! इस बातचीत को सुनते इस समय के सबसे बड़े लेखक को सुनने समझने का अवसर मिला !अंजुम जी अपने स्वभाव में कुछ ठहराव लाते तो बातचीत और बेहतर हो सकता था !
लेकिन अंजुम जी आपको इस उम्दा कार्य के लिए खूब बधाई !
बहुत अच्छा लगा... ऐसा लगा जैसे सुनते रहो। उदयप्रकाश जी का हर शब्द एक कविता की तरह है..
हमेशा की तरह धन्य,🙏 धन्यवाद😊😊🙏
I listened to Mrinal Pandey and now Uday Prakash. Very enriching experience. Thank you Anjum. You conduct the interview well. I will watch more in the series. Stay blessed
बेहतरीन इंटरव्यू...... उदय जी कितने बड़े परिप्रेक्ष्य में बोलते हैं
Uday Prakash ji ka fir se interview lijiy aur unhe pura bolne dijiy.
उदयप्रकश कवि लेखक के साथ विश्व साहित्य के अध्येता है ,उनसे बातचीत बड़ी रोचक और मूल्यवान है । चीना बाबा उपन्यास का इंतजार है । अंजुम आप अनोखा और ऐतिहासिक काम कर रहे हैं
Sangat ki golden Jubilee ka sachmuch achchha yaadgar episode
Anjum❤.... thank you so much ❤❤❤
कक्षा का मॉनिटर इतना हुशियार होता है के उसे हर तथ्य हर तिथि हर नाम रटा होता है परंतु कक्षा का चंचल शरारती बच्चा तिथियों और तथ्यों से अलग गया और उसने एक कहानी लिखी मॉनिटर ने अध्यापक के कहने पर वह कहानी पढ़ी और उसमे व्याकरण की त्रुटियाँ निकालनी आरंभ कर दी , मॉनिटर कक्षा में ख्याति पा गया लेकिन कहानी लिखने वाले छात्र की कहानियाँ सारी दुनिया में प्रचलित हो गई !
दीप 🌸
उदय जी को और सुनना चाहती हूं सर साक्षात्कार में थोड़ा एपिसोड को और लंबा करें बहुत अच्छा लगता है बहुत सारी जानकारी मिलती है आपका काम सराहनीय है बहुत बहुत धन्यवाद🙏🌹
Bahut Shandar laga, Dhanyabad Anjum ji.
अब तो अनुपपुर हो गया है आपका जिला। संगत की संगत में आपको सुनना लाजवाब रहा 🎉🎉
दिलचस्प संवाद। हमेशा की तरह!
बहुत समृद्ध करने वाली संगत
बहुत सुंदर।
बहुत रोचक बातचीत❤❤
बहुत प्यारा साक्षात्कार
बहुत आभार अंजुम जी
Words are flowing juss like a river...
बेहतरीन है साक्षात्कार
Dev kumar mishra - son k pani ka rang
S gopal - mind of nehru
मजबूरी समय सीमा की हो सकती है, पर बोलने देना चाहिए ।
बहुत बधाई
Loved it ❤ Great Interview Anjum ji👍
अद्भुत उदय जी।
One of the best writer in hindi sahitya🎉
Adbhut
शानदार इतना कि मन नहीं भरा।
Mere priy lekhak uday prakash
उदय प्रकाश जी को सुनना....❤️❤️
बहुत बढ़िया वार्ता
प्रश्नकर्ता को भाव समझना चाहिए। ऐसे सवाल करने से उदय जी जैसे वक्ता को अपनी बात को अधूरा ही छोड़ना पड़ता है। हिंद्ववी को प्रश्नकर्ता को बदलना चाहिए।
हम ही ताना हम ही बाना
हम ही पेट हम खाना...
हार्दिक शुभकामनाएँ 🙏💕
अच्छी जानकारी उदय प्रकाश सर🙏
Interview ko sunte hue ek baat jo hamesha khatakti rahi ki interviewer jane kab uday ji ko tok dega , poora maja kirikira ho jata h, sawal ki list poori karni bhi jaruri nhi hoti hamesha
❤❤❤
अतिवाचाल, ढुलमुल और अंतर्विरोधों से भरा।
अंजुम की कई विनम्र कोशिशों के बाद भी, उदय जी बहुत कम ही कुछ महत्त्वपूर्ण कह पाए। संभव है उनका स्वास्थ्य या मन स्थिति अनुकूल न रही हो।
धन्यवाद
शुद्ध निश्चल आदमी उदय जी
जयप्रकाश कर्दम जी का इंटरव्यू कीजिए सर !
Anjuam ji namaste 🙏🏻 thanks aap ne Mrinal Pandeyji ka shakshatakar bahut hi achhe dhang se liya aur Mrinal ji ne bahut dil se apane jiwan ki sachhai batai ab kanha hai yeh sadagi aisa laga main bhi kuchh un jaise hi huan phark hamare beech yeh hai ki vo jiwan main bahut kuchh kar paai ek jagah bana paai khude ke liye main nahi bana paai per Mrinal ji sune ker bal milta hai ki jo ho janha ho sidhe raah chalo jimmedari aur sadbhawana ke sath Dhanywad Ishwer Mrinal ji ko aur Anjuam ji aap ko achha swathay pradan ker meri kerbadh prarthana 🙏🏻🪷🙂
उदय प्रकाश जी मेरे प्रिय लेखकों में से एक हैं। उनकी तिरिछ,टेपचु व पीली छतरी वाली लड़की कहानियां अविस्मरणीय हैं। उनका साक्षात्कार करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। अंजुम जी प्रोफेसर पुरुषोत्तम अग्रवाल जी का भी साक्षात्कार लेने का कष्ट करें। धन्यवाद सहित -प्रतिभा शर्मा
संगत के सभी एपिसोड देखें। पुरुषोत्तम अग्रवाल जी का इंटरव्यू हो चुका है।
❤❤❤❤❤
अंजुम विदेह है साहित्य के
उदय जी बेहतरीन बोले । काश ! Interviewer में सुनने का संयम होता।
🙏💕
रोचक वार्तालाप
बड़े फलक का साक्षात्कार!
सर, सुशोभित जी का इंटरव्यू कीजिये..
❤❤v good anchor .. loveable programs..
# Dr.Kanchans desk
धन्यवाद
@@Hindwi my background is so as writer bought up with my mother sahitya visharad .all shayars , kavis visiting home .. I also write poetries ..
# Dr.Kanchans desk
CHAND LAFZON MEIN BAYAAN KARTEY HAIN HUMM APNEE ZUBAANEE ,
FAQAT YAHEE RISHTA HAI WAQKON KAA APNEE ZINDGEE SEY .
LUNES FROM MY POETRY..
🎉🎉🎉❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
anjum you are a treasure. kamla dutt
Such aapke paas khajana hai. Anjum Ji 😊
उदय प्रकाश जी को घंटों सुना जा सकता है. उनसे लंबी बातचीत का रिकॉर्ड बनाएं. गिनीज बुक ऑफ रेकॉर्ड में दर्ज होने योग्य.
हाँ, हर बार साक्षात्कार में यह जरूर पूछें- आपके प्रिय (3,5 ...जो सही लगे)हिन्दी कवि, लेखक कौन हैं?
कृपया कोई बताएगा कि उदय जी ने किन किन विदेशी साहित्यकारों का उल्लेख किया?
It hurts when interviewer restricts sir, in a scrutinised way…should learn to do so in a better way.
शानदार😅
उदय प्रकाश की एक लंबी कहानी और अंत में प्रार्थना पर कोई चर्चा नहीं अपने आप में यह एक अद्भुतकहानी है क्या इसके कारण राजनीतिकहै कहानी का नायक एक डॉक्टर है जिसकी विचारधारा नैतिक मूल्य liye hai लेकिन डॉक्टर संघ जुड़ा है इसकी चर्चा होनीचाहिए
एक बैठक प्रभात रंजन ओर एक गीता श्री के साथ जरूर करिए। मैं असम से हूं ❤
ऐसे ही साहित्यकार पाखण्ड और अंधविश्वास को स्थापित करते है
अंजुम अभी कच्चा है
Tayyari to khoob kee lekin apni rau mein bah gaye jis se Uday Prakash ji ki baaton mein kasar rah gayee.
अंजुम जी सादर नमस्कार। एक बात वाकई खटक रही कि जब श्रोता\दर्शक उदय प्रकाश जी की अनुभव भरी बातों संग गोता लगा रहा होता है। आप टोक कर उस आनंद को भंग कर दे रहे। फ्लो छूट जा रहा। आपसे निवेदन है कभी -कभी लेखक को खुला भी छोड़ दिया करें। विशेषकर तब जब ऐसे अनुभवी लेखक के साथ संगत करें। 🙏
2.25.12
ये केदारनाथ सिंह कौन हैं जो उदय प्रकाश के जूनियर रहे?
प्रिय अंजुम , बहुत मन से रुक रुक कर साक्षात्कार को देखा।
कहिए जब डूब जाता तो रुक जाता।
आपकी यह सीरिज़ बहुत बढ़िया हो रही है।
अक्सर आपकी जगह ख़ुद को पाता हूँ।😊 कभी इस भूमिका में ख़ुद को देखने की इच्छा थी।
आपकी तैयारी और प्रस्तुति बहुत बढ़िया है।
अभी पिछले ही सप्ताह उदय जी को कोलकाता में देखा पहली बार, शायद सुना भी पहली बार।
आपका यह साक्षात्कार उनसे नये सिरे से जुड़ने , पढ़ने को प्रेरित करता है।
एक अप्रिय बात।
मुझे भी उन्हें आपके द्वारा टोका जाना अच्छा नहीं लगा।
पर आपकी आलोचना नहीं। आपके फॉर्मेट की ज़रूरत भी है।
बहुत बधाई और शुभकामनाएँ आपको❤
हेलीकॉप्टर को जोलाहा कहते हैं।😊
26:51 शहडोल में एक साल रहा हूँ
सुरभि टी वी शो
इस एंकर में मूर्खता से उपजा आत्मविश्वास कूट-कूट कर भरा हुआ है। इसने एक सुपर स्टार को ले कर घटिया फिल्म बना डाली है। 😢
मैं भी कहानियां लिखना चाहता हूं
अरे! अगर किसी लेखक को बुला रहे हो तो ज्यादा सुनो बीच-बीच में टोका नही जाता....अभी पको अंजुम
अंजुम जी आप बेहतर इंटरव्यूअर हैं लेकिन थोड़ा धैर्य की जरूरत है। आप इरफान से थोड़ा सीख सकते है। क्षमा के साथ
तुझे हम वली समझते जो न वादा ख्वार होता! ..छद्म उदारवाद के चोले के नीचे दक्षिणी टोले के नागरिक
अंजुम जी , आपको टोकने से परहेज करना चाहिए।
❤❤❤