Sangat Ep72 | Sanjeev on his Life, Literature, Casteism, Uday Prakash & Rajendra Yadav |Anjum Sharma

แชร์
ฝัง
  • เผยแพร่เมื่อ 9 พ.ค. 2024
  • हिंदी साहित्य-संस्कृति-संसार के व्यक्तित्वों के वीडियो साक्षात्कार से जुड़ी सीरीज़ ‘संगत’ के 72वें एपिसोड में मिलिए सुपरिचित साहित्यकार संजीव से। कथाकार संजीव का जन्म 6 जुलाई 1947 को सुल्तानपुर, उत्तर प्रदेश में हुआ। 38 वर्षों तक एक रासायनिक प्रयोगशाला में कार्यरत रहे। सात वर्षों तक ‘हंस’ समेत कई पत्रिकाओं का संपादन और स्तंभ -लेखन किया। लगभग दो वर्षों तक महात्मा गांधी अन्तरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय, वर्धा और अन्य विश्वविद्यालयों में अतिथि लेखक रहे।
    संजीव का अनुभव-संसार विविधताओं से भरा हुआ है। साक्षी हैं उनकी प्राय: दो सौ कहानियाँ और ‘अहेर’, ‘सर्कस’, ‘सावधान! नीचे आग है’, ‘धार’, ‘पाँव तले की दूब’, ‘जंगल जहाँ शुरू होता है’, ‘सूत्रधार’, ‘आकाश चंपा’, ‘रह गईं दिशाएँ इसी पार’, ‘फाँस’, ‘रानी की सराय’, ‘मुझे पहचानो’ आदि उपन्यास। नवीनतम कृतियाँ हैं छत्रपति शाहू जी पर केंद्रित उपन्यास ‘प्रत्यंचा’, पुरबी के अनन्य गायक महेन्द्र मिश्र पर केंद्रित उपन्यास ‘पुरबी बयार’ और ‘प्रतिनिधि कहानियाँ’। कुछ कृतियों पर फिल्में बनी हैं, कुछ की उन्होंने पटकथाएँ लिखी हैं।
    उन्हें ‘साहित्य अकादेमी पुरस्कार’, ‘कथाक्रम सम्मान’, ‘इन्दु शर्मा अंतरराष्ट्रीय कथा सम्मान’, ‘पहल कथा सम्मान’, ‘सुधा कथा सम्मान’, ‘श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको साहित्य सम्मान’ समेत अनेक सम्मान प्रदान किए जा चुके हैं।
    संगत के अन्य एपिसोड्स देखने के लिए दिए गए लिंक पर जाएँ : • संगत
    Hindwi channel is part of Hindwi.org website. The website is a initiative of Rekhta Foundation, dedicated to Hindi literature.
    हिन्दवी के सोशल मीडिया चैनलों से जुड़िए :
    Facebook : / hindwiofficial
    Instagram : / hindwi_offi. .
    Twitter : / hindwiofficial
    Telegram : t.me/Hindwiofficial
    #Sangat #Hindwi
  • บันเทิง

ความคิดเห็น • 37

  • @pawanparastish4779
    @pawanparastish4779 14 วันที่ผ่านมา

    संजीव सर को पहली बार सुना एक घंटे में कितना कुछ सिखा गये । धन्यवाद संजीव सर!।
    और
    धन्यवाद हिन्दवी

  • @govindsen2693
    @govindsen2693 หลายเดือนก่อน +2

    'सूत्रधार' का मुरीद हूं। आप स्वस्थ रहें। अच्छी बातचीत है। सवाल अच्छे रहे।

  • @radheshyamsharma2026
    @radheshyamsharma2026 หลายเดือนก่อน

    बहुत सुंदर।

  • @ashokseth2426
    @ashokseth2426 หลายเดือนก่อน +1

    संजीव जी का संघर्ष सुनकर मन विचलित हो गया। उनकी जिजीविषा को सलाम।

  • @rudrajha-fb3pp
    @rudrajha-fb3pp หลายเดือนก่อน +1

    बचपन से बुढ़ापे तक जिसने संघर्ष झेला है और अभी भी कह रहा है कि अच्छा इलाज पैसे के कमी के कारण नहीं हो सका या हो रहा है। वैसे संघर्षशील पुरुष को सादर प्रणाम। ऐसी स्थिति में थोड़ी आत्ममुग्धता आ ही जाती है जब आप अपने बल पर ही सब करते हो, साहित्यिक क्षेत्र नामवर सिंह जैसे आलोचक से भिड़ कर नाम कमाना, इतने वृहत रूप से लिखना, कम बड़ी बात नहीं। आपको पुनः प्रणाम 🙏

  • @v.p.tripathi7857
    @v.p.tripathi7857 หลายเดือนก่อน +6

    जैसे हजारी प्रसाद द्विवेदी और कबीर एक दूसरे के पर्याय हैं वैसे ही संजीव जी और भिखारी ठाकुर एक दूसरे के पर्याय हैं। एकमात्र ‘सूत्रधार’ ही संजीव जी को अमर करने के लिए पर्याप्त है।

    • @ashokseth2426
      @ashokseth2426 หลายเดือนก่อน

      अंजुम जी आप ने हमें ५० पुरुष और २२ महिला रचनाकारों से मिलवाया । चित्रा मुद्गल गीतांजलि श्री सुधा अरोड़ा in sabse क्यों नहीं मिलवाते? अब आप कहोगे लेखक का जेंडर नहीं होता वो बस लेखक होता है। Not fair

  • @devendramewari4372
    @devendramewari4372 หลายเดือนก่อน +1

    संघर्षों में पले-बढ़े अपने प्रिय कथाकार को सुनना ज़िंदगी को करीब से कान लगा कर सुनने का एहसास दे रहा है।

  • @atulkumarsingh7215
    @atulkumarsingh7215 หลายเดือนก่อน +2

    संजीव सर आप स्वास्थ्य रहें और खुशहाल रहें...❤️✍️🙏🙇
    पढूंगा मैं..❤️

  • @seemadatta5634
    @seemadatta5634 หลายเดือนก่อน +1

    संजीव जी स्वस्थ रहें , खुश रहें और लिखते रहें। सुन्दर संवाद ।😊😊

  • @archanasingh3997
    @archanasingh3997 หลายเดือนก่อน +1

    Bahut hi behtarin sahitya ke khajane ka Anmol Ratan❤

  • @drirchouhanhindisahitya3560
    @drirchouhanhindisahitya3560 หลายเดือนก่อน +2

    संजीव जी बहुत वर्ष पहले पहल की एक गोष्ठी में गांधीनगर गुजरात आए थे।औमा शर्मा ने आमन्त्रित किया था।तब इतने उदाश नहीं थे। राहुल सांकृत्यायन भी एक पड़ाव पर ऐसे ही जिन्दगी से निराश हो गए थे।बड़े लेखक अक्सर ऐसी हताशा से गुजरते हैं।जब उनको लगता है कि समाज उन्हें वो सम्मान या महत्व नहीं दे रहा जैसा अपेक्षित है। संजीव जी ये भारतीय समाज है। जहां गम्भीर कार्य का असली मुल्यांकन बाद में होता है।आप कबीर को देखें मंटो को देखें। ज़िन्दगी कितनी गरीबी में बीती की इस्मत चुग़ताई को लिखना पड़ा मंटो पाकिस्तान जाकर दिवालिया हो गया। शब्द अलग हो सकते हैं।भाव यही था।आप का लेखन तो समृद्ध है। संजीव जी आप के लेखन में भी जीवटता है।

  • @ravishanker9672
    @ravishanker9672 หลายเดือนก่อน +2

    साहित्यकार को दुख को लाद नहीं लेना चाहिए

  • @devendramewari4372
    @devendramewari4372 หลายเดือนก่อน +2

    संघर्षों की राह पर चलते-चलते थक कर विश्राम करते एक रचनाकार से आप कितने स्नेह और सम्मान से प्रश्न पूछ रहे हैं, आप पर प्यार आ रहा है अन्यथा आपके तूणीर में तो सदैव बहुत पैने तीर रहते ही हैं। शरशैया पर लेटे भीष्म से ज्यों पार्थ मुखातिब हो।

  • @urmilashukl8582
    @urmilashukl8582 หลายเดือนก่อน +1

    बहुत कुछ मिला है आपको, मान प्रतिष्ठा पाठकों का स्नेह.

  • @vikasjha4492
    @vikasjha4492 หลายเดือนก่อน +2

    श्री संजीव जी का यह कथन मार्मिक है कि,'मैं गरीब घर का लड़का न होता,तो मुझे भी बहुत कुछ मिलता।'ईश्वर से प्रार्थना है कि अगले जन्म में इन्हें बिरला या अंबानी परिवार के लड़के के रूप में पैदा करेॅ।

  • @vilomchakram
    @vilomchakram หลายเดือนก่อน +1

    साहित्य जगत में फैले हुए दुराग्रह,एक समर्थ लेखक को अकेला करके उसके आत्म बल को घटा देते हैं ,यह हिंदी साहित्य का अशोभनीय चेहरा है।

  • @ashokseth2426
    @ashokseth2426 หลายเดือนก่อน

    संजीव जी की उदासी ने मुझे भी उदास कर दिया।

  • @ashokseth2426
    @ashokseth2426 หลายเดือนก่อน +2

    कमलेश्वर जी ने जलती हुई नदी में नामवर सिंह के पक्षपात को खुलकर रेखांकित किया है। जाति की सीमा से कहीं न कही नामवर जी बंध जाते थे।

  • @priyambdapandey5880
    @priyambdapandey5880 หลายเดือนก่อน

    अंत भला तो सब भला सुखद रहा आपको सुनना

  • @nikhileshsatani
    @nikhileshsatani หลายเดือนก่อน

    That's called a good quality content
    Thanks ashok

  • @DINESHKUMAR-kq7yk
    @DINESHKUMAR-kq7yk หลายเดือนก่อน

    बेहतरीन

  • @Hindisusheelsoni2707
    @Hindisusheelsoni2707 29 วันที่ผ่านมา

    गालिब ने सही ही कहा है " बढ़ते बढ़ते दर्द दवा हो जाता है। "

  • @shreesandeepji
    @shreesandeepji หลายเดือนก่อน

    🙏🙏🙏धन्यवाद

  • @ashokseth2426
    @ashokseth2426 หลายเดือนก่อน +2

    आपने हमें५० l पुरुष और२२ महिला रचनाकारों से मिलवाया? चित्रा मुद्गल गीतांजलि श्री सुधा अरोड़ा इन सबसे साक्षत्कार कीजिए। Not fair

  • @prakashchandra69
    @prakashchandra69 หลายเดือนก่อน +2

    संजीव पाठकों के कथाकार हैं दुराग्रही आलोचकों के नहीं।

  • @user-uf5wm8fm7i
    @user-uf5wm8fm7i หลายเดือนก่อน

    Nashist Ye Bani Rahe,
    Yahi Hamaan-Hamin Rahe,
    Abhi To Main....
    Incidenty my date of birth is 5th July 1947.

  • @trekkerdeepak969
    @trekkerdeepak969 หลายเดือนก่อน

    c

  • @ashokseth2426
    @ashokseth2426 หลายเดือนก่อน

    लता मंगेशकर जी कहती थीं कि वे अपने गीत नहीं सुनतीं और संजीव कहते हैं कि वो अपनी ही रचनाएं पढ़ते हैं। लता जी अपने से विरक्त थीं और संजीव जी अपने से आसक्त और आत्ममुग्ध।

  • @zakia8623
    @zakia8623 หลายเดือนก่อน +1

    Premchand aur manto se khud ko bada thahrana ghalat hai. Main ne mujhe pahchano padha balki sanjive ji ko phone bhi lagaya. Mera sultanpur se gahra sambandh hai. Isliye bhi. Nahin maloom tha woh aswasth rahte hain . Novel mujhe bahut pasand aya lekin mahsoos hua ki sati pratha kafi pahle khatam ho chuki hai. Roop kunwar ek apwad thi. Beshak qissa goi parakashta par hai.

  • @devendramewari4372
    @devendramewari4372 หลายเดือนก่อน +1

    उदय प्रकाश उदय प्रकाश हैं और संजीव संजीव।

    प्रेमचंद प्रेमचंद हैं और निर्मल निर्मल

  • @premchandbansal2759
    @premchandbansal2759 หลายเดือนก่อน +2

    He seems to have some problem. Neither able to sit straight nor to say anything clearly. He is speaking incoherently. It appears that this interview has been an ordeal for him. In such a situation, why was there a need to trouble him ?
    A few things that could be heard seemed very ordinary. It is sad to see so much anguish, hatred and arrogance filled in the heart of a well-known writer.
    Are there no dignified personalities left in Hindi now?

  • @dpsingh136
    @dpsingh136 หลายเดือนก่อน

    ये इन्फिरीऑरिटी काम्प्लेक्स ग्रस्त व्यक्ति हैं।

    • @SunitaPrasad-xf9yu
      @SunitaPrasad-xf9yu หลายเดือนก่อน

      Theek hai thoda over tha but jisne castism ghela ho. Ye woh hi samjh sakta hai.

    • @Anuragyadav-qp1tw
      @Anuragyadav-qp1tw หลายเดือนก่อน

      और आप superiority कॉम्प्लेक्स से ग्रस्त हैं