Sangat Ep. 8 | Mamta Kalia on her Novels, Stories, Memoirs & Ravindra Kalia | Anjum Sharma | Hindwi
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- เผยแพร่เมื่อ 16 ก.พ. 2023
- हिंदी साहित्य-संस्कृति-संसार के व्यक्तित्वों के वीडियो साक्षात्कार से जुड़ी सीरीज़ 'संगत' के आठवें एपिसोड में देखिए समादृत कथाकार ममता कालिया को। इंटरव्यू के दौरान अंजुम शर्मा से बात करते हुए ममता कालिया ने बताया कि कैसे विमर्शों ने कहानी को निबंध जैसा बना दिया है। संस्मरण लिखते हुए निजता खोने का भय उन्हें क्यों नहीं लगता? क्या चेतन भगत लेखक के तौर पर उन्हें पसंद हैं? रवींद्र कालिया ने दस मिनट में कुछ कविताएं उन्हें लिख कर क्यों दिखाईं थी? वे कौन सी असहमतियाँ थी जिन्होंने ममता कालिया के जीवन को बचाए रखा? ऐसे तमाम सवाल और उनके जवाब इस इंटरव्यू में आप देख-सुन सकते हैं।
Watch respected writer Mamta Kalia in eighth episode of 'Sangat'. In this episode talking to Anjum Sharma, Mamta Kalia told how discussions have made the story like an essay. Why doesn't she fear losing his privacy while writing his memoirs? Does she like Chetan Bhagat as a writer? Why did Ravindra Kalia show her some poems written in ten minutes? What were the disagreements that saved Mamta Kalia's life? You can watch all such questions and their answers in this interview.
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#sangat #hindwi - บันเทิง
शुक्रिया अंजुम जी, साहित्यिक तथा वैचारिक रूप से आपने मुझे धनी बना दिया।🎉
बहुत अच्छा लगा । प्रश्न भी और उत्तर भी। ममता जी की बेबाक बायानी प्रभावित करती है। अंजुम शर्मा के अछी तैयारी और उनकी कला दोनों ही प्रशंसनीय हैं। उनके दूसरे साक्षात्कारों क की खोज करना लाज़िमी हो गया है।
आप संगत के अन्य एपिसोड्स भी देख सकते हैं।
अंजुम जी कहानी कभी अपने आप उपन्यास में नहीं बदलती. उसे जान बूझकर बदला जाता है।
क्वालिटी और प्रेजेंटेशन शानदार है। अंजुम ने भी बहुत अच्छे-से लिया है इंटरव्यू। ममता जी खुलकर और स्पष्ट बोल रही हैं। वे प्यारी भी लग रही हैं। एक बहुत समृद्ध साक्षात्कार हुआ है।
आत्मीय व प्रेमिल साकारात्मक । अब तक देखे साक्षात्कार से अलहदा , सुंदर
दुनिया को अपने चश्मे से देखने की बात बहुत अच्छी लगी 👏
अच्छी वार्ता
बहुत शानदार 💐
बहुत सहज, सरल तरीके से अपने अनुभूति का प्रकाशन।
बहुत अच्छा स्वभाव है दीदी का, अनुकरणीय हैं!
जीते जी इंदौर का भी इंतजार है दीदी! आपको सुनकर बहुत अच्छा लगा!🎉🎉
बहुत सुंदर 💐🙏
अंजुम शर्मा जी को धन्यवाद
Aap ka dusra devdas chapter mujhe bhut achha laga class 12th ki hindi antra book me ghad khand me 9 chapter hai me pad raha hu 📖
हर साहित्यकार का विस्तृत परिचय एक सुंदर किताब है।
हर episode एक नई दुनिया दिखाता है। हार्दिक आभार अंजुम।
बचपन से ममता जी की कहानियों को सरिता पत्रिका में पढ़ती आई हूँ।
उन्हें सुनकर अच्छा लगा। मैं गाजियाबाद की हूँ। कन्या वैदिक स्कूल का नाम सुनकर खुशी हुई।
एक बात मैं बताना चाहूंगी मैं स्वयं ही एक लेखिका, कहानीकार, कवि व वरिष्ठ अध्यापिका हूँ। अनेक किताबें छप चुकी हैं। कहीं न कहीं ममता जी के लेखन ने प्रभावित किया है।
अंजुम जी ,साक्षात्कार के बीच आपका धैर्य का़विले तारीफ़ है।
जीवंत साक्षात्कार।स्वाभाविक और सहज।कोटिशः बधाई।
अति सुंदर.....❤️😇
मुझे बहुत हीनिराश सा लगा ये शाक्षताकार क्योंकि जिस विद्वान की बातचीत में मानवीय सामाजिक पर बात न हो वह बात निररथक है।
सुन्दर प्रस्तुति, अच्छी बातचीत। कविता की सृजनात्मकता पर आपका संदेश बहुत लाभदाई है मैम। प्रणाम।🙏
अहा! मन ऊर्जा से भर गया ये इंटरव्यू सुनकर
खुले दिल से सच्चाई का बयान है यह बातचीत।
बहुत बढ़िया रहा , प्रश्नों की सूची में सम्भव हो सके तो एक प्रश्न शामिल करें लेखकों की प्रिय पुस्तकें और उसकी वजह इस से एक फायदा दर्शको के लिए यह होगा उनके लिए एक अच्छी किताबों की सूची तैयार होती जायेगी ।
सुझाव के लिए धन्यवाद।
सहमत
ममता जी की बेबाक टिप्पणीयां अपने निजी जीवन पर अच्छी लगी। बस यह अखरा कि लेखन से ज़्यादा साक्षात्कार निजी जीवन में दाखिल होता चला गया।
शानदार साक्षात्कार
Pehle ke interviews me lekhko ne kha ke wo naam nhi lenge kisi ka.. Pr mamta ji ne naam lekr kha ki in lekhko ne kuch galat likha... Itna saaf khne ki bhi himmat honi chahiye.
Thank u v
Mujhe Mamta ji ka lekhan pasand hai.
🙏🙏🙏🙏
सुनकर अच्छा लगा
Aapne Mamta ji se milwakar mujhe dhany kar diya 👏👏👏👏👏
😊
Anuzuman को पहचान लीजिए अंजुम खुद cerebellum of literature 🦚
नीलेश जी को भी पढ़ना पड़ेगा!
गीत चतुर्वेदी जी और सुशोभित जी को लाइए प्लीज 🙏
Please provide us Kashinath singh interview
Opposite pole ke beech hi attraction hota hai.
मैम पहले पुड़िया नहीं चिनौटी चलती थी. उसमें एक तरफ चूना और दूसरी ओर तम्बाकू रखते थे.
गंभीर बातचीत के बीच बार-बार आने वाले प्रचार बहुत व्यवधान उत्पन्न कर रहे हैं।
श्री रमण प्रसाद सिन्हा सर का साक्षात्कार करने की कोशिश करें.
सुझाव के लिए धन्यवाद।