Sangat Ep.47 | Shivmurti on his Writings, Lok, Shehar, kasaibada, Politics & PCS | Anjum Sharma

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  • เผยแพร่เมื่อ 16 พ.ย. 2023
  • कथाकार शिवमूर्ति का जन्म अयोध्या और प्रयाग से बराबर की दूरी बनाकर बसे गाँव कुरंग, ज़िला सुल्तानपुर (उत्तर प्रदेश) में 11 मार्च 1950 को एक सीमांत किसान परिवार में हुआ। वहीं से बी.ए. तक की शिक्षा प्राप्त की। बचपन में सबसे अप्रिय कार्य स्कूल जाना लगता था जिसके चलते बार-बार घर से भागते रहे। ज़्यादातर नानी के घर और यदाकदा लक्ष्यहीन भटकन के रूप में। पिता के कठोर शारीरिक दंड के चलते रास्ते पर आए तो पिता ही साधु का चोला ग्रहण कर पलायन कर गए। इसके चलते 13-14 वर्ष की उम्र में ही घर के मुखिया बनने तथा आर्थिक संकट और जान की असुरक्षा से दो-चार होना पड़ा। आजीविका जुटाने के लिए जियावन दर्ज़ी से सिलाई सीखी, बीड़ी बनाई, कैलेंडर बेचा, बकरियाँ पाली, ट्यूशन पढ़ाया, मजमा लगाया और नरेश डाकू के गिरोह में शामिल होते-होते बचे। पिता को घर वापस लाने के प्रयास में गुरु बाबा की कुटी पर आते-जाते खंजड़ी बजाना सीख लिया। कुछ समय तक अध्यापन और रेलवे की नौकरी करने के बाद उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से चयनित होकर 1977 में सेल्स टैक्स अधिकारी के रूप में स्थायी जीविकोपार्जन से लगे तथा मार्च 2010 में एडिशनल कमिश्नर के पद से अवकाश प्राप्त किया। साहित्य से परिचय स्कूल जाने से भी पहले पिता के मुख से सुने गए रामचरित मानस के अंश, कवितावली, विनयपत्रिका तथा कबीर के पदों के रूप में हुआ। बचपन में देखे गए नाटक-नौटंकी के संवाद और उसकी कथा के रोमांच ने कहानी विधा की ओर आकृष्ट किया। पहली कहानी बीकानेर से प्रकाशित वातायान में ‘पानफूल’ शीर्षक से 1968 में प्रकाशित हो गई थी। 1976 में दिनमान द्वारा आयोजित अपढ़ संवाद प्रतिगिता में प्रथम पुरस्कार पाने से पुनः लेखन की ओर झुकाव हुआ। जनवरी 80 में धर्मयुग में ‘कसाईबाड़ा’ कहानी प्रकाशित हुई। 1991 में राधाकृष्ण प्रकाशन से ‘केशर-कस्तूरी’ कहानी-संग्रह और 1995 एवं 2004 में राजकमल प्रकाशन से ‘त्रिशूल’ और ‘तर्पण’ उपन्यास प्रकाशित हुए। 2008 में प्रकाशित तीसरा उपन्यास ‘आख़िरी छलाँग’ विशेष रूप से चर्चित रहा। शिवमूर्ति को ग्रामीण जीवन का समर्थ किस्सागो कहा जाता है, हाल ही प्रकाशित उनका उपन्यास ‘अगम बहै दरियाव’ इस समय चर्चा में है। उनकी कुछ कहानियों का बांग्ला, पंजाबी, उर्दू, उड़िया, कन्नड़ आदि भाषाओं में अनुवाद हुआ है। उपन्यास ‘त्रिशूल’ उर्दू एवं पंजाबी में, ‘तर्पण’ जर्मन में और ‘आख़िरी छलाँग’ कन्नड़ में अनूदित है। ‘भरतनाट्यम’, ‘कसाईबाड़ा’ और ‘तिरियाचरित्तर’ पर फ़ीचर फ़िल्मों का निर्माण हुआ है। उनकी कहानियों के सैकड़ों नाट्य-मंचन भी हुए हैं। ‘तिरियाचरित्तर’ कहानी को साहित्यिक पत्रिका ‘हंस’ द्वारा 1988 में प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया। वह कथाक्रम सम्मान, अवध भारती सम्मान, सृजन सम्मान, लमही सम्मान आदि से पुरस्कृत किए गए हैं। साहित्यिक पत्रिका ‘मंच’, ‘लमही’, ‘नया ज्ञानोदय’, ‘समावर्तन’ आदि ने उनके रचनाकर्म पर केंद्रित अंक का प्रकाशन भी किया।
    शिवमूर्ति के रचना-संसार को जानने-समझने के लिए देखिए अंजुम शर्मा के साथ संगत का यह एपिसोड।
    संगत के अन्य एपिसोड्स देखने के लिए दिए गये लिंक पर जाएँ : • संगत
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ความคิดเห็น • 53

  • @eduwab6996
    @eduwab6996 4 หลายเดือนก่อน

    बहुत ही बढ़िया बातचीत

  • @MaheshKumar-ex3kc
    @MaheshKumar-ex3kc 2 หลายเดือนก่อน

    कितनी स्पष्टता है। ग्रामीण व्यक्ति का जो निश्छलता उनके देहभाषा में है वह अदभुत है। उनकी ईमानदारी उनकी प्रभावित करती है।❤

  • @SantoshSingh-us1hf
    @SantoshSingh-us1hf หลายเดือนก่อน

    शिवमूर्ति को मैने काफी देर बाद जाना और पढ़ा... लेकिन इनकी कहानियों और उपन्यास को पढ़कर मैं साहित्यिक रूप से बहुत मैच्योर हुवा हूं।

  • @sandeepmusic9152
    @sandeepmusic9152 4 หลายเดือนก่อน

    Dhanyavaad ❤ ye interview lene k liye ek student k naate hum inse bhut prabhaavit huye h😍😍

  • @dr.chaitalisinha6352
    @dr.chaitalisinha6352 4 หลายเดือนก่อน +2

    सीधी-सच्ची बातें , खरी-खरी बातें l शिवमूर्ति की कहानियों की तरह उनकी स्व की भाषा में भी वही सरलता और सादगी है l 'संगत' को बहुत धन्यवाद जिनके माध्यम से हम ऐसे विभूतियों से रू-ब-रू हो पा रहे हैं l

  • @manojghildiyal6854
    @manojghildiyal6854 4 หลายเดือนก่อน +1

    बहुत ही सुन्दर निष्कपट भाव से प्रश्नों के प्रतिउत्तर शिवमूर्ति जी द्वारा, और अंजुमजी द्वारा निर्भीकता से प्रश्न पूछे गए।

  • @shreesandeepji
    @shreesandeepji 6 หลายเดือนก่อน +2

    संगत की एक और शानदार प्रस्तुति🙏🙏

  • @indirasharma8906
    @indirasharma8906 6 หลายเดือนก่อน +2

    Bahut hi majedar interview 🙏

  • @gunjankumari-my5nd
    @gunjankumari-my5nd 5 หลายเดือนก่อน +2

    'शिवमुर्ति 'के नाम में जो मूर्ति है उसका सम्बन्ध ही माटी से है माटी की सौंधी महक बरकरार बनी रहै❤💐🌻

  • @mktripathi2061
    @mktripathi2061 5 หลายเดือนก่อน

    संजीव जी का साक्षात्कार भी लीजिए।

  • @anilkumarsingh7739
    @anilkumarsingh7739 6 หลายเดือนก่อน +1

    Bilkul natural aur bishuddh bhavpurn vartalap hai

  • @ashutosh.prasidha
    @ashutosh.prasidha 6 หลายเดือนก่อน +4

    कितना वास्तविक और कितने बाल हृदय रूप में उपस्थित हुए शिवमूर्ति जी ,बहुत सुंदर❤

  • @DINESHKUMAR-kq7yk
    @DINESHKUMAR-kq7yk 6 หลายเดือนก่อน +1

    बहुत ही महत्वपूर्ण साक्षात्कार।

  • @latakhatri2906
    @latakhatri2906 6 หลายเดือนก่อน +1

    अब तक का सुना गया बहुत सुंदर,सरल,सहज साक्षात्कार।

  • @prabhakarpandey5430
    @prabhakarpandey5430 6 หลายเดือนก่อน +1

    इतना सुन्दर बोलते हैं शिवमूर्ति जी कि लगता है कि और बोलते जायें।

  • @divyasuhag5164
    @divyasuhag5164 5 หลายเดือนก่อน

    आप बेहतरीन साक्षात्कार कर्ता हैं .. बधाई
    शिवमूर्ति जी को नमन 🙏

  • @user-vt1md9wb5p
    @user-vt1md9wb5p 6 หลายเดือนก่อน

    बहुत ही शानदार चर्चा, इंटरव्यू। सुनकर बहुत ही अच्छा लगा।

  • @Alka2019
    @Alka2019 6 หลายเดือนก่อน

    शिवमूर्ति सर को इतना विस्तार से सूनना सुखद है, महत्वपूर्ण चर्चा।

  • @govindsen2693
    @govindsen2693 6 หลายเดือนก่อน +1

    बहुत जीवंत बातचीत है. सहज सरल और माटी से जुड़े कथाकार. सबसे पहले सारिका में -सीरी उपमा जोग-कहानी पढ़ी थी. आपके सवाल भी भीतर तक कुरेदने वाले. जवाब भी उतने गहरे और दिल को छूने वाले.

  • @its_kumarabhinaw
    @its_kumarabhinaw 6 หลายเดือนก่อน +1

    इसी साल स्नातक प्रथम वर्ष पाठ्यक्रम में इनकी कहानी 'सिरी उपमा जोग' पढ़ा, सुना अभी बनारस रहते हैं तो सोचा जाकर मिलूंगा पर इनका यहाँ हिन्दवी पर दर्शन हो गया। खैर इलाहाबाद में ही रहता हूँ, मिलूंगा अवश्य इनसे। धन्यवाद हिन्दवी इस साक्षात्कार के लिए। उदार व्यक्तित्व ♥️🙏

  • @maheshpunetha5522
    @maheshpunetha5522 6 หลายเดือนก่อน

    शिवमूर्ति जी की स्वीकारोक्ति बहुत अच्छी लगी।

  • @mktripathi2061
    @mktripathi2061 5 หลายเดือนก่อน

    शानदार लेखक हैं शिवमूर्ति जी।

  • @avagallery6599
    @avagallery6599 6 หลายเดือนก่อน

    हमारे लखनऊ क्या पूरे देश की शान हैं शिवमूर्ति सर। इनसे मिलना हमेशा सुखद अनुभव होता है।

  • @AroonSinghRatnu
    @AroonSinghRatnu 6 หลายเดือนก่อน +1

    इंतज़ार खत्म हुआ ❤

  • @amitkumar-tx6zb
    @amitkumar-tx6zb 6 หลายเดือนก่อน

    Ye hai lekhak... Love you shivmurti..

  • @vilomchakram
    @vilomchakram 6 หลายเดือนก่อน

    हिंदी साहित्य के एक महान विभूति को सुनकर अद्भूत आनंद का अनुभव हुआ। शानदार व्यक्तित्व ।

  • @pravinshekhar8650
    @pravinshekhar8650 6 หลายเดือนก่อน +1

    Genuine and honest writer... superb Shivmurti ji

  • @ajeyklg
    @ajeyklg 5 หลายเดือนก่อน

    मज़ेदार! शिवमूर्ति जी से एक बार मिलना हुआ है। इन का बोलना बेहद प्यारा है। इन्हें अपनी कहानियाँ बोल कर सुनानी चाहिए !
    एक ऐसा प्यारा लेखक जो ज़मीन पर रहता है, सादर नमस्कार। ❤

  • @PRAKASHJAI799
    @PRAKASHJAI799 6 หลายเดือนก่อน +5

    कभी शिवमूर्ति के मित्रों का भी इंटरव्यू हो जाए। शिवमूर्ति इतने सहज हैं, सरल और असाधारण हैं कि इस साक्षात्कार में उसका शतांश भी नहीं😊

  • @ayushsavyasachi8972
    @ayushsavyasachi8972 6 หลายเดือนก่อน

    वाह .....एक बेहतरीन व्यक्तित्व के कहानी लेखन प्रक्रिया का खूब परिचय मिला ....धन्यवाद आप दोनों का 🙏❤️

  • @manasiprabhubhat5447
    @manasiprabhubhat5447 2 หลายเดือนก่อน

    Ek sawal puchna tha ki lekhak shivmurti ji ne tiriya charritar ki vimli ko nyay nahi dilaya vahi akal dand ki surji itni himmatwali itni bold kaise dikhai deti hai?

  • @kaushalkishore4479
    @kaushalkishore4479 6 หลายเดือนก่อน

    बहुत रोचक व सृजनात्मक वार्ता। शिवमूर्ति जी के रचनाकार बनने की कथा है इसमें। सृजन के रसायन को लेकर जो बातचीत हुई है, वहां तक पहुंचा हूं। सुनना जारी है......

  • @indirasharma8906
    @indirasharma8906 6 หลายเดือนก่อน +1

    Aaj ke samay mein aise programs ki behad jaroorat hai 🎉

  • @rameshdhangardhangar7616
    @rameshdhangardhangar7616 4 หลายเดือนก่อน

    😊P

  • @arunnishad8860
    @arunnishad8860 6 หลายเดือนก่อน

    वाह चाचा जी 🙏🏻💐 मैंने अपने काव्यसंग्रह "कोरोना विजय" में आपका जिक्र किया है।

  • @zakia8623
    @zakia8623 5 หลายเดือนก่อน

    In the midst of interview I couldn't help laughing at ibn e Safi b.a . 😅

  • @Dinesh_Kumar....
    @Dinesh_Kumar.... 5 หลายเดือนก่อน

    बहुत अच्छा लगा साक्षात्कार ।
    एक निवेदन है कि जब भी किसी का साक्षात्कार करें तो आप उनके द्वारा लिखी कहानी, कविता अथवा उपन्यास की किताबों की लिस्ट जरुर कमेंट बॉक्स में डाले। जिससे भविष्य में पढ़ने वालों को उन लेखक/लेखिका के द्वारा लिखी क़िताबों के नाम आसानी से पता हो जाये ।❤

    • @Hindwi
      @Hindwi  5 หลายเดือนก่อน

      जी।

    • @Dinesh_Kumar....
      @Dinesh_Kumar.... 5 หลายเดือนก่อน

      धन्यवाद श्रीमान सुझाव को स्वीकार करने के लिए।
      🙏🙏

  • @sanjayyadav2518
    @sanjayyadav2518 6 หลายเดือนก่อน

    Thank you hindwi.

  • @VikramSingh-em2vu
    @VikramSingh-em2vu 6 หลายเดือนก่อน +1

    Nirmal hridaye.

    • @lalankumarchaubey4860
      @lalankumarchaubey4860 6 หลายเดือนก่อน +1

      यह एक ईमानदार लेखक का साक्षात्कार है। शिवमूर्ति माटी के खांटी लेखक हैं।अंजुम जी आप पूरी तैयारी के साथ साक्षात्कार लेते हैं।आपके कार्यों की भूरि- भूरि प्रशंसा करता हूं।इस साक्षात्कार में कहीं कोई कृत्रिमता नहीं है।

  • @ajaykumaryadav9002
    @ajaykumaryadav9002 6 หลายเดือนก่อน +3

    खांटी माटी के अमर चितेरे कथाकार का सहज साक्षात्कार।।मैं शिवमूर्ति जी के गांव का और उनका पड़ोसी भी हूं।। भावुक महसूस कर रहा हूं।। अंजुम जी को धन्यवाद।

    • @amitkumar-tx6zb
      @amitkumar-tx6zb 6 หลายเดือนก่อน

      Ye shivmurti kaun biradar hain ho yadav ji... pandit,shukul, Mishra hain ka?????

  • @prakashchandra69
    @prakashchandra69 6 หลายเดือนก่อน +1

    शिवमूर्ति ने बौद्धिक मुखौटा नहीं पहना है। मुद्राएं नहीं है।खरा-खांटी व्यक्तित्व है। ऐसा ठेठ लेखक भद्र हिन्दी साहित्य समाज में कहां से आ गया?

  • @ravishanker9672
    @ravishanker9672 6 หลายเดือนก่อน

    हवा जल जंगल के pollution लेखक का विषय होते है?

    • @ravishanker9672
      @ravishanker9672 6 หลายเดือนก่อน

      शिवमूर्ति की भी अपनी पॉलिटिक्स है तो दूसरे पर प्रश्नचिन्ह क्यों

  • @secondaryeducation3065
    @secondaryeducation3065 6 หลายเดือนก่อน

    शिवमूर्ति जी की सहजता जो करुणा से ओत प्रोत है , के मध्य साक्षात्कार लेने वाले का बनावटीपन बेमेल है। रजत शर्मा वाली शैली यहां ठीक नहीं लग रही है।

  • @gunjisophie2049
    @gunjisophie2049 6 หลายเดือนก่อน

    यह माटी की बात करते हुए शिवमूर्ति कितने अपने से लगते हैं, स्त्रियों की जरूरत की बात करते हुए

  • @ravishanker9672
    @ravishanker9672 6 หลายเดือนก่อน +1

    लेखक को सरकार के अच्छे काम की भी सराहना न करे

    • @amitkumar-tx6zb
      @amitkumar-tx6zb 6 หลายเดือนก่อน

      Abe sarkar k achhe kaam kya hain????sarkar videsh se aai hai????khairat bhandara hai????use achhe Kam karna karna hi hai...samjha Chaman bahar sulfet ..

    • @ravishanker9672
      @ravishanker9672 6 หลายเดือนก่อน

      @@amitkumar-tx6zb चूज़े अपनी भाषा पर लगाम दो वरना तुम्हारे मुंह में लगाम की nal डाल देंगे