Sangat Ep 1 | Alok Dhanwa on Poetry, Politics & Personal life | Anjum Sharma | Hindwi
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- เผยแพร่เมื่อ 29 ธ.ค. 2022
- हिंदी साहित्य-संस्कृति-संसार के समादृत व्यक्तित्वों के वीडियो साक्षात्कार से जुड़ी सीरीज़ 'संगत' का पहला एपिसोड कवि आलोकधन्वा के साथ शुरू हो रहा है। इंटरव्यू के दौरान अंजुम शर्मा से बात करते हुए आलोकधन्वा ने अपने निजी जीवन, नक्सलबाड़ी-आंदोलन के अनुभव और कविता की रचना-प्रक्रिया पर बात की।
आलोकधन्वा ‘गोली दाग़ो पोस्टर’, ‘भागी हुई लड़कियाँ’ और ‘सफ़ेद रात’ सरीखी कविताओं के लिए ख़ूब लोकप्रिय हैं।
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'Sangat' The series related to video interviews of eminent personalities of Hindi literature is starting with poet Alokdhanwa. In the first episode talking with Anjum Sharma, Alokdhanwa talked about his personal life, experience of Naxalbari-movement and creative-process of poetry.
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आलोकधन्वा की संपूर्ण रचनाएँ : www.hindwi.org/poets/alokdhan...
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भावोत्कटता बहुत है आलोक जी के यहाँ। अंजुम जी ने बातचीत के सिरे को बखूबी संभाला और मुद्दों पर ले आए । इससे प्रिय कवि ने कई शानदार और सारगर्भित वक्तव्य दिये। बधाई !
मन बहता रहा बहता रहा इस इंटव्यू में.. 📖
Right
आलोक Dhanva जी को बीते दिसम्बर पटना पुस्तक मेले में देखा था।आजकल बहुत कम लेखक हैं जो कविता के प्रति प्रतिबद्ध हैं। आलोक जी ने प्रेम करने का सार्थक संदेश दिया है। ऐसे भावुक और वतन से प्यार करने वाले इंसान से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए।
अच्छा इंटरव्यू है l
भावुक कवि हैं l हर चीज़ से अभिभूत रहते हैं l आलोचनात्मक मस्तिष्क नहीं है l अपने ही ख़यालों की रौ में बहे चले जाते हैं l चीज़ों की जानकारी सतही है l गांधी बुद्ध और मार्क्स इन सबकी जानकारी बहुत ऊपरी है l गहराई में नहीं जाते l
ख़ैर अच्छे कवि हैं l
सच में ये है सही सही "सत्संग संगत " मज़ा आ गया ... अंजुम जी की सरलता विलक्षण है .. मैं पहली बार धन्वा जी से परिचित हुआ , उम्मीद है आगे आने वाले सभी साहित्यकारों का संगत यूं ही सत्संग साबित होता रहेगा । बेहद शानदार शुरुआत ।
खाली समय में बस संगत सुनती हूँ। साधुवाद हिंदवी का यह श्रृंखला शुरु करने के लिए ! अपने लेखक कवि को सुनना कितना सुखद है। अंजुम तो कमाल हैं! उनके सवालों का इंतज़ार रहता है ।
महोदय धन्वा जी का कविता के बारे में कुछ ऐसा कहना कि कविता कई लोग लिखते हैं और एक व्यक्ति उसको सामने रखता भर है, अतिप्रिय वक्तव्य लगा मुझे।
हिंदवी टीम और अंजुम जी ऐसे कार्यक्रम लाने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
इस श्रृंखला को निरंतर जारी रखें
अंततः धन्वा जी और अंजुम जी को धन्यवाद
आलोक धन्वा सर जैसा इंसान सदियों में पैदा होता है।
दिलचस्प और ईमानदार बातचीत!
इरफ़ान जी की गुफ़्तगू का अंदाज़ याद आया।
एपिसोड शानदार रहा। आलोक धन्वा की अपनी बात से बार बार भटकते रहे लेकिन अंजुम जी उन्हें बार बार वापस लाते रहे। इसके लिए उन्हें बधाई। यह बहुत जरूरी था वरना बातचीत कहीं की कहीं जा रही थी। अगला एपिसोड देखने के लिए आतुर हँ।
सादर प्रणाम गुरुवार आलोक धन्वा जी को आपका एक ही कविता संग्रह आया परंतु बहुत ही महत्वपूर्ण है जिस प्रकार ऐसा कहा जाता है कि कोई पक्षी प्रतिदिन गाता है और कोई पक्षी कभी-कभी गाता है। आप मुक्तिबोध जी की तरह जनकवि है। 🌹🙏🌹
धन्वा जी आप पूज्य प्रोफेसर ज्ञान रंजन जी के पास जबलपुर आए थे तब आपके दर्शन हुए थे। आपकी कविताएं भी सुनी थी।आपके शरीर की हालत आंदोलन के कारण बिगड़ गई थी, पेट खराब रहता था। उबला पानी साथ में रखते थे। उस समय परसाई जी थे।
बहुत बहुत धन्यवाद यह इंटरव्यू करने के लिए🙏
अंजुम जी देखने में छोटी उम्र के लग रहे हैं परंतु प्रश्न बुजुर्ग कर रहे हैं। हर पहलू को छू रहे हैं।
बहुत अच्छा नवाचार। जिनको पढ़ा उन्हें जानेंगे। धन्यवाद अंजुम जी। धन्यवाद हिंदवी।
आनंददायक संगत के लिए शुक्रिया हिन्दवी /अंजुम शर्मा जी
सब से पहले इस शानदार पहल के लिए हिंदवी को बधाई।
सुझाव- हम किसी वटवृक्ष की तमाम शाखाओं के बारे मे बहुत जल्द जान लेना चाहते है। जो सम्भव नही है। मेरा मानना है हम सुकून से धर्य के साथ वीडियो सूट करके दो पार्ट मे भी डाल सकते है।।
जी, मुझे भी ऐसा लगा। आदरणीय आलोक जी के पास कहने को बहुत कुछ था। एक लंबी साहित्यिक यात्रा के कई दिलचस्प पहलू थे जो वह जीना चाहते थे। कहना और याद करना चाहते थे। जैसे किसी ने ठीक ही कहा है,"पंछी गीत इसलिए नहीं गाते क्योंकि उन्हें दूसरों को सुनाना होता है। बल्कि इसलिए कि उनके पास गाना (गीत) होता है।" आलोक जी का जीवन गीत बड़ा होता जा रहा था। हालांकि मुझे भी विषयों से भटकाव का भान हुआ परंतु प्रश्नेत्तर जानकारियों का पिटारा (अपने शानदार लोगों के बारे में) मजेदार रहा। प्रतिभावान अंजुम सजग दिखे। स्नेहिल भी। आग्रह है पुराने अगर बोलना चाहें तो दो हिस्सों में भेंटवार्ता संपन्न कराई जा सकती है। वैसे भी उन्हें सुनता कौन है? आशा है संवेदनशील अंजुम इस पर संज्ञान लेंगें। और हां, एक और बात..... यह कारवां अनवरत जारी रहे। अंजुम के लिए अशेष शुभकामनाएं और आलोक जी के लिए खूब सारा सम्मान।🙏🙏❤️❤️
लोग शादी की टिप्पणी पर शायद गुरेज़ कर सकते है पर उसका प्रेम से निकला हुआ सार जो धन्वा जी ने बताया है - की मुहब्बत ,आशिकी के खतरे उठाओ मेरे हिसाब से ये उस पूरे मुद्दे का हासिल है ... शादी करो न करो पर प्रेम जरूर करो ..उससे आने वाली परिपक्वता ,और स्तर की प्रोन्नति शायद ही कहीं और किसी तरीके मिल सके ...
मां की ममता बहुत प्यारी है।❤️🙏🏻🙏🏻
"Morality एक सुकून है".... ये बात हमेशा याद रहेगी.. सादर प्रणाम आलोक धनवा जी को.
अंजुम जी! आपका शुक्रिया!
आलोक साहब! हम आपकी कविताओं के मुरीद रहे हैं!
"दुनिया रोज़ बनती है!"
आलोक धन्वा सर को हम पटना में देख सुन चुके है इस वजह से ये बातचीत हमे पसंद आई.उनकी पुस्तक भी हमारे पास है जिसे हमने खरीदी व पढ़ी है
ओलोकजी को पहली बार सुना, बहुत ही अच्छा लगा।।
सुंदर प्रस्तुति आलोक धन्वा सर और अंजुम शर्मा जी के संगत कथांश को श्रवण करना सुंदर प्रकृतिबाह्य हैं,
आज उनके जन्मदिवस में उनके साक्षात्कार का श्रवण करना उत्तम रहा हैं,
और अंजुम सर की मौखिक प्रश्नावली शोभमान हैं।❤😌
बेहतरीन पहल़ ,,पसंदीदा कवि को सुनकर अच्छा लगा🥰🤗
पुरुषोत्तम अग्गरवाल सर का डालिये जल्दी सर प्लीज।
वाह मन गदगद हो गया इतने बड़े कवि और आलोचक का जीवंत साक्षात्कार देखकर, जिसमें चुहल पंती, भावुकता के साथ साथ अपने समकालीन आलोचकों एवं कवियों के वर्णन के साथ साहित्यिक योगदान का वर्णन काफी रोचक लगा, नमन है सर आपको 🙏🙏
बहुत बहुत धन्यवाद हिंदिवी इतने बेहतरीन साक्षात्कार के लिए...🙏🙏🙏🙏
Bahut sunder aur saargarbhit
बस धन्यवाद कहना चाहता हूं इतने बड़े लोगों को सुनवाने के लिए
बहुत ही सुंदर प्रस्तुति!! आलोक जी को सुनकर अच्छा लगा। 💓
Everyone’s favourite ❤️
इंटरव्यू लेने वाले व्यक्ति से अनुरोध है कवि को अपनी बाते पूरी करने दिया करे ।
वाह! नायाब बातचीत।
अद्भुत साक्षात्कार!
अंजुम जी धन्यवाद।
I can't thank you people enough for this Marvellous work, such an appreciative work team
👍👍🌹🌹 बहुत ही शानदार इंटरव्यू। मैं आपको सेल्यूट करता हूं।👍👍🌹🌹
बहुत ख़ूबसूरत बातचीत । शुक्रिया हिन्दवी 🌻
बहुत सुंदर।आपने बहुत शानदार काम किया है अंजुम।।
بہترین پیشکش۔۔۔۔لاجواب
ऐसा अंश लाने पर बधाई!
Aapne Alok Ji ka bahut chhota interview liya. Aisa lagta tha ki sunte hi rahen. Yadi mauka mile to Inka ek lamba interview le jime inko bolne ka pura time den. Thank you.
Sun k bhut acha lga ❤
batlana hai ki hum dekhne walon ke paas samay hai in kaviyon ke liye :) samay ki kami ke kaaran baatein adhoori reh jaaen to malaal reh jaata hai.
प्रिय कवि का साक्षात्कार।साक्षात्कारकर्ता थोड़े संयमित रहते तो अच्छा रहता।
Bohot Bohot dhanyavaad
Aapka program ek din trending me aayga dekhna
सुखद
Bahut shukriya team hindwi … ❤
सुल्तानपुर, उत्तर प्रदेश से प्रेम स्वीकारियेगा अंजुम जी❤❤
बहुत सुंदर बातचीत 💐
❤❤❤
👍👍🌹🌹
Great program!
संगत सीरीज बहुत शानदार है।❤❤
लेकिन आज चंद सिक्कों से गरीबी भी खरीदी जा रही है और उनको यह भी पता नहीं चल रहा कि चंद सिक्कों के एवज में उनका क्या जा रहा है।
अतीत और वर्तमान में सामंजस्य कैसे बैठाएंगे आप।
Om shanti, RIP
Good interview.
इंटरव्यूवर को खास बधाई....
VERY NICE
You are great
बहुत सुंदर पहल।
धन्वा जी प्रणाम
सुन्दर वचन
❤️
Congratulations Hindawi!
🌹
बहुत सुन्दर बातचीत।
Background me Jaun Elia Sahab 🙏🏻🙏🏻
बहुत सुंदर प्रस्तुति
लेखक के पास भावनाओं व तथाकथित नैतिकत्ता का अतिरेक है| शायद लेखक ने रचनाओं से इतर करेंट के मुद्दों पर ध्यान ज्यादा दिया हुआ है | इसलिए अंजुम के बार-बार रचनाओं की तरफ ध्यान खीचने के बावजूद लेखक भटक जा रहा है|
कुबेरनाथ राय और विद्यानिवास मिश्र सनातनी होने के कारण daphan कर दिए गए
We miss the objectivity in talk
बहुत उम्दा
🙏🙏🙏🙏🙏
❤️❤️
गुलशन में जो कुछ भी बचा है उसे बचाए रखने के लिए क्या करना चाहिए।
सफ़ेद रात...
बात पूरी होने से पहले फ्रेम बदल रहा ये ठीक नहीं है, बात अधूरी रह जाती है
मूर्खता से भरपूर
कबीर और सूर के साथ तुलसी दास का भी नाम ले लेते गुरु जी,इतनी नफरत क्यों
कुपठ कवि नागार्जुन आबद्ध थे तीसरी पीढ़ी के प्रेम से कवि उसको बता रहे सेक्युलर से आबद्घ होने से
Anjum sahab ya aap ka pichay joun elia ki tasweer lagi ha kia?
सुल्तानपुर, उत्तर प्रदेश से प्रेम स्वीकारियेगा अंजुम जी❤❤