अंजुम जी आप की वाणी बहुत सधी हुईं, सटीक और गहरी पैठ बनाने वाली है। आपकी पैनी बातें संगत को रोचक बना देती हैं। ज्ञानी ज्ञान जी के साक्षात्कार का आनन्द देने हेतु धन्यवाद
चतुर्वेदी सर सादर चरण स्पर्श 🙏🏻 बहुत अच्छा लगा आपको सुनकर देखकर अंजुम जी की साक्षात्कार शैली और आवाज़ बहुत सुंदर है वे बड़े बुलंद साहित्य वाले व्यक्तित्व हैं---आपकी शैली में कहा जाए तो आप उसी टाइप के आदमी दिखे जिस टाइप के आप जैसे टाइप आदमी हो सकते हैं ---जगमोहन मूंदड़ा थे वह निर्माता और उनकी ऐश्वर्य राय के फिल्म थी प्रवोक्ड --आप दीर्घायु हों और अपनी धार से हमें धार देते रहें यही शुभकामना है ---आदरणीय अंजुम जी आपकी कमाल की श्रंखला है यह आपकी साहित्यिक प्रोन्नति ख़ूब हो और ये तेवर सदा रहें यही मनोकामना है --🙏
ज्ञान जी को जानने का अवसर दिया आपने। धन्यवाद पहुंचे आपको❤। ज्ञान जी में बहुत कैलिबर है। अभी एक घंटा और आप उनसे बात कर सकते थे। शायद आप थक गए। इस बातचीत को दूसरे भाग तक खींचा जा सकता था। प्रश्न भी बहुत बचे थे। आज कौन अच्छा लिख रहे हैं, किनमें आप ज्ञान की परंपरा को देखते हैं, वगैराह वगैराह
डॉ. ज्ञान चतुर्वेदी जी से भी आकाशवाणी भोपाल के लिए रिकॉर्ड करने के बहाने कई बार रूबरू होने का अवसर प्राप्त हुआ और साक्षात्कार लेने का सुयोग भी प्राप्त हुआ। उन्हें व्यक्तिगत रूप से जानकर ये पता लगा कि बहुत ही हसमुख होने के साथ-साथ बहुत ही स्पष्टवादी व्यक्ति हैं। उम्दा लेखक तो हैं हीं।
पता ही नहीं चला कब इंटरव्यू खत्म हो गया. मजा आ गया. ❤
चतुर्वेदी जी
सादर प्रणाम 🙏
मैंने आपका लिखा व्यंग्य सर्वप्रथम १९८५ में पंजाब केसरी में पढ़ा था । व्यंग्य का शीर्षक था -जिंगल पोली-टीलोरामा ।
😂
अंजुम जी आप की वाणी बहुत सधी हुईं, सटीक और गहरी पैठ बनाने वाली है। आपकी पैनी बातें संगत को रोचक बना देती हैं। ज्ञानी ज्ञान जी के साक्षात्कार का आनन्द देने हेतु धन्यवाद
चतुर्वेदी सर सादर चरण स्पर्श 🙏🏻 बहुत अच्छा लगा आपको सुनकर देखकर अंजुम जी की साक्षात्कार शैली और आवाज़ बहुत सुंदर है वे बड़े बुलंद साहित्य वाले व्यक्तित्व हैं---आपकी शैली में कहा जाए तो आप उसी टाइप के आदमी दिखे जिस टाइप के आप जैसे टाइप आदमी हो सकते हैं ---जगमोहन मूंदड़ा थे वह निर्माता और उनकी ऐश्वर्य राय के फिल्म थी प्रवोक्ड --आप दीर्घायु हों और अपनी धार से हमें धार देते रहें यही शुभकामना है ---आदरणीय अंजुम जी आपकी कमाल की श्रंखला है यह आपकी साहित्यिक प्रोन्नति ख़ूब हो और ये तेवर सदा रहें यही मनोकामना है --🙏
बहुत ही शानदार साक्षात्कार...❤😊
माननीय ज्ञान चतुर्वेदी जी का स्वागत है अभिनंदन 🎉🎉🎉🎉🎉
ज्ञान चतुर्वेदी जी को बचपन से पढ़ रही हूं।और समाज और जीवन को उनके नजरिए से समझा है
ज्ञान जी को जानने का अवसर दिया आपने। धन्यवाद पहुंचे आपको❤। ज्ञान जी में बहुत कैलिबर है। अभी एक घंटा और आप उनसे बात कर सकते थे। शायद आप थक गए। इस बातचीत को दूसरे भाग तक खींचा जा सकता था। प्रश्न भी बहुत बचे थे। आज कौन अच्छा लिख रहे हैं, किनमें आप ज्ञान की परंपरा को देखते हैं, वगैराह वगैराह
बहुत प्रभावशाली साक्षात्कार, सफगोई और ईमानदारी से भरा हुआ ,ज्ञान जी का बारामासी अदभुत व्यंग्य उपन्यास है, बहुत धारदार लेखन है सर का
ज्ञान सर मेरे प्रिय लेखक हैं। बहुत अच्छा लगा पूरा साक्षात्कार देखकर।
बेहतरीन वार्तालाप।अच्छी और सार्थक बातचीत। हार्दिक बधाई हिन्दवी और अंजुम जी।
अंजुम जी आप बहुत सुंदर काम कर रहे हैं 🎉
वेहतरीन बातचीत
आपने इतना बड़े शून्य को भरने का प्रयास कर रहे हैं अंजुम भाई जो इससे पहले नहीं हुआ।। धन्यवाद ❤️❤️❤️
Love ❤
अद्भुत विचारशीलता सुंदर साक्षात्कार, अनेकों धन्यवाद 🙏🙏
ज्ञान सर के सारे लेखन को लेकर बड़ी साफगोई से की गई यह आत्मीय बातचीत बेहद महत्वपूर्ण बन गई है।
વાતો કરવી સારી લાગે - આમ જીવન કોઈ જીવી નથી શકતા - જેવી સમૃદ્ધી આવે એટલે બધી માત્ર વાતો જ રહી જાય -
डॉ. ज्ञान चतुर्वेदी जी से भी आकाशवाणी भोपाल के लिए रिकॉर्ड करने के बहाने कई बार रूबरू होने का अवसर प्राप्त हुआ और साक्षात्कार लेने का सुयोग भी प्राप्त हुआ।
उन्हें व्यक्तिगत रूप से जानकर ये पता लगा कि बहुत ही हसमुख होने के साथ-साथ बहुत ही स्पष्टवादी व्यक्ति हैं।
उम्दा लेखक तो हैं हीं।
ज़रूरी बातचीत! शुक्रिया हिन्दवी। ज्ञान जी का बारामासी हर किसी क़ो पढ़ना चाहिए।
आप बेहद शानदार काम कर रहे हैं अंजुम भाई। ज्ञान सर को इस मंच पर सुनने की कब से इच्छा थी।
बहुत जीवन्त
ज्ञान चतुर्वेदी जी से अंजुम शर्मा जी के सार्थक सवाल .
🎉🎉🎉🎉
नागरिक सरल सहज ज्ञान
सार्थक संवाद
♥️
दिव्य संगत
bohot sundar
सम्वेदना और समझ अगर आपमें दोनों हैं, तो आपकी संवेदना और पैनी होती चली जाएंगी।
हेरोडोत्तस को महात्मा बुध बना दिया।
अंजुम भाई आप इस बर्बाद खत्म होती दुनिया को फिर सहारा दे रहे कृष्ण कल्याण करे🙏🌞🌷
Sir... I like your channel....❤❤
July 2023 बहुत गरम रहा इस पर भी प्रश्न करे
मैने मै शैली अपनाई देखा दुखी एक निज भाई +पंत
❤️🙌
10:48
Adbhut baatcheet
ज्ञान बाकी सब ठीक है पर तुमने कितनी यात्राएं की कितनी सभाओं की सदारत की तुम पर कितने शोध हूं अगर यह सब नहीं है तो फिर सोच लो कुछ तो कभी है
आज हर जगह संवेदनहीनता बढ़ती जा रही
राजनीति दोयम दर्जे को बढ़ाती है और नामवर भी राजनीति करते थे
नामवर पंकज चतुर्वेदी को आगे नहीं करेंगे आप को कर रहे थे तो समझो गड़बड़ है