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Vasu Astro Classes 143k views • 2 hour's ago
India
เข้าร่วมเมื่อ 4 เม.ย. 2015
An introduction to Vedic Astrology
You can reach at 9560208439, 9870146909
E-mail id - neerajnagar427381@gmail.com
youtube.com/@vasuastroclassesshorts?si=ZLNEeN2MbDyRHq94
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सप्तम भाव और राहु का संशय- आचार्य वासुदेव (ज्योतिषाचार्य, हस्तरेखा विशेषज्ञ, राहु केतु-विशेषज्ञ).
हरे कृष्ण, मैं पहले भी कई बार सप्तम भाव से संबंधित विषय पर जानकारी दे चुका हूं बहुत से भाई बहनों का यह प्रश्न होता है कि सप्तम भाव में अशुभ ग्रहों का क्या प्रभाव होता है क्योंकि उनके वैवाहिक जीवन में अत्यधिक तनाव देखा जा सकता है इस श्रृंखला में मैंने सप्तम भाव से संबंधित कुछ और विशेष जानकारी देने का प्रयास किया है सप्तम भाव का संबंध यदि राहु केतु शनि मंगल और सूर्य जैसे ग्रहों से हो तो व्यक्ति का वैवाहिक जीवन तनावमय रहता है क्योंकि राहु केतु शनि मंगल और सूर्य सभी पृथकतावादी ग्रह हैं। अधिकतर पत्रिकाओं का विश्लेषण करने के पश्चात मैंने पाया है कि सप्तम भाव में राहु का फल सबसे ज्यादा खराब होता है यदि आपकी पत्रिका में राहु सप्तम या अष्टम भाव में है तो यह आपको सबसे ज्यादा अशुभ फल प्रदान करने की योग्यता रखता है सप्तम भाव में राहु बैठा होने से व्यक्ति के वैवाहिक जीवन में तनाव रहता है और ऐसी अवस्था में राहु आपको अधिक अनैतिक कार्य करने के लिए उकसाता है। यदि पत्रिका में सप्तम भाव का स्वामी अशुभ भाव में है और सप्तम भाव पर अशुभ ग्रहों का प्रभाव है पर सप्तम भाव का स्वामी नीच राशि में है या अशुभ ग्रहों के नक्षत्र में है तो यह वैवाहिक जीवन को खराब करता है ऐसी स्थिति में राहु का एक विशेष योगदान होता है राहु एक स्वतंत्र ग्रह है जो अपनी स्वतंत्रता को दर्शाने का प्रयास करता है। राहु स्वेच्छाचारी ग्रह है और स्वतंत्र होने के साथ साथ छल और कपट को भी दर्शता है ऐसी स्तिथि में सप्तम और अष्टम भाव का राहु अन्य लोगों से संबंध दर्शता है और संबंध खराब करता है। यह एक सामान्य जानकारी है और यह इस बात की पुष्टि नहीं करता की यह योग ही फलित होंगे इस योग के साथ अन्य योग भी पत्रिका में देख लेना उचित रहेगा। अधिक जानकारी ले लिए संपर्क करें👇
आचार्य वासुदेव (ज्योतिषाचार्य, हस्तरेखा विशेषज्ञ, राहु-केतु विशेषज्ञ)
संपर्क सूत्र -9560208439, 9870146909
E-mail - neerajnagar427381@gmail.com
सोमवार से शनिवार प्रातः 10 बजे से सांयकाल 07 बजे तक
रविवार- अवकाश
आपातकालीन स्थिति में संपर्क करें - 9560208439
हरे कृष्ण 🙏
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सप्तम भाव और राहु का संशय - आचार्य वासुदेव (ज्योतिषाचार्य, हस्तरेखा विशेषज्ञ, राहु- केतु विशेषज्ञ)
มุมมอง 8576 หลายเดือนก่อน
हरे कृष्ण, मैं पहले भी कई बार सप्तम भाव से संबंधित विषय पर जानकारी दे चुका हूं बहुत से भाई बहनों का यह प्रश्न होता है कि सप्तम भाव में अशुभ ग्रहों का क्या प्रभाव होता है क्योंकि उनके वैवाहिक जीवन में अत्यधिक तनाव देखा जा सकता है इस श्रृंखला में मैंने सप्तम भाव से संबंधित कुछ और विशेष जानकारी देने का प्रयास किया है सप्तम भाव का संबंध यदि राहु केतु शनि मंगल और सूर्य जैसे ग्रहों से हो तो व्यक्ति क...
पत्रिका में संन्यास योग- आचार्य वासुदेव(ज्योतिषाचार्य, हस्तरेखा विशेषज्ञ, राहु-केतु विशेषज्ञ)
มุมมอง 5266 หลายเดือนก่อน
हरे कृष्ण, इस श्रृंखला में मैंने कुछ आध्यात्मिक योग और संन्यास योग के विषय में चर्चा की है आप अपनी पत्रिका के अनुसार यह दे सकते हैं कि क्या आपकी पत्रिका में संन्यास योग बनता है या नहीं। इस श्रृंखला में मैंने कुछ भौतिक सुखों और आध्यात्मिक सुखों के विषय में चर्चा की है, वैदिक ज्योतिष में ऐसे कौन से योग होते हैं जो व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करते हैं और संन्यास की ओर ले जाते हैं। वैदिक ज्...
पत्रिका में संन्यास के योग- आचार्य वासुदेव (ज्योतिषाचार्य, हस्तरेखा विशेषज्ञ) राहु-केतु विशेषज्ञ
มุมมอง 4446 หลายเดือนก่อน
हरे कृष्ण, इस श्रृंखला में मैंने कुछ आध्यात्मिक योग और संन्यास योग के विषय में चर्चा की है आप अपनी पत्रिका के अनुसार यह दे सकते हैं कि क्या आपकी पत्रिका में संन्यास योग बनता है या नहीं। इस श्रृंखला में मैंने कुछ भौतिक सुखों और आध्यात्मिक सुखों के विषय में चर्चा की है, वैदिक ज्योतिष में ऐसे कौन से योग होते हैं जो व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करते हैं और संन्यास की ओर ले जाते हैं। वैदिक ज्...
कुंडली में कपट योग- आचार्य वासुदेव(ज्योतिषाचार्य) राहु-केतु विशेषज्ञ
มุมมอง 5486 หลายเดือนก่อน
हरे कृष्ण, इस श्रृंखला में मैंने पत्रिका में कुछ ऐसे योगों के बारे में बात की है जो व्यक्ति को अविश्वसनीय बनाते हैं और ऐसी स्थिति में ग्रह यह दर्शाते हैं कि सामने वाला व्यक्ति विश्वास के लायक है या नहीं और कभी-कभी पत्रिका में हम यह देखकर अनुमान लगा सकते हैं कि सामने वाले व्यक्ति पर कितना विश्वास किया जा सकता है क्योंकि झूठ बोलने की आदत बहुत पहले से लोगों में देखी जा सकती है ऐसी स्थिति में यदि आ...
पत्रिका में राजयोग फिर भी दुःख-आचार्य वासुदेव(ज्योतिषाचार्य)
มุมมอง 9509 หลายเดือนก่อน
इस श्रृंखला में वैदिक ज्योतिष में राजयोग के विषय में भ्रांतियों के विषय में चर्चा की गईं है। आपके जीवन में राजयोग तभी फलित होते है जब योगकारक ग्रहों की महादशा आती है, प्रत्येक लग्न के अनुसार शुभ और अशुभ ग्रह होते है और योग कारक ग्रह भी होते है। जब कभी भी पत्रिका में योगकारक ग्रह की दशा आती है तो जीवन में सु और समृद्धि के योग बनते है। यदि बचपन में अशुभ ग्रहों की दशा हो तो यह जीवन में संघर्ष को द...
वैदिक ज्योतिष में अरिष्ट भंग- आचार्य वासुदेव( ज्योतिषाचार्य)
มุมมอง 4979 หลายเดือนก่อน
हरे कृष्णा इस श्रृंखला में मैंने वैदिक ज्योतिष में कुछ विशेष अरिष्ट भंग योग की चर्चा की है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार पत्रिका में कुछ ऐसे दोष होते होते है जो जीवन में परेशानियों का कारण बनते हैं इस श्रृंखला में मैंने कुछ अरिष्ट भंग योगों के विषय में चर्चा की है। पत्रिका में कुछ शुभ ग्रहों के कारण अरिष्ट भंग हो जाता है। यदि आप अपनी पत्रिका से संबंधित कोई विशेष जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं या अपन...
कन्या लग्न में नीलम रत्न का फल- आचार्य वासुदेव(ज्योतिषाचार्य)
มุมมอง 2.2K9 หลายเดือนก่อน
हरे कृष्णा, इस श्रृंखला में मैंने कन्या लग्न में नीलम रत्न धारण करने के विषय में कुछ विधि बतलाई है, कन्या लग्न में शनि पंचम और षष्ठम भाव के स्वामी है। कन्या लग्न में शनि पंचम भाव के स्वामी होने से योग कारक ग्रह की श्रेणी में आते हैं कन्या लग्न में बुध, शनि, शुक्र योगकाराक ग्रह की श्रेणी में आते। इस श्रृंखला में मैं शनि देव से संबंधित कुछ विशेष जानकारी देने का प्रयास किया है यदि आपका कन्या लग्न ...
राशि से गोचर का फल कितना सटीक - आचार्य वासुदेव(ज्योतिषाचार्य)
มุมมอง 6339 หลายเดือนก่อน
हरे कृष्णा इस श्रृंखला में मैं गोचर से संबंधित कुछ विषयों पर आपको जानकारी देने का प्रयास किया है की गोचर के माध्यम से फल कितना सटीक होता है और किस प्रकार से फल प्राप्त होता है पत्रिका में शनि महाराज गुरुदेव और राहु केतु का गोचर अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है क्योंकि शनि एक राशि में ढाई वर्ष गुरुदेव एक राशि में एक वर्ष राहु केतु एक राशि में 18 महीने तक गोचर करते हैं किंतु गोचर देखते समय हमें यह ध्या...
राहु किस भाव में सबसे शुभ फल देता है आचार्य वासुदेव(ज्योतिषाचार्य)
มุมมอง 9K9 หลายเดือนก่อน
हरे कृष्णा इस श्रृंखला में मैंने राहु से संबंधित कुछ विषय पर अधिक जानकारी देने का प्रयास किया है बहुत से भाई बहनों का यह प्रश्न होता है कि राहु किस भाव में अत्यधिक शुभ फल प्रदान करते हैं और किस भाव में अत्यधिक अशुभ फल प्रदान करते हैं इस श्रृंखला में मैंने इससे सम्बन्धित प्रश्नों का उत्तर देने का प्रयास किया है। राहु कहीं ना कहीं आपकी अंतरात्मा को परेशान करने का प्रयास करता है राहु का संबंध आपकी...
अशुभ राहु के संकेत- आचार्य वासुदेव (ज्योतिषाचार्य)
มุมมอง 2.1K10 หลายเดือนก่อน
हरे कृष्णा श्रृंखला में मैंने कुछ राहु के शुभ या अशुभ संकेतों के विषय में आपसे चर्चा की है इस श्रृंखला में मैने समझाने का प्रयास किया है कि राहु ना तो शुभ होते हैं और ना ही अशुभ होते हैं राहु का प्रभाव उनकी राशि साथ बैठने वाले ग्रह किन-किन ग्रहों पर उनका दृष्टि प्रभाव है और किस ग्रह पर उनका ज्यादा प्रभाव है इस पर निर्भर करता है आशा करता हूं कि आप इस श्रृंखला से बहुत कुछ सीखने का प्रयास करेंगे य...
वैदिक ज्योतिष में आयु का निर्णय कितना सही और कितना गलत - आचार्य वासुदेव (ज्योतिषाचार्य)
มุมมอง 37010 หลายเดือนก่อน
हरे कृष्णा इस श्रृंखला के माध्यम से मैं आयु से संबंधित कुछ विशेष नियम और सूत्रों के विषय में चर्चा की है इस श्रृंखला के माध्यम से मैं यह समझाने का प्रयास किया है की आयु का निर्णय करते वक्त हमें बहुत सावधानियां बरतनी चाहिए वैसे तो आयु का निर्णय वैदिक ज्योतिष में एक गंभीर विषय है किसी भी वैदिक ज्योतिष को इसका निर्णय करने से पहले बहुत सोच समझकर इसका विचार करना चाहिए और आयु निर्णय करने से बचना ही च...
अश्विनी नक्षत्र में राहु का फलादेश - आचार्य वासुदेव (ज्योतिषाचार्य)
มุมมอง 54210 หลายเดือนก่อน
हरे कृष्णा इस श्रृंखला में मैंने राहु का अश्विनी नक्षत्र में क्या फल होता है उसके विषय में चर्चा की है अश्विनी नक्षत्र राशि चक्र आकाशगंगा का सबसे आरंभिक बिंदु है अश्विनी नक्षत्र के स्वामी केतु देव होते हैं अश्विनी नक्षत्र एक देव गण और राजसिक नक्षत्र है। अश्विनी नक्षत्र केतु का सबसे पहला नक्षत्र है अश्विनी नक्षत्र के अलावा मघा और मूल नक्षत्र भी केतु के नक्षत्र कहलाते हैं इस श्रृंखला में मैंने रा...
पत्रिका के चतुर्थ भाव में राहु का फल शुभ या अशुभ- आचार्य वासुदेव(ज्योतिषाचार्य)
มุมมอง 12K10 หลายเดือนก่อน
हरे कृष्णा इस श्रृंखला में मैं राहु के चतुर्थ भाव में क्या फल होते हैं उसके विषय में आपको समझाने का प्रयास किया है राहु वैदिक ज्योतिष में एक अशुभ ग्रह होते हैं और राहु का प्रभाव आपके जीवन में अचानक से देखने में आता है राहु अचानक से होने वाली घटनाओं के कारक हैं राहु मानसिक तनाव डिप्रेशन अवसाद हिस्टीरिया और हाइपरसेंसटिविटी के कारक भी होते हैं। देवताओं की सभा में बैठकर राहु ने अमृत का पान किया था ...
स्त्री पुरुष के विवाद का सबसे बड़ा कारण- आचार्य वासुदेव (ज्योतिषाचार्य)
มุมมอง 67310 หลายเดือนก่อน
हरे कृष्णा इस श्रंखला में मैंने सप्तम भाव सप्तम भाव से संबंधित फल सप्तमेश और सप्तम भाव का हमारे जीवन में क्या महत्व है उसके विषय में समझने का प्रयास किया है इस श्रृंखला में मैंने यह बताने का प्रयास किया है कि किस तरह से वैवाहिक जीवन में तनाव की स्थिति पैदा होती है कौन से ऐसे ग्रह हैं जो इस तनाव का कारण बनते हैं इस श्रृंखला के माध्यम से आप यह जान सकते हैं कि आपकी पत्रिका में कौन से ऐसे कारण है औ...
पत्रिका के प्रथम भाव में केतु और बुध का फल - आचार्य वासुदेव( ज्योतिषाचार्य) भाग -2
มุมมอง 28310 หลายเดือนก่อน
पत्रिका के प्रथम भाव में केतु और बुध का फल - आचार्य वासुदेव( ज्योतिषाचार्य) भाग -2
पत्रिका के प्रथम भाव में केतु और बुध का फल - आचार्य वासुदेव( ज्योतिषाचार्य) भाग -1
มุมมอง 23410 หลายเดือนก่อน
पत्रिका के प्रथम भाव में केतु और बुध का फल - आचार्य वासुदेव( ज्योतिषाचार्य) भाग -1
The results of Jupiter transiting in the eighth house and my experience - Part-2 Acharya Vasudev
มุมมอง 45811 หลายเดือนก่อน
The results of Jupiter transiting in the eighth house and my experience - Part-2 Acharya Vasudev
अष्टम भाव में बृहस्पति के गोचर का प्रभाव और मेरा अनुभव भाग -1 आचार्य वासुदेव (ज्योतिषाचार्य)
มุมมอง 56011 หลายเดือนก่อน
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पंचम भाव में शनिदेव के सटिक फल- आचार्य वासुदेव (ज्योतिषाचार्य,हस्तरेखा विशेषज्ञ)
มุมมอง 1.5Kปีที่แล้ว
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चतुर्थ भाव में शनि के फल- अनुभव के आधार पर फल- आचार्य वासुदेव (ज्योतिषाचार्य, हस्तरेखा विशेषज्ञ)
มุมมอง 1.7Kปีที่แล้ว
चतुर्थ भाव में शनि के फल- अनुभव के आधार पर फल- आचार्य वासुदेव (ज्योतिषाचार्य, हस्तरेखा विशेषज्ञ)
तृतीय भाव में शनि के सटिक फल- आचार्य वासुदेव(ज्योतिषाचार्य, मार्गदर्शक)
มุมมอง 1.7Kปีที่แล้ว
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Effects of Saturn in 2nd House- Acarya Vasudev( Vedic Astrologer, Palmist)
มุมมอง 1.2Kปีที่แล้ว
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उच्च के शुक्र और नीच के शुक्र में अंतर- आचार्य वासुदेव ( ज्योतिषाचार्य), हस्तरेखा विशेषज्ञ
มุมมอง 848ปีที่แล้ว
उच्च के शुक्र और नीच के शुक्र में अंतर- आचार्य वासुदेव ( ज्योतिषाचार्य), हस्तरेखा विशेषज्ञ
वैदिक ज्योतिष में उच्च के शुक्र और नीच के शुक्र में अंतर- आचार्य वासुदेव (ज्योतिषाचार्य)
มุมมอง 1.3Kปีที่แล้ว
वैदिक ज्योतिष में उच्च के शुक्र और नीच के शुक्र में अंतर- आचार्य वासुदेव (ज्योतिषाचार्य)
ज्योतिष में चन्द्रमा का विशेष महत्त्व और गुण अवगुण- आचार्य वासुदेव (ज्योतिषाचार्य)
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ज्योतिष में चन्द्रमा का विशेष महत्त्व और गुण अवगुण- आचार्य वासुदेव (ज्योतिषाचार्य)
ज्योतिष में चन्द्रमा का विशेष महत्त्व और चन्द्रमा के विशेष अवगुण- आचार्य वासुदेव (ज्योतिषाचार्य)
มุมมอง 964ปีที่แล้ว
ज्योतिष में चन्द्रमा का विशेष महत्त्व और चन्द्रमा के विशेष अवगुण- आचार्य वासुदेव (ज्योतिषाचार्य)
ज्योतिष में चन्द्रमा का विशेष महत्त्व और चन्द्रमा के विशेष गुण- आचार्य वासुदेव (ज्योतिषाचार्य)
มุมมอง 1.5Kปีที่แล้ว
ज्योतिष में चन्द्रमा का विशेष महत्त्व और चन्द्रमा के विशेष गुण- आचार्य वासुदेव (ज्योतिषाचार्य)
ग्रहों का मायाजाल कैसे करता है आपके सम्पूर्ण जीवन को प्रभावित- आचार्य वासुदेव(ज्योतिषाचार्य) भाग-2
มุมมอง 727ปีที่แล้ว
ग्रहों का मायाजाल कैसे करता है आपके सम्पूर्ण जीवन को प्रभावित- आचार्य वासुदेव(ज्योतिषाचार्य) भाग-2
ग्रहों का मायाजाल कैसे करता है आपके सम्पूर्ण जीवन को प्रभावित- आचार्य वासुदेव(ज्योतिषाचार्य) भाग-१
มุมมอง 946ปีที่แล้ว
ग्रहों का मायाजाल कैसे करता है आपके सम्पूर्ण जीवन को प्रभावित- आचार्य वासुदेव(ज्योतिषाचार्य) भाग-१