पत्रिका के प्रथम भाव में केतु और बुध का फल - आचार्य वासुदेव( ज्योतिषाचार्य) भाग -1

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  • เผยแพร่เมื่อ 18 พ.ย. 2024
  • हरे कृष्णा, वैदिक ज्योतिष की इस श्रृंखला में मैंने बुध और केतु के प्रथम भाव में कुछ विशेष फलों के बारे में चर्चा की है। केतु को एक साइकिक ग्रह है और केतु लंबे कद का होता है इसलिए जातक का कद लंबा हो सकता है। केतु का रंग गोरा होता है इसलिए जातक का रंग गोरा हो सकता है लेकिन उसी समय केतु जिस राशि पर बैठता है उसके अनुसार परिणाम देता है इसलिए शरीर का रंग भी केतु के जमाकर्ता पर निर्भर करता है।।केतु प्राकृतिक रूप से अशुभ है इसलिए यह दुबले-पतले और कमजोर शरीर का भी संकेत दे रहा है। कभी-कभी यह विकृत शारीरिक गठन का भी संकेत दे रहा है लेकिन इसके लिए चार्ट में उनका मजबूत संकेत होना चाहिए। अन्यथा यह सिर या चेहरे पर कट के निशान का कारण बन सकता है। केतु प्राकृतिक रूप से अशुभ है इसलिए प्रथम भाव का केतु स्वास्थ्य से संबंधित समस्या देता है। केतु दुर्घटनाओं और काटने जैसी चीजों का कारक है, इसलिए पहले घर में केतु दुर्घटनाओं या शरीर के कटने से स्वास्थ्य में समस्या का संकेत दे सकता है। प्रथम भाव में केतु भी त्वचा संबंधी समस्या का संकेत दे रहा है।
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    आचार्य वासुदेव( ज्योतिषाचार्य, हस्तरेखा विशेषज्ञ)
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