वैदिक ज्योतिष में उच्च के शुक्र और नीच के शुक्र में अंतर- आचार्य वासुदेव (ज्योतिषाचार्य)
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- เผยแพร่เมื่อ 26 ม.ค. 2025
- हरे कृष्ण,
इस श्रंखला में मैंने अपने भाई बहनों को ज्योतिष के माध्यम से उच्च के शुक्र और नीच के शुक्र में विशेष अंतर के बारे में चर्चा की है शुक्र 27 डिग्री पर मीन राशि में परम उच्च के फल देते हैं और 27 डिग्री पर कन्या राशि में परम नीच का फल देते हैं किसी भी ग्रह के उच्च और नीच का प्रभाव उसकी सदैव बल पर निर्भर करता है ग्रह के बल में कमी आती है और ग्रह यदि उच्च नीच का हो तो उसके आधार पर उसके फल प्राप्त होते हैं यदि आपकी पत्रिका में शुक्र नीच अवस्था में है तो आपको शुक्र का शुभ फल प्राप्त नहीं होता यदि ग्रह उच्च राशि में है तो शुक्र के समस्त फल आपको प्राप्त होते हैं शुक्र यदि सूर्य से 10 डिग्री के भीतर है या 10 डिग्री से कम है तो शुक्र अस्त हो जाता है और शुक्र को अस्त का दोष लगता है किंतु यदि आपकी पत्रिका में शुक्र 10 डिग्री से ऊपर है तो उसे अस्त का दोष नहीं लगता और वह बहुत शुभ फल प्रदान करते हैं।।
आचार्य वासुदेव ( ज्योतिषाचार्य, हस्तरेखा विशेषज्ञ)
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