ॐ का रहस्य | ॐ का अर्थ | ॐ का जाप और लाभ | Om Ka Rahasya | Om Ka Arth | Om Ka Jap Aur Labh |

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  • เผยแพร่เมื่อ 2 มี.ค. 2024
  • ॐ का रहस्य | ॐ का अर्थ | ॐ का जाप और लाभ |
    Om Ka Rahasya | Om Ka Arth | Om Ka Jap Aur Labh |
    पतञ्जलि के योगसूत्र औऱ हठयोग प्रदीपिका से प्रेरित होकर आसान शब्दों मे अष्टांगयोग को आपके सामने रखा हैं |
    अपने साधना अनुभवोंसे जो भी ज्ञान अर्जित किया वो यथावत देने का प्रामाणिक प्रयत्न हैं | ज्ञान की अनुभूति एस्ट्रल वर्ड मे हुई हैं |
    उसे मैंने अनुभव किया हैं | जिन्हे प्रमाण चाहिए वो साधना का मार्ग स्वीकार करे |
    ज्ञान ईश्वर की कृपा से मिला हैं , अतः इसपर सबका बराबर हक्क हैं |
    अभ्यास के लिए कोई भी विद्यार्थी इसका रिफरेन्स देकर इस्तेमाल कर सकता हैं |
    तस्य वाचकः प्रणव:| ईश्वरस्य वाचकः प्रणव:| जिस अर्थ का बोध कराने के लिए जिस शब्द का ग्रहण किया जाता है, वह शब्द उसी अर्थ का वाचक माना जाता है ।
    वाणी संबंधो । वाणी से किया हुआ । संकेत से कहा हुआ । प्रणव: मतलब ॐ | प्रा=प्रकृति का अर्थात् संसार उसी से विकसित हुआ। नवम्-नवम् वरम्-एक उत्कृष्ट नाव | तुम्हारे लिए कोई संसार नहीं है | वह जो मोक्ष की ओर ले जाता है | वह जो नए ज्ञान की ओर ले जाता है | शुद्ध आत्मा का ज्ञान देता है |
    ॐ ( प्रणव ) जीवित प्राणियों ( प्राणिन ) की महत्वपूर्ण ऊर्जा ( प्राण ) के रूप में मौजूद है । ॐ आत्मा का रूप हैं |
    ॐ = अ + उ + म | अ = विराट , अग्नि , विश्व | उ = हिरण्यगर्भ , वायू , तेज | म = ईश्वर , आदित्य , प्राज्ञ |
    विराट= वो परमात्मा नानाप्रकार के ब्रह्माण्ड का निर्माण करता है | |
    अग्नि = वो परमात्मा ज्ञान स्वरूप और सर्वव्यापक हैं |
    विश्व = सारा जगत जिसके अन्दर समाया हैं | वो सबसे श्रेष्ठ हैं |
    हिरण्यगर्भ = सूर्य और ब्रह्माण्ड को उत्पन्न करनेवाला |
    वायू = वो परमात्मा सबसे बलवान और जगत को धारण करनेवाला हैं |
    तेज = वो परमात्मा प्रकाशस्वरूप और सारी दुनिया का प्रकाशक हैं |
    ईश्वर = सर्व जगत को उत्पन्न करनेवाला , ऐश्वर्यवान , न्यायप्रिय हैं |
    आदित्य = वो परमात्मा नाश रहित हैं | वो परमात्मा शाश्वत हैं |
    प्राज्ञ = वो परमात्मा ज्ञानस्वरूप और सर्वज्ञ हैं
    ॐ का जाप करनेसे :- परमात्मा का ज्ञान हो जाता हैं | नाना तरह की विद्या का भी ज्ञान होता हैं |
    योग मे आनेवाली रुकावटे विघ्न का निवारण होता हैं | एकाग्रता से अभ्यास होता हैं |
    बुद्धि मे तेज आता हैं | मानसिक रोग मे लाभ मिलता हैं | चक्रो का जागरण होता हैं |
    ऊर्जा को पहचानने की और उसे नियंत्रण करनेकी शक्ति मिलती है |
    कुण्डलिनी शक्ति जागृत होने लगती हैं |
    ॐ नमः शिवाय | ॐ नमो परब्रह्म परमात्माय परमशिवाय नमो नमः |
    @ सचिन गाड़े
    3/03 /2024
    Part 1 :- • || अष्टांगयोग - भाग १ ...
    Part 2 :- • || अष्टांगयोग - भाग २ ...
    Part 3 :- • || अष्टांगयोग - भाग ३ ...
    Part 4 :- • || अष्टांगयोग - भाग ४ ...
    Part 5 :- • || अष्टांगयोग - भाग ५ ...
    Part 6 :- • ईश्वर प्रणिधान क्या है...
    Part 7 :- • ईश्वर कौन है | ईश्वर ...
    Part 8 :- • ॐ का रहस्य | ॐ का अर्...
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ความคิดเห็น • 4

  • @pratyushbaranwal8594
    @pratyushbaranwal8594 4 หลายเดือนก่อน +1

    Aapka bahut bahut dhanyavad.
    Aise romanchak aur rahasyamayi jaankari ke liye.
    Aasirvad de hum bhi jagrit ho🙏🏻🙏🏻🙏🏻

  • @RajveerSingh-uz4ce
    @RajveerSingh-uz4ce 4 หลายเดือนก่อน +1

    Om ❤ I am from uttrakhand sitarganj.

    • @SachinGadeYoga
      @SachinGadeYoga  4 หลายเดือนก่อน

      Ishwar ki krupa aap par hamesha bani rahe