रुकावट के लिए खेद हैं | रुकावट क्यू आती हैं | अड़चन क्यू हैं | Kam me badha । karya ko sidha kare

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  • เผยแพร่เมื่อ 3 มี.ค. 2024
  • रुकावट के लिए खेद हैं | रुकावट क्यू आती हैं | अड़चन क्यू हैं |
    व्याधि , स्त्यान , संशय , प्रमाद , आलस्य , अविरति , भ्रान्तिदर्शन , अलब्धभूमिकत्व , अनवस्थितत्व इसे योग विक्षेप (अंतराय ) कहते हैं |
    दुःख , दौर्मनस्य , अंगमेजयत्व , श्वास - प्रश्वास ये चार विक्षेप के कारण आते है |
    पतञ्जलि के योगसूत्र औऱ हठयोग प्रदीपिका से प्रेरित होकर आसान शब्दों मे अष्टांगयोग को आपके सामने रखा हैं |
    अपने साधना अनुभवोंसे जो भी ज्ञान अर्जित किया वो यथावत देने का प्रामाणिक प्रयत्न हैं | ज्ञान की अनुभूति एस्ट्रल वर्ड मे हुई हैं |
    उसे मैंने अनुभव किया हैं | जिन्हे प्रमाण चाहिए वो साधना का मार्ग स्वीकार करे |
    ज्ञान ईश्वर की कृपा से मिला हैं , अतः इसपर सबका बराबर हक्क हैं |
    अभ्यास के लिए कोई भी विद्यार्थी इसका रिफरेन्स देकर इस्तेमाल कर सकता हैं |
    तस्य वाचकः प्रणव:| ईश्वरस्य वाचकः प्रणव:| जिस अर्थ का बोध कराने के लिए
    ॐ ( प्रणव ) जीवित प्राणियों ( प्राणिन ) की महत्वपूर्ण ऊर्जा ( प्राण ) के रूप में मौजूद है । ॐ आत्मा का रूप हैं |
    ॐ = अ + उ + म | अ = विराट , अग्नि , विश्व | उ = हिरण्यगर्भ , वायू , तेज | म = ईश्वर , आदित्य , प्राज्ञ |
    विराट= वो परमात्मा नानाप्रकार के ब्रह्माण्ड का निर्माण करता है | |
    अग्नि = वो परमात्मा ज्ञान स्वरूप और सर्वव्यापक हैं |
    विश्व = सारा जगत जिसके अन्दर समाया हैं | वो सबसे श्रेष्ठ हैं |
    हिरण्यगर्भ = सूर्य और ब्रह्माण्ड को उत्पन्न करनेवाला |
    वायू = वो परमात्मा सबसे बलवान और जगत को धारण करनेवाला हैं |
    तेज = वो परमात्मा प्रकाशस्वरूप और सारी दुनिया का प्रकाशक हैं |
    ईश्वर = सर्व जगत को उत्पन्न करनेवाला , ऐश्वर्यवान , न्यायप्रिय हैं |
    आदित्य = वो परमात्मा नाश रहित हैं | वो परमात्मा शाश्वत हैं |
    प्राज्ञ = वो परमात्मा ज्ञानस्वरूप और सर्वज्ञ हैं
    ॐ का जाप करनेसे :- परमात्मा का ज्ञान हो जाता हैं | नाना तरह की विद्या का भी ज्ञान होता हैं |
    योग मे आनेवाली रुकावटे विघ्न का निवारण होता हैं | एकाग्रता से अभ्यास होता हैं |
    बुद्धि मे तेज आता हैं | मानसिक रोग मे लाभ मिलता हैं | चक्रो का जागरण होता हैं |
    ऊर्जा को पहचानने की और उसे नियंत्रण करनेकी शक्ति मिलती है |
    कुण्डलिनी शक्ति जागृत होने लगती हैं |
    ॐ नमः शिवाय | ॐ नमो परब्रह्म परमात्माय परमशिवाय नमो नमः |
    @ सचिन गाड़े
    4/03 /2024
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