गरुड़जी जी को मोह एवं भगवान शंकर का उनको कागभुशुण्डिजी के पास भेजना

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  • เผยแพร่เมื่อ 3 ส.ค. 2021
  • गिरिजा कहेउँ सो सब इतिहासा। मैं जेहि समय गयउँ खग पासा॥
    अब सो कथा सुनहु जेहि हेतु। गयउ काग पहिं खग कुल केतू॥1॥
    भावार्थ:-हे गिरिजे! मैंने वह सब इतिहास कहा कि जिस समय मैं काकभुशुण्डि के पास गया था। अब वह कथा सुनो जिस कारण से पक्ष‍ी कुल के ध्वजा गरुड़जी उस काग के पास गए थे॥1॥
    * जब रघुनाथ कीन्हि रन क्रीड़ा। समुझत चरित होति मोहि ब्रीड़ा॥
    इंद्रजीत कर आपु बँधायो। तब नारद मुनि गरुड़ पठायो॥2॥
    भावार्थ:-जब श्री रघुनाथजी ने ऐसी रणलीला की जिस लीला का स्मरण करने से मुझे लज्जा होती है- मेघनाद के हाथों अपने को बँधा लिया, तब नारद मुनि ने गरुड़ को भेजा॥2॥
    * बंधन काटि गयो उरगादा। उपजा हृदयँ प्रचंड बिषादा॥
    प्रभु बंधन समुझत बहु भाँती। करत बिचार उरग आराती॥3॥
    भावार्थ:-सर्पों के भक्षक गरुड़जी बंधन काटकर गए, तब उनके हृदय में बड़ा भारी विषाद उत्पन्न हुआ। प्रभु के बंधन को स्मरण करके सर्पों के शत्रु गरुड़जी बहुत प्रकार से विचार करने लगे-॥3॥
    * ब्यापक ब्रह्म बिरज बागीसा। माया मोह पार परमीसा॥
    सो अवतार सुनेउँ जग माहीं। देखेउँ सो प्रभाव कछु नाहीं॥4॥
    भावार्थ:-जो व्यापक, विकाररहित, वाणी के पति और माया-मोह से परे ब्रह्म परमेश्वर हैं, मैंने सुना था कि जगत्‌ में उन्हीं का अवतार है। पर मैंने उस (अवतार) का प्रभाव कुछ भी नहीं देखा॥4॥
    दोहा :
    *भव बंधन ते छूटहिं नर जपि जा कर नाम।
    खर्ब निसाचर बाँधेउ नागपास सोइ राम॥58॥
    भावार्थ:-जिनका नाम जपकर मनुष्य संसार के बंधन से छूट जाते हैं, उन्हीं राम को एक तुच्छ राक्षस ने नागपाश से बाँध लिया॥58॥
    चौपाई :
    * नाना भाँति मनहिं समुझावा। प्रगट न ग्यान हृदयँ भ्रम छावा॥
    खेद खिन्न मन तर्क बढ़ाई। भयउ मोहबस तुम्हरिहिं नाई॥1॥
    भावार्थ:-गरुड़जी ने अनेकों प्रकार से अपने मन को समझाया। पर उन्हें ज्ञान नहीं हुआ, हृदय में भ्रम और भी अधिक छा गया। (संदेहजनित) दुःख से दुःखी होकर, मन में कुतर्क बढ़ाकर वे तुम्हारी ही भाँति मोहवश हो गए॥1॥
    * ब्याकुल गयउ देवरिषि पाहीं। कहेसि जो संसय निज मन माहीं॥
    सुनि नारदहि लागि अति दाया। सुनु खग प्रबल राम कै माया॥2॥
    भावार्थ:-व्याकुल होकर वे देवर्षि नारदजी के पास गए और मन में जो संदेह था, वह उनसे कहा। उसे सुनकर नारद को अत्यंत दया आई। (उन्होंने कहा-) हे गरुड़! सुनिए! श्री रामजी की माया बड़ी ही बलवती है॥2॥
    * जो ग्यानिन्ह कर चित अपहरई। बरिआईं बिमोह मन करई॥
    जेहिं बहु बार नचावा मोही। सोइ ब्यापी बिहंगपति तोही॥3॥
    भावार्थ:-जो ज्ञानियों के चित्त को भी भली भाँति हरण कर लेती है और उनके मन में जबर्दस्ती बड़ा भारी मोह उत्पन्न कर देती है तथा जिसने मुझको भी बहुत बार नचाया है, हे पक्षीराज! वही माया आपको भी व्याप गई है॥3॥
    * महामोह उपजा उर तोरें। मिटिहि न बेगि कहें खग मोरें॥
    चतुरानन पहिं जाहु खगेसा। सोइ करेहु जेहि होई निदेसा॥4॥
    भावार्थ:-हे गरुड़! आपके हृदय में बड़ा भारी मोह उत्पन्न हो गया है। यह मेरे समझाने से तुरंत नहीं मिटेगा। अतः हे पक्षीराज! आप ब्रह्माजी के पास जाइए और वहाँ जिस काम के लिए आदेश मिले, वही कीजिएगा॥4॥
    दोहा :
    * अस कहि चले देवरिषि करत राम गुन गान।
    हरि माया बल बरनत पुनि पुनि परम सुजान॥59॥
    भावार्थ:-ऐसा कहकर परम सुजान देवर्षि नारदजी श्री रामजी का गुणगान करते हुए और बारंबार श्री हरि की माया का बल वर्णन करते हुए चले॥59॥
    चौपाई :
    * तब खगपति बिरंचि पहिं गयऊ। निज संदेह सुनावत भयऊ॥
    सुनि बिरंचि रामहि सिरु नावा। समुझि प्रताप प्रेम अति छावा॥1॥
    भावार्थ:-तब पक्षीराज गरुड़ ब्रह्माजी के पास गए और अपना संदेह उन्हें कह सुनाया। उसे सुनकर ब्रह्माजी ने श्री रामचंद्रजी को सिर नवाया और उनके प्रताप को समझकर उनके मन में अत्यंत प्रेम छा गया॥1॥
    * हरि माया कर अमिति प्रभावा। बिपुल बार जेहिं मोहि नचावा॥2॥
    भावार्थ:-ब्रह्माजी मन में विचार करने लगे कि कवि, कोविद और ज्ञानी सभी माया के वश हैं। भगवान्‌ की माया का प्रभाव असीम है, जिसने मुझ तक को अनेकों बार नचाया है॥2॥
    * अग जगमय जग मम उपराजा। नहिं आचरज मोह खगराजा॥
    तब बोले बिधि गिरा सुहाई। जान महेस राम प्रभुताई॥3॥
    भावार्थ:-यह सारा चराचर जगत्‌ तो मेरा रचा हुआ है। जब मैं ही मायावश नाचने लगता हूँ, तब गरुड़ को मोह होना कोई आश्चर्य (की बात) नहीं है। तदनन्तर ब्रह्माजी सुंदर वाणी बोले- श्री रामजी की महिमा को महादेवजी जानते हैं॥3॥
    * बैनतेय संकर पहिं जाहू। तात अनत पूछहु जनि काहू॥
    तहँ होइहि तव संसय हानी। चलेउ बिहंग सुनत बिधि बानी॥4॥
    भावार्थ:-हे गरुड़! तुम शंकरजी के पास जाओ। हे तात! और कहीं किसी से न पूछना। तुम्हारे संदेह का नाश वहीं होगा। ब्रह्माजी का वचन सुनते ही गरुड़ चल दिए॥4॥
    दोहा :
    * परमातुर बिहंगपति आयउ तब मो पास।
    जात रहेउँ कुबेर गृह रहिहु उमा कैलास॥60॥
    भावार्थ:-तब बड़ी आतुरता (उतावली) से पक्षीराज गरुड़ मेरे पास आए। हे उमा! उस समय मैं कुबेर के घर जा रहा था और तुम कैलास पर थीं॥60॥
    चौपाई :
    * तेहिं मम पद सादर सिरु नावा। पुनि आपन संदेह सुनावा॥
    सुनि ता करि बिनती मृदु बानी। प्रेम सहित मैं कहेउँ भवानी॥1॥
    भावार्थ:-गरुड़ ने आदरपूर्वक मेरे चरणों में सिर नवाया और फिर मुझको अपना संदेह सुनाया। हे भवानी! उनकी विनती और कोमल वाणी सुनकर मैंने प्रेमसहित उनसे कहा-॥1॥
    * मिलेहु गरुड़ मारग महँ मोही। कवन भाँति समुझावौं तोही॥
    तबहिं होइ सब संसय भंगा। जब बहु काल करिअ सतसंगा॥2॥
    भावार्थ:-हे गरुड़! तुम मुझे रास्ते में मिले हो। राह चलते मैं तुम्हे किस प्रकार समझाऊँ? सब संदेहों का तो तभी नाश हो जब दीर्घ काल तक सत्संग किया जाए॥2॥
    शेष यहाँ:
    hindi.webdunia.com/religion/r...

ความคิดเห็น • 40

  • @atulprakashshukla5813
    @atulprakashshukla5813 2 ปีที่แล้ว +1

    बहुत ही अचछा प्रसंग ।

  • @yugtomar1723
    @yugtomar1723 2 ปีที่แล้ว +1

    जय श्री राम

  • @madanpalsingh4718
    @madanpalsingh4718 2 ปีที่แล้ว +2

    Ram ram

  • @rajenderverma3196
    @rajenderverma3196 2 ปีที่แล้ว +1

    Jai shri RAM

  • @son_of_destiny
    @son_of_destiny 2 ปีที่แล้ว +5

    🙏💐ll Jai Shri Ram ll💐🙏

  • @deepakpyasi7759
    @deepakpyasi7759 ปีที่แล้ว

    श्री राम

  • @s.govindsingh9187
    @s.govindsingh9187 2 ปีที่แล้ว +6

    Namami Ramam Raghuwansh natham.
    SITA-RAM JI KI JAY HO.

  • @SoFarSoGood_35
    @SoFarSoGood_35 2 ปีที่แล้ว +13

    जब पश्चिम सभ्यता में लोग = चिन्ह खोज रहे थे तब हमारे महान संत श्री तुलसीदास जी ने राम कथा लिखी जिसमें "Multiverse" और "Omniverse" को बहुत बार और तरह तरह से समझाया है। हम सबको अपनी सनातन सभ्यता पर गर्व होना चाहिए।
    जय श्री सीताराम जी की🙏🙏🙏🙏🙏

  • @akhileshchandratripathi1720
    @akhileshchandratripathi1720 2 ปีที่แล้ว

    Har har mahadev

  • @lalitmishrastudy9916
    @lalitmishrastudy9916 2 ปีที่แล้ว +3

    जय श्री हरि विष्णु जी
    जय मायापति विष्णु जी 👏🏻👏🏻

  • @prashanttiwari4305
    @prashanttiwari4305 2 ปีที่แล้ว +1

    जय श्री राम🙏

  • @Tanuj.Joshi12
    @Tanuj.Joshi12 2 ปีที่แล้ว +4

    जय जय श्री राम

  • @jayasuthar3913
    @jayasuthar3913 ปีที่แล้ว

    Ram

  • @chandrikakudva5505
    @chandrikakudva5505 2 ปีที่แล้ว +2

    Jai Shri Ram !

  • @dhirendrasingh5526
    @dhirendrasingh5526 2 ปีที่แล้ว

    जय श्री राम नाम सुखदाई

  • @puneetmishra3630
    @puneetmishra3630 ปีที่แล้ว

    जय सीता राम

  • @RamNarayan-es9ir
    @RamNarayan-es9ir ปีที่แล้ว

    Jai shree Ram

  • @RamNarayan-es9ir
    @RamNarayan-es9ir ปีที่แล้ว

    Jai Tulsi baba

  • @gptiwari2179
    @gptiwari2179 ปีที่แล้ว

    🌹🙏जय सियाराम🙏🌹

  • @vikaramsingh2235
    @vikaramsingh2235 ปีที่แล้ว

    Jai shree sita ram ji maharaj ki jai ho

  • @SatyamPandey-ig1km
    @SatyamPandey-ig1km 2 ปีที่แล้ว

    Jai SiyaRam Jiki

  • @bharatbarad1404
    @bharatbarad1404 11 หลายเดือนก่อน

    Jay Sri Ram Ram Mere Ram

  • @SamudraguptNagda-ok6pf
    @SamudraguptNagda-ok6pf หลายเดือนก่อน

    Jay shree ram

  • @taradutt7626
    @taradutt7626 ปีที่แล้ว

    Jai shree Ram 🙏🌹

  • @SoFarSoGood_35
    @SoFarSoGood_35 2 ปีที่แล้ว +5

    Jai Jai Shree SitaRam Ji Ki!!! 🙏🙏🙏🙏🙏

  • @ashishuikey6299
    @ashishuikey6299 2 ปีที่แล้ว

    Jai krishna rukamani

  • @rishudwivedi739
    @rishudwivedi739 2 ปีที่แล้ว +3

    Siyawar Ramchandra ki Jay

  • @akhandpratapdwivedi2382
    @akhandpratapdwivedi2382 2 ปีที่แล้ว +2

    Jay Jay shree Ram ji ki Jay Jay shree Ram ji ki Jay Jay shree Ram ji ki

  • @keshavdatt5999
    @keshavdatt5999 2 ปีที่แล้ว +2

    जय अवध नंदन श्री रामचंद्र जी |
    जय पवनपुत्र हनुमान जी |
    🌹🌹🌹🌹🌹

  • @ritapandya325
    @ritapandya325 2 ปีที่แล้ว

    Jay siya ram

  • @SoFarSoGood_35
    @SoFarSoGood_35 2 ปีที่แล้ว +8

    Thank you se jyada Dhanyawad ye jaldi se upload karne k liye. Lekin ye abhi pura nhi, काकभुशुण्डि जी की कथा अभी शेष है।

  • @dwarikaprasad9509
    @dwarikaprasad9509 ปีที่แล้ว

    🙏🙏

  • @garimame8476
    @garimame8476 ปีที่แล้ว

    Jay siya ram❤

  • @Aesthetic436
    @Aesthetic436 2 ปีที่แล้ว +4

    Jai shri Ram 🙏🙏🙏🙏

  • @sunilsood2116
    @sunilsood2116 2 ปีที่แล้ว +1

    Line missing in the text - before Doha 60... this is not good - please ensure that there are no impurities in the wordings of Ramcharitmanas...

  • @astikgoswami6844
    @astikgoswami6844 2 ปีที่แล้ว

    जय सीता राम

  • @gptiwari2179
    @gptiwari2179 ปีที่แล้ว

    🌹🙏जय सियाराम🙏🌹

  • @jagdishprasadsingh2758
    @jagdishprasadsingh2758 2 ปีที่แล้ว +1

    Jai Shri Ram 🙏🙏🙏

  • @gptiwari2179
    @gptiwari2179 ปีที่แล้ว

    🌹🙏जय सियाराम🙏🌹