पृथ्वी और देवताओं की करुण पुकार एवं भगवान का वरदान
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- เผยแพร่เมื่อ 7 เม.ย. 2021
- बाढ़े खल बहु चोर जुआरा। जे लंपट परधन परदारा॥
मानहिं मातु पिता नहिं देवा। साधुन्ह सन करवावहिं सेवा॥1॥
भावार्थ:-पराए धन और पराई स्त्री पर मन चलाने वाले, दुष्ट, चोर और जुआरी बहुत बढ़ गए। लोग माता-पिता और देवताओं को नहीं मानते थे और साधुओं (की सेवा करना तो दूर रहा, उल्टे उन) से सेवा करवाते थे॥1॥
* जिन्ह के यह आचरन भवानी। ते जानेहु निसिचर सब प्रानी॥
अतिसय देखि धर्म कै ग्लानी। परम सभीत धरा अकुलानी॥2॥
भावार्थ:-(श्री शिवजी कहते हैं कि-) हे भवानी! जिनके ऐसे आचरण हैं, उन सब प्राणियों को राक्षस ही समझना। इस प्रकार धर्म के प्रति (लोगों की) अतिशय ग्लानि (अरुचि, अनास्था) देखकर पृथ्वी अत्यन्त भयभीत एवं व्याकुल हो गई॥2॥
* गिरि सरि सिंधु भार नहिं मोही। जस मोहि गरुअ एक परद्रोही।
सकल धर्म देखइ बिपरीता। कहि न सकइ रावन भय भीता॥3॥
भावार्थ:-(वह सोचने लगी कि) पर्वतों, नदियों और समुद्रों का बोझ मुझे इतना भारी नहीं जान पड़ता, जितना भारी मुझे एक परद्रोही (दूसरों का अनिष्ट करने वाला) लगता है। पृथ्वी सारे धर्मों को विपरीत देख रही है, पर रावण से भयभीत हुई वह कुछ बोल नहीं सकती॥3॥
*धेनु रूप धरि हृदयँ बिचारी। गई तहाँ जहँ सुर मुनि झारी॥
निज संताप सुनाएसि रोई। काहू तें कछु काज न होई॥4॥
भावार्थ:-(अंत में) हृदय में सोच-विचारकर, गो का रूप धारण कर धरती वहाँ गई, जहाँ सब देवता और मुनि (छिपे) थे। पृथ्वी ने रोककर उनको अपना दुःख सुनाया, पर किसी से कुछ काम न बना॥4॥
छन्द :
* सुर मुनि गंधर्बा मिलि करि सर्बा गे बिरंचि के लोका।
सँग गोतनुधारी भूमि बिचारी परम बिकल भय सोका॥
ब्रह्माँ सब जाना मन अनुमाना मोर कछू न बसाई।
जा करि तैं दासी सो अबिनासी हमरेउ तोर सहाई॥
भावार्थ:-तब देवता, मुनि और गंधर्व सब मिलकर ब्रह्माजी के लोक (सत्यलोक) को गए। भय और शोक से अत्यन्त व्याकुल बेचारी पृथ्वी भी गो का शरीर धारण किए हुए उनके साथ थी। ब्रह्माजी सब जान गए। उन्होंने मन में अनुमान किया कि इसमें मेरा कुछ भी वश नहीं चलने का। (तब उन्होंने पृथ्वी से कहा कि-) जिसकी तू दासी है, वही अविनाशी हमारा और तुम्हारा दोनों का सहायक है॥
सोरठा :
* धरनि धरहि मन धीर कह बिरंचि हरि पद सुमिरु।
जानत जन की पीर प्रभु भंजिहि दारुन बिपति॥184॥
भावार्थ:-ब्रह्माजी ने कहा- हे धरती! मन में धीरज धारण करके श्री हरि के चरणों का स्मरण करो। प्रभु अपने दासों की पीड़ा को जानते हैं, वे तुम्हारी कठिन विपत्ति का नाश करेंगे॥184॥
चौपाई :
* बैठे सुर सब करहिं बिचारा। कहँ पाइअ प्रभु करिअ पुकारा॥
पुर बैकुंठ जान कह कोई। कोउ कह पयनिधि बस प्रभु सोई॥1॥
भावार्थ:-सब देवता बैठकर विचार करने लगे कि प्रभु को कहाँ पावें ताकि उनके सामने पुकार (फरियाद) करें। कोई बैकुंठपुरी जाने को कहता था और कोई कहता था कि वही प्रभु क्षीरसमुद्र में निवास करते हैं॥1॥
* जाके हृदयँ भगति जसि प्रीती। प्रभु तहँ प्रगट सदा तेहिं रीती॥
तेहिं समाज गिरिजा मैं रहेऊँ। अवसर पाइ बचन एक कहेउँ॥2॥
भावार्थ:-जिसके हृदय में जैसी भक्ति और प्रीति होती है, प्रभु वहाँ (उसके लिए) सदा उसी रीति से प्रकट होते हैं। हे पार्वती! उस समाज में मैं भी था। अवसर पाकर मैंने एक बात कही-॥2॥
* हरि ब्यापक सर्बत्र समाना। प्रेम तें प्रगट होहिं मैं जाना॥
देस काल दिसि बिदिसिहु माहीं। कहहु सो कहाँ जहाँ प्रभु नाहीं॥3॥
भावार्थ:-मैं तो यह जानता हूँ कि भगवान सब जगह समान रूप से व्यापक हैं, प्रेम से वे प्रकट हो जाते हैं, देश, काल, दिशा, विदिशा में बताओ, ऐसी जगह कहाँ है, जहाँ प्रभु न हों॥3॥
* अग जगमय सब रहित बिरागी। प्रेम तें प्रभु प्रगटइ जिमि आगी॥
मोर बचन सब के मन माना। साधु-साधु करि ब्रह्म बखाना॥4॥
भावार्थ:-वे चराचरमय (चराचर में व्याप्त) होते हुए ही सबसे रहित हैं और विरक्त हैं (उनकी कहीं आसक्ति नहीं है), वे प्रेम से प्रकट होते हैं, जैसे अग्नि। (अग्नि अव्यक्त रूप से सर्वत्र व्याप्त है, परन्तु जहाँ उसके लिए अरणिमन्थनादि साधन किए जाते हैं, वहाँ वह प्रकट होती है। इसी प्रकार सर्वत्र व्याप्त भगवान भी प्रेम से प्रकट होते हैं।) मेरी बात सबको प्रिय लगी। ब्रह्माजी ने 'साधु-साधु' कहकर बड़ाई की॥4॥
दोहा :
* सुनि बिरंचि मन हरष तन पुलकि नयन बह नीर।
अस्तुति करत जोरि कर सावधान मतिधीर॥185॥
भावार्थ:-मेरी बात सुनकर ब्रह्माजी के मन में बड़ा हर्ष हुआ, उनका तन पुलकित हो गया और नेत्रों से (प्रेम के) आँसू बहने लगे। तब वे धीरबुद्धि ब्रह्माजी सावधान होकर हाथ जोड़कर स्तुति करने लगे॥185॥
जय जय सुरनायक जन सुखदायक प्रनतपाल भगवंता।
गो द्विज हितकारी जय असुरारी सिंधुसुता प्रिय कंता॥
पालन सुर धरनी अद्भुत करनी मरम न जानइ कोई।
जो सहज कृपाला दीनदयाला करउ अनुग्रह सोई॥1॥
भावार्थ:-हे देवताओं के स्वामी, सेवकों को सुख देने वाले, शरणागत की रक्षा करने वाले भगवान! आपकी जय हो! जय हो!! हे गो-ब्राह्मणों का हित करने वाले, असुरों का विनाश करने वाले, समुद्र की कन्या (श्री लक्ष्मीजी) के प्रिय स्वामी! आपकी जय हो! हे देवता और पृथ्वी का पालन करने वाले! आपकी लीला अद्भुत है, उसका भेद कोई नहीं जानता। ऐसे जो स्वभाव से ही कृपालु और दीनदयालु हैं, वे ही हम पर कृपा करें॥1॥
जय जय अबिनासी सब घट बासी ब्यापक परमानंदा।
अबिगत गोतीतं चरित पुनीतं मायारहित मुकुंदा॥
जेहि लागि बिरागी अति अनुरागी बिगत मोह मुनिबृंदा।
निसि बासर ध्यावहिं गुन गन गावहिं जयति सच्चिदानंदा॥2॥
भावार्थ:-हे अविनाशी, सबके हृदय में निवास करने वाले (अन्तर्यामी), सर्वव्यापक, परम आनंदस्वरूप, अज्ञेय, इन्द्रियों से परे, पवित्र चरित्र, माया से रहित मुकुंद (मोक्षदाता)! आपकी जय हो! जय हो!! (इस लोक और परलोक के सब भोगों से) विरक्त तथा मोह से सर्वथा छूटे हुए (ज्ञानी) मुनिवृन्द भी अत्यन्त अनुरागी (प्रेमी) बनकर जिनका रात-दिन ध्यान करते हैं और जिनके गुणों के समूह का गान करते हैं, उन सच्चिदानंद की जय हो॥2॥
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राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम।
जय सियाराम
🚩🚩 श्री राम मेरे राम🚩🚩🚩
ॐ श्री रामाय रामभद्राय रामचंद्राय वेधसे !
रघुनाथाय नाथाय सीताया: पतये नम: !!
🚩!! श्री राम शरणम मम: !!🚩
जय श्री राम 🙏
जय सियाराम जय हनुमान
जय सीता राम 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌻🌻🌻🌻🌻🌻
सचमुच मेरे प्रभु आपसे विनती करके आंखों में आशु आते हैं यही प्रेम के आशु बनाये रखना मेरे प्रभु आशु पाके इतना अच्छा लगता है आशुओं में सच्चा सूख ह🌹मेरा स्नेह स्वीकार करे प्रभू 🙏
अती उत्तम।
Jai jai siyaram 🙏
Mahendra Kapoor was the best singer of the whole manasgaan
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Jai Shri Ram 🙏🙏🙏
Jai Shri Ram !
Jai shri ram 🙏
Har har Mahadev
जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम
Jay Shiv Shakti
Sitaram Hanuman ji
जय श्री राम🙏
Siyawar Ramchandra ki jay
।।जय श्री सीता राम।।🙏🙏🙏🙏
Jai SiyaRam Jiki
ଜୟ ଶ୍ରୀରାମ 🙏🌼🌸🌺
जय श्री गणेश जी जय श्री सीताराम जय श्री जय सीतराम जय श्री सीताराम जय श्री माता पार्वती जी की जय हो हर हर महादेव
Ram ram
Jay ho Shiri Ram shita
🙏🏵️🌹जय जय श्री सीताराम🌹🏵️🙏
Jai Jai Shree SitaRam Ji ki! 🙏🙏🙏🙏🙏
Jai Shree Ram🙏
Jay shri baalroop bhagwan ram ji ki jay shri hari narayan ji ki
जय श्री श्री राम जय श्री राम जय जय श्री राम 🌹🙏
I spend, may be 80% of my TH-cam watching time, on this channel. Great work! Keep on bringing more sounds and voices for the great Ramcharitamanas!
Wow, thank you!
भक्तीरस से ओत-प्रोत, बहुत बहुत धन्यवाद ❤❤❤
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Jay shree ram 🌹 Jay shree hanuman ki jai 🔱🌺🙏🌺🌺🌺🌺
जय श्रीराम
jai.jai.sri.ram.kripalu.thank your.voice
राम राम राम राम राम राम राम राम ❤
जय रघुबंसमणि जय सियावर रामचंद्र
भगवान की जय ,||
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बहुत आनंददायक हैं,, राम राम
जय सियाराम जय हनुमान 🕉️🌾🌿💐🍒🙏🏻🙏🏻
सियावर रामचंद्र जी की जय🙏🙏
Jay Shree Ram 🙏🙏🙏🙏
Jai Siya Ram 🌷🔱👌🙏bhaut dhanyawad bhaiya ji
सादर जय सियाराम❤️❤️👏👏👏
This is the time tested sttuti of Sri ram parbrahma purna paratapr.Sing it from heart.
Jai ho.sabse adbhut prarthna.Om namo bhagwate vashudevoy.
Very nice stuti sunne mi atma trupt hoti h
जय रघुनंदन जय सिया राम
जय श्री राम
Jai Shri Ram 🙏🙏🙏❤️❤️🌷🌹🌷🚩🚩🚩
जय धर्म रक्षक श्री हरि
जय सिया राम
Jaysiyaram 🙏🏻 🙏🏻 🙏🏻 🙏🏻 🙏🏻 🙏🏻
🙏💐ll Jai Shri Ram ll💐🙏
Ramji ki kripa bani rahe 🙏
जय श्री सीताराम 🙏🙏🌹🌹
प्रेममय प्रस्तुति के लिए प्रणाम
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।। जय सियाराम बाप।। ❤
Jai Sri Ram Jai Sri Ram
जय श्री सिता राम🙏🙏🙏🙏🙏
Nice
Jaysitaram manojkumar
Jaye jaye siyaram ji
sadar Jai siyaram🙏🙏🙏🙏
Jai siyaram ji jai hanuman ji 🙏
Jai seeta ram
जय श्री राम राजा सरकार की🙏🙏
Thanks for wonderful job
Jayshreeram
Jai Shree Ram🙏💐🌼🌸🌺🙏
Aatee sunbar🙏🙏🔥🌹🌹
Jai sri ram
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🙏जय सियाराम 🚩
Jay Sitaram🙏🙏🙏🙏
🙏जय श्री राम 🙏
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Jay Shri Ram
Jai pranat pal bahgvanta.
Jay shree ram 🙏🌹🙏
जय श्री राम🙏🚩
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जय श्री राम🌺🌺🙏🙏
श्री राम की कृपा बनी रहे।
जय श्री राम जय बजरंग बली 🙏
राम राम जी
जय श्री राम 🙏🙏
रामचरितमानस का म्यूजिक के साथ सर्वश्रेष्ठ गायन 🙏🙏
God.comes.ontroubles.when.earth
Says.i.am.so.and.devta.ki.pukar.then.ram.comes.to.save.him
God.comes.ontroubles.when.earth
Says.i.am.so.
महोदय राम राम सादर प्रणाम
आप अगर ये सारा गायन श्री राम चरित मानस के हिसाब से क्रम से अपलोड करते तो अच्छा रहता ये चैनल बड़ी संख्या में लोगो तक पहुच जाता
क्रम से ही है। यहाँ प्लेलिस्ट देखिये। प्रत्येक काण्ड की अलग अलग है। उदाहरणत: "रामचरितमानस गायन (बालकाण्ड)"।
अभी अरण्यकाण्ड के सारे वीडीयो "रामचरितमानस गायन (अरण्यकाण्ड)" में जा रहे हैं।
th-cam.com/users/RamcharitManasplaylists
@@RamcharitManas
आभार
💧🦢💧
Satya sanatani dharm walon ko roj yahi sunna chahiye. Kaliyug me bhi abhi bahut dharm nukshan ho rha hai. Vyakigat labh w desh samaj ka bhi hoga.
जय श्री राम 🙏
🚩🚩 श्री राम मेरे राम🚩🚩🚩
ॐ श्री रामाय रामभद्राय रामचंद्राय वेधसे !
रघुनाथाय नाथाय सीताया: पतये नम: !!
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जय श्री राम🙏
Jai shri ram 🙏🙏🙏
Jaysitaram manojkumar
जय श्री राम
Jai shree Ram
Ram ram
जय श्री राम 🙏