क्या आत्मज्ञान से मुक्ति संभव है? || आचार्य प्रशांत, आत्मबोध पर (2019)
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- เผยแพร่เมื่อ 6 ต.ค. 2024
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⚡ आचार्य प्रशांत कौन हैं?
अध्यात्म की दृष्टि कहेगी कि आचार्य प्रशांत वेदांत मर्मज्ञ हैं, जिन्होंने जनसामान्य में भगवद्गीता, उपनिषदों ऋषियों की बोधवाणी को पुनर्जीवित किया है। उनकी वाणी में आकाश मुखरित होता है।
और सर्वसामान्य की दृष्टि कहेगी कि आचार्य प्रशांत प्रकृति और पशुओं की रक्षा हेतु सक्रिय, युवाओं में प्रकाश तथा ऊर्जा के संचारक, तथा प्रत्येक जीव की भौतिक स्वतंत्रता व आत्यंतिक मुक्ति के लिए संघर्षरत एक ज़मीनी संघर्षकर्ता हैं।
संक्षेप में कहें तो,
आचार्य प्रशांत उस बिंदु का नाम हैं जहाँ धरती आकाश से मिलती है!
आइ.आइ.टी. दिल्ली एवं आइ.आइ.एम अहमदाबाद से शिक्षाप्राप्त आचार्य प्रशांत, एक पूर्व सिविल सेवा अधिकारी भी रह चुके हैं।
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#acharyaprashant
वीडियो जानकारी: क्या सच में मुक्ति संभव है? (Online Course)
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प्रसंग:
~आत्माबोध क्या है?
~आत्माज्ञान क्या है
~आत्माबोध और आत्माज्ञान मे क्या अंतर है?
~क्या आत्माबोध से मुक्ति प्राप्त होती है?
~मोक्ष या मुक्ति का साधन क्या है?
~"शुन्य" हो जाने से क्या आशय है?
संगीत: मिलिंद दाते
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आत्मा की कृपा से ही आत्मज्ञान हो सकता है ।
साक्षी की अनुकंपा से ही समस्त ज्ञान होता है🙏
सादर दंडवत प्रणाम। मुक्ति की ओर बढ़ता एक मुमुक्ष का कदम जिसके प्रराणाधार आपके अमृत वचन ।धन्य भारत धन्य आचार्य। साधुवाद साधुवाद साधुवाद साधुवाद 😊🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
नमन आचार्य 🙏🙏🙏
प्रणाम 😊❤
हे गुरुदेव🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Salute Sir ❤️❤️❤️
🙏🙏🙏🙏🙏
Namaste Acharya ji 🙏🙏🙏🙏👍👍👍👍👍👍🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳❤️❤️❤️❤️❤️
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अहंकार का ज्ञान ( जानना ) ही आत्मज्ञान है।
अपने कर्मो, अपने विचारों, अपनी भावनाओं, अपनी वृत्तियों को जानना ही तो आत्मज्ञान है।🍰💯
आचार्य जी आपको सुनने के बाद एक मौन सा छा जाता है❤❤❤🎉🎉🎉
जब से मैंने आचार्य जी को सुना है मैंने जीवन को गहराई से देखा तो मैं जाना की मैंने आज तक पूरा जीवन सिर्फ पशुता का जीवन बिताया है
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आचार्य जी प्रणाम बहुत सरलता से अपने सब ज्ञान दे दिया आत्मज्ञान के बारे में
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जब मन ने दुख का कारण जो बताया , वो कारण मुझे पता था है नहीं . क्योंकि बाहरी परिस्थिति तो बिल्कुल ठीक थी. l
तब मुझे मन से अलग होने का आभास हुआ, मन की व्यर्थता ka पता चला l
Koti koti pranam guruji 🙏🙏🙏
Pronam Acharyaji🙏
Sath sath Naman Acharya ji
🙏🙏🙏❤️
pranam guruvar!
Dhanyavaad Acharya Ji ❤🙏
🙏🏻🙏🏻🙏🏻💐💐💐
Parnam aachary ji aap giyan aur bato se jiban aachha hota hi
प्रकृति, अहम अौर परमात्मा में अहम किसका अंश है प्रकृति का या परमात्मा का?
अहम अपने आप में कुछ है ही नहीं वह तो होने का भ्रम मात्र है.!!
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