चेतना के चार तल || आचार्य प्रशांत, वेदांत पर (2020)
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- เผยแพร่เมื่อ 12 ธ.ค. 2020
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वीडियो जानकारी: 14.06.20, शास्त्र कौमुदी - लाइव, ग्रेटर नॉएडा, उत्तर प्रदेश
प्रसंग:
~ जीवन कष्टमुक्त कैसे बने?
~ भयमुक्त जीवन कैसे हो?
~ छोटी-छोटी समस्या बहुत परेशान करे तो क्या करें?
~ उलझनों से कैसे बचे?
~ अपने दर्द से कैसे बात करें?
संगीत: मिलिंद दाते
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Sir please bhgvan per video banao
Kya bhgvan hotel h
Please God per video banao
Thanks
यह बात भी बिल्कुल सही है की अध्यात्म समझने के लिए भी वो मानसिक स्तर होना चाहिए!
जो बुद्धिजीवी हो गये, वो रहने लग गए विज्ञानमय कोष में।
-आचार्य प्रशांत
ध्यान की विधियाँ भी आख़िरकार आत्मा के ख़िलाफ़ एक अवरोध बन जाती हैं।
-आचार्य प्रशांत
तो कैसे चेतना को जाग्रत किया जाय बिना ध्यान के
जो आध्यात्मिक साधक हो गए
उन्हें स्वाद मिलने लग जाता है- आनंदमय कोष का।
-आचार्य प्रशांत
तुरीय ही आत्मा है, तुरीय ही साक्षी है।
-आचार्य प्रशांत
जब चेतना बिल्कुल स्वच्छ और शुद्ध हो जाती है,
विशुद्ध चेतना मात्र हो जाती है
तो तुरीय कहलाती है।
-आचार्य प्रशांत
Parmatma gyaniyon ke liye nahin pagalon ke liye hai
Turiy stithi last nahi. Turiya awastha me aham brahsmi ki anubhuti hai. Aham ke civa kuch nahi Aham ka gyan lekin vishwa ka nahi
Esake Uppar samadhi samadhi me aham aur vishwa jagat ka ekrup ki anubhuti
Vo bhi sanjivan Niranjan aur Nirvikalp samadhi.
Viswa jagat aur khudaka gyan jagruti awastha
swapn awastha swapna jagat ka gyan lekin aham aur Viswa jagat ka gyan nahi
Sushupti me na khudaka gyan na viswa jagat ka gyan Na neniv na janiv _ brahm stithi
Turiya Sirf aham ka gyan vishwa jagat bhi aham
Samadhi Viswa jagat aur aham ka ekdeshiy (at a time) gyan rahata hai
Chetana nitya shudhya hai sirf pragatikaran kam jyadha ashudhya maya tatwonke karan hota hai esliye uske Uppar ashudhutwonki shudhata jaruri hoti hai.
उपनिषदों को पढ़ना भी अपने आप में एक कला है। लगातार पूछना पड़ता है कि ये जो बात कही जा रही है ये किससे कही जा रही है?
-आचार्य प्रशांत
😀
Thanks!
खुशकिस्मत है हम जिन्हें आपका सानिध्य प्राप्त हुआ। कोटि -कोटि प्रणाम आचार्य जी 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
बिरले होते हैं वो जो आनंदमय कोष को साधनमात्र, मार्गमात्र समझते हैं आत्मा तक पहुँचने का।
जो आनंदमय कोष का भी अतिक्रमण कर गया वो आत्मा तक पहुंच जाता है।
-आचार्य प्रशांत
Anadmay kosh ko sadhan samjke ke aatma tak pahuche kese?
Anandmay kosh ka sadhan ki tarah ethemal kese kare
Wo bhi bta diya to krupa hogi
आचार्य जी आज वास्तव में सुनकर आनंद की अनुभूति हुई
Charad sparsh Aacharya ji 🙏👩🦰
तुरीय चेतना की कोई अवस्था होती ही नहीं है।
तुरीय विशुद्ध चेतना मात्र है।
-आचार्य प्रशांत
भारत का नाम इंडिया से (भारत )हो ,इंडिया गुलामी का प्रतीक है
Isn't it egoistic?
ज्ञान और विज्ञान के महासागर आचार्य प्रशांत 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻❤️❤️❤️❤️❤️❤️🤗🤗🤗😌😌😇😇😇
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सरकार को सनातन व संस्कृति मंत्रालय बनाना चाहिए भारत
को पश्चिम संस्कृति से बचाने के लिए
जाग्रत, स्वप्न , सुषुप्ति
ये चेतना की तीन अशुद्ध अवस्थाओं के नाम हैं।
-आचार्य प्रशांत
Aanand May kosh se paar karke aatma ke tal par kese jay....
Sat sat naman ACHARAYJI...🙏🙏
इतना स्पष्ट लेक्चर पहली बार सुने।
आपने ऋषियों के वचनों को सरल सूत्र में बदल दिया।
आचार्य जी आपको इन निशुल्क वीडियोज के लिये बहुत धन्यवाद। वेदांत के इस प्रकार के महत्वपूर्ण व गूढ़ तथ्यों से हमें परिचित कराते रहें ऐसी आपसे आशा है!🙏🙏🙏🙏
Jai ho Aacharya ji Satyam Shivam Sundaram Yhi Param Satya h Sabhi Koso Se Bhar Nikal Jao Anand May Kos m Isthapit ho Jao ❤❤❤❤❤
आप जो सपने ले रहे हैं,
वो आपके अनुभव लोलुपता के प्रदर्शक हैं।
-आचार्य प्रशांत
जो ज्ञान हम लोग पढते थे लेकिन समझ मे नहीं आता आपको दो बार सुनकर कुछ हद तक समझ मे आ जाता है |बहुत उपकार हैं | प्रणाम
चार अवस्था का रहस्य केवल आज जाना - बीसों बार पढ़ा और सुना . आचार्य जी का आभार
अरबों साष्टांग प्रणाम ☘🍂🍁✨❄🌼🙏
Bahut logo ko suna aap bilkul alag ho...
Pranam
सुनकर ऐसे लगा जैसे अहम अपने आप को छोटे सुखों मे स्थापित करके ऊँचे आनंद से वंचित कर रहा है।लोभ और लालच का ,तमासा का उपयोग कर के।
Prnaam acharya ji bhot bhot shukriya aapka kitna mehnat karte hai aap humare liye videos Banate hai.
आचार्य जी हम को घन्य . करे
आनन्द ही आनन्द
मुझे जीवन एक छलावा लगता है🌻
Thanks guruji
प्रणाम आचार्य जी
कोटि कोटि नमन
सतगुरु की महिमा अनंत, अनंत किया उपगार।
लोचन अनंत उघाडिया, अनंत दिखावणहार ।।
बहुत बहुत आभार आचार्य जी! 🙏
दिल को छू लेते है आचार्य जी।
बहुत बहुत धन्यवाद आचार्य जी❤आपके चरणों मे कोटि कोटि प्रणाम🙏🕉🙏🙏🙏🙏🙇♀🙇♀🙇♀🙇♀
धन्यवाद आचार्य श्री ☘🍁🍂✨❄🌼🙏
आचार्य जी को सादर प्रणाम आप की सदा ही जय हो जय जय हो🙏🙏🙏
Dhanyavad Acharyaji apne Pancho cosho ke vishya me bahut ache se samjhaya
Naman acharya ji 🎉
प्रणाम आचार्य जी 🙏
This clarified most of my doubts regarding meditation experiences . Thanks a ton 🙏🙏🙏
एक एक अक्षर मोती जैसा इतना सुंदर समझाया है इतनी स्पष्ट ता आचार्य जी जैसे गुरु ही कर सकते हैं आचार्य जी को कोटि-कोटि प्रणाम आचार्य जी को जितना सुनो उतना ही कम लगता है लगता है सुनते जाओ सुनते जाओ आचार्य जी के शब्दों में जादू ही जादू है
१) अन्नमय-कोष: संसार से दाना-पानी लेकर
हमने जिस कोष का निर्माण किया
उसे कहते हैं अन्नमय-कोष
२) प्राणमय कोष: जिसमें चौदह तरह की वायु रहती हैं।
३) मनोमय कोष: जहां अव्यवस्थित मानसिक गतिविधि चलती ही रहती है लगातार।
मन वृत्तियों द्वारा संचालित है और
मन उतश्रृंखल है।
मन पूरे तरीके से मात्र, प्राकृतिक गति कर रहा है उसको प्रकृति से आगे जाने की कोई अभीप्सा नहीं है।
बिखरा हुआ विचार, वृत्तियों द्वारा शासित विचार आएंगे मनोमयकोष में।
४) विज्ञानमय कोष: वो तल जिसपर बहुत कम लोग पहुँचते हैं।
विज्ञानमय कोष विचारणा का वो विरलतल है जिसमें विचार पहली बात तो व्यवस्थित हो जाता है और दूसरी बात अपनी ओर मुड़ जाता है। विचार जैसे किसी जबरदस्त ताकत के प्रभाव क्षेत्र में आ गया है। अब विचार की पूरी शक्ति एकाग्र होकर के कुछ पाना चाहती है। विचार की इस अवस्था को कहते हैं- विज्ञान।
एकाग्र विचार, अनुशासित विचार, व्यवस्थित
विचार आएंगे विज्ञानमय कोष में।
५) आनंदमय कोष: विज्ञानमय कोष में जो साधना कर रहा है विचार, जो आत्माजिज्ञासा कर रहा है विचार
तो विचार फिर कटने लगता है,
विचार अपनी ही आँच में पिघलने लगता है।
और रह जाता है एक निर्विचार आनंद।
जिसको कहते हैं आनंदमय कोष।
आनंद है पर उस आनंद का कारण
कोई विचार या विषय नहीं है।
एक विषयहीन आनंद है ये आनंदमय कोष है, इसमें अहम विषयहीन हो गया है।
-आचार्य प्रशांत
Aap to bade serious ho gaye.... 👌
आपका बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🏻
हम इस कोस का उपयोग करके अहंकार को आत्मा को जानने मे पूरी तरह जोक दे बस। 🙏
जी समझ में आयी, प्रभु जी,
आखिरी अवरोध और आत्मा का विवेचन....आनन्दं
अभिनंदन, अनुकम्पा 🙏🏼🙏🏼🙏🏼🚩🌺
🌹🙏🙏प्रणाम आचार्य जी🙏🙏🌹
O my teacher, very beautiful question and well explained answer , repeating this whole answer second time , to develop more understanding..
The best acharya for vedant. (To demolish all that is false) आचार्य जी की वाणी से आत्मा तृप्त हो जाता है हम बहुत भाग्यशाली है की आज के जमाने मे ऐसे आचार्य प्रोफेशनल करिअर छोडके ऐसे काम कर रहे है
Troublesome topic, very easy explanation, Thank you so much.
Thank you sir
संख्या ,वेदान्त योग तीनो दर्शन पढ़ा दिए आचार्य जी ने🙏🙏
अंतःकरण चतुष्ट है जिसमें मन, बुद्धि, चित्त और अहंकार है। 🙏🙏🙏 अति दुर्लभ व गूढ़ जानकारी हेतु धन्यवाद आचार्य जी ।🙏🙏 धन्य है आप आचार्य जी। 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
कोटि कोटि प्रणाम आचार्य श्री ☘🍁🍂✨❄🌼🙏
🙏🙏🙏 Pranaam Acharyaji. Thank you so much.
आचार्य जी कोई शब्द नहीं है हमारे पास जिससे मैं आपका आभार प्रकट कर सकूं बस आपको सामने पाते ही मैं खो चूका होता हूँ जैसे मैं अपनी किसी खोई हुई चीजों को पा रहा हूँ 🙏🙏🙏
Koti koti Naman aaur Aabhar Aacharya ji 🙏🏻🌹 Lots of blessings and gratitude to you 🙏🙇🌹
Osho , Budh , Krishan , Ram
Sab Chetna hai
Aap bhi Acharya ji
आप श्री ने अच्छी तरह समझाया,
🙏🙏🙏🙏🙏🙏।
आप श्री को ह्रदय से धन्यवाद।
Bahut badhiya samjhaya acharya ji ne chetna ke baare me....
Har baat mere se sambandhit lg rhi thi..
pranamji hajur aachary ji 🎆🙏🌺 bahut sundar saral tarika se samjhaya koti koti pranamji 🙏🙏🙏🌺🎆❤️🙏
अति सुंदर व्याख्यान गुरु जी मजा आ गया 😊🌹❤️🌻🌼🌺💐🌸👍🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻😌😌😌😌😌😌😌😌😌😌😌😌😌😌
Guru dev ji maharaj pranam 🙏
🙏🙏 Aacharya Ji ko S Hriday Pranam
Naman Acharya g
शत-शत नमन आचार्य जी।
Pranam acharya ji 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Thank you so much🙏🙏🙏
अद्भुत है आपके समझाने का तरीका आचार्य जी।
Clearmost explained by the GURUDEV ACHARYA PRASHANT JI MAHARAJ JI'S PRAVACHAN IS TOP MOST IMPORTANT TO ALL SADHAKA'S ABOUT DEEPLY PANCH KOSH & FOUR BODIES
AS WELL AS THEIR AVASTHA
(JAGRITI,SVAPNA,SUSHUPTI &
TURYA). I AM VERY GLAD OF THIS PRAVACHAN WICH IS PROVIDED BY AIRTEL 4G THANKS AGAIN &
AGAIN.
Pranam🙏
Pranam guruji
खूब खूब धन्यवाद आचार्यजी खूब खूब धन्यवाद एस सत्संग के लिये खूब धन्यवाद
Bahut achchha 🙏🙏
Excellent satya 👌🏻🙏
आचार्य जी जैसे गुरु की प्राप्ति भगवद्गीता के कृष्ण प्राप्ति के समान है ,कोटि कोटि नमन 🙏आचार्य जी के कहने के बाद कहने को कुछ रह ही नहीं जाता , और कहने का कुछ मन भी नहीं करता , बस उनके शब्दों की गूंज को , गहराई को कुछ देर मौन रहकर मन में महसूस करते हुए आनंदित रहने का मन करता है l
नमन है इस युगपुरुष को 🙏❤️
you are the only one successor of Osho ❤
मैं आपको सुन कर आनन्दमय कोष की अवस्था में पहुंच गया ।।
Guruji muje aisa lagta he kudrat ne hum par kripa ki sapne de ke... Taki jo adhure anubhav hum jagrit avastha me nahi pure kar paye wo sapno ke madhyam se pure ho jaye
..taki atript chetna sant ho jaye
Aacharyaji aaj spast hua haibahu t bahut dhanyabad .
कोटि कोटि नमन 🙏❤💐
Kya baat h guru ji esa Gyan toh koi nhi dega❤❤❤❤❤❤❤
इतने सुंदर और सरल ढंग से समझाने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद आचार्य जी🙏🙏
शत शत नमन आचार्य श्री 🙏
Koti koti pranam guruji 🙏🙏🙏
धन्यवाद आचार्य जी इस वीडियो से बहुत सीखने को मिला 🙏🙏🙏
Pranam Acharya Ji. Thanks for explaining existence with so much clarity.
धन्यवाद आचार्य जी
नमन
🙏🙏
Jai guru dev
The best and most useful video I have ever watched.
धन्यवाद आचार्य जी.
The great super man acharya Prashant ji🙏🙏🙏🙏😊☺️☺️😍🥰
हमारे प्रिय आचार्य जी के चरणो में कोटि कोटि वंदन🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼❤❤❤ इतनी स्पष्ट रूप से हमें आचार्य जी ही समझा सकते हैं🙏🏻🙏🏻
बहुत बहुत धन्यवाद् धन्यवाद्
Ek sawal hai acharya ji galat hua to maaf kardena bcz i am 18 years old. Dhyan aur pranayam samajdari badate hai zaroor apne kaha ki dhyan initiator hona chahiye phir apko dhyan me rahna chahiye dhyan me jeete vakt samajdari ka vikas kaise kare. Thank you with the bottom of my heart for giving direction to young people
प्रणाम आचार्य जी
Pranam achrya ji...
Pranam acharya ji