आज के समय में इस तरह की शिक्षा अनिवार्य है। हिन्दू एकता के लिए वर्ण व्यवस्था को कर्म के अनुसार मानना ही तर्क और सबके अनुकूल है। आपके नाटक देखकर हिन्दू धर्म का अनुयाई होने का गर्व है। हमारा धर्म सबको आगे बढ़ने का अवसर देता है। सबको श्रेष्ठ बनने का गौरव भी हमारा धर्म सिखाता है।❤❤❤
Thik hai aapki soch pr duniya khud ki hi itni gulam ho chuki hai ki ve ye sb sunne dekhne se pagl bawla ya sthiya gya hai esa mante hain or kalyug ka bhi to aapna prbhav hai jo bahut jatil asambhav sa ho gya hai arthat jo chal rha hai jo hona hai jo guzar chuka hai sb ☝️uski hi den hai is vishaye ka mukhy geyan ye hai ki परमेश्वर ने hme ab keval shanti rkhne ye sb dekhne mehsus krte huye bhi kuchh na kr skne ya kho ki दर्शक बना दिया है om sarveshvraya nha 🙏🙏
अगर कर्म के आधार पर पण्डित होगा या शूद्र वैश्य होगा तो दिन में कितने वर्ण बदलोगे ??? पैसा कमाने जाओगे तो वैश्य बन जाओगे मेहनत करोगे तो शुद्र कहलाओगे.... सुबह घर मे पूजा पाठ करोगे तो पंडित बन जाओगे.... करोड़ो लोग ऐसे ही कितने वर्ण बदलेंगे..कोई एक पहचान क्या हॉगी ??? किसी की..?? किसके पुत्र कहलाओगे ?? किस वर्ण के पुत्र कहलाओगे ??? फिर वर्णों का महत्व क्या रह जायेगा ये तो बताओ....जो जैसे कर्म सबसे ज्यादा करता है..वो आदत उसके खून में आ जाती है... ये व्याख्या समाज मे कानून का पालन करने संविधान करने के लिए बनाया गया है नकली मिलावट करके... अगर वैश्य का पुत्र वैश्य नही होता जन्म से तो उसके अंदर कैसे व्यपारिक गुण आ जाते है?? पूरा गुजरात वैज्ञानिक रूप से उदाहरण है .. क्यों अम्बानी के परिवार वाले शूद्रों के कार्य नही कर रहे...."
@@i_am_hemantbro,i in one day a man do all 4 varnas work because each work is compulsory for all men but one thing is job means his main work is what and from there his varna system get stick .For example,if a man is teacher that implies his main motive is to spread knowledge and this will become his job and varna system implies that he brahhmman.and his simple priority does not matter in his life so no varna .
@@i_am_hemantand second point ,ambani or gujrat example is just environment inspiration .lots of successful businessman environment is available in gujrat.and if ambani son born in bihar then his son got ias inspiration or something this depends on environmemt .just like evolution of human beings.
एक प्रेरणादायक व्यक्ति चाणक्य नीति थे, वह एक अखंड अविभाजित भारत चाहते थे, वह एक वास्तविक देशभक्त थे और अखंड भारत के लिए लड़ने के लिए भारतीयों को उनसे सीखने की जरूरत है
में आत्मा हू ना ब्राह्मण न शुद्र ना शस्त्रीय ना वैश्य में मुक्त हू इन सबसे इन सब बंधनों से इस अमूल्य अनादि ज्ञान के लिए आप सबको कोटि कोटि प्रणाम नारायण नारायण 🙏🏻
मेरी नजर में ये सीरीज रामायण व महाभारत से ज्यादा श्रेष्ठ है। कैसे? 😊 उन दोनों कथाओं और नाट्यमंचन में सिर्फ ईश्वर की जगत्लीला का वर्णन है अपितु ईस मंचन में तो आज या परवर्ती काल या पूर्वकाल के मनुष्य जीवन के नित्य घटने वाले सांगोपांग स्थितियों का निरूपण है sir हर रोज मानव के हृदय में चलते प्रश्नों के कारण और उत्तर हैं धन्य हो चिन्मय मिशन I LOVE YOU THE MOST TO AVAIL US SUCH MASTERPIECES ❤❤❤❤❤
मेरे पास शब्द नहीं हैं इस ज्ञानपूर्ण ज्ञान हेतु जो सदियों से चली भ्रांतियों को इतने सटीक प्रकार से सही सूत्रों को दर्शाते हुए बताई गई है। मेरे मन मे भी बहुत समय से ये प्रश्न थे कि गीताजी में इसका क्या तात्पर्य है किंतु आज वह स्पष्ट हो गया।किंतु आज भी हमारे देश में इन भ्रांतियों ने एक स्थाई रूप ले लिया है किंतु उनको केवल वेदों एवं सही सूत्रों से ही दूर किया जा सकता है जब मनुष्य सत्य को जानने का प्रयत्न करेगा तभी हमारे यहां की कुरीतिया मिट सकेगी। अंत में, मैं आप सभी को बहुत धन्यवाद कहना चाहती हू🙏🙏😊
अगर कर्म के आधार पर पण्डित होगा या शूद्र वैश्य होगा तो दिन में कितने वर्ण बदलोगे ??? पैसा कमाने जाओगे तो वैश्य बन जाओगे मेहनत करोगे तो शुद्र कहलाओगे.... सुबह घर मे पूजा पाठ करोगे तो पंडित बन जाओगे.... करोड़ो लोग ऐसे ही कितने वर्ण बदलेंगे..कोई एक पहचान क्या हॉगी ??? किसी की..?? किसके पुत्र कहलाओगे ?? किस वर्ण के पुत्र कहलाओगे ??? फिर वर्णों का महत्व क्या रह जायेगा ये तो बताओ....जो जैसे कर्म सबसे ज्यादा करता है..वो आदत उसके खून में आ जाती है... ये व्याख्या समाज मे कानून का पालन करने संविधान करने के लिए बनाया गया है नकली मिलावट करके... अगर वैश्य का पुत्र वैश्य नही होता जन्म से तो उसके अंदर कैसे व्यपारिक गुण आ जाते है?? पूरा गुजरात वैज्ञानिक रूप से उदाहरण है .. क्यों अम्बानी के परिवार वाले शूद्रों के कार्य नही कर रहे...."
@@i_am_hemant Namaste 🙏🏻 Mahattvapoorn baat yeh hai ki sabhi ko "right to equal opportunity" diya jaaye, naaki kisi ko jaan-boojh'kar roke. Modi ji janm se kshatriya nahi to apne karmo va gunon ke dam par desh ke pradhaan-mantri kaise ban gaye? Sunn be dil aur dimag kholke: Ambani ka khaandan mein koi to hoga, jo sarv-pratham janm se yeh sab nahi kar raha tha, saubhaagya tha uska ki use avasar mil paya, usi prakaar har manushya ko avasar milne ka adhikaar hai, swaarthi; taaki saarvajanik hit ho, sampoorna Bhaarat ka bhi saubhaagya ho! 🇮🇳 Yadi tujh jaise ahankaari jaanwar ke anusaar varna-vyavastha ko keval janm-gat hi mante, toh tu to kabhi Modi ji jaise mahapurushon ko Prime Minister of India (kshatriya) evam Dr BR Ambedkar ko buddhimaan banne na deta, inke "janm-kul" ke kaaran shiksha grahan karne hi naa deta, naa hi maanavta ko tumhari gaal par chaanta maarne ke liye yeh jeeta jaagta udaaharan milta ki galat hai tu Braahmanatva ke naam par kalank hai, moorkh Manuvaadi! Kul ke genes ke alava bhi aur bahut cheezein matter karti hain: karm, surroundings, beliefs, viewpoint, parents' health state (specially mental) around & at their copulation, astrology, diets, habits, mindset and so forth... Furthermore, we are conscious beings- so we can decide to change anything undesired we want about ourselves. In other words, one's present & future actions, thoughts, viewpoints & outlook, jyotishi, surroundings, diets, aurveda, daily routine & habits, and mindset are some of the controllables that can always & always be altered. "What one thinks, so one becomes. One thinks oneself free, one then becomes free, and one who thinks one is slave, remains slave." - Ashtāvakra Gītā Pehle science padhke aa achchhe se, theek hai? Tab samajh aayenge scriptures aur rishiyon ka mahaan gyaan... Humans, alone goes against own nature. Purush: conquerer of the prakriti.🗿 To sum up, birth-based oppressive caste system ke kaaran hi hazaaron se varshon se tujh jaise andhkar-mein-rehne-walen "jeevon" ne sabhi manushyon se unka samaan avasar ka haq chheen'ne ka dussaahas kiya hai. Isi kukarm ka Bhaaratvarsh ne ab tak phal bhugta hai, kintu bas ab aur nahin... 👿 Ab hum sitaaron par apna naam ankit karenge tatha samast brahmaand mein ek hi dhwani goonjegi... ॐ
जिस को ब्रह्म ज्ञान हो जाये उस को ब्रह्म ज्ञानी कहते हैं उसके मन में कोई भेदभाव नहीं होता वह सब को एक नजर से देखता है और हर प्राणी में भगवान का रूप देखत है
Kya sach mein use Braham Gyan prapt hai kya Vhh Sab prani ko Har Saman Bhav se dekhta hai kya Sab Mein use Bhagwan Najar Aata Hai kya use Braham Gyani ko kisi se bhay nahin yadi Uske Samne Sher Aaye Uske Samne saamp Aaye use Koi kutta Kat Le Uske Sar Ko Kauwa nochne Lagi machhar use kaatne Lage to kya usmein use Parmatma ka darshan vah Karega yadi Nahin to vah Kaise Brahma Gyani hua
@@vakratundvah agar swayam ko jaan gaya , use apne astitv ka gyan ho jayega vah har bandhano se mukt ho jayega vah brahm ko jaanega .. sansar se mukt ho jayega use kisi prani ,pashu se bhay nahi lagega nahi kisi agyat stithi se bhay lagega ...
@@Jagrutilondhe979 bahut sahi kaha.... hum iski kalpana nahi kar paa rahe hai kyunki hum us jagah nahi pahunche abhi.... lakin jis din aap brahm ko pahachanoge to aap bhi buddha ho jaaoge... Hari Om!
Very nice . Our Indian culture is Mahan great.. Veda n upnishad Is our books to know satya, Dharma, shanti, Prem n Ahimsha., the five values of human being.
Upanishad Ganga best series for ever.best actor , dialogue . Upanishad Ganga change parson lifestyle , make a good humanity. Thank you Chinmaya channel upload
मुझे बहुत सुकून ओर आत्म सन्तुष्टि का आभास हो रहा है मुझे स्कूल में कभी पढ़ाई में मजा नही आया और न ही पढ़ाई में आत्म सन्तुष्टि का आभास हुआ क्योंकि जो बचपन मे दादाजी ने पढ़ाया वह बिल्कुल अलग था
अद्भुत विवेचना, मैं अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हुये अत्यन्त अभिभूत हूँ उन सभी कलाकारों को, और लेखकों को जिन्होंने भारतीय वांग्मय को बड़े ही सुन्दर और सारगर्भित तरीके से प्रस्तुत किया है l बहुत धन्यवाद और साधुवाद विजय प्रकाश न्यू यॉर्क अमेरिका
Hey stop this ! First go and read there is nothing like till the goal is reached. It is उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधत। क्षुरस्य धारा निशिता दुरत्यया दुर्गं पथस्तत्कवयो वदन्ति - "उठो, जागो, और श्रेष्ठ जनों के पास जाकर बोध ग्रहण करो। विद्वान् मनीषी जनों का कहना है कि ज्ञान प्राप्ति का मार्ग उसी प्रकार दुर्गम है जिस प्रकार छुरे के पैना किये गये धार पर चलना" (कठ उपनिषद्, अध्याय १, वल्ली ३, श्लोक १४)
आपका कथन सत्य है गुरुजी क्योंकि कोई जन्म से ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य और शुद नहीं होता क्योंकि बचपन मै उसे बच्चों को वैसा माहौल नहीं मिलता तो बच्चा कुछ भी ज्ञात नहीं होता कि वह कहां से और किस जाति का है मुझे बस यह पता है कि कोई मनुष्य कर्म से श्रेष्ठ होता है जाति से नहीं धन्यवाद
अगर कर्म के आधार पर पण्डित होगा या शूद्र वैश्य होगा तो दिन में कितने वर्ण बदलोगे ??? पैसा कमाने जाओगे तो वैश्य बन जाओगे मेहनत करोगे तो शुद्र कहलाओगे.... सुबह घर मे पूजा पाठ करोगे तो पंडित बन जाओगे.... करोड़ो लोग ऐसे ही कितने वर्ण बदलेंगे..कोई एक पहचान क्या हॉगी ??? किसी की..?? किसके पुत्र कहलाओगे ?? किस वर्ण के पुत्र कहलाओगे ??? फिर वर्णों का महत्व क्या रह जायेगा ये तो बताओ....जो जैसे कर्म सबसे ज्यादा करता है..वो आदत उसके खून में आ जाती है... ये व्याख्या समाज मे कानून का पालन करने संविधान करने के लिए बनाया गया है नकली मिलावट करके... अगर वैश्य का पुत्र वैश्य नही होता जन्म से तो उसके अंदर कैसे व्यपारिक गुण आ जाते है?? पूरा गुजरात वैज्ञानिक रूप से उदाहरण है .. क्यों अम्बानी के परिवार वाले शूद्रों के कार्य नही कर रहे...."
@@i_am_hemant Sunn be dil n dimag kholke: Ambani ka khaandan mein koi to hoga, jo sarv-pratham janm se yeh sab nahi kar raha tha, saubhaagya tha uska ki use avasar diya gaya, usi prakaar har manushya ko avasar milne ka adhikaar hai, moorkh, taaki sampoorna Bhaarat ka bhi saubhaagya ho! 🇮🇳🙏🏻 Yadi tujh jaise ahankaariyon ke anusaar varna vyasvastha ko keval janm-gat hi mante, toh tu to kabhi Modi ji jaise mahapurushon ko Prime Minister of India (kshatriya) evam Dr BR Ambedkar ko buddhimaan banne, inke "janm-kul" ke kaaran shiksha grahan karne hi naa deta, swaarthi Manuvaadi.. Birth-based oppressive caste system ke kaaran hi hazaaron se varshon se tujh jaise andhkar-mein-rehne-wale jeevon ne sabhi manushyon se unka "equal opportunity" ka haq chheen'ne ka dussaahas kiya hai. Isi kukarm ka Bhaaratvarsh ne ab tak phal bhugta hai, kintu ab nahin... 👿 Ab hum sitaaron par apna naam ankit karenge tatha samast brahmaand mein ek hi dhwani goonjegi... ॐ
most satisfied episode in my life, in upanishad ganga, this one episode is enough to show who blindly burns the manu smrithi n who making a fun on sanathan dharm granths and believes....
Yeh serial har channel par har bhasha mei dikhaya jaana chahiye !! Yeh sanatan dharm ki moolbhoot vastavikta se parichai karwata hai. Utkarshtam prastuti ! Hare Krishna Hare Ram !!
Acharya Vishnugupta makes a profound statement in Episode 18 regarding how a society should provide opportunities for and freedom to each individual to choose their field of service: हर मनुष्य को अपना श्रम चुनने का अधिकार होना चाहिए क्योंकि वही पुरुषार्थ है।
Very convincing and with high wisdom. It is sad that some ill learned did not understand true purpose and meaning of this great system. All praises to Vishnugupta. With Such Acharya can a great nation rise.
Aaj ke samay me is gyaan ki bahut zarurat hai. Kaash ye sab batein koi thik se samjha sake jaise apne smjaya. Bharat bhatak raha h Sabko ye jankari honi zaruri h ki ved kya kehte hain or hum kaise galat arth k sath jee rhe hain. Thank u team upnishad ganga🙏 being a Brahmin I bow down to u ki aapne is or dhyan diya
अति स्पष्ट वर्णन 🙏🏻😍🙏🏻🙏🏻😍😍❤️🙏🏻😍😍💝😍💝💝😍💝😍💝😍💝😍💝😍💝😍💝💝😍😍💝😍💝😍😍🙏🏻😍🙏🏻😍😍💝🙏🏻😍😍💝😍🙏🏻😍💝😍🙏🏻😍🙏🏻🙏🏻😍💝😍🙏🏻😍🙏🏻😍🙏🏻😍💝😍🙏🏻🙏🏻😍💝💝😍💝😍💝💝😍🙏🏻😍💝😍💝😍🙏🏻😍💝😍💝😍🙏🏻😍💝😍🙏🏻😍💝😍🙏🏻😍😍😍💝😍😍🙏🏻😍💝😍🙏🏻😍🙏🏻🙏🏻😍💝😍💝😍💝😍
Ye maya moh maya me hi uljhi hai duniya or sabhi hona jaruri hai Srishti ke liye gtiman rkhne ke liye संघर्ष के लिए जीवन के लिए परमेश्वर के लिए pram aanand me विलीन होने के लिए मुक्ति मोक्ष के लिए ये सब परीक्षा मात्र हैं इनसे जो उलझकर सुलझता है वे परमात्मा में विलीन हो जाता है है प्रभु तेरी माया 🙏🙏🙏🙏
Well presented and said. End part of episode is so relevant. Coincidentally this episode was telecasted on same day on DD National before Aamir khan's notanki in Satyamev Jayate on same topic.
Is katha me ek bat samjhi hmne ki achary chanaky ne chandr gupt ko raja bnane ke liye kitni parikchaye di hongi kitne logo ke virodh ka samna kiya hoga mhan gyani chanky ko mera koti koti naman hai 🙏🚩
तथाकथित ब्राम्हणों और कथावाचकों ने हमारे समाज में अज्ञानता परोसी है जिससे हमारा समाज पतन के गर्त में गिरा है। आर्यसमाज ही वर्ण व्यवस्था का सही अर्थ प्रस्तुत करता है। कृण्वन्तो विश्वमार्यम् 🌹🌹🌹🌹☂️🙏
श्रम विभाजन के लिए। सामाज में कार्यो को बांटने की आवश्यकता था जैसे घर मे कार्यो का बटवारा होता है । वर्ण व्यवस्था आज के व्यवसायों जैसी ही थी जैसे आज आप चुनाव जीतके राजनीति में जा सकते है , एग्जाम निकालके नौकरी पा सकते है और कुछ न कर पाए तो मजदूरी करनी पड़ेगी।
@@adityarathore330 बिलकुल गलत आजकी परिस्थि में एग्जाम देके या जंग(चुनाव) जितके राजा बन सकते है। लेकिन ये वर्ण व्यवस्था का गलत अर्थ समाजके नजाने कितने लोग ऊंचे वर्ण मे जन्म लेने वालो के बीच पिस गए क्युकी तब उनके लिए एग्जाम या चुनाव की व्यवस्था नही थी।
"जिस विराट पुरुष के पैरों से शूद्रों का जन्म हुआ, उसी विराट पुरुष के पैरों से पृथ्वी और नाभि से अन्तरिक्ष का जन्म हुआ था।" ये जानकारी इस वीडियो के माध्यम से आज ही मिली👌🏼
आज के समय में इस तरह की शिक्षा अनिवार्य है। हिन्दू एकता के लिए वर्ण व्यवस्था को कर्म के अनुसार मानना ही तर्क और सबके अनुकूल है।
आपके नाटक देखकर हिन्दू धर्म का अनुयाई होने का गर्व है। हमारा धर्म सबको आगे बढ़ने का अवसर देता है। सबको श्रेष्ठ बनने का गौरव भी हमारा धर्म सिखाता है।❤❤❤
Hari Om !
Thik hai aapki soch pr duniya khud ki hi itni gulam ho chuki hai ki ve ye sb sunne dekhne se pagl bawla ya sthiya gya hai esa mante hain or kalyug ka bhi to aapna prbhav hai jo bahut jatil asambhav sa ho gya hai arthat jo chal rha hai jo hona hai jo guzar chuka hai sb ☝️uski hi den hai is vishaye ka mukhy geyan ye hai ki परमेश्वर ने hme ab keval shanti rkhne ye sb dekhne mehsus krte huye bhi kuchh na kr skne ya kho ki दर्शक बना दिया है om sarveshvraya nha 🙏🙏
आज का उदाहरण लिया जाये तो डॉक्टर के पेट से पैदा hua तो डॉक्टर नहीं बन सकता तो ब्राह्मण के पेट से पैदा होने वाला ब्राह्मण कैसे?
मुझे भी
आज मुझे पता चला वर्ण व्यवस्था का वास्तिवक ज्ञान जो इशे देख लेगा उसके लिए कोई उच्च नीच नही कोई भेद भाव नही जय श्री राम ❣️❣️🕉️🕉️🚩🚩
जय श्री राम
अगर कर्म के आधार पर पण्डित होगा या शूद्र वैश्य होगा तो दिन में कितने वर्ण बदलोगे ???
पैसा कमाने जाओगे तो वैश्य बन जाओगे
मेहनत करोगे तो शुद्र कहलाओगे.... सुबह घर मे पूजा पाठ करोगे तो पंडित बन जाओगे....
करोड़ो लोग ऐसे ही कितने वर्ण बदलेंगे..कोई एक पहचान क्या हॉगी ??? किसी की..??
किसके पुत्र कहलाओगे ?? किस वर्ण के पुत्र कहलाओगे ??? फिर वर्णों का महत्व क्या रह जायेगा ये तो बताओ....जो जैसे कर्म सबसे ज्यादा करता है..वो आदत उसके खून में आ जाती है... ये व्याख्या समाज मे कानून का पालन करने संविधान करने के लिए बनाया गया है नकली मिलावट करके... अगर वैश्य का पुत्र वैश्य नही होता जन्म से तो उसके अंदर कैसे व्यपारिक गुण आ जाते है?? पूरा गुजरात वैज्ञानिक रूप से उदाहरण है .. क्यों अम्बानी के परिवार वाले शूद्रों के कार्य नही कर रहे...."
@@i_am_hemantbro,i in one day a man do all 4 varnas work because each work is compulsory for all men but one thing is job means his main work is what and from there his varna system get stick .For example,if a man is teacher that implies his main motive is to spread knowledge and this will become his job and varna system implies that he brahhmman.and his simple priority does not matter in his life so no varna .
@@i_am_hemantand second point ,ambani or gujrat example is just environment inspiration .lots of successful businessman environment is available in gujrat.and if ambani son born in bihar then his son got ias inspiration or something this depends on environmemt .just like evolution of human beings.
तुम जैसी गंदी सोच के लोगो ने भारत का कचड़ा कर रखा हैं
एक प्रेरणादायक व्यक्ति चाणक्य नीति थे, वह एक अखंड अविभाजित भारत चाहते थे, वह एक वास्तविक देशभक्त थे और अखंड भारत के लिए लड़ने के लिए भारतीयों को उनसे सीखने की जरूरत है
बिलकुल सही कहा। जन्म से नही गुण और कर्मो से वण बनते है। राधा कृष्ण
th-cam.com/video/379s8Fthlyw/w-d-xo.html
Tight slap on bhimta gang😁
. y
t
Yes
..“बदल जाओ वक्त के साथ
या फिर वक्त बदलना सीखो
मजबूरियों को मत कोसो
हर हाल में चलना सीखो”..
Excellent theme of this episode.
में आत्मा हू ना ब्राह्मण न शुद्र ना शस्त्रीय ना वैश्य में मुक्त हू इन सबसे इन सब बंधनों से इस अमूल्य अनादि ज्ञान के लिए आप सबको कोटि कोटि प्रणाम
नारायण नारायण 🙏🏻
Hari Om !
To watch all 52 episodes of Upanishad ganga
Link: th-cam.com/play/PLm6DKuwwu5zoDHN4cm0aEirTCEUU-ETDm.html
मेरी नजर में ये सीरीज रामायण व महाभारत से ज्यादा श्रेष्ठ है।
कैसे? 😊
उन दोनों कथाओं और नाट्यमंचन में सिर्फ ईश्वर की जगत्लीला का वर्णन है
अपितु ईस मंचन में तो आज या परवर्ती काल या पूर्वकाल के मनुष्य जीवन के नित्य घटने वाले सांगोपांग स्थितियों का निरूपण है sir
हर रोज मानव के हृदय में चलते प्रश्नों के कारण और उत्तर हैं
धन्य हो चिन्मय मिशन
I LOVE YOU THE MOST TO AVAIL US SUCH MASTERPIECES
❤❤❤❤❤
Sir बहुत साहस होना चाहिए सत्य को सत्य के रूप में स्वीकार करना और उसको उसी रूप में प्रसार करना धन्य है आपकी जननी🙏🙏🙏 ❤❤❤❤❤❤🙏🙏🙏🙏🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
true
अद्भुत अद्वितीय आचार्य चाणक्य थे और सदैव रहेंगे ।
ॐ गुरुभ्यो नमः।।
Hari Om !
Upnishad Ganga ka har ek episode ek mahan chetna se bhari h.....
Is series ko national TV par dikhana chahiye.
Dikhaya gya hai,pr koi dekhta kha he
I agree
कई बार दिखाया गया है और दिखाया जा रहा है।
मेरे पास शब्द नहीं हैं इस ज्ञानपूर्ण ज्ञान हेतु जो सदियों से चली भ्रांतियों को इतने सटीक प्रकार से सही सूत्रों को दर्शाते हुए बताई गई है। मेरे मन मे भी बहुत समय से ये प्रश्न थे कि गीताजी में इसका क्या तात्पर्य है किंतु आज वह स्पष्ट हो गया।किंतु आज भी हमारे देश में इन भ्रांतियों ने एक स्थाई रूप ले लिया है किंतु उनको केवल वेदों एवं सही सूत्रों से ही दूर किया जा सकता है जब मनुष्य सत्य को जानने का प्रयत्न करेगा तभी हमारे यहां की कुरीतिया मिट सकेगी। अंत में, मैं आप सभी को बहुत धन्यवाद कहना चाहती हू🙏🙏😊
अगर कर्म के आधार पर पण्डित होगा या शूद्र वैश्य होगा तो दिन में कितने वर्ण बदलोगे ???
पैसा कमाने जाओगे तो वैश्य बन जाओगे
मेहनत करोगे तो शुद्र कहलाओगे.... सुबह घर मे पूजा पाठ करोगे तो पंडित बन जाओगे....
करोड़ो लोग ऐसे ही कितने वर्ण बदलेंगे..कोई एक पहचान क्या हॉगी ??? किसी की..??
किसके पुत्र कहलाओगे ?? किस वर्ण के पुत्र कहलाओगे ??? फिर वर्णों का महत्व क्या रह जायेगा ये तो बताओ....जो जैसे कर्म सबसे ज्यादा करता है..वो आदत उसके खून में आ जाती है... ये व्याख्या समाज मे कानून का पालन करने संविधान करने के लिए बनाया गया है नकली मिलावट करके... अगर वैश्य का पुत्र वैश्य नही होता जन्म से तो उसके अंदर कैसे व्यपारिक गुण आ जाते है?? पूरा गुजरात वैज्ञानिक रूप से उदाहरण है .. क्यों अम्बानी के परिवार वाले शूद्रों के कार्य नही कर रहे...."
@@i_am_hemant Namaste 🙏🏻
Mahattvapoorn baat yeh hai ki sabhi ko "right to equal opportunity" diya jaaye, naaki kisi ko jaan-boojh'kar roke.
Modi ji janm se kshatriya nahi to apne karmo va gunon ke dam par desh ke pradhaan-mantri kaise ban gaye? Sunn be dil aur dimag kholke: Ambani ka khaandan mein koi to hoga, jo sarv-pratham janm se yeh sab nahi kar raha tha, saubhaagya tha uska ki use avasar mil paya, usi prakaar har manushya ko avasar milne ka adhikaar hai, swaarthi; taaki saarvajanik hit ho, sampoorna Bhaarat ka bhi saubhaagya ho! 🇮🇳
Yadi tujh jaise ahankaari jaanwar ke anusaar varna-vyavastha ko keval janm-gat hi mante, toh tu to kabhi Modi ji jaise mahapurushon ko Prime Minister of India (kshatriya) evam Dr BR Ambedkar ko buddhimaan banne na deta, inke "janm-kul" ke kaaran shiksha grahan karne hi naa deta, naa hi maanavta ko tumhari gaal par chaanta maarne ke liye yeh jeeta jaagta udaaharan milta ki galat hai tu Braahmanatva ke naam par kalank hai, moorkh Manuvaadi!
Kul ke genes ke alava bhi aur bahut cheezein matter karti hain: karm, surroundings, beliefs, viewpoint, parents' health state (specially mental) around & at their copulation, astrology, diets, habits, mindset and so forth... Furthermore, we are conscious beings- so we can decide to change anything undesired we want about ourselves. In other words, one's present & future actions, thoughts, viewpoints & outlook, jyotishi, surroundings, diets, aurveda, daily routine & habits, and mindset are some of the controllables that can always & always be altered.
"What one thinks, so one becomes. One thinks oneself free, one then becomes free, and one who thinks one is slave, remains slave."
- Ashtāvakra Gītā
Pehle science padhke aa achchhe se, theek hai? Tab samajh aayenge scriptures aur rishiyon ka mahaan gyaan...
Humans, alone goes against own nature. Purush: conquerer of the prakriti.🗿
To sum up, birth-based oppressive caste system ke kaaran hi hazaaron se varshon se tujh jaise andhkar-mein-rehne-walen "jeevon" ne sabhi manushyon se unka samaan avasar ka haq chheen'ne ka dussaahas kiya hai. Isi kukarm ka Bhaaratvarsh ne ab tak phal bhugta hai, kintu bas ab aur nahin... 👿
Ab hum sitaaron par apna naam ankit karenge tatha samast brahmaand mein ek hi dhwani goonjegi... ॐ
सभी में एक ही आत्मा और एक ही परमात्मा 🙏🙏♥️🙏🙏
Hari Om !
Every Indian should watch this episode.
Bilkul sahi kaha
Jai Sanatan Dharma jai hindutva
जिस को ब्रह्म ज्ञान हो जाये उस को ब्रह्म ज्ञानी कहते हैं उसके मन में कोई भेदभाव नहीं होता वह सब को एक नजर से देखता है और हर प्राणी में भगवान का रूप देखत है
Kya sach mein use Braham Gyan prapt hai kya Vhh Sab prani ko Har Saman Bhav se dekhta hai kya Sab Mein use Bhagwan Najar Aata Hai kya use Braham Gyani ko kisi se bhay nahin yadi Uske Samne Sher Aaye Uske Samne saamp Aaye use Koi kutta Kat Le Uske Sar Ko Kauwa nochne Lagi machhar use kaatne Lage to kya usmein use Parmatma ka darshan vah Karega yadi Nahin to vah Kaise Brahma Gyani hua
@@vakratundvah agar swayam ko jaan gaya , use apne astitv ka gyan ho jayega vah har bandhano se mukt ho jayega vah brahm ko jaanega .. sansar se mukt ho jayega use kisi prani ,pashu se bhay nahi lagega nahi kisi agyat stithi se bhay lagega ...
@@Jagrutilondhe979 kya shi me bhay samaapt ho jayega?
@@vakratund haa bhay samapt ho jayega :
@@Jagrutilondhe979 bahut sahi kaha.... hum iski kalpana nahi kar paa rahe hai kyunki hum us jagah nahi pahunche abhi.... lakin jis din aap brahm ko pahachanoge to aap bhi buddha ho jaaoge... Hari Om!
Very nice . Our Indian culture is Mahan great..
Veda n upnishad Is our books to know satya, Dharma, shanti, Prem n Ahimsha., the five values of human being.
th-cam.com/video/379s8Fthlyw/w-d-xo.html
Yes
Sanatana Dharma also teaches to fight violently when self, cow, women, country and dharma is abused, threatened and attacked..
Oum parmatamane nmh
Upanishad Ganga best series for ever.best actor , dialogue . Upanishad Ganga change parson lifestyle , make a good humanity. Thank you Chinmaya channel upload
जय सियाराम सभी को एक समान समझने वाला ही अच्छा मानव है कर्म से ही इंसान की पहचान है 🙏🙏♥️🙏🙏💕💕🥀🥀🌹🌹🌲🌲🌷🌷🌿🌿🍁🍁💐💐🌾🌾🌻🌻🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉
Hari Om !
I feel like i dove into infinite masterpiece and want it to never ending.
What a dialougue delivery with each word choosen wisely.
हर एक किसी को ये Episode देखनी चाहिए. Nice One.
बुध्द महावीर तथा बाबासाहेब आंबेडकरजी तो यही कहते थे की जन्म से कोई ब्राह्मण नहीं होते. वर्ण व्यक्तीके गुणोसे बनता है. हरि ओम.
Hari Om !
To see all 52 episodes of Upanishad Ganga
Link : th-cam.com/play/PLm6DKuwwu5zoDHN4cm0aEirTCEUU-ETDm.html
Mahaveer ne kaha tha.. par buddha ne thoda aalag kaha tha aur bakio ne aaisa kuch kaha hee nahi tha.. padh loo thoda.. tripatak padho jaa kaar
What an Explanation !!!! ❤️❤️❤️
Pranam Chinmaya Mission 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
🙏Swami Chinmayananda 🙏
It's shows how our ancient Vedic upanishad is scientific and logical and practical like today modern world ..
मुझे बहुत सुकून ओर आत्म सन्तुष्टि का आभास हो रहा है मुझे स्कूल में कभी पढ़ाई में मजा नही आया और न ही पढ़ाई में आत्म सन्तुष्टि का आभास हुआ क्योंकि जो बचपन मे दादाजी ने पढ़ाया वह बिल्कुल अलग था
Hari Om !
To watch all 52 episodes of Upanishad Ganga
LINK: th-cam.com/play/PLm6DKuwwu5zoDHN4cm0aEirTCEUU-ETDm.html
आप 52 एपिसोड बता रहे है मुझे 60 दिख रहे है में पूरे 60 देखूंगी
आपको मेरा हृदय से नमस्कार है इस एपिसोड को देखने के बाद जीवन जीने का ढंग बदल गया है एपिसोड बहुत अच्छे हैं जय हिंद जय भारत
Hari Om !
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अद्भुत विवेचना, मैं अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हुये अत्यन्त अभिभूत हूँ उन सभी कलाकारों को, और लेखकों को जिन्होंने भारतीय वांग्मय को बड़े ही सुन्दर और सारगर्भित तरीके से प्रस्तुत किया है l बहुत धन्यवाद और साधुवाद
विजय प्रकाश न्यू यॉर्क अमेरिका
Hari Om !
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अद्भुत, अद्वितीय, प्रेरणादायक एवं ज्ञानवर्धक
Really Excellent presentation.
Music, background music, video quality, presentation of the artist and meaningful dialogue making it more meaningful
बहुत ही सुंदर वर्ण व्यवस्था वर्णन
Hari Om !
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Is natyakala ke liye teem aur sabhi samaj ke subh chitako ko sat sat naman
Aapki Puri team ko Bar Bar Naman Satya ujagar karne ke liye
Arise and awake, stop not till thy goal is reached. My pranams to all those who are engaged in spreading this Divya Gnan 🌺🌼🙏🙏🙏🌼🌺
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साधो ! साधो !
That is not the "Goal", that is "Enlightenment".
A Murderer has also a goal to kill someone.
Hey stop this ! First go and read there is nothing like till the goal is reached.
It is
उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधत। क्षुरस्य धारा निशिता दुरत्यया दुर्गं पथस्तत्कवयो वदन्ति - "उठो, जागो, और श्रेष्ठ जनों के पास जाकर बोध ग्रहण करो। विद्वान् मनीषी जनों का कहना है कि ज्ञान प्राप्ति का मार्ग उसी प्रकार दुर्गम है जिस प्रकार छुरे के पैना किये गये धार पर चलना" (कठ उपनिषद्, अध्याय १, वल्ली ३, श्लोक १४)
अद्भुत अद्वितीय अकल्पनीय
ऐसा हमारा इतिहास .....
आपको बधाई हो
Hari Om !
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आपका कथन सत्य है गुरुजी क्योंकि कोई जन्म से ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य और शुद नहीं होता क्योंकि बचपन मै उसे बच्चों को वैसा माहौल नहीं मिलता तो बच्चा कुछ भी ज्ञात नहीं होता कि वह कहां से और किस जाति का है मुझे बस यह पता है कि कोई मनुष्य कर्म से श्रेष्ठ होता है जाति से नहीं धन्यवाद
अगर कर्म के आधार पर पण्डित होगा या शूद्र वैश्य होगा तो दिन में कितने वर्ण बदलोगे ???
पैसा कमाने जाओगे तो वैश्य बन जाओगे
मेहनत करोगे तो शुद्र कहलाओगे.... सुबह घर मे पूजा पाठ करोगे तो पंडित बन जाओगे....
करोड़ो लोग ऐसे ही कितने वर्ण बदलेंगे..कोई एक पहचान क्या हॉगी ??? किसी की..??
किसके पुत्र कहलाओगे ?? किस वर्ण के पुत्र कहलाओगे ??? फिर वर्णों का महत्व क्या रह जायेगा ये तो बताओ....जो जैसे कर्म सबसे ज्यादा करता है..वो आदत उसके खून में आ जाती है... ये व्याख्या समाज मे कानून का पालन करने संविधान करने के लिए बनाया गया है नकली मिलावट करके... अगर वैश्य का पुत्र वैश्य नही होता जन्म से तो उसके अंदर कैसे व्यपारिक गुण आ जाते है?? पूरा गुजरात वैज्ञानिक रूप से उदाहरण है .. क्यों अम्बानी के परिवार वाले शूद्रों के कार्य नही कर रहे...."
@@i_am_hemant Sunn be dil n dimag kholke: Ambani ka khaandan mein koi to hoga, jo sarv-pratham janm se yeh sab nahi kar raha tha, saubhaagya tha uska ki use avasar diya gaya, usi prakaar har manushya ko avasar milne ka adhikaar hai, moorkh, taaki sampoorna Bhaarat ka bhi saubhaagya ho! 🇮🇳🙏🏻
Yadi tujh jaise ahankaariyon ke anusaar varna vyasvastha ko keval janm-gat hi mante, toh tu to kabhi Modi ji jaise mahapurushon ko Prime Minister of India (kshatriya) evam Dr BR Ambedkar ko buddhimaan banne, inke "janm-kul" ke kaaran shiksha grahan karne hi naa deta, swaarthi Manuvaadi..
Birth-based oppressive caste system ke kaaran hi hazaaron se varshon se tujh jaise andhkar-mein-rehne-wale jeevon ne sabhi manushyon se unka "equal opportunity" ka haq chheen'ne ka dussaahas kiya hai. Isi kukarm ka Bhaaratvarsh ne ab tak phal bhugta hai, kintu ab nahin... 👿
Ab hum sitaaron par apna naam ankit karenge tatha samast brahmaand mein ek hi dhwani goonjegi... ॐ
@@devanshxvii I agree with you, lines me sachchai ki mehak hain :), Shri Gurubhyo Namah 🙏
most satisfied episode in my life, in upanishad ganga, this one episode is enough to show who blindly burns the manu smrithi n who making a fun on sanathan dharm granths and believes....
I have no word to say, mind blowing !!!!! Hori OM Tatsat 🌹👏
Yeh serial har channel par har bhasha mei dikhaya jaana chahiye !! Yeh sanatan dharm ki moolbhoot vastavikta se parichai karwata hai. Utkarshtam prastuti ! Hare Krishna Hare Ram !!
Hari Om !
Acharya Vishnugupta makes a profound statement in Episode 18 regarding how a society should provide opportunities for and freedom to each individual to choose their field of service:
हर मनुष्य को अपना श्रम चुनने का अधिकार होना चाहिए क्योंकि वही पुरुषार्थ है।
Bhagwat Geeta 4.13
चातुर्वर्ण्यं मया सृष्टं गुणकर्मविभागश: |
तस्य कर्तारमपि मां विद्ध्यकर्तारमव्ययम्
Very convincing and with high wisdom. It is sad that some ill learned did not understand true purpose and meaning of this great system. All praises to Vishnugupta. With Such Acharya can a great nation rise.
अद्भुत अत्युत्तम प्रस्तुतीकरण उच्च कोटीका संवाद और अभिनय
ओम् नमः शिवाय🚩🌼📿 जय सनातन🙏 🚩🚩🚩
Aaj ke samay me is gyaan ki bahut zarurat hai.
Kaash ye sab batein koi thik se samjha sake jaise apne smjaya.
Bharat bhatak raha h
Sabko ye jankari honi zaruri h ki ved kya kehte hain or hum kaise galat arth k sath jee rhe hain.
Thank u team upnishad ganga🙏 being a Brahmin I bow down to u ki aapne is or dhyan diya
Hari Om !
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Great effort . Required in the present. Explains the principles of Sanatana Dharma lucidly. Pranam
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धन्यवाद बहुत अच्छा ज्ञान संग्रहित किया आपने
Hari Om !
वर्ण व्यवस्था की इससे बेहतर प्रस्तुति अभी तक नहीं देखी न सुनी l उत्कृष्ट कार्य
Hari Om!
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अदभुत औषधि है ये ज्ञान
Hari Om !
Really Chinmaya mission is doing best job for our nation
One of the Finest Written Stories....Hats off to Writer.....Just Brilliant
जय सियाराम ।
Jai siya ram 🌺
Hari Om !
Hare Krishna Hare Krishna, Krishna Krishna Hare Hare ❤.
Hare Ram Hare Ram, Ram Ram Hare Hare ❤.🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Saty ko pranam hai prnam hai dharm ko or prnam hai dharm ke rakshk ko ki ❤❤
હર હર ગંગા મૈયા જી 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
હર હર મહાદેવ ્્્્્્ૐ નમઃ શિવાય ્્્્્્ જય શ્રી કૃષ્ણ 🙏 કોટી કોટી પ્રણામ 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Really fantastic हरी ओम दंडवत प्रणाम तो चिन्मय मिशन 🌹🌷🙏🙏🙏
Janm se koi kisi varn ka nhi hota..bahut accha margdarshan kiya hai
Hari Om !
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कौन है?जो यह अनमोल उपनिषद प्रस्तुत किया है, उन्हें सत सत नमन 🙏🙏
Hari Om!
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अति स्पष्ट वर्णन 🙏🏻😍🙏🏻🙏🏻😍😍❤️🙏🏻😍😍💝😍💝💝😍💝😍💝😍💝😍💝😍💝😍💝💝😍😍💝😍💝😍😍🙏🏻😍🙏🏻😍😍💝🙏🏻😍😍💝😍🙏🏻😍💝😍🙏🏻😍🙏🏻🙏🏻😍💝😍🙏🏻😍🙏🏻😍🙏🏻😍💝😍🙏🏻🙏🏻😍💝💝😍💝😍💝💝😍🙏🏻😍💝😍💝😍🙏🏻😍💝😍💝😍🙏🏻😍💝😍🙏🏻😍💝😍🙏🏻😍😍😍💝😍😍🙏🏻😍💝😍🙏🏻😍🙏🏻🙏🏻😍💝😍💝😍💝😍
Best episode of the upnishad ganga 👍👍👍🙏🙏🙏
bahut sunder. dhanyawad es maha gyan dene ke liye
परम शांति ❤️🙏🙏🙏🙏
Hari Om !
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Shree shivay namstubhyam ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
I have no words to thank the team for this amazing series. Thanks a lot. Keep making these kind of serials. Thanks you so so much.🙏
Mahaan hai apna sanatana dharma dhanya hai humare purvaj dhanya hai humre ishwar ❤❤❤
Hari Om !
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Dhanyabad chinmaya chennal ko
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Ye maya moh maya me hi uljhi hai duniya or sabhi hona jaruri hai Srishti ke liye gtiman rkhne ke liye संघर्ष के लिए जीवन के लिए परमेश्वर के लिए pram aanand me विलीन होने के लिए मुक्ति मोक्ष के लिए ये सब परीक्षा मात्र हैं इनसे जो उलझकर सुलझता है वे परमात्मा में विलीन हो जाता है है प्रभु तेरी माया 🙏🙏🙏🙏
Hari Om !
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Yasya prasadat bhava mangalartha
Prasuta Gangopanishat vishuddha
Samarpayamo guru chinmayaya
Bhuyat prasanna sa shivasvarupah!!
Well presented and said. End part of episode is so relevant. Coincidentally this episode was telecasted on same day on DD National before Aamir khan's notanki in Satyamev Jayate on same topic.
Is katha me ek bat samjhi hmne ki achary chanaky ne chandr gupt ko raja bnane ke liye kitni parikchaye di hongi kitne logo ke virodh ka samna kiya hoga mhan gyani chanky ko mera koti koti naman hai 🙏🚩
excellent way, of showing evidence to prove their points and ideologies
Ati sundar satty vachan Jay ho jay Jay Jay ho❤❤❤❤❤
राधा कृष्ण राधे
Vahh!!! Ise dekh mere aasu nikal gye
Kya shandaar tarike se Acharya Chanakya ne jaativaad ka khanadan
Bahut aachi eposide h isko sabko dekhna chahiye
Har har mahadev🙏🙏🤎🤎🌺🌺🌺🌷🌷🌷✡✡✡🕉🕉🕉🔱🔱🔱🚩🚩🚩🇨🇮🇨🇮🇨🇮🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿☘☘☘☘☘☘
अप्रतिम 🎉👌👌🙏🙏🙏❤️❤️❤️🙏🙏🙏❤️❤️❤️
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Need of the hour!
Hari Om !
तथाकथित ब्राम्हणों और कथावाचकों ने हमारे समाज में अज्ञानता परोसी है जिससे हमारा समाज पतन के गर्त में गिरा है।
आर्यसमाज ही वर्ण व्यवस्था का सही अर्थ प्रस्तुत करता है।
कृण्वन्तो विश्वमार्यम् 🌹🌹🌹🌹☂️🙏
Hari Om !
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Om Shri Guruvyo Namah 🙏🙏🙏🌷🌷
वर्ण व्यवस्था का वास्तविक अर्थ समझकर आत्मिक शांति का अनुभव हुआ ❤
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अति सुन्दर रचना है वर्ण व्यवस्था ❤👍 धन्यवाद 🙏🙏
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Knowledge sharing is great. My gratitude to mission and God
very detailed and correct explaination of varna system, thank you 🙏 for showing light on this concept of varna system.
अद्भुत
Brilliant Brilliant Brilliant Episode!!!!!!!
Tones of thanks for this easy explanation of all Vedas ❤❤❤❤❤
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What a great performance thank you Upnishad ganga for taught us a valuable lesson .🙏🙏
Hari Om !
Koti koti Pranaam Aacharya -- Chasnakya
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🙏 pranam Swamiji
Kitane galat अर्थ निकाला कुछ ब्राह्मण ne hamare वर्ण ka 😔😥😥
Bewkoof ye brahmano ne hi ye sahi artha btaya hai ye kaun sochega
Yagyawalka
@@shaguntextile3381banayaya hi kyu varn vyavastha
श्रम विभाजन के लिए। सामाज में कार्यो को बांटने की आवश्यकता था जैसे घर मे कार्यो का बटवारा होता है । वर्ण व्यवस्था आज के व्यवसायों जैसी ही थी जैसे आज आप चुनाव जीतके राजनीति में जा सकते है , एग्जाम निकालके नौकरी पा सकते है और कुछ न कर पाए तो मजदूरी करनी पड़ेगी।
@@adityarathore330 बिलकुल गलत आजकी परिस्थि में एग्जाम देके या जंग(चुनाव) जितके राजा बन सकते है। लेकिन ये वर्ण व्यवस्था का गलत अर्थ समाजके नजाने कितने लोग ऊंचे वर्ण मे जन्म लेने वालो के बीच पिस गए क्युकी तब उनके लिए एग्जाम या चुनाव की व्यवस्था नही थी।
@@patelkashyap1708 मूल स्वरूप में वर्ण व्यवस्था ऐसी नही थी । बाद में उसमे विकृति आ गयी।
"जिस विराट पुरुष के पैरों से शूद्रों का जन्म हुआ, उसी विराट पुरुष के पैरों से पृथ्वी और नाभि से अन्तरिक्ष का जन्म हुआ था।"
ये जानकारी इस वीडियो के माध्यम से आज ही मिली👌🏼
Hari Om!
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बेहद सुंदर विवरण🎉🎉
Hari Om!
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Every so called Buddhist and bhimvadi must watch this
Fake moolnivasi neo Buddhists
गजब बेमिसाल शुक्रिया
Really great hai SANATAN👍👍👍👍
अति उत्तम ज्ञान
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वाह जी वाह बहुत सुंदर ❤️🙏
One of the best videos on this channel...
Ye bate aj ke jatav samaj ke har ak vyakti pta hona chahiye 🙏 jai shree ram
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आचार्य प्रशांत❤❤❤
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amazing So explainable , knowledgeable . what a great episode
आपका बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🙏🙏🥰🥰