संगीतमय श्रीरामचरितमानस बालकाण्ड दोहा 111 से 115, ramcharitmanas। पं. राहुल पाण्डेय

แชร์
ฝัง
  • เผยแพร่เมื่อ 12 มิ.ย. 2024
  • जय श्रीराम 🙏 मैं राहुल पाण्डेय आप लोगों के बीच रामचरितमानस की चौपाइयों का गान करने के लिए प्रस्तुत हुआ हूं और इस आशा से कि ये चौपाइयां जो महामंत्र स्वरूप हैं और जिनका गान बाबा विश्वनाथ भी करते हैं "महामंत्र सोई जपत महेसू" इनकी गूंज विश्व के कोने-कोने में सुनाई दे जिससे नकारात्मक ऊर्जा का ह्रास हो और सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो।
    मैं सोशल मीडिया के माध्यम से रामचरितमानस को जन-जन तक पहुंचाना चाहता हूं। यदि मेरा यह प्रयास सार्थक लगता है तो आशीर्वाद दीजीए । आप लोगों से करबद्ध निवेदन है कि इन चौपाइयों को यदि संभव हो सके तो साथ में बैठकर रामचरितमानस को लेकर मेरे साथ गान करें। यदि गान नहीं कर पा रहे तो इस वीडियो के माध्यम से इन चौपाइयों को बजाएं और अपने घर तथा आस पास के वातावरण में गुंजायमान होने दें। और अधिक से अधिक लोगों तक शेयर करें जिससे सभी का कल्याण हो। गोस्वामी तुलसीदास जी ने लिखा है...
    "कहहि सुनहि अनुमोदन करहीं।
    ते गोपद ईव भव निधि तरहीं।।"
    जय श्रीराम🙏
    संगीतमय श्रीरामचरितमानस बालकाण्ड दोहा 111 से 115, ramcharitmanas। पं. राहुल पाण्डेय
    पुनि प्रभु कहहु सो तत्व बखानी। जेहिं बिग्यान मगन मुनि ग्यानी॥
    भगति ग्यान बिग्यान बिरागा। पुनि सब बरनहु सहित बिभागा॥
    औरउ राम रहस्य अनेका। कहहु नाथ अति बिमल बिबेका॥
    जो प्रभु मैं पूछा नहि होई। सोउ दयाल राखहु जनि गोई॥
    तुम्ह त्रिभुवन गुर बेद बखाना। आन जीव पाँवर का जाना॥
    प्रस्न उमा कै सहज सुहाई। छल बिहीन सुनि सिव मन भाई॥
    हर हियँ रामचरित सब आए। प्रेम पुलक लोचन जल छाए॥
    श्रीरघुनाथ रूप उर आवा। परमानंद अमित सुख पावा॥
    दोहा- मगन ध्यानरस दंड जुग पुनि मन बाहेर कीन्ह।
    रघुपति चरित महेस तब हरषित बरनै लीन्ह॥१११॥
    झूठेउ सत्य जाहि बिनु जानें। जिमि भुजंग बिनु रजु पहिचानें॥
    जेहि जानें जग जाइ हेराई। जागें जथा सपन भ्रम जाई॥
    बंदउँ बालरूप सोई रामू। सब सिधि सुलभ जपत जिसु नामू॥
    मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवउ सो दसरथ अजिर बिहारी॥
    करि प्रनाम रामहि त्रिपुरारी। हरषि सुधा सम गिरा उचारी॥
    धन्य धन्य गिरिराजकुमारी। तुम्ह समान नहिं कोउ उपकारी॥
    पूँछेहु रघुपति कथा प्रसंगा। सकल लोक जग पावनि गंगा॥
    तुम्ह रघुबीर चरन अनुरागी। कीन्हहु प्रस्न जगत हित लागी॥
    दोहा- रामकृपा तें पारबति सपनेहुँ तव मन माहिं।
    सोक मोह संदेह भ्रम मम बिचार कछु नाहिं॥११२॥
    तदपि असंका कीन्हिहु सोई। कहत सुनत सब कर हित होई॥
    जिन्ह हरि कथा सुनी नहिं काना। श्रवन रंध्र अहिभवन समाना॥
    नयनन्हि संत दरस नहिं देखा। लोचन मोरपंख कर लेखा॥
    ते सिर कटु तुंबरि समतूला। जे न नमत हरि गुर पद मूला॥
    जिन्ह हरिभगति हृदयँ नहिं आनी। जीवत सव समान तेइ प्रानी॥
    जो नहिं करइ राम गुन गाना। जीह सो दादुर जीह समाना॥
    कुलिस कठोर निठुर सोइ छाती। सुनि हरिचरित न जो हरषाती॥
    गिरिजा सुनहु राम कै लीला। सुर हित दनुज बिमोहनसीला॥
    दोहा- रामकथा सुरधेनु सम सेवत सब सुख दानि।
    सतसमाज सुरलोक सब को न सुनै अस जानि॥११३॥
    रामकथा सुंदर कर तारी। संसय बिहग उडावनिहारी॥
    रामकथा कलि बिटप कुठारी। सादर सुनु गिरिराजकुमारी॥
    राम नाम गुन चरित सुहाए। जनम करम अगनित श्रुति गाए॥
    जथा अनंत राम भगवाना। तथा कथा कीरति गुन नाना॥
    तदपि जथा श्रुत जसि मति मोरी। कहिहउँ देखि प्रीति अति तोरी॥
    उमा प्रस्न तव सहज सुहाई। सुखद संतसंमत मोहि भाई॥
    एक बात नहि मोहि सोहानी। जदपि मोह बस कहेहु भवानी॥
    तुम जो कहा राम कोउ आना। जेहि श्रुति गाव धरहिं मुनि ध्याना॥
    दोहा- कहहि सुनहि अस अधम नर ग्रसे जे मोह पिसाच।
    पाषंडी हरि पद बिमुख जानहिं झूठ न साच॥११४॥
    अग्य अकोबिद अंध अभागी। काई बिषय मुकर मन लागी॥
    लंपट कपटी कुटिल बिसेषी। सपनेहुँ संतसभा नहिं देखी॥
    कहहिं ते बेद असंमत बानी। जिन्ह कें सूझ लाभु नहिं हानी॥
    मुकर मलिन अरु नयन बिहीना। राम रूप देखहिं किमि दीना॥
    जिन्ह कें अगुन न सगुन बिबेका। जल्पहिं कल्पित बचन अनेका॥
    हरिमाया बस जगत भ्रमाहीं। तिन्हहि कहत कछु अघटित नाहीं॥
    बातुल भूत बिबस मतवारे। ते नहिं बोलहिं बचन बिचारे॥
    जिन्ह कृत महामोह मद पाना। तिन् कर कहा करिअ नहिं काना॥
    सोरठा- अस निज हृदयँ बिचारि तजु संसय भजु राम पद।
    सुनु गिरिराज कुमारि भ्रम तम रबि कर बचन मम॥११५॥
    #viral #motivation #ram #krishna #shriram #shrikrishna #ayodhya #mathura #indianhistory #bhakti #religion #truth #ramayan #mahabharat #sitaram #motivationalvideo #quotes #achhevicharinhindi #shriramcharitmanas #shriram #hanuman #sholka #choupai #doha #ramayan #tulsidas
  • เพลง

ความคิดเห็น •