कृष्ण कल्पित को मैं पहली बार जान सुन रहा हूँ l वह अनैतिक जीवन स्तर के नैतिक कवि हैं l वह बोरिंग भी हैं, बेहतरीन भी हैं l समकालीन कविता पर उनके विचार और नन्द किशोर आचार्य के विचार को यहाँ सुनकर मुझे अच्छा लगा l नंद किशोर आचार्य थोड़े बेहतर लगे l
बेबाक़ और ईमानदारी ने इस साक्षात्कार को अनूठा बना दिया. अंजुम जी द्वारा पूछे कठिन लगते प्रश्न और कल्पित जी द्वारा सच्चाई को याद करते हुए जवाब ने इस साक्षात्कार को अनुकरणीय का दर्जा दे दिया
कृष्ण कल्पित जी को BA में समानांतर साहित्य उत्सव के समय से फॉलो कर रहा था.. आज का संवाद हृदयस्पर्शी तो था ही साथ ही हमारे लिए 'फूड फॉर थॉट' भी था। ✨🙏 Thank You Anjum ji।
आदरणीय कृष्ण कल्पित के इस साक्षात्कार का मैं कल से इंतज़ार कर रहा था. उन्होंने अनेक उल्लेखनीय और विचारणीय बातें कहीं हैं, जिस पर सुनकर, गुनता रहा. ऐसे ज़िंदा शख़्स और पूरे कवि को दिल से दुआएँ, ज़िंदाबाद जनाब कल्पित जी.
कविता का नया शास्त्र रचने वाले कल्पित जी ने फिलिस्तीन की युद्ध संबंधित कविताओं पर जो टिप्पणी की उसे सुनकर खेद हुआ। अनुभूति प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों ही हो सकती है। हमेशा ज़रूरी नहीं कि उस दृश्य या घटना के साक्षी आप हों। यदि यही कसौटी है लेखन की तो हम सबका जीवन अनुभव इतना व्यापक नहीं है और न ही हमारे पास इतना समय है कि दुनिया की हर जगह उपस्थित हो पाएं। प्रत्यक्षता ही शर्त है लिखने की तो बहुत छोटा दायरा ही होगा। फिर संवेदना जैसे शब्द का भी थोड़ा सा ही अर्थ हम समझ सकते हैं। दूसरी बात अशोक वाजपेयी जी की कविताओं पर टिप्पणी बेमतलब की लगी।
एक स्पष्टवादी व्यक्ति का सुंदर साक्षात्कार🙏🙏 अंजुम जी आपसे अनुरोध है अगर संभव हो तो अशोक चक्रधर जी को भी आमंत्रित करें। आप के माध्यम से उन्हें जानने का अनुभव बाद ही रोचक होगा ।🙏🙏
एक प्रश्न 'जाली किताब' पढ़ने के बाद से ही मेरे मन में चल रही थी कि लेखक ने इसे उपन्यास क्यों कहा इसे तो आलोचना होना चाहिए, वो प्रश्न आज आपने कर ही दिया। अच्छा लगा। 😊 बहुत बहुत शुक्रिया।
कल्पित जी की कई बातें सचमुच विचारणीय है और इस तरह कहना जबकि अब जानी मानी पत्रिकाओं में गद्यात्मक कविताएँ ही आ रही हैं, कहना काफी विस्फोटक है पर सत्य है।
अंजुम जी आपका तरीका बहुत शानदार है, आपसे निवेदन है कि जिनका साक्षात्कार लेते हैं, उनका माइक थोड़ा सा ऊपर रखा करें, आवाज़ अपेक्षा से कम सुनाई देता है बिना इयरफोन के।
Sahi kaha sir ne... Kavita se chhand chhin liya...Kahani se Katha hata kar amurt le aaye... aur Aalochna se imandari hata di...Ganimat hai ki Hindi fir bhi jinda hai...
कृष्ण कल्पित एस एम एस और ह्वाट्सएप कविताई के भी कवि रहे हैं, लेकिन मझे हिन्दनामा पसंद है। अशोक वाजपेई ने बिजनेस स्टैंडर्ड में एक बार खुद को आर्टोक्रेट कहा था।
अंजुम जी तो शायद जवाब न दें, कुछ ख्यातिप्राप्त उपन्यास बता देता हूॅं, शायद आपके काम आ जाए: १. राग दरबारी २. मैला आंचल ३. नौकर की कमीज़ ४. तमस ५. कसप ६. मानस का हंस ७. बारामासी ८. शेखर एक जीवनी ९. नीला चांद १०. सारा आकाश ११. अंतिम अरण्य
Mr. Anjum has done Ph.D but he has a perception that he knows more than the great authors and poets who come as guest in the show.Anjum should know we watch these interviews because of guests and not the interviewer.So Anjum should come down from the ivory tower and learn the art of humility.
कल्पित जी इतने वरिष्ठ लेखक होते हुए बहुत विनम्र हैं। अंजुम जी की जितनी तारीफ करूँ कम है। अपने विचारों को इतने साफगोई से रखने के लिए कल्पित जी को बधाई🌹
जिसको छंद का ज्ञान है वही सटीक छंदमुक्त कविता लिख सकता है। बहुत सही कहा कल्पित जी।
Sir से फेसबुक के माध्यम से ही परिचय है. आपकी हर पोस्ट पढ़ती हूँ. आपके तरन्नूम और कविताएँ ... अद्भुत. आपकी सृजनात्मकता बनी रहे... ऐसी शुभकामना है.
Krishan kalpit Ji ko Sunkar bhut achchhaa lag…❤
कृष्ण कल्पित को मैं पहली बार जान सुन रहा हूँ l
वह अनैतिक जीवन स्तर के नैतिक कवि हैं l
वह बोरिंग भी हैं, बेहतरीन भी हैं l
समकालीन कविता पर उनके विचार और नन्द किशोर आचार्य के विचार को यहाँ सुनकर मुझे अच्छा लगा l नंद किशोर आचार्य थोड़े बेहतर लगे l
बहुत बढ़िया जी सही कहा आपने गुरु जी
बेबाक़ और ईमानदारी ने इस साक्षात्कार को अनूठा बना दिया. अंजुम जी द्वारा पूछे कठिन लगते प्रश्न और कल्पित जी द्वारा सच्चाई को याद करते हुए जवाब ने इस साक्षात्कार को अनुकरणीय का दर्जा दे दिया
शानदार बातचीत रहीं, कृष्ण कल्पित जी को शुक्रिया और स्वस्थ रहें ऐसी शुभकामनाएं देता हूं ❤
शानदार।
कृष्ण कल्पित जी को BA में समानांतर साहित्य उत्सव के समय से फॉलो कर रहा था.. आज का संवाद हृदयस्पर्शी तो था ही साथ ही हमारे लिए 'फूड फॉर थॉट' भी था। ✨🙏 Thank You Anjum ji।
Interview was amazing, interviewer was very clear in his approach but kalpit sir has a vast difference between his personality and creativity.
रोचक लगी यह बातचीत भी।
कल्पित जी का व्यक्तित्व, साक्षात्कार के लिए ऐसे ही तैयारी अपेक्षित थी।
बहुत बधाई अंजुम जी ।
आपको सुनकर बहुत अच्छा लगा जी
कवि आदर्श जीवन नहीं जी सकता। फिर आदर्श जीवन कौन जिएगा ?
वाह पूरी बातचीत शानदार
बारा मासा कविता कितनी शानदार है, घंटों का भाषण और लंबे लंबे लेख लिख कर यह बातें कही जा सकती हैं,
इंटरव्यू कल्पित से अधिक अंजुम शर्मा का है.अंजुम का बेहतर विश्लेषण हुआ ❤
आदरणीय कृष्ण कल्पित के इस साक्षात्कार का मैं कल से इंतज़ार कर रहा था. उन्होंने अनेक उल्लेखनीय और विचारणीय बातें कहीं हैं, जिस पर सुनकर, गुनता रहा. ऐसे ज़िंदा शख़्स और पूरे कवि को दिल से दुआएँ, ज़िंदाबाद जनाब कल्पित जी.
कविता का नया शास्त्र रचने वाले कल्पित जी ने फिलिस्तीन की युद्ध संबंधित कविताओं पर जो टिप्पणी की उसे सुनकर खेद हुआ। अनुभूति प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों ही हो सकती है। हमेशा ज़रूरी नहीं कि उस दृश्य या घटना के साक्षी आप हों। यदि यही कसौटी है लेखन की तो हम सबका जीवन अनुभव इतना व्यापक नहीं है और न ही हमारे पास इतना समय है कि दुनिया की हर जगह उपस्थित हो पाएं। प्रत्यक्षता ही शर्त है लिखने की तो बहुत छोटा दायरा ही होगा। फिर संवेदना जैसे शब्द का भी थोड़ा सा ही अर्थ हम समझ सकते हैं।
दूसरी बात अशोक वाजपेयी जी की कविताओं पर टिप्पणी बेमतलब की लगी।
एक स्पष्टवादी व्यक्ति का सुंदर साक्षात्कार🙏🙏 अंजुम जी आपसे अनुरोध है अगर संभव हो तो अशोक चक्रधर जी को भी आमंत्रित करें। आप के माध्यम से उन्हें जानने का अनुभव बाद ही रोचक होगा ।🙏🙏
एक प्रश्न 'जाली किताब' पढ़ने के बाद से ही मेरे मन में चल रही थी कि लेखक ने इसे उपन्यास क्यों कहा इसे तो आलोचना होना चाहिए, वो प्रश्न आज आपने कर ही दिया। अच्छा लगा। 😊
बहुत बहुत शुक्रिया।
उद्भट कविहृदय लेखक का अद्भुत साक्षात्कार 🎉
सर मैं बगड़ हूँ जी ❤
अंजुम ने बहुत मेहनत की है
बहुत सुंदर
आख़िरी गीत। बहुत सुंदर ❤
मैं भी शेखावाटी से हूँ😊
मीरा पर कल्पित जी के सुन्दर विचार एवं भावनांए
कल्पित जी की कई बातें सचमुच विचारणीय है और इस तरह कहना जबकि अब जानी मानी पत्रिकाओं में गद्यात्मक कविताएँ ही आ रही हैं, कहना काफी विस्फोटक है पर सत्य है।
Thank you..❤
अंजुम जी आपका तरीका बहुत शानदार है, आपसे निवेदन है कि जिनका साक्षात्कार लेते हैं, उनका माइक थोड़ा सा ऊपर रखा करें, आवाज़ अपेक्षा से कम सुनाई देता है बिना इयरफोन के।
जोरदार...
Krishna kalpit ji ka sakshatkar sunne mein bahut maza aya
कविता को कंठहार होना चाहिए बिल्कुल सही कहा
निराला जी की मुक्त छन्द कविता में भी लय है एक कहन है। सरस है। जटिल नहीं है।
I'm from half Anchor, Sir Aapka interview, point of view Kamal ka hai.
Sir please join us
31:25 ❤❤
Sahi kaha sir ne... Kavita se chhand chhin liya...Kahani se Katha hata kar amurt le aaye... aur Aalochna se imandari hata di...Ganimat hai ki Hindi fir bhi jinda hai...
सुन्दर संवाद , शुक्रिया ।😊😊
अंजुम जी बातचीत का रस भरपूर है पर मुझे लगा कि रचनाकार को परीक्षाहॉल में बैठाकर उसके शब्द प्रयोग पर स्पष्टीकरण मांगा गया है....
बहुत सुंदर साक्षात्कार।
अशोक वा. जी पर की गई टिप्पणी से सहमत हूं. ❤
कोई सिरा ही नहीं समझ आ रहा
अच्छी बातचीत
कृष्ण कल्पित एस एम एस और ह्वाट्सएप कविताई के भी कवि रहे हैं, लेकिन मझे हिन्दनामा पसंद है।
अशोक वाजपेई ने बिजनेस स्टैंडर्ड में एक बार खुद को आर्टोक्रेट कहा था।
निराला जीवन भर छंद मे लिखते रहे l छंद कभी छोड़ा नहीं l
बहुत खूब
35:00 ईरान एक तरह से राजस्थान से बहुत दूर नहीं। जब तक राष्ट्र राज्यों का उदय नहीं था ईरान पड़ौसी था
नाटक में कथा होती है कलपित जी
Anjum Bhai ne Kavya Shastra nahi padhi hai...bhangima se pata chalta hai.
Anjum sir mujhe hindi ki best 📕 bataiye उपन्यास
अंजुम जी तो शायद जवाब न दें, कुछ ख्यातिप्राप्त उपन्यास बता देता हूॅं, शायद आपके काम आ जाए:
१. राग दरबारी
२. मैला आंचल
३. नौकर की कमीज़
४. तमस
५. कसप
६. मानस का हंस
७. बारामासी
८. शेखर एक जीवनी
९. नीला चांद
१०. सारा आकाश
११. अंतिम अरण्य
Sandarbh granth lene chahiye thhe see Anjums ego in this question
31:21 मैं इनकी महफ़िल का साक्षी रहा हूँ
19:00 लेखक जी तुम क्या लिखते हो
It Seems that Mr.Anjum is taking a Ph.D. viva voice of Shri.Kalpit .It is not an interview.
सहृदय समय को धर लेता है,भाई!हां, रचना होनी चाहिए।बस।
पुरस्कार मिल जाये तो कवि स्काच पी लेगा.बेचारा कवि बिना पुरस्कार के देसी से काम चलाने के लिये अभिशप्त है.😀
Leeladhar Jagudi... Rajesh Joshi...Manglesh Dabralon ne Hindi Kavita ki Lalten ko Pahad par tang di aur use Aranya Rodan bana diya.
Mr. Anjum has done Ph.D but he has a perception that he knows more than the great authors and poets who come as guest in the show.Anjum should know we watch these interviews because of guests and not the interviewer.So Anjum should come down from the ivory tower and learn the art of humility.
Nahi bhai...anjum jaise vigya sakshatkar ka hona aavashyak hai...aur bahut logon ko aanand aaraha hai.
गुलज़ार साब पर कल्पित जी की टिपणी अच्छी नहीं लगी। गुलज़ार महान हैं।