हिन्दू शब्द की उतपत्ति के विषय में आपका प्रस्तुत शोध अत्यंत सीमित लगा ....मुस्लिम लोगों ने स को ह बना दिया यह एक बहुत बड़ी भ्रांति है । स से ह कैसे बना इसके लिए आपको पंजाब या पंजाबी भाषा को समझना होगा ।
सर आपकि respect करता हू. पर कुछ बातो पर मे प्रकाश डालाना चाहता हू.बृहस्पति आगम ये बुक ये उत्तर-वैदिक ग्रंथ हैं, अन्य लोग पूर्व-वैदिक रचनाओं के रूप में ११०० ईसा पूर्व से अधिक पुराने हैं। पुरालेखीय और पुरातात्विक साक्ष्य बताते हैं कि आगम ग्रंथ पहली सहस्राब्दी ईस्वी के मध्य तक, पल्लव राजवंश युग में अस्तित्व में थे। ये बुक मे हिंदुस्थान word पहले से ही था. पारसी लोगो ने कभी भी हिंदु word का जो गलत मतलब बताते है वो नही दिया है. वो 18 century मे लोगो के सामने अलग ये गंदा मतलब लाया था. ये word कहा से आया कब आया इसमे तो अभि भी पुरी जाणकारी नही है. पर ये word वेदो मे, गीता मे नही है. ये after महाराभारत आया है. अभि कुछ information मिली उस हिसाब से बता सकता हू. बाकी और भी detail मिले गी तब share करुंगा. आप please arya lok ki hindu shabd ka शडयंत्र ये विडिओ search करे थोडी और detail मिल जायेगी. पर अभि भी कुछ confirm नही है.
The opinion is authantic and is based on facts which has been accepted by all the authors and historians.there is no dispute on this matter , however the neo exponent of a new belief , are misleading the masses by presenting a new ifes which suits their fundamentalist designs and religious nationalism .There are no sources which they produce in support of their theory .
आदरणीय @gargvijay8972🙏! श्री पुनियानी पूरी तरह से सही नहीं हैं। यह हमारे देश की एक बड़ी समस्या है. भारत में इतिहास एक बहुत ही चिंताजनक विषय है। इतिहास पर कुछ भी बात करें, कुछ समर्थन करेंगे, कुछ विरोध. स्थिति ऐसी क्यों है? स्वतंत्रता संग्राम काल में भारतीय हिन्दू धर्म को लेकर विभाजित थे। परम्परागत हिन्दू, हिन्दू धर्म के पक्षधर थे। महात्मा फुलेजी, डॉ. अम्बेडकरजी और पेरियारजी जैसे समाज सुधारक हिन्दू धर्म के विरोधी थे। वे हिन्दू धर्म को निम्न धर्म समझते थे। इसलिए उस काल की सत्तारूढ़ हिंदू पार्टी, कांग्रेस पार्टी ने नेहरूजी के नेतृत्व में हिंदू धर्म की स्थिति पर एक पवित्र समझौता अपनाया। और इसलिए उनकी सरकार में हिंदू धर्म के दो चरमपंथ शामिल थे.... वह हैं माननीय डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकरजी और माननीय शमाप्रसाद मुखर्जी (सावरकरजी के शिष्य और वर्तमान भाजपा के पिता) समय के साथ, चीजें गलत हो गई हैं।जिस व्यक्ति ने देश को एकता के सूत्र में पिरोया, वह अब गद्दार है।सावरकर को पाठ्यपुस्तक में शामिल करने और नेहरू को हटाने की हालिया घटना भी इसी हास्यास्पद प्रवृत्ति का हिस्सा है। मैं बुनियादी मुद्दे पर इस विरोधाभास को दूर करने के लिए एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए सबसे सही तरीका बता रहा हूं। इस विरोधाभास ने जाति या धर्म या राजनीतिक झुकाव के आधार पर इतिहास के विभिन्न संस्करणों को जन्म दिया है। ऐसा इतिहास बहुत गंभीर धार्मिक और जातिगत विवादों का कारण बन रहा है। इसने हमारे देश को मूर्ख राष्ट्र में बदल दिया है। हमें इतिहास पर एकमत होने की जरूरत है. इतनी बुनियादी बात हम सुलझा नहीं पाते और दावा करते हैं विश्वगुरु होने का. हकीकत तो यह है कि मूर्खता में हम विश्वगुरु हैं। मूलतः इतिहास एक शैक्षणिक विषय है। लेकिन भारत में यह एक राजनीतिक उपकरण बन गया है।इसे अकादमिक विषय बनाने के लिए हमें संघर्षों, विरोधाभासों का समाधान करना होगा। मैं इतिहास, जाति और धर्म से संबंधित विवादों को सुलझाने के लिए देशव्यापी चर्चा करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन करना शुरू कर दिया और अब सरकार के आशीर्वाद से मैं देशव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं।सरकारी सहयोग जरूरी है. मैं देश के हर नागरिक को इसमें शामिल करना चाहता हूं. मैंने आवश्यकताओं के अनुरूप चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिंदुओं पर उचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल आबादी जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य का पता लगाने में सक्षम है। कृपया राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें और साझा करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
*तिरंगा तो हर मन में है,* *घर घर तो रोजगार चाहिए।* *मंहगाई से छुटकारा चाहिए।* *जातिवाद से मुक्ति चाहिए।* *नफ़रत मुक्त भारत चाहिए।* * *राजनीति की गंदगी से आजादी चाहिए।* 🇮🇳 *तिरंगा तो हम लहराते आए हैं और लहराएंगे, तुम तो देश की इन समस्याओं पर ध्यान दो साहेब।* 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
@@up8199 KHANA BHI khaate ho ya SIRF NAARE laga laga kar peit bhar JATA hai , chaal ko samajho yaar , sattah HAASIL KARNE KE liye Hinduism POORAV CAG VINOD RAI NE sab clear kar DIYA hai . CAG KA HI PATA NAHIN HOGA SHAYAD ?
Mukesh sir , आप लोगों के विश्लेषण से तो यह पता चलता है कि ' हिंदू ' कोई धर्म है हि नहीं.... लेकिन , यह बात अगर कोई 'गैर हिंदू ' कह दे तो बवाल मच जाएगा....;
तो फिर वेद पुराण और गीता भी वही लिख के गए? गजब का ज्ञान बांट रहे हो। एहसान मान लो उनका सभ्य बना के गए, बड़ी हमदर्दी थी उन्हें सनातनियों से या हमारी संस्कृति बर्बाद कर गए?
today hinduism means anti-islam (and anti-christianity, but in christian lands, christianity also is anti-islam). because islam is worship of One Creator. others are multiple "gods".
पिछले सैकड़ों साल से यही कहते आए है कि सबका मालिक एक पर यहां तो राग ही एकतरफा गया जा रहा है हम तुम्हारे धर्म पे सवाल उठाएंगे कि कब आया कैसे आया ये सवाल उस धर्म के अनुयाई उठा रहे है जब हिन्दू धर्म अपने चरम पर था तब इनका पता भी नहीं था उस पर तुर्रा ये कि अगर कोई उनके धर्म पर बोल दे तो सिर तन से जुदा ।दुनिया में एक भी मुल्क ऐसा नहीं जहा के बहुसंख्यकों के खिलाफ बोलने की हिम्मत कर सके यहां तो बहुसंख्यकों की गर्दन काटी जा रही है और प्रतिक्रिया में हम चुप है क्योंकि हम देश से इसकी व्यवस्था से प्यार करते है और देश की उन्नति चाहते है
१. भारत देश का नाम कैसे और किसने दिया? २.आद्य जगद्गुरु शंकराचार्य किस कालखंड में हुए? ३. उन्होंने हिंदू और हिंदुधर्म के लिए क्या कार्य किया? इन बातों को लेकर इस व्हिडिओ में कुछ नहीं कहां गया। हिंदू के बारे में कहीं गई बातों से पुर्ण समाधान नहीं होता, हिंदू के बारे में कहीं गई गोलमोल बातें से हिंदूओंकी स्तुती है या निंदा ये भी स्पष्ट नहीं होता। 🇮🇳❤️🚩 वंदे मातरम।
आदरणीय 🙏! श्री पुनियानी पूरी तरह से सही नहीं हैं। यह हमारे देश की एक बड़ी समस्या है. भारत में इतिहास एक बहुत ही चिंताजनक विषय है। इतिहास पर कुछ भी बात करें, कुछ समर्थन करेंगे, कुछ विरोध. स्थिति ऐसी क्यों है? स्वतंत्रता संग्राम काल में भारतीय हिन्दू धर्म को लेकर विभाजित थे। परम्परागत हिन्दू, हिन्दू धर्म के पक्षधर थे। महात्मा फुलेजी, डॉ. अम्बेडकरजी और पेरियारजी जैसे समाज सुधारक हिन्दू धर्म के विरोधी थे। वे हिन्दू धर्म को निम्न धर्म समझते थे। इसलिए उस काल की सत्तारूढ़ हिंदू पार्टी, कांग्रेस पार्टी ने नेहरूजी के नेतृत्व में हिंदू धर्म की स्थिति पर एक पवित्र समझौता अपनाया। और इसलिए उनकी सरकार में हिंदू धर्म के दो चरमपंथ शामिल थे.... वह हैं माननीय डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकरजी और माननीय शमाप्रसाद मुखर्जी (सावरकरजी के शिष्य और वर्तमान भाजपा के पिता) समय के साथ, चीजें गलत हो गई हैं।जिस व्यक्ति ने देश को एकता के सूत्र में पिरोया, वह अब गद्दार है।सावरकर को पाठ्यपुस्तक में शामिल करने और नेहरू को हटाने की हालिया घटना भी इसी हास्यास्पद प्रवृत्ति का हिस्सा है। मैं बुनियादी मुद्दे पर इस विरोधाभास को दूर करने के लिए एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए सबसे सही तरीका बता रहा हूं। इस विरोधाभास ने जाति या धर्म या राजनीतिक झुकाव के आधार पर इतिहास के विभिन्न संस्करणों को जन्म दिया है। ऐसा इतिहास बहुत गंभीर धार्मिक और जातिगत विवादों का कारण बन रहा है। इसने हमारे देश को मूर्ख राष्ट्र में बदल दिया है। हमें इतिहास पर एकमत होने की जरूरत है. इतनी बुनियादी बात हम सुलझा नहीं पाते और दावा करते हैं विश्वगुरु होने का. हकीकत तो यह है कि मूर्खता में हम विश्वगुरु हैं। मूलतः इतिहास एक शैक्षणिक विषय है। लेकिन भारत में यह एक राजनीतिक उपकरण बन गया है।इसे अकादमिक विषय बनाने के लिए हमें संघर्षों, विरोधाभासों का समाधान करना होगा। मैं इतिहास, जाति और धर्म से संबंधित विवादों को सुलझाने के लिए देशव्यापी चर्चा करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन करना शुरू कर दिया और अब सरकार के आशीर्वाद से मैं देशव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं।सरकारी सहयोग जरूरी है. मैं देश के हर नागरिक को इसमें शामिल करना चाहता हूं. मैंने आवश्यकताओं के अनुरूप चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिंदुओं पर उचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल आबादी जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य का पता लगाने में सक्षम है। कृपया राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें और साझा करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
I love Ram Puniyani style of explanation, he has in depth knowledge of history of our country. God bless him, may his tribe rise in our country. Goor job by Sathya TV.
Pahle jab koi tha hi nhin to Ham samgra ki Bodh wale shabd ki pahchan ke taur par kyun apni pehchan batate... Ab jab saare samuday ke dusman khade hain sajis ke taur par aur sangathit hokar to aap kya sabit karne ko tule hain???
आदरणीय @ramchandraraipure7573🙏! श्री पुनियानी पूरी तरह से सही नहीं हैं। यह हमारे देश की एक बड़ी समस्या है. भारत में इतिहास एक बहुत ही चिंताजनक विषय है। इतिहास पर कुछ भी बात करें, कुछ समर्थन करेंगे, कुछ विरोध. स्थिति ऐसी क्यों है? स्वतंत्रता संग्राम काल में भारतीय हिन्दू धर्म को लेकर विभाजित थे। परम्परागत हिन्दू, हिन्दू धर्म के पक्षधर थे। महात्मा फुलेजी, डॉ. अम्बेडकरजी और पेरियारजी जैसे समाज सुधारक हिन्दू धर्म के विरोधी थे। वे हिन्दू धर्म को निम्न धर्म समझते थे। इसलिए उस काल की सत्तारूढ़ हिंदू पार्टी, कांग्रेस पार्टी ने नेहरूजी के नेतृत्व में हिंदू धर्म की स्थिति पर एक पवित्र समझौता अपनाया। और इसलिए उनकी सरकार में हिंदू धर्म के दो चरमपंथ शामिल थे.... वह हैं माननीय डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकरजी और माननीय शमाप्रसाद मुखर्जी (सावरकरजी के शिष्य और वर्तमान भाजपा के पिता) समय के साथ, चीजें गलत हो गई हैं।जिस व्यक्ति ने देश को एकता के सूत्र में पिरोया, वह अब गद्दार है।सावरकर को पाठ्यपुस्तक में शामिल करने और नेहरू को हटाने की हालिया घटना भी इसी हास्यास्पद प्रवृत्ति का हिस्सा है। मैं बुनियादी मुद्दे पर इस विरोधाभास को दूर करने के लिए एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए सबसे सही तरीका बता रहा हूं। इस विरोधाभास ने जाति या धर्म या राजनीतिक झुकाव के आधार पर इतिहास के विभिन्न संस्करणों को जन्म दिया है। ऐसा इतिहास बहुत गंभीर धार्मिक और जातिगत विवादों का कारण बन रहा है। इसने हमारे देश को मूर्ख राष्ट्र में बदल दिया है। हमें इतिहास पर एकमत होने की जरूरत है. इतनी बुनियादी बात हम सुलझा नहीं पाते और दावा करते हैं विश्वगुरु होने का. हकीकत तो यह है कि मूर्खता में हम विश्वगुरु हैं। मूलतः इतिहास एक शैक्षणिक विषय है। लेकिन भारत में यह एक राजनीतिक उपकरण बन गया है।इसे अकादमिक विषय बनाने के लिए हमें संघर्षों, विरोधाभासों का समाधान करना होगा। मैं इतिहास, जाति और धर्म से संबंधित विवादों को सुलझाने के लिए देशव्यापी चर्चा करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन करना शुरू कर दिया और अब सरकार के आशीर्वाद से मैं देशव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं।सरकारी सहयोग जरूरी है. मैं देश के हर नागरिक को इसमें शामिल करना चाहता हूं. मैंने आवश्यकताओं के अनुरूप चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिंदुओं पर उचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल आबादी जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य का पता लगाने में सक्षम है। कृपया राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें और साझा करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
१. भारत देश का नाम कैसे और किसने दिया? २.आद्य जगद्गुरु शंकराचार्य किस कालखंड में हुए? ३. उन्होंने हिंदू और हिंदुधर्म के लिए क्या कार्य किया? इन बातों को लेकर इस व्हिडिओ में कुछ नहीं कहां गया। हिंदू के बारे में कहीं गई बातों से पुर्ण समाधान नहीं होता, हिंदू के बारे में कहीं गई गोलमोल बातें से हिंदूओंकी स्तुती है या निंदा ये भी स्पष्ट नहीं होता। 🇮🇳❤️🚩 वंदे मातरम।
आदरणीय @so-luckyvijay7460🙏! श्री पुनियानी पूरी तरह से सही नहीं हैं। यह हमारे देश की एक बड़ी समस्या है. भारत में इतिहास एक बहुत ही चिंताजनक विषय है। इतिहास पर कुछ भी बात करें, कुछ समर्थन करेंगे, कुछ विरोध. स्थिति ऐसी क्यों है? स्वतंत्रता संग्राम काल में भारतीय हिन्दू धर्म को लेकर विभाजित थे। परम्परागत हिन्दू, हिन्दू धर्म के पक्षधर थे। महात्मा फुलेजी, डॉ. अम्बेडकरजी और पेरियारजी जैसे समाज सुधारक हिन्दू धर्म के विरोधी थे। वे हिन्दू धर्म को निम्न धर्म समझते थे। इसलिए उस काल की सत्तारूढ़ हिंदू पार्टी, कांग्रेस पार्टी ने नेहरूजी के नेतृत्व में हिंदू धर्म की स्थिति पर एक पवित्र समझौता अपनाया। और इसलिए उनकी सरकार में हिंदू धर्म के दो चरमपंथ शामिल थे.... वह हैं माननीय डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकरजी और माननीय शमाप्रसाद मुखर्जी (सावरकरजी के शिष्य और वर्तमान भाजपा के पिता) समय के साथ, चीजें गलत हो गई हैं।जिस व्यक्ति ने देश को एकता के सूत्र में पिरोया, वह अब गद्दार है।सावरकर को पाठ्यपुस्तक में शामिल करने और नेहरू को हटाने की हालिया घटना भी इसी हास्यास्पद प्रवृत्ति का हिस्सा है। मैं बुनियादी मुद्दे पर इस विरोधाभास को दूर करने के लिए एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए सबसे सही तरीका बता रहा हूं। इस विरोधाभास ने जाति या धर्म या राजनीतिक झुकाव के आधार पर इतिहास के विभिन्न संस्करणों को जन्म दिया है। ऐसा इतिहास बहुत गंभीर धार्मिक और जातिगत विवादों का कारण बन रहा है। इसने हमारे देश को मूर्ख राष्ट्र में बदल दिया है। हमें इतिहास पर एकमत होने की जरूरत है. इतनी बुनियादी बात हम सुलझा नहीं पाते और दावा करते हैं विश्वगुरु होने का. हकीकत तो यह है कि मूर्खता में हम विश्वगुरु हैं। मूलतः इतिहास एक शैक्षणिक विषय है। लेकिन भारत में यह एक राजनीतिक उपकरण बन गया है।इसे अकादमिक विषय बनाने के लिए हमें संघर्षों, विरोधाभासों का समाधान करना होगा। मैं इतिहास, जाति और धर्म से संबंधित विवादों को सुलझाने के लिए देशव्यापी चर्चा करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन करना शुरू कर दिया और अब सरकार के आशीर्वाद से मैं देशव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं।सरकारी सहयोग जरूरी है. मैं देश के हर नागरिक को इसमें शामिल करना चाहता हूं. मैंने आवश्यकताओं के अनुरूप चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिंदुओं पर उचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल आबादी जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य का पता लगाने में सक्षम है। कृपया राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें और साझा करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
आदरणीय मुकेश जी, पुनियनी जी सादर प्रणाम मैं देहाती अल्प शिक्षित हूँ, क्षमा चाहता हूँ हिन्दू शब्द अरबी भाषा का है जिसका हिन्दी अर्थ है शरण देने वाला, भूमण्डल पर पहाड़ी, पठारी, मारू भूम मैदानी और समुद्री क्षेत्र थे और क्षेत्र के अनुसार मानव जाति के गुण धर्म थे , पहाड़ी शांति एकांत, पथरी आत्म विश्वासी, marubm भूखे में लूटेरे तो मैदानी वाले सम्पन्न दयवान थे
सुप्रीम कोर्ट ने दीयां हुवां फैसला सही हीं है । एक गाली वालें हीं दु धर्म में कौन ढलान समझदार आदमी रहेगां ? तबसे मैंने तो हीं दु धर्म छोड़ हीं दीयां है । अब मैंने माणवतावादी तथागत बुद्ध कां बौध्द धम्म अपना लीया है । ।
कोर्ट ने जो कहा गलत नही कहा ।और मुगलो ने जो हिंदू कहा वो भी गलत नही कहा । हमारा देस हिंद महासागर से जादा मिला हुआ है इसलिए अरबो ने इस भू भाग को हिंद कहा और हिंद में रहने वालें सारे लोगो को हिंदी कहा और आज भी अरब में हिंदुस्तान में रहने वाले सभी लोगों को हिंदी कहते है पर भारत में रहने वाले लोग खुद को हिंदू कहते है । और जब मुस्लिम धर्म यहां आया तो दो धर्मो की पहचान अलग हो इसलिए सनातनियो ने खुद को हिंदू कहने लगे और दूसरा धर्म इस्लाम जो मुसलमान होते थे ।
He is talking more about Religions NOT about The Origin of The Word Hindu. He Himself appears to be pretty Confused or uncertain. Little knowledge is a dangerous thing. One Must Study The World's History. Period & Date wise.These are The Reasons Hindu Religion is Considered as Mythology & is interpreted as Hinduism. However This discussion was almost out of Context & couldn't produce concrete Logic. The first & formost Point is, that we all are The Living Creatures as Human beings, Created by The Sovereign & Almighty GOD. Meant to Live in PEACE with each other & to Love & Respect every Human Race. GLORY to GOD Alone forever Amen. 🙏👍🙏
आजकल कुछ लोग हैं जो हिंदू धर्म पर खोज कर रहे हैं हमारे महा पुरुष जो लिखे उसपर इनको बिसवास नहीं है जो बआंमपथी बिचार धारा के लोग लिखें उस पर भरोसा रखते हैं ये बेसरमी लोग हमारे हिन्दू धर्म और हिन्दू इतिहास को षणयंत के तहत खत्म करने में लगे रहते हैं लेकिन कितने आततायी आये और मिट गए सनातन संस्कृति कोई भी धर्म को खत्म नहीं कर सका अगर इन इतिहास कार में हिम्मत है तो किसी बिसेश धर्म पर बोले दूसरे दिन सायद बोलने लायक नहीं रहेंगे नहीं उस समय पर रहने वाले लोगों को जानवर बोला जाता है सही है न यही आप सुनना चाहते हों मैं ही बता दिया अब तो खुसी हुई होगी
बाबा साहब खुद मुसलमान क्यों नहीं बने अगर बाबा साहब को हिंदू धर्म से नफ़रत थी बाबा साहब ने कभी भी हिंदू बिरोधी नहीं थे हां छुआ छूत से परेशान थे यह सही है छुआ छूत समाज हित में नहीं था मुकेश जी धर्म परिवर्तन की आजादी है कोई दबाव नहीं है कि न चाहते हुए भी धर्म का पालन करें जिस धर्म से आप प़भावित है वहां पर भी अलग अलग तरह से मानने वाले लोग हैं और छुआ छूत है कहो तो मैं। प़माण दे सकता हूं क्या जो दलित भाई धर्म परिवर्तन किया वो आज समान रूप से उस समाज में है
Respected @francisp9509 🙏! Mr.Puniyani is not totally correct. History in India is a very disturbing subject. That is a big problem of our nation. Talk anything on history, some will support, some will oppose. Why is the situation like this? In freedom struggle period, Indians were divided on Hindu religion. Traditional Hindu were in favor of Hindu religion. Social reformers like Mahatma Fuleji, Dr.Ambedkarji and Periyarji were against Hindu religion. They thought of Hindu religion as inferior religion. Hence the ruling Hindu party of that period, Congress party under leadership of Nehruji adopted a sacred compromise on position of Hindu religion. And hence his government included two extremes of Hindu religion....that is Honorable Dr.Babsaheb Ambedkarji and Honorable Shamaprasad Mukherji( disciple of Sawarkarji and father of present BJP) With time, things have gone wrong. The person who achieved unity of nation in freedom struggle is now a traitor. The inclusion of Sawarkarji in a text book and removal of Nehruji is also part of this ridiculous trend. This contradiction has given birth to different versions of history based on caste or religion or political inclination. Such history is causing very serious religion and caste conflicts. Basically history should be an academic subject. But in India, history has became a political tool. It has converted our nation into stupid nation. We need unanimity on history. We cannot solve such a basic thing and we claim to be Vishwaguru. The reality is that we are world gurus in stupidity. I want to hold nationwide discussions to resolve history, caste and religion related disputes and I have made 1400 requests to the government by May 2022. I quit my job in 2012 and started studying these topics and now I am in a position to do such nationwide discussions. I want to include every citizen of the country. I have developed a special system of discussion according to the needs. It gives due attention to the following points 1) The delicate nature of issues like caste and religion 2) The satisfaction of all the participants 3) The vast population of our country consisting of educated and uneducated sections 4) The political system of our country. 5) It is able to find the truth in an unbiased way. Please support and share idea of nationwide discussion. Let us revive social and religious harmony. Avdhut Joshi
जो भी कठीण हो,फैला हूवाॅ था,उसको वक्त के साथ बदलाव आता हैं,उसको एक रूप दिया जाता हैं, शायद यही हिंदू धर्म के साथ हूवाॅ हैं, लेकीन आज एक सच है,हम हिंदू धर्म के लोग हैं
कोन से मुग़ल ने दिया व किस किताब में लिखा है। हिनदवा सूर्य महाराणा प्रताप। हिमालय से लेकर समूद तक जो भूभाग है वह भारत देश है उसमें रहने वाले को हिन्दू कहां जाता है
@@kingsharukhkhan हिन्द महासागर का नाम कबसे पड़ा किसने रखा अरबों को एक से लेकर जीरो शुन्य का ज्ञान भारत ने दिया जिसको अरबी लोग हिन्दसा कहते थे ये बात हजारों वर्षों पुरानी है हि से हिमालय इंदू से समूद तक जो भूभाग है उसमें रहने वाले को हिन्दू कहां जाता रहा है इस पूरे भूभाग में दूसरे मत पंथ मजहब का एक भी दूसरे नहीं थे
@@jagdishvaishnav6128 ha ha 😂😂😂😂😂😂😂😂 desh ki koi bhasha me hindu shabd nahi hai 4 vedon me HINDU shabd nahi hai 18 purano me hindu shabd nahi hai 108upnishad me hindu shabd nahi hai lekin ek bhasha me hindu shabd hai o hai farashi jiska arth hota hai kala chor daku nakta butaka
सर आप लगातार मेहनत करते रहिए हम आपके जी जान से साथ हैं और आप जो यह पुण्य का काम करते हैं सबसे को उजागर करके उसके लिए आपको ढेर सारी शुभकामनाएं बहुत ही सराहनीय कदम
सिन्धु से हिन्दू बनी हमारी पहचान क्योकी उनका उच्चारण सही नहीं था उन लोगों को अच्छे से भाषा आती नहीं थी खैर जो भी हो आज हमारी वर्तमान पहचान है उसे ही संभालना सहेजा ना हमारा नैतिक दायित्व व जिम्मेमदारी है उसपर किसी प्रा कार की कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए यह गलत है हम विदेशी चीजों से जितना बहार निकले उतना अच्छा जय श्री राम
कुछ लोगौं का धर्म सिर्फ और सिर्फ जबरिया है।है कुछ नहीं बताओ और तीन लो सबका सब कुछ करो कुछ नहीं ऐश करो सबकुछ,मिशाल के तौर पर,साधु संतों ने बांधी गांठ बहुजन पाये सौ में साठ,बहुजनौं ने ललकारा है नब्बे भाग हमारा है।लेकीन ये दस परसैंट लुटेरे हमारा नब्बे प्रतिशत भाग चुराए बैठे हैं।जो इन्हें बिहार की तरह आखिर देना ही पड़ेगा।जय भीम, खुदा हाफ़िज़, जय मंडल, जय संविधान, जय विज्ञान।
हम वो लोग हैं, जो जीव में शिव देखते हैं, हम वो लोग हैं, जो नर में नारायण देखते हैं, हम वो लोग हैं, जो नारी को नारायणी कहते हैं, हम वो लोग हैं, जो पौधे में परमात्मा देखते हैं, हम वो लोग हैं, जो नदी को मां मानते हैं, हम वो लोग हैं, जो कंकड़-कंकड़ में शंकर देखते हैं: यह हमारी पहचान है यही हिंदुस्तान है 🙏🚩🚩🚩🚩
Tum log vah Ho Jo 9 din nari ko poojte Hain aur uske bad nari ki aisi ki taisi karte ho Bahut sare example mil jaenge Nirbhaya se lekar Doctorni Sahiba Tak
Hindu Name / came from Sindhu..( Sindh) People of Sindh are Called Sindhi, which is in the South of Pakistan & in the North of Gujrat ) History is The Witness. This is why it's Called, " Sindhu Ghati ki Sabhyata." ( Sindhi mostly don't Pronounce ( S ) like in Hindi or English.) They pronounce it almost like Hind. So it became like Pak + stan. Hind + Stan. So in English this Means, " Indus valley Civilization." There is NO Cofusion about it. These People were Wanderers, They Travelled from Egypt in Search of Green Pastures through Mesopotamia to Syria, Greece & Europa, Kabul to lNDIA. Indus is just the Translation of Sindhu to INDU. There was No Hindu Dharama. " Little Knowledge is a dangerous Thing "...to know the Fact, These Wanderers once they Settled in The Sindh Valley. There they experienced their own issues so they decided to devide their SOCIETY in Four Casts / Classes, according to Their Work. 1. BRAHMIN / Teachers 2. KSHATRI / Fighters 3. VASHYA / Farmers & Sheapard 4. SHUDRA / Cleaners. And Once they got settled, then They wrote their Own Philosophies & Stories Thus, formed their own Pattern of Religion. In which they combined some ldeas of foreign Cultures. e.g. Swastika from Germany. Yoga from GREECE. On their Way or from Kabul etc. Whatever they discovered suitable for their own individual Community. The very CAST System started with them even as when They started Travelling into The Land of INDIA ( They Named it Bharat ) according to Their Stories of ( Mythology ) They Constructed Beautiful & Powerful Stories of Which one finds No Connections to The TRUE History or Dates, though they maintained the actual Geographical Background of lNDIA. Then the TRUE Natives of India were Called DRAVEDIANS. They were very intelligent & Honest People. Which were later Pushed by them Towards South. Weapons of Kshatriya were Bow, Arrows and Spears mostly which were fashioned exactly like the Then Egyptian Style. Which we also see in the Mahabharata & Ramayana Films / Serials. later The Brahmins considered themselves as Superior Class.. and started keeping a distance from Shudra because their Work was to maintain Cleanliness. Which is found even Today. They consider the SHUDRA as Scheduled Class. You called them Hindu, Sindhi or lndian, all The Same. ( Religion i. e. Faith has Nothing to do with all This ) FAITH & Religion is a Very Personal Matter for every individual in every Democratic country. INDIA is & was from Ages a Beautiful Prosperous Country, which Teaches LOVE, Sincerity, Generosity and Tolerance. Here Hindu, Muslim, Sikh, Isai & Parsi. All live with Love and Enjoy their Togetherness with Great Blessings from GOD Almighty. HaleluJah Amen SHALOM 🙏👍🙏💥💥💥 M. Krug. Thanks TH-cam Channel as always.
Respected @inderpalsaphiya2389 🙏! Mr.Puniyani is not totally correct. History in India is a very disturbing subject. That is a big problem of our nation. Talk anything on history, some will support, some will oppose. Why is the situation like this? In freedom struggle period, Indians were divided on Hindu religion. Traditional Hindu were in favor of Hindu religion. Social reformers like Mahatma Fuleji, Dr.Ambedkarji and Periyarji were against Hindu religion. They thought of Hindu religion as inferior religion. Hence the ruling Hindu party of that period, Congress party under leadership of Nehruji adopted a sacred compromise on position of Hindu religion. And hence his government included two extremes of Hindu religion....that is Honorable Dr.Babsaheb Ambedkarji and Honorable Shamaprasad Mukherji( disciple of Sawarkarji and father of present BJP) With time, things have gone wrong. The person who achieved unity of nation in freedom struggle is now a traitor. The inclusion of Sawarkarji in a text book and removal of Nehruji is also part of this ridiculous trend. This contradiction has given birth to different versions of history based on caste or religion or political inclination. Such history is causing very serious religion and caste conflicts. Basically history should be an academic subject. But in India, history has became a political tool. It has converted our nation into stupid nation. We need unanimity on history. We cannot solve such a basic thing and we claim to be Vishwaguru. The reality is that we are world gurus in stupidity. I want to hold nationwide discussions to resolve history, caste and religion related disputes and I have made 1400 requests to the government by May 2022. I quit my job in 2012 and started studying these topics and now I am in a position to do such nationwide discussions. I want to include every citizen of the country. I have developed a special system of discussion according to the needs. It gives due attention to the following points 1) The delicate nature of issues like caste and religion 2) The satisfaction of all the participants 3) The vast population of our country consisting of educated and uneducated sections 4) The political system of our country. 5) It is able to find the truth in an unbiased way. Please support and share idea of nationwide discussion. Let us revive social and religious harmony. Avdhut Joshi
Sir! How do you certify Shri.Mukesh and Puniyani for their truthfulness? I will not object their honesty and knowledge. However honesty and knowledge can be wrong. The tools for deciding honesty and truth must be different. Please think over this and support my idea of nationwide discussion. 🙏 Avadhut Joshi
@Yezmin Yaseen O tao dekh raha hai,Commonwealth game mai Pakistan ka kustibeero ko pata chala geya kitna tis maar khan ho tumlog.Jawahari America ne bhej diya 72 hooro ke pass.
@@up8199 abey be akal yahi to point hai ki wo Islam ki copy kr rahe hai ,jaise unka ek paigambar hai tum ram ko bana rahe ho ,unka ek holybook hai tum bhi koshish kr rahe ho ,unka ek holy place hai tum ayodhya ko bana rahe ho , jaisaki aamtaur pey har ek dharm ka hota hai jaise Sikhism ya Buddhism lekin ye nahi samjhtey ki hindu ek sandkriti hai ek jeene ka tareeka ek particular area ka aur ismey kai anekta hai isko waise hi rehney dete lekin nahi copy krna hai aur C banana hai
@@sumityadav7nastik.with.science nahi bhai yahi to nahi krna hai sabki apni manyata hai don't disrespect anyone... baat yahapar ye sach batana hai ki hindutva k neta kis tarah se khoot se logo ko gumrah aur Lada rahe hai ..insaan insaan k hi kaam ata hai hum bachpan se insaan ko hi dekhte hai bhagwaan ko to sirf kahaniyo mry hi suna hai so ko real mey exist krta hai usko mardogey jisey dekha.nahi abtak
જય ભીમ જય ભારત જય સંવિધાન સત્ય મેવ જયતે નમો બુદ્ધાય જય મુલ નિવાસી બૈદ્વ મૈં ભારત દેશ કે મુલ નિવાસી બૈદ્વ ભારતીય સંવિધાનિક સૈદ્ધાંતિક સંવિધાન કે આધાર પર
8. It is the outsiders who see them as a group, as a single unit and thus give them a name, which later sometimes comes to define the ‘in’ group. There is nothing odd about it.
यहां के भारतीय पोंगा पंडित जो यह तक नहीं जानते कि हमारे देश में केवल और केवल पैगम्बरी धर्म इस्लाम धर्म मात्र है क्रिश्चन और मुसलमान अपनी धार्मिक बुक बाईबल और कुरान को लेकर दिखाकर बता सकते हैं कि हमारे किसी पैगम्बर द्वारा कथितरूप से कोई धार्मिक रास्ता दिखाया गया है परन्तु हिन्दुओं में ऐसी कोई किताब या पैगम्बरनाम का कुछ चीज ही नहीं जिसके आधार पर यह कहा जाए कि हमें कभी किसी समय पर किसी अग्रिम धार्मिक नेता या पैगम्बर द्वारा कथितरूप से किसी किताब को हमारा धर्म चलाने के लिए कुछ कहा है।फिर भि जबरदस्ती हम हिन्दू वाले बड़े हैं।जय भीम, खुदा हाफ़िज़, जय मंडल, जय संविधान , जय विज्ञान।
@@enceegamer4577तुम्हारे हिसाब से "जय हिंद" न बोलकर "जय इंड" बोला जाये। तुम खुद को बहुत बड़ी विदुषी समझ रही हो। किंतु एक चलन जब इस्तेमाल में आ जाती है तो उसे जल्द समाप्त करना संभव नहीं। जो शख्स बिना सोचे समझे दूसरे को गाली दे उससे बड़ा मूर्ख कोई हो ही नहीं सकता। तुम्हें पता होना चाहिए कि ये एक प्रचलन है जो भारतीय सेना और पुलिस में नमस्कार/प्रणाम के बदले में भी इस्तेमाल होती है।
West Rajasthan me ab bhi sha ko hai hi bola jata hai.jase Sathi ko hathi pahli baar jab jodhpur gya to koi address puccha to reply mila hidi hadak jaana yani Sidhi sadak chale jaayo
@@bb5920 सही कहा आपने। अंग्रेजों ने हमें विश्व पटल पर कमजोर और असभ्य के तौर पर प्रचारित करने के लिए ही अपने डिक्शनरी में हिन्दू की ऐसी परिभाषा गढ़ी है। फिर भी हम अंग्रेजी और अंग्रेज़ो की गुलामी से बाहर नहीं निकल पा रहें हैं। क्योंकि हिन्दू हिन्दू कहते सुनते हमारे मानस में हीन भावना भर गई है।
हिन्दू शब्द कबीलाई शब्द है जब से इसका प्रयोग बढ़ा है तब से सनातन सोच कबीलाई होती जा रही है।इसका ख़तरनाक असर परिवार समाज व्यवहार में दिख रहा है। राजनीतिक रूप से जरूर लाभकारी सिद्ध हो रहा है।
सर नमस्कार 🙏 बहुत अच्छी जानकारी दी है पुनियानी जी ने, और आपके सवाल भी अच्छे रहे। मुकेश जी आपको बताना चाहूंगा कि सिख इतिहास और गुरबाणी में भी हिन्दू शब्द एक धर्म के रूप में ही आता है। और वर्ण बांट, ब्राह्मण वाद एवं पूजा पद्धति के बारे में भी जिक्र किया गया है। गुरु नानक देव जी समेत दूसरे गुरु साहिबान और भक्तों की बाणी में भी हिन्दू शब्द धर्म के रूप में ही आया है। इसलिए मेरा मानना है कि गुरु नानक जी और उन भक्तों जिन की बाणी श्री गुरु ग्रंथ साहिब में दर्ज है के समय से भी हिन्दू जिसे भौगौलिक माना जाता है, एक धर्म के रूप में माना गया।
Respected @manjurkrug1855 🙏! Mr.Puniyani is not totally correct. History in India is a very disturbing subject. That is a big problem of our nation. Talk anything on history, some will support, some will oppose. Why is the situation like this? In freedom struggle period, Indians were divided on Hindu religion. Traditional Hindu were in favor of Hindu religion. Social reformers like Mahatma Fuleji, Dr.Ambedkarji and Periyarji were against Hindu religion. They thought of Hindu religion as inferior religion. Hence the ruling Hindu party of that period, Congress party under leadership of Nehruji adopted a sacred compromise on position of Hindu religion. And hence his government included two extremes of Hindu religion....that is Honorable Dr.Babsaheb Ambedkarji and Honorable Shamaprasad Mukherji( disciple of Sawarkarji and father of present BJP) With time, things have gone wrong. The person who achieved unity of nation in freedom struggle is now a traitor. The inclusion of Sawarkarji in a text book and removal of Nehruji is also part of this ridiculous trend. This contradiction has given birth to different versions of history based on caste or religion or political inclination. Such history is causing very serious religion and caste conflicts. Basically history should be an academic subject. But in India, history has became a political tool. It has converted our nation into stupid nation. We need unanimity on history. We cannot solve such a basic thing and we claim to be Vishwaguru. The reality is that we are world gurus in stupidity. I want to hold nationwide discussions to resolve history, caste and religion related disputes and I have made 1400 requests to the government by May 2022. I quit my job in 2012 and started studying these topics and now I am in a position to do such nationwide discussions. I want to include every citizen of the country. I have developed a special system of discussion according to the needs. It gives due attention to the following points 1) The delicate nature of issues like caste and religion 2) The satisfaction of all the participants 3) The vast population of our country consisting of educated and uneducated sections 4) The political system of our country. 5) It is able to find the truth in an unbiased way. Please support and share idea of nationwide discussion. Let us revive social and religious harmony. Avdhut Joshi
Respected @goodhuman6936 🙏! Mr.Puniyani is not totally correct. History in India is a very disturbing subject. That is a big problem of our nation. Talk anything on history, some will support, some will oppose. Why is the situation like this? In freedom struggle period, Indians were divided on Hindu religion. Traditional Hindu were in favor of Hindu religion. Social reformers like Mahatma Fuleji, Dr.Ambedkarji and Periyarji were against Hindu religion. They thought of Hindu religion as inferior religion. Hence the ruling Hindu party of that period, Congress party under leadership of Nehruji adopted a sacred compromise on position of Hindu religion. And hence his government included two extremes of Hindu religion....that is Honorable Dr.Babsaheb Ambedkarji and Honorable Shamaprasad Mukherji( disciple of Sawarkarji and father of present BJP) With time, things have gone wrong. The person who achieved unity of nation in freedom struggle is now a traitor. The inclusion of Sawarkarji in a text book and removal of Nehruji is also part of this ridiculous trend. This contradiction has given birth to different versions of history based on caste or religion or political inclination. Such history is causing very serious religion and caste conflicts. Basically history should be an academic subject. But in India, history has became a political tool. It has converted our nation into stupid nation. We need unanimity on history. We cannot solve such a basic thing and we claim to be Vishwaguru. The reality is that we are world gurus in stupidity. I want to hold nationwide discussions to resolve history, caste and religion related disputes and I have made 1400 requests to the government by May 2022. I quit my job in 2012 and started studying these topics and now I am in a position to do such nationwide discussions. I want to include every citizen of the country. I have developed a special system of discussion according to the needs. It gives due attention to the following points 1) The delicate nature of issues like caste and religion 2) The satisfaction of all the participants 3) The vast population of our country consisting of educated and uneducated sections 4) The political system of our country. 5) It is able to find the truth in an unbiased way. Please support and share idea of nationwide discussion. Let us revive social and religious harmony. Avdhut Joshi
9. In fact, it is a greater proof of the oneness of our civilization. If the out groups see us as ‘one’, it means it is an objective endorsement of our ‘oneness’. It is more of a reason to feel united!
विकासवाद मानव उत्पति का सार्भौम सत्य है.जिसे हम ने मनु से मानव माना,आदम से आदमी.जब सारे मानव प्रकृति या ईश्वर् द्वारा बने,हम सब भाई-भाई,भाई-वहन हैं.वेद का भी कहना है एको$हम द्वितियो नास्ति.इस्लाम ने भी कहा होजा तो हो गया फिर भेद कहां .हम सब एक हैं.एकत्व में भेद बेतुका और बेमानी है.
मैं यह जानना चाहता हूं, वाल्मीकि रचित रामायण में और व्यासजी द्वारा रचित महाभारत में हिंदू शब्द का प्रयोग हुआ है कि नहीं ? आपसे उचित उत्तर की अपेक्षा है ।
१. भारत देश का नाम कैसे और किसने दिया? २.आद्य जगद्गुरु शंकराचार्य किस कालखंड में हुए? ३. उन्होंने हिंदू और हिंदुधर्म के लिए क्या कार्य किया? इन बातों को लेकर इस व्हिडिओ में कुछ नहीं कहां गया। हिंदू के बारे में कहीं गई बातों से पुर्ण समाधान नहीं होता, हिंदू के बारे में कहीं गई गोलमोल बातें से हिंदूओंकी स्तुती है या निंदा ये भी स्पष्ट नहीं होता। 🇮🇳❤️🚩 वंदे मातरम।
आप दोनों सही कह रहें है कि मजहबी कट्टरता भारत में विदेशीयों (मुसलमानों और अग्रेंजो) नें फैलाई 👈👈और शायद इसीलिए हिन्दू कहता हैं कि अगर दुनिया के 57 मुस्लिम देश खुद को मुस्लिम राष्ट्र कह सकते हैं तो भारत खुद को हिन्दू राष्ट्र क्यों नहीं कह सकता??
7. It is often the case that a group, while communicating within the group, is seldom conscious of its oneness. Dealing with their inner problems the followers of this group are more occupied with their differences than similarities.
AAP KO NAMAN "THU HINDU BANE GA NA MUSALMAN BANE GA INSAAN KI AULAAD HAI INSAAN BANE GA" AAJ HUM 130 KARODE AADMI HAI LEKIN NEECH SATTA KE LALUCH SE INSAANIYAT DHARM KE AAD MEIN HAIVANIAT KA ROOP LE RAHI HAI CHAAR DIN KI DUNIYAAN HAI HUMDARD BANO SAR DARD NAHI DHANYAVAAD
हिन्दू शब्द की उतपत्ति के विषय में आपका प्रस्तुत शोध अत्यंत सीमित लगा ....मुस्लिम लोगों ने स को ह बना दिया यह एक बहुत बड़ी भ्रांति है । स से ह कैसे बना इसके लिए आपको पंजाब या पंजाबी भाषा को समझना होगा ।
S se h nahin banaya pharsi log s ko h uchharan karte thaiy abhi aap bihar mein jaaiye woh s ko sh aur sh ko s uchharan karte hein
बिहारि य लाइ ज बोल्छ
सर आपकि respect करता हू. पर कुछ बातो पर मे प्रकाश डालाना चाहता हू.बृहस्पति आगम ये बुक ये उत्तर-वैदिक ग्रंथ हैं, अन्य लोग पूर्व-वैदिक रचनाओं के रूप में ११०० ईसा पूर्व से अधिक पुराने हैं। पुरालेखीय और पुरातात्विक साक्ष्य बताते हैं कि आगम ग्रंथ पहली सहस्राब्दी ईस्वी के मध्य तक, पल्लव राजवंश युग में अस्तित्व में थे।
ये बुक मे हिंदुस्थान word पहले से ही था. पारसी लोगो ने कभी भी हिंदु word का जो गलत मतलब बताते है वो नही दिया है. वो 18 century मे लोगो के सामने अलग ये गंदा मतलब लाया था. ये word कहा से आया कब आया इसमे तो अभि भी पुरी जाणकारी नही है. पर ये word वेदो मे, गीता मे नही है. ये after महाराभारत आया है. अभि कुछ information मिली उस हिसाब से बता सकता हू. बाकी और भी detail मिले गी तब share करुंगा.
आप please arya lok ki hindu shabd ka शडयंत्र ये विडिओ search करे थोडी और detail मिल जायेगी. पर अभि भी कुछ confirm नही है.
The opinion is authantic and is based on facts which has been accepted by all the authors and historians.there is no dispute on this matter , however the neo exponent of a new belief , are misleading the masses by presenting a new ifes which suits their fundamentalist designs and religious nationalism .There are no sources which they produce in support of their theory .
छत्रपति शिवाजी महाराजजी ने "हिंदवी स्वराज्य" इस शब्द का उपयोग किया था। 🙏
हिंदवी मतलब हिंदू नही
सही कहा
sambhaji unke putra ne varn dharm ka prayog kiya
Are sir bolte to sahi na sunbhi liya kar sir bole ki jab mugal kal start huva tab sey hindu sabd aya samje 😊
मुकेश जी हमें भारत देश की सामाजिक सच्चाई बताने के लिए आप का बहुत बहुत धनयबाद
@@sumityadav7nastik.with.science nahi
@@sumityadav7nastik.with.science chusalman+ 72 hoore🤣🤣🤣
आदरणीय @gargvijay8972🙏!
श्री पुनियानी पूरी तरह से सही नहीं हैं। यह हमारे देश की एक बड़ी समस्या है.
भारत में इतिहास एक बहुत ही चिंताजनक विषय है। इतिहास पर कुछ भी बात करें, कुछ समर्थन करेंगे, कुछ विरोध.
स्थिति ऐसी क्यों है?
स्वतंत्रता संग्राम काल में भारतीय हिन्दू धर्म को लेकर विभाजित थे। परम्परागत हिन्दू, हिन्दू धर्म के पक्षधर थे। महात्मा फुलेजी, डॉ. अम्बेडकरजी और पेरियारजी जैसे समाज सुधारक हिन्दू धर्म के विरोधी थे। वे हिन्दू धर्म को निम्न धर्म समझते थे। इसलिए उस काल की सत्तारूढ़ हिंदू पार्टी, कांग्रेस पार्टी ने नेहरूजी के नेतृत्व में हिंदू धर्म की स्थिति पर एक पवित्र समझौता अपनाया।
और इसलिए उनकी सरकार में हिंदू धर्म के दो चरमपंथ शामिल थे.... वह हैं माननीय डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकरजी और माननीय शमाप्रसाद मुखर्जी (सावरकरजी के शिष्य और वर्तमान भाजपा के पिता)
समय के साथ, चीजें गलत हो गई हैं।जिस व्यक्ति ने देश को एकता के सूत्र में पिरोया, वह अब गद्दार है।सावरकर को पाठ्यपुस्तक में शामिल करने और नेहरू को हटाने की हालिया घटना भी इसी हास्यास्पद प्रवृत्ति का हिस्सा है।
मैं बुनियादी मुद्दे पर इस विरोधाभास को दूर करने के लिए एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए सबसे सही तरीका बता रहा हूं। इस विरोधाभास ने जाति या धर्म या राजनीतिक झुकाव के आधार पर इतिहास के विभिन्न संस्करणों को जन्म दिया है। ऐसा इतिहास बहुत गंभीर धार्मिक और जातिगत विवादों का कारण बन रहा है। इसने हमारे देश को मूर्ख राष्ट्र में बदल दिया है। हमें इतिहास पर एकमत होने की जरूरत है. इतनी बुनियादी बात हम सुलझा नहीं पाते और दावा करते हैं विश्वगुरु होने का. हकीकत तो यह है कि मूर्खता में हम विश्वगुरु हैं।
मूलतः इतिहास एक शैक्षणिक विषय है। लेकिन भारत में यह एक राजनीतिक उपकरण बन गया है।इसे अकादमिक विषय बनाने के लिए हमें संघर्षों, विरोधाभासों का समाधान करना होगा।
मैं इतिहास, जाति और धर्म से संबंधित विवादों को सुलझाने के लिए देशव्यापी चर्चा करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन करना शुरू कर दिया और अब सरकार के आशीर्वाद से मैं देशव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं।सरकारी सहयोग जरूरी है.
मैं देश के हर नागरिक को इसमें शामिल करना चाहता हूं. मैंने आवश्यकताओं के अनुरूप चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिंदुओं पर उचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल आबादी जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य का पता लगाने में सक्षम है।
कृपया राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें और साझा करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
अवधूत जोशी
बहुत ही सटीक जानकारी देने के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद
धर्म सनातन है इसको उलट कर हम ही सनातन है ऐसा प्रचारित किया जाने लगा ।
*तिरंगा तो हर मन में है,*
*घर घर तो रोजगार चाहिए।*
*मंहगाई से छुटकारा चाहिए।*
*जातिवाद से मुक्ति चाहिए।*
*नफ़रत मुक्त भारत चाहिए।*
*
*राजनीति की गंदगी से आजादी चाहिए।*
🇮🇳 *तिरंगा तो हम लहराते आए हैं और लहराएंगे, तुम तो देश की इन समस्याओं पर ध्यान दो साहेब।*
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
Right
Allah bhi Sabke man mein hai to namaj Kyon padhna, Bhagwan bhi Sabke man mein hai to mandir Kyon Jana
@@up8199 KHANA BHI khaate ho ya SIRF NAARE laga laga kar peit bhar JATA hai , chaal ko samajho yaar , sattah HAASIL KARNE KE liye Hinduism POORAV CAG VINOD RAI NE sab clear kar DIYA hai . CAG KA HI PATA NAHIN HOGA SHAYAD ?
Tiranga.ka.samman.pahle.rss.walo.ko.sikhaeye
@@up8199 text book is present in student's hands..why write exams?
मानव संसाधन धड़ों में बटेगा तो झगड़े बढ़ेंगे ही। एकरुपता से आगे बढ़ेगा
Mukesh sir , आप लोगों के विश्लेषण से तो यह पता चलता है कि ' हिंदू ' कोई धर्म है हि नहीं.... लेकिन , यह बात अगर कोई 'गैर हिंदू ' कह दे तो बवाल मच जाएगा....;
😂
Kuchh kahney ki zaroorat nhi, khamoshi behtar hai.
Muze to wo dharm pasand h jisme bum fodne pr 72 hoore milti hai 🤣🤣🤣🤣
@@ayazfarooqui4491 muze to wo dharm pasand h jisme bum fodne pr 72 hoore milti hai 🤣🤣🤣
Unse bda pakhandi kaun hoga
🤣🤣🤣🤣🤣
@@ravisinha517 तो , उस धर्म को ही अपना लो , भाई.... रोका किसने है....?
मुकेशजी विदेशी यो ने हमें जीना सिखाया था, वे हमें सभ्य बनाने आए थे, और सभ्य बनाकर अपने देश चले गए, हमे उनका आभारी होना चाहिए।
तो फिर वेद पुराण और गीता भी वही लिख के गए?
गजब का ज्ञान बांट रहे हो।
एहसान मान लो उनका सभ्य बना के गए, बड़ी हमदर्दी थी उन्हें सनातनियों से या हमारी संस्कृति बर्बाद कर गए?
सबका मालिक ,पालक और मंजिल एक ही " कुदरत " है !
बस जीवन के सफ़र के रास्ते अलग - अलग है !
सत्यमेव जयते 🙊🙈🙉 🇮🇳🌳🌾🌱❤️🙏
Very True, Sir!!!
today hinduism means anti-islam (and anti-christianity, but in christian lands, christianity also is anti-islam). because islam is worship of One Creator. others are multiple "gods".
पिछले सैकड़ों साल से यही कहते आए है कि सबका मालिक एक पर यहां तो राग ही एकतरफा गया जा रहा है हम तुम्हारे धर्म पे सवाल उठाएंगे कि कब आया कैसे आया ये सवाल उस धर्म के अनुयाई उठा रहे है जब हिन्दू धर्म अपने चरम पर था तब इनका पता भी नहीं था उस पर तुर्रा ये कि अगर कोई उनके धर्म पर बोल दे तो सिर तन से जुदा ।दुनिया में एक भी मुल्क ऐसा नहीं जहा के बहुसंख्यकों के खिलाफ बोलने की हिम्मत कर सके यहां तो बहुसंख्यकों की गर्दन काटी जा रही है और प्रतिक्रिया में हम चुप है क्योंकि हम देश से इसकी व्यवस्था से प्यार करते है और देश की उन्नति चाहते है
@@sumityadav7nastik.with.science नास्तिक ➡️ प्लास्टिक 🤣🤣
Abe chup fir.varn.vyvastha kyon hai.tbhi jati vyavastha hai
धर्म के सद्गुण लक्षण ही हिन्दू समाज का धर्म है धर्म शब्द संस्कृत भाषा का है जो हिन्दू समाज कि देन हैं
सच मे आश्चर्य होता है, आज भी लोग इतने स्वतन्त्र विचारधारा के है, धन्यवाद सर.👌👌
@@sumityadav7nastik.with.science chuslman+ 72 hoore
Islma dharm pr inki awkad nhi bol ske 🤣🤣🤣🤣
Aur swantra ptrakar nhi chatukar ptrakar h
dabholkar, gauri lankesh etc ko bhi naman karo
१. भारत देश का नाम कैसे और किसने दिया? २.आद्य जगद्गुरु शंकराचार्य किस कालखंड में हुए?
३. उन्होंने हिंदू और हिंदुधर्म के लिए क्या कार्य किया?
इन बातों को लेकर इस व्हिडिओ में कुछ नहीं कहां गया।
हिंदू के बारे में कहीं गई बातों से पुर्ण समाधान नहीं होता, हिंदू के बारे में कहीं गई गोलमोल बातें से हिंदूओंकी स्तुती है या निंदा ये भी स्पष्ट नहीं होता। 🇮🇳❤️🚩 वंदे मातरम।
आदरणीय 🙏!
श्री पुनियानी पूरी तरह से सही नहीं हैं। यह हमारे देश की एक बड़ी समस्या है.
भारत में इतिहास एक बहुत ही चिंताजनक विषय है। इतिहास पर कुछ भी बात करें, कुछ समर्थन करेंगे, कुछ विरोध.
स्थिति ऐसी क्यों है?
स्वतंत्रता संग्राम काल में भारतीय हिन्दू धर्म को लेकर विभाजित थे। परम्परागत हिन्दू, हिन्दू धर्म के पक्षधर थे। महात्मा फुलेजी, डॉ. अम्बेडकरजी और पेरियारजी जैसे समाज सुधारक हिन्दू धर्म के विरोधी थे। वे हिन्दू धर्म को निम्न धर्म समझते थे। इसलिए उस काल की सत्तारूढ़ हिंदू पार्टी, कांग्रेस पार्टी ने नेहरूजी के नेतृत्व में हिंदू धर्म की स्थिति पर एक पवित्र समझौता अपनाया।
और इसलिए उनकी सरकार में हिंदू धर्म के दो चरमपंथ शामिल थे.... वह हैं माननीय डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकरजी और माननीय शमाप्रसाद मुखर्जी (सावरकरजी के शिष्य और वर्तमान भाजपा के पिता)
समय के साथ, चीजें गलत हो गई हैं।जिस व्यक्ति ने देश को एकता के सूत्र में पिरोया, वह अब गद्दार है।सावरकर को पाठ्यपुस्तक में शामिल करने और नेहरू को हटाने की हालिया घटना भी इसी हास्यास्पद प्रवृत्ति का हिस्सा है।
मैं बुनियादी मुद्दे पर इस विरोधाभास को दूर करने के लिए एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए सबसे सही तरीका बता रहा हूं। इस विरोधाभास ने जाति या धर्म या राजनीतिक झुकाव के आधार पर इतिहास के विभिन्न संस्करणों को जन्म दिया है। ऐसा इतिहास बहुत गंभीर धार्मिक और जातिगत विवादों का कारण बन रहा है। इसने हमारे देश को मूर्ख राष्ट्र में बदल दिया है। हमें इतिहास पर एकमत होने की जरूरत है. इतनी बुनियादी बात हम सुलझा नहीं पाते और दावा करते हैं विश्वगुरु होने का. हकीकत तो यह है कि मूर्खता में हम विश्वगुरु हैं।
मूलतः इतिहास एक शैक्षणिक विषय है। लेकिन भारत में यह एक राजनीतिक उपकरण बन गया है।इसे अकादमिक विषय बनाने के लिए हमें संघर्षों, विरोधाभासों का समाधान करना होगा।
मैं इतिहास, जाति और धर्म से संबंधित विवादों को सुलझाने के लिए देशव्यापी चर्चा करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन करना शुरू कर दिया और अब सरकार के आशीर्वाद से मैं देशव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं।सरकारी सहयोग जरूरी है.
मैं देश के हर नागरिक को इसमें शामिल करना चाहता हूं. मैंने आवश्यकताओं के अनुरूप चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिंदुओं पर उचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल आबादी जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य का पता लगाने में सक्षम है।
कृपया राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें और साझा करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
अवधूत जोशी
शत्य ईतिहास भारत का अाच्छा लगा ये भिडीयाे शन्देस धन्यबाद सर 🙏
बहुत दिन से इस vedio का इंतज़ार था sir
पुनियानी जी का धन्यवाद 🙏🙏
@@sumityadav7nastik.with.science 😁😁😁
I love Ram Puniyani style of explanation, he has in depth knowledge of history of our country. God bless him, may his tribe rise in our country. Goor job by Sathya TV.
Brahmin word has been firstly used in brahmin mythological books only.
@@sumityadav7nastik.with.science @mundu
Pahle jab koi tha hi nhin to Ham samgra ki Bodh wale shabd ki pahchan ke taur par kyun apni pehchan batate...
Ab jab saare samuday ke dusman khade hain sajis ke taur par aur sangathit hokar to aap kya sabit karne ko tule hain???
Nafrat felata hua Bhimta
@@jai_ji499 सत्य बात कड़वा लगता है
@@sumityadav7nastik.with.science ye kiya badtamzi hai dost
Wah keya charcha hai,,,, very good 👍 lntervew,,prof, Dr Ram puniyani,,
बढिया जानकारी दी है आपने 👌🙋♂️🇮🇳
भाषा ज्ञान पर सार्थक व्याख्या ।🙏👍
अब तो सिर्फ भारत का संविधान ही हम भारतीयों का धार्निक ग्रंंथ है
But aap logo ka to ek hi granth hai islam
@@vinodbhandari6679 aur tumhara mnnusmriti
@@wall3423 ha
आदरणीय @ramchandraraipure7573🙏!
श्री पुनियानी पूरी तरह से सही नहीं हैं। यह हमारे देश की एक बड़ी समस्या है.
भारत में इतिहास एक बहुत ही चिंताजनक विषय है। इतिहास पर कुछ भी बात करें, कुछ समर्थन करेंगे, कुछ विरोध.
स्थिति ऐसी क्यों है?
स्वतंत्रता संग्राम काल में भारतीय हिन्दू धर्म को लेकर विभाजित थे। परम्परागत हिन्दू, हिन्दू धर्म के पक्षधर थे। महात्मा फुलेजी, डॉ. अम्बेडकरजी और पेरियारजी जैसे समाज सुधारक हिन्दू धर्म के विरोधी थे। वे हिन्दू धर्म को निम्न धर्म समझते थे। इसलिए उस काल की सत्तारूढ़ हिंदू पार्टी, कांग्रेस पार्टी ने नेहरूजी के नेतृत्व में हिंदू धर्म की स्थिति पर एक पवित्र समझौता अपनाया।
और इसलिए उनकी सरकार में हिंदू धर्म के दो चरमपंथ शामिल थे.... वह हैं माननीय डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकरजी और माननीय शमाप्रसाद मुखर्जी (सावरकरजी के शिष्य और वर्तमान भाजपा के पिता)
समय के साथ, चीजें गलत हो गई हैं।जिस व्यक्ति ने देश को एकता के सूत्र में पिरोया, वह अब गद्दार है।सावरकर को पाठ्यपुस्तक में शामिल करने और नेहरू को हटाने की हालिया घटना भी इसी हास्यास्पद प्रवृत्ति का हिस्सा है।
मैं बुनियादी मुद्दे पर इस विरोधाभास को दूर करने के लिए एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए सबसे सही तरीका बता रहा हूं। इस विरोधाभास ने जाति या धर्म या राजनीतिक झुकाव के आधार पर इतिहास के विभिन्न संस्करणों को जन्म दिया है। ऐसा इतिहास बहुत गंभीर धार्मिक और जातिगत विवादों का कारण बन रहा है। इसने हमारे देश को मूर्ख राष्ट्र में बदल दिया है। हमें इतिहास पर एकमत होने की जरूरत है. इतनी बुनियादी बात हम सुलझा नहीं पाते और दावा करते हैं विश्वगुरु होने का. हकीकत तो यह है कि मूर्खता में हम विश्वगुरु हैं।
मूलतः इतिहास एक शैक्षणिक विषय है। लेकिन भारत में यह एक राजनीतिक उपकरण बन गया है।इसे अकादमिक विषय बनाने के लिए हमें संघर्षों, विरोधाभासों का समाधान करना होगा।
मैं इतिहास, जाति और धर्म से संबंधित विवादों को सुलझाने के लिए देशव्यापी चर्चा करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन करना शुरू कर दिया और अब सरकार के आशीर्वाद से मैं देशव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं।सरकारी सहयोग जरूरी है.
मैं देश के हर नागरिक को इसमें शामिल करना चाहता हूं. मैंने आवश्यकताओं के अनुरूप चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिंदुओं पर उचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल आबादी जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य का पता लगाने में सक्षम है।
कृपया राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें और साझा करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
अवधूत जोशी
कुछ दिन ही सही, आंधी आयीं तो है,
क्या पता हवा किस रुख़ से चले,
दिल में वतन की खुश्बू लहेरायी तो है! 🇮🇳
१. भारत देश का नाम कैसे और किसने दिया? २.आद्य जगद्गुरु शंकराचार्य किस कालखंड में हुए?
३. उन्होंने हिंदू और हिंदुधर्म के लिए क्या कार्य किया?
इन बातों को लेकर इस व्हिडिओ में कुछ नहीं कहां गया।
हिंदू के बारे में कहीं गई बातों से पुर्ण समाधान नहीं होता, हिंदू के बारे में कहीं गई गोलमोल बातें से हिंदूओंकी स्तुती है या निंदा ये भी स्पष्ट नहीं होता। 🇮🇳❤️🚩 वंदे मातरम।
आदरणीय @so-luckyvijay7460🙏!
श्री पुनियानी पूरी तरह से सही नहीं हैं। यह हमारे देश की एक बड़ी समस्या है.
भारत में इतिहास एक बहुत ही चिंताजनक विषय है। इतिहास पर कुछ भी बात करें, कुछ समर्थन करेंगे, कुछ विरोध.
स्थिति ऐसी क्यों है?
स्वतंत्रता संग्राम काल में भारतीय हिन्दू धर्म को लेकर विभाजित थे। परम्परागत हिन्दू, हिन्दू धर्म के पक्षधर थे। महात्मा फुलेजी, डॉ. अम्बेडकरजी और पेरियारजी जैसे समाज सुधारक हिन्दू धर्म के विरोधी थे। वे हिन्दू धर्म को निम्न धर्म समझते थे। इसलिए उस काल की सत्तारूढ़ हिंदू पार्टी, कांग्रेस पार्टी ने नेहरूजी के नेतृत्व में हिंदू धर्म की स्थिति पर एक पवित्र समझौता अपनाया।
और इसलिए उनकी सरकार में हिंदू धर्म के दो चरमपंथ शामिल थे.... वह हैं माननीय डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकरजी और माननीय शमाप्रसाद मुखर्जी (सावरकरजी के शिष्य और वर्तमान भाजपा के पिता)
समय के साथ, चीजें गलत हो गई हैं।जिस व्यक्ति ने देश को एकता के सूत्र में पिरोया, वह अब गद्दार है।सावरकर को पाठ्यपुस्तक में शामिल करने और नेहरू को हटाने की हालिया घटना भी इसी हास्यास्पद प्रवृत्ति का हिस्सा है।
मैं बुनियादी मुद्दे पर इस विरोधाभास को दूर करने के लिए एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए सबसे सही तरीका बता रहा हूं। इस विरोधाभास ने जाति या धर्म या राजनीतिक झुकाव के आधार पर इतिहास के विभिन्न संस्करणों को जन्म दिया है। ऐसा इतिहास बहुत गंभीर धार्मिक और जातिगत विवादों का कारण बन रहा है। इसने हमारे देश को मूर्ख राष्ट्र में बदल दिया है। हमें इतिहास पर एकमत होने की जरूरत है. इतनी बुनियादी बात हम सुलझा नहीं पाते और दावा करते हैं विश्वगुरु होने का. हकीकत तो यह है कि मूर्खता में हम विश्वगुरु हैं।
मूलतः इतिहास एक शैक्षणिक विषय है। लेकिन भारत में यह एक राजनीतिक उपकरण बन गया है।इसे अकादमिक विषय बनाने के लिए हमें संघर्षों, विरोधाभासों का समाधान करना होगा।
मैं इतिहास, जाति और धर्म से संबंधित विवादों को सुलझाने के लिए देशव्यापी चर्चा करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन करना शुरू कर दिया और अब सरकार के आशीर्वाद से मैं देशव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं।सरकारी सहयोग जरूरी है.
मैं देश के हर नागरिक को इसमें शामिल करना चाहता हूं. मैंने आवश्यकताओं के अनुरूप चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिंदुओं पर उचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल आबादी जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य का पता लगाने में सक्षम है।
कृपया राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें और साझा करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
अवधूत जोशी
@@udhavgiri Bahrat ka dharma Ved ha no Hindu no snatan only Ved dharma Ved ka matlab geaen
आदरणीय मुकेश जी, पुनियनी जी सादर प्रणाम
मैं देहाती अल्प शिक्षित हूँ, क्षमा चाहता हूँ हिन्दू शब्द अरबी भाषा का है जिसका हिन्दी अर्थ है शरण देने वाला, भूमण्डल पर पहाड़ी, पठारी, मारू भूम मैदानी और समुद्री क्षेत्र थे और क्षेत्र के अनुसार मानव जाति के गुण धर्म थे , पहाड़ी शांति एकांत, पथरी आत्म विश्वासी, marubm भूखे में लूटेरे तो मैदानी वाले सम्पन्न दयवान थे
Main Bhartiya hun, Aur Main Aadivasi jaati se hun, aur Main Isai Dharm me Vishwas rakhti hun.
Theek ho gya Madame
Puniyani ji aapne bahut hi sundar saral shabdo me samjhaya. Janta KO samajhne me asani huwi hai. Thank you so much Sir. Thank you to mukesh sir also
@@sumityadav7nastik.with.science नास्तिक ➡️ प्लास्टिक ➡️ गपास्तिक 🤣🤣🤣🖕
@@sumityadav7nastik.with.science आ गए अपनी नीचता पर 😁😁
@@sumityadav7nastik.with.science कुछ ना हो तो गाली दो यही नास्तिक होता है 🤮🤮🤮🤮
राम पुनियानी जी जैसे लोगों को सलाम है।🙏
सन् १९९५ में सुप्रीम कोर्ट्स ने निर्णय दिया कि हिंदू धर्म कोई धर्म नहीं है बल्कि मुग़लों द्वारा दी हुई गाली है इस पर आप की क्या राय है कृपया बताएँ ।
right
सुप्रीम कोर्ट ने दीयां हुवां फैसला सही हीं है । एक गाली वालें हीं दु धर्म में कौन ढलान समझदार आदमी रहेगां ?
तबसे मैंने तो हीं दु धर्म छोड़ हीं दीयां है ।
अब मैंने माणवतावादी तथागत बुद्ध कां बौध्द धम्म अपना लीया है । ।
कोर्ट ने जो कहा गलत नही कहा ।और मुगलो ने जो हिंदू कहा वो भी गलत नही कहा । हमारा देस हिंद महासागर से जादा मिला हुआ है इसलिए अरबो ने इस भू भाग को हिंद कहा और हिंद में रहने वालें सारे लोगो को हिंदी कहा और आज भी अरब में हिंदुस्तान में रहने वाले सभी लोगों को हिंदी कहते है पर भारत में रहने वाले लोग खुद को हिंदू कहते है । और जब मुस्लिम धर्म यहां आया तो दो धर्मो की पहचान अलग हो इसलिए सनातनियो ने खुद को हिंदू कहने लगे और दूसरा धर्म इस्लाम जो मुसलमान होते थे ।
आपकी बात सत्य है मैंने भी वह न्यूज़ पड़ी है वो पत्रिका भी मेरे पास है
जो हम पर टैग लगाया गया कि हम हिंदू हैं हम हिंदू नहीं है ना ही हमारे पूर्वज हिंदू थे जय भीम नमो बुद्धाय
सर जी आपने जो ज्ञान दिया उसी को नमस्कार है जी
धन्यवाद साहब यह जानकारी देने के लिए
He is talking more about Religions NOT about The Origin of The Word Hindu. He Himself appears to be pretty Confused or uncertain. Little knowledge is a dangerous thing. One Must Study The World's History. Period & Date wise.These are The Reasons Hindu Religion is Considered as Mythology & is interpreted as Hinduism. However This discussion was almost out of Context & couldn't produce concrete Logic. The first & formost Point is, that we all are The Living Creatures as Human beings, Created by The Sovereign & Almighty GOD. Meant to Live in PEACE with each other & to Love & Respect every Human Race. GLORY to GOD Alone forever Amen. 🙏👍🙏
Mukesh Kumar ji and Dr. Ram puniyani ji thank you so much for this snow.
Dr. Punyani is a gem of man. How erudite and balanced are his views!
आजकल कुछ लोग हैं जो हिंदू धर्म पर खोज कर रहे हैं हमारे महा पुरुष जो लिखे उसपर इनको बिसवास नहीं है जो बआंमपथी बिचार धारा के लोग लिखें उस पर भरोसा रखते हैं ये बेसरमी लोग हमारे हिन्दू धर्म और हिन्दू इतिहास को षणयंत के तहत खत्म करने में लगे रहते हैं लेकिन कितने आततायी आये और मिट गए सनातन संस्कृति कोई भी धर्म को खत्म नहीं कर सका अगर इन इतिहास कार में हिम्मत है तो किसी बिसेश धर्म पर बोले दूसरे दिन सायद बोलने लायक नहीं रहेंगे नहीं उस समय पर रहने वाले लोगों को जानवर बोला जाता है सही है न यही आप सुनना चाहते हों मैं ही बता दिया अब तो खुसी हुई होगी
बाबा साहब खुद मुसलमान क्यों नहीं बने अगर बाबा साहब को हिंदू धर्म से नफ़रत थी बाबा साहब ने कभी भी हिंदू बिरोधी नहीं थे हां छुआ छूत से परेशान थे यह सही है छुआ छूत समाज हित में नहीं था मुकेश जी धर्म परिवर्तन की आजादी है कोई दबाव नहीं है कि न चाहते हुए भी धर्म का पालन करें जिस धर्म से आप प़भावित है वहां पर भी अलग अलग तरह से मानने वाले लोग हैं और छुआ छूत है कहो तो मैं। प़माण दे सकता हूं क्या जो दलित भाई धर्म परिवर्तन किया वो आज समान रूप से उस समाज में है
Respected @francisp9509 🙏!
Mr.Puniyani is not totally correct.
History in India is a very disturbing subject. That is a big problem of our nation. Talk anything on history, some will support, some will oppose. Why is the situation like this?
In freedom struggle period, Indians were divided on Hindu religion. Traditional Hindu were in favor of Hindu religion. Social reformers like Mahatma Fuleji, Dr.Ambedkarji and Periyarji were against Hindu religion. They thought of Hindu religion as inferior religion.
Hence the ruling Hindu party of that period, Congress party under leadership of Nehruji adopted a sacred compromise on position of Hindu religion. And hence his government included two extremes of Hindu religion....that is Honorable Dr.Babsaheb Ambedkarji and Honorable Shamaprasad Mukherji( disciple of Sawarkarji and father of present BJP)
With time, things have gone wrong. The person who achieved unity of nation in freedom struggle is now a traitor. The inclusion of Sawarkarji in a text book and removal of Nehruji is also part of this ridiculous trend. This contradiction has given birth to different versions of history based on caste or religion or political inclination. Such history is causing very serious religion and caste conflicts.
Basically history should be an academic subject. But in India, history has became a political tool.
It has converted our nation into stupid nation. We need unanimity on history. We cannot solve such a basic thing and we claim to be Vishwaguru. The reality is that we are world gurus in stupidity.
I want to hold nationwide discussions to resolve history, caste and religion related disputes and I have made 1400 requests to the government by May 2022. I quit my job in 2012 and started studying these topics and now I am in a position to do such nationwide discussions. I want to include every citizen of the country.
I have developed a special system of discussion according to the needs. It gives due attention to the following points
1) The delicate nature of issues like caste and religion 2) The satisfaction of all the participants 3) The vast population of our country consisting of educated and uneducated sections 4) The political system of our country. 5) It is able to find the truth in an unbiased way.
Please support and share idea of nationwide discussion. Let us revive social and religious harmony.
Avdhut Joshi
Mukeshji , pl do a show on Jain philosophy also. People know very little about Mahavir bhagwan.
जो भी कठीण हो,फैला हूवाॅ था,उसको वक्त के साथ बदलाव आता हैं,उसको एक रूप दिया जाता हैं, शायद यही हिंदू धर्म के साथ हूवाॅ हैं, लेकीन आज एक सच है,हम हिंदू धर्म के लोग हैं
मुगलों ने यहाँ के पराजित लोगों को दिया हुआ नाम है हिन्दू ।
कोन से मुग़ल ने दिया व किस किताब में लिखा है। हिनदवा सूर्य महाराणा प्रताप। हिमालय से लेकर समूद तक जो भूभाग है वह भारत देश है उसमें रहने वाले को हिन्दू कहां जाता है
@@jagdishvaishnav6128 mughlo ka phala koi hindu word ki koi history nahi thi
@@kingsharukhkhan हिन्द महासागर का नाम कबसे पड़ा किसने रखा अरबों को एक से लेकर जीरो शुन्य का ज्ञान भारत ने दिया जिसको अरबी लोग हिन्दसा कहते थे ये बात हजारों वर्षों पुरानी है हि से हिमालय इंदू से समूद तक जो भूभाग है उसमें रहने वाले को हिन्दू कहां जाता रहा है इस पूरे भूभाग में दूसरे मत पंथ मजहब का एक भी दूसरे नहीं थे
@@kingsharukhkhan hindu shbd 2500 purana hai ,Darius ka inscription
@@jagdishvaishnav6128 ha ha 😂😂😂😂😂😂😂😂 desh ki koi bhasha me hindu shabd nahi hai 4 vedon me HINDU shabd nahi hai 18 purano me hindu shabd nahi hai 108upnishad me hindu shabd nahi hai lekin ek bhasha me hindu shabd hai o hai farashi jiska arth hota hai kala chor daku nakta butaka
सर आप लगातार मेहनत करते रहिए हम आपके जी जान से साथ हैं और आप जो यह पुण्य का काम करते हैं सबसे को उजागर करके उसके लिए आपको ढेर सारी शुभकामनाएं बहुत ही सराहनीय कदम
Excellent ......and very effectively explained......Great analysis
सिन्धु से हिन्दू बनी हमारी पहचान क्योकी उनका उच्चारण सही नहीं था उन लोगों को अच्छे से भाषा आती नहीं थी खैर जो भी हो आज हमारी वर्तमान पहचान है उसे ही संभालना सहेजा ना हमारा नैतिक दायित्व व जिम्मेमदारी है उसपर किसी प्रा कार की कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए यह गलत है हम विदेशी चीजों से जितना बहार निकले उतना अच्छा
जय श्री राम
I AM HUNDRED TIMES THANKFUL TO PUNYANI JI AND KUMARJI THE Y ARE REALLY TRUTH SPEAKING HUMAN THANKS TO THEM FROM MY INNER HEART
मोहम्मद के बारे में भी सच्चाई सुननी है
Sach sunke ke kai logo ko kabziyat ho gai hai.....
@@akaa-gl9ve Muhammad peace be upon him ki tarif ved me v mil jayega...
Ved aapke pass hai to bolye...
कुछ लोगौं का धर्म सिर्फ और सिर्फ जबरिया है।है कुछ नहीं बताओ और तीन लो सबका सब कुछ करो कुछ नहीं ऐश करो सबकुछ,मिशाल के तौर पर,साधु संतों ने बांधी गांठ बहुजन पाये सौ में साठ,बहुजनौं ने ललकारा है नब्बे भाग हमारा है।लेकीन ये दस परसैंट लुटेरे हमारा नब्बे प्रतिशत भाग चुराए बैठे हैं।जो इन्हें बिहार की तरह आखिर देना ही पड़ेगा।जय भीम, खुदा हाफ़िज़, जय मंडल, जय संविधान, जय विज्ञान।
Islam ka bara ma truth bol denga to Thanks bologa ya gala katoga
हम वो लोग हैं, जो जीव में शिव देखते हैं, हम वो लोग हैं, जो नर में नारायण देखते हैं, हम वो लोग हैं, जो नारी को नारायणी कहते हैं, हम वो लोग हैं, जो पौधे में परमात्मा देखते हैं, हम वो लोग हैं, जो नदी को मां मानते हैं, हम वो लोग हैं, जो कंकड़-कंकड़ में शंकर देखते हैं:
यह हमारी पहचान है
यही हिंदुस्तान है 🙏🚩🚩🚩🚩
Nari ko narayani kehte ho aur dahez ke liye usi ko jala kar aur gala ghont kar mar daalte ho
BHUT BADHIYA BOLE H
BAS LOG RAP N KARE
PEDH KATE NHI
OR NADIYO K PANI KRAB N KRE
Tum log vah Ho Jo 9 din nari ko poojte Hain aur uske bad nari ki aisi ki taisi karte ho
Bahut sare example mil jaenge Nirbhaya se lekar
Doctorni Sahiba Tak
Hindu Name / came from Sindhu..( Sindh) People of Sindh are Called Sindhi, which is in the South of Pakistan & in the North of Gujrat ) History is The Witness. This is why it's Called, " Sindhu Ghati ki Sabhyata." ( Sindhi mostly don't Pronounce ( S ) like in Hindi or English.) They pronounce it almost like Hind. So it became like Pak + stan. Hind + Stan. So in English this Means, " Indus valley Civilization." There is NO Cofusion about it. These People were Wanderers, They Travelled from Egypt in Search of Green Pastures through Mesopotamia to Syria, Greece & Europa, Kabul to lNDIA. Indus is just the Translation of Sindhu to INDU. There was No Hindu Dharama. " Little Knowledge is a dangerous Thing "...to know the Fact, These Wanderers once they Settled in The Sindh Valley. There they experienced their own issues so they decided to devide their SOCIETY in Four Casts / Classes, according to Their Work. 1. BRAHMIN / Teachers 2. KSHATRI / Fighters 3. VASHYA / Farmers & Sheapard 4. SHUDRA / Cleaners. And Once they got settled, then They wrote their Own Philosophies & Stories Thus, formed their own Pattern of Religion. In which they combined some ldeas
of foreign Cultures. e.g. Swastika from Germany. Yoga from GREECE. On their Way or from Kabul etc. Whatever they discovered suitable for their own individual Community. The very CAST System started with them even as when They started Travelling into The Land of INDIA ( They Named it Bharat ) according to Their Stories of ( Mythology ) They Constructed Beautiful & Powerful Stories of Which one finds No Connections to The TRUE History or Dates, though they maintained the actual Geographical Background of lNDIA. Then the TRUE Natives of India were Called DRAVEDIANS. They were very intelligent & Honest People. Which were later Pushed by them Towards South. Weapons of Kshatriya were Bow, Arrows and Spears mostly which were fashioned exactly like the Then Egyptian Style. Which we also see in the Mahabharata & Ramayana Films / Serials. later The Brahmins considered themselves as Superior Class.. and started keeping a distance from Shudra because their Work was to maintain Cleanliness. Which is found even Today. They consider the SHUDRA as Scheduled Class. You called them Hindu, Sindhi or lndian, all The Same. ( Religion i. e. Faith has Nothing to do with all This ) FAITH & Religion is a Very Personal Matter for every individual in every Democratic country. INDIA is & was from Ages a Beautiful Prosperous Country, which Teaches LOVE, Sincerity, Generosity and Tolerance. Here Hindu, Muslim, Sikh, Isai & Parsi. All live with Love and Enjoy their Togetherness with Great Blessings from GOD Almighty. HaleluJah Amen SHALOM 🙏👍🙏💥💥💥 M. Krug. Thanks TH-cam Channel as always.
Manjur krug you have great knowledge. Thanks for great, & true comments. 👍👍👍. May Almighty God bless you abundantly. 🙏🌝
Revise and update your knowledge Mr. Kurg. The very three words clearly declare your intention, Hallelujah, Amen and Shalom!
@@nathjha61 Thank you so much.
God bless you ...Praise the Lord. Amen. Hallelujah..👏👏👏
@manjur king
It means rajput are Sindhis
Great knowledge but is this absolute truth..
I am very much thankful to Sh Mukesh g and Sh Puniyani g for their truthfulness and honest worth knowledge 🎉
Respected @inderpalsaphiya2389 🙏!
Mr.Puniyani is not totally correct.
History in India is a very disturbing subject. That is a big problem of our nation. Talk anything on history, some will support, some will oppose. Why is the situation like this?
In freedom struggle period, Indians were divided on Hindu religion. Traditional Hindu were in favor of Hindu religion. Social reformers like Mahatma Fuleji, Dr.Ambedkarji and Periyarji were against Hindu religion. They thought of Hindu religion as inferior religion.
Hence the ruling Hindu party of that period, Congress party under leadership of Nehruji adopted a sacred compromise on position of Hindu religion. And hence his government included two extremes of Hindu religion....that is Honorable Dr.Babsaheb Ambedkarji and Honorable Shamaprasad Mukherji( disciple of Sawarkarji and father of present BJP)
With time, things have gone wrong. The person who achieved unity of nation in freedom struggle is now a traitor. The inclusion of Sawarkarji in a text book and removal of Nehruji is also part of this ridiculous trend. This contradiction has given birth to different versions of history based on caste or religion or political inclination. Such history is causing very serious religion and caste conflicts.
Basically history should be an academic subject. But in India, history has became a political tool.
It has converted our nation into stupid nation. We need unanimity on history. We cannot solve such a basic thing and we claim to be Vishwaguru. The reality is that we are world gurus in stupidity.
I want to hold nationwide discussions to resolve history, caste and religion related disputes and I have made 1400 requests to the government by May 2022. I quit my job in 2012 and started studying these topics and now I am in a position to do such nationwide discussions. I want to include every citizen of the country.
I have developed a special system of discussion according to the needs. It gives due attention to the following points
1) The delicate nature of issues like caste and religion 2) The satisfaction of all the participants 3) The vast population of our country consisting of educated and uneducated sections 4) The political system of our country. 5) It is able to find the truth in an unbiased way.
Please support and share idea of nationwide discussion. Let us revive social and religious harmony.
Avdhut Joshi
Sir!
How do you certify Shri.Mukesh and Puniyani for their truthfulness? I will not object their honesty and knowledge. However honesty and knowledge can be wrong. The tools for deciding honesty and truth must be different. Please think over this and support my idea of nationwide discussion.
🙏
Avadhut Joshi
Very interesting and knowledgeable program.
@@dallah72hoorwala12 😄😄😄😄आ गया टुन्नी.......
@Yezmin Yaseen Superior Bomb fodne mai.
@Yezmin Yaseen O tao dekh raha hai,Commonwealth game mai Pakistan ka kustibeero ko pata chala geya kitna tis maar khan ho tumlog.Jawahari America ne bhej diya 72 hooro ke pass.
@Yezmin Yaseen Ajkaal Hum chamar hi Dunia ka Top MNC ka CEO ban raha hai.OR tumlog Ugrabaadi kutte ka maot mar rahe ho.
Tujhe badi padi hai, hinduon ko muslim banana chahta hai
Mukesh Kumar ji or Ram puniyani ji aapki baatein sunn ke bhot achcha lga or bhot kuch Jana Dhanyawad
Mukeshji salute to your guts for coming up with this topic 👏
Islam ke bare mein bhi Kuchh bologe
@@up8199 abey be akal yahi to point hai ki wo Islam ki copy kr rahe hai ,jaise unka ek paigambar hai tum ram ko bana rahe ho ,unka ek holybook hai tum bhi koshish kr rahe ho ,unka ek holy place hai tum ayodhya ko bana rahe ho , jaisaki aamtaur pey har ek dharm ka hota hai jaise Sikhism ya Buddhism lekin ye nahi samjhtey ki hindu ek sandkriti hai ek jeene ka tareeka ek particular area ka aur ismey kai anekta hai isko waise hi rehney dete lekin nahi copy krna hai aur C banana hai
@@sumityadav7nastik.with.science nahi bhai yahi to nahi krna hai sabki apni manyata hai don't disrespect anyone... baat yahapar ye sach batana hai ki hindutva k neta kis tarah se khoot se logo ko gumrah aur Lada rahe hai ..insaan insaan k hi kaam ata hai hum bachpan se insaan ko hi dekhte hai bhagwaan ko to sirf kahaniyo mry hi suna hai so ko real mey exist krta hai usko mardogey jisey dekha.nahi abtak
@@binuvarghese09 wo bhi gu kha rahe hain, ye bhi gu kha rahe hain, same same 😆
correct. dabholkar, gauri lakesh etc paid the price
सत्य तो अक्सर नंगा सामने आता है,झुठ हमेशा नये नये लिबास पहने रहता है वह उसकी जरुरत होती है.
Thanks to satya news channel for this Programme
हम और हमारे धर्म ग्रंथ धर्म पर जोर देते हैं और उपासना पद्धति की स्वतंत्रता देते है
धन्यवाद बहुत कुछ नया जानने मिला ।।।
Ha to ab khud ko hindu mat bolna
Or sanatani kahalwane ka Hak tumko hai hi nhi qki tum sanatan ki raah pe Chloe hi nhi
Professor Ram puniyani aur professor Mukesh Kumar Ko is jankari ke bahut bahut dhanyvad
हम मुस्लमान है लेकिन हम को सऊदी अरब मे हिन्दू बोलते है कियोकि हम हिंदुस्तान मे रहते है आप ने सही कहा
Wo hindu nahi... Hindi boltey hain jsika matlab indian hota hai
Are chuttye tere purvej pahle hindu he thain baad main dharm parivartan karke muslim bane samjhe
Puniyani ji really you provide a strong and excellent explanation for Indian History,
Salute your knowledge of scholar
जय भारत हम सब एक है
જય ભીમ જય ભારત જય સંવિધાન સત્ય મેવ જયતે નમો બુદ્ધાય જય મુલ નિવાસી બૈદ્વ મૈં ભારત દેશ કે મુલ નિવાસી બૈદ્વ ભારતીય સંવિધાનિક સૈદ્ધાંતિક સંવિધાન કે આધાર પર
એ બૌદ્ધો હવે હિન્દુ છે! જાતે જ !!!
Yahi farq hai padhney mei aur ladney mei
सब कुछ इतिहास में दर्ज है, कितना भी जोर ब्राह्मण धर्म लगा ले अब ज्यादा दिन तक लोगों को मूर्ख नही बना सकते हैं !
आप से पहले भी बहुत कुछ यादों को ताजा रखने वाले लोगों के लिए मेरा प्रणाम।
किसी दिन भगवा और हिंदुत्व शब्द पर सर पुनियानी जी से चर्चा परिचर्चा हो सर जी 🙏🏻
8. It is the outsiders who see them as a group, as a single unit and thus give them a name, which later sometimes comes to define the ‘in’ group. There is nothing odd about it.
यहां के भारतीय पोंगा पंडित जो यह तक नहीं जानते कि हमारे देश में केवल और केवल पैगम्बरी धर्म इस्लाम धर्म मात्र है क्रिश्चन और मुसलमान अपनी धार्मिक बुक बाईबल और कुरान को लेकर दिखाकर बता सकते हैं कि हमारे किसी पैगम्बर द्वारा कथितरूप से कोई धार्मिक रास्ता दिखाया गया है परन्तु हिन्दुओं में ऐसी कोई किताब या पैगम्बरनाम का कुछ चीज ही नहीं जिसके आधार पर यह कहा जाए कि हमें कभी किसी समय पर किसी अग्रिम धार्मिक नेता या पैगम्बर द्वारा कथितरूप से किसी किताब को हमारा धर्म चलाने के लिए कुछ कहा है।फिर भि जबरदस्ती हम हिन्दू वाले बड़े हैं।जय भीम, खुदा हाफ़िज़, जय मंडल, जय संविधान , जय विज्ञान।
Thanks for giving us true information about creation of Hinduism
Dr.Ram Puniani is a Noble being.
Nicely explained
Important knowledge very nice
जय भीम नमो बौद्ध ❤
Zaroori & important speech tanks Sir.
Very nice,, 👍 interesting & knowledgeable subject.
Haraam kaam maat kar bus quran par aur kuch nahi
Sachwala ji ko suno bhai
सबका पहचान भारतीय से होना चाहिए
जय जवान ! जय किसान ! जय हिन्द ! जय भारत ! जय भारतीय संविधान !
Phirbi jai hind kar raha h video dekh kar murk
@@enceegamer4577तुम्हारे हिसाब से "जय हिंद" न बोलकर "जय इंड" बोला जाये। तुम खुद को बहुत बड़ी विदुषी समझ रही हो। किंतु एक चलन जब इस्तेमाल में आ जाती है तो उसे जल्द समाप्त करना संभव नहीं। जो शख्स बिना सोचे समझे दूसरे को गाली दे उससे बड़ा मूर्ख कोई हो ही नहीं सकता। तुम्हें पता होना चाहिए कि ये एक प्रचलन है जो भारतीय सेना और पुलिस में नमस्कार/प्रणाम के बदले में भी इस्तेमाल होती है।
Apne bahut sary batoonko bataya iskeliye apkomobarakbad
अगर स की जगह ह उच्चारण करने से ,हिंदू, हो गया तो "सिंधु नदी"को भी "हिंदू नदी" हो जाना चाहिए था।
तभी तो सिंधु नदी पार वाले एरीये के नाम से 'ईंडीका' लिखा गया और सिंधु घाटी की सभ्यता को 'ईंडस वैल्ली सिविलाईजेशन' कहा गया.
West Rajasthan me ab bhi sha ko hai hi bola jata hai.jase Sathi ko hathi pahli baar jab jodhpur gya to koi address puccha to reply mila hidi hadak jaana yani Sidhi sadak chale jaayo
@@vinodburhade5093 इंडिका एक ग्रीक शब्द है जिसका मतलब होता है इंडियन और इंडियन एक गाली है जिसका अर्थ होता है असभ्य जंगली लोग |
Very interesting and informative talk! Tribute from Pakistan
मुकेश जी, महाराष्ट्र में ब्राह्मण अपने बच्चों का स्कुलमे दाखला करते समय जाती और धर्म लिखवाते थे। इस का मतलब वो खुद को हिंदू नहीं मानते।
आप झुट मत फैलैना। ब्राह्मण तो हिंदु जाती है।शायद आपको ऊनसे ज्यादा नफरत हो गयी है।
Hindu shabd ka. Aarth aa. Thag. Chor. Dikshanri. Me dekho. Fir Btao
हिंदू शब्द ही उधार का है।
विदेशियों का दिया गया नाम है।
@@bb5920 सही कहा आपने। अंग्रेजों ने हमें विश्व पटल पर कमजोर और असभ्य के तौर पर प्रचारित करने के लिए ही अपने डिक्शनरी में हिन्दू की ऐसी परिभाषा गढ़ी है। फिर भी हम अंग्रेजी और अंग्रेज़ो की गुलामी से बाहर नहीं निकल पा रहें हैं। क्योंकि हिन्दू हिन्दू कहते सुनते हमारे मानस में हीन भावना भर गई है।
हिंदू ये पारसी शब्द है उसमे चोर,लुटेरा,डाकू,हरा हुवा बताया है!स्वामी दयानंद सरस्वती ने उसका अर्थ मुगलो ने दी हुई गाली बताया है.
हिन्दू शब्द कबीलाई शब्द है जब से इसका प्रयोग बढ़ा है तब से सनातन सोच कबीलाई होती जा रही है।इसका ख़तरनाक असर परिवार समाज व्यवहार में दिख रहा है। राजनीतिक रूप से जरूर लाभकारी सिद्ध हो रहा है।
God Bless all those who strive to enhance our perspectives and worldview....
Thanks. Jai-Hind. Jai-Bheem
@@sumityadav7nastik.with.science Brilliant, and beautiful, Guruji. Jai-Hind
Bahut achchi sahi bat ki.dhanyvad
Excellent analytical debate Dr Mukesh ji.
Not debate
It's discussion
सर नमस्कार 🙏 बहुत अच्छी जानकारी दी है पुनियानी जी ने, और आपके सवाल भी अच्छे रहे।
मुकेश जी आपको बताना चाहूंगा कि सिख इतिहास और गुरबाणी में भी हिन्दू शब्द एक धर्म के रूप में ही आता है। और वर्ण बांट, ब्राह्मण वाद एवं पूजा पद्धति के बारे में भी जिक्र किया गया है। गुरु नानक देव जी समेत दूसरे गुरु साहिबान और भक्तों की बाणी में भी हिन्दू शब्द धर्म के रूप में ही आया है। इसलिए मेरा मानना है कि गुरु नानक जी और उन भक्तों जिन की बाणी श्री गुरु ग्रंथ साहिब में दर्ज है के समय से भी हिन्दू जिसे भौगौलिक माना जाता है, एक धर्म के रूप में माना गया।
Thanks Mr. Mukesh Kumar for your Analysis regarding Hinduism. 🙏
Respected @manjurkrug1855 🙏!
Mr.Puniyani is not totally correct.
History in India is a very disturbing subject. That is a big problem of our nation. Talk anything on history, some will support, some will oppose. Why is the situation like this?
In freedom struggle period, Indians were divided on Hindu religion. Traditional Hindu were in favor of Hindu religion. Social reformers like Mahatma Fuleji, Dr.Ambedkarji and Periyarji were against Hindu religion. They thought of Hindu religion as inferior religion.
Hence the ruling Hindu party of that period, Congress party under leadership of Nehruji adopted a sacred compromise on position of Hindu religion. And hence his government included two extremes of Hindu religion....that is Honorable Dr.Babsaheb Ambedkarji and Honorable Shamaprasad Mukherji( disciple of Sawarkarji and father of present BJP)
With time, things have gone wrong. The person who achieved unity of nation in freedom struggle is now a traitor. The inclusion of Sawarkarji in a text book and removal of Nehruji is also part of this ridiculous trend. This contradiction has given birth to different versions of history based on caste or religion or political inclination. Such history is causing very serious religion and caste conflicts.
Basically history should be an academic subject. But in India, history has became a political tool.
It has converted our nation into stupid nation. We need unanimity on history. We cannot solve such a basic thing and we claim to be Vishwaguru. The reality is that we are world gurus in stupidity.
I want to hold nationwide discussions to resolve history, caste and religion related disputes and I have made 1400 requests to the government by May 2022. I quit my job in 2012 and started studying these topics and now I am in a position to do such nationwide discussions. I want to include every citizen of the country.
I have developed a special system of discussion according to the needs. It gives due attention to the following points
1) The delicate nature of issues like caste and religion 2) The satisfaction of all the participants 3) The vast population of our country consisting of educated and uneducated sections 4) The political system of our country. 5) It is able to find the truth in an unbiased way.
Please support and share idea of nationwide discussion. Let us revive social and religious harmony.
Avdhut Joshi
Nice video. Good style, editing. 💕👍👫
I appreciate your courage ...you always stick to truth and historical facts...
Respected @goodhuman6936 🙏!
Mr.Puniyani is not totally correct.
History in India is a very disturbing subject. That is a big problem of our nation. Talk anything on history, some will support, some will oppose. Why is the situation like this?
In freedom struggle period, Indians were divided on Hindu religion. Traditional Hindu were in favor of Hindu religion. Social reformers like Mahatma Fuleji, Dr.Ambedkarji and Periyarji were against Hindu religion. They thought of Hindu religion as inferior religion.
Hence the ruling Hindu party of that period, Congress party under leadership of Nehruji adopted a sacred compromise on position of Hindu religion. And hence his government included two extremes of Hindu religion....that is Honorable Dr.Babsaheb Ambedkarji and Honorable Shamaprasad Mukherji( disciple of Sawarkarji and father of present BJP)
With time, things have gone wrong. The person who achieved unity of nation in freedom struggle is now a traitor. The inclusion of Sawarkarji in a text book and removal of Nehruji is also part of this ridiculous trend. This contradiction has given birth to different versions of history based on caste or religion or political inclination. Such history is causing very serious religion and caste conflicts.
Basically history should be an academic subject. But in India, history has became a political tool.
It has converted our nation into stupid nation. We need unanimity on history. We cannot solve such a basic thing and we claim to be Vishwaguru. The reality is that we are world gurus in stupidity.
I want to hold nationwide discussions to resolve history, caste and religion related disputes and I have made 1400 requests to the government by May 2022. I quit my job in 2012 and started studying these topics and now I am in a position to do such nationwide discussions. I want to include every citizen of the country.
I have developed a special system of discussion according to the needs. It gives due attention to the following points
1) The delicate nature of issues like caste and religion 2) The satisfaction of all the participants 3) The vast population of our country consisting of educated and uneducated sections 4) The political system of our country. 5) It is able to find the truth in an unbiased way.
Please support and share idea of nationwide discussion. Let us revive social and religious harmony.
Avdhut Joshi
Thank you Mukesh hi n Puniya ji
महाभारत में युध्दिष्टिर से यक्ष नें पुछा कि एक व्यक्ति जन्म से उंच-नीच होता है या कर्म से तो युध्दिष्टिर नें कर्म को महत्तम बताया था।
Thank you so much Sir, bohot achhi or important jankari dene ke liye ❤❤❤❤❤❤❤❤
इतिहास कि रहस्य खुल्दिया आपको बहुत बहुत धन्यवाद सर। मै नेपाल से हुँ। ऐतिहासिक रहस्य जन्नेके लिय बहुत बहुत इच्छा है।
So nice to learn from you, Sir.... Love From Kashmir...
संसार में एक ही धर्म है वह है सनातन धर्म ,। सनातन का अर्थ है ,सदा बना रहने वाला ,जिसका आदि है ना अन्त यह अनन्त है।
Thanks for satya hindi
Thanks professor ram puniyani ji
9. In fact, it is a greater proof of the oneness of our civilization. If the out groups see us as ‘one’, it means it is an objective endorsement of our ‘oneness’. It is more of a reason to feel united!
विकासवाद मानव उत्पति का सार्भौम सत्य है.जिसे हम ने मनु से मानव माना,आदम से आदमी.जब सारे मानव प्रकृति या ईश्वर् द्वारा बने,हम सब भाई-भाई,भाई-वहन हैं.वेद का भी कहना है एको$हम द्वितियो नास्ति.इस्लाम ने भी कहा होजा तो हो गया फिर भेद कहां .हम सब एक हैं.एकत्व में भेद बेतुका और बेमानी है.
@@dukhanpradadyadav2147 lll
Sachwala ji ko suno
Shahil bhai ko suno adam ko suno
Very very happy sir
You are 100% correct because the point is Lord Shiva and Lord Ram never said that we are Hindu.
बहूतेक बहूतेक धन्यवाद
Hum Dalit Aadivaasi Hindu nhi hai
Buddh ban jawo
बुद्ध बन जाओ,,, document में भी
Bimte apke swagat keliye hamesa ready rahte h
Great work perfect answer ram puniyani sir end good work Mukesh ji 💯👍❤️
मैं यह जानना चाहता हूं, वाल्मीकि रचित रामायण में और व्यासजी द्वारा रचित महाभारत में हिंदू शब्द का प्रयोग हुआ है कि नहीं ?
आपसे उचित उत्तर की अपेक्षा है ।
Nahi huwa Bhai agar wiswas nahi h to dusron ko puchne ki bjay khud padho
१. भारत देश का नाम कैसे और किसने दिया? २.आद्य जगद्गुरु शंकराचार्य किस कालखंड में हुए?
३. उन्होंने हिंदू और हिंदुधर्म के लिए क्या कार्य किया?
इन बातों को लेकर इस व्हिडिओ में कुछ नहीं कहां गया।
हिंदू के बारे में कहीं गई बातों से पुर्ण समाधान नहीं होता, हिंदू के बारे में कहीं गई गोलमोल बातें से हिंदूओंकी स्तुती है या निंदा ये भी स्पष्ट नहीं होता। 🇮🇳❤️🚩 वंदे मातरम।
नही भाई
नही हुआ है
आप दोनों सही कह रहें है कि मजहबी कट्टरता भारत में विदेशीयों (मुसलमानों और अग्रेंजो) नें फैलाई 👈👈और शायद इसीलिए हिन्दू कहता हैं कि अगर दुनिया के 57 मुस्लिम देश खुद को मुस्लिम राष्ट्र कह सकते हैं तो भारत खुद को हिन्दू राष्ट्र क्यों नहीं कह सकता??
Hindu koi dharam nahin ...mughal ke zariye diya gaya naam hai...
72 hoore bs ek dharm jo sari duniya me bum fodta h 🤣🤣🤣🤣
@@sumityadav7nastik.with.science chuslman whi h jo sari duniya me atankwad failate hai 🤣🤣🤣😂
72 hoore ke name pr
Awesome 👍 Debates
It is quite informative and interesting.
Thank you very much.
Jai bhim
Hindu dharam manuwadiyoun ki soch par aadharit hai.
Aur bhim kya hai fir
7. It is often the case that a group, while communicating within the group, is seldom conscious of its oneness. Dealing with their inner problems the followers of this group are more occupied with their differences than similarities.
He is a historian and you are bringing your mythology in between. Ashok is being taught in Indian history from hundreds of years.
इस्लाम को पुचकारने वाले इस रास्ते पर न जाएं
उनके लिए नहीं है हिंदू धर्म
AAP KO NAMAN
"THU HINDU BANE GA NA
MUSALMAN BANE GA
INSAAN KI AULAAD HAI
INSAAN BANE GA"
AAJ HUM 130 KARODE AADMI
HAI LEKIN NEECH SATTA KE LALUCH
SE INSAANIYAT DHARM KE AAD MEIN
HAIVANIAT KA ROOP LE RAHI HAI
CHAAR DIN KI DUNIYAAN HAI
HUMDARD BANO SAR DARD NAHI
DHANYAVAAD
Good subject