There were and are thousands of scientific thinker in the world. As on today, in our nation, I am the only true follower of scientific approach. 🙏. Avadhut Joshi
brahmanism is a medieval period concept. vedas composed many centuries after buddha's death. buddhism is eternal religion of India. India was buddhist majority till islam came with full force at the end of 12th century.
सही कह रहे है इसलिए उन्हें बुद्ध एवम् अशोक के बारे में केवल तथ्य के साथ बात करें, बुद्ध से पहले कोई वर्ण जाति नही था वर्ग था. वैदिक काल एवम् संस्कृत भी नही थी,
सामाजिक विकास का वैज्ञानिक ऐतिहासिक सफ़र रखा गया है। आपका बहुत बहुत आभार। आज हम सतत् प्रयास करें,यह प्रेरणा आज के सम्बोधन से मिली है। गजब का प्रोत्साहन।
Great discussion..brahmanwad/Manuwad desh ke vikash par sabse badi badha hai..pure bahujan samaj ko masik gulam bna rakha hai....kuch jaatiwadi bolte hai ki pahle janm ke nahi balki karma ke adhaar pare cast decide hoti thi..
very nice debate about thoughts of lord Buddha and bramhnism how thoughts of Buddha are needed for the development of human being thanks Dr Mukeshkumar and Dr Puniyani sir
There was no existence of Sanskrit language before Christ. Even there was not a single Sanskrit word in scripture of Asoka. Buddhism is far older than Brahmanvad. Actually all the brahman shashtras were written and developed during Muslim rule.
@@29ranjith There are several books by historian Prof Rajendra Pratap Singh in Hindi. Also you can read BHRAM KA PULINDA and VAIDIC YUG KA GHALMEL by Rajeev Patel. Lot of books both in hindi and English will be coming up. You may also watch TH-cam channel SCIENCE JOURNEY, RATIONAL WORLD, BAHUJAN SAHITYA etc.
Shastras are not written by muslim rulees but translated from sanskrit to Persian. How come muslim rulers know Sanskrit? You are reading wrong propaganda books.Hindu books are on existence even before christ or Muhammad. Hindu scriptures dated long back in BCEs.
Very very logical and most valuable informations with honesty, truth & scientific details on urgent subject fully loaded with unconditional love for humanity and longevity of homosapiens. High Salute to both of you for your love for crying humanity with inequality.
Thank you for showing reality. First of all we all are same human being and secondary level is your professional and Identity. iam Tibetan and we are followers of Nalanda tradition of ancient Indian knowledge this are very logical and scientific way and this are very helpful for peace of mind and happy life.
भारत के सभी दलित, मूलवासी और आदिवासी लोग भी परम विद्वान विश्वरत्न बाबा साहेब डा.भीमराव अंबेडकर की लिखी बहु चर्चित किताब "भगवान बुद्ध और उनका धम्म", और "अछूत कौन और कैसे ?",को भी अवश्य पढ़ें, और चिंतन मनन भी करें | जय भीम नमो बुद्धाय | ❤
ब्राह्मण धर्म 8 वी शदी मे शंकराचार्य लाया इसको रामानुज ने 11 वी सदी मे विस्तार दिया। फिर बुध और ब्राह्मण आमने सामने केसे आ गए। जनता से सहयता चंदा मांगोगे और जनता को ही सुतिया ब्नओगे।
100% sahi hai , Buddha ke samay koi jat dharam nahi tha . par pakhandiyo manuvadiyo log Buddha ke pahale bramhano ko sthapit karne ka prayash kar rahe hai ............
मुकेश सर और पुनियानी सर आप दोनो को बहुत बहुत साधुवाद। हमे एक बात को लेकर भ्रम है की पहले वैदिक संस्कृति (ब्राह्मण धर्म) था कि श्रमण संस्कृति (बुद्ध का धम्म) क्योंकि हमे जानकारी है ब्राह्मण (आर्य) बौद्ध धम्म के बाद भारत में आए।
puniyni bahot chatarai se brahanvadi vyavastha ko budh se pahale sthapit tha asa sabit karana chahata he taki mulanivasio ka manobal na badhhe bahot satir log he ye brahaman
I don't believe in any/all man made religions. I like Buddha and is easy to understand his philosophy. My commonsense is enough to understand him without any mystical and bullshit stories.
बुद्ध के समय ब्राह्मण धर्मियों के कोई साक्ष्य नहीं मिले । बौद्ध ग्रंथ त्रिपिटक में भी कही कोई उल्लेख नहीं मिलता । आप जो दावा कर रहे हैं उसका प्रमाण प्रस्तुत करिए । इतिहास पुरातात्विक प्रमाण पर आधारित होता है । अन्यथा बिना प्रमाण के कहीं कोई भी बात झूठी ही साबित होती है ।
Urgent correction is needed Couldn't find any single solid scientific proof of the said Vedik yug Vedas upnishadas puranas manusmruti ramayana Mahabharata Sanskrit language and vedic temples in the excavation of hadappa mohanjodaro Sindhu ghati civilization and till Samarat Asok era and till the 2 nd century atleast
Bhai Buddha k dhamma hi sanatan h hindhu dharam sanatan nahi h y knowledge chahiye to baba saheb Dr Aambedkar g ki "RIDDLE OF HINDHUISM" book ko read karn
The formulation that Buddha did not explicitly negate Brahmanism needs reconsideration.The fact is that Buddha left his state because the Brahmans wanted him to rule the state as per Brahmanical prescriptions, telling him that no state /society can be managed without the Brahman ,in response to which he asked if so how Yavana and Kamboja states are functioning? In fact Buddhist socio political system was the antithesis of Brahmanic social order .This conflict between these social systems manifested in the political history of India during several centuries that followed.
तो क्यों न सभी जाति के लोगो को एक समान कर दिया जाए, न ही कोई ऊंची जाति का और न ही कोई नीच जाति का , सब एक समान और तो और आरक्षण भी खत्म हो जाए तो कितना अच्छा हो , सब एक समान रहे, सब पढ़ें सब बढ़ें।🙏🙏
@@jpsingh4507 इस्लाम में कोई वाद/ जातिवाद नहीं है। सारी मानवजाति एक ही माता पिता की संतान है। आप भी मेरे हैं। इस प्रायद्वीप भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश जैसे देशों के मुसलमानों के ऊपर कुछ कुप्रभाव है, जो धीरेधीरे समाप्त हो रहा है।
@@dr.bakerali1714 असराफ ओर पसमांदा जातिवाद ही है सारे इंसान आप के लिए एक मां बाप की ओलाद हो सकते हैं क्यों कि वो भाई बहन के सेक्स से जन्मे है पूर्ण भारत में सभी मुसलमान हिंदू से धर्मांतरण है इसलिए मुसलमानों मे जातिवाद दिखाई देता है
महानुभावों कृपया यह बताइए कि मेगास्थनीज जो कि 300 ईसा पूर्व भारत आया था उसने अपनी पुस्तक इण्डिका में कहीं भी वेद,पुराण,संस्कृत का जिक्र क्यों नहीं किया? लेकिन बुद्ध और पालिबुद्ध(पाटलीपुत्र) का जिक्र अवश्य किया है। वैसे भी संस्कृत का मतलब है संस्कारित किया हुआ। कहीं पाली, प्राकृत का संस्कारित रूप ही तो संस्कृत नहीं है?
सम्राट अशोक ने अखंड भारत की स्थापना किया था इनके गुरु चाणक्य थे जिन्होंने गौतम बुद्ध लिखा था और बाद में अशोक बौद्ध धर्म में परिवर्तित हो गए थे जिसके कारण अर्थ व्यवस्था गिरती चली गई आज भी दलाई लामा तिब्बत में बौद्ध को उनके हालात पे छोड़ के यहां भारत रत्न के लिए बैठे हैं हमारे गीता में कहा गया है की अपने हक के लिए लड़ो,,, बौद्ध धर्म सनातन का एक हिस्सा है चाणक्य ब्राह्मण थे
Buddha के समय भारत में कोई ब्राह्मण नाम की प्रजाति नही थी ,ये एक myth है ,आप भी इसको साथ लेके नही चले तो अच्छा होगा । Buddhisam & जैनिसम & aajivak श्रमण परंपरा का हिस्सा थे ,जो non stop ,indus valley से चली आ रही परंपरा थी । ब्राह्मण की लैंग्वेज संस्कृत थी/है , जबकि श्रमणों की भाषा पाली प्राकृत थी । तो दोनो हमेशा से अलग अलग ब्रांचेस थी ।
भारत को डाॅ. बाबासाहेब आंबेडकरजी ने दो बाते दी. 1) संविधान जिसमे शास्त्रीय सोच का स्विकार करने के लीये कहा है. जिसका पालन ईतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भमें कहींपरभी नहीं. संविधान देनेमें सभी लोग सहभागी थे ...... कुछ लोग छोडकर 2) डाॅ. बाबासाहेब आंबेडकरांनी ने अन्याय, क्रांती, शोषण, वर्णव्यवस्था, शास्त्रीय सोच.... और कुछ शब्द पाॅप्युलर कीये. अब कोईभी कहींपरभी ऐसे शब्द प्रयोग करके खुदको बहुत बडे बुद्धिवादी और शास्त्रीय सोच के होने का दावा करते है. असलीयत यह है की भारतमें 2015 से शास्त्रीय सोच का 'रामनाम सत्य है' हो गया है. 🙏. अवधूत जोशी
🙏🙏🙏🙏☸️☸️☸️🙏🙏☸️🙏🙏🌹🌹🌹👍💪🙏☸️🌹💯 TERGET DR BABASAHEB BHEEM RAO AMBEDKARJI . Dr. Babasaheb Bhimrao Ambedkar Ji Give Formula Every One How To Pay Better Too Better Life .
Would be wonderful if you would consider subtitles in English and other regional languages…. Some other Hindi channels are already doing so and it’s very helpful 🙏
अरे परम ज्ञानियों! भगवान तथागत बुद्ध के समय कोई जात पात था ही नहीं। उस समय ब्राह्मण समाज अस्तित्व में ही नहीं था। जात पात का तो प्रश्न ही कहां उठता है। वैदिक युग का कोई archeological evidence आज तक तो मिला नहीं है। केवल गापोड़ियों का यह दुष्प्रचार है। उस समय धम्म लिपि थी। संस्कृत जो की नागरी लिपि में लिखी जाती है वह तो ईसा के बाद विकसित हुआ। थोड़ा तो भाई लोग unbiased तरीके से रिसर्च किया करो।
वो पूरा उपनिषद ही बुद्ध के प्रवचन का कॉपी पेस्ट है बुद्ध की शिक्षाओं से चुराया हुआ है और अद्वैत दर्शन एक बौद्ध दार्शनिक का कॉपी पेस्ट जाके dr विकाश दिव्यकीर्ती के हिंदी लिटरेचर के लेक्चर्स देखो
Bhraman dharm 7 mi sadi k baad aaya he buddh se pahle saman parampara thi..buddh k samay me koi jati vad nahi tha isliye unhone jati ke bare me kuch nahi bola
Jab hum yeh kehate he ki Sakya muni Buddha ne Bhrahmanvad aur uske dwara sthaapit jativad ka virodh kiya tha, tab hum yeh bhi man lete he ki Buddha ke samay Vedic yug, brahmincal system tha. Magar jitni bhi puratatvik khoj huyee he usme kahi bhi Vedic yug ke praman nahi mile he, na hi mil rahe he. 8th century se brhamanvad ko laya gaya aur us muhim ke tahat bhuddha ki puri virasat ko is desh se mita diya gaya, iske bahut se praman mil rahe he. Itihaas-karo ko is buniyaadi bhul ko samajh na hi hoga aur sudharna bhi hoga.
Rajiv patel sir ku book ka study kare sab pata chal jayega . Vedic yug ka ghalmel, budh jeevee ka sadyantra, kya balu ke ret per khada hai hindu dharm, lakeer ka fakeer ye sab book hai Amazon per available us time koi brahmanism ka koi concept nahi tha 5 th century se pahle na koi sanskit, mandir, brahman , gurukul ye sab kuch nahi mila hai ab tak details ke liye science journey ki episode no. 26,24,77 , 171 10,95,96 dekhe poora clear ho jayega aur zyada clear karne ke liye ju foreigners travelers aye the unhone bharara me ju dekha usku likha jaise Megasthiniz, fahiyan, huinsong, aur itsing ,al beruni ke book ka study kare
बहुतही कम शब्दोमे आपने बहुत ज्यादा 'तथागत 'को समझानेकी कोशिश की
धन्यवाद
सबकुछ अर्धसत्य है जो अग्यानसेभी जादा हानी कारक है.
ये सत्य हिंदी का बहुत अच्छा प्रयास है
इसे चालू रखे।
पुनियानी जी का बहुत बहुत आभार 🙏🙏
Very valuable information. Thanks. I always believed in Buddhism now I started believing more.
ยินดีด้วย
ऐसा information पाना बड़ा ही दुर्लभ है. बहुत धन्यबाद ऐसी सुचनाओ से हमलोग को अवगत कराने के लिए 🙏🏻
ब्राम्हण समाज की वैदिक नीतियों के कारण ही उस समय के सो कॉल्ड शुद्र समाज को अंगिनित यातनाएं सहन करनी पड़ी
ब्राह्मण कोई जाति नहीं है और वर्ण व्यवस्था कर्मणा आधार पर है वेदों अनुसार
Buddha was the only scientific thinker ever the world produced.
There were and are thousands of scientific thinker in the world. As on today, in our nation, I am the only true follower of scientific approach. 🙏. Avadhut Joshi
brahmanism is a medieval period concept. vedas composed many centuries after buddha's death.
buddhism is eternal religion of India. India was buddhist majority till islam came with full force at the end of 12th century.
Not Islamic, they were आर्यन
Ram Puniyani is not a historian, he is professor at IIT Bombay teaching biotechnology. His historical knowledge on ancient India is out dated.
सही कह रहे है इसलिए उन्हें बुद्ध एवम् अशोक के बारे में केवल तथ्य के साथ बात करें, बुद्ध से पहले कोई वर्ण जाति नही था वर्ग था. वैदिक काल एवम् संस्कृत भी नही थी,
Hamne to suna hai ki Budh ke samay brahman the hi nahi.
Mukeshji,salute to your courage for selecting such issues for debate.
Mujhe Garv hai ki mera janm shakya vansh m hua Namo buddhay I love Buddhism
सामाजिक विकास का वैज्ञानिक ऐतिहासिक सफ़र रखा गया है। आपका बहुत बहुत आभार। आज हम सतत् प्रयास करें,यह प्रेरणा आज के सम्बोधन से मिली है। गजब का प्रोत्साहन।
Great discussion. Ap dono ki struggle ne mere Dil me Hindu scholars ki izzat me izafa kr dia h.
Ex-Muslims on Ytube are the best.
Really Buddha's live and there education make relevant changes in society. Thank You sir for your valuable information.
व्यक्ति कर्म से उंच-नीच होता है न की जन्म से
मैं हिंदू हूं लेकिन ब्राह्मणवाद के खिलाफ़ था हु और रहूंगा
@@jaihind-i5f मैं विज्ञान के दुरउपयोग के खिलाफ हुं
Great discussion..brahmanwad/Manuwad desh ke vikash par sabse badi badha hai..pure bahujan samaj ko masik gulam bna rakha hai....kuch jaatiwadi bolte hai ki pahle janm ke nahi balki karma ke adhaar pare cast decide hoti thi..
Lord Buddha was a great person, follow His teaching don't use his name to spread hate
बुद्ध से पहले भी 27 बुद्ध रहे हैं... Fir वैदिक काल का तो सवाल ही पैदा नहीं होता
यह लोग ब्राह्मणवादी इतिहास बता रहे है
@@divyanshmaharaj2403sahi kaha. Me sirf chinese, Japanese Buddhists book ko manta hu.
Namo Buddhay 🙏☸️ Jay Bhim ☸️
भगवान बुद्ध दुनिया के पहले मानवतावादी चिंतक थे।
Sachi bat kahi sir apne
Sabhi ko bodh dham apnana chahiye
बुद्ध ब्राह्मणवाद को चुनौती कैसे देते, तब ब्राह्मण नही थे, आर्यन invasion नहीं हुआ था तब।
very nice debate about thoughts of lord Buddha and bramhnism how thoughts of Buddha are needed for the development of human being thanks Dr Mukeshkumar and Dr Puniyani sir
Thank you so much for bringing truth🙏🙏🙏 Namo Buddhaye
Jai Gautam Buddha.
Excellent explanation Rampunayani sir 👏 👍
आप दोनों महान विद्वान हैं आप दोनों को मैं बार-बार नमन करता हूं,
How should i praise dr Mukesh Kumar and respectable Dr Ram Puniyani ? In fact both personalities are great and very appreciable !
There was no existence of Sanskrit language before Christ. Even there was not a single Sanskrit word in scripture of Asoka. Buddhism is far older than Brahmanvad. Actually all the brahman shashtras were written and developed during Muslim rule.
Funny af Arabic existed 1800 ago chuslims 😂
What is ur reference?
@@29ranjith There are several books by historian Prof Rajendra Pratap Singh in Hindi. Also you can read BHRAM KA PULINDA and VAIDIC YUG KA GHALMEL by Rajeev Patel. Lot of books both in hindi and English will be coming up. You may also watch TH-cam channel SCIENCE JOURNEY, RATIONAL WORLD, BAHUJAN SAHITYA etc.
Shastras are not written by muslim rulees but translated from sanskrit to Persian. How come muslim rulers know Sanskrit? You are reading wrong propaganda books.Hindu books are on existence even before christ or Muhammad. Hindu scriptures dated long back in BCEs.
@@29ranjith Muslim rulers sponsored the Brahmins to write the shashtras.
Buddhism is real sanaatan dharm of India
Ohh dear. Buddhism is against brahminism, against Manuvad, against Vedas.
@@RP-kx5vt
Know that Hinduism is getting a bad name because of Brahmanism because Hinduism is being criticized because of the orthodox caste system
Mukesh sir science journey Rational word Chanel theory is entirely different
I think Rampunyani sir should go for debate in their Chanel
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Thank you so much Prof. Ram Puniya sir and Dr. Mukesh Kumar sir 🙏
Very very logical and most valuable informations with honesty, truth & scientific details on urgent subject fully loaded with unconditional love for humanity and longevity of homosapiens. High Salute to both of you for your love for crying humanity with inequality.
One of my favorite channel Satya sa samna
नमो तस्य भगवतो अर्हतो सम्मासम बुद्ध स
बहुधातुका सुत्त में गौतम बुद्ध ने स्वयं कहा कि औरत का शरीर अपूर्ण होता है अतः वे बोधिसत्व नहीं बन सकती, कृपया इस पर भी प्रकाश डालें।
Thank you for showing reality. First of all we all are same human being and secondary level is your professional and Identity. iam Tibetan and we are followers of Nalanda tradition of ancient Indian knowledge this are very logical and scientific way and this are very helpful for peace of mind and happy life.
राम पुनीयाजी आप जो जानकारी देते है वो तथ्य के आधारित है और बहुत अच्छे तरीके से हरेक विषय पर जानकारी देते है नमो बुद्धाय 🙏
भारत के सभी दलित, मूलवासी और आदिवासी लोग भी परम विद्वान विश्वरत्न बाबा साहेब डा.भीमराव अंबेडकर की लिखी बहु चर्चित किताब "भगवान बुद्ध और उनका धम्म", और "अछूत कौन और कैसे ?",को भी अवश्य पढ़ें, और चिंतन मनन भी करें | जय भीम नमो बुद्धाय | ❤
ब्राह्मण धर्म 8 वी शदी मे शंकराचार्य लाया इसको रामानुज ने 11 वी सदी मे विस्तार दिया।
फिर बुध और ब्राह्मण आमने सामने केसे आ गए।
जनता से सहयता चंदा मांगोगे और जनता को ही सुतिया ब्नओगे।
पुनियानी जी पक्षपाती है सिक्के का एक पक्ष दिखाते हैं दूसरा पक्ष छीपा लेते हैं
100% sahi hai , Buddha ke samay koi jat dharam nahi tha . par pakhandiyo manuvadiyo log Buddha ke pahale bramhano ko sthapit karne ka prayash kar rahe hai ............
यह नियम धरती पर प्रारम्भ और अन्त तक सदा रहेगा की अमीर आदमीं उंच जाति का और गरीब आदमीं नींच जाति का कहा जायेगा।।
बहुत सुंदर, विवेकपूर्ण, तर्कपूर्ण, सटिक विश्लेषण व्याख्यान... सर...
कृपया ऐसे मौलिक व्याख्यान भेजते रहें...
धन्यवाद...🙏🏻
पुनियानी जी मैं आपकी बातों से असहमत हूं बुध के समय ब्राह्मण नहीं थे आप साइंस जर्नी देखिए बहुत ज्ञान सीखने को मिलेगा तथागत के बारे जय भीम
तथाकथित भीमटो से बेहतर बामियान के तालिबानी तथागत बुद्ध की अच्छी सेवा करते है😁
SHREE RAM PUNYANI SIR GOD BLESS U & UR FAMILY! AND THIS CHANNEL TOO!
मुकेश सर और पुनियानी सर आप दोनो को बहुत बहुत साधुवाद। हमे एक बात को लेकर भ्रम है की पहले वैदिक संस्कृति (ब्राह्मण धर्म) था कि श्रमण संस्कृति (बुद्ध का धम्म) क्योंकि हमे जानकारी है ब्राह्मण (आर्य) बौद्ध धम्म के बाद भारत में आए।
Please reply
श्रमण नही समण।
Bhai pahle to vedic period hi tha
@@Bhagirathsoni225 कोई सबूत है।
puniyni bahot chatarai se brahanvadi vyavastha ko budh se pahale sthapit tha asa sabit karana chahata he taki mulanivasio ka manobal na badhhe bahot satir log he ye brahaman
बुद्धं काे मेरा शत् शत् नमनं!
बुद्धीचा देव = बुद्धं
I'm agnostic Hindu but Hinduism is older than budhhism
Great peoples Dr mukesh kumar and Dr Ram Punyani and greater talk.Thanks.
सत्य को इतनी सुंदरता से रखने के लिये धन्यवाद
Good knowledge invoking lecture. Thanks
BRAHMANONKO TARGET KARNA FASHION BAN CHUKA HAIN.
Mukesh ji I appreciate your journilizam 🙏🌹🌹🌹
आप का इतिहासकार मनगढ़ंत कहानी सुनाते हैं,इतिहासिक तथ्य का श्रोत नहीं बताते हैं।
I don't believe in any/all man made religions. I like Buddha and is easy to understand his philosophy. My commonsense is enough to understand him without any mystical and bullshit stories.
सुपर्ब एनालिसिस ।। बहुत ही शानदार रोचक जानकारियों से भरपूर कार्यक्रम होता है ये ।। कितनी भ्रांतियों का निवारण होता है इस मंच पर ग्रेट वर्क👍🙏🙏🙏🙏
बुद्ध के पहले या बुद्ध के समय
न तो ब्राह्मण थे और न वेद
अगर होते तो इसका कोई न कोई ऐतिहासिक या पुरातात्विक प्रमाण जरूर मिल गया होता
बुद्ध के समय ब्राह्मण धर्मियों के कोई साक्ष्य नहीं मिले । बौद्ध ग्रंथ त्रिपिटक में भी कही कोई उल्लेख नहीं मिलता । आप जो दावा कर रहे हैं उसका प्रमाण प्रस्तुत करिए ।
इतिहास पुरातात्विक प्रमाण पर आधारित होता है ।
अन्यथा बिना प्रमाण के कहीं कोई भी बात झूठी ही साबित होती है ।
Urgent correction is needed
Couldn't find any single solid scientific proof of the said Vedik yug Vedas upnishadas puranas manusmruti ramayana Mahabharata Sanskrit language and vedic temples in the excavation of hadappa mohanjodaro Sindhu ghati civilization and till Samarat Asok era and till the 2 nd century atleast
सही कह रहे हो भाई।
ये वामपंथी भेड़ की खाल में भेड़िये हैं।
ये आधा सत्य ही बताते हैं।
वैदिक सभ्यता का आज तक कोई सबूत नहीं मिला है।
Very very nice 🙂☺️ keep this continue.
जय भीम,मै बौध्द हू,चाहें बुध्द जो कहे वे ग्यानी थे,मगर यह भी तो सच है कि वह भी सनातन के बाद मे ही आए है नं.जयभीम.
Bhai Buddha k dhamma hi sanatan h hindhu dharam sanatan nahi h y knowledge chahiye to baba saheb Dr Aambedkar g ki "RIDDLE OF HINDHUISM" book ko read karn
Tu Brahmin I'd change karke fir aa gya 😂
बुद्ध के पहले या बुद्ध के समय
न तो ब्राह्मण थे और न वेद
अगर होते तो इसका कोई न कोई ऐतिहासिक या पुरातात्विक प्रमाण जरूर मिल गया होता
Excellent video ❤️❤️🙏🙏
Good massage sir ne Diya
Hindutva is also a brahamanical reaction to egalitarian and secular model propagated by our constitution.
Great jounalism. I really salute your true courageous patrakarita.
Very good information and discussion sir!! Today we need this type discussion to remove the disparity from the society.
First historic person who developed all r equal.....
Three things cannot be long hidden: the sun, the moon, and the truth.🙏🙏🙏
Jai-Hind Jai-Bheem Jai-Bhaarat
Salute to your presentation 👍👍👍👍🙏
Kumar Sahab, what is the reason and circumstance that you always find Mr Puniani as historian why not other historian. Regards
Braman बुद्ध के समय नहीं था, कोई जाति नहीं थीं, इतिहास अच्छे पढ़ने पर पता चलता है
The formulation that Buddha did not explicitly negate Brahmanism needs reconsideration.The fact is that Buddha left his state because the Brahmans wanted him to rule the state as per Brahmanical prescriptions, telling him that no state /society can be managed without the Brahman ,in response to which he asked if so how Yavana and Kamboja states are functioning? In fact Buddhist socio political system was the antithesis of Brahmanic social order .This conflict between these social systems manifested in the political history of India during several centuries that followed.
भाई मेरे एक सवाल सामना दो कम से कम दो लोगो मे होता है तो इस डिबेट में एक आपका पक्षधर है तो एक आदमी दुसरा पक्ष रखनेवाला भी चाहिए
तो क्यों न सभी जाति के लोगो को एक समान कर दिया जाए, न ही कोई ऊंची जाति का और न ही कोई नीच जाति का , सब एक समान और तो और आरक्षण भी खत्म हो जाए तो कितना अच्छा हो , सब एक समान रहे, सब पढ़ें सब बढ़ें।🙏🙏
Caste existed before reservation. Lol
So, end cast and end reservation. Simple as that.
धन्यवाद आप दोनों सज्जनों को, आदर्श/दर्शन में व्यवहारिकता आवश्यक है।
इस्लाम में जातिवाद कोन खत्म करेगा
@@jpsingh4507 इस्लाम में कोई वाद/ जातिवाद नहीं है। सारी मानवजाति एक ही माता पिता की संतान है। आप भी मेरे हैं। इस प्रायद्वीप भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश जैसे देशों के मुसलमानों के ऊपर कुछ कुप्रभाव है, जो धीरेधीरे समाप्त हो रहा है।
@@dr.bakerali1714 असराफ ओर पसमांदा जातिवाद ही है
सारे इंसान आप के लिए एक मां बाप की ओलाद हो सकते हैं क्यों कि वो भाई बहन के सेक्स से जन्मे है
पूर्ण भारत में सभी मुसलमान हिंदू से धर्मांतरण है इसलिए मुसलमानों मे जातिवाद दिखाई देता है
जाति शब्द का प्रयोग करते तो उन्हें सफलता नहीं मिलती। बल्कि जाति व्यवस्था का ही प्रचार हो जाता। जैसा आजकल होता हैं।
महानुभावों कृपया यह बताइए कि मेगास्थनीज जो कि 300 ईसा पूर्व भारत आया था उसने अपनी पुस्तक इण्डिका में कहीं भी वेद,पुराण,संस्कृत का जिक्र क्यों नहीं किया?
लेकिन बुद्ध और पालिबुद्ध(पाटलीपुत्र) का जिक्र अवश्य किया है।
वैसे भी संस्कृत का मतलब है संस्कारित किया हुआ।
कहीं पाली, प्राकृत का संस्कारित रूप ही तो संस्कृत नहीं है?
सम्राट अशोक ने अखंड भारत की स्थापना किया था इनके गुरु चाणक्य थे जिन्होंने गौतम बुद्ध लिखा था और बाद में अशोक बौद्ध धर्म में परिवर्तित हो गए थे जिसके कारण अर्थ व्यवस्था गिरती चली गई आज भी दलाई लामा तिब्बत में बौद्ध को उनके हालात पे छोड़ के यहां भारत रत्न के लिए बैठे हैं हमारे गीता में कहा गया है की अपने हक के लिए लड़ो,,, बौद्ध धर्म सनातन का एक हिस्सा है चाणक्य ब्राह्मण थे
वेद पुराण का ज्ञान ब्राह्मणों को प्राप्त होता था क्युकी यही इसका अध्ययन करते थे बिना किसी यंत्र के वैसे नही बता दिया था जो आज सही साबित हो रहा है
आप दोनों लोग महानुभाव को तथागत गौतम बुद्ध की विचारों को जानकारी देने के लिए धन्यवाद और आप इसी तरह अन्य
सर please ओशो रजनीश पर भी चर्चा कीजिये पुनियानी सर् से ✍️✍️✍️🙏🙏🙏
Buddha के समय भारत में कोई ब्राह्मण नाम की प्रजाति नही थी ,ये एक myth है ,आप भी इसको साथ लेके नही चले तो अच्छा होगा । Buddhisam & जैनिसम & aajivak श्रमण परंपरा का हिस्सा थे ,जो non stop ,indus valley से चली आ रही परंपरा थी । ब्राह्मण की लैंग्वेज संस्कृत थी/है , जबकि श्रमणों की भाषा पाली प्राकृत थी । तो दोनो हमेशा से अलग अलग ब्रांचेस थी ।
I believe in budhh 🙏બુદ્ધમ્મ શરણમ ગચ્છામી 🙏
Really The Buddha was Great!
भारत को डाॅ. बाबासाहेब आंबेडकरजी ने दो बाते दी. 1) संविधान जिसमे शास्त्रीय सोच का स्विकार करने के लीये कहा है. जिसका पालन ईतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के संदर्भमें कहींपरभी नहीं. संविधान देनेमें सभी लोग सहभागी थे ...... कुछ लोग छोडकर 2) डाॅ. बाबासाहेब आंबेडकरांनी ने अन्याय, क्रांती, शोषण, वर्णव्यवस्था, शास्त्रीय सोच.... और कुछ शब्द पाॅप्युलर कीये. अब कोईभी कहींपरभी ऐसे शब्द प्रयोग करके खुदको बहुत बडे बुद्धिवादी और शास्त्रीय सोच के होने का दावा करते है. असलीयत यह है की भारतमें 2015 से शास्त्रीय सोच का 'रामनाम सत्य है' हो गया है. 🙏. अवधूत जोशी
Buddha the greatest of all ❤
🙏🙏🙏🙏☸️☸️☸️🙏🙏☸️🙏🙏🌹🌹🌹👍💪🙏☸️🌹💯 TERGET DR BABASAHEB BHEEM RAO AMBEDKARJI . Dr. Babasaheb Bhimrao Ambedkar Ji Give Formula Every One How To Pay Better Too Better Life .
Would be wonderful if you would consider subtitles in English and other regional languages…. Some other Hindi channels are already doing so and it’s very helpful 🙏
Satya bol salute to all team member
Dr Punjyani i and Dr Mukesh great job
Very good topic.
Welcome comments.
Ram puniyani ji galt etihash para rahai hai .kis inscription Mai sanskirt , varn bywstha or brhaman vywastha thi?
अरे परम ज्ञानियों! भगवान तथागत बुद्ध के समय कोई जात पात था ही नहीं। उस समय ब्राह्मण समाज अस्तित्व में ही नहीं था। जात पात का तो प्रश्न ही कहां उठता है। वैदिक युग का कोई archeological evidence आज तक तो मिला नहीं है। केवल गापोड़ियों का यह दुष्प्रचार है। उस समय धम्म लिपि थी। संस्कृत जो की नागरी लिपि में लिखी जाती है वह तो ईसा के बाद विकसित हुआ। थोड़ा तो भाई लोग unbiased तरीके से रिसर्च किया करो।
बुद्ध का पूरा दर्शन उपनिषदों की एक शाखा है। उपनिषद एक विशाल वट वृक्ष है और बुद्ध का दर्शन एक शाखा है। कहीं कोई मतभेद है ही नहीं
वो पूरा उपनिषद ही बुद्ध के प्रवचन का कॉपी पेस्ट है बुद्ध की शिक्षाओं से चुराया हुआ है और अद्वैत दर्शन एक बौद्ध दार्शनिक का कॉपी पेस्ट जाके dr विकाश दिव्यकीर्ती के हिंदी लिटरेचर के लेक्चर्स देखो
Bhraman dharm 7 mi sadi k baad aaya he buddh se pahle saman parampara thi..buddh k samay me koi jati vad nahi tha isliye unhone jati ke bare me kuch nahi bola
Jab hum yeh kehate he ki Sakya muni Buddha ne Bhrahmanvad aur uske dwara sthaapit jativad ka virodh kiya tha, tab hum yeh bhi man lete he ki Buddha ke samay Vedic yug, brahmincal system tha. Magar jitni bhi puratatvik khoj huyee he usme kahi bhi Vedic yug ke praman nahi mile he, na hi mil rahe he.
8th century se brhamanvad ko laya gaya aur us muhim ke tahat bhuddha ki puri virasat ko is desh se mita diya gaya, iske bahut se praman mil rahe he.
Itihaas-karo ko is buniyaadi bhul ko samajh na hi hoga aur sudharna bhi hoga.
सभी ज्ञान की चाह रखने वाले भारतीयों को साइंस जर्नी चैनल जरूर देखना जय बहुजन जय एकता
साइंस जर्नी में ज्ञान नही प्रोपगेंडा मिलता है
@@MR-jokerrrrrr tum lundito se toh kam hi hai uska propaganda 😂
@@thegoldberg8470 नही गजपुत
@@MR-jokerrrrrr haa niyogi put😂🤣
@@thegoldberg8470 जली ना तेरी जली ना 🤣🤣🤣
Rajiv patel sir ku book ka study kare sab pata chal jayega . Vedic yug ka ghalmel, budh jeevee ka sadyantra, kya balu ke ret per khada hai hindu dharm, lakeer ka fakeer ye sab book hai Amazon per available us time koi brahmanism ka koi concept nahi tha 5 th century se pahle na koi sanskit, mandir, brahman , gurukul ye sab kuch nahi mila hai ab tak details ke liye science journey ki episode no. 26,24,77 , 171 10,95,96 dekhe poora clear ho jayega aur zyada clear karne ke liye ju foreigners travelers aye the unhone bharara me ju dekha usku likha jaise Megasthiniz, fahiyan, huinsong, aur itsing ,al beruni ke book ka study kare
Ram Punyani is a great man
Do we have any historical or archaeological evidence of Vedic period?
@@YoTH-cam11 koi archeological evidence or sanskrit ku nhi mili budh k tym
जय चंद्रगुप्त जय अशोक महान।
जय-जय-जय हे! बुद्ध भगवान।।
शुद्ध शाही क्षत्रिय मौर्य बंश जिंदाबाद।
- -जय भारत।
bhut bhut sukriya ji aap logo ka ache vichar hi acha jivan he
Superb discussion
Very nice information thanks punyani ji
Goutham Budha is a great 🙏🙏🙏✌️✌️✌️
Good