The language used in the oldest religious tracts of Zoroastrians was known as Avestan. It is so close to Rig Vedic Sanskrit that contemporary scholars who need to learn Avestan have to learn Sanskrit first.
Yes,the relationship of ppl who wrote Rigveda and Avestha need to be probed.The linguistic roots should be probed.I believe not much is done in this regard.
डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद सिंह जो भाषा विद और इतिहास लेखक भी है। उनके अनुसार संस्कृत भाषा की उत्पत्ति आठवी शताब्दीसे होती है और सारे संस्कृत ग्रंथ सल्तनत काल से लेकर मुगल काल तक लिखे गए ।
सबसे बड़ा तर्क ये है कि जो स्थान किसी भाषा का उद्गम स्थान होता है, वहाँ उस भाषा का लिटरेचर और व्यकरण सर्वाधिक मात्रा में दिखता है। सीरिया से कितने ग्रंथ व साहित्य आपको संस्कृत में मिले?
@@uncensoredhealth1453 संस्कृत के श्लोक सुनने से कानों में शीशा पिघलाकर डालने का विधान नहीं था बल्कि झूठी बातें सुनाकर या सुनकर प्रवाद फैलाने वालों को ऐसा दंडित किया जाता था। किन्तु बाद में कठोर होने के कारण बंद कर दिया गया था। भाषा के जन्म के संबंध में भाषा शास्त्रियों के विचार हैं कि उसके जन्म की अलग अलग स्थानों में अलग अलग प्रक्रिया घटित हुई है। भाषा धीरे धीरे विकसित हुई है। मनुष्य यायावर प्रकृति का होने के कारण एक स्थान से दूसरे स्थान आता जाता रहा है। इस कारण भाषा विकसित होने की प्रक्रिया की अवधि में भी आपस में स्वीकार्य होती रही है इसलिए यह मानना कठिन है कि भाषा पर किसी एक वर्ग का अधिकार रहा है किसी भी भाषा पर सबका अधिकार रहा है।यह बात अलग है कि कुछ को वह भाषा शीघ्र समझ में आयी तो किसी को देर में इस कारण किसी ने निपुणता प्राप्त कर ली तो कोई आधा अधूरा ही रह कर काम चलाता रहा। इतना निश्चित है कि जिस भाषा ने जिस स्थान पर पूर्णता प्राप्त की वह वहां की मान ली गयी। मनुष्य की सहयात्री होने के कारण बहुत से शब्द एक दूसरी भाषा में समान अर्थों में मिलते जुलते हैं। इस प्रकार से विचार किया जावे तो संस्कृत भाषा भारत में ही संस्कारित होकर विकसित हुई। इसका सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि संस्कृत साहित्य भारत में ही उपलब्ध है। संस्कृत के ज्ञाता भी यही हैं। पाणिनी जैसे व्याकरणाचार्य भी यही हुए हैं। संस्कृत भाषा भारत की ही है ऐसा मानना ही तर्कसंगत है। वैसे तो कुछ भी कहते रहें कुछ लोगों की प्रकृति ही ऐसी होती है
@@uncensoredhealth1453 रामायण महाभारत में घोड़ों का बार बार ज़िक्र है परन्तु आश्चर्य की बात ये है कि भारत में नैसर्गिक रूप में घोडे न्ही पाये जाते. उन्हे हमेशा से आयात किया जाता रहा है मध्य एशिया से जहा घोड़े उनके जीवन का बहोत बडा हिस्सा है. घोडे भारतीय वातावरण मे प्रजनन करणे मे समर्थ है ही नहीं. हो सकता है की रामायण भारत में हुआ ही नहीं.
ये चर्चा सबसे कमजोर चर्चा लगी है सर। क्योंकि इतने बड़े विषय पर चर्चा के दोरान न तो किसी ऐतिहासिक व पुरातात्विक प्रमाण पर कोई चर्चा नहीं की गयी। इसलिए चर्चा पूरी तरह से नीरस लगी व अप्रमाणिक भी
फर्जी इतिहास कार। कुछ भी बोलता रहता है। संस्कृत के शब्द तो पुर्तगाली में भी मिलते हैं तो क्या लोग वहां से आये। संस्कृत और अवेस्ता की भाषा, व्याकरण आदि एक जैसा ही है। जेंद अवेस्ता में जरथुष्ट्र का प्रवचन की भाषा एक जैसा ही है। गिनती और हर शब्द एक जैसे हैं। कुछ अअक्षरों का बदल दिया है जैसे स को ह , त को प आदि। और तो और शब्दों की विभक्तियां भी संस्कृत जैसी ही है। अत पुराने ईरानी शासकों के समय शब्द भारत से ईरान और फिर वहां से सीरिया ईराक ताजिकिस्तान आदि जगह और सिकन्दर के समय ग्रीस और तुर्की तक गये॥ यह बात नवबौद्ध को पंसद नहीं आयेगी। संस्कृत को आज के पाकिस्तान से बिहार पहुंचने में दो हजार साल लगे। अत पाली से संस्कृत नहीं आती वरन संस्कृत से प्राकृत और फिर प्राकृत से पाली यानी मगधी आया। नमो बुद्धाय।। नमो संस्कृत।। नमो शिवाय।। नमो सनातन।।
इसका मतलब संस्कृत विदेशी भाषा है यह भरतीय भाषा नही है जो सन्शोधन से पता चलता है अर्थात आर्यन्स जो ब्राम्हण वर्ग से है विदेशी है ये इराण इराक,सिरिया से भारत मे आये अपने साथ संस्कृत भाषा भी लाये और यही बस गये!😢😢😢😢😢😢
फर्जी इतिहास कार। कुछ भी बोलता रहता है। संस्कृत के शब्द तो पुर्तगाली में भी मिलते हैं तो क्या लोग वहां से आये। संस्कृत और अवेस्ता की भाषा, व्याकरण आदि एक जैसा ही है। जेंद अवेस्ता में जरथुष्ट्र का प्रवचन की भाषा एक जैसा ही है। गिनती और हर शब्द एक जैसे हैं। कुछ अअक्षरों का बदल दिया है जैसे स को ह , त को प आदि। और तो और शब्दों की विभक्तियां भी संस्कृत जैसी ही है। अत पुराने ईरानी शासकों के समय शब्द भारत से ईरान और फिर वहां से सीरिया ईराक ताजिकिस्तान आदि जगह और सिकन्दर के समय ग्रीस और तुर्की तक गये॥ यह बात नवबौद्ध को पंसद नहीं आयेगी। संस्कृत को आज के पाकिस्तान से बिहार पहुंचने में दो हजार साल लगे। अत पाली से संस्कृत नहीं आती वरन संस्कृत से प्राकृत और फिर प्राकृत से पाली यानी मगधी आया। नमो बुद्धाय।। नमो संस्कृत।। नमो शिवाय।। नमो सनातन।।
प्राकृत से पाली, पाली से संस्कारित , पूर्ण संस्कारित भाषा को संस्कृत भाषा कहते है. पाली भाषा की लिपी ब्राह्मी लिपी या धम्म लिपी है, संस्कृत भाषा धम्म लिपी मे लिखी हुई कही भी नही मिलती धम्म लिपी पुरानी लिपी है उसके बाद देवनागरी लिपी आई है देवनागरी लिपी मे संस्कृत का लिखाण हुआ है
।। संसार में लिखित एवं मौखिक समस्त भाषाओं का सम्मान सभी को करना चाहिए और एक बात तो सबको पता है कि कितने विवाद तो भाषा शैली शब्दावली के कारण हम-सबके साथ अपनी ही मात्र भाषा में अपने ही पारिवारिक सदस्यों के साथ हो जाता है इसलिए भाषा शैली शब्दावली ज्ञान हेतु अध्ययन के लिए उत्तम है किन्तु सार्वजनिक रूप से चर्चा करने से केवल विवादों को छोड़कर और कुछ नहीं मिलेगा।।
संस्कृत देवी प्रदत्त भाषा है. मानव के सप्त चक्करों से जब कुंडलिनी चलती है तो विभिन्न प्रकार के शब्द नाद हुए जो कि ध्यान के माध्यम से प्रकाशित हुए है उन्हें ही बीज शब्द कहा गया है . उन्हीं शब्दों की वैखरी से भाषा संस्कृत बनी है. भारत ही उद्यान है अनेक भाषा का.
फर्जी इतिहास कार। कुछ भी बोलता रहता है। संस्कृत के शब्द तो पुर्तगाली में भी मिलते हैं तो क्या लोग वहां से आये। संस्कृत और अवेस्ता की भाषा, व्याकरण आदि एक जैसा ही है। जेंद अवेस्ता में जरथुष्ट्र का प्रवचन की भाषा एक जैसा ही है। गिनती और हर शब्द एक जैसे हैं। कुछ अअक्षरों का बदल दिया है जैसे स को ह , त को प आदि। और तो और शब्दों की विभक्तियां भी संस्कृत जैसी ही है। अत पुराने ईरानी शासकों के समय शब्द भारत से ईरान और फिर वहां से सीरिया ईराक ताजिकिस्तान आदि जगह और सिकन्दर के समय ग्रीस और तुर्की तक गये॥ यह बात नवबौद्ध को पंसद नहीं आयेगी। संस्कृत को आज के पाकिस्तान से बिहार पहुंचने में दो हजार साल लगे। अत पाली से संस्कृत नहीं आती वरन संस्कृत से प्राकृत और फिर प्राकृत से पाली यानी मगधी आया। नमो बुद्धाय।। नमो संस्कृत।। नमो शिवाय।। नमो सनातन।।
Foolish and prejudice discussion, now English is being present in India so it means English went England from India ? If not, Sanskrit also originated in India and spread all over world.
@@abhinavchauhan7864If u r a linguistic you have to accept that Sanskrit words are in so many world languages. For example- पथ- path, त्रि- three, etc. Sanskrit is also being taught in all leading universities. Sanskrit related proofs r found in Russia, Arab, Iran, Afghanistan, Malaysia etc.
मतलब मान्यवर कूछ शब्द सीरिया मे मिलने पर संस्कृत भाषा सीरिया की हुई ओर पुरी की पुरी संस्कृत भारत मे होने पर भी यह संस्कृत भारत की नहीं हैं इतना ज्यादा ज्ञान मैने कभी नहीं देखा
@@balloondecorationsangola7967 Aur aapka tark ye hai ki yha ki majority Sanskrit nhi bolti but ye yha ki bhasha hai? Agar yha ki hoti to same language ka slang different hoga different states me. Chuki iss bhasha ko bolne wale ek jagah se aaye the aur bharat ke alag hisso me spread hua jiske karna unka bolne ka tone same hai. Jaise ki tamil nadu log London me basenge to unke tamil bolne ka tarika same hoga.
इंडिया आपके सर्वज्ञ प्रोफ़ेसर है जो सारे विषयों की जानकारी बिहार से लेकर भाषाविज्ञान सब इनके कदमों में new chawal hai आप जैसा प्रोफेसर और इतिहास का जानकार संसार में दूसरा कोई नहीं
मुकेश जी को इतिहास की जानकारी देने के लिए पुनियानी जी के अलावा कोई दूसरा इतिहासकार नजर नहीं आता है क्या बात है? पुनियानी जी के अलावा और भी तो इतिहास के जानकर होगें!
मैं आपसे सहमत हूँ इस चैनल पर हर वीडियो में ये दोनों ही आते हैं जैसे ये दोनों हर विषय के महावन विद्वान हैं और हर वीडियो में ये ब्राह्मण विरोधी और सनातन विरोधी बातें करते हैं इनको न जाने कितने आरोप लगाते हैं ये..... ब्राह्मणों को तो ये ऐसे बताते हैं जैसे कि ब्राह्मण अत्याचारी, क्रूर, राक्षस प्रव्रत्ति के हों..
क्योंकि इन दोनों का एक एजेंडा है और वो ये कि.... ये सब को बताना चाहते हैं कि हिन्दू(सनातन) धर्म भारत का नहीं है, संस्कृत भारत मे जन्मी भाषा नहीं है सभी हिन्दू विदेश से आये हैं.... ब्राहम्ण अत्याचारी क्रूर, राक्षस प्रवृत्ति के हैं, ये अपनी प्रत्येक वीडियो में ब्राह्मण विरोधी, सनातन विरोधी बातें करते हैं
@@AnkitSharma-ou3fe क्या करे भाई, भारत हमेशा से दोगलों और गद्दारों से परेशान रहा है, देखते हैं,,,,,, इन मूर्खों को कब यह समझ आएगा कि ये अपने भाई की पीठ में खंजर और अपने पैर में कुल्हाड़ी मार कर जहां की थाली में खा रहे हैं वहीं का बेड़ा गर्क कर रहे हैं
@@AnkitSharma-ou3fe bilkul inhone hamare rajput ki veerta ko satta ka sangarsh bataya he chii kitna khub bahaya hindu culture language ke liye rajputo ne
The Pali language was the language of Buddhist religious books, which was prevalent in the eastern regions.Because the oldest languages are Prakrit, whose forms are found differently in different regions of India.For example, Eastern Prakrit, Central Prakrit, Western Prakrit.The way Sanskrit language was created, Pali language was also created in the same way.
@@thegoldberg8470 - debates ki zaroorat nahi padegi, tum matra apne kisi khas guru se puchh lena jo gyan vaan ho aur use yeh pata ho ki ved kab , kahan, kisne ,kis lipi aur kis bhasha mein likha hai , ye prashna thoda is channel ke bekoof gyanwaanon se bhi poochh lena,
लेकिन भारत मे संस्कृत बपौती शुरू से ही रही जों आर्यब्रह्मणों ने ही अपनी बंशजों क़े अधिन रखा, अनार्यों क़ो पढ़ना तो मात्र संस्कृत श्लोको क़ो सुनने से कान मे शीशा पिघला कर डाल दिया जाता था, जय भीम नमो बुद्धाय, चले बुद्ध कि ओर, अपने देश क़ो फिर से नवनिर्माण करें, 🙏🚶♀️🙏🏃♂️🙏🚶♂️🙏🏃🙏🚶♀️
Indians are not descendants of Aryans, says new study A new study led by scientists from the Centre for Cellular and Molecular Biology, Hyderabad, says there was no genetic influx 3,500 years ago.
फर्जी इतिहास कार। कुछ भी बोलता रहता है। संस्कृत के शब्द तो पुर्तगाली में भी मिलते हैं तो क्या लोग वहां से आये। संस्कृत और अवेस्ता की भाषा, व्याकरण आदि एक जैसा ही है। जेंद अवेस्ता में जरथुष्ट्र का प्रवचन की भाषा एक जैसा ही है। गिनती और हर शब्द एक जैसे हैं। कुछ अअक्षरों का बदल दिया है जैसे स को ह , त को प आदि। और तो और शब्दों की विभक्तियां भी संस्कृत जैसी ही है। अत पुराने ईरानी शासकों के समय शब्द भारत से ईरान और फिर वहां से सीरिया ईराक ताजिकिस्तान आदि जगह और सिकन्दर के समय ग्रीस और तुर्की तक गये॥ यह बात नवबौद्ध को पंसद नहीं आयेगी। संस्कृत को आज के पाकिस्तान से बिहार पहुंचने में दो हजार साल लगे। अत पाली से संस्कृत नहीं आती वरन संस्कृत से प्राकृत और फिर प्राकृत से पाली यानी मगधी आया। नमो बुद्धाय।। नमो संस्कृत।। नमो शिवाय।। नमो सनातन।।
फर्जी इतिहास कार। कुछ भी बोलता रहता है। संस्कृत के शब्द तो पुर्तगाली में भी मिलते हैं तो क्या लोग वहां से आये। संस्कृत और अवेस्ता की भाषा, व्याकरण आदि एक जैसा ही है। जेंद अवेस्ता में जरथुष्ट्र का प्रवचन की भाषा एक जैसा ही है। गिनती और हर शब्द एक जैसे हैं। कुछ अअक्षरों का बदल दिया है जैसे स को ह , त को प आदि। और तो और शब्दों की विभक्तियां भी संस्कृत जैसी ही है। अत पुराने ईरानी शासकों के समय शब्द भारत से ईरान और फिर वहां से सीरिया ईराक ताजिकिस्तान आदि जगह और सिकन्दर के समय ग्रीस और तुर्की तक गये॥ यह बात नवबौद्ध को पंसद नहीं आयेगी। संस्कृत को आज के पाकिस्तान से बिहार पहुंचने में दो हजार साल लगे। अत पाली से संस्कृत नहीं आती वरन संस्कृत से प्राकृत और फिर प्राकृत से पाली यानी मगधी आया। नमो बुद्धाय।। नमो संस्कृत।। नमो शिवाय।। नमो सनातन।।
Exactly Sanskrit is used in India but did not originate here but came with Aryans like English is widely used in India today but it originated in England
According to this logic, Tamil must have come to India by Korea, as Koreans too use some Tamil words. And English must have gone to Britain by India as Indians use many English words....
In my opinion, the whole world might have Hindu origin. Many excavations tell us, there are many temples through out the world. Hindus were everywhere.
Mukesh ji to kewal sach ko hi dikhate hai . Logically agar dekho to . Aur agar sach ka samna hum aap nahi karenge to sayad hum apney baccho ko galat hi siksha denge . Jo baccho ke bhawishya ke liye accha nahi hoga . Bura mat man na . Agar Dr Puniya ji ke reserch ko nahi man na hai to mat mano . Lekin Aajkal Google bhi hai . Jaha aap puri reserch tassalli se kar sakte hai . But Jo reserch karte hai unko follow karna . Kisi politition ko nahi . Politition ko follow karoge to gaddey me hi knowledge jaigi .
फर्जी इतिहास कार। कुछ भी बोलता रहता है। संस्कृत के शब्द तो पुर्तगाली में भी मिलते हैं तो क्या लोग वहां से आये। संस्कृत और अवेस्ता की भाषा, व्याकरण आदि एक जैसा ही है। जेंद अवेस्ता में जरथुष्ट्र का प्रवचन की भाषा एक जैसा ही है। गिनती और हर शब्द एक जैसे हैं। कुछ अअक्षरों का बदल दिया है जैसे स को ह , त को प आदि। और तो और शब्दों की विभक्तियां भी संस्कृत जैसी ही है। अत पुराने ईरानी शासकों के समय शब्द भारत से ईरान और फिर वहां से सीरिया ईराक ताजिकिस्तान आदि जगह और सिकन्दर के समय ग्रीस और तुर्की तक गये॥ यह बात नवबौद्ध को पंसद नहीं आयेगी। संस्कृत को आज के पाकिस्तान से बिहार पहुंचने में दो हजार साल लगे। अत पाली से संस्कृत नहीं आती वरन संस्कृत से प्राकृत और फिर प्राकृत से पाली यानी मगधी आया। नमो बुद्धाय।। नमो संस्कृत।। नमो शिवाय।। नमो सनातन।।
Yeh dono sahab Bharat me jaati vidvesh tatha bhasha vidvesh badhana chahte hai Yeh chhip kar alpasankhyko ke dil ko khush karte hain Isliye vo hi inke follower hote hai aur inko donations dete hain@@सदबोध
धन्यवाद,यह तो ठीक है कि आर्य और संस्कृत, उत्तर पश्चिम एशिया/ यूरेशिया से आई है, लेकिन,पाली, प्राकृत... भाषाएं क्या प्राचीन हैं और पहले से ही भारत में विद्यमान थीं, क्या पाली, संस्कृत से प्राचीन भाषा है????😮😮😮😮😮
इस चैनल पर मैंने कई वीडियो देखी हैं लेकिन हर बार हर वीडियो में जानकारी लेकर ये दोनों ही आते हैं, और हर वीडियो में ब्राह्मणवाद और सनातन के विरुद्ध ही बोलते हैं
Pahli baar maine yeh channel ko dekha aur wohi feel kiya jo aapne kiya. Anti-sanatan, anti-BJP. It was not an intellectual but a motivated and biased discussion.
आदरणीय पुनियानी जी.. यदि संस्कृत का उद्गम जहाँ से भी हुआ बजाय भारत के तो वहाँ संस्कृत बोलने वाले अवश्य होने चाहिए..और कुछ साहित्य भी..छुटपुट शब्द मिले तो कैसे कह सकते हैं कि वह क्षेत्र उस अमुक भाषा का उद्गम स्रोत है .. जबकि पूरा वांगमय भारत में उपलब्ध है निःसंदेह इनका सृजन बाद में हुआ.. हमें क़्या बिना पूर्वाग्रहों के इस बारे जानना नहीं चाहिए..?
@@satyamstark1124 जापान में हिन्दू धर्म से जुड़े देवी देवताओं को मानने और उनकी पूजा पाठ करने की बात भी देखी जा सकती है.. इससे क़्या यह कहा जा सकता है यह धर्म जापानी ईजाद है..?संस्कृत का उद्गम अन्यत्र होने के कुछ प्रमाण भी होने चाहिए..!! जहां भारत में संस्कृत के प्रति विकर्षण मुखरित हैं तहाँ विदेशों में इस भाषा के प्रति आकर्षण बढ़ रहा है.. आश्चर्य और चिंता की बात यह है उद्गम के स्थान में विद्वेष के चलते एक निरपेक्ष भाव का निरादर कर कहीं हम अपनी राष्ट्रीय थाती से विपन्न न हों जाएं..!!
Punyani ji ke thoda political bias nazar aya. Moreover, inke mat me sanskit ka jahan udgam hua - jaise ye bolte hain syria ya aur kahan - wahan ka tatkalik literature ke bare me unko kuch patta hai ya nehin ? Iss ke upar unhone kuchh bhi suchna tak nahin di. He invested a nice portion of his time to indirectly propagate his left camp theory.
फर्जी इतिहास कार। कुछ भी बोलता रहता है। संस्कृत के शब्द तो पुर्तगाली में भी मिलते हैं तो क्या लोग वहां से आये। संस्कृत और अवेस्ता की भाषा, व्याकरण आदि एक जैसा ही है। जेंद अवेस्ता में जरथुष्ट्र का प्रवचन की भाषा एक जैसा ही है। गिनती और हर शब्द एक जैसे हैं। कुछ अअक्षरों का बदल दिया है जैसे स को ह , त को प आदि। और तो और शब्दों की विभक्तियां भी संस्कृत जैसी ही है। अत पुराने ईरानी शासकों के समय शब्द भारत से ईरान और फिर वहां से सीरिया ईराक ताजिकिस्तान आदि जगह और सिकन्दर के समय ग्रीस और तुर्की तक गये॥ यह बात नवबौद्ध को पंसद नहीं आयेगी। संस्कृत को आज के पाकिस्तान से बिहार पहुंचने में दो हजार साल लगे। अत पाली से संस्कृत नहीं आती वरन संस्कृत से प्राकृत और फिर प्राकृत से पाली यानी मगधी आया। नमो बुद्धाय।। नमो संस्कृत।। नमो शिवाय।। नमो सनातन।।
मूर्ख न बनाए राम पुनियानी जी हम आपको को जानते हैं की आप वामपंथी विचारधारा और कम्युनिस्ट पार्टियों में आप संलिप्त है और इनसे प्रभावित हैं। आप जैसे लोगो ने ही हमारी पुस्तकों को लिखवाया है जिन्हे हम NCERT, CBSE or अन्य सम्मिलित है। हम सब लोग आपकी चालाकी जानते है
अभ्यास क्रम बनाने वाले ज्यादातर मनुवादी है और विद्यार्थियों को ज्यादातर झुठा इतिहास पढ़ाया जा रहा है।एक उदाहरण के तौर पर देखेंगे अंग्रेजोंसे लडी झलकारी बाई को या बिरसा मुंडा को दिखाया नहीं जाता लेकीन एक जाती विशेष के लोगोंका ही महीमामंडन किया जाता है। संस्कृत भाषा निश्चित रूप से नौवीं दसवीं सदी में तैयार हुई होगी जब देवनागरी लिपी विकसित हुई। देवनागरी लिपि के बिना संस्कृत लिखना संभव नही है।
इंटरनेट पर संस्कृत भाषा की जानकारी ढूंढने लगे तो सबसे पहले ये जानकारी सामने आती है।की संस्कृत एक इंडो ईरान इंडो यूरोप भाषा है।जो ईरान से संबंधित है।संस्कृत के जागतिक समेलन ज्यादातर जर्मनी में होते हैं।कहते हैं संस्कृत आर्यों की भाषा है और जर्मन के लोग खास कर हिटलर खुद को सर्वश्रेष्ठ आर्य कहता था। किंतु बौद्ध धर्म की पाली भाषा शुद्ध भारतीय भाषा समझिजती हैं।जिसे देवनागरी भाषा कहते हैं।भारतीय संविधान में जिन भारतीय शब्दों का उल्लेख है।वे सब पाली भाषा के है।एक भी संस्कृत शब्द नहीं।
India & China are the Highest population Density regions for Humans, from Day 1 of Humanity. There is no way other regions of the planet can compete with India & China's capacity to produce migrants that settled the planet - from Europe, Central Asia, North Africa, Middle East to Korea, Thailand, Malaysia, Japan, North & South America. This is the power of India, China, who acted as the Population Engines for Mankind. This is why most humans on planet are Asian, including Europeans.
Then, why did Sanskrit Grammer remained wide-spread in India, where as such Grammer is not seen at those places where our great scholar is pointing as places of origin of Sanskrit.
That has been clearly explained by Puniaji. In its place of origin, Sanskrit was in an initial stage (Prarombhik). But coming to India after the Aryans settled, they started to develop Grammer and ultimately became the most developed linguistic achievement of human civilization.
Any language fluorishes best where it originated not where it was transported or imported, people take pride in preserving and promoting their own language and culture. At least the script would have been survived in Syria or Central Asia where it is claimed to have originated. This clearly indicates that Aryans were original Indians and they spread to different parts of the world carrying their own language and culture. See the immense knowledge and philosophy in our Vedas and other scriptures written in Sanskrit are unparalled. At least traces of this knowledge would have been found in Syrian or central Asian cultures not 100% but 20%.. Don't degrade sanatan, Sanskrit and Bharatvarsha by your pseudo secular agenda
अर्थात पहले पश्चिम दिशा से यहां संस्कृत भाषा पहुंचाई गई और साथ में वैदिक धर्म । फिर जब संस्कृत यहां के लोग सीख गए तो उन लोगों ने अपने लिए दूसरी भाषाएं बना ली और कई दूसरे धर्म भी,,,, और फिर यहां की संपति को लूटने और दूसरे धर्मो के विस्तार के लिए यहां लगातार हमले किए गए । वाह, क्या गजब का ज्ञान है
@@Delhiislam ye gyann tune khud ki body ke khaas chhed se nikala hai chutiye. bramhan desh ko barbad nahi kar rahe. aarakshan kar raha hai. aarakshan walo ko kahi science ache se padha kare hame gyan mat do.
भारत का पहला संस्कृत लेख जूनागढ़ है जो शक् राजा रुद्रामन ने बनवाया जो 130 से 50 ईस्वी पूर्व था । जो की कर्ध्मक शखा का था जो की सिथिया से आए ईरान के पास से तो संस्कृत भरतीय कैसे हो सकती है भारत मे ये आर्य कहलाये।
Indians are not descendants of Aryans, says new study A new study led by scientists from the Centre for Cellular and Molecular Biology, Hyderabad, says there was no genetic influx 3,500 years ago.
सवाल यह है कि ये व्यर्थ का विवाद क्यों उत्पन्न किया जा रहा है, जो हो रहा है, उसे बदला जा सकता है, संस्कृत को सब को पढ़ाया जा सकता है, गलती सुधारने में कोई अड़चन नहीं होनी चाहिए।
This old man has a prepared answer for anything to bring a biased opinion at all times by habit inherent in him from time he has been appointed as a historian like thapar and their contemporaries.
Instead of taking pride in our ages old culture these so called scholars are trying to demoralize our new generation by presenting false proofs and illogical explanations. Imagine any language which originates in a place will florish in that place then spread to other parts of the world. If Syria was the epicenter of Sanskrit, there would have been some traces of it in their scripts, scriptures and culture. Compare the same with the profound Vedic philosophy and knowledge where do other countries stand when compared with India.
@@vivekmalhotra5048 महोदय पहली बात तो ये है कि आप अपनी हिंदी की वर्तनी सुधारें और दूसरी बात ये कि दासता भाषा से अधिक विचारों की होती है भाषा तो केवल संप्रेषण का माध्यम है और हम अंग्रेज़ो के द्वारा अपने विचार अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं
Sanskrit means reformed. This language was reformed from Prakrit or languages of the common people. Grammar &other modification must have been made in course of time for the purpose of its reach treasure, ie, thoughts of great thinkers of that periods & to preserve the reach culture of that time. But later, some people might have used this language, to exploit others, which is common now in every aspect of life. Thanks.
Humans that landed in India by Adam AS (Quran2;38) moved from India after Flood of Noah 11;44 that Drowned the Dwarka and Noah Ship landed in Judy Mountain in Turkey 29;15 and population moved from Indian continent to Middle East / Iraq / Turkey. And there again they started their old business of temple and Gold collection and marketing fake gods for easy money. *This is because God keeps a room for His love in every heart* And those who do not use their wisdom / education, get trapped in fabricated gods and lose their lives and their property and their generation suffer subjugation in following this fake religion and demi Gods… Living Example India Brahmins and shuddr and 10,000s of Tons of God in Temples and cloth less, hungry, starving, Mulnivasi the painful history of ancient India. And for temple creators it is a cool, effortless, and investment less, risk less, business. But for blind followers / andbhakti they get destroyed and get discriminated... *Living example India.* *So in Iraq and in Turkey temple creators were operating under Azar the father of Ibrahim AS. **19:42**/6:74* Who fought them for 100 years and displace them from there and they again came to India as Azaryans or Aryans, because of no "Z" in Indian languages Back with idea of that Idol marketing business for which they face Noah Flood And soon controlled the locals / Mulnivasi and enslaved and subjugated with the magic spell of fake gods and books. And you know all....... after that.. They don’t have any God or any Godly books with them and to cover a lie they create one more lie and the volume of their book went to Container loads of books.
Sanskrit is Indo-European language...it means it is an European language...very simple...any language that belongs to Indo-European language group is European language...
इतिहास के सत्यता को पूरी तरह से जानना मुश्किल है। लेकिन संस्कृत के बारे में जो बताया जा रहा है वह मुझे छोटी मानसिकता नजर आ रहा है। क्योंकि संस्कृत का प्रयोग वेद में हुआ है जो अति प्राचीन है। फिर संस्कृत की लिपि देवनागरी है जिसका प्रयोग हिन्दी के साथ साथ कुछ और भाषा में होता है।
उस समय वैदिक धर्म मरणासन्न था अतः कर्मकांड सीमित थे संस्कृत वैसे भी जन भाषा नही थी,बौद्ध धर्म राज धर्म बन गया था और बुद्ध के उपदेश पाली में थे अतः पाली राज भाषा बन गई और शिलालेख उसी में लिखवाए गए ,वैदिक धर्म उनको प्रैक्टिस करने वाले ब्रह्मण और संस्कृत हसिए पर चली गई।
मैं आपसे सहमत हूँ इस चैनल पर हर वीडियो में ये दोनों ही आते हैं जैसे ये दोनों हर विषय के महावन विद्वान हैं और हर वीडियो में ये ब्राह्मण विरोधी और सनातन विरोधी बातें करते हैं इनको न जाने कितने आरोप लगाते हैं ये..... ब्राह्मणों को तो ये ऐसे बताते हैं जैसे कि ब्राह्मण अत्याचारी, क्रूर, राक्षस प्रव्रत्ति के हों..
Indians are not descendants of Aryans, says new study A new study led by scientists from the Centre for Cellular and Molecular Biology, Hyderabad, says there was no genetic influx 3,500 years ago.
अगर ब्राह्मण और संस्कृत सबसे पुरानी है, तो उनको सिंध घाटी की भाषा क्यों नहीं पढ़नी आती? सो सिंध घाटी पहिले है। बाकी बाद में। वैसे भी चित्र लिपि किसी विकसित भाषा से पुरानी होती है।
Ye desh bhaut mahan tha jbtk ek ghatiya race yha aayi ni thi jisne logo ko caste mai bata logo ko gulam bnaya dharam k naam pe.....logo ko gulam bna k hatiyar nhi uthane diye
फर्जी इतिहास कार। कुछ भी बोलता रहता है। संस्कृत के शब्द तो पुर्तगाली में भी मिलते हैं तो क्या लोग वहां से आये। संस्कृत और अवेस्ता की भाषा, व्याकरण आदि एक जैसा ही है। जेंद अवेस्ता में जरथुष्ट्र का प्रवचन की भाषा एक जैसा ही है। गिनती और हर शब्द एक जैसे हैं। कुछ अअक्षरों का बदल दिया है जैसे स को ह , त को प आदि। और तो और शब्दों की विभक्तियां भी संस्कृत जैसी ही है। अत पुराने ईरानी शासकों के समय शब्द भारत से ईरान और फिर वहां से सीरिया ईराक ताजिकिस्तान आदि जगह और सिकन्दर के समय ग्रीस और तुर्की तक गये॥ यह बात नवबौद्ध को पंसद नहीं आयेगी। संस्कृत को आज के पाकिस्तान से बिहार पहुंचने में दो हजार साल लगे। अत पाली से संस्कृत नहीं आती वरन संस्कृत से प्राकृत और फिर प्राकृत से पाली यानी मगधी आया। नमो बुद्धाय।। नमो संस्कृत।। नमो शिवाय।। नमो सनातन।।
आप लोग प्रत्येक बिषय कि कमी का दोष ब्राह्मण समाज को लज्जित /दोष देने का प्रयास करते हो ब्राह्मण त्याग व समर्पण एवं अपना ज्ञान मानव समाज के उत्थान के लिए समर्पित रहा भारतीय संस्कृति व सनातनी परम्परा का रक्षक रहा अब क्ई दशकों से ब्राह्मण को बिदेशी साबित करने का प्रयास किया जा रहा है
Sanscrit originated from " Mythini" a common language spoken by the Hebrew, Aramaic and Syrians in the west Asia. Also Sanscrit is connected to " Panini" Persian dialects. Sanscrit is not originated in India.
औरंगजेब एक आदर्श पुरुष था,उसका अनुयायी राम पनियानी,भी,आदर्श पुरुष है,दोनोें को,भारत रत्न की,उपाधि मिलना चाहिए, पुनियानी,एक महान इतिहास कार एवं ज्ञानी पुरुष हैं,
सर, संथाली भाषा का अध्ययन किजीए। बहुत सारे संथाली शब्द मिलेगा जो संस्कृत भाषा में मिलेगा। जैसे - गो - गाय या मां गोड़ा - ( गो+ ओड़ा) गाय का घर गोयठा - ( गो + आयठा ) सुखा गोबर गोती - गाय देखभाल करने वाले गोपी - गाय देखभाल करना गोतोम - घी गोरीच - गोबोर गोताव - किसि दुसरे को गाय देखभाल हेतु देना गोणंम - वधु पक्ष को शादी में दिया जाने वाला गाय। गोट - गाय को मैदान में रखना गोट टंडी - सुबह गाय रखने वाला मैदान संगत - दोस्त अचाक दा: अचमन पानी पिना खीर - दुध दाहे - दही लत - लता बाला कुड़ी - लड़की आपको बहुत सारे शब्द मिलेंगे।
Sanskrit is a created language for the invaded Aryans. The purpose of the language was to keep the natives apart but without them day to day business was impossible. So an artificial language,Sanskritˌ ,was created and it was limited to palace people. It needs mainly byhearting to learn.
मैंने अभी वीडियो को देखा नहीं। पहले कॉमेंट पढ़े हैं। जाहिर है कॉमेंट लिखने वालों ने वीडियो को देखा होगा। इस लिए लग रहा है वीडियो देखने का कोई फायदा नहीं।
भाई भारत भाषा विहीन थी क्या भारतीय भाषाओं से ही जोड़ कर संस्कृत का निर्माण हुआ।और उसकी विस्तार दुनिया मे हुई।आप लोग किसी के विरोध मे अपना स्तर ना गिराए तो ही अच्छा है।
ये लोग अपनी प्रत्येक वीडियो ने ब्राह्मण और सनातन का इतना विरोध कर चुकें हैं कि ये अपना स्तर गिरा चुकें हैं और संस्कृत का को सीरिया में जन्मी भाषा बता रहे हैं.... जैसे भारत मे पहले कुछ भी नहीं था....न संस्कृत, न सनातन न ही सनातनी और न वेद पुराण....इनके अनुसार तो सबकुछ भारत मे विदेश से ही आया है।
I agree! But it is a fact that Sanskrit is not really used on day to day basis! I think this is because for a long time, the ruling Or priestly class kept Sanskrit away from the masses! Which took it away from day to day use! Language thrives when it is used! Sir I apologize in advance if I have caused any offense but I wrote what I thought.
the word 'hindu' and 'india" was given by greeks and persians and modern day turks are intermarried into the older byzantine,greek and anatolian stock. they share nearly 50% similar DNA
@@soheil527 Turks have a wide variety of ethnicities {and some of those (many of those) ethnicities are *often* poles apart}. Turkish citizens living in the Anatolian plateau {in present-day country named as Turkey} are *completely different* from the Turkic tribes such as Uzbeki and Kyrgyz and Uyghur and Turkmen and Kazakh etc·.
बिना किसी प्रमाण व तथ्य के बिल्कुल अनर्गल प्रलाप किया गया है। वीडियो की प्ररोचना ऐसे की गई है कि न जाने कितने प्रमाणों से अपनी बात को रखेंगे किन्तु पूरे भाषण में एक भी पुरातात्विक अथवा साहित्यिक प्रमाण की चर्चा तक नहीं है। बस मुंह खोलकर जो मन में आए बोले जा रहे हैं....🙏🏻🙏🏻🙏🏻
जब आप कहते हैं कि आर्य या संस्कृत भाषा भारत में कहां से आए तो इसका मतलब है कि आप पूर्वाग्रह से पीड़ित हैं। जब आप मानसिक रोगियों को विषय विशेषज्ञ के रूप में समाज के आगे प्रस्तुत करते हैं तो आप वैमनस्य फैलाने वाले हो जाते हैं। प्रश्न होना चाहिए कि मुसलमान और अंग्रेज कहां से, क्यों और किस उद्देश्य से आए? अगर इन आक्रांताओं के विचार (धर्म) इतने शुद्ध हैं तो आप और आपके विशेषज्ञ उन विचारों को तुरंत ग्रहण कर परिवर्तित क्यों नहीं हुए और अगर आप बिना बल प्रयोग के परिवर्तन स्वीकार नहीं कर सकते तो मध्य काल में अचानक हिन्दू मुसलमान कैसे बने?
@@amanvds Incorrect, any proofs that Indus Valley Civilization used Proto-Dravidian language?? Script is not deciphered yet.. and I said "Indus Valley River" and not "Indus Valley Civilization".. there is difference between them.. And no, Proto-Dravidian is not older than Proto-Indo-European.. Proto-indo-European is 4500BCE old, whereas Proto-Dravidian is still a fiction language and not estimated before 3000BCE
sanskrit is a refined form of languages of aryans. It came from central asia to near indus river around 1300 bc. Later it was refined even more by grammarian like panini in that regions. That's why rigvedic sanskrit is different than panini sanskrit. Even sanskrit of rigveda is different than atharveda.
@@specialrelativity8222 And what proof do you have for that? How can you say Vedic Sanskrit was a refined form of aryan languages??? Sanskrit is the second earliest attested Indo-European language.. So how can it be the refinement of some other language? I want to ask you people that what drugs do you all smoke? Is it Gānja or Cocáiñe?? And second, who told you Sanskrit came in India around 1300BCE? if that's the reason then this whole aryan invasion theory gets debunked.. cuz no linguistic written inscriptions in India are found between 1600-600BCE.. Third, if Sanskrit is really foreign to India then why can't we see any Persian, Greek or Russian cities in Rig Veda?? Why Rig Veda only mentioned "South Asian Cities of Ancient India" and forgot it's so called "Aryan brothers" ?
@@astesiaa tumhe itna bura kyu lag rha h?? 😂 archeologists, linguists, geneticist says aryan came from Eastern European steppe via Central Asia to South asia. So by that logic their language also came with them. Go and read some books.
The language used in the oldest religious tracts of Zoroastrians was known as Avestan. It is so close to Rig Vedic Sanskrit that contemporary scholars who need to learn Avestan have to learn Sanskrit first.
Yes,the relationship of ppl who wrote Rigveda and Avestha need to be probed.The linguistic roots should be probed.I believe not much is done in this regard.
प्रो. राम पुनियायनी जी आपका अध्ययन विश्लेषण सटीक v सच है पर कई लोगों को हजम नही होगा।
Ram Punyani is very rational and very scholarly. Great respect to Ram Punyani. Thanks for sharing your knowledge with us. True unbiased enlightenment!
डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद सिंह जो भाषा विद और इतिहास लेखक भी है। उनके अनुसार संस्कृत भाषा की उत्पत्ति आठवी शताब्दीसे होती है और सारे संस्कृत ग्रंथ सल्तनत काल से लेकर मुगल काल तक लिखे गए ।
8vi nahin dusri sadi
इनका मानना यह है कि देश का इतिहास इनके पैदा होने के बाद शुरू हुआ है , देश के प्रति इनका उद्देश्य दुराग्रह और भ्रामक पूर्ण होता है ।
रशियन भाषा में बहुत खूब शब्द संस्कृत से मिलते है l
सबसे बड़ा तर्क ये है कि जो स्थान किसी भाषा का उद्गम स्थान होता है, वहाँ उस भाषा का लिटरेचर और व्यकरण सर्वाधिक मात्रा में दिखता है। सीरिया से कितने ग्रंथ व साहित्य आपको संस्कृत में मिले?
Bhansa samay k saath pararup bdlti hai ...old persian bhaut similer hai sanskrit se and rigveda mostly match krta hai avesta book se
@@uncensoredhealth1453 संस्कृत के श्लोक सुनने से कानों में शीशा पिघलाकर डालने का विधान नहीं था बल्कि झूठी बातें सुनाकर या सुनकर प्रवाद फैलाने वालों को ऐसा दंडित किया जाता था। किन्तु बाद में कठोर होने के कारण बंद कर दिया गया था।
भाषा के जन्म के संबंध में भाषा शास्त्रियों के विचार हैं कि उसके जन्म की अलग अलग स्थानों में अलग अलग प्रक्रिया घटित हुई है। भाषा धीरे धीरे विकसित हुई है। मनुष्य यायावर प्रकृति का होने के कारण एक स्थान से दूसरे स्थान आता जाता रहा है। इस कारण भाषा विकसित होने की प्रक्रिया की अवधि में भी आपस में स्वीकार्य होती रही है इसलिए यह मानना कठिन है कि भाषा पर किसी एक वर्ग का अधिकार रहा है किसी भी भाषा पर सबका अधिकार रहा है।यह बात अलग है कि कुछ को वह भाषा शीघ्र समझ में आयी तो किसी को देर में इस कारण किसी ने निपुणता प्राप्त कर ली तो कोई आधा अधूरा ही रह कर काम चलाता रहा। इतना निश्चित है कि जिस भाषा ने जिस स्थान पर पूर्णता प्राप्त की वह वहां की मान ली गयी। मनुष्य की सहयात्री होने के कारण बहुत से शब्द एक दूसरी भाषा में समान अर्थों में मिलते जुलते हैं। इस प्रकार से विचार किया जावे तो संस्कृत भाषा भारत में ही संस्कारित होकर विकसित हुई। इसका सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि संस्कृत साहित्य भारत में ही उपलब्ध है। संस्कृत के ज्ञाता भी यही हैं। पाणिनी जैसे व्याकरणाचार्य भी यही हुए हैं। संस्कृत भाषा भारत की ही है ऐसा मानना ही तर्कसंगत है। वैसे तो कुछ भी कहते रहें कुछ लोगों की प्रकृति ही ऐसी होती है
Bhai jalebi bna k chale gye
@@uncensoredhealth1453 रामायण महाभारत में घोड़ों का बार बार ज़िक्र है परन्तु आश्चर्य की बात ये है कि भारत में नैसर्गिक रूप में घोडे न्ही पाये जाते. उन्हे हमेशा से आयात किया जाता रहा है मध्य एशिया से जहा घोड़े उनके जीवन का बहोत बडा हिस्सा है. घोडे भारतीय वातावरण मे प्रजनन करणे मे समर्थ है ही नहीं. हो सकता है की रामायण भारत में हुआ ही नहीं.
Bharat me har jagah ki apni bhasha hai, Sanskrit kis jagah se hai?
Dr Mukesh kumar ji &Prof Ram Punyani ji both of you Sallute
ये चर्चा सबसे कमजोर चर्चा लगी है सर। क्योंकि इतने बड़े विषय पर चर्चा के दोरान न तो किसी ऐतिहासिक व पुरातात्विक प्रमाण पर कोई चर्चा नहीं की गयी। इसलिए चर्चा पूरी तरह से नीरस लगी व अप्रमाणिक भी
फर्जी इतिहास कार। कुछ भी बोलता रहता है।
संस्कृत के शब्द तो पुर्तगाली में भी मिलते हैं तो क्या लोग वहां से आये।
संस्कृत और अवेस्ता की भाषा, व्याकरण आदि एक जैसा ही है।
जेंद अवेस्ता में जरथुष्ट्र का प्रवचन की भाषा एक जैसा ही है।
गिनती और हर शब्द एक जैसे हैं। कुछ अअक्षरों का बदल दिया है जैसे स को ह , त को प आदि।
और तो और शब्दों की विभक्तियां भी संस्कृत जैसी ही है।
अत पुराने ईरानी शासकों के समय शब्द भारत से ईरान और फिर वहां से सीरिया ईराक ताजिकिस्तान आदि जगह और सिकन्दर के समय ग्रीस और तुर्की तक गये॥
यह बात नवबौद्ध को पंसद नहीं आयेगी।
संस्कृत को आज के पाकिस्तान से बिहार पहुंचने में दो हजार साल लगे।
अत पाली से संस्कृत नहीं आती वरन संस्कृत से प्राकृत और फिर प्राकृत से पाली यानी मगधी आया।
नमो बुद्धाय।। नमो संस्कृत।। नमो शिवाय।। नमो सनातन।।
वास्तव में ये फर्जी इतिहासकार है. मैंने आज तक इस आदमी को किसी भी तथ्य, इतिहास के प्रकरण आदि को मूल भारत का या भारत के मानते हुए नहीं देखा.
इसका मतलब संस्कृत विदेशी भाषा है यह भरतीय भाषा नही है जो सन्शोधन से पता चलता है अर्थात आर्यन्स जो ब्राम्हण वर्ग से है विदेशी है ये इराण इराक,सिरिया से भारत मे आये अपने साथ संस्कृत भाषा भी लाये और यही बस गये!😢😢😢😢😢😢
प्राकृत+पाली+खरोष्टी=early संस्कृत+modern संस्कृत= देवनागरी लिपी वाली संस्कृत
Logical
Correct
kuch bhi😂😂
फर्जी इतिहास कार। कुछ भी बोलता रहता है।
संस्कृत के शब्द तो पुर्तगाली में भी मिलते हैं तो क्या लोग वहां से आये।
संस्कृत और अवेस्ता की भाषा, व्याकरण आदि एक जैसा ही है।
जेंद अवेस्ता में जरथुष्ट्र का प्रवचन की भाषा एक जैसा ही है।
गिनती और हर शब्द एक जैसे हैं। कुछ अअक्षरों का बदल दिया है जैसे स को ह , त को प आदि।
और तो और शब्दों की विभक्तियां भी संस्कृत जैसी ही है।
अत पुराने ईरानी शासकों के समय शब्द भारत से ईरान और फिर वहां से सीरिया ईराक ताजिकिस्तान आदि जगह और सिकन्दर के समय ग्रीस और तुर्की तक गये॥
यह बात नवबौद्ध को पंसद नहीं आयेगी।
संस्कृत को आज के पाकिस्तान से बिहार पहुंचने में दो हजार साल लगे।
अत पाली से संस्कृत नहीं आती वरन संस्कृत से प्राकृत और फिर प्राकृत से पाली यानी मगधी आया।
नमो बुद्धाय।। नमो संस्कृत।। नमो शिवाय।। नमो सनातन।।
प्राकृत से पाली, पाली से संस्कारित , पूर्ण संस्कारित भाषा को संस्कृत भाषा कहते है.
पाली भाषा की लिपी ब्राह्मी लिपी या धम्म लिपी है, संस्कृत भाषा धम्म लिपी मे लिखी हुई कही भी नही मिलती धम्म लिपी पुरानी लिपी है उसके बाद देवनागरी लिपी आई है देवनागरी लिपी मे संस्कृत का लिखाण हुआ है
संस्कृत भाषा को धन से ज्यादा महत्त्व दे के सम्हाला उन ब्रम्हणो पे उपहास दर्शक टिका करके चर्चा समाप्त हो गयी...
।। संसार में लिखित एवं मौखिक समस्त भाषाओं का सम्मान सभी को करना चाहिए और एक बात तो सबको पता है कि कितने विवाद तो भाषा शैली शब्दावली के कारण हम-सबके साथ अपनी ही मात्र भाषा में अपने ही पारिवारिक सदस्यों के साथ हो जाता है इसलिए भाषा शैली शब्दावली ज्ञान हेतु अध्ययन के लिए उत्तम है किन्तु सार्वजनिक रूप से चर्चा करने से केवल विवादों को छोड़कर और कुछ नहीं मिलेगा।।
श्रेष्ठ विचार।। कुछ पूर्वाग्रही प्रोफेसर अपने दिमाग में भरे हुए नफरत के कीड़े को शांति एवं चतुराई से फैलाते हैं सामंजस्य बनने की जगह नफरत फैले।।
संस्कृत देवी प्रदत्त भाषा है. मानव के सप्त चक्करों से जब कुंडलिनी चलती है तो विभिन्न प्रकार के शब्द नाद हुए जो कि ध्यान के माध्यम से प्रकाशित हुए है उन्हें ही बीज शब्द कहा गया है . उन्हीं शब्दों की वैखरी से भाषा संस्कृत बनी है. भारत ही उद्यान है अनेक भाषा का.
संस्कृत की लिपी देवनागरी यह तो ५००सौ साल पूर्व की लिखावट हैं। यह सच हैं। इनसें पहले मागधी या पाली थी और उत्खनन में यही सबूत मिल रहे है। यही सच हैं।
तीन सो साल अँग्रेज़ो ने पहले मुगलो ने राज किया फिर पाँच सो साल पुरानी कैसे हुई देवनागरी क्या मुगलों के राज मे आई हिन्दी
फर्जी इतिहास कार। कुछ भी बोलता रहता है।
संस्कृत के शब्द तो पुर्तगाली में भी मिलते हैं तो क्या लोग वहां से आये।
संस्कृत और अवेस्ता की भाषा, व्याकरण आदि एक जैसा ही है।
जेंद अवेस्ता में जरथुष्ट्र का प्रवचन की भाषा एक जैसा ही है।
गिनती और हर शब्द एक जैसे हैं। कुछ अअक्षरों का बदल दिया है जैसे स को ह , त को प आदि।
और तो और शब्दों की विभक्तियां भी संस्कृत जैसी ही है।
अत पुराने ईरानी शासकों के समय शब्द भारत से ईरान और फिर वहां से सीरिया ईराक ताजिकिस्तान आदि जगह और सिकन्दर के समय ग्रीस और तुर्की तक गये॥
यह बात नवबौद्ध को पंसद नहीं आयेगी।
संस्कृत को आज के पाकिस्तान से बिहार पहुंचने में दो हजार साल लगे।
अत पाली से संस्कृत नहीं आती वरन संस्कृत से प्राकृत और फिर प्राकृत से पाली यानी मगधी आया।
नमो बुद्धाय।। नमो संस्कृत।। नमो शिवाय।। नमो सनातन।।
👌
Foolish and prejudice discussion, now English is being present in India so it means English went England from India ? If not, Sanskrit also originated in India and spread all over world.
Lmao how?
I agree.
Spread all over the world? Where has Sanskrit been found outside India?
@@abhinavchauhan7864If u r a linguistic you have to accept that Sanskrit words are in so many world languages. For example- पथ- path, त्रि- three, etc. Sanskrit is also being taught in all leading universities. Sanskrit related proofs r found in Russia, Arab, Iran, Afghanistan, Malaysia etc.
Pali script ka to rock inscription milta hai.sanskrit itni hi purani thi to uska koi evidence q nahi mila paali se pahle
Hmm truth is really bitter
मतलब मान्यवर कूछ शब्द सीरिया मे मिलने पर संस्कृत भाषा सीरिया की हुई ओर पुरी की पुरी संस्कृत भारत मे होने पर भी यह संस्कृत भारत की नहीं हैं
इतना ज्यादा ज्ञान मैने कभी नहीं देखा
Sunskrit muje to bahar ki hii lagti hay jese ki tamilnadu ki lagti hay😂
@@balloondecorationsangola7967 Aur aapka tark ye hai ki yha ki majority Sanskrit nhi bolti but ye yha ki bhasha hai? Agar yha ki hoti to same language ka slang different hoga different states me. Chuki iss bhasha ko bolne wale ek jagah se aaye the aur bharat ke alag hisso me spread hua jiske karna unka bolne ka tone same hai. Jaise ki tamil nadu log London me basenge to unke tamil bolne ka tarika same hoga.
इंडिया आपके सर्वज्ञ प्रोफ़ेसर है जो सारे विषयों की जानकारी बिहार से लेकर भाषाविज्ञान सब इनके कदमों में new chawal hai आप जैसा प्रोफेसर और इतिहास का जानकार संसार में दूसरा कोई नहीं
मुकेश जी को इतिहास की जानकारी देने के लिए पुनियानी जी के अलावा कोई दूसरा इतिहासकार नजर नहीं आता है क्या बात है? पुनियानी जी के अलावा और भी तो इतिहास के जानकर होगें!
और इतिहासकार होंगे तो सही पर इस तरह का कुतर्की और हरामी इतिहासकार नहीं मिल पाएगा जो भारत की बुराई करता हो और भारत के युवाओं को दिग्भ्रमित करता हो।
मैं आपसे सहमत हूँ इस चैनल पर हर वीडियो में ये दोनों ही आते हैं जैसे ये दोनों हर विषय के महावन विद्वान हैं और हर वीडियो में ये ब्राह्मण विरोधी और सनातन विरोधी बातें करते हैं इनको न जाने कितने आरोप लगाते हैं ये..... ब्राह्मणों को तो ये ऐसे बताते हैं जैसे कि ब्राह्मण अत्याचारी, क्रूर, राक्षस प्रव्रत्ति के हों..
क्योंकि इन दोनों का एक एजेंडा है और वो ये कि.... ये सब को बताना चाहते हैं कि हिन्दू(सनातन) धर्म भारत का नहीं है, संस्कृत भारत मे जन्मी भाषा नहीं है सभी हिन्दू विदेश से आये हैं.... ब्राहम्ण अत्याचारी क्रूर, राक्षस प्रवृत्ति के हैं, ये अपनी प्रत्येक वीडियो में ब्राह्मण विरोधी, सनातन विरोधी बातें करते हैं
@@AnkitSharma-ou3fe क्या करे भाई, भारत हमेशा से दोगलों और गद्दारों से परेशान रहा है, देखते हैं,,,,,, इन मूर्खों को कब यह समझ आएगा कि ये अपने भाई की पीठ में खंजर और अपने पैर में कुल्हाड़ी मार कर जहां की थाली में खा रहे हैं वहीं का बेड़ा गर्क कर रहे हैं
@@AnkitSharma-ou3fe bilkul inhone hamare rajput ki veerta ko satta ka sangarsh bataya he chii kitna khub bahaya hindu culture language ke liye rajputo ne
ADHYAY 2.SHLOK.42,43,44,45.ADHYAY 7.SHLOK. 20,21,22,24,25.ADHYAY 9.SHLOK.11,12,20,21,22. VERY IMP. READ TRANSLATION OF B.G.TILAK GRANTH NAME SHRIMAD BHAGWAD GITA RAHASYA.
Sir, do please discuss on Pali language 🙏
Pali is unique language of 2600 years ago during lord buddha times
The Pali language was the language of Buddhist religious books, which was prevalent in the eastern regions.Because the oldest languages are Prakrit, whose forms are found differently in different regions of India.For example, Eastern Prakrit, Central Prakrit, Western Prakrit.The way Sanskrit language was created, Pali language was also created in the same way.
Pali should be national language of India.
@@HarvinderSingh-yy8th
Khud ko pali aati nhi hogi
इस तरह की जानकारी ही ज्ञान कहलाती है। आपका शुक्रिया
संस्कृत भाषा भारत में नहीं जन्मी तो क्या सिंधी पुन्यानी के घर पैदा हुई ??
Ve aadha _adhura gyan de rahen hain koee mil gaya na Dhobi Pachhad dene vala tb smjh aayega.
@@neerjamishra961 aaja debate kar teri sanskrit 2000 saal purani bhasha hai
@@thegoldberg8470 - debates ki zaroorat nahi padegi, tum matra apne kisi khas guru se puchh lena jo gyan vaan ho aur use yeh pata ho ki ved kab , kahan, kisne ,kis lipi aur kis bhasha mein likha hai , ye prashna thoda is channel ke bekoof gyanwaanon se bhi poochh lena,
Ea puniyani ek cartoon hain
Punyani sahab momin se janm liye hain..
Excellent both of u
लेकिन भारत मे संस्कृत बपौती शुरू से ही रही जों आर्यब्रह्मणों ने ही अपनी बंशजों क़े अधिन रखा, अनार्यों क़ो पढ़ना तो मात्र संस्कृत श्लोको क़ो सुनने से कान मे शीशा पिघला कर डाल दिया जाता था, जय भीम नमो बुद्धाय, चले बुद्ध कि ओर, अपने देश क़ो फिर से नवनिर्माण करें, 🙏🚶♀️🙏🏃♂️🙏🚶♂️🙏🏃🙏🚶♀️
Indians are not descendants of Aryans, says new study
A new study led by scientists from the Centre for Cellular and Molecular Biology, Hyderabad, says there was no genetic influx 3,500 years ago.
Jo amjan ki bhasa nhi thi usko bhasa kaise mane am jan ki bhasa prakrarik h or aaj bhi usi se bani Hindi ka istemaal ho raha h
पुनिया जी एक पारदर्शी इतिहासकार है.... धन्यवाद 💐
फर्जी इतिहास कार। कुछ भी बोलता रहता है।
संस्कृत के शब्द तो पुर्तगाली में भी मिलते हैं तो क्या लोग वहां से आये।
संस्कृत और अवेस्ता की भाषा, व्याकरण आदि एक जैसा ही है।
जेंद अवेस्ता में जरथुष्ट्र का प्रवचन की भाषा एक जैसा ही है।
गिनती और हर शब्द एक जैसे हैं। कुछ अअक्षरों का बदल दिया है जैसे स को ह , त को प आदि।
और तो और शब्दों की विभक्तियां भी संस्कृत जैसी ही है।
अत पुराने ईरानी शासकों के समय शब्द भारत से ईरान और फिर वहां से सीरिया ईराक ताजिकिस्तान आदि जगह और सिकन्दर के समय ग्रीस और तुर्की तक गये॥
यह बात नवबौद्ध को पंसद नहीं आयेगी।
संस्कृत को आज के पाकिस्तान से बिहार पहुंचने में दो हजार साल लगे।
अत पाली से संस्कृत नहीं आती वरन संस्कृत से प्राकृत और फिर प्राकृत से पाली यानी मगधी आया।
नमो बुद्धाय।। नमो संस्कृत।। नमो शिवाय।। नमो सनातन।।
अंग्रेजी के शब्द हिन्दुस्तान में आज हैं/इस्तेमाल होते हैं तो क्या आप यह कहेंगे कि अंग्रेजी का उद्भव/उत्पत्ति भारत में/से हुई ।
फर्जी इतिहास कार। कुछ भी बोलता रहता है।
संस्कृत के शब्द तो पुर्तगाली में भी मिलते हैं तो क्या लोग वहां से आये।
संस्कृत और अवेस्ता की भाषा, व्याकरण आदि एक जैसा ही है।
जेंद अवेस्ता में जरथुष्ट्र का प्रवचन की भाषा एक जैसा ही है।
गिनती और हर शब्द एक जैसे हैं। कुछ अअक्षरों का बदल दिया है जैसे स को ह , त को प आदि।
और तो और शब्दों की विभक्तियां भी संस्कृत जैसी ही है।
अत पुराने ईरानी शासकों के समय शब्द भारत से ईरान और फिर वहां से सीरिया ईराक ताजिकिस्तान आदि जगह और सिकन्दर के समय ग्रीस और तुर्की तक गये॥
यह बात नवबौद्ध को पंसद नहीं आयेगी।
संस्कृत को आज के पाकिस्तान से बिहार पहुंचने में दो हजार साल लगे।
अत पाली से संस्कृत नहीं आती वरन संस्कृत से प्राकृत और फिर प्राकृत से पाली यानी मगधी आया।
नमो बुद्धाय।। नमो संस्कृत।। नमो शिवाय।। नमो सनातन।।
Exactly Sanskrit is used in India but did not originate here but came with Aryans like English is widely used in India today but it originated in England
@@सदबोधPrakrit originated in India exclusively it has nothing to do with Aryan Sanskrit
उपयोगी जानकारी
According to this logic, Tamil must have come to India by Korea, as Koreans too use some Tamil words.
And English must have gone to Britain by India as Indians use many English words....
No, they will not say this as they want to divide indians on basis of language and aryan-dravidan false narrative.
🤣🤣✔️
Right 😂
In my opinion, the whole world might have Hindu origin. Many excavations tell us, there are many temples through out the world. Hindus were everywhere.
@@tapoodas Unlike what Fascists may believe, telling lies a thousand times does not make it the truth.
Very interesting discussion. Thanks for sharing.
मुकेश तुम सारा कुछ झूठ ही क्यों फैलाते हो क्या कुछ भी सच नहीं तुम्हारे पास बताने को।
कुछ तो सच बोल लो
Mukesh ji to kewal sach ko hi dikhate hai . Logically agar dekho to .
Aur agar sach ka samna hum aap nahi karenge to sayad hum apney baccho ko galat hi siksha denge . Jo baccho ke bhawishya ke liye accha nahi hoga .
Bura mat man na . Agar Dr Puniya ji ke reserch ko nahi man na hai to mat mano . Lekin Aajkal Google bhi hai . Jaha aap puri reserch tassalli se kar sakte hai .
But Jo reserch karte hai unko follow karna . Kisi politition ko nahi . Politition ko follow karoge to gaddey me hi knowledge jaigi .
फर्जी इतिहास कार। कुछ भी बोलता रहता है।
संस्कृत के शब्द तो पुर्तगाली में भी मिलते हैं तो क्या लोग वहां से आये।
संस्कृत और अवेस्ता की भाषा, व्याकरण आदि एक जैसा ही है।
जेंद अवेस्ता में जरथुष्ट्र का प्रवचन की भाषा एक जैसा ही है।
गिनती और हर शब्द एक जैसे हैं। कुछ अअक्षरों का बदल दिया है जैसे स को ह , त को प आदि।
और तो और शब्दों की विभक्तियां भी संस्कृत जैसी ही है।
अत पुराने ईरानी शासकों के समय शब्द भारत से ईरान और फिर वहां से सीरिया ईराक ताजिकिस्तान आदि जगह और सिकन्दर के समय ग्रीस और तुर्की तक गये॥
यह बात नवबौद्ध को पंसद नहीं आयेगी।
संस्कृत को आज के पाकिस्तान से बिहार पहुंचने में दो हजार साल लगे।
अत पाली से संस्कृत नहीं आती वरन संस्कृत से प्राकृत और फिर प्राकृत से पाली यानी मगधी आया।
नमो बुद्धाय।। नमो संस्कृत।। नमो शिवाय।। नमो सनातन।।
Yeh dono sahab Bharat me jaati vidvesh tatha bhasha vidvesh badhana chahte hai
Yeh chhip kar alpasankhyko ke dil ko khush karte hain
Isliye vo hi inke follower hote hai aur inko donations dete hain@@सदबोध
धन्यवाद,यह तो ठीक है कि आर्य और संस्कृत, उत्तर पश्चिम एशिया/ यूरेशिया से आई है, लेकिन,पाली, प्राकृत... भाषाएं क्या प्राचीन हैं और पहले से ही भारत में विद्यमान थीं, क्या पाली, संस्कृत से प्राचीन भाषा है????😮😮😮😮😮
किंतु sir
यदि संस्कृत बाहर से आई तो वहा कुछ लोग संस्कृत बोलने वाले वर्तमान में वहा पर क्यों नहीं है।
संस्कृत भारत से वहाँ गया है, न की वहां से भारत आया है। ये इतिहासकार एक प्रोपगंडा चला रहे हैं।
Science journey dekhe sab clear ho jayega
इस चैनल पर मैंने कई वीडियो देखी हैं लेकिन हर बार हर वीडियो में जानकारी लेकर ये दोनों ही आते हैं, और हर वीडियो में ब्राह्मणवाद और सनातन के विरुद्ध ही बोलते हैं
Pahli baar maine yeh channel ko dekha aur wohi feel kiya jo aapne kiya. Anti-sanatan, anti-BJP. It was not an intellectual but a motivated and biased discussion.
Yeh chutiya admi sirf propaganda karta hai
thanks for sharing Satya Hindi सत्य हिन्दी ...
आदरणीय पुनियानी जी.. यदि संस्कृत का उद्गम जहाँ से भी हुआ बजाय भारत के तो वहाँ संस्कृत बोलने वाले अवश्य होने चाहिए..और कुछ साहित्य भी..छुटपुट शब्द मिले तो कैसे कह सकते हैं कि वह क्षेत्र उस अमुक भाषा का उद्गम स्रोत है .. जबकि पूरा वांगमय भारत में उपलब्ध है निःसंदेह इनका सृजन बाद में हुआ.. हमें क़्या बिना पूर्वाग्रहों के इस बारे जानना नहीं चाहिए..?
बोध धर्म की शुरुवात भारत मे हुई परंतु भारत से ज्यादा संकेत बोध धर्म के आपको जापान या मलेशिया मे मिलेंगे।
@@satyamstark1124 जापान में हिन्दू धर्म से जुड़े देवी देवताओं को मानने और उनकी पूजा पाठ करने की बात भी देखी जा सकती है.. इससे क़्या यह कहा जा सकता है यह धर्म जापानी ईजाद है..?संस्कृत का उद्गम अन्यत्र होने के कुछ प्रमाण भी होने चाहिए..!! जहां भारत में संस्कृत के प्रति विकर्षण मुखरित हैं तहाँ विदेशों में इस भाषा के प्रति आकर्षण बढ़ रहा है.. आश्चर्य और चिंता की बात यह है उद्गम के स्थान में विद्वेष के चलते एक निरपेक्ष भाव का निरादर कर कहीं हम अपनी राष्ट्रीय थाती से विपन्न न हों जाएं..!!
अगर आम जन संस्कृत को लिख पढ़ पाते तो यह नष्ट प्राय नही होती और सब लोगो को ज्ञान होता और भारत कभी आक्रमण कारियो से नही हारता।
पुनियानी साहब बहुत विद्वान व्यक्ति हैं यह जो ठान लेते हैं उसको ही मान लेते हैं।
Punyani ji ke thoda political bias nazar aya. Moreover, inke mat me sanskit ka jahan udgam hua - jaise ye bolte hain syria ya aur kahan - wahan ka tatkalik literature ke bare me unko kuch patta hai ya nehin ? Iss ke upar unhone kuchh bhi suchna tak nahin di.
He invested a nice portion of his time to indirectly propagate his left camp theory.
Paid pandit👎
फर्जी इतिहास कार। कुछ भी बोलता रहता है।
संस्कृत के शब्द तो पुर्तगाली में भी मिलते हैं तो क्या लोग वहां से आये।
संस्कृत और अवेस्ता की भाषा, व्याकरण आदि एक जैसा ही है।
जेंद अवेस्ता में जरथुष्ट्र का प्रवचन की भाषा एक जैसा ही है।
गिनती और हर शब्द एक जैसे हैं। कुछ अअक्षरों का बदल दिया है जैसे स को ह , त को प आदि।
और तो और शब्दों की विभक्तियां भी संस्कृत जैसी ही है।
अत पुराने ईरानी शासकों के समय शब्द भारत से ईरान और फिर वहां से सीरिया ईराक ताजिकिस्तान आदि जगह और सिकन्दर के समय ग्रीस और तुर्की तक गये॥
यह बात नवबौद्ध को पंसद नहीं आयेगी।
संस्कृत को आज के पाकिस्तान से बिहार पहुंचने में दो हजार साल लगे।
अत पाली से संस्कृत नहीं आती वरन संस्कृत से प्राकृत और फिर प्राकृत से पाली यानी मगधी आया।
नमो बुद्धाय।। नमो संस्कृत।। नमो शिवाय।। नमो सनातन।।
संसकृत भाषा भारत में जननी और और धीरे धीरे हिंदी भाषा बन गयी
मूर्ख न बनाए राम पुनियानी जी हम आपको को जानते हैं की आप वामपंथी विचारधारा और कम्युनिस्ट पार्टियों में आप संलिप्त है और इनसे प्रभावित हैं।
आप जैसे लोगो ने ही हमारी पुस्तकों को लिखवाया है जिन्हे हम NCERT, CBSE or अन्य सम्मिलित है।
हम सब लोग आपकी चालाकी जानते है
फिर तो आप भी दक्षिणपंथी हैं, आप ही सही है बिना तर्क मान लिया जाय यह है आपकी इच्छा।
❤jihadi saley
Ghochu archology proof se hi itihas jana jata hai naki kalpnik devi devta ki story se,
अभ्यास क्रम बनाने वाले ज्यादातर मनुवादी है और विद्यार्थियों को ज्यादातर झुठा इतिहास पढ़ाया जा रहा है।एक उदाहरण के तौर पर देखेंगे अंग्रेजोंसे लडी झलकारी बाई को या बिरसा मुंडा को दिखाया नहीं जाता लेकीन एक जाती विशेष के लोगोंका ही महीमामंडन किया जाता है। संस्कृत भाषा निश्चित रूप से नौवीं दसवीं सदी में तैयार हुई होगी जब देवनागरी लिपी विकसित हुई। देवनागरी लिपि के बिना संस्कृत लिखना संभव नही है।
Hann or aap andbhakt😂😂😂
इंटरनेट पर संस्कृत भाषा की जानकारी ढूंढने लगे तो सबसे पहले ये जानकारी सामने आती है।की संस्कृत एक इंडो ईरान इंडो यूरोप भाषा है।जो ईरान से संबंधित है।संस्कृत के जागतिक समेलन ज्यादातर जर्मनी में होते हैं।कहते हैं संस्कृत आर्यों की भाषा है और जर्मन के लोग खास कर हिटलर खुद को सर्वश्रेष्ठ आर्य कहता था। किंतु बौद्ध धर्म की पाली भाषा शुद्ध भारतीय भाषा समझिजती हैं।जिसे देवनागरी भाषा कहते हैं।भारतीय संविधान में जिन भारतीय शब्दों का उल्लेख है।वे सब पाली भाषा के है।एक भी संस्कृत शब्द नहीं।
India & China are the Highest population Density regions for Humans, from Day 1 of Humanity. There is no way other regions of the planet can compete with India & China's capacity to produce migrants that settled the planet - from Europe, Central Asia, North Africa, Middle East to Korea, Thailand, Malaysia, Japan, North & South America. This is the power of India, China, who acted as the Population Engines for Mankind. This is why most humans on planet are Asian, including Europeans.
अंत में मुकेश जी, आपका उपसंहार अच्छा रहा!
Then, why did Sanskrit Grammer remained wide-spread in India, where as such Grammer is not seen at those places where our great scholar is pointing as places of origin of Sanskrit.
That has been clearly explained by Puniaji. In its place of origin, Sanskrit was in an initial stage (Prarombhik). But coming to India after the Aryans settled, they started to develop Grammer and ultimately became the most developed linguistic achievement of human civilization.
Any language fluorishes best where it originated not where it was transported or imported, people take pride in preserving and promoting their own language and culture. At least the script would have been survived in Syria or Central Asia where it is claimed to have originated.
This clearly indicates that Aryans were original Indians and they spread to different parts of the world carrying their own language and culture.
See the immense knowledge and philosophy in our Vedas and other scriptures written in Sanskrit are unparalled. At least traces of this knowledge would have been found in Syrian or central Asian cultures not 100% but 20%..
Don't degrade sanatan, Sanskrit and Bharatvarsha by your pseudo secular agenda
It's true sanskrit is not Indian origin....came India through Aryans invasion
Sab ke sab saale mir jaffer hai
Yeh Puniyani koi historiyan hai kya? Fir kyuon apana gyan zad raha hai
4:45 दोनो अक्ल से 5:47 मंद सज्जन गुड को गोबर करने में सिद्धहस्त हैं। बेसिर पैर के स्टेटमेंट और भारतीय दर्शनों से पूर्णतया अनिभिज्ञ।
🙏
मेडिकल की भाषा भी बहुत क्लिष्ट है , इसलिये की उसमे सर्व शब्द ग्रीक और लॅटिन है.
अर्थात पहले पश्चिम दिशा से यहां संस्कृत भाषा पहुंचाई गई और साथ में वैदिक धर्म । फिर जब संस्कृत यहां के लोग सीख गए तो उन लोगों ने अपने लिए दूसरी भाषाएं बना ली और कई दूसरे धर्म भी,,,, और फिर यहां की संपति को लूटने और दूसरे धर्मो के विस्तार के लिए यहां लगातार हमले किए गए । वाह, क्या गजब का ज्ञान है
topic koi bhi ho bramhan ko gali dena zaruri hai.
🤣🤣🤣 jee bilkul kyu ki desh barbaad karne me Bahut hath he 👈 Brhamano kaaa
Shree Kant Thoda Science Journey bhi Jaya karo
@@Delhiislam ye gyann tune khud ki body ke khaas chhed se nikala hai chutiye.
bramhan desh ko barbad nahi kar rahe. aarakshan kar raha hai.
aarakshan walo ko kahi science ache se padha kare hame gyan mat do.
Bramhano ne loota h isiliye gaali khate h
@@python5827 chal bhosadake. unone kuch nahi loota hai. loot khsot aur muftkhori tum jaise karate hai.
Kyuki brahman ne inki maa ko maa bna diya fir Saadi nahi Kari tu bache gussaye huye hai 😂😂
भारत का पहला संस्कृत लेख जूनागढ़ है जो शक् राजा रुद्रामन ने बनवाया जो 130 से 50 ईस्वी पूर्व था । जो की कर्ध्मक शखा का था जो की सिथिया से आए ईरान के पास से तो संस्कृत भरतीय कैसे हो सकती है भारत मे ये आर्य कहलाये।
🤔हालांकि मैं एक हिंदूत्व का समर्थक हूं, पर मैं डा. मुकेश से काफी हद तक सहमत हूं.
आर्य लोग वोल्गा नदी से गंगा तक और नर्मदा से इरान तक फैले हुए थे.🙏
Very. Pertinent topic to be discussed,at the. Present time.
One day Ramji might discover Latin and Greek are spread from India!
Well he’d better hurry up, at the rate with which he’s going and the rate at which his age is going he’s fast running out of time ⌛️.
The problem is how the Indian failed to took their black skin and become white 👉🏻.
Indians are not descendants of Aryans, says new study
A new study led by scientists from the Centre for Cellular and Molecular Biology, Hyderabad, says there was no genetic influx 3,500 years ago.
Kabhi bhi kahin bhi kisi ko bhi Sanskrit sikhane ke liye Mana Kiya Gaya hi nahin videshon se log Sanskrit sikhane ke liye aate the
सवाल यह है कि ये व्यर्थ का विवाद क्यों उत्पन्न किया जा रहा है, जो हो रहा है, उसे बदला जा सकता है, संस्कृत को सब को पढ़ाया जा सकता है, गलती सुधारने में कोई अड़चन नहीं होनी चाहिए।
great job by mukesh ji and ram ji for dis knowledge.
This old man has a prepared answer for anything to bring a biased opinion at all times by habit inherent in him from time he has been appointed as a historian like thapar and their contemporaries.
Instead of taking pride in our ages old culture these so called scholars are trying to demoralize our new generation by presenting false proofs and illogical explanations.
Imagine any language which originates in a place will florish in that place then spread to other parts of the world. If Syria was the epicenter of Sanskrit, there would have been some traces of it in their scripts, scriptures and culture. Compare the same with the profound Vedic philosophy and knowledge where do other countries stand when compared with India.
ईगलीश की दासता वाले महाशय हिन्दी में उतर दे
@@vivekmalhotra5048 महोदय पहली बात तो ये है कि आप अपनी हिंदी की वर्तनी सुधारें और दूसरी बात ये कि दासता भाषा से अधिक विचारों की होती है भाषा तो केवल संप्रेषण का माध्यम है और हम अंग्रेज़ो के द्वारा अपने विचार अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं
Fine. Good attempt. Thanks.
Sanskrit means reformed. This language was reformed from Prakrit or languages of the common people. Grammar &other modification must have been made in course of time for the purpose of its reach treasure, ie, thoughts of great thinkers of that periods & to preserve the reach culture of that time. But later, some people might have used this language, to exploit others, which is common now in every aspect of life. Thanks.
You are right
Humans that landed in India by Adam AS (Quran2;38) moved from India after Flood of Noah 11;44 that Drowned the Dwarka and Noah Ship landed in Judy Mountain in Turkey 29;15 and population moved from Indian continent to Middle East / Iraq / Turkey.
And there again they started their old business of temple and Gold collection and marketing fake gods for easy money.
*This is because God keeps a room for His love in every heart*
And those who do not use their wisdom / education, get trapped in fabricated gods and lose their lives and their property and their generation suffer subjugation in following this fake religion and demi Gods…
Living Example India Brahmins and shuddr and 10,000s of Tons of God in Temples and cloth less, hungry, starving, Mulnivasi the painful history of ancient India.
And for temple creators it is a cool, effortless, and investment less, risk less, business.
But for blind followers / andbhakti they get destroyed and get discriminated...
*Living example India.*
*So in Iraq and in Turkey temple creators were operating under Azar the father of Ibrahim AS. **19:42**/6:74*
Who fought them for 100 years and displace them from there and
they again came to India as Azaryans or Aryans, because of no "Z" in Indian languages
Back with idea of that Idol marketing business for which they face Noah Flood
And soon controlled the locals / Mulnivasi and enslaved and subjugated with the magic spell of fake gods and books.
And you know all....... after that..
They don’t have any God or any Godly books with them and to cover a lie they create one more lie and the volume of their book went to Container loads of books.
Correct 💯%
Sans + krit = re + formed , like re + search संसोधित like re + published संस्करण etc.
@ARYAN MIZDHA lol 😂 pali aisi kyu lagti hai tumko explain kro thoda
Sanskrit is Indo-European language...it means it is an European language...very simple...any language that belongs to Indo-European language group is European language...
इतिहास के सत्यता को पूरी तरह से जानना मुश्किल है। लेकिन संस्कृत के बारे में जो बताया जा रहा है वह मुझे छोटी मानसिकता नजर आ रहा है। क्योंकि संस्कृत का प्रयोग वेद में हुआ है जो अति प्राचीन है। फिर संस्कृत की लिपि देवनागरी है जिसका प्रयोग हिन्दी के साथ साथ कुछ और भाषा में होता है।
Bhai sahab..
Devanagari bhasha me kab se likna suru kiya bataiye
Thanks to both of you for so good information sayeed ahmad
इन महाशय जी मूल उद्गम भी बताने का कष्ट करें!
:
1) Sanskrit (7000 years): · Existence: 7000 years. ...
2) Tamil (5000 years) ...
3) Kannada (2000 years) ...
4) Telugu (1500-2000 years) ...
5) Malayalam (2000 years) ...
6) Marathi (1500-2000 years) ...
7) Odia (2000 years) ...
8) Bengali (1500 years)
Evidence kha hai ji 7000 saal purani ka
Kuchh bhi agat sanskrit itni pache. Thi to rajao inscription kyu nhi likhwaya Ashok samrat se lekar gupta or harshwardhan sab prakratik likhwa rhe the
उस समय वैदिक धर्म मरणासन्न था अतः कर्मकांड सीमित थे संस्कृत वैसे भी जन भाषा नही थी,बौद्ध धर्म राज धर्म बन गया था और बुद्ध के उपदेश पाली में थे अतः पाली राज भाषा बन गई और शिलालेख उसी में लिखवाए गए ,वैदिक धर्म उनको प्रैक्टिस करने वाले ब्रह्मण और संस्कृत हसिए पर चली गई।
पुनियानी जी हमेशा सनातन वैदिक आर्य हिन्दू धर्म के विरोध में बोलते आये है, इनकी बात को प्रमाणिक नहीं माना जा सकता
ये महोदय सर्वत्र मेरा मानना है , मुझे लगता है प्रयोग करते हैं
इनका कथन वितण्डा वाद से अधिक कुछ नहीं है
Perfect, hardam vedic sanskriti ke विरोध me bolate hai , ye series par ban lage
Proper research nahi hai inaka kuch galat msg convey ho rahe hai ye series ke माध्यम se
मैं आपसे सहमत हूँ इस चैनल पर हर वीडियो में ये दोनों ही आते हैं जैसे ये दोनों हर विषय के महावन विद्वान हैं और हर वीडियो में ये ब्राह्मण विरोधी और सनातन विरोधी बातें करते हैं इनको न जाने कितने आरोप लगाते हैं ये..... ब्राह्मणों को तो ये ऐसे बताते हैं जैसे कि ब्राह्मण अत्याचारी, क्रूर, राक्षस प्रव्रत्ति के हों..
तर्क के आधार पर आप कि बात में सच्चाई है
There a number of words common to Sanskrit and Persian and these are Indo Euro pean indeed
संस्कृत बाहर की भाषा है इसी लिए कुछ खास जातियों के सिवा कोई संस्कृत नहीं जानता है
It is difficult for our great scholars to cone out of "Aryans theory "
They don't want to come out..Some of them might get paid for this
Indians are not descendants of Aryans, says new study
A new study led by scientists from the Centre for Cellular and Molecular Biology, Hyderabad, says there was no genetic influx 3,500 years ago.
Thanks
श्री मान जी किसी भी बात को तथ्यों के साथ प्रस्तुत करें अधूरा ज्ञान ठीक नहीं है
आप अपना ज्ञान देने का कस्ट करंगे श्री मण जी
अगर ब्राह्मण और संस्कृत सबसे पुरानी है, तो उनको सिंध घाटी की भाषा क्यों नहीं पढ़नी आती? सो सिंध घाटी पहिले है। बाकी बाद में। वैसे भी चित्र लिपि किसी विकसित भाषा से पुरानी होती है।
तुम्हारा यह चैनल भारत वर्ष को तुच्छ साबित करने में लगा रहता है।।
इस देश के कुछ लोग महान भारत को नीचा दिखाने में लगे रहते हैं।
नाम ही है के है काम झुठा
Right my brother
Ye desh bhaut mahan tha jbtk ek ghatiya race yha aayi ni thi jisne logo ko caste mai bata logo ko gulam bnaya dharam k naam pe.....logo ko gulam bna k hatiyar nhi uthane diye
भारत के अतीत में जो कुछ भी महान है उसका ब्राह्मणवाद से कोई वास्ता नहीं है।
India that is भारत..
शब्दो का महत्त्व बहुत है..
धोख या षडयंत्र ज्यादा समय तक नहीं चल सकता है !!
फर्जी इतिहास कार। कुछ भी बोलता रहता है।
संस्कृत के शब्द तो पुर्तगाली में भी मिलते हैं तो क्या लोग वहां से आये।
संस्कृत और अवेस्ता की भाषा, व्याकरण आदि एक जैसा ही है।
जेंद अवेस्ता में जरथुष्ट्र का प्रवचन की भाषा एक जैसा ही है।
गिनती और हर शब्द एक जैसे हैं। कुछ अअक्षरों का बदल दिया है जैसे स को ह , त को प आदि।
और तो और शब्दों की विभक्तियां भी संस्कृत जैसी ही है।
अत पुराने ईरानी शासकों के समय शब्द भारत से ईरान और फिर वहां से सीरिया ईराक ताजिकिस्तान आदि जगह और सिकन्दर के समय ग्रीस और तुर्की तक गये॥
यह बात नवबौद्ध को पंसद नहीं आयेगी।
संस्कृत को आज के पाकिस्तान से बिहार पहुंचने में दो हजार साल लगे।
अत पाली से संस्कृत नहीं आती वरन संस्कृत से प्राकृत और फिर प्राकृत से पाली यानी मगधी आया।
नमो बुद्धाय।। नमो संस्कृत।। नमो शिवाय।। नमो सनातन।।
आप लोग प्रत्येक बिषय कि कमी का दोष
ब्राह्मण समाज को लज्जित /दोष देने का प्रयास
करते हो ब्राह्मण त्याग व समर्पण एवं अपना ज्ञान मानव समाज के उत्थान के लिए समर्पित रहा भारतीय संस्कृति व सनातनी परम्परा का रक्षक रहा अब क्ई दशकों से ब्राह्मण को बिदेशी
साबित करने का प्रयास किया जा रहा है
लोको अयं भारतम् वर्षम्
यह इतिहासकार महामूर्ख है
और इस प्रकार की चर्चा करने वाला उससे भी महामूर्ख है
Ap dono महापुरुष ek अपने आप को हीन भावना बीमारी से ग्रसित हैं
Sanscrit originated from " Mythini" a common language spoken by the Hebrew, Aramaic and Syrians in the west Asia. Also Sanscrit is connected to " Panini" Persian dialects. Sanscrit is not originated in India.
जितने भी अन्वेषण हुए है पिछले 200सालो मे वो भारत में कई हजार साल पहले हो गय थे ।ऐसा यह लोग बताते हे
Samuel iska matlab tum khud wahi bhag chuke angrezo ke pheke hui aulad ho😂😂
Says by an european thug .
What a bull shit.
आप research scholar हैं क्या? How did you come to this conclusion?
औरंगजेब एक आदर्श पुरुष था,उसका अनुयायी राम पनियानी,भी,आदर्श पुरुष है,दोनोें को,भारत रत्न की,उपाधि मिलना चाहिए, पुनियानी,एक महान इतिहास कार एवं ज्ञानी पुरुष हैं,
Thank very much sir for your beautiful information, pranaam Ram punyani ji 🙏🙏🙏
Well said!
"असत्य हिंदी " लगे रहिए ।
Bilkul bhai ✅✅😂
सर, संथाली भाषा का अध्ययन किजीए। बहुत सारे संथाली शब्द मिलेगा जो संस्कृत भाषा में मिलेगा। जैसे -
गो - गाय या मां
गोड़ा - ( गो+ ओड़ा) गाय का घर
गोयठा - ( गो + आयठा ) सुखा गोबर
गोती - गाय देखभाल करने वाले
गोपी - गाय देखभाल करना
गोतोम - घी
गोरीच - गोबोर
गोताव - किसि दुसरे को गाय देखभाल हेतु देना
गोणंम - वधु पक्ष को शादी में दिया जाने वाला गाय।
गोट - गाय को मैदान में रखना
गोट टंडी - सुबह गाय रखने वाला मैदान
संगत - दोस्त
अचाक दा: अचमन पानी पिना
खीर - दुध
दाहे - दही
लत - लता
बाला कुड़ी - लड़की
आपको बहुत सारे शब्द मिलेंगे।
ये सब कुरमाली, खोरठा, बंगाली, ओड़िया से लिया गया शब्द है।
@@cbadaik9498 राहुल संस्कृतायन पढ़ लिजीए।
Sanskrit is a created language for the invaded Aryans. The purpose of the language was to keep the natives apart but without them day to day business was impossible. So an artificial language,Sanskritˌ ,was created and it was limited to palace people. It needs mainly byhearting to learn.
😂😂😂
Sanskrit temple looting purpise
मैंने अभी वीडियो को देखा नहीं।
पहले कॉमेंट पढ़े हैं।
जाहिर है कॉमेंट लिखने वालों ने वीडियो को देखा होगा।
इस लिए लग रहा है वीडियो देखने का कोई फायदा नहीं।
ऋगवेद वेद की संस्कृत को पुनयानी साहब 1500 वर्ष की बता रहे हैं जो हास्यप्रद है जब कि हिंदू संवत 2079 चल रहा है वेद करोड़ो वर्ष पहले से है
1500 BC mane 3500 saal pahle ache se video dekho.
डायनासोर के समय भी वेद होंगे?
@@RajendraSingh-xf5om le li ache se
@@RajendraSingh-xf5omto dianishore bhi to baat karte honge wo isi bhasa me baat karte the sankrit bhasa unhi ne banai hogi😂😂😂
भाई भारत भाषा विहीन थी क्या भारतीय भाषाओं से ही जोड़ कर संस्कृत का निर्माण हुआ।और उसकी विस्तार दुनिया मे हुई।आप लोग किसी के विरोध मे अपना स्तर ना गिराए तो ही अच्छा है।
ये लोग अपनी प्रत्येक वीडियो ने ब्राह्मण और सनातन का इतना विरोध कर चुकें हैं कि ये अपना स्तर गिरा चुकें हैं और संस्कृत का को सीरिया में जन्मी भाषा बता रहे हैं.... जैसे भारत मे पहले कुछ भी नहीं था....न संस्कृत, न सनातन न ही सनातनी और न वेद पुराण....इनके अनुसार तो सबकुछ भारत मे विदेश से ही आया है।
It is unfair to call Sanskrit a dead language though not spoken or used today. It is actively studied in various universities all around the world.
Yes like every other old language
I agree!
But it is a fact that Sanskrit is not really used on day to day basis!
I think this is because for a long time, the ruling Or priestly class kept Sanskrit away from the masses! Which took it away from day to day use!
Language thrives when it is used!
Sir I apologize in advance if I have caused any offense but I wrote what I thought.
@@Critic224 absolutely right.
I think there are more fans of Sanskrit in Germany than in India.
हरिआणे के अधिकांश छात्र सूबे की दूसरी सरकारी भाषा पंजाबी पढ़ना चाहते हैं पर इसके स्थान पर उन्हें संस्कृत धक्के से पढ़ाई जा रही है।
@@ਕੁਦਰਤਹੀਰੱਬਹੈ bhai punjabi sikh k or 20000-30000 singer paida hojayenge gun drugs hawabazi pe gaane bnayenge.....btao aap hi kya kre
संस्कृत और फारसी भाषा
का व्याकरण मेरे विचार से एक जैसा ही है।
5:06 Turkey at that time (approximately 3800 years ago) was known as Anatolia. Lydia was a region inside that Anatolian peninsula.
Hatti city was the capital City of the Hittite Empire.
Hittite Empire was the neighborhood realm of the Mitanni Empire.
Mitanni Empire was a neighbouring kingdom
ealm of the Hittite Empire.
Anatolian plateau.
the word 'hindu' and 'india" was given by greeks and persians and modern day turks are intermarried into the older byzantine,greek and anatolian stock. they share nearly 50% similar DNA
@@soheil527 Turks have a wide variety of ethnicities {and some of those (many of those) ethnicities are *often* poles apart}.
Turkish citizens living in the Anatolian plateau {in present-day country named as Turkey} are *completely different* from the Turkic tribes such as Uzbeki and Kyrgyz and Uyghur and Turkmen and Kazakh etc·.
एक एपिसोड बना के बताइए की भाषाओं का सृजन(creation) kaise hota hai? इतनी अलग अलग भाषाएं क्यूं हैं और कैसे हैं
next research will be " did mahatma gandhi really born in india ?
कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी। सदियों रहा है, दुश्मन दौर ए ज़माना।।।। रसखान दितिय।
इस चैनल का नाम "असत्य हिंदी" होना चाहिए
सत्य को नकारना ही तथा कथित ‘विश्व गुरु’ के तिरोहित होने का कारण है !
Yes kyunki ye ek vichardhara wala channal he
Sach always kadva hota hai
बोगजकोई अभिलेख.. टर्की... इस अभिलेख मे वेदो के देवता के नाम मिलते है...
बिना किसी प्रमाण व तथ्य के बिल्कुल अनर्गल प्रलाप किया गया है।
वीडियो की प्ररोचना ऐसे की गई है कि न जाने कितने प्रमाणों से अपनी बात को रखेंगे किन्तु पूरे भाषण में एक भी पुरातात्विक अथवा साहित्यिक प्रमाण की चर्चा तक नहीं है। बस मुंह खोलकर जो मन में आए बोले जा रहे हैं....🙏🏻🙏🏻🙏🏻
जब आप कहते हैं कि आर्य या संस्कृत भाषा भारत में कहां से आए तो इसका मतलब है कि आप पूर्वाग्रह से पीड़ित हैं।
जब आप मानसिक रोगियों को विषय विशेषज्ञ के रूप में समाज के आगे प्रस्तुत करते हैं तो आप वैमनस्य फैलाने वाले हो जाते हैं।
प्रश्न होना चाहिए कि मुसलमान और अंग्रेज कहां से, क्यों और किस उद्देश्य से आए?
अगर इन आक्रांताओं के विचार (धर्म) इतने शुद्ध हैं तो आप और आपके विशेषज्ञ उन विचारों को तुरंत ग्रहण कर परिवर्तित क्यों नहीं हुए और अगर आप बिना बल प्रयोग के परिवर्तन स्वीकार नहीं कर सकते तो मध्य काल में अचानक हिन्दू मुसलमान कैसे बने?
करेक्ट
Kyu tumhe nhi pata musalman or angrej kaha se aaye wo to sabko pata h jo nhi pat uspe hi to baat hogi
Autobiography of Taimur lung pdhe..
Thanks Sir, provide New knowledge foreigners Arans people
According to linguists, Sanskrit was originated in the banks of Indus Valley River..
Indus Valley Civilization used Porto-Dravidian ... which is much older then Porto-Indo-Europian
@@amanvds
Incorrect, any proofs that Indus Valley Civilization used Proto-Dravidian language?? Script is not deciphered yet.. and I said "Indus Valley River" and not "Indus Valley Civilization".. there is difference between them..
And no, Proto-Dravidian is not older than Proto-Indo-European.. Proto-indo-European is 4500BCE old, whereas Proto-Dravidian is still a fiction language and not estimated before 3000BCE
sanskrit is a refined form of languages of aryans. It came from central asia to near indus river around 1300 bc. Later it was refined even more by grammarian like panini in that regions. That's why rigvedic sanskrit is different than panini sanskrit.
Even sanskrit of rigveda is different than atharveda.
@@specialrelativity8222
And what proof do you have for that? How can you say Vedic Sanskrit was a refined form of aryan languages??? Sanskrit is the second earliest attested Indo-European language.. So how can it be the refinement of some other language? I want to ask you people that what drugs do you all smoke? Is it Gānja or Cocáiñe?? And second, who told you Sanskrit came in India around 1300BCE? if that's the reason then this whole aryan invasion theory gets debunked.. cuz no linguistic written inscriptions in India are found between 1600-600BCE..
Third, if Sanskrit is really foreign to India then why can't we see any Persian, Greek or Russian cities in Rig Veda?? Why Rig Veda only mentioned "South Asian Cities of Ancient India" and forgot it's so called "Aryan brothers" ?
@@astesiaa tumhe itna bura kyu lag rha h?? 😂
archeologists, linguists, geneticist says aryan came from Eastern European steppe via Central Asia to South asia.
So by that logic their language also came with them. Go and read some books.
Thank for this information.