15 भगवान से बड़ा भक्त? ईश्वर प्रार्थना पूर्ण करता है? तो भी न्यायकारी? - मुनि सत्यजित् जी

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  • เผยแพร่เมื่อ 7 พ.ค. 2024
  • Aarsh Nyas - is organization driven by vedic scholars, which has sole purpose of making ved , upanishad and darshan understanding in easy and scientific way.
    विश्व के सभी मनुष्य दुःख को दूर कर सुख को प्राप्त करना चाहते हैं, दुःख का कारण अज्ञान है, सभी ज्ञान का मुख्य स्रोत वेद है. महर्षि मनु ने "सर्वज्ञानमयो हि स:" कह कर वेद को ही समस्त ज्ञान का मूल माना है, "वेदोsखिलो धर्ममूलम्" मनुस्मृति २-६ में वेद को धर्म का मूल उलेखित किया है, "धर्मं जिज्ञासमानानाम् प्रमाणम् परमं श्रुति: " अर्थात् जो धर्म का ज्ञान प्राप्त करना चाहते हैं उनके लिए परम प्रमाण वेद है.
    इन आर्ष ग्रंथों के सरलतम रूप में प्रचार प्रसार एवं इससे सम्बंधित कार्य में कार्यरत ब्रह्मचारी, संन्यासी आर्यवीरों के सहयोग हेतु आर्ष न्यास का गठन दिनांक 16 अगस्त 2011 को स्वामी Vishvang जी, आचार्य सत्यजित् जी, श्री सुभाष स्वामी, श्री आदित्य स्वामी एवं श्री रामगोपाल गर्ग के द्वारा अजमेर में किया गया.
    आर्ष न्यास आध्यात्मिक एवं व्यावहारिक विषयों को जिज्ञासा समाधान, उपनिषद् भाष्य, पुस्तक एवं कथा के माध्यम से प्रस्तुत करने में अग्रणी है।

ความคิดเห็น • 9

  • @user-bt3vf9cz4l
    @user-bt3vf9cz4l หลายเดือนก่อน +2

    Om Namaste muniji

  • @trivenipadhiar571
    @trivenipadhiar571 หลายเดือนก่อน +2

    નમસ્તે મુનિ શ્રી

  • @narenderrustagi9809
    @narenderrustagi9809 หลายเดือนก่อน

    भगवान व भक्त के भेद तथा प्रार्थना एवं पुरुषार्थ के संयोग को अच्छी तरह स्पष्ट करने के लिए मुनिश्री का सादर धन्यवाद।
    🙏🙏

  • @anoopkaushik2857
    @anoopkaushik2857 หลายเดือนก่อน +2

    Ji namaste

  • @dheerajkataria2495
    @dheerajkataria2495 หลายเดือนก่อน +1

    🙏🙏🙏🙏

  • @Ram47988
    @Ram47988 หลายเดือนก่อน +1

    🙏🙏🕉🕉

  • @madanlalsharma5420
    @madanlalsharma5420 หลายเดือนก่อน

    ओ३म् नमस्ते जी

  • @rajinderchopra4425
    @rajinderchopra4425 หลายเดือนก่อน

    🕉🕉🕉🙏🙏🙏

  • @ZeshanKhan-pj4hz
    @ZeshanKhan-pj4hz 28 วันที่ผ่านมา

    अल्पज्य