23 ईश्वर-पुत्र आत्मा ईश्वर जैसा क्यों नहीं? अवतार मानना वेद विरुद्ध? - मुनि सत्यजित् जी - आर्ष न्यास

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  • เผยแพร่เมื่อ 27 ก.ย. 2024
  • Aarsh Nyas - is organization driven by vedic scholars, which has sole purpose of making ved , upanishad and darshan understanding in easy and scientific way.
    विश्व के सभी मनुष्य दुःख को दूर कर सुख को प्राप्त करना चाहते हैं, दुःख का कारण अज्ञान है, सभी ज्ञान का मुख्य स्रोत वेद है. महर्षि मनु ने "सर्वज्ञानमयो हि स:" कह कर वेद को ही समस्त ज्ञान का मूल माना है, "वेदोsखिलो धर्ममूलम्" मनुस्मृति २-६ में वेद को धर्म का मूल उलेखित किया है, "धर्मं जिज्ञासमानानाम् प्रमाणम् परमं श्रुति: " अर्थात् जो धर्म का ज्ञान प्राप्त करना चाहते हैं उनके लिए परम प्रमाण वेद है.
    इन आर्ष ग्रंथों के सरलतम रूप में प्रचार प्रसार एवं इससे सम्बंधित कार्य में कार्यरत ब्रह्मचारी, संन्यासी आर्यवीरों के सहयोग हेतु आर्ष न्यास का गठन दिनांक 16 अगस्त 2011 को स्वामी Vishvang जी, आचार्य सत्यजित् जी, श्री सुभाष स्वामी, श्री आदित्य स्वामी एवं श्री रामगोपाल गर्ग के द्वारा अजमेर में किया गया.
    आर्ष न्यास आध्यात्मिक एवं व्यावहारिक विषयों को जिज्ञासा समाधान, उपनिषद् भाष्य, पुस्तक एवं कथा के माध्यम से प्रस्तुत करने में अग्रणी है।

ความคิดเห็น • 11

  • @AashishNB975
    @AashishNB975 4 หลายเดือนก่อน

    om om om

  • @Meerasharmapunahur8532
    @Meerasharmapunahur8532 4 หลายเดือนก่อน +1

    सादर प्रणाम पूज्य गुरुवर्य 🙇‍♀️🙏
    मेरा प्रश्न है कि.…जैसा कि आपने कहा की मुक्ति के बाद आत्मा मनुष्य शरीर आता है ईश्वर की कृपा से सामान्य मनुष्य जीवन पाता है... अर्थात् वहां कर्म कारण नहीं होते, मुक्ति के उपरान्त प्रथम मनुष्य शरीर पाने में....
    लेकिन स्वामी विष्वड़् परिव्राजक जी ने शायद योगदर्शन पढ़ाते समय यह बात कह रहे थे कि मुक्ति के बाद जीवात्मा अपने पूर्व कर्मो के आधार परमात्मा मनुष्य शरीर देते है। निष्काम कर्म करने के पूर्व जो सकाम कर्म करते है उन्हीं कर्मो के आधार पर मनुष्य शरीर प्राप्त होता है क्योंकि कर्म कभी समाप्त नही होते ऐसा स्वामी जी कह रहे थे।
    यही संदेह है कि कौन सी बात को सही समझूं..?

    • @Aarshnyas
      @Aarshnyas  4 หลายเดือนก่อน +1

      🙏 जो आपको प्रमाण व युक्ति से ठीक प्रतीत हो।

    • @Meerasharmapunahur8532
      @Meerasharmapunahur8532 4 หลายเดือนก่อน

      🙏

    • @mlgajra
      @mlgajra 4 หลายเดือนก่อน

      स्वामी विश्वंग जी परिव्राजक भी शायद विनंती करेंगे तो मार्गदर्शन करेंगे ।​@@Meerasharmapunahur8532

  • @dheerajkataria2495
    @dheerajkataria2495 4 หลายเดือนก่อน +1

    🙏🙏🙏🙏

  • @dheerajkataria2495
    @dheerajkataria2495 4 หลายเดือนก่อน +1

    ❤❤❤❤

  • @narenderrustagi9809
    @narenderrustagi9809 4 หลายเดือนก่อน

    श्रद्धेय मुनि जी को हमें प्रतिदिन ईश्वरीय सत्य-ज्ञान प्रदान करने हेतु शत शत नमन एवं धन्यवाद।
    🙏🙏

  • @trivenipadhiar571
    @trivenipadhiar571 4 หลายเดือนก่อน

    नमस्ते मुनि जी

  • @mlgajra
    @mlgajra 4 หลายเดือนก่อน

    आपके ईश्वर विषयक प्रवचनों के लिए बहोत बहोत धन्यवाद ।
    आर्य विद्वानों का ऐसा भी मंतव्य सुना या पढ़ा है कि मुक्तात्माओं के कर्माशयका भी क्षय नहीं होता , उनको मुक्ति के बाद जब जन्म मिलता है तब उनके कर्माशय में बचे हुए पूर्वकर्मों का फल भुगतना रहता है ।😅😢

    • @DayanandNirvanSmarak
      @DayanandNirvanSmarak 4 หลายเดือนก่อน

      🙏
      हाँ, बहुत से विद्वान् ऐसा मानते हैं।