गजल कसरी लेख्ने?| गजलको संरचना र स्वरूप| Dr. Krishnahari Baral |Ghazalko Samrachana Ra Swarup| Ep. 3

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  • เผยแพร่เมื่อ 4 ม.ค. 2025

ความคิดเห็น • 13

  • @kamalbhattarai7997
    @kamalbhattarai7997 3 หลายเดือนก่อน

    गुरु नमन !

  • @BibashParadarsi
    @BibashParadarsi 17 วันที่ผ่านมา

    आहा !❤🎉🙏

  • @rRHYDM
    @rRHYDM 4 หลายเดือนก่อน

    साह्रै मीठो सम्झाई दिनु भएकोमा धन्यवाद सर

  • @rRHYDM
    @rRHYDM 4 หลายเดือนก่อน

    मलाई सबैभन्दा मन पर्ने गजल हो

  • @KiratiDurgakiranlimbu
    @KiratiDurgakiranlimbu 4 หลายเดือนก่อน

    ❤❤❤

  • @pranayapro
    @pranayapro 3 หลายเดือนก่อน

    गजल के संरचना, शब्दको प्रयोग, शेरको अर्थ और उपयोग के बारे में जानकारी दी गई है। गजल में काफिया और रदीफ का उपयोग करना जरूरी होता है। गायक गजल को व्याख्या करते हुए उपनाम और काफिया का प्रयोग करते हैं।
    [00:00] पहिले एपिसोड में गजल के बारे में चर्चा हुई और इसकी अनुहार और संरचना के बारे में बताया गया था
    - गजल कविता के उप-विधा के तहत आता है जो कविता से अलग होती है
    - गजल में एक निश्चित आन का उपयोग किया जाता है जो इसे अन्य साहित्य विधाओं से अलग करता है
    - गजल में रुबाई, फारसी और मुक्तक जैसी अन्य विधाएं भी होती हैं
    [02:43] गजल में काफिया का प्रयोग और शेर की संरचना बहुत महत्वपूर्ण होती है
    - गजल में काफिया का प्रयोग शेरों को जोड़ने के लिए किया जाता है
    - शेर की संरचना में दो पंक्तियों को मिलाकर मिश्राबन बनाया जाता है
    - शेर के अंत में अनुष्टुप छंद का प्रयोग किया जाता है
    [05:26] गजल के संरचना में कुछ नियम होते हैं जो इसे क्लासिकल नियम बनाते हैं
    - गजल में शेरों की संख्या तीन होती है
    - गजल में पंक्तियों की संख्या दो होती है
    - गजल में शेरों के बीच काफिया और रफी का प्रयोग होता है
    [08:11] शेरो-शायरी में व्याकरण और अर्थ का ध्यान देना जरूरी है
    - पहली शेर में अर्थ को पूरा करने के लिए दूसरे शेर की आवश्यकता होती है
    - व्याकरण को सही करने के लिए दोहे को दोहे में नहीं बांटना चाहिए
    - विद्वानों और समीक्षकों ने शेरों के व्याकरण और अर्थ को समझने के लिए अलग-अलग तरीके अपनाए हैं
    [10:53] गजल में शेरों के बीच प्रेम का विषय है
    - शेरों के बीच रैखिक संबंध होते हैं
    - गजल में बिजोर शेर होने की मान्यता है
    - इस्लाम धर्म में बिजोर का महत्व दिया जाता है
    [13:34] गजल में मतला भाग का महत्वपूर्ण भूमिका होती है
    - गजल में मतला भाग के दो मतले होते हैं
    - दो मतलों के बीच काफिया होता है जो अनिवार्य होता है
    - अंत्य अनुप्रास और रदीफ भी जरूरी होते हैं
    - गजल में दो या तीन शेरों को मतला भाग में शामिल किया जा सकता है
    [16:16] मुझे सहयोग नहीं मिलता, लेकिन मेरा उपनाम इमोशनल है
    - उपनाम तखल्लुस का प्रयोग करते हुए भागों में अत्यंत इमोशनल और गामक हैं
    - अन्य भागों में भी उपनाम का प्रयोग किया जाता है
    - गजल में पांच शेर और पांच मुक्तक होते हैं जो एक महाकाव्य का निष्कर्ष होते हैं
    [18:55] गजल लेखन के बारे में जानिए
    - गजल लेखन में शेरों का महत्व होता है
    - शेरों को सतर्कता से लिखना जरूरी होता है
    - शेरों को विषय के अनुसार लिखना चाहिए

  • @gopirishnathapa2081
    @gopirishnathapa2081 5 หลายเดือนก่อน

    गुरू म यस च्यानल मार्फत गजल लेखन सिक्न कोशिस गर्छु।

  • @haribsaud1698
    @haribsaud1698 11 หลายเดือนก่อน

    ❣️❣️

  • @RameshVeerKhadka
    @RameshVeerKhadka 4 หลายเดือนก่อน

    सर नमस्कार ,एक मिसरामा बढिमा कति वटा सम्म शब्द राख्न सकिन्छ।

  • @moktankalpana6166
    @moktankalpana6166 3 หลายเดือนก่อน

    सर हजुरको सम्पर्क नम्बर राखि दिनु न

  • @kabiyatritara6174
    @kabiyatritara6174 หลายเดือนก่อน

    ❤❤❤

  • @kabiyatritara6174
    @kabiyatritara6174 หลายเดือนก่อน

    ❤❤❤

  • @kabiyatritara6174
    @kabiyatritara6174 หลายเดือนก่อน

    ❤❤❤