mohan priyacharye ji maharaaj ke charno main parnam maharaaj ji aapki kripa se maine you tube par ek Chanel (Pundir parnami) jisme raajji ki vani ke meethe bhajan han kripa Karen
प्रणाम जी ये सत्य है कि समजाते हुए हर भाषाओं में हर मन मस्तिष्क ह्दयका सामंजस्य स्थापित करने हेतु समझाते हुए ये बानी जो वितक हैं यही तो मूल स्वरुप को ही सत् चित् आनन्द सच्चिदानंद स्वरुप
Jo Puran brambh parmatma h vo chale paramdham ki leela kare ya golok ki ya narayan roop vekunth ki ya char jagat ke vishnu ki sab tu shri krishna ka hi roop vo chale jaha ki leela kare unki ekcha h
pranam ji Maharaj ji apne mere man me uth rahe sawalo ka uttar de diya dhanywad..mai v yahi manti krishna hi hi purn bramh parmatma hai par kuch log bhramit karte hai ki nahi agar shreekrishna ji ko purn bramh mano to golok tak hi pahuchate hai aur hum jo raj ji ki angna hai krishna ji ko purn manke apne pativrata ka khandan karte hai ..mai apse sahmat hu ki krishna ji hi raj ji hai 👏
श्री अनादि अक्षरातीत का गायन ही वेदों शास्त्रों पुराणों और भागवद महापुराण में है उन्हें ही पुरुषोत्तम श्री कृष्ण और उत्तम पुरुष की संज्ञा दी गयी है। श्री कृष्ण ही आत्मा के पति है जिन्हें प्रेम से इन्दिरावती सखी ने राजजी कहा है। आप लक्ष्मी वृतांत पढ़े वाणी में रुकमनी जी भी प्रेम से विष्णु जी को राजजी और धनी जी कहती है। भ्रमित न हो तारतम वाणी का सार ही श्री कृष्ण और परमधाम है । श्री प्राणनाथ जी हमारे प्राणनाथ श्री कृष्ण है। सभी वेदों और पुराणों में प्रमाण है । अक्षर ब्रह्म श्री कृष्ण जी के नित्य प्रेम पूर्वक दर्शन करने और उन्हें प्रणाम करने जाते है। उससे बड़ा प्रमाण और क्या हो सकता है।
प्रेम प्रणाम जी श्री राज जी और श्री कृष्ण जी एक कैसे है। कृष्ण जी के तन में आत्मा अक्षर का था और जोस धनी जी का था जबकि श्री राज जी के सतसंग अक्षर ब्रह्म होते हुए भी वे रंगमहल में हो रही इस्कमाई लीला से अनविग थे जब श्री राज जी और अक्षर ब्रह्म एक नही है तो श्री राज जी और श्री कृष्ण जी एक कैसे हो सकते है।
श्री कृष्ण सनातन पूर्ण ब्रह्म है। अक्षर ब्रह्म अनादि अक्षरातीत श्री कृष्ण का आवेश लेकर कारावास में प्रगट हुए थे और विष्णु के तन में (वैकुंठवासी कृष्ण) । धनी का आवेश मतलब अनादि अक्षरातीत श्री कृष्ण का आवेश। अनादि अक्षरातीत श्री कृष्ण और परमधाम ही तारतम वाणी का सार है। और प्राण नाथ जी किस तरह आपको समझाए । सब तो वाणी में कहा है । ज्यादा detail के लिए महेश्वर तंत्र पढ़े सब clear हो जायेगा
Krishan ko akxyaratita kaha gaya hai maherwar tantra me vi brahma vaivart me vi puran sangita me vi siva samita me vi bhagwat me vi komal geeta me vi tartam sagar me vi geeta me vi
Jayesh Parmar PURNA BRAHMA PARMATMA KA MUL NAME SHRI KRISHNAJI HAI KRISHNAJI KA ARTHA HOTA HAI Sanskrit sabda kos se ( karasi iti Krishna) iss ka matlab hai Sare brahama piya ko apni sakti se apne ourr kichne khichte hai arthat akarshit karte hai...Rajji our Krishnaji eek he hai mul name Krishnaji he hai... Parmatma prakash wan honay k karan Rajji bola hai ourr woh sari bramanda k rajja honay k karan rajji bola hai...PARNAM SUNDARSATHJI 🙏
Krishna name tan ka name na hi kyun ki balmukhunda ke tan braj leela aur bakebihari ka tan raas ka tan do no tan ka naam krishna kyun pada?????????????????
Aap log nijanandi kabi vaishnav krishna ko manthe he isliye nahi mante he krishna ko.Oneday you tell: 1.Vaishnav don't eat meat so we should eat meat 2.Vaishnav wear tilak chandan so we must wear bhasma Revolving against vaishnavas you will quit your dharma one day in rebellion with vaishnava but we think we are vaishnav param vaishnav
श्री प्राणनाथजी वाणी मंथन करे और हक्की सुरत को जाहिर करें श्री प्राणनाथजी वाणी । श्री प्राणनाथजी मंदिर पन्ना जी 🌹 श्री श्रीजी साहेबजू महेरबान 🌹 श्री निजानंद संप्रदाय में है ।। पद्धति से चलने का प्रयास करें । श्री प्राणनाथजी पूर्ण ब्रह्म है ब्रह्म से परे है ।। जो श्री बुंदेलखंड राजा महाराजा छत्रसाल जी ने इस २८ वे कलयुग में पहली बार आरती उतारी ।। श्री कृष्ण जी की आरती किसी ने उतारी नहीं ।। श्री प्राणनाथजी वाणी को मंथन करके श्रीराजजी महराज को हम सभी ब्रह्मसृष्टि सुंदर साथजी को मिलकर इस कलयुग में जाहिर करें।।श् श्रीकृष्ण जी को तो दुनिया मैं कई युगों से जाहिर कर रखा है।। फिर भी वो प्राणनाथ नहीं कहलाएंगे । उस कि मूर्ती पूजा सेवाएं होती है।। हमारे संप्रदाय में श्रीमुखवाणी की सेवा होती है।। सुंदर साथजी को आप जैसे श्री संत महराज ने गुमराह कर रहे हैं।। ऋ श्री प्राणनाथजी प्यारे जी महेरबान 🌹👏🏻 कोटी कोटी प्रेम प्रणाम जी 🌹👏🏻
Krishna hi puran paramatma hai GOLOK se upper kuch nahi hai 5000 varsh purani h tumhari yeah vani 40p sal purani jase tum murkh Bhgwan ke vigrah rup ko murti khte ho vase hi vo vani bus kitab hai jisko tum kpde phnate ho bhog lgate ho ac me bitate ho khud pakhndio chor ho tum shashtro se khilwad karte ho krishna ko bharat hi kya pura vishw manta hai ab
Shri krishna hi akhand bhagwan h... Unhe hi prannath, aur rajji kaha he... Jo leela brij me hui raas tak bo swaym krishna h.. Unse prem hone par paramdham ki prapti hogi.. Aur jagni leela se bhi..
Vivek yadav ne jo camet kiye hai. wo 1751 ka taratam ka na hokar 1954ka hai. wo Keshav das se likhit pustak nahi hai. wo lekhak Krishna pranami nahi hai. tino Purime usaka manyata nahi hai. Ye taratamaka virodhi pustak hai.
Phir paramdham me ham kisse baat krte hai? Kya baat krte? Aapko ye gyan kisne diya.. Sbabdo ne hi to diya hai..? Sabdateet mtlb sabd se vyan nhi kr skte iska mtlb ye nhi hai ki.. Krishna naam sabd hai..
Kya saap aur nevla ek ho sakta h kabhi vaise hi hindu muslim ek ni ho sakte apse accha sampradaay swaminarayan sampradaay h unhone krishan ke mool roop ki baat kahi h samjhayi h acche se lekin beech m tum log jaise sanaatan dharm m muslim ko ni Ghashoda
You are a fool to think thiswise. When in Kailash Dham,mouse,peacock and ox,snake and lion can live together in peace. What you think you know about paramdham? There is no Hindu nor Muslim in paramdham. Momin is bhramhashristi in Quran. You people even don't know the difference between Vishnu and seshai Narayan and Adi Narayan and goloki Krishna. You think all are same. So,just shut up.
@@madanbasnet9968 sri krishna ki darshan ke liye akxer brahma roj jate hai aur nam sri krishna ni kaha hai sastra ma aur vani me vi puran samitha me vi aap galat ho.
Aksharatit krishna mante he to barabar he lekin vaikuti krishna vishnu mane to ye gala he log krishna ke tan me jo akshratit ki lila huvi vo kisi ko pata nahi he vo to tartam anek baad pata chala is liye khali krishna ko hi akshratit kahena galat he akshratit ki pahechan jaruri he
श्री प्राणनाथ व श्री कृष्ण में अन्तर जब तक ब्रज व रास की लीला चल रही थी, तब तक श्री प्राणनाथ और श्री कृष्ण में भेद कर पाना असम्भव था। अब जब वह लीलाएं बीत चुकी हैं, जागनी की लीला चल रही है और तारतम वाणी का प्रकाश हो गया है, तो दोनों स्वरूपों में भेद स्पष्ट हो गया है। कहे सुन्दरबाई अक्षरातीत से, खेल में आया साथ। दोए सुपन ए तीसरा, देखाया प्राणनाथ।। कि. 94-9 मूल मिलावे में विराजमान अक्षरातीत स्वरूप को श्री प्राणनाथ कहते हैं, जो महामति जी के तन से संसार में जाहिर हुए। वैष्णवो मोह थकी निध न्यारी दीधी, आपण ने अविनास। नाम तत्व कहयूं श्री कृष्ण जी, जे रमे अखंड लीला रास।। कि. 64-7 जिनका नाम श्री कृष्ण है, वे योगमाया के रास मण्डल में अखण्ड हैं। तारतम वाणी के अवतरण से पहले सुन्दरसाथ को पूर्ण पहचान नहीं थी तथा वे श्री कृष्ण को ही अपना प्रियतम मानते थे। राजजी भी उसी रूप में उनको दर्शन देकर उनकी इच्छाएं पूर्ण करते थे। सही पहचान नहीं होने के कारण किसी की आत्मा जागृत नहीं हो सकी। फिर श्री इन्द्रावती जी ने हब्सा में यह पहचान करी कि हम तो गोलोकी कृष्ण को पूज रहे हैं, जबकि हमारे प्रियतम तो अक्षरातीत श्री राजजी हैं। इसके साथ ही उनकी आत्मा जागृत हो गई और युगल स्वरूप श्री राजश्यामा जी उनके हृदय में बस गए। फिर जिस-जिस सुन्दरसाथ ने उनके हृदय में प्राणनाथ की पहचान की, उनकी आत्मा जागृत होती गई। जाहेर दुलहा छोड़ के, ढूंढत मायने गुझ। ए खोज तिनों की देख के, होत अचम्भा मुझ।। सनन्ध 22-9 श्री महामति जी कहती हैं कि मेरे हृदय में प्रत्यक्ष विराजमान धामधनी श्री प्राणनाथ को स्वीकार न करके जो लोग अटकल में लगे हुए हैं (अपनी चतुराई से श्री प्राणनाथ को श्री कृष्ण सिद्ध करने में जुटे हैं), ऐसे लोगों की खोज देखकर मुझे आश्चर्य होता है। हाथ पकड़ देखावहीं, आप आए दरम्यान। ए छोड़ और जो ढूंढहीं, तिन दिल आंख न कान।। सनन्ध 22-11 अक्षरातीत श्री प्राणनाथ सभी आत्माओं का हाथ पकड़कर (तारतम वाणी द्वारा) अपनी पहचान करवा रहे हैं। फिर भी जो लोग उन्हे छोड़कर किसी अन्य स्वरूप की खोज में लगे हैं, वे आँखों से अंधे तथा कानों से बहरे हैं (उनकी आत्मिक दृष्टि नहीं खुली है)। जागो सुंदरसाथ जागो
Krishna ki pahechan jaruri he krishna ke tan me juda juda pilaye samajna jaruri he khali krishna ko akshrati manna galat he duniya ke logo ko pata nahi he ki unke undar akshratit ki lila horahi he voto vaikuti vishnu ko hi akshratit mante he vo baat galat he
richa rastogi ap galat samji btana ki agr krish aksratit hote ho es kalyul me ku nhi aaye vo or jo sabka prmatma hota h vo keval ek hindu darm ka hi nhi hota h muslimo ko kaise btaoge kalyul me sirf prannath bnker vo jahir huve puri bitak me khi nhi aata h ki raji ne kbi apkoor krish rup me sirf lila ki thi pramdam krish rada nhi h or apko apne sansaye mitane h to aao sersava me jo saranpur se aage h vha 26april ko sadar nimantrit ho or apko jo bi jisko bi sath lana h ap aa jana sare savalo ke saval apko diye jayge bdi vinarmita k sath koi ldai jagda bus apne aatam k dani priytam ki pehchan jaruri h ye 6 din ki lila h jago or jgavoo
Nijanandi say: 1.Vaishnav study bhagwat so we shouldnt study bhagwat puran 2. Vaishnav put tilak chandan urdapundra so we should put bhasma tripandra 3.Vaishnava don't eat meat so we should eat meat . THEY ARE NT EVEN VAISHNAVA ANTI VAISHNAVA CULT.LET THEM BE SHAIVA CULT
Fir ap log masjido madraso me jaker muslims ki jagani kui nahi kar rahe social media per khaoo muslims ko dekte h kitne jagte h krishna ke nam se se toh angrej bhi krishna bhagat ban chuke hai sanatan dhram apna rahe hai
श्री प्राणनाथजी , श्री श्रीजी साहेबजू, श्री राजजी , वह कोई नाम नहीं । वह परमात्मा के लिए उपयोग किया है। श्री कृष्ण जी, श्री महेरराजजी ,श्री देवचन्द्रजी , श्रीं रामजी , वह नाम है । वह परमात्मा के लिए उपयोग नहीं किया।।
Ap galat bolrahe ho vani ko tod marod kar ke mat batao prakaran ke prasang k anusar sidh karo mahraj vani apki madhur he lekin narova kujro mat bolo agar rajji ka avesh aya to krishna ka svarup kehlaya ? To fir mul m rajji he esa bola na lila k svarupo m kyo gumrah kar rahe ho mahraji
Why nijanandi abhor vaishnavas??? 1.Vaishnavas read shreemad bhagwat purana so nijanandi don't read bhagwat 2.Vaishnavas put tilak chandan urdapundra but nijanandi wear bhasma tripundra 3.One day they will say we must eat meat because vaishnav don't eat meat...
Apke sarkar shree ji or age unke bete or rajan swamiji ne tartam.or vani ke sath khilwad kiya apni ek alg khichdi or dukan kholne ke liye bus krishna hi rajji hai parbrahma hai yeah satya h jagoo jagoo nahi bhot bdi durdasha hogi tum sabki tabhi kahli pda h ratanpuri ashram or sarsawa me bhi bhid tab ikhti hoti h jab delhi ya gujrat ke murkh followers ate h apke local logo ki kagni kro khulke kuu nahi ate local kuki tumne shastro or krishna se cheeting ki h icliye tum.patan ki trf ho
प्रणाम जी।आप जैसे महाराजो के कारण ही सनातन धर्म में प्राण है अन्यथा सरसावा वाले तो मिटाने पर लगे है।
Paranam koti koti pream paranam guruji 🌲
Pranam
गुरु जी के चरणों में कोटि-कोटि परणाम जी 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
प्रणाम गुरुजी ।
ठाकुर धरमवीर सिह कुशवाहा की हजूर के चरण कमलो मे कोटी कोटी प्रेम परनाम जी
🙏🌹Pranam ji 🌹🙏
pranam
प्रेम प्रणाम जी
Parnam ji
Jay gurudev
Prem prenaam ji... Thanku so much ji
Nice
Guruji ko Charan ma koti koti prem pranam 🙏🏻🙏🏻
Koti koti prem pranam ji
Pranamji. Vani ki charcha bahut hi sunder hai .Pranamji
कलकत्ता के सभी सुंदर साथ को सिलीगुड़ी से श्यामसुंदर गोयल का कोटि कोटि परणाम जी 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Kotty kotty pam paean garu ji rajisamji n
Koti koti pranam Guruji 🙏🙏
Sri guruji pranam
Mere dham dhani Sri Raj shyama ji ke sri charno me koti koti pranam pranam
Koti pranam gurudeoji
👏👏👏👏👏🙏🙏
dhanya mohan!guruji hajur aap ko ko ti ko ti parnam!
सत्य! अखण्ड प्रेम प्रणाम जी गुरुज्यु महाराज 🙏
कोटी कोटी प्रेम प्रणाम जी
Koti koti pranam pranam guru ji 🙏
Pranam gurudeoji
Shobha ka sunitaka pranamji
भाई प्रकाश शर्मा जी को सप्रेम कोटि कोटि परणाम जी 🙏🙏🙏🙏🙏
Mangal Prem Pranam Maharajji 🌹🙏🏻🌹
Prnam guruji
Jishri raj ji shyama
Kotan kot pranam ji
बहुत सुंदर जानकारी दी है प्रेम प्रणाम करते हैं रमेश पुरोहित पोरबंदर से
Radhe Radhe pranam ji
🙏🙏🙏🌺🌺🌺
🙏🌹🙏🌹Prem pranam ji🌹🙏🌹🙏
🌺🌺🙏🙏
Raamro byaakhyaa gurujiko
Pranamji
Pranam hi Thank you, very good think
Radhey radhey
Pernam g 🙏🙏🙏
अति राम्रो प्रसंग मोहन प्रियाचार्य जी महाराज कोटी कोटी प्रेम प्रणाम
guru ji ki parnam 🙏🙏
Koti koti pranam guruji nagpurse.
mohan priyacharye ji maharaaj ke charno main parnam maharaaj ji aapki kripa se maine you tube par ek Chanel (Pundir parnami) jisme raajji ki vani ke meethe bhajan han kripa Karen
App sundarsath ko fully satisfied nahi kar pa rahe ho mohon ji
Pundir Parnami woop q
XM all
Pundir Parnami all
All well-versed
Well satisfied guruji pranamji
@@shyamadhikari8165अरे मूढ़ तू किसी मूढ़ गुरु का चेला है,इसलिए मूढ़ ही रहेगा।
Meri najar jha pde bas vha tu hi tu jai Sri krisna
Parnam ji Pooja maloya chd
Paŕnamgurujikosadanandmaharahjiko.jokì2gurù.o.kakaaasispŕapatkieai2.gurusantvrid.mahantapasavi.thai.jinhonaibhagti.puranbramh.prananatha.jiki.raj.ji.ki.kithi.aor.untapasavisantomabhutbadisaktimanavmaikiskiaatmaaaeaigi.aorusaiapnaaasisbhidiyai.wahisantsadanandjigurujihacovid.kal.maibhi.guru.ko.yaad.karunkaivachaño.kapalan.karnaiwalaisant.ek.matra.santyomai.guruji.sadanandjimaharajhitha.jinkahar.palguru.okaivachanoka.palankar.thai.huaigujra.har.palsisyo.ko.satsag.bhagwat.aorkrisanjikililakaraspankaranaimaisava.maihi.bita.unhonai.gurujinai.kabhi.kud.ki.parvah.nahi.ki.sava.sabhi.ssjiki.kartai.rahai
Sundar saathji search Karen pundir parnami chanle aur sune Raj ji ki vani ke meethe bhajan subscribe please like and share
प्रणाम जी
ये सत्य है कि समजाते हुए हर भाषाओं में हर मन मस्तिष्क ह्दयका सामंजस्य स्थापित करने हेतु समझाते हुए
ये बानी जो वितक हैं यही तो
मूल स्वरुप को ही सत् चित् आनन्द सच्चिदानंद स्वरुप
sundar saath ji search Karen Pundir parnami Chanel aur sune Raj ji ki vani ke meethe bhajan subscribe please like and share
Pranam ji.... Thank you so much..mahraji.....
Mahrajshri konsi chopai m mehraj ko prannath kaha?
Jai Shree Krishna Paar brahm Parmeshwar ki jai 🌹🙏🙏🙏🌹
Jo Puran brambh parmatma h vo chale paramdham ki leela kare ya golok ki ya narayan roop vekunth ki ya char jagat ke vishnu ki sab tu shri krishna ka hi roop vo chale jaha ki leela kare unki ekcha h
तीन सुरत लीखी आम सिपारे ऐ समझे पाक दिल उजियारे ।
तीनाे सुरतने श्रीकृष्णका गान गाये है ।
ghar shri dham ani shri krishna yhe fal saro tartam pranam krishnaji{rajji}
Bikash Thapa Charan Das Maharaj to MP Madhya Sultanpur Pranam Karta Hoon Mere Pita ka naam Budha Patel ward number
Jagni ke bhrammand me aaye to konse sarupme aaye
महमद साहेब , धनी देवचन्द्रजी, श्री महेराजजी नाम पर बसरि मल्की और हक्की सुरत उतरी है।। उस के सिवा दुनिया मैं कोई नाम पर सुरत नहीं आयी ।
आप अपना इलाज किसी मनोचिकित्सक से कराएं।
Koi baat nhi Aksharateet shree krishna aap pr kripa kre..
Unhi ki mehar ke bina aap nhi smgh paige
nice
pranam ji Maharaj ji apne mere man me uth rahe sawalo ka uttar de diya dhanywad..mai v yahi manti krishna hi hi purn bramh parmatma hai par kuch log bhramit karte hai ki nahi agar shreekrishna ji ko purn bramh mano to golok tak hi pahuchate hai aur hum jo raj ji ki angna hai krishna ji ko purn manke apne pativrata ka khandan karte hai ..mai apse sahmat hu ki krishna ji hi raj ji hai 👏
richa rastogi
thenk.you.rastogiji
richa rastogi sgahs main Sunil Patel MP3 bhajan download Kesariya Balam Ji Maharaj ki Namo Namah
Good thought
श्री अनादि अक्षरातीत का गायन ही वेदों शास्त्रों पुराणों और भागवद महापुराण में है उन्हें ही पुरुषोत्तम श्री कृष्ण और उत्तम पुरुष की संज्ञा दी गयी है। श्री कृष्ण ही आत्मा के पति है जिन्हें प्रेम से इन्दिरावती सखी ने राजजी कहा है।
आप लक्ष्मी वृतांत पढ़े वाणी में रुकमनी जी भी प्रेम से विष्णु जी को राजजी और धनी जी कहती है।
भ्रमित न हो तारतम वाणी का सार ही श्री कृष्ण और परमधाम है । श्री प्राणनाथ जी हमारे प्राणनाथ श्री कृष्ण है। सभी वेदों और पुराणों में प्रमाण है । अक्षर ब्रह्म श्री कृष्ण जी के नित्य प्रेम पूर्वक दर्शन करने और उन्हें प्रणाम करने जाते है। उससे बड़ा प्रमाण और क्या हो सकता है।
kashab ji parmatma shabdatit hai kine kaha chopai batao
Sabdatit insano aur devta ved upnishad ke liye hai khud parmatma ke liye nahi aur tartam sagar khud parmatma ke josh se pragat hua hai
@@parikshitacharya8030 josh aur avesh se vi sahi kaha.
Prajapati gautam ka kament dekhiye.thank .
Sarsaw Kya hathika nam hai?
kya purna brahmma ka vhi name hota he agar hota to sabdatit kese hoye
Bhai sabd atit ved upnishad insano aur devo ke liye hai khud parmatma ke liye nahi aur tartam sagar khud parmatma ke josh se pragat hua hai
Sabd ateet ka arth hai.. Jisse sabd se varnan na kiya ja ske.
parmatma kapurn gain
प्रेम प्रणाम जी
श्री राज जी और श्री कृष्ण जी एक कैसे है।
कृष्ण जी के तन में आत्मा अक्षर का था और जोस धनी जी का था जबकि
श्री राज जी के सतसंग अक्षर ब्रह्म होते हुए भी वे रंगमहल में हो रही इस्कमाई लीला से अनविग थे
जब श्री राज जी और अक्षर ब्रह्म एक नही है तो श्री राज जी और श्री कृष्ण जी एक कैसे हो सकते है।
श्री कृष्ण सनातन पूर्ण ब्रह्म है।
अक्षर ब्रह्म अनादि अक्षरातीत श्री कृष्ण का आवेश लेकर कारावास में प्रगट हुए थे और विष्णु के तन में (वैकुंठवासी कृष्ण) ।
धनी का आवेश मतलब अनादि अक्षरातीत श्री कृष्ण का आवेश।
अनादि अक्षरातीत श्री कृष्ण और परमधाम ही तारतम वाणी का सार है। और प्राण नाथ जी किस तरह आपको समझाए । सब तो वाणी में कहा है । ज्यादा detail के लिए महेश्वर तंत्र पढ़े सब clear हो जायेगा
bilkul shi kha pranam
भाई परमात्मा शब्द से परे है वह मन वाणी से अगम है
अाप मेन्टल हस्पिटल जाके इलाज करवाए । इसका बाद समझमे अायेगा ।
अाप सबसे पहले राँचीमे जाकरके दिमागका इलाज करिए । इसका वाद अापकाे बात समझमें अाएगी ।
प्रेम मे तो 999 जहाज डुब गये है -टर्च लाईटसे नहीं दिखेगा
Paramdham me raaj ji he ya krishna?
Dono ek hi h
Paramdham mai shree krishna ji he
Krishan ko akxyaratita kaha gaya hai maherwar tantra me vi brahma vaivart me vi puran sangita me vi siva samita me vi bhagwat me vi komal geeta me vi tartam sagar me vi geeta me vi
Krishna lila nahi ki thi usase pahele paramdham me konsa name tha
Jayesh Parmar PURNA BRAHMA PARMATMA KA MUL NAME SHRI KRISHNAJI HAI KRISHNAJI KA ARTHA HOTA HAI Sanskrit sabda kos se ( karasi iti Krishna) iss ka matlab hai Sare brahama piya ko apni sakti se apne ourr kichne khichte hai arthat akarshit karte hai...Rajji our Krishnaji eek he hai mul name Krishnaji he hai... Parmatma prakash wan honay k karan Rajji bola hai ourr woh sari bramanda k rajja honay k karan rajji bola hai...PARNAM SUNDARSATHJI 🙏
Krishna name tan ka name na hi kyun ki balmukhunda ke tan braj leela aur bakebihari ka tan raas ka tan do no tan ka naam krishna kyun pada?????????????????
Kyun tan alag hone se nam bhi alag hone chahiye thi phir kyun do no tan ka name krishna hai
Aap log nijanandi kabi vaishnav krishna ko manthe he isliye nahi mante he krishna ko.Oneday you tell:
1.Vaishnav don't eat meat so we should eat meat
2.Vaishnav wear tilak chandan so we must wear bhasma
Revolving against vaishnavas you will quit your dharma one day in rebellion with vaishnava but we think we are vaishnav param vaishnav
श्री प्राणनाथजी वाणी मंथन करे और हक्की सुरत को जाहिर करें श्री प्राणनाथजी वाणी ।
श्री प्राणनाथजी मंदिर पन्ना जी 🌹 श्री श्रीजी साहेबजू महेरबान 🌹 श्री निजानंद संप्रदाय में है ।। पद्धति से चलने का प्रयास करें । श्री प्राणनाथजी पूर्ण ब्रह्म है ब्रह्म से परे है ।। जो श्री बुंदेलखंड राजा महाराजा छत्रसाल जी ने इस २८ वे कलयुग में पहली बार आरती उतारी ।।
श्री कृष्ण जी की आरती किसी ने उतारी नहीं ।।
श्री प्राणनाथजी वाणी को मंथन करके श्रीराजजी महराज को हम सभी ब्रह्मसृष्टि सुंदर साथजी को मिलकर इस कलयुग में जाहिर करें।।श्
श्रीकृष्ण जी को तो दुनिया मैं कई युगों से जाहिर कर रखा है।। फिर भी वो प्राणनाथ नहीं कहलाएंगे ।
उस कि मूर्ती पूजा सेवाएं होती है।। हमारे संप्रदाय में श्रीमुखवाणी की सेवा होती है।।
सुंदर साथजी को आप जैसे श्री संत महराज ने गुमराह कर रहे हैं।।
ऋ
श्री प्राणनाथजी प्यारे जी महेरबान 🌹👏🏻 कोटी कोटी प्रेम प्रणाम जी 🌹👏🏻
Krishna hi puran paramatma hai GOLOK se upper kuch nahi hai 5000 varsh purani h tumhari yeah vani 40p sal purani jase tum murkh Bhgwan ke vigrah rup ko murti khte ho vase hi vo vani bus kitab hai jisko tum kpde phnate ho bhog lgate ho ac me bitate ho khud pakhndio chor ho tum shashtro se khilwad karte ho krishna ko bharat hi kya pura vishw manta hai ab
Shri krishna hi akhand bhagwan h... Unhe hi prannath, aur rajji kaha he...
Jo leela brij me hui raas tak bo swaym krishna h.. Unse prem hone par paramdham ki prapti hogi.. Aur jagni leela se bhi..
मूर्खराज तुम्हे कुछ और भी काम है या नहीं या केवल पागलपन की बाते ही करते रहते हो।
@@prajapatigautam9103 इस जयेश को पागल खाने भेज देना चाहिए शायद कुछ ठीक हो जाये।
Parmdhame rajji he ki Krishna he ?
Dehda Sonal SUNDARSATHJI DONO EEK HE HAI MUL NAME SHRI KRISHNAJI HAI OUR WOH PRAKASWAN HONAY K KARAN RAJJI KAHA HAI ( PRAKASATI ITI RAJ)
राज कृष्ण जी को प्रणाम जी
clear your doughts in sersawa
सरसवाका राजन ताे झुठ ही झुठ फैलाते है ।
तू अपना असली नाम तक नहीं बता रहा। तू भी झूठ और तेरे सरसावा का गुरु घंटाल भी मूढ़।
Vivek yadav ne jo camet kiye hai. wo 1751 ka taratam ka na hokar 1954ka hai. wo Keshav das se likhit pustak nahi hai. wo lekhak Krishna pranami nahi hai. tino Purime usaka manyata nahi hai. Ye taratamaka virodhi pustak hai.
Maharaj ji ye tu pata hi hoga apko ki avesh bhi ansha avesh purn avesh aur paripurn avesh hote h
दुनिया मैं खुदा की तीन सुरत लीखी वह तीन सुरत बसरि मल्की और हक्की उसमें श्री कृष्ण जी की कोई सुरत नहीं।।
Konse shastra ved mein likhi hai or kabse hai vo granth
जयेश बिलकुल ही मुर्खो वाली बात करता है।
@@stylzndsmilezbyshwetamakeo7672 ये जयेश तो मूढ़ है।
परमात्मा के लिए नाम नहीं । परमधाम कोई नाम नहीं है ।वह शब्दों से परे है । नाम से परे है ।।
फिर आप कृष्ण जी नाम से नफरत क्यों करते हो।मूर्खराज।
Phir paramdham me ham kisse baat krte hai? Kya baat krte? Aapko ye gyan kisne diya.. Sbabdo ne hi to diya hai..?
Sabdateet mtlb sabd se vyan nhi kr skte iska mtlb ye nhi hai ki.. Krishna naam sabd hai..
Kya saap aur nevla ek ho sakta h kabhi vaise hi hindu muslim ek ni ho sakte apse accha sampradaay swaminarayan sampradaay h unhone krishan ke mool roop ki baat kahi h samjhayi h acche se lekin beech m tum log jaise sanaatan dharm m muslim ko ni Ghashoda
You are a fool to think thiswise. When in Kailash Dham,mouse,peacock and ox,snake and lion can live together in peace. What you think you know about paramdham?
There is no Hindu nor Muslim in paramdham. Momin is bhramhashristi in Quran. You people even don't know the difference between Vishnu and seshai Narayan and Adi Narayan and goloki Krishna. You think all are same. So,just shut up.
Very good
Kese ek hai jab tartam vani Mai kahi bhi baat nahi kahi gyi hai vahaa to shree raj ji kahaa hai naa ki shree Krishna axratit hai ye
निजनाम श्री कृश्न जि अनादी अक्छ्यरातित क्या है यिन्को आँप क्या कहते है जि?
Krishna nam tan ka nam na hi he
@@madanbasnet9968 sri krishna ki darshan ke liye akxer brahma roj jate hai aur nam sri krishna ni kaha hai sastra ma aur vani me vi puran samitha me vi aap galat ho.
Aksharatit krishna mante he to barabar he lekin vaikuti krishna vishnu mane to ye gala he log krishna ke tan me jo akshratit ki lila huvi vo kisi ko pata nahi he vo to tartam anek baad pata chala is liye khali krishna ko hi akshratit kahena galat he akshratit ki pahechan jaruri he
Brahma vaivarta purana padne se sabh patha lagh gayega
Krishir vhu bachak anashya niviti bachak tairek krishna nam sach chid ananda lakxyana. Parmatma ka mul nam hi sri krishna.
Achaa to krishana mare kyo axratit to kabhi marte OR jivate nahi
श्री प्राणनाथ व श्री कृष्ण में अन्तर
जब तक ब्रज व रास की लीला चल रही थी, तब तक श्री प्राणनाथ और श्री कृष्ण में भेद कर पाना असम्भव था। अब जब वह लीलाएं बीत चुकी हैं, जागनी की लीला चल रही है और तारतम वाणी का प्रकाश हो गया है, तो दोनों स्वरूपों में भेद स्पष्ट हो गया है।
कहे सुन्दरबाई अक्षरातीत से, खेल में आया साथ।
दोए सुपन ए तीसरा, देखाया प्राणनाथ।। कि. 94-9
मूल मिलावे में विराजमान अक्षरातीत स्वरूप को श्री प्राणनाथ कहते हैं, जो महामति जी के तन से संसार में जाहिर हुए।
वैष्णवो मोह थकी निध न्यारी दीधी, आपण ने अविनास।
नाम तत्व कहयूं श्री कृष्ण जी, जे रमे अखंड लीला रास।। कि. 64-7
जिनका नाम श्री कृष्ण है, वे योगमाया के रास मण्डल में अखण्ड हैं।
तारतम वाणी के अवतरण से पहले सुन्दरसाथ को पूर्ण पहचान नहीं थी तथा वे श्री कृष्ण को ही अपना प्रियतम मानते थे। राजजी भी उसी रूप में उनको दर्शन देकर उनकी इच्छाएं पूर्ण करते थे। सही पहचान नहीं होने के कारण किसी की आत्मा जागृत नहीं हो सकी। फिर श्री इन्द्रावती जी ने हब्सा में यह पहचान करी कि हम तो गोलोकी कृष्ण को पूज रहे हैं, जबकि हमारे प्रियतम तो अक्षरातीत श्री राजजी हैं। इसके साथ ही उनकी आत्मा जागृत हो गई और युगल स्वरूप श्री राजश्यामा जी उनके हृदय में बस गए। फिर जिस-जिस सुन्दरसाथ ने उनके हृदय में प्राणनाथ की पहचान की, उनकी आत्मा जागृत होती गई।
जाहेर दुलहा छोड़ के, ढूंढत मायने गुझ।
ए खोज तिनों की देख के, होत अचम्भा मुझ।। सनन्ध 22-9
श्री महामति जी कहती हैं कि मेरे हृदय में प्रत्यक्ष विराजमान धामधनी श्री प्राणनाथ को स्वीकार न करके जो लोग अटकल में लगे हुए हैं (अपनी चतुराई से श्री प्राणनाथ को श्री कृष्ण सिद्ध करने में जुटे हैं), ऐसे लोगों की खोज देखकर मुझे आश्चर्य होता है।
हाथ पकड़ देखावहीं, आप आए दरम्यान।
ए छोड़ और जो ढूंढहीं, तिन दिल आंख न कान।। सनन्ध 22-11
अक्षरातीत श्री प्राणनाथ सभी आत्माओं का हाथ पकड़कर (तारतम वाणी द्वारा) अपनी पहचान करवा रहे हैं। फिर भी जो लोग उन्हे छोड़कर किसी अन्य स्वरूप की खोज में लगे हैं, वे आँखों से अंधे तथा कानों से बहरे हैं (उनकी आत्मिक दृष्टि नहीं खुली है)।
जागो सुंदरसाथ जागो
Shreemad Bhagwatam or Geeta padho ache se udhar hoga tumhara
इसमें मूलमिलावाका कृष्णकी बात हाे रही है ।
Kyaa taklif hae Bhai? Jaante nahi you bolo nahi Kuch bhi? Tum kumat ho rathod.
@@abhisekbhattarai1583आपने सही कहा।ये जयेश कुमत्त ही है।
तू भी थोड़ा बहुत जाग जा,जयेश।
Krishna ki pahechan jaruri he krishna ke tan me juda juda pilaye samajna jaruri he khali krishna ko akshrati manna galat he duniya ke logo ko pata nahi he ki unke undar akshratit ki lila horahi he voto vaikuti vishnu ko hi akshratit mante he vo baat galat he
"Ghar shri dham ane shree krishna ye fal sar tano tartam" shri Prakash Granth
Ha uske liye aap gyan se trividh leela batao.
Naam mat badlo..
richa rastogi ap galat samji btana ki agr krish aksratit hote ho es kalyul me ku nhi aaye vo or jo sabka prmatma hota h vo keval ek hindu darm ka hi nhi hota h muslimo ko kaise btaoge kalyul me sirf prannath bnker vo jahir huve puri bitak me khi nhi aata h ki raji ne kbi apkoor krish rup me sirf lila ki thi pramdam krish rada nhi h or apko apne sansaye mitane h to aao sersava me jo saranpur se aage h vha 26april ko sadar nimantrit ho or apko jo bi jisko bi sath lana h ap aa jana sare savalo ke saval apko diye jayge bdi vinarmita k sath koi ldai jagda bus apne aatam k dani priytam ki pehchan jaruri h ye 6 din ki lila h jago or jgavoo
Parmdam me keval raj ji h
Jaara vani ka mantan kro ki parmdam me karisan naam kahh pana me kon beth
Nijanandi say:
1.Vaishnav study bhagwat so we shouldnt study bhagwat puran
2. Vaishnav put tilak chandan urdapundra so we should put bhasma tripandra
3.Vaishnava don't eat meat so we should eat meat .
THEY ARE NT EVEN VAISHNAVA ANTI VAISHNAVA CULT.LET THEM BE SHAIVA CULT
Fir ap log masjido madraso me jaker muslims ki jagani kui nahi kar rahe social media per khaoo muslims ko dekte h kitne jagte h krishna ke nam se se toh angrej bhi krishna bhagat ban chuke hai sanatan dhram apna rahe hai
@@stylzndsmilezbyshwetamakeo7672बहुत सुंदर
Krishna raj ji nahi h richa rastogi ji
Pranam pranam guruji koti koti aap ke Sri charno me
Krishna hi rajji he rastogi ji
श्री प्राणनाथजी , श्री श्रीजी साहेबजू, श्री राजजी , वह कोई नाम नहीं । वह परमात्मा के लिए उपयोग किया है।
श्री कृष्ण जी, श्री महेरराजजी ,श्री देवचन्द्रजी , श्रीं रामजी , वह नाम है । वह परमात्मा के लिए उपयोग नहीं किया।।
Ek nahi h Rajji kirasana
Ap galat bolrahe ho vani ko tod marod kar ke mat batao prakaran ke prasang k anusar sidh karo mahraj vani apki madhur he lekin narova kujro mat bolo agar rajji ka avesh aya to krishna ka svarup kehlaya ? To fir mul m rajji he esa bola na lila k svarupo m kyo gumrah kar rahe ho mahraji
Isko bolte hai gaadi pati bihari ji
@@ज्ञानहीअमृतहै aapko bolte ho rajan ki pujari
Why nijanandi abhor vaishnavas???
1.Vaishnavas read shreemad bhagwat purana so nijanandi don't read bhagwat
2.Vaishnavas put tilak chandan urdapundra but nijanandi wear bhasma tripundra
3.One day they will say we must eat meat because vaishnav don't eat meat...
Kahi vi galat nahi bola krishna eva akxyaratita sachchidananda lakxyana.
Apke sarkar shree ji or age unke bete or rajan swamiji ne tartam.or vani ke sath khilwad kiya apni ek alg khichdi or dukan kholne ke liye bus krishna hi rajji hai parbrahma hai yeah satya h jagoo jagoo nahi bhot bdi durdasha hogi tum sabki tabhi kahli pda h ratanpuri ashram or sarsawa me bhi bhid tab ikhti hoti h jab delhi ya gujrat ke murkh followers ate h apke local logo ki kagni kro khulke kuu nahi ate local kuki tumne shastro or krishna se cheeting ki h icliye tum.patan ki trf ho
गुरु जी के चरणों में कोटि-कोटि परणाम जी 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
प्रेम प्रणाम जी
Pranam ji
koti koti parnam guruji
प्रेम प्रणाम जी