🎊🎊🎊🎊🎊🎊🎊🎊🎊🎊🎊🎊🎊 🌻 ग्रंथ पंथ सब जगत के बात बतावत तीन 🌻 🌻नाम हृदय में मन में दया तन सेवा में लीन 🌻 संसार के सारे अनुभव पहले से ही विधित है और सब का उल्लेख है.. फ़िर भी इंसान कुकर्म करता है.. अंत समय में दुर्गति को प्राप्त करता है.. जागृत मनुष्य कभी भी परमात्मा का स्मरण नहीं भूलता और उस पर माया और छाया का प्रकोप असर नहीं करता., वह मनुष्य परोपकार के लिए जन्मता है.. 🌻🌻 प्रणाम जी सुंदरसाथ जी 🌻🌻
🙏🏽 प्रणाम जी, पेपटेक टाइम चेनल के अंकूर यादव जी को बहुत बहुत वधाई हो ! आपके चेनल के सभी सदस्य को धन्यवाद ! आप के चेनल के माध्यम से प्रणामी सम्प्रदाय के धर्म का रहस्य जनसैलाब याने सुंदरसाथ को मार्गदर्शन देने की सहायक रूप से प्रयास किया हे आप की चेनल टीम को परमात्मा की असीम कृपा बरसाती रहे ऐसी प्रार्थना !🙏🏽🌹 पूज्य श्री धर्मगुरू डॉक्टर दिनेश पंडित के चरणो में प्रणाम !🙏🏽❤️🌹
अंकुर यादव जी धन्यवाद, डां0 दिनेश प्रणामी जी को मेरा प्रणाम। मै इस प्रणामी संप्रदाय से 20 साल से जुडा़ हुं, मेरे समझ से प्रणामी संप्रदाय सबसे पहले शाकाहारी होना, प्राणनाथ के बताये हुए सद्मार्ग पर चलने की शिक्षा देता है। मै परमधाम में जा पाऊ ना जा पाऊ पर कम से कम यह जिवन तो सुधर गया, मुझे बहुत बुरा लगता है जब कोई सुन्दर साथ दुसरे संप्रदाय का बुराई करता है व अपने को सर्वश्रेष्ठ मानता है मेरे समझ से किसी भी संप्रदाय की निंदा नही करनी चाहिए, किसी को अपने से छोटा नहीं समझना चाहिए यदि किसी सुन्दर साथ को मेरी बातें बुरी लगी हों क्षमा करेंगे यह मेरा अपना विचार था। जहाँ तक कुछ लोग इसे हिन्दू धर्म से अलग समझते हैं यह बिलकुल गलत है, हमारा प्रणामी संप्रदाय धर्म से भटके ईन्सान को सिर्फ अच्छाई की ओर ले जाता है।
जिज्ञासुओं को बहुत अच्छी तरीकेसे खुलासा कर किया ये महापुरुषजीने प्रणामी धर्मको आधे घंटेकी अन्तर्वार्तासे नहिं जाना जाएगा 14 साल लगे थे सदगुरुको परमात्मासे साक्षात्कार पानेके लिए।
Har insan may parmatama ki Shakti hoti hae koe usay atamaram kahata hai koe chatanyarupa manta hae Ees liyeh Hindu dharma may aek dusray ko Maan daynay kay liyeh koe pranam kahata hAi koe ram ram kahata hai koee Jay krishna bolta hai Ese Tarah aek dusray ko pranam karna Hindu dharm ki pranali hae ese Tarah pranami dharm pranam kar na aapana dharm man tay hae
Nejanand sampradae ka Matlab hai nij yani apnay Apna kon hai ? Shri krishna parmatama Anand ka Matlab Anand swarupa shri Shyama maharani Ese ko hum nejanand sampradae man tay hae
में प्रणामी संप्रदाय के संतो से विनती करता हूं कि आपके अनुयाई इनकी कुलदेवी,शिवाजी या किर कोई और देवता में विश्वास न करने के कारण समाज में संप्रदाय के नाम पर कभी ना कभी टकराव होगा और हिन्दू ओ केलिए मुसीबत बनेगी, इसी लिए में आपसे विनती करता हु कि सब को कहे कि आप सभी पूजनीय देवता ओ की पूजा करे और श्री कृष्ण की भक्ति करे साथ में ,,, हिन्दू की रक्षा करना और साथ में समाज संप्रदाय के नाम पर टकराव ना हो इसकभी द्यान आप जैसे महात्मा ओ को रखना चाहिए,,जय श्री कृष्ण
सब सौदा संसार में सनातन धर्म का है ध्यान से देखिए एक श्लोक जो श्री मद्भागवत का उसी में इस सम्प्रदाय का सार है। ❤❤ सच्चिदानन्द रूपाय विश्व उतपत्यादी हेतवे तापतराय विनाशाय श्री कृष्णाय वयम नम ❤❤
इन्सानियत की रक्षा कोई करने को तैयार नहीं खराबी यहीं से शुरू होती है दुनिया में जितने धर्म है सब अपने अपने धर्म की रक्षा की बात करते हैं मगर हर धर्म में विभाजन देखने को मिलेगा।
आज निजांनद की काफी जानकारी मिली, धन्यवाद। कबीर सागर में पहले ही इस पंथ के बारे में लिख लिया था....अब मैं आठवें पंथ बताऊं, अकिल भंग दूत समझाऊँ.....(ये पंथ कबीर पंथ आठवें पंथ से निकले हुए काल के दूत चलाया हुआ है)..... कबीर सागर के अनुराग सागर पृष्ठ १२२ देखें.. अब मैं आठवें पंथ बताऊँ।अकिल भंग दूत समुझाऊँ ।। परमधाम कहि पंथ चलावे। कछु कुरान कछु वेद चुरावे।। कछु कछु निरगुण हमरो लीन्हा।तारतम पोथी इक कीन्हा ।। राह चलावे ब्रह्मका ज्ञाना।करमी जीव बहुत लपटाना।।
दिनेशभाई ने कहा कि हम मूर्ति पूजा में विश्वास नहीं करते तो फिर जामनगर प्रणामी मंदिर में श्री राज जी और श्री श्याम जी की मूर्ति बिराज मान है, तो फिर वो क्या है?
दो साल औरंगजेब कों समझाया परंतु समजा नहीं इसका मतलब श्रीकृष्ण परमात्मा होते तों पांडवों कों लेकर युद्ध ऐज कलयाण नीती अपनाइ होती ऐसे महात्मा धर्म के नाम पर सेकुलर की नीती सीखाते रहे और हिन्दू ओका सफ़ाया होता रहा
कमेंट करने से पहले इतिहास को जान लो, ये तब की बात है जब औरंगजेब द्वारा हिंदुओं को जबरन मुस्लिम बनाया जा रहा था.. मंदिर तोड़े जा रहे थे... तब स्वामी प्राणनाथ जी ने हिंदू राजाओ को एकत्रित करने का बीड़ा उठाया.. उनके ही मार्ग-दर्शन से महाराजा छत्रसाल जी ने औरंगजेब की सेना को पराजित किया..
एक बात्,गौर से सुनो,आप हिन्दु भाई जितने भी भगवानो को पूजते हो,वह अवतार होसकते,पैगंबर होसकते है क्यू की इस धरती पर एक लाख चौबीस हज़ार ईश्वरी दूत आये,है,और से अधिक भी होसकते,,लेकिन वह पूजनीय नही होसकते पूजनीय तो एक ईश्वर,अल्लाह,गॉड ही है जो अलग अलग भाषाओ मैं अलग अलग नामो से पुकरा जाता रहा है,क्या पत्थर की मूर्ति मैं इंसान प्राण डाल सकता है,नही अगर ऐसा होसकता तो फिर आपके पुरखे मरते नही सबको सब जीवित करलेते है,भरम और पाखंड से बहार आओ और जो सही किताबे है उनको पढ़ो,,,
@@AkshayKumar-ou5tr आपके सम्प्रदाय नें ही गाँधी पैदा किया देश का बटवारा और एक करोड़ हिन्दुओ का कत्ल और इतनीही हिन्दू औरतो का रेप कराया. महापाप किया. गाँधी की माँ पुतली बाई इसी सम्प्रदाय से थी. आपके सम्प्रदाय का मठ गाँधी के मकान के पास पोरबंन्द्र मै था. गाँधी के पुत्र नें गाँधी को पत्र लिखा था कि जितना अहित आपने हिन्दुओ का किया है इतिहास मै किसी नें नहीँ किया. इसलिए आप हिमालय चले जाए हिन्दुओ को बख्श दे
@@JawedAli-kq6ek भाई एक अच्छे ईन्सान में क्या गुण होने चाहिए, सहनशीलता,प्रेम भाव, सत्यता, शाकाहारी जिवन, अहंकार का कोई जगह नहीं, यही तो सिखने जातें हैं किसी सत्संग में एक पथ विचलित व्यक्ति भी अच्छा इन्शान बनने का प्रयत्न करता है सत्संग सुनकर।
, कोई भी संप्रदाय जब नया नया बनता है तब बच्चों की तरह खेल करता है, मतलब कि बच्चे कि बोली हमें अच्छी लगती हैं मीठी लगती है, लेकिन बडा हो जाता है तब अभिमान आ जाता है, और जो लोग इससे प्यार करते थे बचपन में उसका भी अपमान करता है, वैसे ही संप्रदाय बडा होता है तो सनातन धर्म का अपमान करता है ओर खुद को ही धर्म मानने लगता है ईस के बाद भगवान पतन करते हैं, क्यूं की धर्म भगवान ने बनाया है , संप्रदाय ईनशान ने बनाया है, तो ईनशान को धर्म (सनातन धर्म बाकी सब पंथ) नहीं छोड़ना चाहिए
aap in mahodaye ke baktabya ko dhyan se sune...2 saal tak dera dale rakha...lekin safal nahi huye.....to kya kahenge सद्भावना ,सन्मार्ग nahi faila paye......@@AkshayKumar-ou5tr
सभी संप्रदाय समाज के कल्याण केलिए काम करते है,पर हमें चिन्ता इस बात की है कि सभी एक दिन आपस मे ना लड़े और हिन्दू धर्म का पतन ना करे,मित्र हिन्दू ओ के मुख्य ग्रन्थ वेद है इसकी विचार धारा हमेशा याद रखना,,हिन्दू एक झूठ रहे इसी लिए सभी देवता ओ का सम्मान करना ,,सभी त्यौहार आनंद से मानना,,जय श्री कृष्ण
श्री प्राणनाथ जी किसी संत , महंत, गुरु, चेला देवी, देवता का नाम नही अपितु निजानंद संप्रदाय सचिदानंद स्वरूप परमात्मा की आवेश शक्ति को प्राणनाथ कहता हैं...श्री प्राणनाथ ने हिंद तथा मुस्लिम दोनो ही धर्म ग्रंथो में जो परमात्मा से जुड़ा सनातन तथ्य आया है उसे स्पष्ट करके दोनो का समन्वय कर सरल भाषा में समझाया हैं कोई यदि कुरान की बात को समझा रहा हैं इसका मतलब ये नही की वो मुस्लिम हैं या कोई मुस्लिम व्यक्ति सनातन की बात समझा रहा है तो इसका ये मतलब नहीं को वो हिंदू हैं ।श्री प्राणनाथ जी ने ना हिंदू को मुसलमान बनाया और ना मुस्लिम को हिंदू बनाया जो जिस धर्म में हैं उसे उसी धर्म ग्रंथ से एक पूर्णब्रह्म सचिदानंद स्वरूप परमात्मा की पहचान कराई...इस लिए प्रत्येक व्यक्ति हिंदू मुस्लिम से ऊपर उठकर अपना दृष्टिकोण व्यापक करें...तथ्य और स्वरूप को ठीक से समझे कोई विकृत मानसिकता नही बनाए...प्रणाम जी
गीता में स्पष्ट कहा है । आत्मा न जन्मती है और न मरती है । अर्जुन के पूछने पर ये बताया कि तेरे ओर मेरे हजारों जन्म हुए । तू भूल गया मुझे याद है । यहां ही दो बात क्लियर होती है कि आत्मा अखण्ड अजर अमर है । वो जन्म मरण से परे है । आत्मा परमात्मा का अभिन्न अंग है । दूसरी बात खुद कृष्ण केहते है कि मेरे हजारों जन्म हुए जो मुझे याद है तू भूल गया । यही बात को समझनी है कि कॄष्ण जन्म मरण के चक्कर मे आते है । यानी वह खुद परमात्मा नही है । लेकिन उन्होंने परमात्मा की बात बताई है । इसलिए 15वे अध्याय में भी यह बताया क्षर अक्षर दो पुरुष है ओर उत्तम पुरुष उससे भी अलग है । यानी परमात्मा सबसे परे है । गीता का विस्तृत अध्ययन करना जरूरी है ।
पल्लवी जी प्रणाम। आपके विचार सुंदर है। आप थोड़ा सा अध्ययन और अनुभव करने का प्रयास करेंगी तो स्पष्ट हो जाएगा की परमात्मा अगम अगोचर है।उपनिषद आदि शास्त्रों में परमात्मा को नाम , रूप से परे बताया गया है। परंतु साकार रूप में भक्ति करने वाले भक्त उस अनंत चेतन सचिदानंद को किसी नाम से पुकारते हैं।सभी भक्तो के अपने अपने भाव होते हैं,इसलिए अलग अलग नामो से पुकारते हैं। यदि आप परमात्मा का कोई भी नाम नहीं मानती तो फिर उसका नाम केवल श्री कृष्ण भी नही हो सकता,परंतु यदि आप परमात्मा का कुछ भी रूप और नाम स्वीकार करती है तो फिर उसका नाम श्री कृष्ण जी भी हो सकता है। केवल अपनी धारणा के नाम को स्वीकार करना और दूसरे की धारण पर सवाल खड़े करना सच्चे भक्त का लक्षण नही होता। प्रणाम जी।
परमात्मा नाम तत्व गुण सबसे परे है । जो ये संसार नही था तब भी वही था और जब ये संसार नही रहेगा तब भी वही रहेगा । यानी परमात्मा ही एक मात्र है । तो जो है ही उनको संसार वाले शब्दों से नवाजा नही जा सकता ।
Agar krishna khud parmatma nai he esa bolte he ap to usi samay krishna ye bhi bolte he ki me hi sarvasva hu me hi kshar hu hu me hi akshar hu me hu brahma hu me hi param bramha hu aur ab ye mat bolna ki eo wani alag ayi thi wo ek alag energy thi jo krishna ke muh se boli thi wo chali gayi uska simple ans he wo humare jo narayan he vishnu jo hamare dham ke pehle ate he wo
बहुत बडीया समझाया मगर मगर आज निजानंद सम्प्रदाय में दो विचार धारा पर चलता है उस में एक कृष्णजी को परमधाम में है और परमात्मा वहीं है परमात्मा ने ब्रज में ११ साल ५२ दिन लीला की उसके बाद योगमाया में नया तन धारण करके बंसरी बजाई जो १४ लोक में सुनाई दिया मगर जो परमधाम की आत्मा थी वहीं योगमाया में कालमाया का तन छोड़कर नया तन योगमाया का धारण कर के अपने धनी से मिला और रास किया और रास में आनंद और विरह की लीला हुई तो सब आत्मा ए बहुत दुखी हुई तो धनी को कहा हम को वो घर ले जाओ हम और आप एक पल के लिए अलग ना हो सके तब परमात्मा ने बताया के वो घर तो परमधाम है जहां जुदाई गई नहीं हो सकती परमात्मा ने तो ब्रज में कृष्णजी के तन में लिला की उसके बाद योगमाया में नया तन जो परमधाम में है वही किशोर तन में लीला की उसके बाद आरब में महमदसाहेब के तन में लिला की और कुरान उतारा जो परमधाम का ज्ञान है उसके बाद धनी श्री देवचन्द्रजी के तन में लिला की उसके बाद महेराज ठाकुर के तन में लीला करके परमधाम का कुल खजाना है कुलजम स्वरुप साहेब में बानी में उतारा और लाल दास जी के तन में बैठकर बितक साहेब लिखवाया आत्मा जन्म मरण से रहीत है ईस लिए परमात्मा का कभी धामगमन नहीं होता है परमात्मा एक है मगर लिला करने के लिए अलग अलग तन में लीला किया उसमें से एक भी तन परमधाम में जा नहीं सकता है क्युकी परमात्मा का जो परमधाम में तन है वो किशोर स्वरुप है और नुरी तन है परमात्मा शब्दातीत है उस को कोई शब्द में नहीं बांधा जा सकता है ईस लिए परमात्मा को धनी,मालिक,पिया राजजी कहते हैं और परमात्मा सिर्फ हिंन्दु का नहीं है वो सब का है हिंन्दु, मुसलमान सीख ईसाई परमधाम से सुरता स्वरुप से आत्माएं आई है धनी ने मुलमिलावा में अपने चरणों में बिठाकर ए खेल दिखा रहे है
पेहले परमात्मा को जानों फिर मानों । व्रत, जप, तप क्या है और परमात्मा तक ये पहुचेंगे कैसे !? कौनसा व्रत, जप तप करना है इसको जान लोगे तो बाबाजी का ठूल्लु भी तुमसे छूट जाएगा ।
जय श्री राम,,,, लेकिन वर्तमान में महाराष्ट्र शिर्डी वाले साईं बाबा को साईं राम ॐ साईं राम उर्फ चांद मियां को भी हर प्रकार से दुकान और होटल में घुसेड़ दिया है ठीक उसी तरह जैसे बांग्लादेशी घुसपैठिये हर,,,,
निजानंद को सुमिर के, सतगुरू का कर ध्यान।
सुंदर साथ के चरणों में, दास करें परनाम।।🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏿🙏🏿🙏🏿
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🌻 ग्रंथ पंथ सब जगत के बात बतावत तीन 🌻
🌻नाम हृदय में मन में दया तन सेवा में लीन 🌻
संसार के सारे अनुभव पहले से ही विधित है और सब का उल्लेख है.. फ़िर भी इंसान कुकर्म करता है.. अंत समय में दुर्गति को प्राप्त करता है..
जागृत मनुष्य कभी भी परमात्मा का स्मरण नहीं भूलता और उस पर माया और छाया का प्रकोप असर नहीं करता., वह मनुष्य परोपकार के लिए जन्मता है..
🌻🌻 प्रणाम जी सुंदरसाथ जी 🌻🌻
❤❤ नाम जपो मन वश करो यही सार है सन्त ❤❤ काहे को पढ़ पच मरो कोटिन ज्ञान गृन्थ
Prem pranam mara valaji namaste 🙏 namaste
Dr.padit sahab dhanyvad ❤
🙏🏽 प्रणाम जी, पेपटेक टाइम चेनल के अंकूर यादव जी को बहुत बहुत वधाई हो ! आपके चेनल के सभी सदस्य को धन्यवाद !
आप के चेनल के माध्यम से प्रणामी सम्प्रदाय के धर्म का रहस्य जनसैलाब याने सुंदरसाथ को मार्गदर्शन देने की सहायक रूप से प्रयास किया हे आप की चेनल टीम को परमात्मा की असीम कृपा बरसाती रहे ऐसी प्रार्थना !🙏🏽🌹
पूज्य श्री धर्मगुरू डॉक्टर दिनेश पंडित के चरणो में प्रणाम !🙏🏽❤️🌹
ओ भाई पहले मानव तो बन जाओ।
धर्म पीछे बना लेना।
वैसे देश से बड़ा कोई धर्म नहीं होता। देश पहले धर्म पीछे।
हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान।।
अंकुर यादव जी धन्यवाद, डां0 दिनेश प्रणामी जी को मेरा प्रणाम। मै इस प्रणामी संप्रदाय से 20 साल से जुडा़ हुं, मेरे समझ से प्रणामी संप्रदाय सबसे पहले शाकाहारी होना, प्राणनाथ के बताये हुए सद्मार्ग पर चलने की शिक्षा देता है। मै परमधाम में जा पाऊ ना जा पाऊ पर कम से कम यह जिवन तो सुधर गया, मुझे बहुत बुरा लगता है जब कोई सुन्दर साथ दुसरे संप्रदाय का बुराई करता है व अपने को सर्वश्रेष्ठ मानता है मेरे समझ से किसी भी संप्रदाय की निंदा नही करनी चाहिए, किसी को अपने से छोटा नहीं समझना चाहिए यदि किसी सुन्दर साथ को मेरी बातें बुरी लगी हों क्षमा करेंगे यह मेरा अपना विचार था। जहाँ तक कुछ लोग इसे हिन्दू धर्म से अलग समझते हैं यह बिलकुल गलत है, हमारा प्रणामी संप्रदाय धर्म से भटके ईन्सान को सिर्फ अच्छाई की ओर ले जाता है।
@@AkshayKumar-ou5tr अब यह प्रणामी धर्म संप्रदाय नहीं रहा अब यह निजानंद धर्म संप्रदाय हो गया है
Nijanand Sampraday ke Dharm Gurujee ne bahut achcha Interview me explain kiya. Thanks .Maharaja Chhatrapal ki Jay Ho !
सब ईश्वर बनने के चक्कर में पडे हुए हैं। मानव जीवन में मानव बनना जरूरी है।
पढाई करो
Jis din Pranami sampraday ko tb ye ni bologe
Jo bole so nihal sat shri akal wahe guru ji ka khalsa wahe guru ji ki Fateh
Pehle Pranami ko samajo phir kabhi nahi kahoge ki sab bhgwan banne ke chakkar main pade hai
Very delighted to learn these all about from pujya guruji. Prem pranaam.
प्रणामी संप्रदाय श्री कृष्ण में विश्वास करता है , दिनेशभाई ने कहा कि हम ज्ञान की पूजा करते है तो फिर भगवद गीता की पूजा करनी चाहिए,
Shri raj shyama ji ke charano me kotishah pranam
आत्मानंद की अनुभूति कराने वाली ज्ञान चर्चा आपका ज्ञान भी अधबूत है बहुत अच्छे प्रशन लिए धन्यवाद
आत्मानंद तो निज स्वरुप का बोध है.....गुरु से भक्ती की चाह होनी चाहिये ...जो हमे भगबदानंद की उपलब्धी कराएगा......sri radhe
❤ pernam ji sunder sath ji ki charnao me koti koti pranam ji ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
धर्म गुरु जी कोर्ट कोर्ट प्रणाम निजानंद संप्रदाय श्री कृष्ण प्रणामी धर्म को बहुत अच्छे से समझाने का प्रयास किया उसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
Shri Rajshyama ji ke charno me dandwat pranam ji
શ્રી રાજશ્યામજી સદા સહાય 🌹🙏 pranam 🌹🙏
Shri Sadguru ji ke charno me dandwat pranam ji
जिज्ञासुओं को बहुत अच्छी तरीकेसे खुलासा कर किया ये महापुरुषजीने प्रणामी धर्मको आधे घंटेकी अन्तर्वार्तासे नहिं जाना जाएगा 14 साल लगे थे सदगुरुको परमात्मासे साक्षात्कार पानेके लिए।
श्री प्राणनाथ संप्रदाय उसके दर्शन के संबंधमें विस्तार पूर्वक जानने का मौका मिला
वार्ता बहुत ही अच्छी व उपयोगी रही, बस एक बात जाननी रह गई कि इस सम्प्रदाय को परनामी सम्प्रदाय क्यों कहते हैं?
Humare sampradaya ko Nijanand sampradaya bola jata hai . Aur jo bhi iss sampradaya se juda hai unhe hum pranami bulate hai
Har insan may parmatama ki Shakti hoti hae koe usay atamaram kahata hai koe chatanyarupa manta hae
Ees liyeh Hindu dharma may aek dusray ko Maan daynay kay liyeh koe pranam kahata hAi koe ram ram kahata hai koee Jay krishna bolta hai
Ese Tarah aek dusray ko pranam karna Hindu dharm ki pranali hae ese Tarah pranami dharm pranam kar na aapana dharm man tay hae
Nejanand sampradae ka Matlab hai nij yani apnay
Apna kon hai ?
Shri krishna parmatama
Anand ka Matlab Anand swarupa shri Shyama maharani
Ese ko hum nejanand sampradae man tay hae
🎉@@virpapatel7660
तुम चरित्र बनावो महान,
श्री कृष्ण की सरण चलो।
वहां देते हैं सब ज्ञान,
योगेश्वर भगवान।
ye sab kaam guru kerte hai....jaise ish sampradaye me "prannath" ko jo suddha hridaye se guru ke rup me baran kerta hai unko prapt hota hai....
में प्रणामी संप्रदाय के संतो से विनती करता हूं कि आपके अनुयाई इनकी कुलदेवी,शिवाजी या किर कोई और देवता में विश्वास न करने के कारण समाज में संप्रदाय के नाम पर कभी ना कभी टकराव होगा और हिन्दू ओ केलिए मुसीबत बनेगी, इसी लिए में आपसे विनती करता हु कि सब को कहे कि आप सभी पूजनीय देवता ओ की पूजा करे और श्री कृष्ण की भक्ति करे साथ में ,,, हिन्दू की रक्षा करना और साथ में समाज संप्रदाय के नाम पर टकराव ना हो इसकभी द्यान आप जैसे महात्मा ओ को रखना चाहिए,,जय श्री कृष्ण
प्रणाम जी
Pranam ji 😊😊😊😊😊
जय गुरु जी जय
सब सौदा संसार में सनातन धर्म का है ध्यान से देखिए एक श्लोक जो श्री मद्भागवत का उसी में इस सम्प्रदाय का सार है। ❤❤ सच्चिदानन्द रूपाय विश्व उतपत्यादी हेतवे तापतराय विनाशाय श्री कृष्णाय वयम नम ❤❤
@@jagdishvaishnav6128 fake
जय यादव जय माधव जय सनातन धर्म जय सनातन संस्कृति बचाने को लिए धन्यवाद
बहुत ही अच्छी वार्ता, जानकारी मिली। धन्यवाद। 😊🙏
Koti koti Prem pranam ji
Parnam ji🙏🙏🌹🌹🌹❤❤❤🙏🙏🙏
Dharm guruji ko
Moti koti pranam ji
इन्सानियत की रक्षा कोई करने को तैयार नहीं खराबी यहीं से शुरू होती है दुनिया में जितने धर्म है सब अपने अपने धर्म की रक्षा की बात करते हैं मगर हर धर्म में विभाजन देखने को मिलेगा।
काेटि काेटी प्रेम प्रणाम जी 🙏🙏🙏🙏
इस्लाम का दूर दूर तक धर्म से कोई सम्बन्ध नहीं है l
@@harishkumar-ci3wz उनकी किताबों को पूरा पढ़
@@harishkumar-ci3wz इन लोगों ने सनातन धर्म की बहुत आलोचना की है अगर हिम्मत है तो इस्लाम की ईसाइयों की आलोचना करके दिखाएं
A
@@sanjayverma4511Aalochna karne ke liye uska knowledge hona jaruri hai
कहते है कि गाँधी जी की माँ इसी संप्रदाय को मानती थी. इसलिए गाँधी क़ुरान पढ़ते थे. इसी कारण गाँधी नें हिन्दुओ का सत्यानाश किया
प्रोफेट मोमो खुद लुटेरा डाकू था
श्रीमदभगवतगीता का अनुसरण करे l जिसे साक्षात भगवान कृष्ण ने कहा l
Meray kaayi best friend yah panth kay hai
Uunkay Dada, dadi say
Mohammad (S.A.W.) ki bhuut saari jaankari muuujay mili hui hai.
मोमो प्रोफेट काल्पनिक है. ऐसा कोई आदमी धरती पर पैदा नहीँ हुआ. सचवाला एडम सीकर जफर हेरेटीक के विडिओ देखे एक्स मुस्लिम इस्लाम की सच्ची पोल खोल रहे है
आज निजांनद की काफी जानकारी मिली, धन्यवाद।
कबीर सागर में पहले ही इस पंथ के बारे में लिख लिया था....अब मैं आठवें पंथ बताऊं, अकिल भंग दूत समझाऊँ.....(ये पंथ कबीर पंथ आठवें पंथ से निकले हुए काल के दूत चलाया हुआ है).....
कबीर सागर के अनुराग सागर पृष्ठ १२२ देखें..
अब मैं आठवें पंथ बताऊँ।अकिल भंग दूत समुझाऊँ ।।
परमधाम कहि पंथ चलावे। कछु कुरान कछु वेद चुरावे।।
कछु कछु निरगुण हमरो लीन्हा।तारतम पोथी इक कीन्हा ।।
राह चलावे ब्रह्मका ज्ञाना।करमी जीव बहुत लपटाना।।
Yeh kabir pantha nahi hae
Pranam
Vah re murkh 😂😂😂😂
Prem pranam all sundarsath ji 🙏
પ્રેમ પ્રણામ 🌹🙏પ્રેમ પ્રણામ 🙏🌹🌲💐🌷🌺💮🌸🪷🏵️🌼🥀👌👍🌅🌄
This पूर्णिमा भगवान श्री कृष्ण ने महारस रचे थे ,, 🍁🌼🌺🌼
पहले इनके संप्रदाय का नाम प्रणामी संप्रदाय था और अब बदल के निजाम संप्रदाय हो गया है
साईं बाबा उर्फ 🤑चांद मियां को भी हर प्रकार से दुकान और होटल में घुसेड़ दिया है ठीक उसी तरह जैसे बांग्लादेशी घुसपैठिये हर,,,,😂
निजाम संप्रदाय नहीं निजानन्द सम्प्रदाय है.
निजानंद- निज आंनद में रहने वाला
निजानन्द को ही प्रणामी कहा जाता है
क्योंकि इस भक्ति शाखा में सिद्धांत है कृष्ण को प्रणाम करने वाले का पुनर्जन्म नहीं होता ।
पोरबंदर ।पोर। टुकड़े बंदर के।।।निजानंद😂 मतलब खुद कि खुशी देखो🎉 सम्प्रदाय ।।सम बराबर प्रदाय देना राष्ट्रीय स्वयं खुद सेवक राष्ट्र देश😂स्वयंसेवक संघ।।
Darjeeling mein humm Pranaami mein rahey .. bahut acha lagaa .
pranamji🙏
Pranam Guru ji.....
सबका मालिक एक है। यही सत्य है, सनातन है।
एंकर ने सटीक सवाल पूछे, सटीक तरीके से
Ek dam sahi kaha ♥️🙏
प्रेम प्रणाम जी 🙏
दिनेशभाई ने कहा कि हम मूर्ति पूजा में विश्वास नहीं करते तो फिर जामनगर प्रणामी मंदिर में श्री राज जी और श्री श्याम जी की मूर्ति बिराज मान है, तो फिर वो क्या है?
Sabhi Hindu hain Sanatani hain ek hokar raho🪷🔱🚩🕉🙏🤎
आपकी बातें सही है, किंतु कोई समझ नही पाएगा, यह गुप्त बाटे है
Prem pranam ji ♥️🙏♥️🙏
Hari om pranam gurudeo.
Koti koto pranm ji❤
दो साल औरंगजेब कों समझाया परंतु समजा नहीं इसका मतलब श्रीकृष्ण परमात्मा होते तों पांडवों कों लेकर युद्ध ऐज कलयाण नीती अपनाइ होती ऐसे महात्मा धर्म के नाम पर सेकुलर की नीती सीखाते रहे और हिन्दू ओका सफ़ाया होता रहा
YE SAB HINDUO KO BRAMIT KARNE KI HI BAT HAI. HINDU SECULAR HO JOTA HAI. EX MUSLIM CHANAL DEKHO, SAB PATA CHAL JAYEGA.
Samaj jata to aurangjeb ka kalyan ho jata lekin usi ka parinam muglo ka khatma hua lekin hindu dharm ko khtam nahi kar paya
Pranamji
प्रेम पृणाम
केवल और केवल अपने नाम से एक नया पथ खड़ा करके हिंदू समाज को आपस में बांटने का यह लोग काम कर रहे हैं धर्म तो एक ही है वेद धर्म
कमेंट करने से पहले इतिहास को जान लो, ये तब की बात है जब औरंगजेब द्वारा हिंदुओं को जबरन मुस्लिम बनाया जा रहा था.. मंदिर तोड़े जा रहे थे... तब स्वामी प्राणनाथ जी ने हिंदू राजाओ को एकत्रित करने का बीड़ा उठाया.. उनके ही मार्ग-दर्शन से महाराजा छत्रसाल जी ने औरंगजेब की सेना को पराजित किया..
GITA mey jo Uttam purus ki baat kahi hain vey sampoorn vishwa ke parmatma hain
Prem Prem Pranam Ji🙏❤️🌹🦚❤️🙏
एक बात्,गौर से सुनो,आप हिन्दु भाई जितने भी भगवानो को पूजते हो,वह अवतार होसकते,पैगंबर होसकते है क्यू की इस धरती पर एक लाख चौबीस हज़ार ईश्वरी दूत आये,है,और से अधिक भी होसकते,,लेकिन वह पूजनीय नही होसकते पूजनीय तो एक ईश्वर,अल्लाह,गॉड ही है जो अलग अलग भाषाओ मैं अलग अलग नामो से पुकरा जाता रहा है,क्या पत्थर की मूर्ति मैं इंसान प्राण डाल सकता है,नही अगर ऐसा होसकता तो फिर आपके पुरखे मरते नही सबको सब जीवित करलेते है,भरम और पाखंड से बहार आओ और जो सही किताबे है उनको पढ़ो,,,
बहुत सुन्दर जानकारी प्रदान किया आपने आपको धन्यवाद
एकोपि कृष्णस्य कृतः प्रणामो दशाश्व मेधाव भृथेन तुल्यः।दशाश्व मेधी पुनरेपि जन्म कृष्ण प्रणामी न पुनर्भवाय बालमुकुन्द प्यासी चन्द्रावल पन्ना म, प्र,
Pranam ji 🙏
भाई मै प्रणामी हुं, एक सनातनी हूँ मैं सभी संप्रदायों से जो अच्छी सिख होती है ग्रहण करता हूँ।
@@AkshayKumar-ou5tr आपके सम्प्रदाय नें ही गाँधी पैदा किया देश का बटवारा और एक करोड़ हिन्दुओ का कत्ल और इतनीही हिन्दू औरतो का रेप कराया. महापाप किया. गाँधी की माँ पुतली बाई इसी सम्प्रदाय से थी. आपके सम्प्रदाय का मठ गाँधी के मकान के पास पोरबंन्द्र मै था. गाँधी के पुत्र नें गाँधी को पत्र लिखा था कि जितना अहित आपने हिन्दुओ का किया है इतिहास मै किसी नें नहीँ किया. इसलिए आप हिमालय चले जाए हिन्दुओ को बख्श दे
Are bhai insaan bano sabse bda dharm manwata hay
@@JawedAli-kq6ek भाई एक अच्छे ईन्सान में क्या गुण होने चाहिए, सहनशीलता,प्रेम भाव, सत्यता, शाकाहारी जिवन, अहंकार का कोई जगह नहीं, यही तो सिखने जातें हैं किसी सत्संग में एक पथ विचलित व्यक्ति भी अच्छा इन्शान बनने का प्रयत्न करता है सत्संग सुनकर।
अपने कर्म को समझ लिया तो फिर धर्म को समझने की आवश्यकता नहीं रह जाती।
Jay shree sachidanand
પ્રેમ પ્રણામ જી
❤prem pranam sundar sat j
Prm prnamji
पीना तंबाकू छोड़ दो, मांस मछली सब।
शराब सब कैफहै परदारा चोरी न कब ।।
मानव तो कोई बनना नही चाहता सब प्रभु बनना चाहता है🌹🌹🌹🌹
बहुत खेद 😔 की बात है
Very well explained
जिस को आप ईसाई मुशलिम एक मानते हो वह आप एक मानते
Pure Sufism hai 😊
प्रणाम 🙏
❤❤❤ नित्य नवीन वैज्ञानिक चिर पुरातन ❤❤❤जय जय शाश्वत सत्य धर्म सनातन ❤❤
Pranamji hajur 🎉
Nice
Shree prannath ko naman
Pernam ji sunder sath ji ki charnao me koti koti pranam ji ❤❤❤❤
एकमात्र सनातन ही धर्म है बाकी सब पंत या मजहब हैं। 🚩🚩🚩
Hindi me Dharm .Urdu me mazhab kahte hai
Atleast dharma religion mazhab ka fark samjh pata ekk English words hai ekk Urdu words hai ekk Sanskrit..to iske matlab sanatan religion nahi hai😂😂
सनातन धर्म नहीं है बल्कि सनातनी हम स्वयं है आत्मा ही सनातन है ज़रा गीता उठकर पढ़ो पता चलेगा क्या है सनातन
Sanaatan ko tumne sirf mazaaq saabit kiya hai. Jiske jo munh mein aata hai bolta hai. Dharam ka naam sanaatan kisi granth mein hai hi nahin.
और सनातन छुवा छूत का नासूर देता है
Shri Rajshyamaji 🙏🙏🙏 Pranam sabhi Sundar sathiji
Manv dhrm hai mahan.sab se unchi prem sagai
Geeta related interpretations having many limitations
कोई भी संप्रदाय का धर्म से कोई संबंध नहीं होता। धर्म कोई संप्रदाय नहीं होता। संप्रदाय कोई भक्ति बनाता है जबकि धर्म अनादि है शास्वत है।
, कोई भी संप्रदाय जब नया नया बनता है तब बच्चों की तरह खेल करता है, मतलब कि बच्चे कि बोली हमें अच्छी लगती हैं मीठी लगती है, लेकिन बडा हो जाता है तब अभिमान आ जाता है, और जो लोग इससे प्यार करते थे बचपन में उसका भी अपमान करता है, वैसे ही संप्रदाय बडा होता है तो सनातन धर्म का अपमान करता है ओर खुद को ही धर्म मानने लगता है ईस के बाद भगवान पतन करते हैं, क्यूं की धर्म भगवान ने बनाया है , संप्रदाय ईनशान ने बनाया है, तो ईनशान को धर्म (सनातन धर्म बाकी सब पंथ) नहीं छोड़ना चाहिए
जी! ऐसा नहीं है प्रणामी संप्रदाय एक प्राचीन संप्रदाय हैं जो लोगों को सद्भर्माग पर चलने की शिक्षा देता है।
aap in mahodaye ke baktabya ko dhyan se sune...2 saal tak dera dale rakha...lekin safal nahi huye.....to kya kahenge सद्भावना ,सन्मार्ग nahi faila paye......@@AkshayKumar-ou5tr
L😊
सभी संप्रदाय समाज के कल्याण केलिए काम करते है,पर हमें चिन्ता इस बात की है कि सभी एक दिन आपस मे ना लड़े और हिन्दू धर्म का पतन ना करे,मित्र हिन्दू ओ के मुख्य ग्रन्थ वेद है इसकी विचार धारा हमेशा याद रखना,,हिन्दू एक झूठ रहे इसी लिए सभी देवता ओ का सम्मान करना ,,सभी त्यौहार आनंद से मानना,,जय श्री कृष्ण
Dharm to Keval sat sanatn dharma ak hi he..... Baki sab sampraday he... Jo samay k anusar badlte rahe he.
श्री प्राणनाथ जी किसी संत , महंत, गुरु, चेला देवी, देवता का नाम नही अपितु निजानंद संप्रदाय सचिदानंद स्वरूप परमात्मा की आवेश शक्ति को प्राणनाथ कहता हैं...श्री प्राणनाथ ने हिंद तथा मुस्लिम दोनो ही धर्म ग्रंथो में जो परमात्मा से जुड़ा सनातन तथ्य आया है उसे स्पष्ट करके दोनो का समन्वय कर सरल भाषा में समझाया हैं कोई यदि कुरान की बात को समझा रहा हैं इसका मतलब ये नही की वो मुस्लिम हैं या कोई मुस्लिम व्यक्ति सनातन की बात समझा रहा है तो इसका ये मतलब नहीं को वो हिंदू हैं ।श्री प्राणनाथ जी ने ना हिंदू को मुसलमान बनाया और ना मुस्लिम को हिंदू बनाया जो जिस धर्म में हैं उसे उसी धर्म ग्रंथ से एक पूर्णब्रह्म सचिदानंद स्वरूप परमात्मा की पहचान कराई...इस लिए प्रत्येक व्यक्ति हिंदू मुस्लिम से ऊपर उठकर अपना दृष्टिकोण व्यापक करें...तथ्य और स्वरूप को ठीक से समझे कोई विकृत मानसिकता नही बनाए...प्रणाम जी
🙏🙏
Bhut sunder samjhaya aapne
भाई चारा अपने पास रखो.. इतिहास पढ़ मेरे भाई मुस्लिमों ने किसी को नहीं बख्शा
ati sundar words me aap ne or logo ko bataya
जो लिखा हैं उसे एक बार पुनः पढ़िए आप समझ नही पाए...कहा क्या गया हैं।
Prem pranam
गीता में स्पष्ट कहा है । आत्मा न जन्मती है और न मरती है । अर्जुन के पूछने पर ये बताया कि तेरे ओर मेरे हजारों जन्म हुए । तू भूल गया मुझे याद है । यहां ही दो बात क्लियर होती है कि आत्मा अखण्ड अजर अमर है । वो जन्म मरण से परे है । आत्मा परमात्मा का अभिन्न अंग है । दूसरी बात खुद कृष्ण केहते है कि मेरे हजारों जन्म हुए जो मुझे याद है तू भूल गया । यही बात को समझनी है कि कॄष्ण जन्म मरण के चक्कर मे आते है । यानी वह खुद परमात्मा नही है । लेकिन उन्होंने परमात्मा की बात बताई है । इसलिए 15वे अध्याय में भी यह बताया क्षर अक्षर दो पुरुष है ओर उत्तम पुरुष उससे भी अलग है । यानी परमात्मा सबसे परे है । गीता का विस्तृत अध्ययन करना जरूरी है ।
पल्लवी जी प्रणाम। आपके विचार सुंदर है।
आप थोड़ा सा अध्ययन और अनुभव करने का प्रयास करेंगी तो स्पष्ट हो जाएगा की परमात्मा अगम अगोचर है।उपनिषद आदि शास्त्रों में परमात्मा को नाम , रूप से परे बताया गया है।
परंतु साकार रूप में भक्ति करने वाले भक्त उस अनंत चेतन सचिदानंद को किसी नाम से पुकारते हैं।सभी भक्तो के अपने अपने भाव होते हैं,इसलिए अलग अलग नामो से पुकारते हैं।
यदि आप परमात्मा का कोई भी नाम नहीं मानती तो फिर उसका नाम केवल श्री कृष्ण भी नही हो सकता,परंतु यदि आप परमात्मा का कुछ भी रूप और नाम स्वीकार करती है तो फिर उसका नाम श्री कृष्ण जी भी हो सकता है।
केवल अपनी धारणा के नाम को स्वीकार करना और दूसरे की धारण पर सवाल खड़े करना सच्चे भक्त का लक्षण नही होता।
प्रणाम जी।
परमात्मा नाम तत्व गुण सबसे परे है । जो ये संसार नही था तब भी वही था और जब ये संसार नही रहेगा तब भी वही रहेगा । यानी परमात्मा ही एक मात्र है । तो जो है ही उनको संसार वाले शब्दों से नवाजा नही जा सकता ।
@@pallavipandya8568 मत नवाजो।
Agar krishna khud parmatma nai he esa bolte he ap to usi samay krishna ye bhi bolte he ki me hi sarvasva hu me hi kshar hu hu me hi akshar hu me hu brahma hu me hi param bramha hu aur ab ye mat bolna ki eo wani alag ayi thi wo ek alag energy thi jo krishna ke muh se boli thi wo chali gayi uska simple ans he wo humare jo narayan he vishnu jo hamare dham ke pehle ate he wo
बहुत बडीया समझाया मगर मगर आज निजानंद सम्प्रदाय में दो विचार धारा पर चलता है उस में एक कृष्णजी को परमधाम में है और परमात्मा वहीं है
परमात्मा ने ब्रज में ११ साल ५२ दिन लीला की उसके बाद योगमाया में नया तन धारण करके बंसरी बजाई जो १४ लोक में सुनाई दिया मगर जो परमधाम की आत्मा थी वहीं योगमाया में कालमाया का तन छोड़कर नया तन योगमाया का धारण कर के अपने धनी से मिला और रास किया और रास में आनंद और विरह की लीला हुई तो सब आत्मा ए बहुत दुखी हुई तो धनी को कहा हम को वो घर ले जाओ हम और आप एक पल के लिए अलग ना हो सके तब परमात्मा ने बताया के वो घर तो परमधाम है जहां जुदाई गई नहीं हो सकती
परमात्मा ने तो ब्रज में कृष्णजी के तन में लिला की उसके बाद योगमाया में नया तन जो परमधाम में है वही किशोर तन में लीला की उसके बाद आरब में महमदसाहेब के तन में लिला की और कुरान उतारा जो परमधाम का ज्ञान है उसके बाद धनी श्री देवचन्द्रजी के तन में लिला की उसके बाद महेराज ठाकुर के तन में लीला करके परमधाम का कुल खजाना है कुलजम स्वरुप साहेब में बानी में उतारा
और लाल दास जी के तन में बैठकर बितक साहेब लिखवाया
आत्मा जन्म मरण से रहीत है
ईस लिए परमात्मा का कभी धामगमन नहीं होता है
परमात्मा एक है मगर लिला करने के लिए अलग अलग तन में लीला किया उसमें से एक भी तन परमधाम में जा नहीं सकता है
क्युकी परमात्मा का जो परमधाम में तन है वो किशोर स्वरुप है और नुरी तन है
परमात्मा शब्दातीत है उस को कोई शब्द में नहीं बांधा जा सकता है
ईस लिए परमात्मा को
धनी,मालिक,पिया राजजी कहते हैं
और परमात्मा सिर्फ हिंन्दु का नहीं है
वो सब का है
हिंन्दु, मुसलमान सीख ईसाई
परमधाम से सुरता स्वरुप से आत्माएं आई है धनी ने मुलमिलावा में अपने चरणों में बिठाकर ए खेल दिखा रहे है
निजानंद संप्रदाय यह कहता है कि ना तो जाप करना है ना तप करना नहीं व्रत रखना है और मूर्ति पूजा भी नहीं करनी है फिर क्या बाबा जी का ठुल्लू पड़े
पेहले परमात्मा को जानों फिर मानों । व्रत, जप, तप क्या है और परमात्मा तक ये पहुचेंगे कैसे !? कौनसा व्रत, जप तप करना है इसको जान लोगे तो बाबाजी का ठूल्लु भी तुमसे छूट जाएगा ।
Aap ko Pata hae ke pranami jap Karte he ya nahi easy hi bologay kisiko niche dikhana hi aapka dharm hea.
Vah
जय श्री राम
जय श्री राम,,,,
लेकिन वर्तमान में महाराष्ट्र शिर्डी वाले साईं बाबा को साईं राम ॐ साईं राम उर्फ चांद मियां को भी हर प्रकार से दुकान और होटल में घुसेड़ दिया है ठीक उसी तरह जैसे बांग्लादेशी घुसपैठिये हर,,,,
श्री प्राणनाथ प्यारे की जय
मूर्ति पूजा इस ए परफेक्ट साइंस
Bahut dukh lgta hai jab har koi bhagvan banne. ki koshish karta hai darasal ye sab sadhu hain sant ore yogi hain
जय श्री राम 🚩🙏
इसी प्रणामी मंदिर मे पन्ना की विधवा रानी को मंदिर के पुजारी ने पूजा नही करने डी थी।
पुजारी को जानकारी सही नही होगी ।
Only sanatan , no other panth, they try to divide sanatani.
🎉