माननीय अभयजी फिरोदिया आप का योगदान अतुलनीय है... समाज के प्रती... देश के प्रती.... इतनी जागृति...सबके दिल को छू लेती है अंतर्मन को सोचने पर मजबूर करती है... हम समाज को क्या दे सकते है? आपका तन मन धन...इसमे लगा दिया 10 साल के निरंतर प्रयास... R and D...पर विशेष जोर... अभ्यासपूर्ण और अलौकिक vision... शब्दो मे बया करना संभव ही नही जैन values express करने के लिए उसे समझना...मन मे उतारना...उसके साथ जीना...then implement करना... यह सब आपने किया... आपके efforts...जैन समाज .... भारत देश...अपितु सारी दुनिया....देखेगी...याद रखेगी...सराहेगी...implement करेगी... बस और क्या...जीवन को सार्थक कर दिया आपने 👌🙏🙏🚩🇮🇳
जैन धर्म के लिये इतनी बड़ी सोचना और उस साकार करना बहुत अदभुत बात है जरूर ही आप महावीर भगवान की तरह ही निर्वाण की ओर अग्रसर हो रहे हो आपका बहुत बहुत अनुमोदना बधाई
अगर आपने खाना 7:30 रखा है तो जैन ट्रेडीशन का क्या मतलब है । जैन धर्म प्रथम सिद्धांत यही है रात्रि में भोजन नहीं करना है आपके यहां पर रात्रि भोजन कराया जा रहा है। यह जैन धर्म का मूल्यांकननहीं है।
जैन धर्म का प्रथम सिद्धांत ये भी है...की बुलाए गए अतिथि गण को ...खाना खिलाया जाय...हा द्रव्य क्षेत्र काल भाव के अनुसार जो उचित है वही किया जाए... जो लोग रात्रिभोज नही करते...वो नही खाएंगे...पर जो रात्रिभोज करते है वह तो भोजन करके ही जायेंगे हम जैन जरूर है...पर कट्टरवाद को टालते है
जैन धर्म मे रात्रिभोज पूर्ण त्याग साधु-संत के लिए है.... हम गृहस्थो के लिए यथाशक्ति उसका पालन करना चाहिए... द्रव्य क्षेत्र काल भाव नुसार उचित आचरण करना चाहिए... जो अतिथिगण है...उनका आतिथ्य बीना भोजन कराए पूर्ण नही होता... जो रात्रिभोज नही करते....उनको उनका धर्म पालने दिजिए... पर जो भोजन करना चाहते है उन्हे तो करवाना ही चाहिए
अनेकांत भी दो तरह का होता है रात्रि में जैन धर्म के सामाजिक कार्य में भोजन कराना मिथ्या अनेकांत है । अनेकांत के नाम पे आप गलत को सही मत बताओ@@meghakothari7901
माननीय अभयजी फिरोदिया आप का योगदान अतुलनीय है...
समाज के प्रती...
देश के प्रती....
इतनी जागृति...सबके दिल को छू लेती है
अंतर्मन को सोचने पर मजबूर करती है...
हम समाज को क्या दे सकते है?
आपका तन मन धन...इसमे लगा दिया
10 साल के निरंतर प्रयास...
R and D...पर विशेष जोर...
अभ्यासपूर्ण और अलौकिक vision...
शब्दो मे बया करना संभव ही नही
जैन values express करने के लिए उसे समझना...मन मे उतारना...उसके साथ जीना...then implement करना...
यह सब आपने किया...
आपके efforts...जैन समाज .... भारत देश...अपितु सारी दुनिया....देखेगी...याद रखेगी...सराहेगी...implement करेगी...
बस और क्या...जीवन को सार्थक कर दिया आपने 👌🙏🙏🚩🇮🇳
आदरणीय, अभय भाई को जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बहुत बहुत बधाई for making wonderful Museum on Jainism.🎉🎉🎉🎉
This institute will help our new generations to know in detail of Jainism
आपके कार्य को भारत का समाज सालों तक सलाम करेगा
जैन धर्म के लिये इतनी बड़ी सोचना और उस साकार करना बहुत अदभुत बात है
जरूर ही आप महावीर भगवान की तरह ही निर्वाण की ओर अग्रसर हो रहे हो आपका बहुत बहुत अनुमोदना बधाई
Heart felt thanks n naman to Ajay Bhai Firodiya. Tons of good wishes on his b'day
Extraordinary work....!!!
We all are proud of you Abhay Ji Firodiya Sir...May God bless you with all the time healthy life 🙏🙏🙏
Bahut bahut anumodna
Happy Birthday Abhay sir
Awesome
Hamne kabhi socha nhi tha ki jahan ham kam karenge vahan ka drishya aisha hoga
नायाब चीज बनाई है।जैन धर्म नये अन्दाज में प्रस्तुत किया है।
अगर आपने खाना 7:30 रखा है तो जैन ट्रेडीशन का क्या मतलब है । जैन धर्म प्रथम सिद्धांत यही है रात्रि में भोजन नहीं करना है आपके यहां पर रात्रि भोजन कराया जा रहा है। यह जैन धर्म का मूल्यांकननहीं है।
भाई...जैन धर्म को खाने तक सीमित कर दोगे क्या
जैन धर्म का प्रथम सिद्धांत ये भी है...की बुलाए गए अतिथि गण को ...खाना खिलाया जाय...हा द्रव्य क्षेत्र काल भाव के अनुसार जो उचित है वही किया जाए...
जो लोग रात्रिभोज नही करते...वो नही खाएंगे...पर जो रात्रिभोज करते है वह तो भोजन करके ही जायेंगे
हम जैन जरूर है...पर कट्टरवाद को टालते है
जैन धर्म मे रात्रिभोज पूर्ण त्याग साधु-संत के लिए है....
हम गृहस्थो के लिए यथाशक्ति उसका पालन करना चाहिए...
द्रव्य क्षेत्र काल भाव नुसार उचित आचरण करना चाहिए...
जो अतिथिगण है...उनका आतिथ्य बीना भोजन कराए पूर्ण नही होता...
जो रात्रिभोज नही करते....उनको उनका धर्म पालने दिजिए...
पर
जो भोजन करना चाहते है उन्हे तो करवाना ही चाहिए
जैन धर्म मे...अनेकान्त वाद भी है
अनेकांत भी दो तरह का होता है रात्रि में जैन धर्म के सामाजिक कार्य में भोजन कराना मिथ्या अनेकांत है । अनेकांत के नाम पे आप गलत को सही मत बताओ@@meghakothari7901
आपकी बहोत अनुमोदना , म्युझियम का फोन नंबर दिजीए प्लिज 🎉