काकभुशुण्डि रामायण
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- เผยแพร่เมื่อ 29 ก.ย. 2024
- उत्तरकाण्ड प्लेलिस्ट
• रामचरितमानस गायन (उत्त...
गयउ गरुड़ जहँ बसइ भुसुण्डा। मति अकुंठ हरि भगति अखंडा॥
देखि सैल प्रसन्न मन भयउ। माया मोह सोच सब गयऊ॥1॥
भावार्थ:-गरुड़जी वहाँ गए जहाँ निर्बाध बुद्धि और पूर्ण भक्ति वाले काकभुशुण्डि बसते थे। उस पर्वत को देखकर उनका मन प्रसन्न हो गया और (उसके दर्शन से ही) सब माया, मोह तथा सोच जाता रहा॥1॥
* करि तड़ाग मज्जन जलपाना। बट तर गयउ हृदयँ हरषाना॥
बृद्ध बृद्ध बिहंग तहँ आए। सुनै राम के चरित सुहाए॥2॥
भावार्थ:-तालाब में स्नान और जलपान करके वे प्रसन्नचित्त से वटवृक्ष के नीचे गए। वहाँ श्री रामजी के सुंदर चरित्र सुनने के लिए बूढ़े-बूढ़े पक्षी आए हुए थे॥2॥
*कथा अरंभ करै सोइ चाहा। तेही समय गयउ खगनाहा॥
आवत देखि सकल खगराजा। हरषेउ बायस सहित समाजा॥3॥
भावार्थ:-भुशुण्डिजी कथा आरंभ करना ही चाहते थे कि उसी समय पक्षीराज गरुड़जी वहाँ जा पहुँचे। पक्षियों के राजा गरुड़जी को आते देखकर काकभुशुण्डिजी सहित सारा पक्षी समाज हर्षित हुआ॥3॥
* अति आदर खगपति कर कीन्हा। स्वागत पूछि सुआसन दीन्हा॥
करि पूजा समेत अनुरागा। मधुर बचन तब बोलेउ कागा॥4॥
भावार्थ:-उन्होंने पक्षीराज गरुड़जी का बहुत ही आदर-सत्कार किया और स्वागत (कुशल) पूछकर बैठने के लिए सुंदर आसन दिया। फिर प्रेम सहित पूजा कर के कागभुशुण्डिजी मधुर वचन बोले-॥4॥
दोहा :
* नाथ कृतारथ भयउँ मैं तव दरसन खगराज।
आयसु देहु सो करौं अब प्रभु आयहु केहि काज॥63 क॥
भावार्थ:-हे नाथ ! हे पक्षीराज ! आपके दर्शन से मैं कृतार्थ हो गया। आप जो आज्ञा दें मैं अब वही करूँ। हे प्रभो ! आप किस कार्य के लिए आए हैं ?॥63 (क)॥
* सदा कृतारथ रूप तुम्ह कह मृदु बचन खगेस।॥
जेहि कै अस्तुति सादर निज मुख कीन्ह महेस॥63 ख॥
भावार्थ:-पक्षीराज गरुड़जी ने कोमल वचन कहे- आप तो सदा ही कृतार्थ रूप हैं, जिनकी बड़ाई स्वयं महादेवजी ने आदरपूर्वक अपने श्रीमुख से की है॥63 (ख)॥
चौपाई :
* सुनहु तात जेहि कारन आयउँ। सो सब भयउ दरस तव पायउँ॥
देखि परम पावन तव आश्रम। गयउ मोह संसय नाना भ्रम॥1॥
भावार्थ:-हे तात! सुनिए, मैं जिस कारण से आया था, वह सब कार्य तो यहाँ आते ही पूरा हो गया। फिर आपके दर्शन भी प्राप्त हो गए। आपका परम पवित्र आश्रम देखकर ही मेरा मोह संदेह और अनेक प्रकार के भ्रम सब जाते रहे॥1॥
* अब श्रीराम कथा अति पावनि। सदा सुखद दुख पुंज नसावनि॥
सादर तात सुनावहु मोही। बार बार बिनवउँ प्रभु तोही॥2॥
भावार्थ:-अब हे तात! आप मुझे श्री रामजी की अत्यंत पवित्र करने वाली, सदा सुख देने वाली और दुःख समूह का नाश करने वाली कथा सादर सहित सुनाएँ। हे प्रभो! मैं बार-बार आप से यही विनती करता हूँ॥2॥
* सुनत गरुड़ कै गिरा बिनीता। सरल सुप्रेम सुखद सुपुनीता॥
भयउ तास मन परम उछाहा। लाग कहै रघुपति गुन गाहा॥3॥
भावार्थ:-गरुड़जी की विनम्र, सरल, सुंदर प्रेमयुक्त, सुप्रद और अत्यंत पवित्र वाणी सुनते ही भुशण्डिजी के मन में परम उत्साह हुआ और वे श्री रघुनाथजी के गुणों की कथा कहने लगे॥3॥
* प्रथमहिं अति अनुराग भवानी। रामचरित सर कहेसि बखानी॥
पुनि नारद कर मोह अपारा। कहेसि बहुरि रावन अवतारा॥4॥
भावार्थ:-हे भवानी! पहले तो उन्होंने बड़े ही प्रेम से रामचरित मानस सरोवर का रूपक समझाकर कहा। फिर नारदजी का अपार मोह और फिर रावण का अवतार कहा॥4॥
* प्रभु अवतार कथा पुनि गाई। तब सिसु चरित कहेसि मन लाई॥5॥
भावार्थ:-फिर प्रभु के अवतार की कथा वर्णन की। तदनन्तर मन लगाकर श्री रामजी की बाल लीलाएँ कहीं॥5॥
दोहा :
* बालचरित कहि बिबिधि बिधि मन महँ परम उछाह।
रिषि आगवन कहेसि पुनि श्रीरघुबीर बिबाह॥64॥
भावार्थ:-मन में परम उत्साह भरकर अनेकों प्रकार की बाल लीलाएँ कहकर, फिर ऋषि विश्वामित्रजी का अयोध्या आना और श्री रघुवीरजी का विवाह वर्णन किया॥64॥
बहुरि राम अभिषेक प्रसंगा। पुनि नृप बचन राज रस भंगा॥
पुरबासिन्ह कर बिरह बिषादा। कहेसि राम लछिमन संबादा॥1॥
भावार्थ:-फिर श्री रामजी के राज्याभिषेक का प्रसंग फिर राजा दशरथजी के वचन से राजरस (राज्याभिषेक के आनंद) में भंग पड़ना, फिर नगर निवासियों का विरह, विषाद और श्री राम-लक्ष्मण का संवाद (बातचीत) कहा॥1॥
* बिपिन गवन केवट अनुरागा। सुरसरि उतरि निवास प्रयागा॥
बालमीक प्रभु मिलन बखाना। चित्रकूट जिमि बसे भगवाना॥2॥
भावार्थ:-श्री राम का वनगमन, केवट का प्रेम, गंगाजी से पार उतरकर प्रयाग में निवास, वाल्मीकिजी और प्रभु श्री रामजी का मिलन और जैसे भगवान् चित्रकूट में बसे, वह सब कहा॥2॥
* सचिवागवन नगर नृप मरना। भरतागवन प्रेम बहु बरना॥
करि नृप क्रिया संग पुरबासी। भरत गए जहाँ प्रभु सुख रासी॥3॥
भावार्थ:-फिर मंत्री सुमंत्रजी का नगर में लौटना, राजा दशरथजी का मरण, भरतजी का (ननिहाल से) अयोध्या में आना और उनके प्रेम का बहुत वर्णन किया। राजा की अन्त्येष्टि क्रिया करके नगर निवासियों को साथ लेकर भरतजी वहाँ गए जहाँ सुख की राशि प्रभु श्री रामचंद्रजी थे॥3॥
* पुनि रघुपति बहु बिधि समुझाए। लै पादुका अवधपुर आए॥
भरत रहनि सुरपति सुत करनी। प्रभु अरु अत्रि भेंट पुनि बरनी॥4॥
भावार्थ:-फिर श्री रघुनाथजी ने उनको बहुत प्रकार से समझाया, जिससे वे खड़ाऊँ लेकर अयोध्यापुरी लौट आए, यह सब कथा कही। भरतजी की नन्दीग्राम में रहने की रीति, इंद्रपुत्र जयंत की नीच करनी और फिर प्रभु श्री रामचंद्रजी और अत्रिजी का मिलाप वर्णन किया॥4॥
दोहा :
* कहि बिराध बध जेहि बिधि देह तजी सरभंग।
बरनि सुतीछन प्रीति पुनि प्रभ अगस्ति सतसंग॥65॥
भावार्थ:-जिस प्रकार विराध का वध हुआ और शरभंगजी ने शरीर त्याग किया, वह प्रसंग कहकर, फिर सुतीक्ष्णजी का प्रेम वर्णन करके प्रभु और अगस्त्यजी का सत्संग वृत्तान्त कहा॥65॥
शेष यहाँ:
hindi.webdunia...
🙏❤️❤❤️❤️❤❤❤️
Jai shri ram Ramayan jai se koi nani hai🙏🏻🛕🛕
अंग्रेजो के हिसाब से मनुष्य को गति के नियमो के बारे में न्यूटन ने बताया है, जो की 1642 में जन्मा था। तुलसीदास जी का निधन 1623 में हुआ था। तुलसीदास जी ने "Multiverse", "Time Dilation" और "Omniverse" बहुत अलग अलग तरह से समझाएं हैं रामचरितमानस में, हिंदुओ को इसके बारे में मालूम होना चाहिए और इस बात पर गर्व होना चाहिए।
Kaha bataya hai bhai
30 July 1623 तुलसीदास की पुण्य तिथि, उससे भी पहले
❤❤❤❤
Correct अनेकों ब्रह्मांड के समूह भरे है इस माया द्वारा रचित सृष्टि में। जिसे गोस्वामी तुलसीदास से बहुत अच्छे से बताया है
@@anuragdubeyawadhdham4680काग भुसुंडी जी का पूरा प्रसंग प्रेम सहित पढ़े
जय श्री सीताराम❤❤❤❤❤❤❤
Jai Shree Ram
Jai bhole naath
🙏 जय श्री सीताराम 🙏
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻💐💐🌹🌹
Ram Ram Ji
Dhanyabadsar❤
🌹🙏जय सियाराम🙏🌹
बचपन में स्कूल जाते समय रेडियो पर सुनते थे TH-cam पर upload करने के लिए धन्यवाद.....
अपना भी यही था.... हर्ष भाई
Right bro jai siya ram
@@VedPrakash-hx1hg hamare bhi.. pitaji chalate the radio. Jai Shree Seeta Ram Bhagwaan..
आप ने मन की बात कह दिया.🙏
सही बात है भाई जी 🙏
श्री रामचरितमानस श्री अयोध्या आकाशवाणी से प्रसारित होता था शाम 5:00 सुनने में उसे समय बड़ा आनंद आता था और आज भी आ रहा है आगे भी सदा आता रहेगा रहेगा
Khushi
Ke
Gurumntra
Laaj
Roko
naath
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Bachchi
Ki
Vanin
Hirdaya
Se
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Lagaiye
बाल्यकालमें आकाशवाणीसे प्रसारित श्रीरामचरितमानसका गायन सुनने हेतु मन अत्यधिक उत्कंठित रहता था।
प्रतिदिन प्रातः पौने सात बजे की प्रतीक्षा रहती थी।
और आज चौबीसों घंटे श्रीरामचरितमानसका गान सुना जा सकता है, सुनते सुनते मन नहीं अघाता है ।
🙏जय सियाराम 🚩
❤
बहुत बहुत धन्यवाद ये अपलोड करने के लिए।
सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम
हरे कृष्णा हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे l
हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे
श्री राम जय राम जय जय राम
Sita Ram Ram Ram Sita Ram Ram Ram Sita Ram Ram Ram Sita Ram Ram Ram Sita Ram Ram Ram Sita Ram Ram Ram Sita Ram Ram Ram Sita Ram Ram Ram Sita Ram Ram Ram Sita Ram Ram Ram Sita Ram Ram Ram Sita Ram Ram Ram Sita Ram Ram Ram Sita Ram Ram Ram Sita Ram Ram Ram
कितने मधुर में धुन में श्री रामचरितमानस की चौपाइयां जिसे सुनकर मन गदगद हो जाता है और रामचरितमानस को पढ़ने की रुचि जागृत हो जाती है । जय श्री राम भाई साहब बहुत बहुत धन्यवाद।
bhagwan shiv sahit bhagwan Ram ke charno me naman.
रामायण सुरतरू को छाया । भये दुःख दूर निकट जो आया
।
❤🎉😅
जय सियाराम | जय काक भूषडी
रामायण तथा इस रामायण रचयिता |
जय भवानी शंकर || 🙏🙏🙏🙏🙏
P
Verybestbhajan
Bahut sundar lekin mera nivedan hai ki eske aage Bhi dusra vedio bhi banaye jhan per ye khatm hua hai uske aage kyunki kbhi mool granth padhe to kbhi sune taki jivan me adhik samay Prabhu ki bhakti me laga ske bahut aabhar hoga aapka bhakto per avm samaj pr dhanyvad
सीता राम हनुमान सीता राम हनुमान सीता राम हनुमान सीता राम हनुमान सीता राम हनुमान सीता राम हनुमान सीता राम हनुमान सीता राम हनुमान सीता राम हनुमान सीता राम हनुमान सीता राम हनुमान सीता राम हनुमान सीता राम हनुमान सीता राम हनुमान सीता राम हनुमान सीता राम हनुमान सीता राम हनुमान जी 🙏
श्री तुलसीदासाय चरण कमलेभ्यो नमः ❤
बहुत शानदार सर 👏👌👌👌💐💐🙏🙏✌✌👏💐💐🙏🙏✌🎉🎉🎉👏👌💐🙏✌✌✌👏👌💐🙏✌🎉🎠🎠
जय श्री राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम ❤❤❤❤❤
Jai shree ram ji.
"Sampurna Ramayan"
Jay-jay Sita-Ram
जय श्री हरि जगदीश नारायण 👏👏
प्रति घर रामायण जी का पाठ प्रतिदिन करना चाहिए। जय सनातन जय राम ❤
JAI SIYARAMJI JAI SHRI HANUMANJI JAI JAI SHIVPARVATIJI JAI GARUDDEVJI JAI BHUSUNDAJI VERY WELL SUNG JAI TULSIJIDASJI JAI RAMCHARITRAMANASJI JAI VALMIKIJI JAI RAMAYANJI JAI NARADJI JAI BHRAMADEVJI JAI SARASWATIJI JAI TULSIJIMAHARANIJI JAI GANAGAMATAJI
बहुत ही सुंदर❤
बार बार सुनने को मन करता है
लगता है कि पूर्ण रामायणजी सुन लिया
धन्यवाद भाई
तन्मयता से मानस को सस्वर सुनना स्वयं में बड़े भाग्य की बात है।इसके श्रवण में अति रुचि होना बिना प्रभु श्रीराम की कृपा के संभव नहीं।❤❤
🙏🙏🙏🙏🙏
परम पावन भक्ति प्रदान करनेवाले भक्तराज काकभुसुन्डि जी व गरुण जी के मानस संवाद का पान अद्भुत आनंद प्रदान करने वाला है। जय श्री राम जय भक्त वत्सल भगवान 🌹🌹🙏🙏
इसके लिए आपको कोटि कोटि प्रणाम करता हूँ।अद्भुत जय सीताराम चंद्र जी की जय प्रभु
Apne bachcho ko ramcharitmanas jarur padaye sansakar bahut jaldi aate he radhe radhe 🙏 sabi bhakton ko ❤❤❤❤🎉😊😊 Jai shree ram jai shree krishna
जय भगवान कागभुशुंडि जी महाराज जी की जय।
Siyawar Ramchandra ki Jay
जय श्री राम। बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति है प्रत्येक व्यक्ति को सादर इसे श्रवण करने का लाभ मिलता है।हर घर में हर सनातनी को सदैव श्रवण और पाठ करना चाहिए।
ह्रदय को परमानन्द देने वाला गरुण कागभुसुंड संवाद अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिसमें पूरी रामायण सुनने का अवसर मिल जाता है।।।।
Thank tuyi
Sitaram ati sundar man ko aanand prassnta denewala path
बहुत सुंदर
मन आनंदित हो जाता है
सम्पूर्ण रामायणजी का पाठ हो गया
ऐसा लगता है जी बार बार सुनने का मन करता है।धन्यवाद ❤,
यही तो अद्भुत काव्य शैली है बाबा तुलसी की कि मानस महाकाव्य का उपसंहार उत्तरकांड के रूप में किया है, जिससे प्रेमी पाठकों को एक बार फिर से पूरे राम चरित का रिवीजन हो जाए।
🙏जय सिया राम🚩जय हो बाबा तुलसी🙏
🙏🙏🙏🙏🙏
Om Namha shivay Om Namha shivay 🙏🙏🌹💗💖🌿 Om Namha shivay 🙏🙏 Om UMAMAHESHWRYE Namha 🙏🙏🌹🌹
Jay shree Ram !!❤ Bahut sunder Aanand AA gya Jay ho prabhu Jay shree Krishna Jay shree Ram ❤
जय जय श्रीसीताराम जय जय हनुमान
जय श्री सीताराम जय श्री राधे कृष्णा जय श्री वीर हनुमान जी की
Har har Mahadev (chhindwara mp)
Jai sri ram🙏
जय काकभुशुण्डि जी जय सियाराम जय हनुमानजी।।🙏🙏🌹🌹🇮🇳🇮🇳
Jai shree ram🌸🌸🙏🙏
Jai shri sita ram ji ki
bade dukh hai iss kambakht zindagi m ...lekin sukha bahut milta hai sun ne m prabhu ka naam
सुख से कई गुना श्रेष्ठ आनंद
जय जय श्री राम जय जय बजरंग बली जय जय गुरुदेव जय जय श्री नीम करौली बाबा कि जय।
Ati uttam prastuti Divya vaani Om 🕉
।।जय श्री सीता राम।। 🙏🙏
परमात्मा आपको सुखी रखें दीर्घायु करें।
आपने रामायण जी को सुनना सरल बना दिया।
आपका उच्चारण भी उत्कृष्ट एवम् अद्भुत है ।
Dr. Vivekanand sharma
🙏🙏
Rajiv Nayan dhare dhanu sayak l bhagati vipati bhanjan sukhdayak ll @@RamcharitManas
जय सिया राम,अति सुंदर श्रीराम स्तुति।
जितनी प्रशंसा की जय श्री मद गोस्वामी दास रचित श्री राम चरित मानस की काम है ज्ञान का सागर।जय श्री सीता राम हनुमान जी महाराज की।।🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
जय श्री सीताराम जय वीर हनुमान जय श्री राधे कृष्णा जय श्री श्याम बाबा जय श्री बागेश्वर बाला जी महाराज जय श्री संन्यासी बाबा 🙏🏻🚩🙏🏻🚩🙏🏻🚩🙏🏻🚩🙏🏻🚩🙏🏻🚩🙏🏻🚩🙏🏻🚩🙏🏻🚩🙏🏻🚩 🙏🏻🚩🙏🏻🚩🙏🏻🚩🙏🏻
Jai Shri Ram 🙏🏼 Jai Hanuman 🙏🏼
जय श्री कृष्णा😍
🙏 *जय श्रीहरि:*🙏
जय जय सियाराम 🙏🙏🙏🚩🙏🙏🙏
⛳⛳⛳👌👌👌⛳⛳⛳🕉🕉🕉 जय गणपति जी की।जय श्री राम जी की।जय महादेव- महादेवी जी की। जय परशु बाबा जी की।जय महावीर जी की। 🕉🕉🕉👌👌👣👣👣🌞🌞🌞🌞🐵🐵🐵⛳⛳⛳⛳
Jai shree ram jai hanuman
जय श्री सीताराम जय श्री सीताराम जय श्री सीताराम जय जय सीताराम जय श्री सीताराम जय श्री सीता राम हनुमान जय श्री सीताराम जय श्री सीताराम जय श्री सीताराम जी महाराज की जय हनुमान जी महाराज की जय सीता राम जी की जय नागेश्वर धाम की जय बाबा की जय श्री राम राम जी महाराज की जय
श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम
जय श्रीराम ❤️🙏
Jai Shri Ram
Jai Bhavani 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏❤️🙏❤️🙏🙏❤️🙏❤️❤️🙏
Adhbhut, apratim. Ashthir chitya ko sthirta pradan karne wala. .. koti koti dhanyawad apko🙏
में धन्य हो गया जै राम 🙏🙏🙏
रामचरित मानस सबसे समृद्ध काब्य हैं। ❤
मानस सुनकर मानस शुद्ध होगया।अब कछु नाथ। न चाही मोरे दीन दयाल अनुग्रह तोरे।जय सियाराम
#adhyatmsiksha
Sahi kaha aapne
Jai sitaram hanuman ji
सियाराम मय सब जग जानी।करहु प्रणाम जोरि जुग पानी।
सुनहु तात जेहि कारण 03:17
Shri Sita Ram Hanuman
Jai ho Bageshvar dham Bala ji maharaj ji ki
जय सियाराम जय जय सियाराम
अतिसुंदर जय श्री राम
श्री सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम 🙏🙏🌹🌷
जय जय श्री राम 🙏 जय जय श्री सीताराम 🙏 ॐनमःशिवाय 🙏 ॐनमःशिवाय 🙏 हर हर महादेव 🙏 हर हर महादेव 🙏 जय जय हनुमान 🙏 जय जय हनुमान 🙏
।। जय श्री रघुकुल शिरोमणि।। जय काशी विश्वनाथ।।🙏🙏🙏🙏
🙏🙏जय श्री राम 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
I remember kaagbhusundi ramayan &
Read daily ....
वाह ! मेरे भी हृदय के काफी करीब हैं ये ।
साधुवाद
Jai shri Ram 🌹🌹🙏🏻
jai jai siya ram🙏🙏🙏
🙏🙏🙏जय श्री राम
Jai shri Ram 🙏
🕉🕉🕉👌👌👌🐵🐵 जय श्री गणेश जी की जय श्री राम जि की जय गौरी- शंकर जी की। जय हनुमान जी की।🕉🕉🕉👌👌👌🐵🐵🐵⛳⛳⛳⛳
भगवान की कथा का वर्णन सुन के मन भाव विभोर हो गया जय हो प्रभु श्री राम लखन सीता सहित कोटि_,2 प्रणाम!!
Jai Shri Ram 🙏🙏🙏
Jy ho prbhu ram chndra ji sita mata khan lal ki jay
Jai Bhavani Shankar 🙏🏻🙏🏻 Om Namha shivay 🙏🙏🌹💗💗💗💖💖 Jai Shri Ram Jai Shri Ram 🙏🌹🌹🙏
कौन जानता था अमंगल घड़ी का लाल😢 एक दिन मंगल का रूप बन जाएगा ✍️🌺🌻🌹🌷💐🌼🦢🙏 परम वैष्णवाचार्य श्री तुलसी दासेभ्यो नम:🙏
भाई जिस ने सब का mangal कर दिया वो amangal कैसे हो सकता है , jay jay ram
@@HimanshuSharma-ic9qy आधा अधूरा क्यों पढ़ते हो?? क्या आपको मालूम नहीं तुलसी बाबा का जन्म अभुक्त गड़ांत मूल नक्षत्र में हुआ था❓कितनी अमंगलकारी घड़ी होती है माता पिता सहित पोषण करने वाली चुनिया दासी का भी निधन हो गया था वो रायबरेली के एक कथावाचक श्री मानवेन्द्र बहादुर सिंह "आश्रित" जी के प्रशंसात्मक कवित्त की पहली लाइन है दूसरी पंक्ति है कौन जानता था द्वार द्वार का भिखारी यह एक दिन कवियों का भूप बन जाएगा... 3....4.....
@@SureshTrivedi-qy1co Sir ये अपना अपना नजरिया हैं आप की सोच आपके साथ ही हमारी सोच हमारे साथ हैं , मैं भी gandmool naxtra में पैदा हुई हूँ पर amangal kari नहीं हूँ किसी के लिए भी वैसे भी जिस पर prabhu राम की kirpa हो जाये उस को ओर क्या चाहिए jay sitaram ,ram ram ,
जय श्री गणेश जय श्री राम जय श्री कृष्णा जय श्री हनुमान
❤सीताराम❤
मन को शांति प्रदान करती है रामचारित मानस 😊😊😊😊❤❤❤
Wonderful voice....thanks for this composition.
Extend great round of gratitude for uploading.
Kashi, Bholenath bhagwan ki jai
जय जय श्री राम 🙏🙏🙏🙏🚩🚩🚩🚩
Jai shree ram 🙏