महापात्र ब्राह्मण बहुत ही विद्वान होते थे। वे इतना बड़ा यज्ञ कराते थे, जिसमें शरीर की आहुति दे दी जाती है। इस महान कार्य को सम्पन्न कराने के लिए महान व्यक्तित्व की जरूरत होती थी। महापात्र मृतक पुरुष के घर जाकर विविध प्रसंगों द्वारा संसार की नश्वरता का उपदेश देते थे। किन्तु दुर्भाग्य यह की ये अपने संस्कारों से ही न हो गये। दान लेना तो अच्छा लगा किन्तु उसे पचाने की शास्त्रीय प्रक्रिया का अभाव हो गया। सभी ब्राह्मण श्रेष्ठ हैं, किन्तु ब्राह्मण को अपना श्रेष्ठता याद है, लेकिन अपने कर्म काण्डों को भूल गया है। ये बात सभी ब्राह्मणों में लागू नहीं है पर ज्यादा तर आचरण से हीन हो गये हैं। यही ब्राह्मणों के पतन का सबसे बड़ा कारण है।
बहुत सुंदर प्रस्तुति दी आपने, मैं एक महापात्र ब्रहामन्न हूं और हमारे यहां अछूत नहीं माना जाता है, कारण कि हम हर समय दान नही लेते हैं और पूर्ण वेद वेदांत के नियमानुसार जीवन जीते हैं संध्या कर्म गायत्री उपासना, के साथ साथ श्री राम चरित्र मानस वा प्रत्येक दिन जब तक सुंदरकांड पाठ न करें तब तक भोजन नही लेते हैं और हर पूर्णिमा और अमावस्या को हवन करते हैं, साथ ही मंत्र अनुष्ठान भी करते हैं जय सियाराम, महापात्र ब्रहामन्न पूर्ण रूप से ब्रहामण होता है अगर वो वेदोक्त आचरण करता हों। जय सियाराम
बहुत ही शिक्षा प्रद जानकारी प्राप्त हुई है। लेकिन हमारे क्षेत्र में तो मृतक के किरिया कर्म के लिए महापात्र ब्रह्मण उपलब्ध ना हो सके तो हमारे कुलपुरोहित ही किरिया कर्म सम्पन्न करवा दिया करते हैं। यदि कोई महापात्र उपलब्ध होता भी है तो वह केवल किरिया कर्म में होने वाले क्रियाकलाप ही सम्पन्न करवाता है जबकि मन्त्रोंचारण हमारे कुलपुरोहित ही करते हैं।
Bilkul Sahi Mere Yaha Bhi Aisa Hi Hota , Mahapatra Brahmin To Sirf Dashva Ki Din Hi Aate Hai, Aur Kriya Kalap Sampann Karake Dudh Pi Kar Daan Dakshina Lekar Chale Jate Hai.
, जैसे निर्धन व्यक्ति किसी को धन नहीं देसकता, उसे धनवान ही देगा,, किसी रोगी का ईलाज वैद्य ही करेगा,उसी प्रकार किसी के सुधिकर्ण करने के लिए वहीं उपयुक्त होता है जो महापात्र/महानायक हो। आप सिवपुराण का अवलोकन करे जिसमे दान तीन कोही देना चाहिए साधू, यति, पात्र , सब विस्तृत मिल जायेगा। धन्यवाद।
ओम नमः शिवाय ! 👍१६९👍 परम पूज्य गुरुजी को हमारा सादर प्रणाम ! सत पात्र में दान करना जरूरी है । अत्यन्त सारगर्भक और ज्ञानपूर्ण बातें बोलने के लिए तह दिल से आप को शुक्रिया । शास्त्रीय सिद्धांत अकाट्य है । शिवपिता परमात्मा की कृपा हमेसा बरसते रहे । 🙏🙏🙏 7:25
श्रद्धेय शंकराचार्य जी, कोटिश: चरण स्पर्श, आपके उत्तर ने हमें भ्रम की स्थिति में ला दिया है, आपके कथनानुसार, 'दान' सद्पात्र को ही देना चाहिए। और अगर कूपात्र को दान दिया गया तो वह दान पाप के समान होगा। श्राद्ध का दान एक प्रकार से महादान है अतः इस दान को ग्रहण करने वाला सद्पात्र "महापात्र ब्राह्मण" ही होगा। और अब आगे आप इस बात को खुद ही कह रहे हैं कि, वे महापात्र ब्राह्मण जो श्राद्ध का दान लेते हैं, वे महापात्र ब्राह्मण अपने कर्मों को सही ढंग से नहीं कर पाते या रख पाते है, अतः आप या अन्य ब्राह्मणों ने उन महापात्र ब्राह्मणों को अपने से अलग {"(अछूत)" 'मैं इस शब्द का प्रयोग नहीं करना चाहता हूं, लेकिन परस्थिति वश इस शब्द का प्रयोग किया गया है'}कर दिया। अर्थात् अब वे महापात्र ब्राह्मण सद्पात्र नहीं हुए। इसीलिए तो आपने या अन्य ब्राह्मणों ने उन्हें अपने से अलग कर दिया क्योंकि अब वह सद्पात्र नहीं रहे। अर्थात श्राद्ध का दान अब महापात्र ब्राह्मणों को नहीं देना चाहिए। तो प्रभु कृपा करें और बताएं कि अब श्राद्ध का दान किन सद्पात्र ब्राह्मणों को दिया जाए। जो श्राद्ध का दान ग्रहण भी करें और आपके बगल में पुरे सम्मान के साथ बैठ भी सकें। मार्गदर्शन करें प्रभु.. मार्गदर्शन करें.....।
कलयुग में सब शुद्र या शुद्रावत हो जायेंगे इस बात को शास्त्रों में कहा गया है अतः अधिक विचार नहीं करे करे तो ये की अन्न जल भूखे प्यासे को और धन गोशाला में त्रन खली आदि दान करें और वस्त्र निर्धन विवस्त्र को अनाथ को और सर्वोपरि श्री गुरु को दान करें मेरी समझ से यही सुपात्र है
Achhut kahne wale murkh hain brahman brahman hai yedi is parampara ko na nibhjay ya koi braman mritak atma ki shanti ya parijano ki santusti ke liye inhi brahmano me se nikal kar mahabrahman ban jate hain kyuki mahabrahman hi is daan ko le sakta hai. Yadi yeh daan na le to woh bhi wahi braman agar na le to yeh parampra ka hras hoga.
Grudeb ki charno me koti koti naman, may bhi Mohapatra brahmin hnu aur JAGANNATHJI puri ke Mukti mandap pandit mahasabha ke sadashya hnu yeban Puri ke Rajan ke pratisthit brahman sashan ki nibashi hnu
@@itachisensei3306 तियाड़ी पुली त्रिपाठी ब्राह्मण शासन ग्राम है ओडिशा में। उनके पास प्रमाण मिलेंगे। कुछ ही त्रिपाठी ब्राह्मणों को प्राप्त हुआ है, उनके कुछ कर्म उस समय रहे होंगे।
@@KALKIKALIYUG It's not fully correct... Tripathy ke gotra sabanashya hai and Mohapatra title ke brahman ke gotra Bachhasa or kauchhasa hota hai... To admi ke naam badalta hai title badal ta hai magar gotra keise badlega?
गुरुजी गुजरात में घनश्याम पांडे उर्फ स्वामी नारायण नाम के नक़ली भगवान ने बहुत उपद्रव मचा रखा है, ओर अपने आप को सर्वोपरि बताकर कर हमारे महादेव ओर श्री राम ओर श्री कृष्ण को तुच्छ बता रहे हैं, जबकि घनश्याम पांडे नाम का कोई अवतार ही नहीं हुआ है भगवान श्री हरि विष्णु जी का, आप ईस नक़ली भगवान से सनातन धर्मी ओ की रक्षा करें, और हमारी आने वाली पीढ़ी को कपोल-कल्पित संप्रदाय ओर कपोल-कल्पित भगवान से बचाए, आपको बहुत बहुत प्रणाम गुरु जी सनातन धर्म की जय हो
प्रणाम गुरु जी 🙏🏽💐 मैं अभिमन्यु तिवारी जौनपुर उत्तर प्रदेश से ,, मेरा प्रश्न यह है की क्या तेरहवीं का भोजन ग्रहण करना भी श्राद्ध का ही भोजन माना जायेगा ।। जो महापात्र को बिदा करने के बाद और गौर गणेश होने के बाद तेरवी का भोजन होता है 💐🙏🏽🙏🏽
सनातन धर्म में नीच और अछूत शब्द किसी समाज या जाति के दिल में घाव बनाकर अपमानित करने के लिए काफी है।आपका उत्तर दिल में कुछ छुपाकर बोल रहा है ।सम्मान जनक उत्तर नही मिल पाया।
गुरु देव प्रणाम मेरा कोई गुरु नहीं था और में ज्ञान और मंत्र जप करना चाहता हु क्या आप मुझे शिवजी या विष्णु जी का कोई ऐसा मंत्र बता सकते हे जिससे उनकी कृपा प्राप्त हो सके जय जय नारायण हरी हरी
महाराज श्री प्रणाम 🙏 यह प्रश्न अभय जी का परिछिन्न सूचना को प्रतिपादित करता है। मैं जगन्नाथपुरी से हुँ, यहाँ हम महापात्र ब्राह्मण गोवर्धन मठ और श्रीमन्दिर में विधेय श्रौत,स्मार्त कर्म में अधिकृत हैं । भगबत्पाद आदि शंकराचार्य कृत मुक्तिमण्डप पण्डित सभा का परम्परा आपके तथ्य से एकमत नहीं है । जय जगन्नाथ हर हर हर महादेव
@@ShivendraPandey-oo9lg Shivendra Ji, thanks for your reply and information. I would truly appreciate if you can produce any scriptural means to know this difference in brief. Pranam Pandey Ji 🙏
@@k.sanjitmohapatra8724 उत्तर भारत मे मृत्युसंस्कार व उसके बाद के कर्म को कराने वाले ब्राह्मण को महाब्राह्मण कहते है कही कही महा आचार्य भी कहते है। पंजाब मे चारजी पंडत कहते है ।
@@k.sanjitmohapatra8724 उत्तर भारत मे मृत्युसंस्कार व उसके बाद के कर्म को कराने वाले ब्राह्मण को महाब्राह्मण कहते है कही कही महा आचार्य भी कहते है। पंजाब मे चारजी पंडत कहते है ।
परमपूज्य गुरुदेव जी के पावन चरणारविन्द में मेरा कोटिश : प्रणाम ! गुरुदेव जी , मरणाशौच में मुखाग्नि से पूर्व जो पिण्डोपरि दक्षिणा चढ़वाई जाती है उसे महापात्र लेते हैं अथवा उस कर्मकाण्ड को सम्पन्न कराने वाला ब्राह्मण ? कृपया जनकल्याणार्थ स्पष्ट करें | 🙏🙏
आज कोई किसीकोभी अछूत नहीं मानता । इस बातका इन्हे " ज्ञान " नहीं ! वाह ! बहोत खूब !!! गतं न शोच्यम् । इस बातका भी इन्हें ज्ञान नहीं ! नष्टं मृतमतिक्रान्तं नानु शोचन्ति पण्डिताः । पण्डितानां च मूर्खाणां विशेषोयं यतः स्मृतः । इस श्लोकके अनुसार इनकी गणना मूर्खोमें होती है या पण्डितोमे ? सोचने वाली बात है !!!
@@ashishsingh9904तो फिर तुम्हारा तीन कौडीका दिखादो । अक्ल और पांडित्यमे फर्क है । पोथिया पढनेसे नही आती है अक्ल । कीसी अंगूठाछाप के पास भी पीएचडी वालेसे जादा हो सकती है । इस गधेके पार तो रत्तीभर भी नहीं दिखती । इंजीनियर हूँ मगर संस्कृत इसे भी पढा दूंगा ।
महाराज जी के चरणों में कोटि कोटि वंदन महाराज जी मेरा नाम रामवीर है में राजस्थान से हूँ मेरी उमर २२ वर्ष है तथा में २ साल से गृहस्थ जीवन में हूँ में और में वैश्य वर्ण से हूँ महाराज जी में पिछले कई वर्ष से नियमित गायत्री जपना चाहता हूँ हमारे यहाँ उपनयन संस्कार नहीं होता है क्या कोई ऐसी विधि है जिससे की मैं नियमित गायत्री जप कर सकु प्रणाम…. #प्रश्न प्रबोध
परम गुरु शंकराचार्य जी को सादर प्रणाम। गुरुजी शिवालय पूजन के लिए कहा जाता है कि पहले मस्तक पर चंदन का तिलक लगाकर जाना चाहिए। तो अगर हम पहले खुद ही मस्तक पर चंदन तिलक लगा लेते हैं तो शिव जी को फिर कैसे कौन सा चंदन तिलक लगाए। कृपया मार्गदर्शन कीजिए।
guru ji aapke charanon me Mera Sadar pranam mera naam (Suyash hai main shudr kul mein janma Hun) Mera prashn yah hai ki maine aapke video me yah Suna tha ki koi bhi Mantra Jaap karne se pahle Diksha leni padati hai Maine Guru Mantra ki Diksha Li Hui hai main yah Janna chahta hun ki main Hanuman chalisa kabhi roj paath ya jap karna chahta hun to kya mujhe Hanuman chalisa ki bhi Diksha leni padegi aur agar main kisi aur stotr yah Mantra ka Jaap ya patha karna chahta hun to kya mujhe uski bhi Diksha leni padegi
Hanuman chalisa durga chalisa ke liye diksha ki jarurat nhi padti hai lekin suna hai Bajrang baad ke liye chahiye hoti hai kyuki usme tantrokta mantra hai
Param Pujya Gurudev ki Charan Kamal main mera koti koti pranam 🙏 Gurudev, 'Utkal Barhman' aur 'Ghrita Kaushik' gotra ke utpati ke baare main krupaya karke bataiye.
Plz ek hi krpa kriye sb ...kisi ko divid Mt kro ...sbko ek kro ...klyug k khtem hone se phle ...Taki setyug .Mai shi jgh stand kr paye ....bhuvad se ekatmvad ki trf chelo ....insanity ki bhlai k Kam kro ....Jay Mata di
#प्रश्न प्रबोध गुरु जी सारस्वत भट्ट ब्राह्मण ये 3 13 के ब्राह्मणों में बड़े है क्योंकि शुक्ल मिश्र दुबे तिवारी पांडेय इनकी उत्तपत्ति बाद में हुए इस लिए इनको सतबेर्रा कुजात व इनको छोटा निम्न श्रेणी का माना जाता है 📖
😮शकराचार्य महाराज अगर महापात्र ऐसा नहीं करेंगे तो कौन करेगा। जो कर रहा है वह समाजिक व्यस्था का हिस्सा है वह गलत नहीं है। समाज में सबकी जरूरत हैं। कोई छोटा कोई बड़ा नहीं होता।
ये ज़रूरी नहीं बड़ा आदमी मुर्ख नही होता मूर्ख आदमी भी बड़ा होता है ये शंकराचार्य बाद में है पहले ये मुर्ख है जो कर्म के नाम पर उच्च नीच बता रहा है हमारे शरीर से भी उच्च नीचे तय हो सकता है.
गुरुदेव जी के चरणों में प्रणाम और मैं बिहार सिवान से पूछना चाहता हूं कि मरे हुए व्यक्तियों की दान रात कम करने से क्या फायदा और दान देने से क्या उनके पास पहुंचता है या यह पाखंड है जिस तरह आजकल ब्राह्मणवाद समाज में फैला है और जो श्राद्ध कर्म की जो विधि है जो आजकल बहुत अधिक बढ़ चुकी है इस पर आप प्रकाश डालिए के किस तरह आदमी का तर्पण करने से उसको पिंड डालने से आदमी का दर्पण हो सकता है
महापात्र ब्राह्मण बहुत ही विद्वान होते थे। वे इतना बड़ा यज्ञ कराते थे, जिसमें शरीर की आहुति दे दी जाती है। इस महान कार्य को सम्पन्न कराने के लिए महान व्यक्तित्व की जरूरत होती थी। महापात्र मृतक पुरुष के घर जाकर विविध प्रसंगों द्वारा संसार की नश्वरता का उपदेश देते थे। किन्तु दुर्भाग्य यह की ये अपने संस्कारों से ही न हो गये। दान लेना तो अच्छा लगा किन्तु उसे पचाने की शास्त्रीय प्रक्रिया का अभाव हो गया। सभी ब्राह्मण श्रेष्ठ हैं, किन्तु ब्राह्मण को अपना श्रेष्ठता याद है, लेकिन अपने कर्म काण्डों को भूल गया है। ये बात सभी ब्राह्मणों में लागू नहीं है पर ज्यादा तर आचरण से हीन हो गये हैं। यही ब्राह्मणों के पतन का सबसे बड़ा कारण है।
बहुत सुंदर प्रस्तुति दी आपने, मैं एक महापात्र ब्रहामन्न हूं और हमारे यहां अछूत नहीं माना जाता है, कारण कि हम हर समय दान नही लेते हैं और पूर्ण वेद वेदांत के नियमानुसार जीवन जीते हैं संध्या कर्म गायत्री उपासना, के साथ साथ श्री राम चरित्र मानस वा प्रत्येक दिन जब तक सुंदरकांड पाठ न करें तब तक भोजन नही लेते हैं और हर पूर्णिमा और अमावस्या को हवन करते हैं, साथ ही मंत्र अनुष्ठान भी करते हैं जय सियाराम, महापात्र ब्रहामन्न पूर्ण रूप से ब्रहामण होता है अगर वो वेदोक्त आचरण करता हों। जय सियाराम
Kya khub kaha hai achharya jii apne
क्या sandilya brahaman महापात्र brahaman hote हैं
जय हो ।
सब में भगवान है भगवान में सब है अज्ञान के कारण इतने अभेद है कि अभेद रहित भगवान की पहचान कठिन है 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
गुरुवर शंकराचार्य भगवान के श्री चरणों में दंडवत प्रणाम
बहुत ही शिक्षा प्रद जानकारी प्राप्त हुई है। लेकिन हमारे क्षेत्र में तो मृतक के किरिया कर्म के लिए महापात्र ब्रह्मण उपलब्ध ना हो सके तो हमारे कुलपुरोहित ही किरिया कर्म सम्पन्न करवा दिया करते हैं। यदि कोई महापात्र उपलब्ध होता भी है तो वह केवल किरिया कर्म में होने वाले क्रियाकलाप ही सम्पन्न करवाता है जबकि मन्त्रोंचारण हमारे कुलपुरोहित ही करते हैं।
Bilkul Sahi Mere Yaha Bhi Aisa Hi Hota , Mahapatra Brahmin To Sirf Dashva Ki Din Hi Aate Hai, Aur Kriya Kalap Sampann Karake Dudh Pi Kar Daan Dakshina Lekar Chale Jate Hai.
, जैसे निर्धन व्यक्ति किसी को धन नहीं देसकता, उसे धनवान ही देगा,, किसी रोगी का ईलाज वैद्य ही करेगा,उसी प्रकार किसी के सुधिकर्ण करने के लिए वहीं उपयुक्त होता है जो महापात्र/महानायक हो। आप सिवपुराण का अवलोकन करे जिसमे दान तीन कोही देना चाहिए साधू, यति, पात्र , सब विस्तृत मिल जायेगा। धन्यवाद।
Mai Goswami hoo aur mai janta hoo mahapatra sresth brahman hai mere yaha bahut rich hai mahapatra
100koti pronam moharaj sami sri ❤❤❤
परमपूज्य गुरुदेव के श्री चरणों में कोटि कोटि प्रणाम ।
श्री राम जय राम जय जय राम ।
शिव शिव शम्भो हर हर महादेव ।
हर हर महादेव। सद्गुरु आप श्री के चरणों में कोटी कोटी नमन।
चातुर्वर्ण्यं मया सृष्टं गुणकर्मविभागशः । तस्य कर्तारमपि मां विद्ध्यकर्तारमव्ययम् ॥
गुरुदेव के श्री चरणों में कृष्ण मोहन मिश्र का सादर दंडवत प्रणाम
Koti koti pranam guruji 🙏🏻 🌹 🌷 ⚘️
Har Har Mahadav ❤
ओम नमः शिवाय ! 👍१६९👍 परम पूज्य गुरुजी को हमारा सादर प्रणाम ! सत पात्र में दान करना जरूरी है । अत्यन्त सारगर्भक और ज्ञानपूर्ण बातें बोलने के लिए तह दिल से आप को शुक्रिया । शास्त्रीय सिद्धांत अकाट्य है । शिवपिता परमात्मा की कृपा हमेसा बरसते रहे । 🙏🙏🙏 7:25
श्रद्धेय शंकराचार्य जी, कोटिश: चरण स्पर्श, आपके उत्तर ने हमें भ्रम की स्थिति में ला दिया है, आपके कथनानुसार, 'दान' सद्पात्र को ही देना चाहिए। और अगर कूपात्र को दान दिया गया तो वह दान पाप के समान होगा। श्राद्ध का दान एक प्रकार से महादान है अतः इस दान को ग्रहण करने वाला सद्पात्र "महापात्र ब्राह्मण" ही होगा।
और अब आगे आप इस बात को खुद ही कह रहे हैं कि, वे महापात्र ब्राह्मण जो श्राद्ध का दान लेते हैं, वे महापात्र ब्राह्मण अपने कर्मों को सही ढंग से नहीं कर पाते या रख पाते है, अतः आप या अन्य ब्राह्मणों ने उन महापात्र ब्राह्मणों को अपने से अलग {"(अछूत)" 'मैं इस शब्द का प्रयोग नहीं करना चाहता हूं, लेकिन परस्थिति वश इस शब्द का प्रयोग किया गया है'}कर दिया। अर्थात् अब वे महापात्र ब्राह्मण सद्पात्र नहीं हुए। इसीलिए तो आपने या अन्य ब्राह्मणों ने उन्हें अपने से अलग कर दिया क्योंकि अब वह सद्पात्र नहीं रहे।
अर्थात श्राद्ध का दान अब महापात्र ब्राह्मणों को नहीं देना चाहिए।
तो प्रभु कृपा करें और बताएं कि अब श्राद्ध का दान किन सद्पात्र ब्राह्मणों को दिया जाए। जो श्राद्ध का दान ग्रहण भी करें और आपके बगल में पुरे सम्मान के साथ बैठ भी सकें। मार्गदर्शन करें प्रभु.. मार्गदर्शन करें.....।
कलयुग में सब शुद्र या शुद्रावत हो जायेंगे इस बात को शास्त्रों में कहा गया है अतः अधिक विचार नहीं करे
करे तो ये की अन्न जल भूखे प्यासे को
और धन गोशाला में त्रन खली आदि दान करें
और वस्त्र निर्धन विवस्त्र को
अनाथ को और सर्वोपरि श्री गुरु को दान करें
मेरी समझ से यही सुपात्र है
Achhut kahne wale murkh hain brahman brahman hai yedi is parampara ko na nibhjay ya koi braman mritak atma ki shanti ya parijano ki santusti ke liye inhi brahmano me se nikal kar mahabrahman ban jate hain kyuki mahabrahman hi is daan ko le sakta hai. Yadi yeh daan na le to woh bhi wahi braman agar na le to yeh parampra ka hras hoga.
गुरुदेव के चरणों में दंडवत प्रणाम
Sabhi.brahman.ek.hay
@@user-vy6mi3ng9pहमलोग नहीं मानते हैं ये एक नौटंकी हैं ब्राह्मण वर्ण मे बहुत सी जाति हैं
महात्मन एक छोटा प्रश्न....
भूमिहार ब्राह्मणों की उत्पत्ति पर प्रकाश डालिये ❤
भगवान परशुराम केआदेशानुसार जो ब्राह्मण आजीविका हेतु कृषि करने लगे वही भूमिहार ब्राह्मण कहलाए
Varn shankar ko bhumihar kahte hain
Grudeb ki charno me koti koti naman, may bhi Mohapatra brahmin hnu aur JAGANNATHJI puri ke Mukti mandap pandit mahasabha ke sadashya hnu yeban Puri ke Rajan ke pratisthit brahman sashan ki nibashi hnu
Jay GuruDev 🙏🌹
Jai shankaraachaary ji bhagwaan
ओडिशा (उत्कल/कलिंग) के राजा ने त्रिपाठी ब्राह्मणों को महापात्र की उपाधि दी थी।
महापात्र एक उपाधि है।
शंकराचार्य गुरु जी की जय🙏
Saare tripathy ko diya tha yaa kuch hi??
Kyunki mere jaan pehchan wale utkal brahman hain jinka tripathy surname hai, odisha ke rourkela seher main.
@@itachisensei3306 तियाड़ी पुली त्रिपाठी ब्राह्मण शासन ग्राम है ओडिशा में। उनके पास प्रमाण मिलेंगे। कुछ ही त्रिपाठी ब्राह्मणों को प्राप्त हुआ है, उनके कुछ कर्म उस समय रहे होंगे।
@@KALKIKALIYUG It's not fully correct... Tripathy ke gotra sabanashya hai and Mohapatra title ke brahman ke gotra Bachhasa or kauchhasa hota hai...
To admi ke naam badalta hai title badal ta hai magar gotra keise badlega?
@@pratyushrath गोत्र गुरु से बदलता है ऐसा वर्णन है वेदों में
@@KALKIKALIYUG to upadhi Milne se keise gotra badlega... Yeh Kahan likha hai?
प्रणाम गुरुजी आपने बहुत अच्छी जानकारी दी धन्यवाद🎉❤
Satya Satya aapke chardho mein Naman hai yeise jankari Dene ke liye 🙏🙏🙏🙏
Pranam guruji
परमपूज्य गुरुदेव शंकराचार्य जी के चरणों सादर नमन🙏
Jagatguru bhagavan ko sadar pranam aap hamari Shankao ka isi prakar karate rahe
Bilkul Sarya Guru Ji.Aapka yah marg Darshan uttam hai.
Namo Narayan 🙏
गुरुजी गुजरात में घनश्याम पांडे उर्फ स्वामी नारायण नाम के नक़ली भगवान ने बहुत उपद्रव मचा रखा है, ओर अपने आप को सर्वोपरि बताकर कर हमारे महादेव ओर श्री राम ओर श्री कृष्ण को तुच्छ बता रहे हैं, जबकि घनश्याम पांडे नाम का कोई अवतार ही नहीं हुआ है भगवान श्री हरि विष्णु जी का, आप ईस नक़ली भगवान से सनातन धर्मी ओ की रक्षा करें, और हमारी आने वाली पीढ़ी को कपोल-कल्पित संप्रदाय ओर कपोल-कल्पित भगवान से बचाए, आपको बहुत बहुत प्रणाम गुरु जी
सनातन धर्म की जय हो
Pujya Maharaj ke video ke Madhyam se Hi Sahi Baba Gauri kedareshwar ki ghantiyon ka Shravan ho jata hai
Pranam Jagat guruji
Jai Siyaram 🌹
Adbhut visleshan 🌹
Jai ho Shankaracharya Maharaj 🌹
देदीप्यमान सूर्य की भांति अज्ञानांधकार को दूर करने वाले भगवान शंकराचार्य जी के श्री चरणों में सादर प्रणाम।
ब्राह्मण तो ब्राह्मण है यही काम सही है
🙏🌹🌸🌸🌸💐🌺🌺💐🌸🌸🌹🌹🌸🌸🌹🌸💐🌺🌺💐🌸🌹🌸🌸🌸🌸💐🌺🌺💐🌸🌹🌹🌹🌸💐💐🌺🌺🌸🌸🌹🌸🌸💐🌺🌺🙏 गुरु देव भगवान् की जय श्री चरणों में बारंबार नमन🙏
नारायण 🙏
जय श्री राम हर हर महादेव
प्रणाम गुरु जी 🙏🏽💐
मैं अभिमन्यु तिवारी जौनपुर उत्तर प्रदेश से ,,
मेरा प्रश्न यह है की क्या तेरहवीं का भोजन ग्रहण करना भी श्राद्ध का ही भोजन माना जायेगा ।। जो महापात्र को बिदा करने के बाद और गौर गणेश होने के बाद तेरवी का भोजन होता है 💐🙏🏽🙏🏽
नहीं भाई जहां भोजन शब्द आ गया वहां कोई दोष नहीं है
पं शिवम पाण्डेय नन्दपुर
@@shivampandeyshivampandey730 धन्यवाद panday गुरुजी 💐🙏🏽
धन्यवाद गुरुजी 🙏
Pranam guru ji..
सनातन धर्म में नीच और अछूत शब्द
किसी समाज या जाति के दिल में घाव
बनाकर अपमानित करने के लिए काफी है।आपका उत्तर दिल में कुछ
छुपाकर बोल रहा है ।सम्मान जनक
उत्तर नही मिल पाया।
आपके कदम पड़ते ही ज्ञानवापी में
पूजन होने लगा जय शिव शंकर
Jai Shri radhe Krishna 🙏🙏
गुरु देव प्रणाम
मेरा कोई गुरु नहीं था
और में ज्ञान और मंत्र जप करना चाहता हु
क्या आप मुझे शिवजी या विष्णु जी का कोई ऐसा मंत्र बता सकते हे जिससे
उनकी कृपा प्राप्त हो सके
जय जय नारायण हरी हरी
जय श्री राम।
महाराज श्री प्रणाम 🙏
यह प्रश्न अभय जी का परिछिन्न सूचना को प्रतिपादित करता है।
मैं जगन्नाथपुरी से हुँ, यहाँ हम महापात्र ब्राह्मण गोवर्धन मठ और श्रीमन्दिर में विधेय श्रौत,स्मार्त कर्म में अधिकृत हैं ।
भगबत्पाद आदि शंकराचार्य कृत मुक्तिमण्डप पण्डित सभा का परम्परा आपके तथ्य से एकमत नहीं है ।
जय जगन्नाथ
हर हर हर महादेव
Odisha ke mahapatra or north ke mahapatra me antar hai
@@ShivendraPandey-oo9lg Shivendra Ji, thanks for your reply and information. I would truly appreciate if you can produce any scriptural means to know this difference in brief.
Pranam Pandey Ji 🙏
@@k.sanjitmohapatra8724 उत्तर भारत मे मृत्युसंस्कार व उसके बाद के कर्म को कराने वाले ब्राह्मण को
महाब्राह्मण कहते है कही कही महा आचार्य भी कहते है। पंजाब मे चारजी पंडत कहते है ।
@@k.sanjitmohapatra8724 उत्तर भारत मे मृत्युसंस्कार व उसके बाद के कर्म को कराने वाले ब्राह्मण को
महाब्राह्मण कहते है कही कही महा आचार्य भी कहते है। पंजाब मे चारजी पंडत कहते है ।
@@sumantdogra3278 जी । 🙏
🙏🙏
हमारे गांव में महापात्रों की बस्ती है। गायत्री जप , तिनों प्रहर की सन्ध्या और अमावस्या पूर्णिमा को हवन सभी के घरों में होता था।
Bhagwan shankaracharya ji 🙏🙏🙏
परमपूज्य गुरुदेव जी के पावन चरणारविन्द में मेरा कोटिश : प्रणाम ! गुरुदेव जी , मरणाशौच में मुखाग्नि से पूर्व जो पिण्डोपरि दक्षिणा चढ़वाई जाती है उसे महापात्र लेते हैं अथवा उस कर्मकाण्ड को सम्पन्न कराने वाला ब्राह्मण ? कृपया जनकल्याणार्थ स्पष्ट करें | 🙏🙏
परम पूज्य, प्रातर्स्मरणीय श्रद्धेय गुरुदेव जी, सादर चरण स्पर्श ! गुरुदेव जी, वेदपाठ में ' य ' को कब ' य ' और कब ' ज ' पढ़ा जाता है ? 🙏🙏
Guru jee ke sarno main monu babu ke pranam
❤❤❤❤❤❤jay shiv shmbhu
आज कोई किसीकोभी अछूत नहीं मानता । इस बातका इन्हे " ज्ञान " नहीं ! वाह ! बहोत खूब !!!
गतं न शोच्यम् । इस बातका भी इन्हें ज्ञान नहीं !
नष्टं मृतमतिक्रान्तं नानु शोचन्ति पण्डिताः ।
पण्डितानां च मूर्खाणां विशेषोयं यतः स्मृतः ।
इस श्लोकके अनुसार इनकी गणना मूर्खोमें होती है या पण्डितोमे ? सोचने वाली बात है !!!
तुम्हारा दो कौड़ी का पांडित्य झलक रहा है
@@ashishsingh9904तो फिर तुम्हारा तीन कौडीका दिखादो । अक्ल और पांडित्यमे फर्क है । पोथिया पढनेसे नही आती है अक्ल । कीसी अंगूठाछाप के पास भी पीएचडी वालेसे जादा हो सकती है । इस गधेके पार तो रत्तीभर भी नहीं दिखती । इंजीनियर हूँ मगर संस्कृत इसे भी पढा दूंगा ।
महाराज जी के चरणों में कोटि कोटि वंदन
महाराज जी मेरा नाम रामवीर है में राजस्थान से हूँ मेरी उमर २२ वर्ष है तथा में २ साल से गृहस्थ जीवन में हूँ में और में वैश्य वर्ण से हूँ
महाराज जी में पिछले कई वर्ष से नियमित गायत्री जपना चाहता हूँ हमारे यहाँ उपनयन संस्कार नहीं होता है क्या कोई ऐसी विधि है
जिससे की मैं नियमित गायत्री जप कर सकु
प्रणाम….
#प्रश्न प्रबोध
परम गुरु शंकराचार्य जी को सादर प्रणाम।
गुरुजी शिवालय पूजन के लिए कहा जाता है कि पहले मस्तक पर चंदन का तिलक लगाकर जाना चाहिए। तो अगर हम पहले खुद ही मस्तक पर चंदन तिलक लगा लेते हैं तो शिव जी को फिर कैसे कौन सा चंदन तिलक लगाए।
कृपया मार्गदर्शन कीजिए।
guru ji aapke charanon me Mera Sadar pranam mera naam (Suyash hai main shudr kul mein janma Hun) Mera prashn yah hai ki maine aapke video me yah Suna tha ki koi bhi Mantra Jaap karne se pahle Diksha leni padati hai Maine Guru Mantra ki Diksha Li Hui hai main yah Janna chahta hun ki main Hanuman chalisa kabhi roj paath ya jap karna chahta hun to kya mujhe Hanuman chalisa ki bhi Diksha leni padegi aur agar main kisi aur stotr yah Mantra ka Jaap ya patha karna chahta hun to kya mujhe uski bhi Diksha leni padegi
श्राद्ध कर्म भी तो वैदिक कर्म ही है। श्राद्ध का दान महा दान है उसे देने के लिए महापात्र ही चाहिए।
Hanuman chalisa durga chalisa ke liye diksha ki jarurat nhi padti hai lekin suna hai Bajrang baad ke liye chahiye hoti hai kyuki usme tantrokta mantra hai
Mahapatra is great
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🏵️🌼🚩🌹🕉️💐🔱🪔🥀🌺🌻🌷 શિવ સ્વરૂપ જ્ઞાન સ્વરૂપ ભક્તિ સ્વરૂપ આદિ જગતગુરુ શંકરાચાર્ય સ્વરૂપ સદગુરુ ભગવાન દત્તાત્રે સ્વરૂપ શ્રી શ્રી 1008 પદ્મવિભૂષિત પરમહંસ ધર્મ સમ્રાટ સ્વામી અવિ મુક્તેશ્વર આનંદ સરસ્વતીજી મહારાજના ચરણ કમલમો કોટી કોટી દંડવત નમસ્કાર 🙏🏻🙏🏻💐💐🌺🔱🌺🌺🌺🌺💐🌹 શિવ શિવ શંભુ હર હર મહાદેવ શ્રી રામ જય રામ જય જય રામ 🙏🙏🏻💐
Sahi margdarshan dijiye
जय गुरुदत्ता 🌹
सीता राम जी
ऊँ नमोनारायण सा
🙏🏻
Param Pujya Gurudev ki Charan Kamal main mera koti koti pranam 🙏
Gurudev, 'Utkal Barhman' aur 'Ghrita Kaushik' gotra ke utpati ke baare main krupaya karke bataiye.
Jay ho apki mharaj ji
Plz ek hi krpa kriye sb ...kisi ko divid Mt kro ...sbko ek kro ...klyug k khtem hone se phle ...Taki setyug .Mai shi jgh stand kr paye ....bhuvad se ekatmvad ki trf chelo ....insanity ki bhlai k Kam kro ....Jay Mata di
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ब्राह्मण ही दान पात्र होता है,और कोई क्यो नही ?
#प्रश्न प्रबोध गुरु जी सारस्वत भट्ट ब्राह्मण ये 3 13 के ब्राह्मणों में बड़े है क्योंकि शुक्ल मिश्र दुबे तिवारी पांडेय इनकी उत्तपत्ति बाद में हुए इस लिए इनको सतबेर्रा कुजात व इनको छोटा निम्न श्रेणी का माना जाता है 📖
याद रखना रामभद्राचार्य की वजह से नही,पूज्य शंकराचार्य भगवान के कारण हम राम मंदिर केस जीते
अच्छा भैया जी और कुछ ।।
आ गए भेद भाव करने..... जाओ पहले धो लो
@@hemanttiwari2201😂😂😂 बिल्कुल सही
बिल्कुल सही बोला आपने
Thik hain bhai...Sab hinduon ke liye huaa..
Jai sai
Mohapatra brahman odisha me bahot uchi auda mein Hain... Mohapatra brahman Raja maharaja tatha gajapati Maharaj ki kulguru aur mantri ki auda hai...
❤❤❤❤❤❤ he Guru Brahma Guru Vishnu Mahesh Shankar Bhagwan aapke saat dip nau Khand mein Guru se bada Na
Work ethics matters only ... ....
😮
Guru ji kya hum vaijanti mala dharan kar saktey hai..plz guide..
Jai shiv shankar
Jai sri Chitragupt bhagwan
Jai ho shankaracharya ji ki
शंकराचार्य जी मेरा एक सवाल है। भूमिहार लोग ब्राह्मण होते क्या?
गुरुदेव प्रणाम, ब्राह्मण में सनाध्य,कान्यकुब्ज सर्युपरीय क्या होते है।
Grudev ki jai
Gurudev agar tisri pede me mretyu ho jai to kitne din me diksha leni chahiye
moharaj ji pronam, giriraj sila o saligram sila seba ham kor sakte? hamara karsop gotro, rakesh middya , west bengal
Korsop gotra nahi kashyap gotra hoga.
Giriraj sila aur saligram sila ke pooja Archana karne keliye yagyopavit ka hona anirvarya hai.
पूज्य भगवान सादर प्रणाम, श्रीमाली ब्राह्मण की उत्पति का वर्णन ब्राह्मण उत्पत्ति मार्तंड के अलावा और किस ग्रंथ में है।
Pujya gurudev kya ghar me shivling chota sa rakh sakte hn
Only tuff ha tuff ha pachna
😮शकराचार्य महाराज अगर महापात्र ऐसा नहीं करेंगे तो कौन करेगा। जो कर
रहा है वह समाजिक व्यस्था का हिस्सा है
वह गलत नहीं है। समाज में सबकी जरूरत हैं। कोई छोटा कोई बड़ा नहीं
होता।
ये ज़रूरी नहीं बड़ा आदमी मुर्ख नही होता मूर्ख आदमी भी बड़ा होता है ये शंकराचार्य बाद में है पहले ये मुर्ख है जो कर्म के नाम पर उच्च नीच बता रहा है हमारे शरीर से भी उच्च नीचे तय हो सकता है.
Pranam guruji guruji ham Uttar Pradesh k Saharanpur se bol rahe hain Punam Kumari guruji kya ham aapke mukh se Shri Vidya Ko pa sakte
Maharaj ji agar apse kuchh puchhna hai to kaha mass kar sakte hai
How to send questions to get answer from the Shankaracharya ji? Is there any email id?
Bhai niche video me hi hai WhatsApp, Twitter, email sab
@@harvy345 thanks a lot!!
Guruji Ham gaytri purushcharan ke bare mein Chhoti Se Chhoti detail bhi Janna Chahte the Kuchh kaise karen kahan Karen Kitna Jab Karen aur jabki biddhi Vidhan Kaise Hoti Hai kab aashram Mein Karen kab na Karen 🙏🙏
Money ka matter unka .... Takk
गुरुदेव जी के चरणों में प्रणाम और मैं बिहार सिवान से पूछना चाहता हूं कि मरे हुए व्यक्तियों की दान रात कम करने से क्या फायदा और दान देने से क्या उनके पास पहुंचता है या यह पाखंड है जिस तरह आजकल ब्राह्मणवाद समाज में फैला है और जो श्राद्ध कर्म की जो विधि है जो आजकल बहुत अधिक बढ़ चुकी है इस पर आप प्रकाश डालिए के किस तरह आदमी का तर्पण करने से उसको पिंड डालने से आदमी का दर्पण हो सकता है
इस युग में भी जाति और धन सारे भगवाधारी इसमें लिपटे हुए है जाती नहीं छोड़ सकते ट्रेन के विचार पुराने और बेमतलब हो चुके हैं
Har har mahadev 🕉️.gurudev ke charnarvind me koti koti charn bandan.srotriya brahman ki utptti kaise hua hai. Kripa karke prkashit Karen.
Yah narak kahan per hai
Guruji 🙏🙏🙏🙏aap prayagraj mein hain aap se mil sakte hain...agar aap ko izazat hooo
Bilkul aap milskate hai magh mela maharaj ji ka shivir laga hua hai
Sanskar alag h per uche niche nahi h
तब तो ब्राम्हण को कभी दान नहीं करना चाहिए, हमेशा दीन , दुखी को ही करना चाहिए