शिव भक्त शुक्राचार्य कैसे बने पश्चिम के पैगम्बरों के खुदा ?

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  • เผยแพร่เมื่อ 29 ก.พ. 2024
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ความคิดเห็น • 1.3K

  • @RASHTRANITINEWS
    @RASHTRANITINEWS  3 หลายเดือนก่อน +78

    इस सीरीज के सभी वीडियो यहां इस playlist से देखे ।
    There is a Playlist containing series of videos with Dr. Rahul Shukla
    th-cam.com/play/PLTTX9uy7b46j_oKY4hgXnQijCfT9szQhJ.html

    • @TimePassVideos995
      @TimePassVideos995 2 หลายเดือนก่อน +4

      मेरे विचार से डॉक्टर साहब को दशम ग्रंथ में से 24 अवतार की कथा पढ़नी चाहिए और उसमें भी अरिहंत देव की कथा जिससे सारा डाउट क्लियर हो जाएगा मूसा से लेकर ईशातक
      पैगंबर मूसा और ईशा के पिता कौन है सब कुछ इसमें लिखा हुआ है हर एक को यह कथा जरूर पढ़नी चाहिए
      यह कथा यूट्यूब पर भी मौजूद है
      ज्ञानी शेर सिंह जी दोबारा अरहंत देव की कथा कही गई है उसमें यह सब कुछ खोल कर बताया गया है

    • @Linecurve
      @Linecurve 2 หลายเดือนก่อน +1

      @@TimePassVideos995 bilkul Bhai apka samarthan krta hu

    • @Linecurve
      @Linecurve 2 หลายเดือนก่อน +2

      @@TimePassVideos995 ye Rahul ji na hindu he na musalman or ye kabr muja Tani mazar puja ki bate krta he iski ek vedio usmein ye bare yahi kr rah hindu na mazar jate ho jane lage

    • @Linecurve
      @Linecurve 2 หลายเดือนก่อน +1

      @@TimePassVideos995 Bhai ye Islam ka I nhi aata or ise Islam ka sabse pahale paigam ka naam bta de jaanu kitna sahi bta rah

    • @Linecurve
      @Linecurve 2 หลายเดือนก่อน +1

      @@TimePassVideos995 ye bilkul glt bta rah or bta ese rah jaise real mulla ho hindu baat hi dusre tarah krta he

  • @ROBIN-ug8hu
    @ROBIN-ug8hu 2 หลายเดือนก่อน +398

    साला मुझे तो पहले ही शक था 😂😂
    यही कलयुग के दानब है 😂

  • @ankitkaushal5393
    @ankitkaushal5393 2 หลายเดือนก่อน +633

    सत्य कहा शुक्रराचार्य देत्यो के गुरू थे. जो दैत्य आज के मुस्लिम है..

  • @user-pr1bt3sk7x
    @user-pr1bt3sk7x 2 หลายเดือนก่อน +384

    इसलिए अरब वाले "शुक्राना" अदा करते हैं शुक्रान् बोलते हैं। सबसे बड़ा क्लू यही है

    • @abhishekbhattacharya2149
      @abhishekbhattacharya2149 2 หลายเดือนก่อน +40

      अल्लाह का *शुक्र* है, *शुक्रवार* (जुम्मे) की नमाज, शुकरान अल्लाह

    • @Anujsuryawansi
      @Anujsuryawansi 2 หลายเดือนก่อน +18

      Wow ekdam sahi😮

    • @user-pr1bt3sk7x
      @user-pr1bt3sk7x 2 หลายเดือนก่อน +12

      @@abhishekbhattacharya2149 Exactly.

    • @ROBIN-ug8hu
      @ROBIN-ug8hu 2 หลายเดือนก่อน +15

      @@abhishekbhattacharya2149 दल्लाह की खोज करते रहो 😂

    • @faisontour7731
      @faisontour7731 2 หลายเดือนก่อน

      Yes 💯 ​@@abhishekbhattacharya2149

  • @Help_Eveyone
    @Help_Eveyone 2 หลายเดือนก่อน +103

    सीधी सी और साफ बात है असुर भगवान विष्णु से नफ़रत करते है और असुरो के गुरु शुक्राचार्य है
    और असुरो के किसी भी षड्यंत्र को भगवान विष्णु कभी पूरा नहीं होने देंगे क्योंकि सृष्टी का चक्र गड़बड़ा जायेगा ll
    भगवान विष्णु से ज्यादा चतुर शुक्राचार्य कभी हो ही नहीं सकता और भगवान विष्णु ज़ब भी धरती पर जन्म लेते है तब स्वयं महाकाल उनकी सहायता के लिये उपस्थित रहते है
    हर हर महादेव 🙏

    • @Jake-Lockley
      @Jake-Lockley 2 หลายเดือนก่อน +1

      जब रामायण का युद्ध समाप्त होता है, राक्षसों का नाश हो जाता है, लेकिन एक शूर्पणखा ही थी, जो राक्षस गुरु शुक्राचार्य की मदद से भगवान शिव जी की तपस्या करती है ताकि उसका कुल नष्ट न हो, तब शिव जी प्रकट होते हैं और वरदान मांगने के लिए कहते हैं, तब शूर्पणखा वरदान मांगती है कि उसकी आने वाली पीढ़ियां नष्ट न हों, तब शिव जी एक शिवलिंग के रूप में प्रकट होते हैं और कहते हैं कि यदि कोई वैष्णव इस शिवलिंग पर गंगा जल अर्पित करेगा, तो राक्षसों का कुल नष्ट हो जाएगा (इसके पीछे का कारण यह भी हो सकता है कि असुर भगवान विष्णु से नफ़रत करते है और असुरो के गुरु शुक्राचार्य है), तब राक्षस गुरु शुक्राचार्य ने उस शिवलिंग को हम हिंदुओं से दूर रेगिस्तान में स्थापित किया और उनके अनुयायियों ने उसके चारों ओर एक दीवार बना दी और उसे काले कपड़े से ढक दिया, फिर शूर्पणखा ने वहां से अपने कुल को आगे बढ़ाया, फिर शूर्पणखा की नाक कटी होने के कारण, वह अपना चेहरा काले कपड़े से ढकने लगी और यह परंपरा उसके मुख्य बच्चों में भी आई। छोटी लड़कियों से लेकर बड़ी महिलाओं तक, सभी ने इस परंपरा का पालन किया यह परंपरा को आज बुरखा कहते है। स्रोत:- ओडिया रामायण
      और ये मुसलमान जिनकी पूजा करते हैं, वे उनके राक्षस गुरु शुक्राचार्य हैं जो उनके लिए अल्लाह हैं।
      और आज भी शुक्रवार उनके लिए प्रार्थना करने के लिए महत्वपूर्ण है चाहे वह मुसलमानों के लिए हो या ईसाइयों के लिए गुड फ्राइडे।
      जब आप तीर्थयात्रियों के बिना मक्का की तस्वीर देखेंगे, तो आप देखेंगे कि वहाँ एक काला बॉक्स है और उसके चारों ओर एक रेखा है जो शिवलिंग के समान दिखाई देगी, इसकी संरचना शिवलिंग के समान है।
      और जिस कमरे में शिवलिंग है उसे हमेशा बंद रखा जाता है, उसे कभी नहीं खोला जाता है और केवल मुसलमान ही उसकी पूजा कर सकते हैं, गैर-मुस्लिम कभी भी उस स्थान के अंदर नहीं जा सकते।
      एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि इस्लाम कभी भी मूर्ति की पूजा नहीं करता है. यहाँ तक कि हमारे महान हिंदू जैसे श्री राम/श्री कृष्ण सभी ने केवल शिवलिंग की पूजा की है। श्री राम शिवलिंग की पूजा करते थे, मूर्ति की नहीं।
      आपका उत्तर “हाँ” है।
      यह मक्का में शिवलिंग है। अलग-अलग रीति-रिवाजों और प्रोटोकॉल के साथ पूजा की जाती है।
      नाम है मक्केश्वर (शिव जी)
      ये राक्षस हज़ारों सालों से इस धरती पर जहाँ भी रहते हैं, आतंक फैलाते हैं आ रहे है उनका रहन सहन जानवरो जैसे मांस भक्षण करना उनके पवित्र मास रमजान और ईद जैसे त्योहार में मांस के बिना उत्सव होना असंभव ही है, संभोग करना (अपनी माता और बहन को भी काम वासना भोग वस्तु की तरह देखना और नारियों को खेत की तरह व्यवहार करना यह तो उनके इस्लामिक लेख हदीथ में लिखा ही है), गैर मुस्लिम पर अत्याचार करना, उनको जबरदस्ती से इस्लाम कबूलवाना, उनके धार्मिक उत्सव और कार्यों पर बांधा उत्पन्न करना उनसे हमेशा लड़ते रहना (यह उनके लेख हदीथ में लिखा है) जैसे की यह दैत्य असुर राक्षस हजार साल से करते आ रहे है।
      परंतु असुरो के किसी भी षड्यंत्र को भगवान विष्णु कभी पूरा नहीं होने देंगे क्योंकि सृष्टी का चक्र गड़बड़ा जायेगा। इसीलिए श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा था जब ज़ब धर्म की हानि होती है मैं जन्म लेता हु भगवान विष्णु से ज्यादा चतुर शुक्राचार्य कभी हो ही नहीं सकता और भगवान विष्णु ज़ब भी धरती पर जन्म लेते है तब स्वयं महाकाल उनकी सहायता के लिये उपस्थित रहते है।
      हर हर महादेव 🙏🏼

    • @Vats678
      @Vats678 หลายเดือนก่อน +4

      Shri Krishna ne Bhagwad Gita me apni 82 vibhuti ke baare me bataya he jisme Shankar bhagwan, Shukracharya,Mirtyu,Amrit bhi he

    • @mayankindian3750
      @mayankindian3750 19 วันที่ผ่านมา

      Bhai ye aduric privati hai abrhamic religion ki uska kaaran bhi yhi hai pehle Judaism se shuru hui fir Christianity me gayi uske Baad islam me 😊

  • @fastx_gaming
    @fastx_gaming 2 หลายเดือนก่อน +532

    ये बिलकुल सच है, की सुक्राचार्या ही अल्लाह है, जब आप भी इसकी गहन खोज करो तो यही निकलेगा, जो मुस्लिम में देखने को मिलता भी है, जैसे राक्षोसो में गुण था।

    • @Linecurve
      @Linecurve 2 หลายเดือนก่อน +8

      Tumko kisne bataya Galt baato Mt fase shukra charya khuda nhi na na oaigmbr kyonki Islam koi oaigmbr murtujak nhi hua he or shukracharya murti not follow Islam thik shukra charya bhagwan ne kisi koi khas glt kam nhi kiya balki niti ke acharya the

    • @Linecurve
      @Linecurve 2 หลายเดือนก่อน +3

      Murkh Bhai kaha likha he tumne kabhi kuran padi

    • @Linecurve
      @Linecurve 2 หลายเดือนก่อน +4

      Allah puryipujako ko pasand nhi krta

    • @Linecurve
      @Linecurve 2 หลายเดือนก่อน +2

      Aap bilkul Galt bata rahe ismein sach bhikul nhi balki sirf jhoot he shukrachrya is not Allah thik or Islam mein Allah ke alawa kisi ko pujna khuda ke bhi khilaf he tumhe kuch nhi pta na

    • @Linecurve
      @Linecurve 2 หลายเดือนก่อน +2

      Fastx gaming tumhe na to hindu ke bare pta na musalmano ke bare pta jhuta likhta bhi ho jo bilkul hi glt he

  • @rahulmishra-ik6fm
    @rahulmishra-ik6fm 2 หลายเดือนก่อน +72

    आपका जवाब और व्याख्या बहुत तर्क पूर्ण है और समझाने का तरीका भी बहुत प्रभावी है

    • @Linecurve
      @Linecurve หลายเดือนก่อน +1

      Shukracharya bhagwan ki jay ho

    • @bigshowscrolls
      @bigshowscrolls หลายเดือนก่อน

      😂😂😂😂​@@Linecurve

    • @aparnabhardwaj2771
      @aparnabhardwaj2771 หลายเดือนก่อน

      Akal ka istemaal karo

    • @aparnabhardwaj2771
      @aparnabhardwaj2771 หลายเดือนก่อน

      Aise toh Mohammad ko bhi kalki kaha jata hai kuch is jaise tuchhon ke dwara,woh bhi Maan le

  • @HindNewsOfficial
    @HindNewsOfficial 2 หลายเดือนก่อน +153

    हां कई सारे प्रमाण हैं जो इसी बात की ओर इशारा करते हैं
    1 ये शुक्रवार यानी जुम्मे को ही क्यों इतना महत्वपूर्ण मानते हैं
    2 में शुक्रगुजार हूं ,शुकराना या शुक्रान बोलते हैं
    3 शुक्राचार्य असुरकुल के गुरु थे
    4 वह सूर्पनखा के साथ अरब प्रदेश में गए जो की शुक्राचार्य के पोते का नाम था अरभ
    इस तरह की कई चीजों का वर्णन कल्कि पुराण में भविष्य पुराण , भगवत पुराण में और कई ग्रंथो में लिखा है

    • @Jake-Lockley
      @Jake-Lockley 2 หลายเดือนก่อน +1

      जब रामायण का युद्ध समाप्त हुआ तो राक्षसों का अंत हो चुका था, लेकिन एक शूर्पणखा थी, जो अपने कुल का नाश न हो, इसके लिए दैत्य गुरु शुक्राचार्य की सहायता से भगवान शिव की तपस्या करती है, तब शिवजी प्रकट होते हैं और वरदान मांगने को कहते हैं, तब शूर्पणखा ने वरदान मांगा कि उसकी आने वाली पीढ़ी नष्ट न हो, तब शिवजी ने शिवलिंग प्रकट किया और कहा कि यदि कोई वैष्णव इस शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाएगा तो राक्षसों के कुल का विनाश हो जाएगा, फिर दैत्य गुरु शुक्राचार्य हम हिंदुओं से दूर रेगिस्तान में शिवलिंग स्थापित किया और उनके मानने वालों ने उसके किनारों पर एक दीवार बना दी और उसे काले कपड़े से ढक दिया, फिर वहां शूर्पणखा ने अपने परिवार को आगे बढ़ाया, फिर सूर्पणखा की नाक कट जाने के कारण वह अपना चेहरा काले कपड़े से ढक लेती थी और यही परंपरा उसके आने वाली पीढ़ी ने निभाई, छोटी लड़कियों से लेकर बड़ी उम्र की महिलाएं तक इस परंपरा का पालन करती थीं।
      और ये मुसलमान जिनकी पूजा करते हैं वो हैं उनके दैत्य गुरु शुक्राचार्य जो उनके लिए अल्लाह हैं।
      और आज भी ये राक्षस जहां भी रहते हैं वहां आतंक फैलाते हैं।
      स्रोत:- उड़िया रामायण

    • @Linecurve
      @Linecurve 2 หลายเดือนก่อน +2

      Lekin kuran ke anusar ye pramanit nhi shukracharya ka koi Islam se Lena Dena nhi shukracharya hamre bahut bade vidwan bahut jul achhe brahmin he

    • @Linecurve
      @Linecurve 2 หลายเดือนก่อน +1

      Shukracharya asur guru he lekin musalman guru nhi thik

    • @Linecurve
      @Linecurve 2 หลายเดือนก่อน +1

      Koi bhi musalman murti ki ibadat nhi krta or shukracharya karte the wo ki paigamber ho nhi sakte

    • @harsingh7218
      @harsingh7218 หลายเดือนก่อน +7

      ​@@Linecurveshukracharya murti Pooja nahi karte the , wo devtao or murti Pooja ke ghor virodhi the.
      Wo sirf bhagwan Shiv ko nirakar roop mai poojte the
      Kaba makka- madi mai jo black stone hai , wo shiv ling hi hai .
      Jise shukracharya ji ne bhart bhumi se dur registan mai esthapit kiya gaya taki koi samatani usami dudha Ganga jal nahi chada paye ,
      Or shukracharya ke kahne par hi Nabi ne wah jagah samatani ke liye ban , varjit kar diya
      Or Jo jamjam ka Pani hai Maa Ganga hai, kiyuki jaha bhi Shiv ling hoga waha Maa Ganga hoti hai

  • @SurendraSinghArya12-1ddn-uk
    @SurendraSinghArya12-1ddn-uk หลายเดือนก่อน +14

    अद्भुद ! हम शुक्राचार्य की कथा को जानते-पढ़ते रहे हैं किंतु जिस नावदृष्टि और परिदृश्य के साथ आपने इसकी व्याख्या के सारतत्व को समझाया है उसने तो हमारी सम्पूर्ण विचार दृष्टि को नया आयाम दे दिया। धन्यवाद !❤❤🎉🎉

  • @user-lo1zs8yg9l
    @user-lo1zs8yg9l 2 หลายเดือนก่อน +124

    अति उत्तम 100% समर्थन है

  • @jyotivyas9286
    @jyotivyas9286 2 หลายเดือนก่อน +108

    बहुत ज्ञान मिला😢😮हरे राम हरे कृष्ण। 🎉🎉ॐ नमः शिवाय।

    • @RASHTRANITINEWS
      @RASHTRANITINEWS  2 หลายเดือนก่อน +8

      जय श्री कृष्ण

  • @pawankshirsagar9373
    @pawankshirsagar9373 2 หลายเดือนก่อน +134

    अरे हां अब समझा दैत्य गुरु शुक्राचार्य ने मारे गए को पुनः जीवित किया था और कयामत के दिन सब जिंदा हो जायेंगे अभी लॉजिक समझा❤❤❤

    • @jyotivyas9286
      @jyotivyas9286 2 หลายเดือนก่อน +12

      Accha brother Dhanyvaad😮जय सनातन धर्म।

    • @RASHTRANITINEWS
      @RASHTRANITINEWS  2 หลายเดือนก่อน +22

      हर हर महादेव

    • @moumitaparamanik2928
      @moumitaparamanik2928 หลายเดือนก่อน +2

      Tavvi me sochu sukro colour white he ..Muslim Friday ko white pehen te he ..or ittar v lagate he 😮😮😮

    • @Hhhhjin666
      @Hhhhjin666 หลายเดือนก่อน

      ​@@RASHTRANITINEWS are ling m itching ho rhe h syyd koi Puja kr rha h iske😅😅😅😅

    • @motivatminut
      @motivatminut 27 วันที่ผ่านมา

      Ye kayamat ka din koi or nhi... Jab kali purush or kalki ka yudh hoga. Us time sukracharya ayenge. Or murdo ko jinda kr k.. Kalki ke virudh khada krenge.. Or kali purush(kalyug) ka shastra AI hoga..

  • @rewatiramanpandey1611
    @rewatiramanpandey1611 หลายเดือนก่อน +18

    आधुनिक युग के आप शुक्र पुराण के रचयिता माने जा सकते है । सनातन संस्कृति कि खोज में आपके बढ़ते हुए एक और कदम सादर प्रणाम 🙏

  • @user-ok3jp1ti9k
    @user-ok3jp1ti9k 2 หลายเดือนก่อน +115

    राष्ट्र में सभी लोग एक समान सच्चे शिवभक्त सनातनी हिंदू हैं

    • @somnathghosal6954
      @somnathghosal6954 2 หลายเดือนก่อน +3

      Har Har Mahadeb.

    • @user-cm8fb4zk7w
      @user-cm8fb4zk7w 2 หลายเดือนก่อน +2

      Sabhi ek saman keise wo rakchhaso k vansaj h hum ram k vansaj h,

    • @LipikaSamantaroy-he1ik
      @LipikaSamantaroy-he1ik 2 หลายเดือนก่อน

      Sahi kaha bhai ham bhagwan ram ko manewale log Yani asli sana Tani hamare bhagwan hai param sakti parmatma Sri hari bhagwan​@@user-cm8fb4zk7w

    • @Jake-Lockley
      @Jake-Lockley 2 หลายเดือนก่อน +1

      ​@@user-cm8fb4zk7wइसका एक अर्थ यह भी हो सकता है की यह राक्षस अशुर दानव वगैरह वगैरह शुक्र ग्रह से हमारी पृथ्वी पर आए हों क्योंकि वो मनुष्यों से शारीरिक रूप से बड़े कद्दावर होते थे और आतंक फैलाते रहते थे जिसके कारण अनेक देवी देवता ओ को अवतार भी लेना पड़ता था जिसे की उनका सर्वनाश करे।

    • @KhaasLog2023
      @KhaasLog2023 หลายเดือนก่อน

      ​@@user-cm8fb4zk7wRakshash bhi aakhirkar Shiv ko hi maante hain. Aur sabhi Rakshash bure nahin hote. Raja Mahabali Rakshash the lekin manushyon se behtar raaj tha unka.

  • @s.p.shukla9288
    @s.p.shukla9288 2 หลายเดือนก่อน +132

    आप बहुत दुर्लभ जानकारी दे रहे हैं। मेरा अँग अँग सनातन धर्म का ऋणी हो रहा है, मै बहुत गर्वित महसूस कर रहा हूँ। मेरे पास इस महिमा को बयक्त करने के लिए शब्द नहीं है। ईश्वर आप की मनोकामना पूरी करे। धन्य है आप,, जय हो सनातन हिंदू धर्म की।

    • @RASHTRANITINEWS
      @RASHTRANITINEWS  2 หลายเดือนก่อน +8

      हर हर महादेव

    • @Linecurve
      @Linecurve 2 หลายเดือนก่อน +1

      Aap bhi ek Nye andhbhkt he

    • @Linecurve
      @Linecurve 2 หลายเดือนก่อน +1

      Aap jaise logo ko na hindu ke bare pta na musalman ke bas ...Bhai shame ho na chahiye ye sirf hindu dharm ka apman he or kuch nhi

    • @s.p.shukla9288
      @s.p.shukla9288 2 หลายเดือนก่อน +11

      @@Linecurve खाली आप को मालूम है बाकी सब बकलोल और गँवार है। सनातन से सब कुछ पैदा हुआ, और इसी मे सब मिल मिट जाऐगा। सच यही है। इस्लाम, ईसाई, यहूदी धर्म नही मजहब, पँथ है। धर्म की परिभाषा अलग से ना गढे। नाही अन्य से तुलना की सर्वोच्चता सिद्ध करे, सनातन हिंदू धर्म ही सर्व श्रेष्ठ धर्म है।

    • @Linecurve
      @Linecurve 2 หลายเดือนก่อน +1

      ​@@s.p.shukla9288 tumhare jaise pakhandi or pakhandi samarthak bahut he jaise Rahul jaise pakhandi ke samarthak pta tumhari asli pachan

  • @pvishnu8491
    @pvishnu8491 2 หลายเดือนก่อน +66

    ज्ञान और प्रस्तुति,दोनो अद्भुत है..सादर 🙏

    • @RASHTRANITINEWS
      @RASHTRANITINEWS  2 หลายเดือนก่อน +3

      हर हर महादेव

  • @koustavroy4293
    @koustavroy4293 หลายเดือนก่อน +9

    Makkahswar Mahadev ka sachhai ek din samne ayga ,jis din yea ho Gaya usdin bohot sare log apne pran khud hi apne hato se Le lenge....

  • @devisinghsisodiya3779
    @devisinghsisodiya3779 2 หลายเดือนก่อน +94

    शुक्रवार को नमाज अदा करने की वजह भी यही है क्या 😮?

    • @RASHTRANITINEWS
      @RASHTRANITINEWS  2 หลายเดือนก่อน +15

      Yes

    • @Linecurve
      @Linecurve 2 หลายเดือนก่อน +6

      @@RASHTRANITINEWS bakwas bilkul glt kam kam thoda itihas pado logo glt to na batao sukrawar ka din jumma ka din he musalman ka din mangal ko peer ki wajah se he mahtv kam Jano Galt nhi

    • @Linecurve
      @Linecurve 2 หลายเดือนก่อน +2

      @@RASHTRANITINEWS tum ek andh bhakt insan ho

    • @pawankshirsagar9373
      @pawankshirsagar9373 2 หลายเดือนก่อน +18

      ​@@Linecurve तू adam seeker वीडियो देख😂

    • @devenderkumar353
      @devenderkumar353 2 หลายเดือนก่อน +1

      Yes

  • @shalurawat900
    @shalurawat900 2 หลายเดือนก่อน +67

    सही कहा तभी गुड फ्रीडे और नमाज़ भी असली शुकरवार को होती है

    • @Jake-Lockley
      @Jake-Lockley 2 หลายเดือนก่อน +3

      ✅✅✅

    • @horriblethings4706
      @horriblethings4706 หลายเดือนก่อน

      Good Friday Christian ka hota h ...us din Jesus ki death Hui thi isiliye

    • @Sharmaj33
      @Sharmaj33 หลายเดือนก่อน +1

      good friday ko jumme ki namaz se kiun mila rahe ho ???? pagal ho kya jb pata nai to muh bnd rakho

    • @musicadam155
      @musicadam155 หลายเดือนก่อน +3

      @@Sharmaj33 sab milta hai.. Christian, yahudi aur mulslims ka... Shukracharya hi allah hai.. Haqeet yahi hai ki dharam ek hi hai.. Aur baaki jo bhi hai uske siva vo sab shaitan ke upaasak hai.. Allah is shukracharya.. Aur shukracharya hi daitya-guru hai.. Jinhone devo se ladne ki taiyaari hr yug me ki ab iss kaliyug me to shaitaano ki taaqat to jyada hi rahegi.. Lekin aa rahe hai hamaare Narayan-avatar Bhagwaan kalki... In shaitan ke upaasako ka khaatma karne

    • @aparnabhardwaj2771
      @aparnabhardwaj2771 หลายเดือนก่อน

      @@musicadam155 Mohammad ko hi kalki avtar kahte hi is shukla jaise tuchhe,woh bhi Maan le

  • @ramankumar5141
    @ramankumar5141 2 หลายเดือนก่อน +53

    बड़े बड़े लोगों को मैंने सुना लेकिन उनकी बातें सुनकर रोंगटे खड़ेहो गए जय हो सत्य सनातन धर्म की🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🙏🙏🙏🙏

  • @kishorenayak3440
    @kishorenayak3440 2 หลายเดือนก่อน +19

    इन्ही सारी समस्याओं का समाधान करने के लिए ही कल्कि भगवान अवतरित होंगे जब दैत्य गुरु शुक्राचार्य का आतंक बढ़ता जायेगा तब तब भगवान विष्णु ने उसका घमंड तोड़ा है यह सत्य है देवताओं इंसानों की और राक्षसों असुरों की लड़ाई युगों युगों से चली आ रही है जो आज के दौर मैं देखने को मिलती है कल्कि अवतार होने तक हिंदू सावधान रहे सतर्क रहे धर्म की रक्षा करे सुरक्षित रहे हर हर महादेव जय सिया राम

    • @user-ek8lg1uw3p
      @user-ek8lg1uw3p 2 หลายเดือนก่อน +1

      Tumhari bhujaon Mein Pani ho gaya hai kya

    • @bidyanandsingh7289
      @bidyanandsingh7289 18 วันที่ผ่านมา

      Modi ji hi kalki avatar me aaye hai.

  • @dr.anujkumarverma
    @dr.anujkumarverma 2 หลายเดือนก่อน +72

    इस प्रकार से तो शुक्राचार्य इस्साइयो व यहूदियों के भी खुदा हैं।

    • @Unknown_truth66
      @Unknown_truth66 2 หลายเดือนก่อน +1

      Wrong

    • @deepakpoonia6749
      @deepakpoonia6749 2 หลายเดือนก่อน +5

      ​​@@Unknown_truth66 yes 😂 haya Luna walo sudar jao .

    • @vishalsingh-lf9rm
      @vishalsingh-lf9rm หลายเดือนก่อน +5

      Ha right.. Good Friday.. Moon ko pujne wale

    • @RahulKumar-yn3sh
      @RahulKumar-yn3sh หลายเดือนก่อน

      sahi. ye do kom muslim & isai danav ki prajatiyaan hai.

    • @prabhuleela67
      @prabhuleela67 หลายเดือนก่อน

      Bilkul.....kyo ki yahudi aur isai bhi abrahimik panth hi hai.....thoda detail me Jaye to mil jayega teeno ki utpatti ek se hi Hui hai

  • @ramakantsharma5969
    @ramakantsharma5969 2 หลายเดือนก่อน +53

    श्री मान जी शुक्राचार्ये ने यहा रहते हुए भी हीरणाकश्यप जैसे असुर ने भी अपने को स्वम भगवान् घोसित किया था, जिसका उसके पुत्र ने ही विरोध कर नकार दिया था,

  • @nirmalchandraray388
    @nirmalchandraray388 2 หลายเดือนก่อน +6

    शुक्राचार्य मुनी बोहुट अच्छा काम किया।। सब चोर को पकड़ा राखा है।। जय श्री राम।।🚩🛕🚩🇮🇳🐅

  • @satyakior2475
    @satyakior2475 หลายเดือนก่อน +32

    शुक्राचार्य ही अल्लाह है तो कली पुरुष कौन है? कलयुग कौन है? कल्कि भगवान किस से युद्ध करेंगे। कृपया इस पर भी एक वीडियो बनाएं। आपने यह सब ज्ञान हमारे साथ शेयर किया इसके लिए बहुतबहुत धन्यवाद 🙏🚩🕉️

    • @MayoditTiwari
      @MayoditTiwari หลายเดือนก่อน +5

      kali rakshaso me se ek pramukh rakshas hai jo ki shukracharya ke ishare pe kaam karta hai

    • @shivaholkar5329
      @shivaholkar5329 หลายเดือนก่อน +5

      Kali gurga hai daitya guru shukrachary ka Jo Aaj sabhi muslim aur Christ logo ke andar stapit hai....Kali is inside them

    • @mayankindian3750
      @mayankindian3750 19 วันที่ผ่านมา +3

      ​@@shivaholkar5329 tabhi aap observe karo ladai jhagda Maar dhaad ho rha hai shaanti nahi hain udhar rakshi pravarti hai

  • @mithileshkumar6227
    @mithileshkumar6227 2 หลายเดือนก่อน +11

    हमें तो इस बात की पहले से ही जानकारी थी लेकिन अब इस वीडियो को देखकर हमें लगता है कि हमारी जानकारी 1000% सही है तभी तो मुसलमान लोग शुक्रवार के दिन विशेष करके नमाजपढ़ते हैं फिर तो इनके पैगंबर को हैंडल करने के लिए श्री कल्कि भगवान को जल्द से जल्द पृथ्वी पर अवतार लेना पड़ेगा

  • @luckyshrivastava8256
    @luckyshrivastava8256 2 หลายเดือนก่อน +38

    बजरंग बली भगवान जी के पास तो अष्ट सिद्धि और नव निधि के दाता हैं, मतलब हनुमान भगवान जी सुक्राचार्य और उनकी संतानो के बाप हुए।🚩

    • @zkx-ly6on
      @zkx-ly6on 2 หลายเดือนก่อน +8

      Are yl hanuman ji bagwan shiv k ans avatar hai to sukara charya se to bade honge hi

    • @Jake-Lockley
      @Jake-Lockley 2 หลายเดือนก่อน +1

      जब रामायण का युद्ध समाप्त होता है, राक्षसों का नाश हो जाता है, लेकिन एक शूर्पणखा ही थी, जो राक्षस गुरु शुक्राचार्य की मदद से भगवान शिव जी की तपस्या करती है ताकि उसका कुल नष्ट न हो, तब शिव जी प्रकट होते हैं और वरदान मांगने के लिए कहते हैं, तब शूर्पणखा वरदान मांगती है कि उसकी आने वाली पीढ़ियां नष्ट न हों, तब शिव जी एक शिवलिंग के रूप में प्रकट होते हैं और कहते हैं कि यदि कोई वैष्णव इस शिवलिंग पर गंगा जल अर्पित करेगा, तो राक्षसों का कुल नष्ट हो जाएगा (इसके पीछे का कारण यह भी हो सकता है कि असुर भगवान विष्णु से नफ़रत करते है और असुरो के गुरु शुक्राचार्य है), तब राक्षस गुरु शुक्राचार्य ने उस शिवलिंग को हम हिंदुओं से दूर रेगिस्तान में स्थापित किया और उनके अनुयायियों ने उसके चारों ओर एक दीवार बना दी और उसे काले कपड़े से ढक दिया, फिर शूर्पणखा ने वहां से अपने कुल को आगे बढ़ाया, फिर शूर्पणखा की नाक कटी होने के कारण, वह अपना चेहरा काले कपड़े से ढकने लगी और यह परंपरा उसके मुख्य बच्चों में भी आई। छोटी लड़कियों से लेकर बड़ी महिलाओं तक, सभी ने इस परंपरा का पालन किया यह परंपरा को आज बुरखा कहते है। स्रोत:- ओडिया रामायण
      और ये मुसलमान जिनकी पूजा करते हैं, वे उनके राक्षस गुरु शुक्राचार्य हैं जो उनके लिए अल्लाह हैं।
      और आज भी शुक्रवार उनके लिए प्रार्थना करने के लिए महत्वपूर्ण है चाहे वह मुसलमानों के लिए हो या ईसाइयों के लिए गुड फ्राइडे।
      जब आप तीर्थयात्रियों के बिना मक्का की तस्वीर देखेंगे, तो आप देखेंगे कि वहाँ एक काला बॉक्स है और उसके चारों ओर एक रेखा है जो शिवलिंग के समान दिखाई देगी, इसकी संरचना शिवलिंग के समान है।
      और जिस कमरे में शिवलिंग है उसे हमेशा बंद रखा जाता है, उसे कभी नहीं खोला जाता है और केवल मुसलमान ही उसकी पूजा कर सकते हैं, गैर-मुस्लिम कभी भी उस स्थान के अंदर नहीं जा सकते।
      एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि इस्लाम कभी भी मूर्ति की पूजा नहीं करता है. यहाँ तक कि हमारे महान हिंदू जैसे श्री राम/श्री कृष्ण सभी ने केवल शिवलिंग की पूजा की है। श्री राम शिवलिंग की पूजा करते थे, मूर्ति की नहीं।
      आपका उत्तर “हाँ” है।
      यह मक्का में शिवलिंग है। अलग-अलग रीति-रिवाजों और प्रोटोकॉल के साथ पूजा की जाती है।
      नाम है मक्केश्वर (शिव जी)
      ये राक्षस हज़ारों सालों से इस धरती पर जहाँ भी रहते हैं, आतंक फैलाते हैं आ रहे है उनका रहन सहन जानवरो जैसे मांस भक्षण करना उनके पवित्र मास रमजान और ईद जैसे त्योहार में मांस के बिना उत्सव होना असंभव ही है, संभोग करना (अपनी माता और बहन को भी काम वासना भोग वस्तु की तरह देखना और नारियों को खेत की तरह व्यवहार करना यह तो उनके इस्लामिक लेख हदीथ में लिखा ही है), गैर मुस्लिम पर अत्याचार करना, उनको जबरदस्ती से इस्लाम कबूलवाना, उनके धार्मिक उत्सव और कार्यों पर बांधा उत्पन्न करना उनसे हमेशा लड़ते रहना (यह उनके लेख हदीथ में लिखा है) जैसे की यह दैत्य असुर राक्षस हजार साल से करते आ रहे है।
      परंतु असुरो के किसी भी षड्यंत्र को भगवान विष्णु कभी पूरा नहीं होने देंगे क्योंकि सृष्टी का चक्र गड़बड़ा जायेगा। इसीलिए श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा था जब ज़ब धर्म की हानि होती है मैं जन्म लेता हु भगवान विष्णु से ज्यादा चतुर शुक्राचार्य कभी हो ही नहीं सकता और भगवान विष्णु ज़ब भी धरती पर जन्म लेते है तब स्वयं महाकाल उनकी सहायता के लिये उपस्थित रहते है।
      हर हर महादेव 🙏🏼

  • @prajaktpathak4645
    @prajaktpathak4645 2 หลายเดือนก่อน +22

    Muslim धर्म महज 1400 साल पुराना है आप उस्को पुराणांचे जोडना चाहते है मेरा ये मानना है शायद अन्य धर्मासेकुच विचार अलग करने के कारण जैसे बौद्ध धर्म की उत्पत्ती हुई वैसे ही मुसलमान धर्म की स्थापना हुई मुसलमान धर्माची परिस्थिती मे बना है वहा पे पानी की कमि थी हिंदू धर्म में मूर्तिपूजा मे जल अर्पण करना पडता है जो इंकेलियेके असंभव था वैसे ही हिंदू धर्म में मरने के बादजलाने के लिए लकडिया चाहिये थी जोगिया संभव था और एक बात सूर्य उनके लिये एक राक्षस की तरत था सुबह मे सूर्य की गर्मी के वजेसे बहार निकालना मुश्किल था इसलिए वो चाँद को पूछते है तो आप सिंटिफिकली इस्पर विचार करेंगे तो और ज्यादा बेहतर रहेगा इस विषय को इमोशन से ज्यादा भौगोलिक परिस्थिती के अनुसार विचार करणं जरुरी है वैसे तो मेरा ज्ञान बहुत कम है अगर कुछ गलती हुई हो तो छोटा भाई समाज के माफ कर देना

    • @Jake-Lockley
      @Jake-Lockley 2 หลายเดือนก่อน +1

      जब रामायण का युद्ध समाप्त होता है, राक्षसों का नाश हो जाता है, लेकिन एक शूर्पणखा ही थी, जो राक्षस गुरु शुक्राचार्य की मदद से भगवान शिव जी की तपस्या करती है ताकि उसका कुल नष्ट न हो, तब शिव जी प्रकट होते हैं और वरदान मांगने के लिए कहते हैं, तब शूर्पणखा वरदान मांगती है कि उसकी आने वाली पीढ़ियां नष्ट न हों, तब शिव जी एक शिवलिंग के रूप में प्रकट होते हैं और कहते हैं कि यदि कोई वैष्णव इस शिवलिंग पर गंगा जल अर्पित करेगा, तो राक्षसों का कुल नष्ट हो जाएगा, तब राक्षस गुरु शुक्राचार्य ने उस शिवलिंग को हम हिंदुओं से दूर रेगिस्तान में स्थापित किया और उनके अनुयायियों ने उसके चारों ओर एक दीवार बना दी और उसे काले कपड़े से ढक दिया, फिर शूर्पणखा ने वहां से अपने कुल को आगे बढ़ाया, फिर शूर्पणखा की नाक कटी होने के कारण, वह अपना चेहरा काले कपड़े से ढकने लगी और यह परंपरा उसके मुख्य बच्चों में भी आई। छोटी लड़कियों से लेकर बड़ी महिलाओं तक, सभी ने इस परंपरा का पालन किया यह परंपरा को आज बुरखा कहते है। स्रोत:- ओडिया रामायण
      और ये मुसलमान जिनकी पूजा करते हैं, वे उनके राक्षस गुरु शुक्राचार्य हैं जो उनके लिए अल्लाह हैं।
      और आज भी शुक्रवार उनके लिए प्रार्थना करने के लिए महत्वपूर्ण है चाहे वह मुसलमानों के लिए हो या ईसाइयों के लिए गुड फ्राइडे।
      जब आप तीर्थयात्रियों के बिना मक्का की तस्वीर देखेंगे, तो आप देखेंगे कि वहाँ एक काला बॉक्स है और उसके चारों ओर एक रेखा है जो शिवलिंग के समान दिखाई देगी, इसकी संरचना शिवलिंग के समान है।
      और जिस कमरे में शिवलिंग है उसे हमेशा बंद रखा जाता है, उसे कभी नहीं खोला जाता है और केवल मुसलमान ही उसकी पूजा कर सकते हैं, गैर-मुस्लिम कभी भी उस स्थान के अंदर नहीं जा सकते।
      एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि इस्लाम कभी भी मूर्ति की पूजा नहीं करता है. यहाँ तक कि हमारे महान हिंदू जैसे श्री राम/श्री कृष्ण सभी ने अधिकांश समय शिवलिंग की पूजा की है। श्री राम शिवलिंग की पूजा करते थे।
      आपका उत्तर “हाँ” है।
      यह मक्का में शिवलिंग है। अलग-अलग रीति-रिवाजों और प्रोटोकॉल के साथ पूजा की जाती है।
      नाम है मक्केश्वर (शिव जी)
      ये राक्षस हज़ारों सालों से इस धरती पर जहाँ भी रहते हैं, आतंक फैलाते हैं आ रहे है उनका रहन सहन जानवरो जैसे मांस भक्षण करना उनके पवित्र मास रमजान और ईद जैसे त्योहार में मांस के बिना उत्सव होना असंभव ही है, संभोग करना (अपनी माता और बहन को भी काम वासना भोग वस्तु की तरह देखना और नारियों को खेत की तरह व्यवहार करना यह तो उनके इस्लामिक लेख हदीथ में लिखा ही है), गैर मुस्लिम पर अत्याचार करना, उनको जबरदस्ती से इस्लाम कबूलवाना, उनके धार्मिक उत्सव और कार्यों पर बांधा उत्पन्न करना उनसे हमेशा लड़ते रहना (यह उनके लेख हदीथ में लिखा है) जैसे की यह दैत्य असुर राक्षस हजार साल से करते आ रहे है।

    • @RajuSingh-ph9jq
      @RajuSingh-ph9jq หลายเดือนก่อน

      हजरत मुहम्मद 48 वे पैगंबर थे
      जानकारी पूरी रखिए

    • @musicadam155
      @musicadam155 หลายเดือนก่อน

      Jainism, Baudishm and Sikhism.. Ye dharm bahat me hi janme... Jainism aur baudishm... Ye thode puraane hai..lekin Sikhon ka udya mughlo se bharat ko bachaane ke liye hua...
      Ab thodi der ke liye sochna.. Ki Kya mandir me matma gandhi ki murti milti hai tumhe!! Bilkul aksar mil jaayegi.. To kya gandhi ko bhagwaan maanoge! Kuchh log ha.. Maan sakte hai.. Lekin maximum nahi... Same yahi hua baudh aur jain ke saath... Sikhhs were the savior of Indian culture. Aur baudh dharm india me utna develop nahi ho pyaa cause of Indian vast knowledge. Jainism ke saath bhi yahi hua.. Kyuki itne jyada rules hai aaj bhi Jainism me ki usse follow karna bahut muskil hai.. ( here I didn't mean to hurt anyone's faith) lekin murti bana ke kisi ko puj lene se vo bhagwaan nahi hota...

  • @anurodh_lal
    @anurodh_lal 2 หลายเดือนก่อน +22

    माननीय को पहली बार सुना और इनका फैन हो गया। अद्भुत व्याख्या की है इन्होंने।
    धन्यवाद

  • @jagdishraikwar3415
    @jagdishraikwar3415 2 หลายเดือนก่อน +26

    भारत में सैकड़ों महान महर्षियों ने अपना नाम भी प्राकृतिक संकेत पर रखा जिस सूक्ष्म तत्व पर उन्होंने खोज की लेकिन कभी भी अपना अहंकार घमंड नहीं दिखलाया प्रकृति के विशालकाय स्वरूप का सुंदरतम् वर्णन गद्य पद्य गीत-गान के रूप में वेद-पुराणों उपनिषदों में छींटकर वर्षा कर दी जिसकी बुंदों को पात्र में पात्रता प्राप्त व्यक्ति संकलन करलें जय हो ऋषियों की भूमि भारत की।

    • @lalitmohanpandey7804
      @lalitmohanpandey7804 2 หลายเดือนก่อน

      पहले भी लाखों करोड़ों फर्जी कहानियां बनाई गई है, और उन हजारों लाखों फर्जी कहानियों को एक दूसरे से जोड़ा गया है। अब ये और नई फर्जी कहानियां बनाई जा रही हैं, और साथ ही साथ में इन फर्जी कहानियों को पुरानी फर्जी कहानियों से भी जोड़ा जा रहा है।

    • @helpinghandalways
      @helpinghandalways 2 หลายเดือนก่อน

      Kya likha he bhai aapne koti koti naman

  • @chatoribaisa
    @chatoribaisa 2 หลายเดือนก่อน +27

    Me bhut proud feel kr rhi hu sanatan me janam liya....Bholebaba se prathna jitny jamn mile koi bhi karm kru yhi janm lu

    • @RASHTRANITINEWS
      @RASHTRANITINEWS  2 หลายเดือนก่อน +3

      जय महाकाल

    • @Hhhhjin666
      @Hhhhjin666 หลายเดือนก่อน

      ​@@RASHTRANITINEWS or me 33 kote k baap ho 😘😘😘♥️🤪😅🤣😁

  • @surendrakumar-rp8ww
    @surendrakumar-rp8ww 2 หลายเดือนก่อน +8

    ऐतिहासिक ग्रन्थ पुराणों की नये दृष्टिकोण से तार्किक व्याख्या सुन्दर लगी।

    • @RASHTRANITINEWS
      @RASHTRANITINEWS  2 หลายเดือนก่อน

      जय महाकाल

  • @spritlight1710
    @spritlight1710 3 หลายเดือนก่อน +54

    जबर्दस्त ज्ञान ❤❤❤ शत शत नमन आपको

  • @santoshpaudel-hc6tb
    @santoshpaudel-hc6tb 2 หลายเดือนก่อน +25

    I researched very deeply.....yes Sukracharya k followers aaj muhhamedans hai...

    • @RASHTRANITINEWS
      @RASHTRANITINEWS  2 หลายเดือนก่อน +2

      जय महाकाल

    • @Jake-Lockley
      @Jake-Lockley 2 หลายเดือนก่อน +1

      When the Ramayana war ends, then the demons have come to an end, but there was a Shurpanakha, who does penance to Lord Shiva with the help of the daitya Guru Shukracharya, in order not to destroy her clan, then Shivaji appears and asks for a boon, then Shurpanakha asked for a boon that her future generation should not be destroyed, then Shivaji revealed the Shivling and said that if a Vaishnava offers Ganga water on this Shivling, then the clan of demons will be destroyed, then the daitya Guru Shukracharya established the Shivling in the desert away from us Hindus. And their believers made a wall on its sides and covered it with a black cloth, then there Surpanakha took her family forward, then because of Surpanakha's nose being cut off, she used to cover her face with a black cloth and the same tradition was passed on to her main children. Small girls to older Women followed this tradition.
      Source:- Odia Ramayan
      And the one whom these muslims worship is their daitya Guru Shukracharya who is the Allah for them..
      And even today the Friday is important praying for them weather it's good Friday for Christens or muslims
      When you see a photo of Makkah without people, you will see that There is a black box and a line around it which you will find similar to Shivlinga, its structure is very similar to Shivlinga. And where next it is shivling it is always kept locked it is never opened and only muslims can pray it non-muslims can never go inside that place.
      these demons spread terror wherever they lives from thousands of years in this earth..

    • @mayankindian3750
      @mayankindian3750 6 วันที่ผ่านมา +2

      Bhai abrhamic religions ka jo uday hua hai unki wajah se hai 😊

  • @mardulbhatore1220
    @mardulbhatore1220 2 หลายเดือนก่อน +27

    अदभुत जानकारी आदरणीय।🙏

  • @vikramjitsingh563
    @vikramjitsingh563 2 หลายเดือนก่อน +10

    Koi jo marji bole Jinda Hai Janam Lene Ke Bina Hi Har ❤mein Humare Bam Bam Bhole Jai Bhole Baba ❤

  • @myindiamyproud1073
    @myindiamyproud1073 2 หลายเดือนก่อน +37

    आप के ज्ञान का क्षणिक रसास्वादन आंख खोलने के समान है निसंदेह आप ने बिल्कुल सही कहा एक अलग आयाम है जो एनर्जी शोल को कई भागों बाट रखा है लोगो की समझाना इतना आसान नही जितना आसानी से आप समझा पा रहे मोक्ष सिर्फ सनातन में है और मैं देख चुका सूक्ष्म जगत में भी सब सनातन में ही मोक्ष माँगते लाखो सालो से भटक रहे

    • @RASHTRANITINEWS
      @RASHTRANITINEWS  2 หลายเดือนก่อน +6

      धन्यवाद, आभार, जय श्री राम।🚩🙏

    • @Linecurve
      @Linecurve 2 หลายเดือนก่อน +1

      ​@@RASHTRANITINEWS ek to glt jankari de rahe ho upar se wah tumhri kartoot

    • @r_p_134
      @r_p_134 2 หลายเดือนก่อน

      Vishnu & shiv both are forum of bodhisatva Avlokiteshwar. Kabhi buddhism ke bare me bhi padh liya karo sahab.

    • @myindiamyproud1073
      @myindiamyproud1073 2 หลายเดือนก่อน +1

      कितने धर्म पंत बने वो सब सहायक है सनातन की जैसे कई नदियों की धारा से मिलके एक महानदी बनती पर सार एक ही है जाके समुद्र में मिलना तात्पर्य शिव में समाहित होना

    • @Linecurve
      @Linecurve 2 หลายเดือนก่อน +1

      @@myindiamyproud1073 bilkul glt ye apki soch he lekin shatra nusr esa kuch bhi nhi he wo he to sirf andhviswas

  • @piyushjha1760
    @piyushjha1760 2 หลายเดือนก่อน +16

    शुक्राचार्य पत्थाराचार्य है इसलिए शुक्रवार को नवाज के पत्थर बरसातें है 😂

  • @Pankaj4200
    @Pankaj4200 2 หลายเดือนก่อน +7

    बहुत सुन्दर तरीके से प्रस्तुत किया है।
    आपका ज्ञान और प्रस्तुतिकरण दोनो बहुत सुंदर है।

  • @SriShridhar
    @SriShridhar 3 หลายเดือนก่อน +26

    एक महायोगी के अनुसार जो सत्वगुण प्रधान है वे सुर है, रजोगुण प्रधान है वे असुर है और जो तमोगुण प्रधान है वे राक्षस है।

  • @asharamuniyal2852
    @asharamuniyal2852 2 หลายเดือนก่อน +18

    Aapka Gyan Adbhut hai aapse bahut Kuchh naya janne Ko Milta Hai

  • @meghakhandelwal994
    @meghakhandelwal994 หลายเดือนก่อน +4

    Allah ka shukr hai bolte hain ye log...

  • @AnkitSharma-mw6qm
    @AnkitSharma-mw6qm 13 วันที่ผ่านมา

    आपके इस अद्भुत संवाद के लिए कोटि कोटि धन्यवाद 🙏 डीके शंका रह गयी अब्राहमिक पंथो में शैतान की अवधारणा किसके लिए की गयी हैँ? उनके अनुसार शैतान satan कौन हैँ?
    हो सके तो इस पर भी प्रकाश डालियेगा 🙏

  • @kamalsoragi8098
    @kamalsoragi8098 2 หลายเดือนก่อน +5

    मुस्लिमों को ये जरूर सुनना चाहिए.

  • @secularist5372
    @secularist5372 2 หลายเดือนก่อน +9

    कहते हैं कि महाभारत ही के बाद यदुवंशी भी पहले द्वारका और फिर उसके बाद सुदूर पश्चिम में चले गए और वहां जाकर यहूदी बन गए , और उनकी किताबों में कृष्ण बलराम की तरह हज़रत मूसा और उनके भाई थे… और शायद इसीलिए शुक्राचार्य ने अपने दूत और उनके अनुयायियों को हुक्म दिया की वो यहूदियों का (जो की पहले यदुवंशी थे और श्रीहरि विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण से संबंध रखते थे ) पहले अरब और फिर दुनिया से नामोनिशान मिटा दे क्योंकि वो शुक्राचार्य को God Almighty नहीं मानते थे…

    • @Jake-Lockley
      @Jake-Lockley 2 หลายเดือนก่อน +2

      पर यहूदी लोग मांसाहार करते है यह विरोधाभास प्रगट होता है।

    • @Jake-Lockley
      @Jake-Lockley 2 หลายเดือนก่อน +1

      जब रामायण का युद्ध समाप्त होता है, राक्षसों का नाश हो जाता है, लेकिन एक शूर्पणखा ही थी, जो राक्षस गुरु शुक्राचार्य की मदद से भगवान शिव जी की तपस्या करती है ताकि उसका कुल नष्ट न हो, तब शिव जी प्रकट होते हैं और वरदान मांगने के लिए कहते हैं, तब शूर्पणखा वरदान मांगती है कि उसकी आने वाली पीढ़ियां नष्ट न हों, तब शिव जी एक शिवलिंग के रूप में प्रकट होते हैं और कहते हैं कि यदि कोई वैष्णव इस शिवलिंग पर गंगा जल अर्पित करेगा, तो राक्षसों का कुल नष्ट हो जाएगा (इसके पीछे का कारण यह भी हो सकता है कि असुर भगवान विष्णु से नफ़रत करते है और असुरो के गुरु शुक्राचार्य है), तब राक्षस गुरु शुक्राचार्य ने उस शिवलिंग को हम हिंदुओं से दूर रेगिस्तान में स्थापित किया और उनके अनुयायियों ने उसके चारों ओर एक दीवार बना दी और उसे काले कपड़े से ढक दिया, फिर शूर्पणखा ने वहां से अपने कुल को आगे बढ़ाया, फिर शूर्पणखा की नाक कटी होने के कारण, वह अपना चेहरा काले कपड़े से ढकने लगी और यह परंपरा उसके मुख्य बच्चों में भी आई। छोटी लड़कियों से लेकर बड़ी महिलाओं तक, सभी ने इस परंपरा का पालन किया यह परंपरा को आज बुरखा कहते है। स्रोत:- ओडिया रामायण
      और ये मुसलमान जिनकी पूजा करते हैं, वे उनके राक्षस गुरु शुक्राचार्य हैं जो उनके लिए अल्लाह हैं।
      और आज भी शुक्रवार उनके लिए प्रार्थना करने के लिए महत्वपूर्ण है चाहे वह मुसलमानों के लिए हो या ईसाइयों के लिए गुड फ्राइडे।
      जब आप तीर्थयात्रियों के बिना मक्का की तस्वीर देखेंगे, तो आप देखेंगे कि वहाँ एक काला बॉक्स है और उसके चारों ओर एक रेखा है जो शिवलिंग के समान दिखाई देगी, इसकी संरचना शिवलिंग के समान है।
      और जिस कमरे में शिवलिंग है उसे हमेशा बंद रखा जाता है, उसे कभी नहीं खोला जाता है और केवल मुसलमान ही उसकी पूजा कर सकते हैं, गैर-मुस्लिम कभी भी उस स्थान के अंदर नहीं जा सकते।
      एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि इस्लाम कभी भी मूर्ति की पूजा नहीं करता है. यहाँ तक कि हमारे महान हिंदू जैसे श्री राम/श्री कृष्ण सभी ने केवल शिवलिंग की पूजा की है। श्री राम शिवलिंग की पूजा करते थे, मूर्ति की नहीं।
      आपका उत्तर “हाँ” है।
      यह मक्का में शिवलिंग है। अलग-अलग रीति-रिवाजों और प्रोटोकॉल के साथ पूजा की जाती है।
      नाम है मक्केश्वर (शिव जी)
      ये राक्षस हज़ारों सालों से इस धरती पर जहाँ भी रहते हैं, आतंक फैलाते हैं आ रहे है उनका रहन सहन जानवरो जैसे मांस भक्षण करना उनके पवित्र मास रमजान और ईद जैसे त्योहार में मांस के बिना उत्सव होना असंभव ही है, संभोग करना (अपनी माता और बहन को भी काम वासना भोग वस्तु की तरह देखना और नारियों को खेत की तरह व्यवहार करना यह तो उनके इस्लामिक लेख हदीथ में लिखा ही है), गैर मुस्लिम पर अत्याचार करना, उनको जबरदस्ती से इस्लाम कबूलवाना, उनके धार्मिक उत्सव और कार्यों पर बांधा उत्पन्न करना उनसे हमेशा लड़ते रहना (यह उनके लेख हदीथ में लिखा है) जैसे की यह दैत्य असुर राक्षस हजार साल से करते आ रहे है।
      परंतु असुरो के किसी भी षड्यंत्र को भगवान विष्णु कभी पूरा नहीं होने देंगे क्योंकि सृष्टी का चक्र गड़बड़ा जायेगा। इसीलिए श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा था जब ज़ब धर्म की हानि होती है मैं जन्म लेता हु भगवान विष्णु से ज्यादा चतुर शुक्राचार्य कभी हो ही नहीं सकता और भगवान विष्णु ज़ब भी धरती पर जन्म लेते है तब स्वयं महाकाल उनकी सहायता के लिये उपस्थित रहते है।
      हर हर महादेव 🙏🏼

    • @secularist5372
      @secularist5372 2 หลายเดือนก่อน +3

      @@Jake-Lockley सिर्फ मांसाहार ही नही , बल्कि migration के बाद लोगो में पारिस्थितिक बदलाव का काफी असर पड़ता हैं… कालान्तर में इसी से वैचारिक एवम् नीतिगत बदलाव भी आ जाते हैं…

    • @mayankindian3750
      @mayankindian3750 19 วันที่ผ่านมา

      ​@@Jake-Lockley bhai log udhar chale gaye to mausam ka bhi to asar padega nature thodi na rukne waala hai bhai uska swabhav par bhi asar padta hai bhai 😊

  • @kanishkinm
    @kanishkinm 2 หลายเดือนก่อน +6

    Bilkul thik bole, Sir, esliye sukracharya jee bolte ki devtao se yudh karke swarg per rajya Karo, bahut saare apsharaye milengi

  • @ojaswanibhalla9591
    @ojaswanibhalla9591 2 หลายเดือนก่อน +14

    Dr. Rahul Shukla is an epitome of knowledge regarding Hinduism.

    • @RASHTRANITINEWS
      @RASHTRANITINEWS  2 หลายเดือนก่อน

      Stay connected keep watching and supporting, it's just a beginning of Hindu Awakening
      🚩🚩🔱🔱🔱🚩🚩 हर हर महादेव
      जुड़े रहें, देखते रहें और समर्थन करते रहें, यह हिंदू जागृति की शुरुआत है
      हर हर महादेव 🚩🚩🔱🔱🔱🚩🚩
      jude rahen, dekhate rahen aur samarthan karate rahen, yah hindoo jaagrti kee shuruaat hai
      har har mahaadev 🚩🚩🔱🔱🔱🚩🚩

    • @ojaswanibhalla9591
      @ojaswanibhalla9591 2 หลายเดือนก่อน

      @RASHTRANITINEWS HAR HAR MAHADEV 🙏🕉️🌺🙏

  • @bipinkumartripathi2486
    @bipinkumartripathi2486 หลายเดือนก่อน +3

    इस कहानी पर भी सिनेमा बनाया जा सकता है।
    कहनी अच्छी है। ये सब ज्ञान कहाँ से आता प्रभु जरा हमें भी बतायें।
    उन पुस्तकों को भी बतायें जिससे आप ने ये सब ज्ञान इकट्ठा किया है।

    • @mayankindian3750
      @mayankindian3750 19 วันที่ผ่านมา

      Uske liye aapko puran or mahabharat ramayan ko samjhna padega ki esa kyu hai duniya me observe karo duniya ko aapko samjh me aayega ki esa kyu ho rha hai

  • @sagarshukla7059
    @sagarshukla7059 2 หลายเดือนก่อน +7

    मैने यह सच खोज लिया है
    मैंने अपने कुल ब्रह्म पिता से पूछा था
    अगर सय्य्द और ब्रह्म का कार्य अगर नेकी करना है तो आप दोनों को शक्ति देता कौन है
    तो फिर उन्होंने के कहा की इसके आपको जानने की जरुरत नहीं तो फिर मुझे ग्राम देवता ननिहाल के देवता और पंच महाभूत नव ग्रह और हरी और शिव का भाव समझ आया यही अनुभव मेरा भी है बस इतना कहूंगा की हम उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकते सारा हरी के कंट्रोल में है

    • @IncomeTriggers_Blog
      @IncomeTriggers_Blog หลายเดือนก่อน

      श्रीमान थोड़ा प्रकाश डालेंगे इस पर?

  • @devashishmohan5323
    @devashishmohan5323 3 หลายเดือนก่อน +11

    बहुत सुंदर एवं गोपनी विश्लेषण जो आपने आज जनमानस के सामने उजागर किया
    🙏🌹

    • @Linecurve
      @Linecurve 3 หลายเดือนก่อน +1

      Andhbhakti ye kabhi socha ye kya bol rah mulla to kahenge shukrachrya mulla the tum bhi bn jao tum bhi bano ge glt bta Raha he kuran esa kahi nhi likha he kuran pado tab samajh ayega ye sahi bta ki popat

    • @Linecurve
      @Linecurve 3 หลายเดือนก่อน +1

      Bahut wah khoob ise kahate thotha chana baje ....are kuran padi nhi kaha likha koi praman he nhi paigamber Islam ke Gau mans halal tum bhi karoge gadhe hindu or Islam bahut antr he hindu mein sur or asur sab aate Islam mein koi bhi nhi sir khuda ke alawa samjhe

    • @Jake-Lockley
      @Jake-Lockley 2 หลายเดือนก่อน +1

      जब रामायण का युद्ध समाप्त होता है, राक्षसों का नाश हो जाता है, लेकिन एक शूर्पणखा ही थी, जो राक्षस गुरु शुक्राचार्य की मदद से भगवान शिव जी की तपस्या करती है ताकि उसका कुल नष्ट न हो, तब शिव जी प्रकट होते हैं और वरदान मांगने के लिए कहते हैं, तब शूर्पणखा वरदान मांगती है कि उसकी आने वाली पीढ़ियां नष्ट न हों, तब शिव जी एक शिवलिंग के रूप में प्रकट होते हैं और कहते हैं कि यदि कोई वैष्णव इस शिवलिंग पर गंगा जल अर्पित करेगा, तो राक्षसों का कुल नष्ट हो जाएगा (इसके पीछे का कारण यह भी हो सकता है कि असुर भगवान विष्णु से नफ़रत करते है और असुरो के गुरु शुक्राचार्य है), तब राक्षस गुरु शुक्राचार्य ने उस शिवलिंग को हम हिंदुओं से दूर रेगिस्तान में स्थापित किया और उनके अनुयायियों ने उसके चारों ओर एक दीवार बना दी और उसे काले कपड़े से ढक दिया, फिर शूर्पणखा ने वहां से अपने कुल को आगे बढ़ाया, फिर शूर्पणखा की नाक कटी होने के कारण, वह अपना चेहरा काले कपड़े से ढकने लगी और यह परंपरा उसके मुख्य बच्चों में भी आई। छोटी लड़कियों से लेकर बड़ी महिलाओं तक, सभी ने इस परंपरा का पालन किया यह परंपरा को आज बुरखा कहते है। स्रोत:- ओडिया रामायण
      और ये मुसलमान जिनकी पूजा करते हैं, वे उनके राक्षस गुरु शुक्राचार्य हैं जो उनके लिए अल्लाह हैं।
      और आज भी शुक्रवार उनके लिए प्रार्थना करने के लिए महत्वपूर्ण है चाहे वह मुसलमानों के लिए हो या ईसाइयों के लिए गुड फ्राइडे।
      जब आप तीर्थयात्रियों के बिना मक्का की तस्वीर देखेंगे, तो आप देखेंगे कि वहाँ एक काला बॉक्स है और उसके चारों ओर एक रेखा है जो शिवलिंग के समान दिखाई देगी, इसकी संरचना शिवलिंग के समान है।
      और जिस कमरे में शिवलिंग है उसे हमेशा बंद रखा जाता है, उसे कभी नहीं खोला जाता है और केवल मुसलमान ही उसकी पूजा कर सकते हैं, गैर-मुस्लिम कभी भी उस स्थान के अंदर नहीं जा सकते।
      एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि इस्लाम कभी भी मूर्ति की पूजा नहीं करता है. यहाँ तक कि हमारे महान हिंदू जैसे श्री राम/श्री कृष्ण सभी ने केवल शिवलिंग की पूजा की है। श्री राम शिवलिंग की पूजा करते थे, मूर्ति की नहीं।
      आपका उत्तर “हाँ” है।
      यह मक्का में शिवलिंग है। अलग-अलग रीति-रिवाजों और प्रोटोकॉल के साथ पूजा की जाती है।
      नाम है मक्केश्वर (शिव जी)
      ये राक्षस हज़ारों सालों से इस धरती पर जहाँ भी रहते हैं, आतंक फैलाते हैं आ रहे है उनका रहन सहन जानवरो जैसे मांस भक्षण करना उनके पवित्र मास रमजान और ईद जैसे त्योहार में मांस के बिना उत्सव होना असंभव ही है, संभोग करना (अपनी माता और बहन को भी काम वासना भोग वस्तु की तरह देखना और नारियों को खेत की तरह व्यवहार करना यह तो उनके इस्लामिक लेख हदीथ में लिखा ही है), गैर मुस्लिम पर अत्याचार करना, उनको जबरदस्ती से इस्लाम कबूलवाना, उनके धार्मिक उत्सव और कार्यों पर बांधा उत्पन्न करना उनसे हमेशा लड़ते रहना (यह उनके लेख हदीथ में लिखा है) जैसे की यह दैत्य असुर राक्षस हजार साल से करते आ रहे है।
      परंतु असुरो के किसी भी षड्यंत्र को भगवान विष्णु कभी पूरा नहीं होने देंगे क्योंकि सृष्टी का चक्र गड़बड़ा जायेगा। इसीलिए श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा था जब ज़ब धर्म की हानि होती है मैं जन्म लेता हु भगवान विष्णु से ज्यादा चतुर शुक्राचार्य कभी हो ही नहीं सकता और भगवान विष्णु ज़ब भी धरती पर जन्म लेते है तब स्वयं महाकाल उनकी सहायता के लिये उपस्थित रहते है।
      हर हर महादेव 🙏🏼

  • @gangakilahar9914
    @gangakilahar9914 18 วันที่ผ่านมา

    जी फिर आत्माएं इन पंथों में किस आधार पर जन्म लेती है । क्यों की सनातन में तो पूर्व जन्म की धारणा मौजूद है । जिज्ञासा शांत करे ।

  • @MunnaSingh-by4tt
    @MunnaSingh-by4tt 2 หลายเดือนก่อน +8

    जीवन की ऐसी खेल है जो तीन घाट की रेल है करना भोगना तड़पना प्रेत योनि है जिनको मोक्ष मंजिल नहीं मिलती इनकी क्रिया नहीं होती और नहीं कार्य जानते हैं

  • @ARVINDKumar-ll7mh
    @ARVINDKumar-ll7mh 2 หลายเดือนก่อน +23

    शुक्राचार्य और पैग़म्बर से कोई लेना देना नहीं है, पैग़म्बर की परिकल्पना मात्र 1400साल पुरानी है!

    • @parjijikuvarji4790
      @parjijikuvarji4790 2 หลายเดือนก่อน +1

      समय में। वापस। जाकर। लिखा है पेगमबर लिखा है

  • @vishalsaini3419
    @vishalsaini3419 2 หลายเดือนก่อน +5

    तभी मुसलमान बोलते है कि "अल्लाह का शुक्र है"

  • @Im-a-big-bull
    @Im-a-big-bull หลายเดือนก่อน +3

    ए जो सरजी है ईनका नाम क्या है भाई,,ऊनको मेरा शाल्युट है! बहोत अच्छा एक्सप्लेन किया

  • @rkreducation1009
    @rkreducation1009 2 หลายเดือนก่อน +7

    Ye Gyan vah!....😮🌹🔱🚩🧘🌹
    Aap vastav me tarkik baykti / jankar hai

  • @ravindramunde9623
    @ravindramunde9623 2 หลายเดือนก่อน +15

    अथर्ववेद वे समस्याओंका हल लिखा हुआ है , इसलिए इलाज करने का ज्ञान व्यक्त करनेवाले अत्रि ऋषींको बैद्यनाथ उपाधी मिली , जिनका वास्तव्य स्थान - चित्रकुट और मेरु पर्वत होता है !

  • @bikramminzoraon
    @bikramminzoraon 2 หลายเดือนก่อน +11

    Aap k byakhya k liye saadar pranam sir.

  • @raghuvanshipatidar838
    @raghuvanshipatidar838 หลายเดือนก่อน +2

    पश्चिम में शैतान का गुणधर्म भी यही बताया है कि, वह अपनी शक्ति बढानें अन्य आश्रीत जिवात्मा अपने में समा लेता है...तो शुक्राचार्य ना नाश कैसे हो सकता है..?

  • @SabkoRamRam
    @SabkoRamRam 2 หลายเดือนก่อน +3

    Guru Shukracharya ko follow karte hai Islam mai , bechare bht confused kome hai , Bhagwan Shree Krishna Aur Swayam Shiva hee inki aankhe khol saktey hai kyuki shukracharya Shiv bhakt thay🙏🏻

  • @meenabhardwaj244
    @meenabhardwaj244 2 หลายเดือนก่อน +8

    Abhas to humey bhi tha ki muslims Asur Guru Shukrachary se related hain lekin is tarah Vivechna pahli baar suni ❤🎉👍🏼👌🔱🚩🕉

    • @Linecurve
      @Linecurve 2 หลายเดือนก่อน +1

      Tumhra abhas ha ha kuch hi du ke bare jante ho bilkul glt shurkracharya muslim guru bilkul nhi he unke ek nbi sirf mohmmad he baki nhi

    • @sauravverma1597
      @sauravverma1597 2 หลายเดือนก่อน +1

      ​@@Linecurvekya pta kaliyug me shukracharya ne mohammad naam se avtar liya ho

    • @bharat4284
      @bharat4284 2 หลายเดือนก่อน

      ​@@Linecurveallah ka shukra bhi to keh to aap log

    • @Jake-Lockley
      @Jake-Lockley 2 หลายเดือนก่อน +1

      जब रामायण का युद्ध समाप्त होता है, राक्षसों का नाश हो जाता है, लेकिन एक शूर्पणखा ही थी, जो राक्षस गुरु शुक्राचार्य की मदद से भगवान शिव जी की तपस्या करती है ताकि उसका कुल नष्ट न हो, तब शिव जी प्रकट होते हैं और वरदान मांगने के लिए कहते हैं, तब शूर्पणखा वरदान मांगती है कि उसकी आने वाली पीढ़ियां नष्ट न हों, तब शिव जी एक शिवलिंग के रूप में प्रकट होते हैं और कहते हैं कि यदि कोई वैष्णव इस शिवलिंग पर गंगा जल अर्पित करेगा, तो राक्षसों का कुल नष्ट हो जाएगा (इसके पीछे का कारण यह भी हो सकता है कि असुर भगवान विष्णु से नफ़रत करते है और असुरो के गुरु शुक्राचार्य है), तब राक्षस गुरु शुक्राचार्य ने उस शिवलिंग को हम हिंदुओं से दूर रेगिस्तान में स्थापित किया और उनके अनुयायियों ने उसके चारों ओर एक दीवार बना दी और उसे काले कपड़े से ढक दिया, फिर शूर्पणखा ने वहां से अपने कुल को आगे बढ़ाया, फिर शूर्पणखा की नाक कटी होने के कारण, वह अपना चेहरा काले कपड़े से ढकने लगी और यह परंपरा उसके मुख्य बच्चों में भी आई। छोटी लड़कियों से लेकर बड़ी महिलाओं तक, सभी ने इस परंपरा का पालन किया यह परंपरा को आज बुरखा कहते है। स्रोत:- ओडिया रामायण
      और ये मुसलमान जिनकी पूजा करते हैं, वे उनके राक्षस गुरु शुक्राचार्य हैं जो उनके लिए अल्लाह हैं।
      और आज भी शुक्रवार उनके लिए प्रार्थना करने के लिए महत्वपूर्ण है चाहे वह मुसलमानों के लिए हो या ईसाइयों के लिए गुड फ्राइडे।
      जब आप तीर्थयात्रियों के बिना मक्का की तस्वीर देखेंगे, तो आप देखेंगे कि वहाँ एक काला बॉक्स है और उसके चारों ओर एक रेखा है जो शिवलिंग के समान दिखाई देगी, इसकी संरचना शिवलिंग के समान है।
      और जिस कमरे में शिवलिंग है उसे हमेशा बंद रखा जाता है, उसे कभी नहीं खोला जाता है और केवल मुसलमान ही उसकी पूजा कर सकते हैं, गैर-मुस्लिम कभी भी उस स्थान के अंदर नहीं जा सकते।
      एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि इस्लाम कभी भी मूर्ति की पूजा नहीं करता है. यहाँ तक कि हमारे महान हिंदू जैसे श्री राम/श्री कृष्ण सभी ने केवल शिवलिंग की पूजा की है। श्री राम शिवलिंग की पूजा करते थे, मूर्ति की नहीं।
      आपका उत्तर “हाँ” है।
      यह मक्का में शिवलिंग है। अलग-अलग रीति-रिवाजों और प्रोटोकॉल के साथ पूजा की जाती है।
      नाम है मक्केश्वर (शिव जी)
      ये राक्षस हज़ारों सालों से इस धरती पर जहाँ भी रहते हैं, आतंक फैलाते हैं आ रहे है उनका रहन सहन जानवरो जैसे मांस भक्षण करना उनके पवित्र मास रमजान और ईद जैसे त्योहार में मांस के बिना उत्सव होना असंभव ही है, संभोग करना (अपनी माता और बहन को भी काम वासना भोग वस्तु की तरह देखना और नारियों को खेत की तरह व्यवहार करना यह तो उनके इस्लामिक लेख हदीथ में लिखा ही है), गैर मुस्लिम पर अत्याचार करना, उनको जबरदस्ती से इस्लाम कबूलवाना, उनके धार्मिक उत्सव और कार्यों पर बांधा उत्पन्न करना उनसे हमेशा लड़ते रहना (यह उनके लेख हदीथ में लिखा है) जैसे की यह दैत्य असुर राक्षस हजार साल से करते आ रहे है।
      परंतु असुरो के किसी भी षड्यंत्र को भगवान विष्णु कभी पूरा नहीं होने देंगे क्योंकि सृष्टी का चक्र गड़बड़ा जायेगा। इसीलिए श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा था जब ज़ब धर्म की हानि होती है मैं जन्म लेता हु भगवान विष्णु से ज्यादा चतुर शुक्राचार्य कभी हो ही नहीं सकता और भगवान विष्णु ज़ब भी धरती पर जन्म लेते है तब स्वयं महाकाल उनकी सहायता के लिये उपस्थित रहते है।
      हर हर महादेव 🙏🏼

  • @ugc1784
    @ugc1784 3 หลายเดือนก่อน +16

    प्राचीन वैदिक काल मे भारत, पाकिस्तान अफगानिस्तान बंग्लादेश, म्यांमार इत्यादि भूभाग आर्यावर्त कहलाता था। एवं जो आज अरब भूभाग है उसे इलावर्त कहा जाता था। पुराणो मे वर्णन है कि भगवान राम के बंशज राजा इक्षाकु के समय इलावर्त से आर्यावर्त आये। क्यो कि सनातन धर्म का साम्राज्य इलावर्त तक समान रूप से फैला हुआ था।

    • @lalitmohanpandey7804
      @lalitmohanpandey7804 2 หลายเดือนก่อน +2

      पहले भी लाखों करोड़ों फर्जी कहानियां बनाई गई है, और उन हजारों लाखों फर्जी कहानियों को एक दूसरे से जोड़ा गया है। अब ये और नई फर्जी कहानियां बनाई जा रही हैं, और साथ ही साथ में इन फर्जी कहानियों को पुरानी फर्जी कहानियों से भी जोड़ा जा रहा है।

  • @akk5280
    @akk5280 20 วันที่ผ่านมา

    He is partially correct..God is one ..Sukracharya is guiding Abrahmic religion people as per lord shivs instructions

  • @jagdishvaishnav6128
    @jagdishvaishnav6128 2 หลายเดือนก่อน +16

    शुक्राचार्य जी को सुरपणख अरब में लेकर गयी

  • @akkygujjar1815
    @akkygujjar1815 2 หลายเดือนก่อน

    Jai bhole nath ki 🙏 shiv shiv shiv shiv shiv shiv shiv shiv shiv shiv shiv shiv shiv shiv shiv shiv shiv shiv shiv

  • @Amanfood18
    @Amanfood18 25 วันที่ผ่านมา

    Mein shrap deta houn ki Shiv ji ko mano gye Shuker chrya jaise tou kabhi bhi Apna dhrma nahi bacha sekte 😊😊😂😂

  • @chitranagare4486
    @chitranagare4486 2 หลายเดือนก่อน +8

    मैने सुना hai अश्वत्थामा की लडकी भी महाभारत ke युद्ध ke बाद जितका नाम बेला या शक्ति tha वाह भी पश्चिम की तराफ chali gayi. Vaha vapas भारतात me आई है

    • @Linecurve
      @Linecurve 2 หลายเดือนก่อน +2

      Bilkul glt

    • @sachinmarutipanwar1281
      @sachinmarutipanwar1281 2 หลายเดือนก่อน +4

      ​@@Linecurvesabit ker Galt hai.

  • @nanukumar7651
    @nanukumar7651 2 หลายเดือนก่อน +25

    Bilkul sahi kaha, very knowledgeable person

    • @Jake-Lockley
      @Jake-Lockley 2 หลายเดือนก่อน +1

      जब रामायण का युद्ध समाप्त होता है, राक्षसों का नाश हो जाता है, लेकिन एक शूर्पणखा ही थी, जो राक्षस गुरु शुक्राचार्य की मदद से भगवान शिव जी की तपस्या करती है ताकि उसका कुल नष्ट न हो, तब शिव जी प्रकट होते हैं और वरदान मांगने के लिए कहते हैं, तब शूर्पणखा वरदान मांगती है कि उसकी आने वाली पीढ़ियां नष्ट न हों, तब शिव जी एक शिवलिंग के रूप में प्रकट होते हैं और कहते हैं कि यदि कोई वैष्णव इस शिवलिंग पर गंगा जल अर्पित करेगा, तो राक्षसों का कुल नष्ट हो जाएगा (इसके पीछे का कारण यह भी हो सकता है कि असुर भगवान विष्णु से नफ़रत करते है और असुरो के गुरु शुक्राचार्य है), तब राक्षस गुरु शुक्राचार्य ने उस शिवलिंग को हम हिंदुओं से दूर रेगिस्तान में स्थापित किया और उनके अनुयायियों ने उसके चारों ओर एक दीवार बना दी और उसे काले कपड़े से ढक दिया, फिर शूर्पणखा ने वहां से अपने कुल को आगे बढ़ाया, फिर शूर्पणखा की नाक कटी होने के कारण, वह अपना चेहरा काले कपड़े से ढकने लगी और यह परंपरा उसके मुख्य बच्चों में भी आई। छोटी लड़कियों से लेकर बड़ी महिलाओं तक, सभी ने इस परंपरा का पालन किया यह परंपरा को आज बुरखा कहते है। स्रोत:- ओडिया रामायण
      और ये मुसलमान जिनकी पूजा करते हैं, वे उनके राक्षस गुरु शुक्राचार्य हैं जो उनके लिए अल्लाह हैं।
      और आज भी शुक्रवार उनके लिए प्रार्थना करने के लिए महत्वपूर्ण है चाहे वह मुसलमानों के लिए हो या ईसाइयों के लिए गुड फ्राइडे।
      जब आप तीर्थयात्रियों के बिना मक्का की तस्वीर देखेंगे, तो आप देखेंगे कि वहाँ एक काला बॉक्स है और उसके चारों ओर एक रेखा है जो शिवलिंग के समान दिखाई देगी, इसकी संरचना शिवलिंग के समान है।
      और जिस कमरे में शिवलिंग है उसे हमेशा बंद रखा जाता है, उसे कभी नहीं खोला जाता है और केवल मुसलमान ही उसकी पूजा कर सकते हैं, गैर-मुस्लिम कभी भी उस स्थान के अंदर नहीं जा सकते।
      एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि इस्लाम कभी भी मूर्ति की पूजा नहीं करता है. यहाँ तक कि हमारे महान हिंदू जैसे श्री राम/श्री कृष्ण सभी ने केवल शिवलिंग की पूजा की है। श्री राम शिवलिंग की पूजा करते थे, मूर्ति की नहीं।
      आपका उत्तर “हाँ” है।
      यह मक्का में शिवलिंग है। अलग-अलग रीति-रिवाजों और प्रोटोकॉल के साथ पूजा की जाती है।
      नाम है मक्केश्वर (शिव जी)
      ये राक्षस हज़ारों सालों से इस धरती पर जहाँ भी रहते हैं, आतंक फैलाते हैं आ रहे है उनका रहन सहन जानवरो जैसे मांस भक्षण करना उनके पवित्र मास रमजान और ईद जैसे त्योहार में मांस के बिना उत्सव होना असंभव ही है, संभोग करना (अपनी माता और बहन को भी काम वासना भोग वस्तु की तरह देखना और नारियों को खेत की तरह व्यवहार करना यह तो उनके इस्लामिक लेख हदीथ में लिखा ही है), गैर मुस्लिम पर अत्याचार करना, उनको जबरदस्ती से इस्लाम कबूलवाना, उनके धार्मिक उत्सव और कार्यों पर बांधा उत्पन्न करना उनसे हमेशा लड़ते रहना (यह उनके लेख हदीथ में लिखा है) जैसे की यह दैत्य असुर राक्षस हजार साल से करते आ रहे है।
      परंतु असुरो के किसी भी षड्यंत्र को भगवान विष्णु कभी पूरा नहीं होने देंगे क्योंकि सृष्टी का चक्र गड़बड़ा जायेगा। इसीलिए श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा था जब ज़ब धर्म की हानि होती है मैं जन्म लेता हु भगवान विष्णु से ज्यादा चतुर शुक्राचार्य कभी हो ही नहीं सकता और भगवान विष्णु ज़ब भी धरती पर जन्म लेते है तब स्वयं महाकाल उनकी सहायता के लिये उपस्थित रहते है।
      हर हर महादेव 🙏🏼

  • @narsinghtilakbhati4856
    @narsinghtilakbhati4856 2 หลายเดือนก่อน +2

    जय हो भोलेनाथ कलियुग असुर राज शुक्राचार्य जी की जय हो

  • @AnkitSharma-mw6qm
    @AnkitSharma-mw6qm 13 วันที่ผ่านมา

    आंशिक प्रलय के साथ महाप्रलय का भी उल्लेख हैँ.....

  • @padamshah7902
    @padamshah7902 2 หลายเดือนก่อน +8

    भटके अधर्मी लोग...मन चाही राह
    ना ही किसी की सुननी ना ही कोई परवाह

  • @AjayKumar-yp4tl
    @AjayKumar-yp4tl 2 หลายเดือนก่อน +23

    शुक्राचार्य ने पैगंबरों को ज्ञान नहीं दिया? वे कहते हैं पृथ्वी चपटी है सूर्य और अन्य ग्रह इसके चारों ओर घूमते है, और भी बहुत कुछ जो अज्ञान ही दिखाता है, जबकि शूराचार्य तो ज्ञानी रहे।

    • @ASB4499
      @ASB4499 2 หลายเดือนก่อน +1

      That may be True, try hard

    • @Nchandra1975
      @Nchandra1975 2 หลายเดือนก่อน +3

      शुक्राचार्य bhi sunn vale ka level dekh ke gyan denge na

    • @risingstar9090
      @risingstar9090 2 หลายเดือนก่อน

      गाय के सींगो पे धरती टिकी है एवं उसके हिलने से भूकंप आते हैं ये किस ग्रंथ मे लिखा है कृपया प्रकाशित करे

    • @Nchandra1975
      @Nchandra1975 2 หลายเดือนก่อน +3

      @@risingstar9090 Voh sab rupak hai samje. Ussey literally matlo. Humare dharm mai aasmani kitab ka concept nahi hai. Hum सभी puran ved etc pe charcha karte hai kar sakte hai

    • @jayhindjaybharat1230
      @jayhindjaybharat1230 2 หลายเดือนก่อน +5

      ​@@risingstar9090 SAR TAN SE JUDA K NARE LAGAKE DUSRE KOM KI HATYA KARNE WALE KIS KOM SE HOTE HAI????

  • @Anujsuryawansi
    @Anujsuryawansi 2 หลายเดือนก่อน +3

    अब पता चला ख़ुदा का शुक्र है का असल मतलब😮

  • @Amanfood18
    @Amanfood18 25 วันที่ผ่านมา

    Shuker chrya phir Tera ant Hogya 😂😂 Vardhan dena Shiv g muje 😊😊

  • @DeepakKumarSoni-dw4gi
    @DeepakKumarSoni-dw4gi 2 หลายเดือนก่อน +23

    Jabardast.. Laajavaab🦁.. Sundar.. Gajab... Bemisaal... ❤❤

    • @RASHTRANITINEWS
      @RASHTRANITINEWS  2 หลายเดือนก่อน +2

      जय श्री राम

  • @koustavroy4293
    @koustavroy4293 หลายเดือนก่อน +3

    Makkahswar Mahadev ka sachhai ek din samne ayga

  • @shardasoni5450
    @shardasoni5450 หลายเดือนก่อน +1

    कल्कि अवतार ही इन शुक्राचार्या के वंशजों का अंत करेंगे काश इस पर कोई फिल्म बना दे

  • @chandrashekhar3929
    @chandrashekhar3929 3 หลายเดือนก่อน +11

    It is evident from our shastras, Vedas and puranas that-
    'पिता के गोत्र और माता के सपिण्ड में विवाह वर्जित है '
    'माता के सपिण्ड' means seven generations of maternal side

    • @shahamitava4971
      @shahamitava4971 3 หลายเดือนก่อน +2

      India me hi aadhe hindu apne cousins se ya apni bhanji se vivah karte hain. kya unko tum hindu nahi maante.
      ek ishwar ki upasna ko chor diya. insan ko jatiyon me baant diya.

    • @pradeeptiwari5388
      @pradeeptiwari5388 2 หลายเดือนก่อน +1

      ऐसे प्रकरण बगत कम हैँ

    • @Linecurve
      @Linecurve 2 หลายเดือนก่อน +1

      @@shahamitava4971 bilkul Bhai hamre hindu kuch ladkiyon mulle londe pade or wo dusri shadi yani divorce se kare hindu caste likhte unka kya wo mulle bne

    • @Linecurve
      @Linecurve 2 หลายเดือนก่อน +1

      @@shahamitava4971 or Bhai kya vidhva matrimony chal rah wo kya

    • @Linecurve
      @Linecurve 2 หลายเดือนก่อน +1

      @@shahamitava4971 or hindu log shudi krar rahe udkakya

  • @shivkumarmishra2772
    @shivkumarmishra2772 2 หลายเดือนก่อน +4

    Bilkul sahi kaha aapane bhai ji you are correct 💯 pratisat correct you are great ❤❤

    • @Jake-Lockley
      @Jake-Lockley 2 หลายเดือนก่อน +1

      जब रामायण का युद्ध समाप्त होता है, राक्षसों का नाश हो जाता है, लेकिन एक शूर्पणखा ही थी, जो राक्षस गुरु शुक्राचार्य की मदद से भगवान शिव जी की तपस्या करती है ताकि उसका कुल नष्ट न हो, तब शिव जी प्रकट होते हैं और वरदान मांगने के लिए कहते हैं, तब शूर्पणखा वरदान मांगती है कि उसकी आने वाली पीढ़ियां नष्ट न हों, तब शिव जी एक शिवलिंग के रूप में प्रकट होते हैं और कहते हैं कि यदि कोई वैष्णव इस शिवलिंग पर गंगा जल अर्पित करेगा, तो राक्षसों का कुल नष्ट हो जाएगा (इसके पीछे का कारण यह भी हो सकता है कि असुर भगवान विष्णु से नफ़रत करते है और असुरो के गुरु शुक्राचार्य है), तब राक्षस गुरु शुक्राचार्य ने उस शिवलिंग को हम हिंदुओं से दूर रेगिस्तान में स्थापित किया और उनके अनुयायियों ने उसके चारों ओर एक दीवार बना दी और उसे काले कपड़े से ढक दिया, फिर शूर्पणखा ने वहां से अपने कुल को आगे बढ़ाया, फिर शूर्पणखा की नाक कटी होने के कारण, वह अपना चेहरा काले कपड़े से ढकने लगी और यह परंपरा उसके मुख्य बच्चों में भी आई। छोटी लड़कियों से लेकर बड़ी महिलाओं तक, सभी ने इस परंपरा का पालन किया यह परंपरा को आज बुरखा कहते है। स्रोत:- ओडिया रामायण
      और ये मुसलमान जिनकी पूजा करते हैं, वे उनके राक्षस गुरु शुक्राचार्य हैं जो उनके लिए अल्लाह हैं।
      और आज भी शुक्रवार उनके लिए प्रार्थना करने के लिए महत्वपूर्ण है चाहे वह मुसलमानों के लिए हो या ईसाइयों के लिए गुड फ्राइडे।
      जब आप तीर्थयात्रियों के बिना मक्का की तस्वीर देखेंगे, तो आप देखेंगे कि वहाँ एक काला बॉक्स है और उसके चारों ओर एक रेखा है जो शिवलिंग के समान दिखाई देगी, इसकी संरचना शिवलिंग के समान है।
      और जिस कमरे में शिवलिंग है उसे हमेशा बंद रखा जाता है, उसे कभी नहीं खोला जाता है और केवल मुसलमान ही उसकी पूजा कर सकते हैं, गैर-मुस्लिम कभी भी उस स्थान के अंदर नहीं जा सकते।
      एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि इस्लाम कभी भी मूर्ति की पूजा नहीं करता है. यहाँ तक कि हमारे महान हिंदू जैसे श्री राम/श्री कृष्ण सभी ने केवल शिवलिंग की पूजा की है। श्री राम शिवलिंग की पूजा करते थे, मूर्ति की नहीं।
      आपका उत्तर “हाँ” है।
      यह मक्का में शिवलिंग है। अलग-अलग रीति-रिवाजों और प्रोटोकॉल के साथ पूजा की जाती है।
      नाम है मक्केश्वर (शिव जी)
      ये राक्षस हज़ारों सालों से इस धरती पर जहाँ भी रहते हैं, आतंक फैलाते हैं आ रहे है उनका रहन सहन जानवरो जैसे मांस भक्षण करना उनके पवित्र मास रमजान और ईद जैसे त्योहार में मांस के बिना उत्सव होना असंभव ही है, संभोग करना (अपनी माता और बहन को भी काम वासना भोग वस्तु की तरह देखना और नारियों को खेत की तरह व्यवहार करना यह तो उनके इस्लामिक लेख हदीथ में लिखा ही है), गैर मुस्लिम पर अत्याचार करना, उनको जबरदस्ती से इस्लाम कबूलवाना, उनके धार्मिक उत्सव और कार्यों पर बांधा उत्पन्न करना उनसे हमेशा लड़ते रहना (यह उनके लेख हदीथ में लिखा है) जैसे की यह दैत्य असुर राक्षस हजार साल से करते आ रहे है।
      परंतु असुरो के किसी भी षड्यंत्र को भगवान विष्णु कभी पूरा नहीं होने देंगे क्योंकि सृष्टी का चक्र गड़बड़ा जायेगा। इसीलिए श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा था जब ज़ब धर्म की हानि होती है मैं जन्म लेता हु भगवान विष्णु से ज्यादा चतुर शुक्राचार्य कभी हो ही नहीं सकता और भगवान विष्णु ज़ब भी धरती पर जन्म लेते है तब स्वयं महाकाल उनकी सहायता के लिये उपस्थित रहते है।
      हर हर महादेव 🙏🏼

  • @ravindrachaudhary7865
    @ravindrachaudhary7865 25 วันที่ผ่านมา

    AatmvatSarvbhutesu v Vasudhevkutumbkm
    Ye do Sutrr sabhi 84 lakh prkaar ke jeevo dwara follow kiye jaate ha. Bus Maanav ne hi dono sutrro ka ulanghan Kiya ha.......
    Punahh Bharat vishvRajniti ka punarnirdharann karta ha...
    Pt. Deendayal Upadhyaya ji ke 4 sutrr jinki vyakhya is kram se hogi... Aarthik Loktantra dwara Arthayaam aadharit Ekatmmaanavvaad ki sthapna se Antodday ki prapti.. Baccha Doctor jaipur 🙏🌞🙏🌞🌞🙏🌞

  • @mukteswarmohanta6465
    @mukteswarmohanta6465 หลายเดือนก่อน +2

    Guruji apki research ko ,gyan ko,sat sat naman.jai bholenath prabhu daya ram hari he.

  • @ranjanasinha69
    @ranjanasinha69 2 หลายเดือนก่อน +7

    Aapki aawaz bahut achi hai.aur gyan bahut uttam.

    • @Jake-Lockley
      @Jake-Lockley 2 หลายเดือนก่อน +1

      जब रामायण का युद्ध समाप्त होता है, राक्षसों का नाश हो जाता है, लेकिन एक शूर्पणखा ही थी, जो राक्षस गुरु शुक्राचार्य की मदद से भगवान शिव जी की तपस्या करती है ताकि उसका कुल नष्ट न हो, तब शिव जी प्रकट होते हैं और वरदान मांगने के लिए कहते हैं, तब शूर्पणखा वरदान मांगती है कि उसकी आने वाली पीढ़ियां नष्ट न हों, तब शिव जी एक शिवलिंग के रूप में प्रकट होते हैं और कहते हैं कि यदि कोई वैष्णव इस शिवलिंग पर गंगा जल अर्पित करेगा, तो राक्षसों का कुल नष्ट हो जाएगा (इसके पीछे का कारण यह भी हो सकता है कि असुर भगवान विष्णु से नफ़रत करते है और असुरो के गुरु शुक्राचार्य है), तब राक्षस गुरु शुक्राचार्य ने उस शिवलिंग को हम हिंदुओं से दूर रेगिस्तान में स्थापित किया और उनके अनुयायियों ने उसके चारों ओर एक दीवार बना दी और उसे काले कपड़े से ढक दिया, फिर शूर्पणखा ने वहां से अपने कुल को आगे बढ़ाया, फिर शूर्पणखा की नाक कटी होने के कारण, वह अपना चेहरा काले कपड़े से ढकने लगी और यह परंपरा उसके मुख्य बच्चों में भी आई। छोटी लड़कियों से लेकर बड़ी महिलाओं तक, सभी ने इस परंपरा का पालन किया यह परंपरा को आज बुरखा कहते है। स्रोत:- ओडिया रामायण
      और ये मुसलमान जिनकी पूजा करते हैं, वे उनके राक्षस गुरु शुक्राचार्य हैं जो उनके लिए अल्लाह हैं।
      और आज भी शुक्रवार उनके लिए प्रार्थना करने के लिए महत्वपूर्ण है चाहे वह मुसलमानों के लिए हो या ईसाइयों के लिए गुड फ्राइडे।
      जब आप तीर्थयात्रियों के बिना मक्का की तस्वीर देखेंगे, तो आप देखेंगे कि वहाँ एक काला बॉक्स है और उसके चारों ओर एक रेखा है जो शिवलिंग के समान दिखाई देगी, इसकी संरचना शिवलिंग के समान है।
      और जिस कमरे में शिवलिंग है उसे हमेशा बंद रखा जाता है, उसे कभी नहीं खोला जाता है और केवल मुसलमान ही उसकी पूजा कर सकते हैं, गैर-मुस्लिम कभी भी उस स्थान के अंदर नहीं जा सकते।
      एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि इस्लाम कभी भी मूर्ति की पूजा नहीं करता है. यहाँ तक कि हमारे महान हिंदू जैसे श्री राम/श्री कृष्ण सभी ने केवल शिवलिंग की पूजा की है। श्री राम शिवलिंग की पूजा करते थे, मूर्ति की नहीं।
      आपका उत्तर “हाँ” है।
      यह मक्का में शिवलिंग है। अलग-अलग रीति-रिवाजों और प्रोटोकॉल के साथ पूजा की जाती है।
      नाम है मक्केश्वर (शिव जी)
      ये राक्षस हज़ारों सालों से इस धरती पर जहाँ भी रहते हैं, आतंक फैलाते हैं आ रहे है उनका रहन सहन जानवरो जैसे मांस भक्षण करना उनके पवित्र मास रमजान और ईद जैसे त्योहार में मांस के बिना उत्सव होना असंभव ही है, संभोग करना (अपनी माता और बहन को भी काम वासना भोग वस्तु की तरह देखना और नारियों को खेत की तरह व्यवहार करना यह तो उनके इस्लामिक लेख हदीथ में लिखा ही है), गैर मुस्लिम पर अत्याचार करना, उनको जबरदस्ती से इस्लाम कबूलवाना, उनके धार्मिक उत्सव और कार्यों पर बांधा उत्पन्न करना उनसे हमेशा लड़ते रहना (यह उनके लेख हदीथ में लिखा है) जैसे की यह दैत्य असुर राक्षस हजार साल से करते आ रहे है।
      परंतु असुरो के किसी भी षड्यंत्र को भगवान विष्णु कभी पूरा नहीं होने देंगे क्योंकि सृष्टी का चक्र गड़बड़ा जायेगा। इसीलिए श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा था जब ज़ब धर्म की हानि होती है मैं जन्म लेता हु भगवान विष्णु से ज्यादा चतुर शुक्राचार्य कभी हो ही नहीं सकता और भगवान विष्णु ज़ब भी धरती पर जन्म लेते है तब स्वयं महाकाल उनकी सहायता के लिये उपस्थित रहते है।
      हर हर महादेव 🙏🏼

  • @chandanmukhiya8517
    @chandanmukhiya8517 2 หลายเดือนก่อน +7

    Jay sanatan Jay mahakal 🕉️🙏🙏🙏

  • @upresins
    @upresins 2 หลายเดือนก่อน +1

    शुक्र ग्रह बाह्य रूप से बहुत चमकीला और सुंदर है लेकिन वास्तव में यह अत्यधिक तापमान और दबाव वाला एक नारकीय ग्रह है। मेरे मन में एक विचार है: क्या शुक्र ग्रह दानवों का ग्रह था जो देवताओं के साथ युद्ध में नष्ट हो गया था?

  • @VijayKumar-eh4rf
    @VijayKumar-eh4rf 2 หลายเดือนก่อน +7

    Good topic topic, we have become so blind in modern life that we have forgotten the real issues and the start of all.

    • @Jake-Lockley
      @Jake-Lockley 2 หลายเดือนก่อน +1

      When the war of Ramayana ends, the destruction of the demons is completed, but there was a demoness named Shurpanakha, who sought the help of the demon's guru (teacher/master) Shukracharya to perform penance for Lord Shiva so that her lineage would not be destroyed. Then Lord Shiva appears and offers her a boon, so Shurpanakha asks for a blessing that her future generations would not be destroyed. Lord Shiva manifests in the form of a Shiva lingam and says that if a Vaishnavite offers Ganga water on this Shiva lingam, the lineage of demons will be destroyed (The reason behind this could also be that the demons hate Lord Vishnu and their guru is Shukracharya.) Then the demon guru Shukracharya placed that Shiva lingam far away from Hindus in the desert and his followers built a wall around it and covered it with black cloth. Then Shurpanakha led her lineage forward from there. Due to Shurpanakha's nose being cut off, she started covering her face with black cloth, and this tradition was followed by her main children. From young girls to grown women, everyone followed this tradition, which is now called the burqa.
      Source: Odia Ramayana
      And those Muslims whom they worship are their demon guru Shukracharya who is Allah for them.
      And even today, it is important to pray for them on Fridays, whether it is for Muslims or Christians on Good Friday.
      When you see pictures of Mecca without pilgrims, you will see a black box there with lines around it resembling a Shiva lingam structure. The structure resembles a Shiva lingam.
      And the room where the Shiva lingam is kept is always closed and only Muslims can worship it; non-Muslims are not allowed inside.
      Another important thing is that Islam never worships idols. Even our great Hindus like Lord Rama/Lord Krishna mostly worshiped the Shiva lingam. Lord Rama used to worship the Shiva lingam.
      Your answer is "Yes".
      There is a Shiva lingam in Mecca. Worship is done with different rituals and protocols.
      Its name is Makkeswar (Lord Shiva).
      These demons have been spreading terror on this earth for thousands of years wherever they live. Their way of living includes consuming meat like animals, which makes it impossible to have festivals like Ramadan and Eid without meat, indulging in lustful activities (as written in their Islamic writings Hadith), mistreating non-Muslims, forcing them to accept Islam, creating conflicts over their religious festivals and activities, always fighting with them (as written in their demonic Islamic writings Hadith) as these demons have been doing for thousands of years.
      But The demons' any conspiracy will never be fulfilled by Lord Vishnu because it will disrupt the cycle of creation. That's why Lord Krishna had told Arjuna that whenever there is a threat to righteousness, he incarnates. Shukracharya can never be more clever than Lord Vishnu, and even when Lord Vishnu takes birth on Earth, Mahakal himself is present to assist him.
      Har Har Mahadev.

  • @basantswaroop5001
    @basantswaroop5001 2 หลายเดือนก่อน +4

    विवेचना अच्छी लगी
    क्या आप ने मिश्र की सभ्यता की पतन का अध्ययन किया
    मेरे विचार से वही पतन यहूदी इस्लाम और क्रिश्चियन धर्म का
    Upajak है
    कल्पना का कोई अन्त नहीं
    परंतु अधिकतर संस्कार मिश्र सभ्यता के साक्षात दर्शन
    होते हैं

    • @Jake-Lockley
      @Jake-Lockley 2 หลายเดือนก่อน +1

      जब रामायण का युद्ध समाप्त होता है, राक्षसों का नाश हो जाता है, लेकिन एक शूर्पणखा ही थी, जो राक्षस गुरु शुक्राचार्य की मदद से भगवान शिव जी की तपस्या करती है ताकि उसका कुल नष्ट न हो, तब शिव जी प्रकट होते हैं और वरदान मांगने के लिए कहते हैं, तब शूर्पणखा वरदान मांगती है कि उसकी आने वाली पीढ़ियां नष्ट न हों, तब शिव जी एक शिवलिंग के रूप में प्रकट होते हैं और कहते हैं कि यदि कोई वैष्णव इस शिवलिंग पर गंगा जल अर्पित करेगा, तो राक्षसों का कुल नष्ट हो जाएगा (इसके पीछे का कारण यह भी हो सकता है कि असुर भगवान विष्णु से नफ़रत करते है और असुरो के गुरु शुक्राचार्य है), तब राक्षस गुरु शुक्राचार्य ने उस शिवलिंग को हम हिंदुओं से दूर रेगिस्तान में स्थापित किया और उनके अनुयायियों ने उसके चारों ओर एक दीवार बना दी और उसे काले कपड़े से ढक दिया, फिर शूर्पणखा ने वहां से अपने कुल को आगे बढ़ाया, फिर शूर्पणखा की नाक कटी होने के कारण, वह अपना चेहरा काले कपड़े से ढकने लगी और यह परंपरा उसके मुख्य बच्चों में भी आई। छोटी लड़कियों से लेकर बड़ी महिलाओं तक, सभी ने इस परंपरा का पालन किया यह परंपरा को आज बुरखा कहते है। स्रोत:- ओडिया रामायण
      और ये मुसलमान जिनकी पूजा करते हैं, वे उनके राक्षस गुरु शुक्राचार्य हैं जो उनके लिए अल्लाह हैं।
      और आज भी शुक्रवार उनके लिए प्रार्थना करने के लिए महत्वपूर्ण है चाहे वह मुसलमानों के लिए हो या ईसाइयों के लिए गुड फ्राइडे।
      जब आप तीर्थयात्रियों के बिना मक्का की तस्वीर देखेंगे, तो आप देखेंगे कि वहाँ एक काला बॉक्स है और उसके चारों ओर एक रेखा है जो शिवलिंग के समान दिखाई देगी, इसकी संरचना शिवलिंग के समान है।
      और जिस कमरे में शिवलिंग है उसे हमेशा बंद रखा जाता है, उसे कभी नहीं खोला जाता है और केवल मुसलमान ही उसकी पूजा कर सकते हैं, गैर-मुस्लिम कभी भी उस स्थान के अंदर नहीं जा सकते।
      एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि इस्लाम कभी भी मूर्ति की पूजा नहीं करता है. यहाँ तक कि हमारे महान हिंदू जैसे श्री राम/श्री कृष्ण सभी ने केवल शिवलिंग की पूजा की है। श्री राम शिवलिंग की पूजा करते थे, मूर्ति की नहीं।
      आपका उत्तर “हाँ” है।
      यह मक्का में शिवलिंग है। अलग-अलग रीति-रिवाजों और प्रोटोकॉल के साथ पूजा की जाती है।
      नाम है मक्केश्वर (शिव जी)
      ये राक्षस हज़ारों सालों से इस धरती पर जहाँ भी रहते हैं, आतंक फैलाते हैं आ रहे है उनका रहन सहन जानवरो जैसे मांस भक्षण करना उनके पवित्र मास रमजान और ईद जैसे त्योहार में मांस के बिना उत्सव होना असंभव ही है, संभोग करना (अपनी माता और बहन को भी काम वासना भोग वस्तु की तरह देखना और नारियों को खेत की तरह व्यवहार करना यह तो उनके इस्लामिक लेख हदीथ में लिखा ही है), गैर मुस्लिम पर अत्याचार करना, उनको जबरदस्ती से इस्लाम कबूलवाना, उनके धार्मिक उत्सव और कार्यों पर बांधा उत्पन्न करना उनसे हमेशा लड़ते रहना (यह उनके लेख हदीथ में लिखा है) जैसे की यह दैत्य असुर राक्षस हजार साल से करते आ रहे है।
      परंतु असुरो के किसी भी षड्यंत्र को भगवान विष्णु कभी पूरा नहीं होने देंगे क्योंकि सृष्टी का चक्र गड़बड़ा जायेगा। इसीलिए श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा था जब ज़ब धर्म की हानि होती है मैं जन्म लेता हु भगवान विष्णु से ज्यादा चतुर शुक्राचार्य कभी हो ही नहीं सकता और भगवान विष्णु ज़ब भी धरती पर जन्म लेते है तब स्वयं महाकाल उनकी सहायता के लिये उपस्थित रहते है।
      हर हर महादेव 🙏🏼

  • @sagoce7093
    @sagoce7093 หลายเดือนก่อน +2

    Aur dafnane ki bhi parampara shayad isiliye abrhamic religions me isliye h taki unki souls ko rebirth ki cycle me dalne k bajay unko pret yoni me dalkr harvest kr ske... Aur waqt aane pr unko resurrect kr ske... Jalane pr to ya to swarg nark me jayengi ya moksh payengi ya naya janm le lengi..

  • @HarshKumar-hj5gx
    @HarshKumar-hj5gx 2 หลายเดือนก่อน +7

    Jai Satyasnatan Dharam ki🙏🙏🌹🌹

    • @RASHTRANITINEWS
      @RASHTRANITINEWS  2 หลายเดือนก่อน

      जय श्री राम

    • @Jake-Lockley
      @Jake-Lockley 2 หลายเดือนก่อน +1

      जब रामायण का युद्ध समाप्त होता है, राक्षसों का नाश हो जाता है, लेकिन एक शूर्पणखा ही थी, जो राक्षस गुरु शुक्राचार्य की मदद से भगवान शिव जी की तपस्या करती है ताकि उसका कुल नष्ट न हो, तब शिव जी प्रकट होते हैं और वरदान मांगने के लिए कहते हैं, तब शूर्पणखा वरदान मांगती है कि उसकी आने वाली पीढ़ियां नष्ट न हों, तब शिव जी एक शिवलिंग के रूप में प्रकट होते हैं और कहते हैं कि यदि कोई वैष्णव इस शिवलिंग पर गंगा जल अर्पित करेगा, तो राक्षसों का कुल नष्ट हो जाएगा (इसके पीछे का कारण यह भी हो सकता है कि असुर भगवान विष्णु से नफ़रत करते है और असुरो के गुरु शुक्राचार्य है), तब राक्षस गुरु शुक्राचार्य ने उस शिवलिंग को हम हिंदुओं से दूर रेगिस्तान में स्थापित किया और उनके अनुयायियों ने उसके चारों ओर एक दीवार बना दी और उसे काले कपड़े से ढक दिया, फिर शूर्पणखा ने वहां से अपने कुल को आगे बढ़ाया, फिर शूर्पणखा की नाक कटी होने के कारण, वह अपना चेहरा काले कपड़े से ढकने लगी और यह परंपरा उसके मुख्य बच्चों में भी आई। छोटी लड़कियों से लेकर बड़ी महिलाओं तक, सभी ने इस परंपरा का पालन किया यह परंपरा को आज बुरखा कहते है। स्रोत:- ओडिया रामायण
      और ये मुसलमान जिनकी पूजा करते हैं, वे उनके राक्षस गुरु शुक्राचार्य हैं जो उनके लिए अल्लाह हैं।
      और आज भी शुक्रवार उनके लिए प्रार्थना करने के लिए महत्वपूर्ण है चाहे वह मुसलमानों के लिए हो या ईसाइयों के लिए गुड फ्राइडे।
      जब आप तीर्थयात्रियों के बिना मक्का की तस्वीर देखेंगे, तो आप देखेंगे कि वहाँ एक काला बॉक्स है और उसके चारों ओर एक रेखा है जो शिवलिंग के समान दिखाई देगी, इसकी संरचना शिवलिंग के समान है।
      और जिस कमरे में शिवलिंग है उसे हमेशा बंद रखा जाता है, उसे कभी नहीं खोला जाता है और केवल मुसलमान ही उसकी पूजा कर सकते हैं, गैर-मुस्लिम कभी भी उस स्थान के अंदर नहीं जा सकते।
      एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि इस्लाम कभी भी मूर्ति की पूजा नहीं करता है. यहाँ तक कि हमारे महान हिंदू जैसे श्री राम/श्री कृष्ण सभी ने केवल शिवलिंग की पूजा की है। श्री राम शिवलिंग की पूजा करते थे, मूर्ति की नहीं।
      आपका उत्तर “हाँ” है।
      यह मक्का में शिवलिंग है। अलग-अलग रीति-रिवाजों और प्रोटोकॉल के साथ पूजा की जाती है।
      नाम है मक्केश्वर (शिव जी)
      ये राक्षस हज़ारों सालों से इस धरती पर जहाँ भी रहते हैं, आतंक फैलाते हैं आ रहे है उनका रहन सहन जानवरो जैसे मांस भक्षण करना उनके पवित्र मास रमजान और ईद जैसे त्योहार में मांस के बिना उत्सव होना असंभव ही है, संभोग करना (अपनी माता और बहन को भी काम वासना भोग वस्तु की तरह देखना और नारियों को खेत की तरह व्यवहार करना यह तो उनके इस्लामिक लेख हदीथ में लिखा ही है), गैर मुस्लिम पर अत्याचार करना, उनको जबरदस्ती से इस्लाम कबूलवाना, उनके धार्मिक उत्सव और कार्यों पर बांधा उत्पन्न करना उनसे हमेशा लड़ते रहना (यह उनके लेख हदीथ में लिखा है) जैसे की यह दैत्य असुर राक्षस हजार साल से करते आ रहे है।
      परंतु असुरो के किसी भी षड्यंत्र को भगवान विष्णु कभी पूरा नहीं होने देंगे क्योंकि सृष्टी का चक्र गड़बड़ा जायेगा। इसीलिए श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा था जब ज़ब धर्म की हानि होती है मैं जन्म लेता हु भगवान विष्णु से ज्यादा चतुर शुक्राचार्य कभी हो ही नहीं सकता और भगवान विष्णु ज़ब भी धरती पर जन्म लेते है तब स्वयं महाकाल उनकी सहायता के लिये उपस्थित रहते है।
      हर हर महादेव 🙏🏼

  • @AmrishKumarsharma-rl4su
    @AmrishKumarsharma-rl4su 2 หลายเดือนก่อน +12

    Jai shree Ram

    • @RASHTRANITINEWS
      @RASHTRANITINEWS  2 หลายเดือนก่อน +1

      भैया राम राम राम जी

  • @vivekbuddhi5829
    @vivekbuddhi5829 2 หลายเดือนก่อน +5

    नवग्रह शांति मैं शुक्र की पूजा क्यों कि जाति है, तो क्या वो हिन्दुओ की आत्मा भी harvest कर लेंगे क्या?

    • @Linecurve
      @Linecurve 2 หลายเดือนก่อน +2

      Correct

  • @manojpandey2297
    @manojpandey2297 2 หลายเดือนก่อน +4

    Asuro k marg par Muslims he chal rahe hai.. Bahut sambhav hai ye sukracharya k anuyayi hai

  • @rschauhan3656
    @rschauhan3656 2 หลายเดือนก่อน +4

    Ravan ke vinash ke bad jab bibhishan lankapati bane tab ashubh man kar supanakha kolanka se bahar kar diya. Prati sodha me jalati hui waha pahuchi jahapar rakchas binash se dukhi dait guru shukracharya devatyo se badala lene ke lie tarap rahatha. Shukracharya ne wada kiya ki mai badal lunga . Shiv tapasya se shiv ji pragat ho kar baradan magane ke lie ka ha.bachan badh shiv ne shiv ling ko dete hue kaha ki esako surakchhit rakhana . Jab tak yeh surakchit rahega tab tak tumara kunawa bistar kar ke duniya me sam rajya badaega . Jis din koi hindu sanatani es par ganga jal chada dega usi din se tumare kunwa ka binash suru ho jaiga.

  • @chandra8728
    @chandra8728 2 หลายเดือนก่อน +3

    Jai Bharat 🚩

  • @segaindia8061
    @segaindia8061 2 หลายเดือนก่อน

    Aadi Shakti ki Jai. Brahma hi Satya hai ❤

  • @sanjaydange3728
    @sanjaydange3728 2 หลายเดือนก่อน +2

    शुक्राचार्य कि कहाणी देखी तो, देवगुरू के सच्चे हक्कदार वही थे मगर अंबरिष और इंद्र कि गलत व्यवहार से उन्हे दैत्य गुरू बना दिये, शनिदेव कि कृपासे उन्हे मृत संजिवणी मंत्र मिला
    शुक्राचार्य कुछ भी हो, मगर
    शुक्राचार्य पर अन्याय हुवा है,

  • @rajtiwari7380
    @rajtiwari7380 2 หลายเดือนก่อน +7

    परंतु इस्लाम का जन्म तो ईसाई मजहब से हुआ है तथा ईसाई मजहब का जन्म यहूदी मजहब से हुआ है...
    यानी कि यहूदी से निकला ईसाई... और ईसाई से निकला इस्लाम.....

    • @Jake-Lockley
      @Jake-Lockley 2 หลายเดือนก่อน +1

      जब रामायण का युद्ध समाप्त होता है, राक्षसों का नाश हो जाता है, लेकिन एक शूर्पणखा ही थी, जो राक्षस गुरु शुक्राचार्य की मदद से भगवान शिव जी की तपस्या करती है ताकि उसका कुल नष्ट न हो, तब शिव जी प्रकट होते हैं और वरदान मांगने के लिए कहते हैं, तब शूर्पणखा वरदान मांगती है कि उसकी आने वाली पीढ़ियां नष्ट न हों, तब शिव जी एक शिवलिंग के रूप में प्रकट होते हैं और कहते हैं कि यदि कोई वैष्णव इस शिवलिंग पर गंगा जल अर्पित करेगा, तो राक्षसों का कुल नष्ट हो जाएगा (इसके पीछे का कारण यह भी हो सकता है कि असुर भगवान विष्णु से नफ़रत करते है और असुरो के गुरु शुक्राचार्य है), तब राक्षस गुरु शुक्राचार्य ने उस शिवलिंग को हम हिंदुओं से दूर रेगिस्तान में स्थापित किया और उनके अनुयायियों ने उसके चारों ओर एक दीवार बना दी और उसे काले कपड़े से ढक दिया, फिर शूर्पणखा ने वहां से अपने कुल को आगे बढ़ाया, फिर शूर्पणखा की नाक कटी होने के कारण, वह अपना चेहरा काले कपड़े से ढकने लगी और यह परंपरा उसके मुख्य बच्चों में भी आई। छोटी लड़कियों से लेकर बड़ी महिलाओं तक, सभी ने इस परंपरा का पालन किया यह परंपरा को आज बुरखा कहते है। स्रोत:- ओडिया रामायण
      और ये मुसलमान जिनकी पूजा करते हैं, वे उनके राक्षस गुरु शुक्राचार्य हैं जो उनके लिए अल्लाह हैं।
      और आज भी शुक्रवार उनके लिए प्रार्थना करने के लिए महत्वपूर्ण है चाहे वह मुसलमानों के लिए हो या ईसाइयों के लिए गुड फ्राइडे।
      जब आप तीर्थयात्रियों के बिना मक्का की तस्वीर देखेंगे, तो आप देखेंगे कि वहाँ एक काला बॉक्स है और उसके चारों ओर एक रेखा है जो शिवलिंग के समान दिखाई देगी, इसकी संरचना शिवलिंग के समान है।
      और जिस कमरे में शिवलिंग है उसे हमेशा बंद रखा जाता है, उसे कभी नहीं खोला जाता है और केवल मुसलमान ही उसकी पूजा कर सकते हैं, गैर-मुस्लिम कभी भी उस स्थान के अंदर नहीं जा सकते।
      एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि इस्लाम कभी भी मूर्ति की पूजा नहीं करता है. यहाँ तक कि हमारे महान हिंदू जैसे श्री राम/श्री कृष्ण सभी ने केवल शिवलिंग की पूजा की है। श्री राम शिवलिंग की पूजा करते थे, मूर्ति की नहीं।
      आपका उत्तर “हाँ” है।
      यह मक्का में शिवलिंग है। अलग-अलग रीति-रिवाजों और प्रोटोकॉल के साथ पूजा की जाती है।
      नाम है मक्केश्वर (शिव जी)
      ये राक्षस हज़ारों सालों से इस धरती पर जहाँ भी रहते हैं, आतंक फैलाते हैं आ रहे है उनका रहन सहन जानवरो जैसे मांस भक्षण करना उनके पवित्र मास रमजान और ईद जैसे त्योहार में मांस के बिना उत्सव होना असंभव ही है, संभोग करना (अपनी माता और बहन को भी काम वासना भोग वस्तु की तरह देखना और नारियों को खेत की तरह व्यवहार करना यह तो उनके इस्लामिक लेख हदीथ में लिखा ही है), गैर मुस्लिम पर अत्याचार करना, उनको जबरदस्ती से इस्लाम कबूलवाना, उनके धार्मिक उत्सव और कार्यों पर बांधा उत्पन्न करना उनसे हमेशा लड़ते रहना (यह उनके लेख हदीथ में लिखा है) जैसे की यह दैत्य असुर राक्षस हजार साल से करते आ रहे है।
      परंतु असुरो के किसी भी षड्यंत्र को भगवान विष्णु कभी पूरा नहीं होने देंगे क्योंकि सृष्टी का चक्र गड़बड़ा जायेगा। इसीलिए श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा था जब ज़ब धर्म की हानि होती है मैं जन्म लेता हु भगवान विष्णु से ज्यादा चतुर शुक्राचार्य कभी हो ही नहीं सकता और भगवान विष्णु ज़ब भी धरती पर जन्म लेते है तब स्वयं महाकाल उनकी सहायता के लिये उपस्थित रहते है।
      हर हर महादेव 🙏🏼

  • @ReferKaroEarnKaroo
    @ReferKaroEarnKaroo 2 หลายเดือนก่อน +3

    Sahi hai shukracharya asur
    Bhagwan Vishnu ka droh karte hai
    Aur bhagwan vishnu ko gaay cows priya hai
    Aur isiliye shukracharya adharm badhane ke liye gaay khate hai

  • @SrishttiBajpai
    @SrishttiBajpai 2 หลายเดือนก่อน +10

    Gajab ka topic. Wonderfully explained . Thanks sir.

  • @sumanloshali3124
    @sumanloshali3124 2 หลายเดือนก่อน +1

    तभी इनके वहा 5 बार नमाज पढ़ने का नियम है ताकि इनकी नमाज का असर शुक्राचार्य जी ले सर

  • @rajendramardikar2342
    @rajendramardikar2342 2 หลายเดือนก่อน

    Really mind blowing.