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PARDA HAI PARDA पर्दा है पर्दा | JAY KUMAR | MD. RAFI | AMAR AKBAR ANTHONY

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  • เผยแพร่เมื่อ 17 มิ.ย. 2024
  • PARDA HAI PARDA | JAY KUMAR Jay Kumar Performing in Conceptual Live Musical Concert.
    Event Name - Kya Yahi Pyar Hai
    Concept & Direction - Ajit Mestry
    Date : 17th May 2024
    Venue -Vishnudas Bhave Natyagruha, Vashi, Navi Mumbai.
    Contact No# : +91-93722 21646
    Song - Parda Hai Parda
    Film - Amar Akbar Anthony (1977)
    Original Singer - Mohammed Rafi
    Music Director - Laxmikant Pyarelal
    Lyrics- Anand Bakshi
    शबाब पे मैं ज़रा सी शराब फेकूंगा
    किसी हसीन की तरफ ये गुलाब फेकूंगा
    पर्दा है, पर्दा है
    पर्दा है, पर्दा है
    पर्दा है, पर्दा है
    पर्दा है, पर्दा है
    पर्दा है पर्दा
    पर्दा है पर्दा
    परदे के पीछे पर्दानशीं है
    पर्दानशीं को बेपर्दा ना कर दूँ तो (बेपर्दा)
    पर्दानशीं को बेपर्दा ना कर दूँ तो
    अकबर मेरा नाम नहीं है
    पर्दा है पर्दा
    पर्दा है पर्दा
    हे परदे के पीछे पर्दानशीं है
    पर्दानशीं को बेपर्दा ना कर दूँ तो
    अकबर मेरा नाम नहीं है
    पर्दा है पर्दा
    पर्दा है पर्दा
    मैं देखता हूँ जिधर
    लोग भी उधर देखे
    कहाँ ठहरती है जाकर मेरी नज़र देखे
    मेरे ख़्वाबों की शहज़ादी
    मैं हूँ अकबर इल्लाहबादी
    मैं शायर हूँ हसीनों का
    मैं आशिक मेहजबनीं को
    तेरा दामन
    तेरा दामन
    तेरा दामन (दामन दामन)
    तेरा दामन ना छोडूँगा
    मैं हर चिलमन (चिलमन चिलमन)
    मैं हर चिलमन को तोडूंगा
    न डर ज़ालिम ज़माने से
    अदा से या बहाने से
    ज़रा अपनी सूरत दिखा दे
    समां खूबसूरत बना दे
    नहीं तो तेरा नाम लेके
    तुझे कोई इल्जाम देके
    तुझको इस महफ़िल में रुसवा न कर दूं तो रुसवा (रुसवा)
    तुझको इस महफ़िल में रुसवा न कर दूं
    हा पर्दानशीं को बेपर्दा ना कर दूँ तो (तो तो तो तो)
    अकबर मेरा नाम नहीं है
    पर्दा है पर्दा
    पर्दा है पर्दा
    परदे के पीछे पर्दानशीं है
    पर्दानशीं को बेपर्दा ना कर दूँ तो
    पर्दानशीं को बेपर्दा ना कर दूँ तो
    अकबर मेरा नाम नहीं है
    पर्दा है पर्दा
    पर्दा है पर्दा
    खुदा का शुक्र है
    चेहरा नज़र तो आया है
    हया का रंग निगाहों पे फिर भी छाया है
    किसी की जान जाती है
    किसी को शर्म (आ शर्म) आती है
    किसी की जान जाती है
    किसी को शर्म आती है
    कोई आँसू बहाता है
    तो कोई मुस्कुराता है
    सताकर इस तरह अक्सर
    मज़ा लेते हैं ये दिलबर
    हाँ यही दस्तूर है इनका
    सितम मशहुर है इनका
    सितम मशहुर है इनका
    सितम मशहुर है इनका
    ख़फा होके चेहरा छुपा ले
    मगर याद रख हुस्नवाले
    जो है आग तेरी जवानी
    मेरा प्यार है सर्द पानी
    मैं तेर गुस्से को ठंडा न कर दूं हाँ
    मैं तेर गुस्से को ठंडा न कर दूं
    हा पर्दानशीं को बेपर्दा ना कर दूँ तो (तो तो तो तो)
    अकबर मेरा नाम नहीं है
    पर्दा है पर्दा
    पर्दा है पर्दा
    परदे के पीछे पर्दानशीं है
    पर्दानशीं को बेपर्दा ना कर दूँ
    तो अकबर मेरा नाम नहीं है
    पर्दा है पर्दा
    पर्दा है पर्दा

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