एक अरसे बाद इतनी सुन्दर और सारगर्भित बातचीत सुनने को मिली। वाकई इस कार्यक्रम का नाम 'संगत' एकदम सार्थक है जैसे तबले की थाप और घुंघरू की झंकार, कहीं कोई कमी नहीं। मृणाल जी तो विदुषी है ही पर सवाल पूछने का अंदाज और गहराई भी लाजवाब है। लग रहा था कि पुराना वक्त लौट आया जब घर में मासिक पत्रिका आते ही पहले पढ़ने की होड़ और उसके बाद कहानी, लेख के बारे में बातचीत करना .. कितना कुछ याद आ गया। इस नायाब कार्यक्रम के लिए दिल से शुक्रिया।
बहुत संयत और गंभीर साक्षात्कार ।साफ बातचीत जो दुर्लभ हो रही है ।मृणाल जी की मैं पुरानी प्रशंसक हूँ ।साक्षात्कार कर्ता भी उतनी ही शालीनता के साथ स्पष्ट प्रश्न रख कर उत्तर के लिए पर्याप्त स्कोप दे रहे थे । सुन कर अच्छा लगा ।🙏🏻
Aaj pahli baar sanyog se yeh program dikhai de gaya. Mrinal ji ko dekh kar sunna shru Kiya to mantra mugdh hokar poora sunne ke baad hi chhor saki. Main ne haal hi men unka laghu upanyas himli heeraman katha padha aur logon se kaha ki itni klisht hindi bhi itni sunder aur rochak ho sakti hai nahin socha tha. Abhi to unki saral swabhavik bhasha ne kanon men ras ghola aur bahut kuchh seekhne ko bhi Mila. Main urdu ki senior ( age wise) lekhika hoon. Unke bahut se vichaar bahut pasand aye. Kaash kabhi milne ka saubhagya prapt ho sake. Do chaar baar gurra bhi len to koi darr nahin lagega Salamat rahiye likhti rahiye
ये तो सच है कि अनुभवी और ज्ञानी लोगों को सुनने में ही एक सुख है, आनंद है। मृणाल जी को सुनने में अतिशय आनंद मिला। मृणाल जी का उपन्यास 'सहेला रे' पढ़ा हुआ है, एवं एक अन्य पुस्तक 'ध्वनियों के आलोक में स्त्री' भी पढ़ रखी है। लेकिन आज के इस इंटरव्यू के बाद देवी, पटरंगपुराण और बच्चों को न सुनाने लायक कहानियाँ, इन तीन पुस्तकों को भी क्रय करने की सूची में रख लिया है। शुक्रिया मृणाल जी 💯🙏 इस अद्भुत इंटरव्यू के लिए
बेहतरीन संवाद । बहुत दिनक बाद इतनी सुंदर वार्तालाप सुनने को मिला। मृणालजी कितनी सहजता के साथ बात रखती है यह देख कर मन आनंदित हो जाता है। आपको और संगत को ढेर सारी बधाई एवं शुभकामनाऍं।🌺🌺
आज बहुत फ़ुर्सत से सुनने का समय मिला। मृणाल पंत जैसी विदुषी को सुनना अपने आप में अनूठा अनुभव है। ख़ूब अनुभव वृद्ध हो कर ही और ख़ूब अच्छी पाठक परंपरा के पश्चात ही मृणाल पंत हुआ जा सकता है। गौरा पंत शिवानी जैसी माता की अनुकृति उनकी परंपरा को ख़ूब समृद्ध और परिष्कृत करती हैं। आभार आपका अंजुम, आपने मृणाल जी से बहुत सुंदर संवाद स्थापित किया।
Mrinal ji aapne apni maa k baare mein jo bataya wahi maine bhi apni maa k baare mein suna , wo khule vichaaron ki, padhne likhne wali, chup rehne wali aur aadhyatm mein bohot aagey nikli huyi thi... Unki grihasthi ke kaamon mein galtiyan nikalna aur mazaak udaana maine bhi bohot sehen kiya hai.... Aaj mere bachpan ke kuch sawaalon ke jawaab aaj mujhe mile
सबसे पहले अंजुम जी आपका शुक्रिया , कितनी निश्चिंतता से , अच्छी रिसर्च के बाद आप ये संगत के interview करते हैं - सारे सटीक सवाल और इतनी सहजता से मानो बातचीत चल रही हो , एक फ्लो में। अभिभूत हूँ मृणाल जी जैसे चिंतक लेखिका संपादक को सुनकर - सच में मेरी भी लड़कियों से इसलिए मित्रता कम होती है , पता नहीं क्यों स्त्रियों ने अपनी दुनिया घर/सास/ बच्चों के आगे देखा ही नहीं है - यहाँ तक की ज़्यादातर काम काजी स्त्रियां भी सौंदर्य /फैशन / शॉपिंग /टीवी सिनेमा के अलावा कुछ से भी सरोकार नहीं रखती ( ये अधूरा शसक्तीकरण है ), मानो पर्यावरण / अर्थव्यवस्था राजनीती जैसे मुद्दे इनकी दुनिया के है ही नहीं - हम ५० प्रतिशत हक़की बात करते हैं - भागीदारी क्यों नहीं दिखाते , अच्छी हिंदी पत्रिकाओं का कम होना चुभता है लेकिन बात फिर वही आजाती है कौन सा पाठक या दर्शक खड़ा है जो बेकार को बेकार कहे और अच्छे के लिए लड़े - कितनी स्पष्टता से आप अपनी बात रखती हैं मृणाल - मैंने आपको सिर्फ अखबारों और पत्रिकाओं में पढ़ा है - बहुत कुछ बाकी है पढ़ना आपको - सच में हिंदी अखबारों या बोल चाल वाली हिंदी का पतन दुःख देता है वो सभी लोग जो धारा के विरुद्ध सोचते हैं कहीं बोलना लिखना चाहते हैं उन्हें अब इतना सोशल मीडिया के होने के बावजूद जगह नहीं मिलती - अब तो दोस्तों से संवाद तक होना मुश्किल हो गया है इतना ध्रुवीकरण है समाज में - आपका हिंदी मीडिया से " लवर्स क़व्वारेल " जारी रहे , क्यूंकि जब तक आप जैसे लोग हैं कहीं न कहीं कुछ तो उम्मीद है ही बाकी ! Couple of days back I also watched an interview of a well known actress almost of same age who considers feminism as 'Faltu' and what a contrasting interview I must say - "Class " and Knowledge will never be outdated .
राजनीति, अर्थव्यवस्था,,,, पर्यावरण की यदि चिंता एक मध्यम वर्गीय परिवार की स्त्री गलती से मुंह से निकाल दे, तब तो वह प्रहार की शिकार होगी।यह पढ़े लिखे परिवार में हुआ है।
@ निहारिका जी अक्षरशः सहमत हूँ आपकी बात से लेकिन समाज में यदि बदलाव लाना है तो स्त्रियों को आगे आना ही होगा - जितना प्रभाव एक माँ का परिवार पर होता है उतना और किसी का नहीं होता ये हमने देखा है - काफ़ी हद तक आज की दुर्दशा की जिम्मेवार भी मैं स्त्रियों को मानती हूँ - धर्म के आड़ में दुनिया भर के पाखंड में उलझ के रह गई पिछली पीढ़ी की ज़्यादातर स्त्रियाँ - आज कल नया चलन है कि ४५/५० तक सबकी ख़ुद की जवानी ख़त्म नहीं हो रही , - और घर और मातृत्व दोनों की जिम्मेदारिया किनारे रख कर - तो सिखायेगा कौन अगली पीढ़ी को ? ( ये मेरे निजी विचार हैं और मैं ग़लत भी हो सकती हूँ अपने आकलन में 🙏🏽)
@@RandomThot आप बिलकुल सही कह रही है आजकल 50 के ऊपर की औरतो का भी टाइम पास सिर्फ़ fashion और फ़िज़ूल की बाते ही रह गई है , ख़ुद को ही कुझ नहीं आता तो बच्चो को क्या सिखयेगी
मुग्ध कर दिया अपने मृणालिनी जी🙏🥹 हिंदी साहित्य की मेरी सबसे प्रिय लेखिका शिवानी जी की पुत्री हैं आप ये मुझे आज पता चला...... बचपन से देखा है ,आपकी बेबाकी और सादगी को शत शत नमन 🙏🙏
बहुत अच्छा एपिसोड , एक सिटिंग में देख गई , हर समय अपने मन और अपने कर्म के बीच कैसे संतुलन बैठाकर इतनी ऊंचाई हासिल की जा सकती है सीखा , सदा से मृणाल जी को पढ़ती रही हूं पर आज सुनकर और अधिक आनंद आया ,ज्ञान मिला , समझ बढ़ी , अंजुम जी बधाई
मृणाल जी स्वयं एक संस्थान हैं... उन्हें सुनना एक समूचे कालखंड को सुनना है। बड़े होते हुए वामा पत्रिका को पढ़ने का सौभाग्य मिला...उस उम्र में भी यह स्पष्ट समझ में आया था कि वह पत्रिका कुछ अलग थी, उस समय प्रचलित पत्रिकाओं से हटकर थी। बहुत-बहुत धन्यवाद, आभार! 🙏🏾
परम आदरणीय मृणाल जी का साक्षात्कार सुनकर बहुत प्रसन्नता हुई। आपको बचपन से सुनते आ रहा हूँ। आपके जन्मस्थान से ही आता हूँ पर अब अमेरिका मैं रहता हूँ। आपने टीकमगढ़ का गौरव बढ़ाया है। ईश्वर आपको और आपके परिवार को स्वस्थ और प्रसन्न रखे। सादर प्रणाम।
बिल्कुल सही जिस उम्र में पुरुष जीवन में प्रोग्रेस कर रहा होता है। उस उम्र में महिलाएं बच्चे पैदा करती हैं और उन्हें पालने में ही अपना जीवन बीता देती है।
जीवन में तटस्थ रहना और होना दोनों ही अलग बातें हैं , जो हर कोई निभा नहीं पाता परंतु मृणाल मै'म को सुनकर लगा कि आपमें ये दोनों ही बातें मौजूद हैं l बहुत सुन्दर और सारगर्भित बातचीत l धन्यवाद संगत l मृणाल जी को सादर प्रणाम l
बहुत ही रोचक और महत्वपूर्ण एपिसोड, हिंदवी टीम को हार्दिक बधाई 💐💐 मृणाल जी बहुमुखी प्रतिभा की धनी लेखिका हैं , उनके लेखन के आयाम विस्तृत हैं और इतने विस्तार से उनको सुनना बहुत ही सुखद और रोचक रहा।
मृणाल पाण्डे जी का साक्षात्कार हिंदवी पर एक अदभुत ज्ञानमय अनुभव रहा। वामा जैसी अप्रतिम पत्रिका से लेकर अपने लेखन और कथाओं द्वारा मृणाल जी ने हम पाठकों का हिन्दी जगत में मार्गदर्शन किया है। आज उनको साक्षात्कार में सुन कर बहुत ही अच्छा लगा। 🙏
अंजुम शर्मा द्वारा मृणाल पांडे के साथ एक बहुत ही विस्तृत साक्षात्कार सुनने को मिला।ये साक्षात्कार, समाज में महिलाओं की जीवनभर के विभिन्न चरणों की स्थिति के बारे में बहुत कुछ जानने का अवसर मिला। इस इंटरव्यू का सबसे अच्छा हिस्सा समाज में महिलाओं के बारे में मिथक और समाज के विकास के साथ उनकी सोच में बदलाव की कहानी है। साथ ही इन की तरफ से व्यक्तिगत स्तर पर उठाए गए कदमों की दी गई जानकारी आज की महिलाओं के लिए प्रेरणादायक और उन्हें सशक्त बनाने वाली हो सकती है। इस साक्षात्कार के लिए संगत चैनल, मृणाल पांडे और अंजुम शर्मा जी का बहुत धन्यवाद। मोहन बेगोवाल
आपके साक्षात्कार की एक विशेषता यह भी है कि वह समय प्रवाह को पुनर्व्याख्यायित कर रहा है आपके अतिथि साहित्यकार के शब्दों में भाषा के स्तर पर भी यह अत्यंत संतोषप्रद और मुग्ध करने वाला है मृणाल जी का साक्षात्कार एक और सुनहरा एहसास रहा रहा इस साहित्यिक यात्रा का ---- कितने विषयों पर बातें हुईं और कितनी नवीनता संचारित रही पूरे वातावरण में वह अकथनीय है --घिसे पिटे ढर्रे पर पिटे पिटाए मुहावरे' कहीं न कहीं ' उनमें से एक है लेकिन अंजुम शर्मा की चौपाल में महफ़िल का स्तर अलग ही है आप की आवाज़ भी बेहतरीन है ---मृणाल जी को सादर चरण स्पर्श 🌹
मृणाल जी आपके साहस लगन और ज्ञान की जितनी भी सराहना की जाए कम होगी । मैंने आपकी कोई भी रचना नहीं पड़ी सिर्फ़ TV पर आपको सुना और देखा है और आज आपका interview देख कर बहुत प्रभावित हुई। आप ऐसे ही अपना मनोबल बनाए रखें और अच्छा अच्छा लिखती रहें। अंजुम जी आप बहुत प्रभावित करते है आपकी आवाज़ बहुत अच्छी है 🙏🏼🙏🏼👍🏼👍🏼
Man man Hoti Hai Man Ka Dil Hamesha bacche se attach rahata hai Man Jaisa Koi Nahin Hai Duniya Mein Jay Ho Man bacchon Ki Hamesha Raksha Suraksha Hoti Hai Sahi margdarshan Kariye bacchon ka
Aapko kundith autho may kamiyea nahi dikhathi maa beti kay beech may jo eak dusaray say bani ounmay kharabi dikhi. Dhikkar hai aapko. Aasman may thook kar aap baday nahi ban jayengay@@SanjayKumar-cf3bs
Thanks for this interview. I have a great regard for Mrinalji.I have read her articles in TOI.Heard her on the TV. Read her English translation of a travelog written in marathi around 1857 by a poor brahmin who travels on foot from Ratnagiri to Jhansi & back.
स्त्री-विमर्श के विशुद्ध भारतीय सन्दर्भों को समझने के लिए इसे सुनना चाहिए। मृणाल जी ने न सिर्फ़ स्त्रियों पर लिखा, बल्कि एक संघर्षशील, स्वतंत्र और कामयाब स्त्री की तरह जीवन व्यतीत करके भी दिखाया।
Mradal ji aap bahuth sammanith hai aap ko vharan saparsh. Aap ki maa ki ham aur aap jaishi aatham sammanith ladys ridi rahaymgi. Jimkay struggle kay karan aaj samaj may hamay aagay nadhanay ka mauka mila.
यह साक्षात्कार सुनकर आनंद के सागर में गोते लगता रहा शिवानी जी मेरी अत्यंत प्रिय लेखिका हैं उनके बारे में उनकी ही विदुषी बहुमुखी प्रतिभा से संपन्न सुपुत्री से जाना अपने आप में अनोखा अनुभव रहा मृणाल जी की बहुत सी पुस्तक पड़ी है मैंने इस में साक्षात्कार से मालूम चला कि उनकी कौन कौन सी पुस्तक हमें पढ़नी चाहिए साक्षात्कार का स्तर अत्यंत उच्च स्तरीय है.......
Mai shivani ji kee ejjajat say apni beti ka naam shivani rakhi hu❤unka ah param asshish hai❤ unki chitthi sab meri dharohar hai❤ o Mery jiwan kee sarb Priya Manila hai❤❤❤❤❤
Behtarin bahut shandar bridal Ji ko samachar padhte hue Apne Bachpan mein dekha tha ham logon ko bada ideal lagti thi itne sare gunon ka Bhandar ek mahila ke andar bilkul durlabh vyaktitva
माँ एक अद्भुत और अनेक भावों से भी जुडा अनुभव भी है। देखने की दृष्टि है। एक film हीरोइन सना खान कहती हैँ कि उन्हें आठ बच्चे चाहिए। वह कौन सी निष्कवचता है। खैर आपको सुनना सदैव सुखद है 👏
एक अरसे बाद इतनी सुन्दर और सारगर्भित बातचीत सुनने को मिली। वाकई इस कार्यक्रम का नाम 'संगत' एकदम सार्थक है जैसे तबले की थाप और घुंघरू की झंकार, कहीं कोई कमी नहीं। मृणाल जी तो विदुषी है ही पर सवाल पूछने का अंदाज और गहराई भी लाजवाब है। लग रहा था कि पुराना वक्त लौट आया जब घर में मासिक पत्रिका आते ही पहले पढ़ने की होड़ और उसके बाद कहानी, लेख के बारे में बातचीत करना ..
कितना कुछ याद आ गया।
इस नायाब कार्यक्रम के लिए दिल से शुक्रिया।
बहुत ही शालीन साक्षात्कार, मृणाल जी के व्यक्तित्व के अनुरूप,पर्त दर पर्त.
बहुत संयत और गंभीर साक्षात्कार ।साफ बातचीत जो दुर्लभ हो रही है ।मृणाल जी की मैं पुरानी प्रशंसक हूँ ।साक्षात्कार कर्ता भी उतनी ही शालीनता के साथ स्पष्ट प्रश्न रख कर उत्तर के लिए पर्याप्त स्कोप दे रहे थे । सुन कर अच्छा लगा ।🙏🏻
बहुत दिनों बाद मृणाल पाण्डे जी को देखकर बहुत ही अच्छा लगा।
सही मायने में इनके लेखन और बातचीत में बहुत सुख मिलता है।
Bachpan me aap ki Nandan bahot padhi hu.... dhanywaad hamare bachpan ko sukun Dene k liye
Aaj pahli baar sanyog se yeh program dikhai de gaya. Mrinal ji ko dekh kar sunna shru Kiya to mantra mugdh hokar poora sunne ke baad hi chhor saki. Main ne haal hi men unka laghu upanyas himli heeraman katha padha aur logon se kaha ki itni klisht hindi bhi itni sunder aur rochak ho sakti hai nahin socha tha. Abhi to unki saral swabhavik bhasha ne kanon men ras ghola aur bahut kuchh seekhne ko bhi Mila.
Main urdu ki senior ( age wise) lekhika hoon. Unke bahut se vichaar bahut pasand aye. Kaash kabhi milne ka saubhagya prapt ho sake. Do chaar baar gurra bhi len to koi darr nahin lagega
Salamat rahiye likhti rahiye
ये तो सच है कि अनुभवी और ज्ञानी लोगों को सुनने में ही एक सुख है, आनंद है। मृणाल जी को सुनने में अतिशय आनंद मिला। मृणाल जी का उपन्यास 'सहेला रे' पढ़ा हुआ है, एवं एक अन्य पुस्तक 'ध्वनियों के आलोक में स्त्री' भी पढ़ रखी है। लेकिन आज के इस इंटरव्यू के बाद देवी, पटरंगपुराण और बच्चों को न सुनाने लायक कहानियाँ, इन तीन पुस्तकों को भी क्रय करने की सूची में रख लिया है। शुक्रिया मृणाल जी 💯🙏 इस अद्भुत इंटरव्यू के लिए
मृणाल जी को सुनना हमेशा अच्छा लगता है। पिछले दिनों कुमायूँनी में आज हिन्दी में उनको सुनकर आश्चर्य होता है कि उनके पास भाषा का ऐसा सहज वैभव है
बेहतरीन संवाद । बहुत दिनक बाद इतनी सुंदर वार्तालाप सुनने को मिला। मृणालजी कितनी सहजता के साथ बात रखती है यह देख कर मन आनंदित हो जाता है। आपको और संगत को ढेर सारी बधाई एवं शुभकामनाऍं।🌺🌺
Aisa interview bahut dino baad mila
आज बहुत फ़ुर्सत से सुनने का समय मिला। मृणाल पंत जैसी विदुषी को सुनना अपने आप में अनूठा अनुभव है। ख़ूब अनुभव वृद्ध हो कर ही और ख़ूब अच्छी पाठक परंपरा के पश्चात ही मृणाल पंत हुआ जा सकता है। गौरा पंत शिवानी जैसी माता की अनुकृति उनकी परंपरा को ख़ूब समृद्ध और परिष्कृत करती हैं।
आभार आपका अंजुम, आपने मृणाल जी से बहुत सुंदर संवाद स्थापित किया।
Mrinal ji aapne apni maa k baare mein jo bataya wahi maine bhi apni maa k baare mein suna , wo khule vichaaron ki, padhne likhne wali, chup rehne wali aur aadhyatm mein bohot aagey nikli huyi thi... Unki grihasthi ke kaamon mein galtiyan nikalna aur mazaak udaana maine bhi bohot sehen kiya hai.... Aaj mere bachpan ke kuch sawaalon ke jawaab aaj mujhe mile
सबसे पहले अंजुम जी आपका शुक्रिया , कितनी निश्चिंतता से , अच्छी रिसर्च के बाद आप ये संगत के interview करते हैं - सारे सटीक सवाल और इतनी सहजता से मानो बातचीत चल रही हो , एक फ्लो में।
अभिभूत हूँ मृणाल जी जैसे चिंतक लेखिका संपादक को सुनकर - सच में मेरी भी लड़कियों से इसलिए मित्रता कम होती है , पता नहीं क्यों स्त्रियों ने अपनी दुनिया घर/सास/ बच्चों के आगे देखा ही नहीं है - यहाँ तक की ज़्यादातर काम काजी स्त्रियां भी सौंदर्य /फैशन / शॉपिंग /टीवी सिनेमा के अलावा कुछ से भी सरोकार नहीं रखती ( ये अधूरा शसक्तीकरण है ), मानो पर्यावरण / अर्थव्यवस्था राजनीती जैसे मुद्दे इनकी दुनिया के है ही नहीं - हम ५० प्रतिशत हक़की बात करते हैं - भागीदारी क्यों नहीं दिखाते , अच्छी हिंदी पत्रिकाओं का कम होना चुभता है लेकिन बात फिर वही आजाती है कौन सा पाठक या दर्शक खड़ा है जो बेकार को बेकार कहे और अच्छे के लिए लड़े - कितनी स्पष्टता से आप अपनी बात रखती हैं मृणाल - मैंने आपको सिर्फ अखबारों और पत्रिकाओं में पढ़ा है - बहुत कुछ बाकी है पढ़ना आपको - सच में हिंदी अखबारों या बोल चाल वाली हिंदी का पतन दुःख देता है वो सभी लोग जो धारा के विरुद्ध सोचते हैं कहीं बोलना लिखना चाहते हैं उन्हें अब इतना सोशल मीडिया के होने के बावजूद जगह नहीं मिलती - अब तो दोस्तों से संवाद तक होना मुश्किल हो गया है इतना ध्रुवीकरण है समाज में - आपका हिंदी मीडिया से " लवर्स क़व्वारेल " जारी रहे , क्यूंकि जब तक आप जैसे लोग हैं कहीं न कहीं कुछ तो उम्मीद है ही बाकी !
Couple of days back I also watched an interview of a well known actress almost of same age who considers feminism as 'Faltu' and what a contrasting interview I must say - "Class " and Knowledge will never be outdated .
राजनीति, अर्थव्यवस्था,,,, पर्यावरण की यदि चिंता एक मध्यम वर्गीय परिवार की स्त्री गलती से मुंह से निकाल दे, तब तो वह प्रहार की शिकार होगी।यह पढ़े लिखे परिवार में हुआ है।
@ निहारिका जी अक्षरशः सहमत हूँ आपकी बात से लेकिन समाज में यदि बदलाव लाना है तो स्त्रियों को आगे आना ही होगा - जितना प्रभाव एक माँ का परिवार पर होता है उतना और किसी का नहीं होता ये हमने देखा है - काफ़ी हद तक आज की दुर्दशा की जिम्मेवार भी मैं स्त्रियों को मानती हूँ - धर्म के आड़ में दुनिया भर के पाखंड में उलझ के रह गई पिछली पीढ़ी की ज़्यादातर स्त्रियाँ - आज कल नया चलन है कि ४५/५० तक सबकी ख़ुद की जवानी ख़त्म नहीं हो रही , - और घर और मातृत्व दोनों की जिम्मेदारिया किनारे रख कर - तो सिखायेगा कौन अगली पीढ़ी को ? ( ये मेरे निजी विचार हैं और मैं ग़लत भी हो सकती हूँ अपने आकलन में 🙏🏽)
@@RandomThot आप बिलकुल सही कह रही है आजकल 50 के ऊपर की
औरतो का भी टाइम पास सिर्फ़ fashion और फ़िज़ूल की बाते ही रह गई है , ख़ुद को ही कुझ नहीं आता तो बच्चो को क्या सिखयेगी
आदरणीया मृणाल पांडे जी को बहुत दिनो बाद सुनना हृदय को सुकून दिया l
सादर प्रणाम स्वीकार करें l
आज बहुत खुशी हुई आपको देखकर वामा पत्रिका की आप की संपादकीय बहुत पढ़ा किशोरावस्था में आपकी वामा रेगुलर पढ़ती। थी ❤❤❤❤❤❤
मुग्ध कर दिया अपने मृणालिनी जी🙏🥹
हिंदी साहित्य की मेरी सबसे प्रिय लेखिका शिवानी जी की पुत्री हैं आप ये मुझे आज पता चला......
बचपन से देखा है ,आपकी बेबाकी और सादगी को शत शत नमन 🙏🙏
Thanks Anjum ji for asking various personal & complex questions in such a dignified & neutral way.Regards to Mrinal ji❤
Mrinal Pande is a woman of substance! She talks so much sense and is 'real' .
बहुत अच्छा एपिसोड , एक सिटिंग में देख गई , हर समय अपने मन और अपने कर्म के बीच कैसे संतुलन बैठाकर इतनी ऊंचाई हासिल की जा सकती है सीखा , सदा से मृणाल जी को पढ़ती रही हूं पर आज सुनकर और अधिक आनंद आया ,ज्ञान मिला , समझ बढ़ी ,
अंजुम जी बधाई
मृणाल जी को सुनना नयी खिड़की खुलने जैसा है। आपने सही कहा है पराश्रित का दर्द लिखा जाना आवश्यक है।
मृणाल जी स्वयं एक संस्थान हैं... उन्हें सुनना एक समूचे कालखंड को सुनना है। बड़े होते हुए वामा पत्रिका को पढ़ने का सौभाग्य मिला...उस उम्र में भी यह स्पष्ट समझ में आया था कि वह पत्रिका कुछ अलग थी, उस समय प्रचलित पत्रिकाओं से हटकर थी।
बहुत-बहुत धन्यवाद, आभार! 🙏🏾
परम आदरणीय मृणाल जी का साक्षात्कार सुनकर बहुत प्रसन्नता हुई। आपको बचपन से सुनते आ रहा हूँ। आपके जन्मस्थान से ही आता हूँ पर अब अमेरिका मैं रहता हूँ। आपने टीकमगढ़ का गौरव बढ़ाया है। ईश्वर आपको और आपके परिवार को स्वस्थ और प्रसन्न रखे।
सादर प्रणाम।
बिल्कुल सही जिस उम्र में पुरुष जीवन में प्रोग्रेस कर रहा होता है। उस उम्र में महिलाएं बच्चे पैदा करती हैं और उन्हें पालने में ही अपना जीवन बीता देती है।
बिल्कुल सही
शानदार प्रस्तुति. अभिनंदन और असीम शुभकामनाएँ. सुज्ञान मोदी के प्रणाम स्वीकारें.
मृणाल जी जैसे साधक विरले ही हैं। उनको सुन कर लगता है कितना कुछ जानने को है।
अंजुम से मुलाक़ात आकाशवाणी दिल्ली में हुई थी। उनकी अध्ययनशीलता को भी नमन।
मेरा परम सौभाग्य कि मेरे पास इनके बचपन की इतनी सुन्दर तस्वीर है जिसमें मैं शिशु रूप में इनकी कनिया में सुशोभित हूं।❤
जीवन में तटस्थ रहना और होना दोनों ही अलग बातें हैं , जो हर कोई निभा नहीं पाता परंतु मृणाल मै'म को सुनकर लगा कि आपमें ये दोनों ही बातें मौजूद हैं l बहुत सुन्दर और सारगर्भित बातचीत l धन्यवाद संगत l मृणाल जी को सादर प्रणाम l
Ji nahi
बहुत ही रोचक और महत्वपूर्ण एपिसोड, हिंदवी टीम को हार्दिक बधाई 💐💐
मृणाल जी बहुमुखी प्रतिभा की धनी लेखिका हैं , उनके लेखन के आयाम विस्तृत हैं और इतने विस्तार से उनको सुनना बहुत ही सुखद और रोचक रहा।
टूजी gv😊
मृणाल जी को सुनना अपना सौभाग्य समझती हूं। अंजुम जी का सरल सहज प्रश्नों से बातचीत को बढ़ाना अच्छा लगता है। मृणाल जी को सुनकर अभिभूत हूं।
धन्यवाद
अंजुम शर्मा जी जैसे साक्षात्कार कर्ता विरले ही होते हैं।
असीम शुभकामनाएं आगामी संगत के लिए
Mranaal ji ke bare me Mai naachej kya bol sakti hu. Etni mugh me samgh nahi. But Anjum Ko bhi hat's off
मृणाल पाण्डे जी का साक्षात्कार हिंदवी पर एक अदभुत ज्ञानमय अनुभव रहा। वामा जैसी अप्रतिम पत्रिका से लेकर अपने लेखन और कथाओं द्वारा मृणाल जी ने हम पाठकों का हिन्दी जगत में मार्गदर्शन किया है। आज उनको साक्षात्कार में सुन कर बहुत ही अच्छा लगा। 🙏
बहुत सुंदर तरीके से आप सवाल करते हैं। उससे ज्यादा आदरणीया को सुनकर मन प्रसन्न हुआ। मेरी तो प्रधान संपादक रहीं हैं। इनकी जितनी प्रशंसा करूं कम है।❤
मृणाल जी शत शत नमन,मै कॉलेज समय से आपकी प्रबल प्रशंसक हूं और आपसे प्रभावित भी हूं
स्वाभाविक न्यायपरकता , गहरे तक छू गया ये शब्द और आपका ये कहना और भी अधिक सच कि इतना न्यायपरक भी नहीं होना चाहिए!
परिवार भी पराया हो जाता है!❤
ये हर हफ़्ते इस कार्यक्रम के माध्यम से हम जैसों के हित अपना शुद्ध निश्छल प्यार परोसने के 'हिंदवी' की टीम को प्यार ❤
संगत की टीम और अंजुम जी का जितना धन्यवाद किया जाए काम होगा मृणाल पांडे जी के साथ यह साक्षात्कार वाकई लाजवाब है🙏🙏🙏
अंजुम शर्मा द्वारा मृणाल पांडे के साथ एक बहुत ही विस्तृत साक्षात्कार सुनने को मिला।ये साक्षात्कार, समाज में महिलाओं की जीवनभर के विभिन्न चरणों की स्थिति के बारे में बहुत कुछ जानने का अवसर मिला। इस इंटरव्यू का सबसे अच्छा हिस्सा समाज में महिलाओं के बारे में मिथक और समाज के विकास के साथ उनकी सोच में बदलाव की कहानी है। साथ ही इन की तरफ से व्यक्तिगत स्तर पर उठाए गए कदमों की दी गई जानकारी आज की महिलाओं के लिए प्रेरणादायक और उन्हें सशक्त बनाने वाली हो सकती है। इस साक्षात्कार के लिए संगत चैनल, मृणाल पांडे और अंजुम शर्मा जी का बहुत धन्यवाद। मोहन बेगोवाल
मीनू दी, आज आपको सुनकर दिद्दी की बहुत सी स्मृतियाँ जाग गई 🥰
गुड्डी तुम और तुम्हारा परिवार आज भी यादों में बहुत प्यार से सुरक्षित है ।
हिंदी के प्रति इतना सम्मान, और अपनी सतत गति से लेखन कार्य करते रहना... निसंदेह सम्मानजनक एवं प्रेरणादायक है!🙏
अंजुम जी जो आपका तरीका है, जिस बेबाकी से आप प्रश्न को पूछते हैं वह आप जैसे विरले लोग ही होते हैं। बहुत कुछ सीखने को मिला आप दोनों से।
सच मृणाल पांडे को सुनना सौभाग्य की बात है। बहुत सी जानकारी देने के लिए भी कोटि-कोटि धन्यवाद ।
इतने सारे साक्षात्कारों में से यह प्रवाहपूर्ण वार्तालाप में सर्वश्रेष्ठ है। अद्भुत
अंजुम जी, एक पंथ दो काज। बहुत सुंदर सत्य, स्वभावगत विशेषता होती हैं सबकी। शिवानी जी की चलोगी चंद्रिका आज भी याद आती है।
सत्यता , स्पष्टता और निश्छल हँसी का सुन्दर समन्वय है मृणाल जी🎉🎉🎉🎉😊
Sahi apni aatmaktha koi imandari se nhi likh sakta❤
आपके साक्षात्कार की एक विशेषता यह भी है कि वह समय प्रवाह को पुनर्व्याख्यायित कर रहा है आपके अतिथि साहित्यकार के शब्दों में भाषा के स्तर पर भी यह अत्यंत संतोषप्रद और मुग्ध करने वाला है मृणाल जी का साक्षात्कार एक और सुनहरा एहसास रहा रहा इस साहित्यिक यात्रा का ----
कितने विषयों पर बातें हुईं और कितनी नवीनता संचारित रही पूरे वातावरण में वह अकथनीय है --घिसे पिटे ढर्रे पर पिटे पिटाए मुहावरे' कहीं न कहीं ' उनमें से एक है लेकिन अंजुम शर्मा की चौपाल में महफ़िल का स्तर अलग ही है आप की आवाज़ भी बेहतरीन है ---मृणाल जी को सादर चरण स्पर्श 🌹
बहुत सुंदर वार्तालाप
अंजुम सर आपकी वही आवाज जिसका कोई सानी नही.... बस आते रहिये कुछ न कुछ लाते रहिये
मृणाल जी आपके साहस लगन और ज्ञान की जितनी भी सराहना की जाए कम होगी । मैंने आपकी कोई भी रचना नहीं पड़ी सिर्फ़ TV पर आपको सुना और देखा है और आज आपका interview देख कर बहुत प्रभावित हुई। आप ऐसे ही अपना मनोबल बनाए रखें और अच्छा अच्छा लिखती रहें। अंजुम जी आप बहुत प्रभावित करते है आपकी आवाज़ बहुत अच्छी है 🙏🏼🙏🏼👍🏼👍🏼
हिन्दी का परचम लहराने वाली अदभुत लेखिका हिन्दी को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लाने जादूगरनी जी को शत शत नमन ❤❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
थोड़ा थोड़ा करके देख लूं गी, धन्यवाद अंजुम जी।
सुन्दर प्रस्तुति
आप को देखकर बहुत बहुत खुश हू आप से पन्ना मे मुलाकात याद आई आप को नमस्कार
बहुत बढ़िया एपिसोड । बहुत बधाई।
मैने शिवानी जी को बहुत पढ़ा है, मृणाल पांडे जी का साक्षात्कार बहुत अच्छा लगा
जब - जब किसी कवि और लेखक को सुनता हू पढ़ता हूँ ,तो लगता है मै ही हुँ भविष्य के ॥
आप को सुनना और पढ़ना अच्छा लगता है मृणाल जी
Bahut sunder hain aap ki soch,aawaj .
मृणाल जी और शिवानी जी को शत शत नमन 🙏🙏🙏🎉🎉🎉
मृणाल जी को सुनकर मैं समृद्ध हुई।बहुत शुक्रिया, हिंदवी।
It was so delightful to listen to this interview. Mrinal ji is outspoken, and like breadth of fresh air in today’s world.
स्वयं को समझते एवं स्वीकारते एक सशक्त रचनाकार मृणाल पाण्डेय को सुनना देखना अच्छा लगा !
मृणाल पांडे मैडम को सुनना, पढना बहुत अच्छा लगता है।इनका गोत्र के उपर लेख अद्वितीय है
Man man Hoti Hai Man Ka Dil Hamesha bacche se attach rahata hai Man Jaisa Koi Nahin Hai Duniya Mein Jay Ho Man bacchon Ki Hamesha Raksha Suraksha Hoti Hai Sahi margdarshan Kariye bacchon ka
Apko sunkar anayas hi shivani ji ki bahut yad ati hai .🙏🙏🙏🙏🙏
Inhone Shivani ji ka naam bhi kharab kiya hai
Aapko kundith autho may kamiyea nahi dikhathi maa beti kay beech may jo eak dusaray say bani ounmay kharabi dikhi. Dhikkar hai aapko. Aasman may thook kar aap baday nahi ban jayengay@@SanjayKumar-cf3bs
Thanks for this interview. I have a great regard for Mrinalji.I have read her articles in TOI.Heard her on the TV. Read her English translation of a travelog written in marathi around
1857 by a poor brahmin who travels on foot from Ratnagiri to Jhansi &
back.
स्त्री-विमर्श के विशुद्ध भारतीय सन्दर्भों को समझने के लिए इसे सुनना चाहिए। मृणाल जी ने न सिर्फ़ स्त्रियों पर लिखा, बल्कि एक संघर्षशील, स्वतंत्र और कामयाब स्त्री की तरह जीवन व्यतीत करके भी दिखाया।
अगले एपिसोड का प्रोमो क्यों नहीं दिया गया। आप सभी से विनती है संगत की ये कड़ी अनवरत,अविराम चलती रहनी चाहिए।
Rare.Creative,Who believes in self and all rounder.Nice interaction.
शुक्रिया अंजुम जी 🙏
ये एपिसोड करने के लिए ❤
Jay Ho Dharti Man ki aur Bharat Man Ki Jay Ho
What an enriching conversation. Enjoyed thoroughly!!
बहुत सुंदर शानदार साक्षात्कार,
संगत पर हुए बेहतरीन संवादों में से एक है यह बातचीत! शुक्रिया हिन्दवी ❤
क्या ही भगवान की कृपा है कि मैं सुनहरी हुं ❤
जब आप दैनिक हिंदुस्तान की प्रधान संपादक थी तो मुलाकात हुई..आप बहुत व्यस्त थीं.आज कोई भी आपसे मिलना चाहे तो मिल सकता है
Mradal ji aap bahuth sammanith hai aap ko vharan saparsh. Aap ki maa ki ham aur aap jaishi aatham sammanith ladys ridi rahaymgi. Jimkay struggle kay karan aaj samaj may hamay aagay nadhanay ka mauka mila.
बहुत शानदार इंटरव्यू
असल विदुषी हैं मृणाल जी❤
प्रणाम मृणाल जी को🙏🙏
आप बहुत अच्छे और विद्वत जनों का इंटरव्यू करते हैं
यह साक्षात्कार सुनकर आनंद के सागर में गोते लगता रहा शिवानी जी मेरी अत्यंत प्रिय लेखिका हैं उनके बारे में उनकी ही विदुषी बहुमुखी प्रतिभा से संपन्न सुपुत्री से जाना अपने आप में अनोखा अनुभव रहा मृणाल जी की बहुत सी पुस्तक पड़ी है मैंने इस में साक्षात्कार से मालूम चला कि उनकी कौन कौन सी पुस्तक हमें पढ़नी चाहिए साक्षात्कार का स्तर अत्यंत उच्च स्तरीय है.......
Mai shivani ji kee ejjajat say apni beti ka naam shivani rakhi hu❤unka ah param asshish hai❤ unki chitthi sab meri dharohar hai❤ o Mery jiwan kee sarb Priya Manila hai❤❤❤❤❤
बहुत सी बातें जानी, अच्छा लगा ।
My research paper is based on this theory of childless motherhood.... Very happy to see that you also believe in it. 😊🙏 Awesome interview... ❤
बहुत सुंदर।
🙏
Please don't stop sangat 😢😢
मृणाल जी को सुनना खुद को समृद्ध करना है. मुझे हमेशा लगा जो वो हैँ जितना खजाना उनके पास है वो आना बाक़ी है
अंजुम सर आप बहुत अच्छा इंटरव्यू लेते हैं
बहुत अच्छी बातचीत 🙏
❤❤iss ek program mein hee mrinaal ji key sampoorna jeewan kaa vistaar praapt huaa.
कितनी इमानदारी से जवाब मिला...
Wonderful podcast!!!Madam please write for English Newes papers.They are promoting hopeless writers.
Behtarin bahut shandar bridal Ji ko samachar padhte hue Apne Bachpan mein dekha tha ham logon ko bada ideal lagti thi itne sare gunon ka Bhandar ek mahila ke andar bilkul durlabh vyaktitva
बहुत ही सुंदर वार्तालाप🙏
Achcha Laga Dil chhu liya❤🌹🌹🙏
What is your view about Mandi, Himachal Pradesh?
माँ एक अद्भुत और अनेक भावों से भी जुडा अनुभव भी है। देखने की दृष्टि है। एक film हीरोइन सना खान कहती हैँ कि उन्हें आठ बच्चे चाहिए। वह कौन सी निष्कवचता है। खैर आपको सुनना सदैव सुखद है 👏
निश्चित तौर पर है। लेकिन ये बाध्यता नहीं होनी चाहिए।
Tho bhi kyo ithani vradha ashram hai. Family may parents and children clash hai.
जिन्हें सीखना हो बोलना / लिखना वो मृणाल जी को सुने
पारदर्शितापूर्ण,समीक्षात्मक दृष्टि कोण की विधवाओं में,पारांगत हैं, लेखिका और लेखनी ।