Mr Sultan May Allah (swt) guide you on the path of Sirat al-Mustaqim and wish you all the best your search for the truth on Journey from "Ismailism to Islam" Ex-Ismaili/Alhamdulillah I follow Deen of Islam.
Thanks Salim for your tireless efforts since 4 years. Slowly people with Conscience will divert away from this White man. AgaCon! People With Conscience Only!!
Exactly!! No conscience seen anywhere!!😢. Everyone is just happy that they have post titles and are being slaves of this system. Not using their brains at all 😢. Feel sorry for them
@husseinmerchant8758 Was just making note of Mr. Bhatia’s comment on his brother, which stood out to me. I previously knew nothing about Amir Bhatia. Perhaps not all his qualities were positive, but it sounds like he had a commendable work ethic.
He quotes Quran 4:59.. what about “wa ulil amri minkum”? - AND those in authority among you. Who are they? Yes it’s not Ismaili imams, it’s the Ahlulbayt.
الحمد لله رب العالمين congratulations Sultan Bhai this is best decision of your life. You will never regret it. And I love the way you broke the news Subhan Allah. سبحان الله this is why it’s said only الله guides reading the Quran with understanding will make you a Muslim. There is no doubt about it. This is the book. There is no doubt about it a guide for those who are mindful of Allah. (Quran 2:2) I am so happy for you and hope to meet you one day.
Ismailis LIF( Liars international forum) needs to listen Mr. Bhatia’s conversation. But they will not, because they Love their position and Useless Titles given by them to themselves 😅!
Mr.Sultan you should count yourself blessed who has realised and arrived at the truth before it's too late. Ex-Ismaili/Alhamdulillah I follow Deen of Islam.
कहीं भूकम्प या सुनामी आ जाये कहीं सूखा या तेज आंधी आ जाये कहीं जंगल राख हो जाएं कहीं बस्तियां खाक हो जाए अल्लाह के बन्दे कहते हैं कि यह खुदा का अज़ाब है यह अल्लाह का कहर है मैं कहता हूँ अगर आपका अल्लाह लोगों पर अज़ाब लाता है बस्तियों पर कहर ढाता है तो आपका यह अल्लाह वो जालिम है जिसके सामने दुनिया के सारे खलनायक बौने साबित होते हैं अगर आपका अल्लाह खलनायक नहीं तो वह ऐसी सुनामी लाता ही क्यों है जिसमे तबाह कई शहर हो जाते हैं लोग दरबदर हो जाते हैं औरते विधवा हो जाती हैं बच्चे अनाथ हो जाते हैं हालात बिगड़ जाते हैं परिवार उजड़ जाते हैं अगर आपका अल्लाह यह सब होते हुए देखता है और कुछ कर नहीं पाता तो बताइये की वह रब्बुल आलमीन कैसे हुआ ? अगर आपका खुदा रहमान है सर्वशक्तिमान है वह कण कण में मिलता है उसके इशारों से पत्ता पत्ता हिलता है तो वह मासूम बच्चियों से होने वाली हैवानियत के वक्त इतना असहाय और कमजोर क्यों हो जाता है की कुछ वहशी दरिंदे उससे ज्यादा ताकतवर साबित होते हैं ? आप कहेंगे कि यही उसका तरीका है वह बाद में कर्मों के हिसाब से दरिंदों को सजा और बाशिंदों को हिकमत देगा तो मैं कहता हूँ आप भी अपने खुदा जैसे ही हैं आपके अंदर इंसानियत नहीं है आप दूसरों की पीड़ा तब तक नहीं समझ सकते जब तक ऐसी कोई तबाही आपके दरवाजे पर दस्तक न दे.... इसलिए अगर आप यह मानते हैं की सबकुछ आपका खुदा करता है तब आप यह भी मान लीजिए की धरती पर होने वाली हर बुरी घटना के लिए आपका खुदा ही जिम्मेदार है इन घटनाओं में बिलखते हुए लोगों का वही गुनहगार है वह धूर्त है मक्कार है गुंडा है गद्दार है आप अपने खुदा को बचाने की लाख कोशिशें करें अगर वह बस्तियों को उजाड़ने की तौफीक रखता है तो मैं कहता हूँ उससे बड़ा जालिम इस कायनात में दूसरा कोई न मिलेगा... आप अब भी मानते हैं कि आपका खुदा जालिम नहीं तो बताएं कि कोई नफरतों के बीज बोता रहे कोई मुश्किलों में रोता रहे किसी को जरूरत से ज्यादा मिले कोई जिंदगी भर खुद को खोता रहे आपके खुदा को तनिक भी फर्क क्यों नहीं पड़ता ? या तो आप कहें कि आपका खुदा रहमानुर्रहीम नहीं है या यह कहें कि धरती पर होने वाली सही या गलत घटनाओं से उसका कोई लेना देना नहीं इसका सीधा सा मतलब यह है कि धरती का निजाम उसके बूते से बाहर की बात है साथ ही यह भी तय हुआ कि आपका यह सनकी खुदा रब्बूल आलमीन तो हरगिज नहीं अगर आपका कमजोर डरपोक और सनकी खुदा रहमानुर्रहीम भी नहीं है तो इसका मतलब वह किसी काम का नहीं वह पत्ता ही हिला सकता है बस.... बाकी के काम उसके हाथ मे नहीं... आप अपने खुदा की हिकमत को बचाने की खातिर लोगों की किस्मत को दोष देते हैं मुझे बताएं कि कूड़े के ढेर में भूख की तलाश करते बच्चों का मुस्तकबिल किसने तय किया ? सूखे में बर्बाद होती फसलों के आगे खुदकुशी करने वाले लोगों के दुर्भाग्य को किसने लिखा ? क्या आपके खुदा ने मजहबों की हिकारत में बिलखती अबलाओं का दर्द महसूस किया है ? क्या कभी उसने जुल्मतों के साये में जी रहे लोगों के डर को दूर किया है ? भूकम्प की तबाही में गम भरी जुदाई में दुख भरी रातों में बाढ़ भरी बरसातों में लोगों पर क्या बीतती है वो कभी आकर तो देखे गुरबत भरी झुग्गियों में सड़ांध भरी बस्तियों में कोयले की खानों में चिमनियों में कारखानों में वो कभी जाकर तो देखे जिनकी पीढियां गुलामी में बीती हों जिनके बच्चे गुमनामी में जीते हों जो फुटपाथों पर सोते हों जो जिंदगी भर रोते हों क्या आपका खुदा इस दर्द को समझने जितना समझदार है ? नहीं.... क्योंकि आप जिस खुदा को मानते हैं आप जिसे रबबुल आलमीन कहते हैं ऐसा कोई खुदा इस कायनात में है ही नहीं.... आप मजहबों की युगों पुरानी सड़ांध से निकले जहर को पी रहे हैं और आप कई पीढ़ियों से इसी भ्रम में जी रहे हैं खुदा को मानने से आप मजहबों के धोखे का शिकार हो जाते हैं और दीन की खातिर दुनिया के लिए बेकार हो जाते हैं.... मेरी बातों को समझ गए तो आप इंसान बन जाएंगे वर्ना दो पैरों पर चलने वाले हैवान ही रह जाएंगे..... 🙏🙏🙏 This is what Allah rabbil aalemin???
Mr Sultan May Allah (swt) guide you on the path of Sirat al-Mustaqim and wish you all the best your search for the truth on Journey from "Ismailism to Islam"
Ex-Ismaili/Alhamdulillah I follow Deen of Islam.
Thanks Salim for your tireless efforts since 4 years. Slowly people with Conscience will divert away from this White man. AgaCon! People With Conscience Only!!
Very poor quality audio, please correct. Thank you
Warm Greetings, a humble effort at mine ...
I heard some points of Mr. Sultan and would like clarify regarding Shia Imami Nizari Ismailism.
Our Ismaili jamat, leadership and maula God imam need to have some conscience, common sense and courage.
Exactly!! No conscience seen anywhere!!😢. Everyone is just happy that they have post titles and are being slaves of this system. Not using their brains at all 😢. Feel sorry for them
“Very hard-working man. To work 16 hours a day was for him a normal thing.”
@husseinmerchant8758 Was just making note of Mr. Bhatia’s comment on his brother, which stood out to me. I previously knew nothing about Amir Bhatia. Perhaps not all his qualities were positive, but it sounds like he had a commendable work ethic.
I stopped being ismaeli because i dont smile anymore
You better start talking to stone god to get your answers 😂
He quotes Quran 4:59.. what about “wa ulil amri minkum”? - AND those in authority among you. Who are they? Yes it’s not Ismaili imams, it’s the Ahlulbayt.
الحمد لله رب العالمين congratulations Sultan Bhai this is best decision of your life. You will never regret it. And I love the way you broke the news Subhan Allah. سبحان الله this is why it’s said only الله guides reading the Quran with understanding will make you a Muslim. There is no doubt about it.
This is the book. There is no doubt about it a guide for those who are mindful of Allah. (Quran 2:2)
I am so happy for you and hope to meet you one day.
Ismailis LIF( Liars international forum) needs to listen Mr. Bhatia’s conversation. But they will not, because they Love their position and Useless Titles given by them to themselves 😅!
Mr.Sultan you should count yourself blessed who has realised and arrived at the truth before it's too late.
Ex-Ismaili/Alhamdulillah I follow Deen of Islam.
कहीं भूकम्प या सुनामी आ जाये
कहीं सूखा या तेज आंधी आ जाये
कहीं जंगल राख हो जाएं
कहीं बस्तियां खाक हो जाए
अल्लाह के बन्दे कहते हैं कि
यह खुदा का अज़ाब है
यह अल्लाह का कहर है
मैं कहता हूँ
अगर आपका अल्लाह
लोगों पर अज़ाब लाता है
बस्तियों पर कहर ढाता है
तो
आपका यह अल्लाह
वो जालिम है
जिसके सामने
दुनिया के सारे खलनायक
बौने साबित होते हैं
अगर आपका अल्लाह
खलनायक नहीं
तो वह
ऐसी सुनामी लाता ही क्यों है
जिसमे
तबाह कई शहर हो जाते हैं
लोग दरबदर हो जाते हैं
औरते विधवा हो जाती हैं
बच्चे अनाथ हो जाते हैं
हालात बिगड़ जाते हैं
परिवार उजड़ जाते हैं
अगर आपका अल्लाह
यह सब होते हुए देखता है
और कुछ कर नहीं पाता
तो बताइये की
वह रब्बुल आलमीन कैसे हुआ ?
अगर आपका खुदा
रहमान है
सर्वशक्तिमान है
वह कण कण में मिलता है
उसके इशारों से पत्ता पत्ता हिलता है
तो वह
मासूम बच्चियों से
होने वाली हैवानियत के वक्त
इतना असहाय
और कमजोर क्यों हो जाता है
की कुछ वहशी दरिंदे उससे ज्यादा
ताकतवर साबित होते हैं ?
आप कहेंगे कि यही उसका तरीका है
वह बाद में
कर्मों के हिसाब से
दरिंदों को सजा
और बाशिंदों को हिकमत देगा
तो मैं कहता हूँ
आप भी अपने खुदा
जैसे ही हैं
आपके अंदर
इंसानियत नहीं है
आप दूसरों की पीड़ा
तब तक नहीं समझ सकते
जब तक
ऐसी कोई तबाही
आपके दरवाजे पर
दस्तक न दे....
इसलिए
अगर आप यह मानते हैं
की सबकुछ आपका खुदा करता है
तब आप यह भी मान लीजिए
की
धरती पर होने वाली
हर बुरी घटना के लिए
आपका खुदा ही जिम्मेदार है
इन घटनाओं में
बिलखते हुए लोगों का
वही गुनहगार है
वह धूर्त है
मक्कार है
गुंडा है गद्दार है
आप अपने खुदा को
बचाने की लाख कोशिशें करें
अगर वह
बस्तियों को उजाड़ने की तौफीक रखता है
तो मैं कहता हूँ
उससे बड़ा जालिम
इस कायनात में
दूसरा कोई न मिलेगा...
आप अब भी मानते हैं कि
आपका खुदा जालिम नहीं
तो बताएं कि
कोई नफरतों के बीज बोता रहे
कोई मुश्किलों में रोता रहे
किसी को जरूरत से ज्यादा मिले
कोई जिंदगी भर खुद को खोता रहे
आपके खुदा को
तनिक भी फर्क क्यों नहीं पड़ता ?
या तो आप कहें कि
आपका खुदा
रहमानुर्रहीम नहीं है
या यह कहें कि
धरती पर होने वाली
सही या गलत घटनाओं से
उसका कोई लेना देना नहीं
इसका सीधा सा मतलब यह है कि
धरती का निजाम
उसके बूते से बाहर की बात है
साथ ही यह भी तय हुआ कि
आपका यह सनकी खुदा
रब्बूल आलमीन तो हरगिज नहीं
अगर आपका
कमजोर डरपोक और सनकी खुदा
रहमानुर्रहीम भी नहीं है
तो इसका मतलब
वह किसी काम का नहीं
वह पत्ता ही हिला सकता है बस....
बाकी के काम
उसके हाथ मे नहीं...
आप अपने खुदा की हिकमत को
बचाने की खातिर
लोगों की किस्मत को दोष देते हैं
मुझे बताएं कि
कूड़े के ढेर में
भूख की तलाश करते बच्चों का
मुस्तकबिल किसने तय किया ?
सूखे में बर्बाद होती फसलों के आगे
खुदकुशी करने वाले लोगों के
दुर्भाग्य को किसने लिखा ?
क्या आपके खुदा ने
मजहबों की हिकारत में
बिलखती अबलाओं का दर्द महसूस किया है ?
क्या कभी उसने
जुल्मतों के साये में जी रहे लोगों के डर को
दूर किया है ?
भूकम्प की तबाही में
गम भरी जुदाई में
दुख भरी रातों में
बाढ़ भरी बरसातों में
लोगों पर क्या बीतती है
वो कभी आकर तो देखे
गुरबत भरी झुग्गियों में
सड़ांध भरी बस्तियों में
कोयले की खानों में
चिमनियों में
कारखानों में
वो कभी जाकर तो देखे
जिनकी पीढियां गुलामी में बीती हों
जिनके बच्चे गुमनामी में जीते हों
जो फुटपाथों पर सोते हों
जो जिंदगी भर रोते हों
क्या आपका खुदा
इस दर्द को समझने जितना समझदार है ?
नहीं....
क्योंकि आप जिस खुदा को मानते हैं
आप जिसे रबबुल आलमीन कहते हैं
ऐसा कोई खुदा
इस कायनात में
है ही नहीं....
आप मजहबों की युगों पुरानी
सड़ांध से निकले जहर को पी रहे हैं
और आप कई पीढ़ियों से
इसी भ्रम में जी रहे हैं
खुदा को मानने से
आप मजहबों के धोखे का
शिकार हो जाते हैं
और दीन की खातिर
दुनिया के लिए
बेकार हो जाते हैं....
मेरी बातों को समझ गए तो
आप इंसान बन जाएंगे
वर्ना दो पैरों पर चलने वाले
हैवान ही रह जाएंगे.....
🙏🙏🙏 This is what Allah rabbil aalemin???
Probably u don't know Hindi, request someone to read it, love of seventy mothher, reaaaallly ?????POS.
Sultan Bhai, answer me pls if you can,. If Allah is allmighty, dose he need to send a book????.
Needs reflection
What religion are you now following or how are u working in finding the right path
There must be a right path esp when u call yrself a Muslim
Who created you creator?
38:26
@husseinmerchant8758 who created ya ali bapa
Then who created creator?????
Then who created creator???
@@MiskeenStudent that is what am asking miya