भारतीय गजल को जिस मुकाम पर जगजीत साहेब ने पहुंचाया उसे आगे ले जाने वाले का इंतजार है। एसी शख्सियत सदियों में जन्म लेतीं हैं।वह हमारे दिल कि धडकनो में हमेशा जिन्दा रहेंगे। आमीन।
तुझको दरियादिली की क़सम साक़िया मुस्तक़िल दौर पर दौर चलता रहे रौनक़-ए-मैक़दा यूँ ही बढ़ती रहे एक गिरता रहे इक सम्भलता रहे (मुस्तक़िल = चिरस्थाई, निरंतर, लगातार) सिर्फ शबनम ही शान-ए-गुलिस्ताँ नहीं शोला-ओ-गुल का भी दौर चलता रहे अश्क भी चश्म-ए-पुरनम से बहते रहे और दिल से धुआँ भी निकलता रहे (शबनम = ओस), (शान-ए-गुलिस्ताँ = बग़ीचे की शान), (अश्क = आँसू), (चश्म-ए-पुरनम = भीगी हुई आँखें) तेरे कब्ज़े में हैं ये निज़ाम-ए-जहाँ तू जो चाहे तो सहरा बने गुलसिताँ हर नज़र पर तेरी फूल खिलते रहे हर इशारे पे मौसम बदलता रहे (सहरा = रेगिस्तान), (निज़ाम-ए-जहाँ = दुनिया का प्रबंध), (गुलसिताँ = बग़ीचा) तेरे चेहरे पे ये ज़ुल्फ़ बिखरी हुई नींद की गोद में सुबह निखरी हुई और इस पर सितम ये अदाएं तेरी दिल हैं आखिर कहाँ तक सम्भलता रहे इस में ख़ून-ए-तमन्ना की तासीर हैं ये वफ़ा-ए-मोहब्बत की तस्वीर हैं ऐसी तस्वीर बदले ये मुमकीन नहीं रंग चाहे ज़माना बदलता रहे (तासीर = प्रभाव, असर) वो हो शम्म-ए-फ़रोज़ाँ के गुलहा-ए-तर दोनों से ज़ीनत-ए-अंजुमन है मगर ए 'सबा' अपनी अपनी ये तक़दीर है कोई हो सेज पर कोई जलता रहे (शम्म-ए-फ़रोज़ाँ = प्रकाशमान चिराग़), (ज़ीनत-ए-अंजुमन = महफ़िल की शोभा) -सबा अफ़गानी
काटजू शायद सही कहते हैं कि जो नज़ाकत , नफ़ासत उर्दू ज़ुबान में है वो शायद किसी और ज़ुबान में नहीं। हालाँकि ज़िंदगी में कभी कोई भी इंतहा की बात नहीं करनी चाहिए शायद , लेकिन उर्दू ज़ुबान की नज़ाकत और नफ़ासत हमने भी महसूस की है।
Tere qabze mein hai ye Nizam-e- Jahaan, tu jo chahe to Sehra bane gulsitan…. Har nazar par teri phool khilte rahe, har ishare pe mausam badalta rahe…. ❤
تجھ کو دریا دلی کی قسم ساقیا مستقل دور پہ دور چلتا رہے رونق میکدہ یونہی بڑھتی رہے ایک گرتا رہے اک سنبھلتا رہے صرف شبنم ہی شان گلستان نہیں شعلہ و گل کا بھی دور چلتا رہے اشک بھی چشم پرنم سے بہتے رہیں اور دل سے دھواں بھی نکلتا رہے تیرے چہرے پہ یہ زلف بکھری ہوئی نیند کی گود میں صبح نکھری ہوئی اور اس پر ستم یہ ادائیں تری دل ہے آخر کہاں تک سنبھلتا رہے
भारतीय गजल को जिस मुकाम पर जगजीत साहेब ने पहुंचाया उसे आगे ले जाने वाले का इंतजार है। एसी शख्सियत सदियों में जन्म लेतीं हैं।वह हमारे दिल कि धडकनो में हमेशा जिन्दा रहेंगे।
आमीन।
तुझको दरियादिली की क़सम साक़िया
मुस्तक़िल दौर पर दौर चलता रहे
रौनक़-ए-मैक़दा यूँ ही बढ़ती रहे
एक गिरता रहे इक सम्भलता रहे
(मुस्तक़िल = चिरस्थाई, निरंतर, लगातार)
सिर्फ शबनम ही शान-ए-गुलिस्ताँ नहीं
शोला-ओ-गुल का भी दौर चलता रहे
अश्क भी चश्म-ए-पुरनम से बहते रहे
और दिल से धुआँ भी निकलता रहे
(शबनम = ओस), (शान-ए-गुलिस्ताँ = बग़ीचे की शान), (अश्क = आँसू), (चश्म-ए-पुरनम = भीगी हुई आँखें)
तेरे कब्ज़े में हैं ये निज़ाम-ए-जहाँ
तू जो चाहे तो सहरा बने गुलसिताँ
हर नज़र पर तेरी फूल खिलते रहे
हर इशारे पे मौसम बदलता रहे
(सहरा = रेगिस्तान), (निज़ाम-ए-जहाँ = दुनिया का प्रबंध), (गुलसिताँ = बग़ीचा)
तेरे चेहरे पे ये ज़ुल्फ़ बिखरी हुई
नींद की गोद में सुबह निखरी हुई
और इस पर सितम ये अदाएं तेरी
दिल हैं आखिर कहाँ तक सम्भलता रहे
इस में ख़ून-ए-तमन्ना की तासीर हैं
ये वफ़ा-ए-मोहब्बत की तस्वीर हैं
ऐसी तस्वीर बदले ये मुमकीन नहीं
रंग चाहे ज़माना बदलता रहे
(तासीर = प्रभाव, असर)
वो हो शम्म-ए-फ़रोज़ाँ के गुलहा-ए-तर
दोनों से ज़ीनत-ए-अंजुमन है मगर
ए 'सबा' अपनी अपनी ये तक़दीर है
कोई हो सेज पर कोई जलता रहे
(शम्म-ए-फ़रोज़ाँ = प्रकाशमान चिराग़), (ज़ीनत-ए-अंजुमन = महफ़िल की शोभा)
-सबा अफ़गानी
👍
is it gul e tar or gulha e tar? gul e tar is fresh flower?
It is in Urdu which is little bit different
काटजू शायद सही कहते हैं कि जो नज़ाकत , नफ़ासत उर्दू ज़ुबान में है वो शायद किसी और ज़ुबान में नहीं। हालाँकि ज़िंदगी में कभी कोई भी इंतहा की बात नहीं करनी चाहिए शायद , लेकिन उर्दू ज़ुबान की नज़ाकत और नफ़ासत हमने भी महसूस की है।
Thx... god May bless you
Tere qabze mein hai ye Nizam-e- Jahaan, tu jo chahe to Sehra bane gulsitan….
Har nazar par teri phool khilte rahe, har ishare pe mausam badalta rahe…. ❤
💕
She’s drop dead gorgeous ♥️🥺
Excellent poetry and equally mesmerising singing.
greatest legend was jagjit ji
बहुत ही शानदार गजल सुंनाने के लिए दिल से शुक्रिया
How Mesmerizing these words are.. ❤❤💆🏻♂️💆🏻♂️
I miss this duo😭💗
Great
Thanks a lot for making me enjoy my favourite gazal
Stunning!
Great lyrics and Jagjit - Chitra duet. Shear pleasure to listen
Wow. Hearing this beautiful composition after ages. Thanks for posting.
absolute beauty 🥺💝
They were singing this song for each other.
تجھ کو دریا دلی کی قسم ساقیا
مستقل دور پہ دور چلتا رہے
رونق میکدہ یونہی بڑھتی رہے
ایک گرتا رہے اک سنبھلتا رہے
صرف شبنم ہی شان گلستان نہیں
شعلہ و گل کا بھی دور چلتا رہے
اشک بھی چشم پرنم سے بہتے رہیں
اور دل سے دھواں بھی نکلتا رہے
تیرے چہرے پہ یہ زلف بکھری ہوئی
نیند کی گود میں صبح نکھری ہوئی
اور اس پر ستم یہ ادائیں تری
دل ہے آخر کہاں تک سنبھلتا رہے
Beautiful poem, music, voices and people!
Beautiful rendition by jagjit and Chitra as the beautiful song
सिर्फ शबनम ही शान-ए-गुलिस्ताँ नहीं
शोला-ओ-गुल का भी दौर चलता रहे
अश्क भी चश्म-ए-पुरनम से बहते रहे
और दिल से धुआँ भी निकलता रहे ☮️
Waah❤
masterpiece ❤
treat to hear❤
Iconic
Kaise mere pass aaya Dil. Ko chumne wala duad singing
I got addicted to this song ❤
Listen many time ba kamal poetry and singing
❤
Download का ऑप्शन देने के लिए आपको बहुत बधाई धन्यवाद शुक्रिया आभार 👌💓🌹😘🤝 बहुत
She and men had nice hair style. I do love it ❤🙏🏼
Great gagjit je ❤
Download option dene ke liye bahut bahut danaywad
Jaiajagjit-ChitraGhazal🎉🎉🎉🎉❤❤❤❤❤❤❤forever
Good Gazal in Urdu language by Punjabi singers,.
Jagjit Singh a Sikh, but Chitra a Bengali!
Melodious
Great ❤
سماں باندھ دیتی ہے یہ انداز غزل اور انداز و آواز
Legend 😮😢
Wah😍😍🥰🥰
I called my ex after listening to this lol
What was the response
@@himanshukumar-ry1qf Nothing noteworthy
Did she pickup?
@@ImManishSonifortunately, yes 😅
Nahi karna hota bhai
Tm uske liye ex ho
Tmhara kya h, tm toh aaj bhi pyar krte ho
Goated Fr
2025.......❤❤❤❤
Wow im new generation 😇
My type of song 😍
Is “ek din aap humko mil jaege” song inspired by this?
i think yes.
राम को देखकर श्री जनक नंदनी बाग मे खडी की खडी रह गई
Yes@@akash.editxz7229
Can anyone translate this pls ?
4:34
1:19
Can anyone translate this song? I was unable to find a translation on the internet.
❤❤❤❤❤
❤❤
❤
2024 ❤
Yes
Daas raghunath ka nanda sut ka sakha❤
Dude is playing guitar upside down
That's Deepak Khazanchi. A great accompanist of yesteryear.
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