Chitti na koi sandesh, Na jane kaun sa des jahaan Jagajith sahab aap chale gaye..... 12-Oct-2011 the bad day for Indian music world... we have lost Jagjith sahab Nobody can take your place sir:I just say you are the God of Ghazal music
तुझको दरियादिली की क़सम साक़िया मुस्तक़िल दौर पर दौर चलता रहे रौनक़-ए-मैक़दा यूँ ही बढ़ती रहे एक गिरता रहे इक सम्भलता रहे सिर्फ शबनम ही शान-ए-गुलिस्ताँ नहीं शोला-ओ-गुल का भी दौर चलता रहे अश्क भी चश्म-ए-पुरनम से बहते रहे और दिल से धुआँ भी निकलता रहे तेरे कब्ज़े में हैं ये निज़ाम-ए-जहाँ तू जो चाहे तो सहरा बने गुलसिताँ हर नज़र पर तेरी फूल खिलते रहे हर इशारे पे मौसम बदलता रहे तेरे चेहरे पे ये ज़ुल्फ़ बिखरी हुई नींद की गोद में सुबह निखरी हुई और इस पर सितम ये अदाएं तेरी दिल हैं आखिर कहाँ तक सम्भलता रहे इस में ख़ून-ए-तमन्ना की तासीर हैं ये वफ़ा-ए-मोहब्बत की तस्वीर हैं ऐसी तस्वीर बदले ये मुमकीन नहीं रंग चाहे ज़माना बदलता रहे वो हो शम्म-ए-फ़रोज़ाँ के गुलहा-ए-तर दोनों से ज़ीनत-ए-अंजुमन है मगर ए 'सबा' अपनी अपनी ये तक़दीर है कोई हो सेज पर कोई जलता रहे ...... सबा अफ़गानी
तुझको दरियादिली की क़सम साक़िया मुस्तक़िल दौर पर दौर चलता रहे रौनक़-ए-मैक़दा यूँ ही बढ़ती रहे एक गिरता रहे इक सम्भलता रहे (मुस्तक़िल = चिरस्थाई, निरंतर, लगातार) सिर्फ शबनम ही शान-ए-गुलिस्ताँ नहीं शोला-ओ-गुल का भी दौर चलता रहे अश्क भी चश्म-ए-पुरनम से बहते रहे और दिल से धुआँ भी निकलता रहे (शबनम = ओस), (शान-ए-गुलिस्ताँ = बग़ीचे की शान), (अश्क = आँसू), (चश्म-ए-पुरनम = भीगी हुई आँखें) तेरे कब्ज़े में हैं ये निज़ाम-ए-जहाँ तू जो चाहे तो सहरा बने गुलसिताँ हर नज़र पर तेरी फूल खिलते रहे हर इशारे पे मौसम बदलता रहे (सहरा = रेगिस्तान), (निज़ाम-ए-जहाँ = दुनिया का प्रबंध), (गुलसिताँ = बग़ीचा) तेरे चेहरे पे ये ज़ुल्फ़ बिखरी हुई नींद की गोद में सुबह निखरी हुई और इस पर सितम ये अदाएं तेरी दिल हैं आखिर कहाँ तक सम्भलता रहे इस में ख़ून-ए-तमन्ना की तासीर हैं ये वफ़ा-ए-मोहब्बत की तस्वीर हैं ऐसी तस्वीर बदले ये मुमकीन नहीं रंग चाहे ज़माना बदलता रहे (तासीर = प्रभाव, असर) वो हो शम्म-ए-फ़रोज़ाँ के गुलहा-ए-तर दोनों से ज़ीनत-ए-अंजुमन है मगर ए 'सबा' अपनी अपनी ये तक़दीर है कोई हो सेज पर कोई जलता रहे (शम्म-ए-फ़रोज़ाँ = प्रकाशमान चिराग़), (ज़ीनत-ए-अंजुमन = महफ़िल की शोभा) -सबा अफ़गानी
0. Tujhko dariyā-dilī kī, qasam sāqiyā; mustaqil daur par daur chaltā rahe Raunak-e-maikadā, yū' hī baṛhtī rahe (2); ek girtā rahe ik sambhaltā rahe. Raunak-e-maikadā, yū' hī baṛhtī rahe; ek girtā rahe ik sambhaltā rahe. 1.(Ref) Sirf shabanam hī shān-e-gulistā' nahī'; sholā-o-gul kā bhī daur chaltā rahe. Ashqa bhī chasm-e-puranam se behate rahe; aur dil se dhūā' bhī nikaltā rahe. 2. Tere kabze me' hai ye mizām-e-jahā'; tū jo chāhe to sehara bane gulasitā'.(2) Har nazar par terī phūl khilte rahe; har ishāre pe mausam badaltā rahe. (Refrain) 3. Tere chehere pe ye zulf bikharī huyī; nīnd kī goda me' subah nikharī huyī. (2) Aur is par sitam ye adāye' terī; dil hai ākhir kahā' tak sambhaltā rahe. (Refrain) 4. Is me' khūn-e-tamannā kī tāsīr hai; ye wafā-e-mohabbat kī tasvīr hai. (2) Aisī tasvīr badale ye mumkīn nahī'; rang chāhe zamānā badaltā rahe. (Refrain) 5.Vo ho shamma-e-farozā' ke gulahā-e-tar; dono' se zīnat-e-anjuman hai magar.(2) E "sabā" apanī apanī bhī ye taqadīr hai; rang chāhe zamānā badaltā rahe.(Refrain) .
Thank you so much for upoloading this ghazal here... i have been searching this online from the day one! can you pls also let me know from which album of J & C is it basically taken ? I would appreciate that.... i m die hard fan of their all ghazals.
thanks soh much this ihz my favourite ghazal..even i thought that they were divorced...anyways thanks soh much...does anyone know where i could download this?
I heard this ghazal in a concert in 1974. I could not get it again. I had also forgotten maqta. Thanks to you tube I could get beautiful ghazal again.
ohh my god my birth Year 1974 and I am die heart fan for Jagjit Chitra ji
Lovely ghazal...first heard it 40 years ago....so happy to hear it again ❤️❤️
Most sought-after gazal of two lost legends made for each other..immortal always in memory.
🙏💕🙏
Thanks 1,000,000 times. I have been looking for this gazal since 1976.
Chitti na koi sandesh, Na jane kaun
sa des jahaan Jagajith sahab aap chale gaye..... 12-Oct-2011 the bad day for Indian music world... we have lost Jagjith sahab
Nobody can take your place sir:I just say you are the God of Ghazal music
😭😭😭 RIP jagjit singh Sir love from Afghan Fans. 😍😍😍
i don't know how many times i have listened to this beautiful composition ,i have lost my count, it never gets old....
First time I heard when I was young .after how many time I heard god know better but always I enjoy ..wonderful
तुझको दरियादिली की क़सम साक़िया
मुस्तक़िल दौर पर दौर चलता रहे
रौनक़-ए-मैक़दा यूँ ही बढ़ती रहे
एक गिरता रहे इक सम्भलता रहे
सिर्फ शबनम ही शान-ए-गुलिस्ताँ नहीं
शोला-ओ-गुल का भी दौर चलता रहे
अश्क भी चश्म-ए-पुरनम से बहते रहे
और दिल से धुआँ भी निकलता रहे
तेरे कब्ज़े में हैं ये निज़ाम-ए-जहाँ
तू जो चाहे तो सहरा बने गुलसिताँ
हर नज़र पर तेरी फूल खिलते रहे
हर इशारे पे मौसम बदलता रहे
तेरे चेहरे पे ये ज़ुल्फ़ बिखरी हुई
नींद की गोद में सुबह निखरी हुई
और इस पर सितम ये अदाएं तेरी
दिल हैं आखिर कहाँ तक सम्भलता रहे
इस में ख़ून-ए-तमन्ना की तासीर हैं
ये वफ़ा-ए-मोहब्बत की तस्वीर हैं
ऐसी तस्वीर बदले ये मुमकीन नहीं
रंग चाहे ज़माना बदलता रहे
वो हो शम्म-ए-फ़रोज़ाँ के गुलहा-ए-तर
दोनों से ज़ीनत-ए-अंजुमन है मगर
ए 'सबा' अपनी अपनी ये तक़दीर है
कोई हो सेज पर कोई जलता रहे
...... सबा अफ़गानी
thanks a lot for the upload. brought back some very cherished memories....beautiful composition.
melody at its best...can't let go of your glass of liquor with this ghazal on.....
❤️ ek girta rahe. Ek sambhalta rahe
thanks, this is a real gem...
तुझको दरियादिली की क़सम साक़िया
मुस्तक़िल दौर पर दौर चलता रहे
रौनक़-ए-मैक़दा यूँ ही बढ़ती रहे
एक गिरता रहे इक सम्भलता रहे
(मुस्तक़िल = चिरस्थाई, निरंतर, लगातार)
सिर्फ शबनम ही शान-ए-गुलिस्ताँ नहीं
शोला-ओ-गुल का भी दौर चलता रहे
अश्क भी चश्म-ए-पुरनम से बहते रहे
और दिल से धुआँ भी निकलता रहे
(शबनम = ओस), (शान-ए-गुलिस्ताँ = बग़ीचे की शान), (अश्क = आँसू), (चश्म-ए-पुरनम = भीगी हुई आँखें)
तेरे कब्ज़े में हैं ये निज़ाम-ए-जहाँ
तू जो चाहे तो सहरा बने गुलसिताँ
हर नज़र पर तेरी फूल खिलते रहे
हर इशारे पे मौसम बदलता रहे
(सहरा = रेगिस्तान), (निज़ाम-ए-जहाँ = दुनिया का प्रबंध), (गुलसिताँ = बग़ीचा)
तेरे चेहरे पे ये ज़ुल्फ़ बिखरी हुई
नींद की गोद में सुबह निखरी हुई
और इस पर सितम ये अदाएं तेरी
दिल हैं आखिर कहाँ तक सम्भलता रहे
इस में ख़ून-ए-तमन्ना की तासीर हैं
ये वफ़ा-ए-मोहब्बत की तस्वीर हैं
ऐसी तस्वीर बदले ये मुमकीन नहीं
रंग चाहे ज़माना बदलता रहे
(तासीर = प्रभाव, असर)
वो हो शम्म-ए-फ़रोज़ाँ के गुलहा-ए-तर
दोनों से ज़ीनत-ए-अंजुमन है मगर
ए 'सबा' अपनी अपनी ये तक़दीर है
कोई हो सेज पर कोई जलता रहे
(शम्म-ए-फ़रोज़ाँ = प्रकाशमान चिराग़), (ज़ीनत-ए-अंजुमन = महफ़िल की शोभा)
-सबा अफ़गानी
sharkwilder ji ! tussi great ho :) awesome ghazal
0. Tujhko dariyā-dilī kī, qasam sāqiyā; mustaqil daur par daur chaltā rahe
Raunak-e-maikadā, yū' hī baṛhtī rahe (2); ek girtā rahe ik sambhaltā rahe.
Raunak-e-maikadā, yū' hī baṛhtī rahe; ek girtā rahe ik sambhaltā rahe.
1.(Ref) Sirf shabanam hī shān-e-gulistā' nahī'; sholā-o-gul kā bhī daur chaltā rahe.
Ashqa bhī chasm-e-puranam se behate rahe; aur dil se dhūā' bhī nikaltā rahe.
2. Tere kabze me' hai ye mizām-e-jahā'; tū jo chāhe to sehara bane gulasitā'.(2)
Har nazar par terī phūl khilte rahe; har ishāre pe mausam badaltā rahe. (Refrain)
3. Tere chehere pe ye zulf bikharī huyī; nīnd kī goda me' subah nikharī huyī. (2)
Aur is par sitam ye adāye' terī; dil hai ākhir kahā' tak sambhaltā rahe. (Refrain)
4. Is me' khūn-e-tamannā kī tāsīr hai; ye wafā-e-mohabbat kī tasvīr hai. (2)
Aisī tasvīr badale ye mumkīn nahī'; rang chāhe zamānā badaltā rahe. (Refrain)
5.Vo ho shamma-e-farozā' ke gulahā-e-tar; dono' se zīnat-e-anjuman hai magar.(2)
E "sabā" apanī apanī bhī ye taqadīr hai; rang chāhe zamānā badaltā rahe.(Refrain)
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amazing one!!
❤❤
जगजीत जी आैर चित्रा जी आप लाेगाे के दिल में जिंदा रहेगे
Jab naam e mohabbat lekar from Kala Pani has this same tune. Check that song out
Thank you so much for upoloading this ghazal here... i have been searching this online from the day one! can you pls also let me know from which album of J & C is it basically taken ? I would appreciate that.... i m die hard fan of their all ghazals.
Best
thanks soh much this ihz my favourite ghazal..even i thought that they were divorced...anyways thanks soh much...does anyone know where i could download this?
I miss you so much jagjit Singh 😢
great singer .
incredible
awesome
Salute
top up this song with the best of spirits....n feel the magic....
Lovely words.
@maliksalahuddin
dil ha Akhir Kb tk shambhalta rhty
lovely Ghazal... do you which album it originally was from?
Thanks fo such a beautiful gazal, please give the same on karoke
v beautiful
very good voice
Does anybody know the name of the poet? I have been unable to locate it. Thank you
Qateel shifai
11 Nov, 2024
2.26 am
very good voice