@@must604 तो फ़ीर हमारा हम सब का परम कर्तव्य है ,की अपने निजी सम्पत्ति के लिये लड़े और यह कानुन लाये।एक बिमार दुसरे बिमार कौ क्या ठीक करेगा?!!कानुन मे कोई दम नही है ये कानुन कितनी जिन्दगी खराब किया अब इसके भरोशे मत रहो।
नेताओं ने मकान मालिकों के हक मे कानून ही नहीं बनाया किरायेदारो के हक़ मे बनाये वोट बैंक के लिए मकान मालिक एक जुट नहीं होते जबकि किरायेदार किसी भी जगह रह रहे हो एक हो जाते हैं आज मकां मालिकों को एकजुट हो कर नेताओं को घेरना चाहिए अपने हक़ की आवाज़ उठानी चाहिए।
थैंक्स भईय्या। और एक कमजोर हो या गरिब मालक उसे तुरंत न्याय मे अव्वल मकान खाली काराना पुलिस का काम होना इसमे कौइ घुस या रिस्व्त ना हो,1 complant पर ही खाली होना ये यही sachha न्याय होगा।नही तो मालक की हालात मौत से कम नही रह्ती है ,कितनो की जान तक चली गाई
Good way to deliver the concept. Your this method remembered me my classroom in my LL.B in the year 1980 in which Dr.A.K.Srivastava was to use such similar tecnics while teaching Constitution Of India.
नही ,ये पुलिस कौ देना चाहिये court ने कौइ भी मालक कम्प्लेंट करे की मकान खाली करवाना है ,तो पुलिस की पहली जिम्मेदारी हो की उसको खाली करे नही तो पुलिस पर कार्यवाही हो।
कब्जा करने वाला किराएदार तो चाहता ही है कि मकान मालिक उस पर केस कर दे और कोर्ट कचहरी के चक्कर में 10 से 12 साल का समय लग जाए और मकान मालिक उससे कंप्रोमाइज करें
@@AlbelaCreations is type ka kirydaar ko jail + moti penelty ka rule hona chahiye, & uski photo social media par dalo taki baki makan malik safe ho jay
लेकिन आपकी सुलझी हुई बात को पढ़ेलिखे वेबकूफ अपने आप तो समझते नहीं है साथ साथ कोई आप जैसा सुलझा हुआ व्यक्ति समझाने की कोशिश करता भी है तो कोई एक्शन नहीं होता@@yogeshnanda9621
@@yogeshnanda9621 super hit bro.behad achhi baat kahi aapne#thqnks कितने सारे लोगो के घर उजडे कितने की मौत हो गाई कितने के केस लम्बित है कोर्ट मे तबाअह होती जिन्दगी की अखरी सासे जैसे पुराने कानुन का अन्धा जालिम हाल था। किराये दार कौ खून पशिने का बनाया घोसले मे जगह दो और वौ उसी क मालक पर शासन करे !वाह ।क्या अन्धेर थी
@@yogeshnanda9621kiraaydro ke sabhi legal rights khtm hone chahiye,Maalik kiss baat kaa maalik hai jab wo kiraaydaar se hi compromise karta hai ,fraud legal and judicial system
Kiraydar bahut chalu ho gaya sara kasoor hamari judiciary ka hai agar sarkar ki property par koi kabja kar le toh sarkaar ek din mai apni property khali karwa leti hai agar private property hogi toh sarkaar judiciary kirayedaar ka saath deti hai
मान लीजिए मकान मालिक की जगह सरकारी मकान जो अपने कर्मचारी को मकान उपलब्ध करता है और उससे किराये के रूप मे धनराशि वसूल करता रहता है किरायेदार (कर्मचारी)खाली न करे /कब्जा बनाये रहता है तो क्या उसे भी माननीय जी किरायेदार को जैसा की आम पब्लिक के हुक्म देते है तो इन किरायेदार (कर्मचारी ) के पक्ष मे भी ऐसा ही हुक्म क्यो नही देते। सिर्फ आम पब्लिक के मकान पर ही अपने मन माने नियम पारित होते है।अगर आम पब्लिक के मकान पर कब्जा बनाये रखने व मुआवजा की व्यवस्था कराते है तो इसी प्रकार सरकारी मकान मे रह रहे ,क्या उन्हे भी इस तरह की व्यवस्था क्यो नही। सारे नियम कानून आम पब्लिक के लिए ही क्यो।
Sir Mere 2 kirayedaron ne mere 70,000 kiraye ke maar rakhe hain.aur yehan Rudrapur Udham Singh nager ke vertmaan Vidhayak ka ak bhatija hai usne mujhe 70,000 Rupees ke bajaye kewal 30,000 Rupees ka check diya aur baaki ka kiraya jhooth bolker poora gadam Khali kerne per de dunga.ab poora gadam Khali kerne ke baad apna kiraya maangne per gaaliyan dhamkiyan v jhagda ker raha hai.uske dwara diya cheque bhi bounce ho gaya hai.jiska case Court me maine ker diya hai.prantu Police waale Rajnetik dabav me hamari F.I.R. nahin likh rahe hai n.jabki uske paas 2 gun Arm bhi hain.Sir batayen ki baaki ke 40,000 Rupees ke liye mujhe fir se ak alag case kerna padega kya.
कोर्ट में जाने कि क्या जरुरत हैं. वकील और न्यायालय बीस पचीस साल निकाल देंगे. उसके बाद उच्च न्यायालय. उच्चतम न्यायाल्याने सबसे पहले निचली न्यायालयाने उसके फैसले कि ट्रैनिंग निचातम न्यायालय को दे ऑनलाईन के जरीये.
Multi shift courts do not require new infrastructure. Increases meaningful employment. Quick resolution of cases within a year. Limit rescheduling hearing dates to no more than twice and new date within 30 days each time.
Bohot se kirayedar ki niyat kharab ho jati property par or uski Khali karane me property owner ka bohot nuksan hota Mera bhi kirayedar ne mukadma kiya or ham har tarikh Jate the or Bo ata hi nahi tha batao kiska nuksaan hua
So brief mai yahi matlab hua na sir iss case mai ki cause of action agr same ho, toh ek plaint mai bhi kr skte sb file ya ek se zada plaint mai bhi releif maang skte, right....? Cause of action same hona zaroor bs, right....?
Please sir.Hamari lease aggre ment 99 years ka lika hua hai.kaya ya 50 years ka baad apni new policy hamara uppar laggu kar sakta hai .ya nahi ki 99 .lease for years ki hoti hai.ya hama rent legga reha hai.please app bataya.
Also, without getting the possession, it may be difficult to know total damages done. Even after knowing full damages done when filing suit, the tenant may do more damages till the owner gets the possession.
Sir if RERA is in Bharat 🇮🇳 than why not registered welcome kit in mail by rera authority no online system if any one book flat just they registered in rera by default and all property relevant document mail to purchaser if he start payment or booking
How many years it takes to even come to the stage of framing of issues? Indian judicial system is extremely bad,it will take 30 years or more to reach supreme court. In India even a probate petition for a WILL in a High Court takes 5 years to even get a single hearing.even if your case is listed, it will be at the end of the list.Even if your case comes for hearing by chance on any day,opposite party gets adjournment,or the judge leaves court early or is on leave. It is terrible
MENSES PROFIT ORDER IS MUST ON FIRST HEARING.20% AUTOMATIC RISE IN RENT DURING CASE PERIOD,IF LITIGATION TAKING TIME MORE THAN FIVE YEARS,EXTRA 10% RENT ENTNACE MENT IN RENT TILL FINAL JUDEMENT AFTER EVERY FIVE YEARS. LITIGATIONS WILL END AUTOMATICALLY NO DATE AFTER DATE
45 saal se jada ho gya sir case ldte ladte 2 room n Khali ho rha .... Please koi help krde .....bs vqeel ko fee jati h aj tk kuch n hua ...1. Rupya kirya tk n dete kirya ka case alg chlta h...lene wale mr chuke h unke bete mr chke h ab unke pote rhete h fr bhi koi faisla n hota ...
भूमि कि रजिस्ट्री हो गया किन्तु भूमि या मकान राजस्व विभाग में दर्ज नही हो पाया है जबकि भूमि या मकान 50 से अधिक हो गया उसे कैसे दर्ज कर या जाये इस समबन्ध में जानकारी दे
There is no system I Sub -Registar records who is first owner of this sale property in their office Land revenue records office also start new policy or portal when any builder start register and introduce scheme they submit all relevant scan papers to authority and one module of scheme and start index-2, at least 20 enter in their portal by sub register who is first owner than he sale data save in that folder , this type of legal procedures process is required
सरकार नेजो सिस्टम है इन्होंने मकान मालकि के फेवर में कभी कुछ नहीं कहा है आप किराएदार है केस बस 10 15 साल 20 साल चलेगा यह एकदम गलत है किसी का मकान उसको तुरंत खाली करने का आदेश दीजिए वह किसी भी रूप में उसके सारे सामान को बाहर किया जाए यही नियम होना चाहिए संविधान में यह सख्त कानून बनाने की मांग सरकार से किसी गरीब आदमी ने कि मेहनत से बनाया है उसको कोई नहीं समझ रहा है
Sir, Bar Council of India ka circular kb tk aayega..? Muze Enrollment krana hai..? IBPS SO law officer form bhrna hai.. usme enrollment number mang rhe hai..?
Not good decision. This will invite litigation and increase cases in the court which will not be settled soon. Further, building a house is costly enough to be affordable by everyone. So, this may increase corruption.
Police does not register FIR in case of Criminal trespass, theft, house break, etc inspite of SC Judgement in Lalitakumari case where cognizable offences must be registered as FIR. So house owner forced to file civil suit for recovery of possession where it takes years to recover possession. S 104 IPC is hardly useful to owners. So your advice is not worthy .
Bhai koi kiraydar agar rent na de paye too usko 2 month free ma rehena dena chaya fir khali krane ka rule hona chaya 2 months ka gap taki wo khai dhoond ske kmra ya fir apne gawo jane ka intzam kar ske
मालक के शिकायत मात्र से पुलिस मकान खाली करवाये ,ये प्राथमिकता होनी चाहिये।
युरोप मे ऐसा होता है.
@@must604 तो फ़ीर हमारा हम सब का परम कर्तव्य है ,की अपने निजी सम्पत्ति के लिये लड़े और यह कानुन लाये।एक बिमार दुसरे बिमार कौ क्या ठीक करेगा?!!कानुन मे कोई दम नही है ये कानुन कितनी जिन्दगी खराब किया अब इसके भरोशे मत रहो।
@@must604 यूरोप आगे बढ गया और गुलामी यहा अभी भी चालू है
नेताओं ने मकान मालिकों के हक मे कानून ही नहीं बनाया किरायेदारो के हक़ मे बनाये वोट बैंक के लिए मकान मालिक एक जुट नहीं होते जबकि किरायेदार किसी भी जगह रह रहे हो एक हो जाते हैं आज मकां मालिकों को एकजुट हो कर नेताओं को घेरना चाहिए अपने हक़ की आवाज़ उठानी चाहिए।
थैंक्स भईय्या।
और एक कमजोर हो या गरिब मालक उसे तुरंत न्याय मे अव्वल मकान खाली काराना पुलिस का काम होना इसमे कौइ घुस या रिस्व्त ना हो,1 complant पर ही खाली होना ये यही sachha न्याय होगा।नही तो मालक की हालात मौत से कम नही रह्ती है ,कितनो की जान तक चली गाई
😊
Makaan maalikon ka bhi sanghathan hona chahiye
@@rajeshprasadtiwari8268 kanun hi hona strong, ek complaint pe police nahi karate to unhe non bailable ho
Good way to deliver the concept. Your this method remembered me my classroom in my LL.B in the year 1980 in which Dr.A.K.Srivastava was to use such similar tecnics while teaching Constitution Of India.
♥️♥️
बहुत सुन्दर देख कर खुशी HUI H THANKS TO YOU FOR THIS INFORMATION
Lawyers Aapas me Compromise kr lety ha han aur No judgement in many years So It's basless for any claim or Dues Court Owners ko koi Favour nahi karta
Make fast track courts for this types of cases from Supreme court
नही ,ये पुलिस कौ देना चाहिये court ने कौइ भी मालक कम्प्लेंट करे की मकान खाली करवाना है ,तो पुलिस की पहली जिम्मेदारी हो की उसको खाली करे नही तो पुलिस पर कार्यवाही हो।
Situations of court cases:-
High court judges says, you file a court case and we shall give judgement to your grand child.
This is the cases speed.
घटिया कानुन थ इन्शनयत कौ आजतक मैने न्याय पाते नही देखा था इससे।
सिर्फ कत्लेआंम तमाशाये आम और अखिर थुल्लू।
कब्जा करने वाला किराएदार तो चाहता ही है कि मकान मालिक उस पर केस कर दे और कोर्ट कचहरी के चक्कर में 10 से 12 साल का समय लग जाए और मकान मालिक उससे कंप्रोमाइज करें
@@AlbelaCreations is type ka kirydaar ko jail + moti penelty ka rule hona chahiye, & uski photo social media par dalo taki baki makan malik safe ho jay
लेकिन आपकी सुलझी हुई बात को पढ़ेलिखे वेबकूफ अपने आप तो समझते नहीं है साथ साथ कोई आप जैसा सुलझा हुआ व्यक्ति समझाने की कोशिश करता भी है तो कोई एक्शन नहीं होता@@yogeshnanda9621
😊😊😊😊😊
@@yogeshnanda9621 super hit bro.behad achhi baat kahi aapne#thqnks
कितने सारे लोगो के घर उजडे कितने की मौत हो गाई कितने के केस लम्बित है कोर्ट मे तबाअह होती जिन्दगी की अखरी सासे जैसे पुराने कानुन का अन्धा जालिम हाल था।
किराये दार कौ खून पशिने का बनाया घोसले मे जगह दो और वौ उसी क मालक पर शासन करे !वाह ।क्या अन्धेर थी
@@yogeshnanda9621kiraaydro ke sabhi legal rights khtm hone chahiye,Maalik kiss baat kaa maalik hai jab wo kiraaydaar se hi compromise karta hai ,fraud legal and judicial system
Really appreciate the way you explain the CPC. Great 👍
Agai. Suit suit suit suit...how different from previous ststem.
Corruption can prolong..
Important..the decision shoukd come within a month
सिर्फ वोट बैंक राजनीति के लिए ही, मकान मालिको को जिंदगीभर मकान को वापिस नहीं मिले ऐसे ही कानून बनाकर देश में अव्यवस्था पैदा करी है
Court jimmedar he
पगडी system Ka kya ? Ready recnor se compensation milega ???
Jindgi bhar case larte rahne ka good example hai
Kiraydar bahut chalu ho gaya sara kasoor hamari judiciary ka hai agar sarkar ki property par koi kabja kar le toh sarkaar ek din mai apni property khali karwa leti hai agar private property hogi toh sarkaar judiciary kirayedaar ka saath deti hai
बिलकुल सही बात है
थैंक्स ।100%true
Lat maaro ji kirayedar ko 😅😂
An 80 year age maalik will continue fighting..disgusting
He will die without posession....
Does this law cover tenancy rights or only for leave and licence type of agreements?
Thank You Bhai🙏
Jai ho sir ji good explanation
मान लीजिए मकान मालिक की जगह सरकारी मकान जो अपने कर्मचारी को मकान उपलब्ध करता है और उससे किराये के रूप मे धनराशि वसूल करता रहता है किरायेदार (कर्मचारी)खाली न करे /कब्जा बनाये रहता है तो क्या उसे भी माननीय जी किरायेदार को जैसा की आम पब्लिक के हुक्म देते है तो इन किरायेदार (कर्मचारी ) के पक्ष मे भी ऐसा ही हुक्म क्यो नही देते। सिर्फ आम पब्लिक के मकान पर ही अपने मन माने नियम पारित होते है।अगर आम पब्लिक के मकान पर कब्जा बनाये रखने व मुआवजा की व्यवस्था कराते है तो इसी प्रकार सरकारी मकान मे रह रहे ,क्या उन्हे भी इस तरह की व्यवस्था क्यो नही। सारे नियम कानून आम पब्लिक के लिए ही क्यो।
Right....
@@vinodsharma-ll8wr sarkaari logo ko kyu hona unko pahle hi itna payment milta
Sir Mere 2 kirayedaron ne mere 70,000 kiraye ke maar rakhe hain.aur yehan Rudrapur Udham Singh nager ke vertmaan Vidhayak ka ak bhatija hai usne mujhe 70,000 Rupees ke bajaye kewal 30,000 Rupees ka check diya aur baaki ka kiraya jhooth bolker poora gadam Khali kerne per de dunga.ab poora gadam Khali kerne ke baad apna kiraya maangne per gaaliyan dhamkiyan v jhagda ker raha hai.uske dwara diya cheque bhi bounce ho gaya hai.jiska case Court me maine ker diya hai.prantu Police waale Rajnetik dabav me hamari F.I.R. nahin likh rahe hai n.jabki uske paas 2 gun Arm bhi hain.Sir batayen ki baaki ke 40,000 Rupees ke liye mujhe fir se ak alag case kerna padega kya.
वही पुराना है नया कुछ भी नहीं ।अपने स्कूल का विज्ञापन है
Cpc general nature " as far as applicable but sra act talks about both things " rights" as well as "compensation "
It will take years for court relief....how soon the property will be given back???
सपरब question
कोर्ट में जाने कि क्या जरुरत हैं. वकील और न्यायालय बीस पचीस साल निकाल देंगे. उसके बाद उच्च न्यायालय.
उच्चतम न्यायाल्याने सबसे पहले निचली न्यायालयाने उसके फैसले कि ट्रैनिंग निचातम न्यायालय को दे ऑनलाईन के जरीये.
Very good sir 😊
Thanks sir ji
Good word's show s but in my district collector two words purpose three years taken not result, when judgement g.o.number also available. Then?
Court Mai kya jaldi nirnay hote hai salon lag jate hai tab tak vakilon ko lakhon ki fees dete raho
Kuchh retired agniveer se dosti kar lo...😂
थैंक्स ,ryt
hmne 15 saal baad kamine kirayedar ka saman utheke bahr fenka tha , manhoos 200 kiyara dete the mahina. chahe mushik se hi bht per uthake bahr mare
सुपर ,इनको लगता है की बस हराम का खा रहे है इतिहास नही जानते ना इसिलिए
Very Good
very good law
This decision needs reconsideration in view of comments given earlier.
Thank you sir🙏
Correct thought is Fast Track small causss courts. Also two shift or three shift operation in every court.
Multi shift courts do not require new infrastructure.
Increases meaningful employment. Quick resolution of cases within a year. Limit rescheduling hearing dates to no more than twice and new date within 30 days each time.
Agar property gpa notery par ho to occupant se kase Khali karaya ja sakta hai
Bohot se kirayedar ki niyat kharab ho jati property par or uski Khali karane me property owner ka bohot nuksan hota Mera bhi kirayedar ne mukadma kiya or ham har tarikh Jate the or Bo ata hi nahi tha batao kiska nuksaan hua
शुरुआत कहाँ से की, अंत कहाँ?
Fools built houses wise lives in.
An England saying.
This proves right in India & other countries too.
किराय दार फ़र्ज़ी notri अभिलेख बना कर भवन मालिक बनने की कोशिश करता है तो क्या करे
Agar tod phod case file hone ke baad hui ho tou ? For damage separate case Jaise Ruk sakta hai ? Logically..
So brief mai yahi matlab hua na sir iss case mai ki cause of action agr same ho, toh ek plaint mai bhi kr skte sb file ya ek se zada plaint mai bhi releif maang skte, right....?
Cause of action same hona zaroor bs, right....?
Please sir.Hamari lease aggre ment 99 years ka lika hua hai.kaya ya 50 years ka baad apni new policy hamara uppar laggu kar sakta hai .ya nahi ki 99 .lease for years ki hoti hai.ya hama rent legga reha hai.please app bataya.
Also, without getting the possession, it may be difficult to know total damages done. Even after knowing full damages done when filing suit, the tenant may do more damages till the owner gets the possession.
Is this judgment applicable even on DRC Matters of which rent is below ₹3500?
Does it apply to tenants. Residing since 1950
फिर कोर्ट केस जीवन भर झेलता रहे और किरायेदार मजे से रहता रहे।
Sir if RERA is in Bharat 🇮🇳 than why not registered welcome kit in mail by rera authority no online system if any one book flat just they registered in rera by default and all property relevant document mail to purchaser if he start payment or booking
Claim amount ko reserve karke bcs of court fee file kar skte h
How many years it takes to even come to the stage of framing of issues?
Indian judicial system is extremely bad,it will take 30 years or more to reach supreme court.
In India even a probate petition for a WILL in a High Court takes 5 years to even get a single hearing.even if your case is listed, it will be at the end of the list.Even if your case comes for hearing by chance on any day,opposite party gets adjournment,or the judge leaves court early or is on leave.
It is terrible
MENSES PROFIT ORDER IS MUST ON FIRST HEARING.20% AUTOMATIC RISE IN RENT DURING CASE PERIOD,IF LITIGATION TAKING TIME MORE THAN FIVE YEARS,EXTRA 10% RENT ENTNACE MENT IN RENT TILL FINAL JUDEMENT AFTER EVERY FIVE YEARS. LITIGATIONS WILL END AUTOMATICALLY NO DATE AFTER DATE
Aap property under
" Leave Licence "
Ya
" Rent Act "
Unme se Kiski baat kar rahe hai
POK & govt quarters ke liye kya hoga...?¿???
Is type ke kiraydaar ko jo kiraya naa de Or na khali kare usko jail + moti penelty lagni chahiya
thanks, एकदम सही बोले ।
45 saal se jada ho gya sir case ldte ladte
2 room n Khali ho rha ....
Please koi help krde .....bs vqeel ko fee jati h aj tk kuch n hua ...1. Rupya kirya tk n dete kirya ka case alg chlta h...lene wale mr chuke h unke bete mr chke h ab unke pote rhete h fr bhi koi faisla n hota ...
Kya uss makan aap bhi rahte hai ya alag makan hai....
कमाल करते हो ,निकालो तुम्हारी अस्सेत है ,कैसे नही निकलेगा
are nihang singho ko lai k jao...krte hai k nhi khali ...ek din me kr denge
What about adverse possession is this case relevant
Everything is fine but to resolve the case it will take 10 - 15 years. This is the main problem.
Sir agar kisi k aibe exam me 100/ 44 question sahi h bas 1 number km ho passing mark me to kitne chances h paas hone ke ...
Are eviction suit or Possession suit same?
How to tackle with goondas supported by politicians
एक ak 47
भूमि कि रजिस्ट्री हो गया किन्तु भूमि या मकान राजस्व विभाग में दर्ज नही हो पाया है जबकि भूमि या मकान 50 से अधिक हो गया उसे कैसे दर्ज कर या जाये इस समबन्ध में जानकारी दे
There is no system I Sub -Registar records who is first owner of this sale property in their office Land revenue records office also start new policy or portal when any builder start register and introduce scheme they submit all relevant scan papers to authority and one module of scheme and start index-2, at least 20 enter in their portal by sub register who is first owner than he sale data save in that folder , this type of legal procedures process is required
Sir yes judgement kab aaya please isi copy milegi???
Sir please help me I need your help meri coaching ne mere sath froud kiya hai sir meri preparation effect ho rhi hai
सरकार नेजो सिस्टम है इन्होंने मकान मालकि के फेवर में कभी कुछ नहीं कहा है आप किराएदार है केस बस 10 15 साल 20 साल चलेगा यह एकदम गलत है किसी का मकान उसको तुरंत खाली करने का आदेश दीजिए वह किसी भी रूप में उसके सारे सामान को बाहर किया जाए यही नियम होना चाहिए संविधान में यह सख्त कानून बनाने की मांग सरकार से किसी गरीब आदमी ने कि मेहनत से बनाया है उसको कोई नहीं समझ रहा है
Please aibe classes start how to searching bar acts only sir
Sir, Bar Council of India ka circular kb tk aayega..? Muze Enrollment krana hai..? IBPS SO law officer form bhrna hai.. usme enrollment number mang rhe hai..?
After meeting of BCI, schedule 11th Aug 24, after which will get the notification regarding enrollment form.
Time. Kittna. Lagya. Ga. Batao.
Iam 75 otherwise I would have taken classe, very clear concept of lesso
Very nice Information
You started video on recovery of Immovable property without court intervention but explained something else about o2 r2. Misguiding.
It is relinquishment, not relinguishment please
कोर्ट का जजमेन्ट कितने साल के बाद आयेगा फिर्यादी मरनेके बाद 😂
Agar koi kiraydar bina agriment ke hai to kanun kya kahta hai
End kiya bana wo to batya nahe
Only time waist If any case in court Owners ko kutch nahi milta Lawyers ho he fee dety raho
Civil hatao criminal me dalo
Jai ho
Not good decision. This will invite litigation and increase cases in the court which will not be settled soon. Further, building a house is costly enough to be affordable by
everyone. So, this may increase corruption.
Bhai, RelinGuish nahin Hota
Relinquish Hota gai
Sir ap kha practice krte ho
Court case ka faisla ane ke pahle makan malik ki mout ho chuki hogi, muscle power hai to kiraye par property dena.
Judgement name pls
@@zuberpathan7763 mention in the video + check out description
Case karne ke baad 25 saal Mai bhi result nahi aya hai
Trial courT,HIGH COURT'Supreme court how long?
SC ne yah Judgement kab diya ?
Police does not register FIR in case of Criminal trespass, theft, house break, etc inspite of SC Judgement in Lalitakumari case where cognizable offences must be registered as FIR. So house owner forced to file civil suit for recovery of possession where it takes years to recover possession. S 104 IPC is hardly useful to owners. So your advice is not worthy .
Bhai koi kiraydar agar rent na de paye too usko 2 month free ma rehena dena chaya fir khali krane ka rule hona chaya
2 months ka gap taki wo khai dhoond ske kmra ya fir apne gawo jane ka intzam kar ske
Court se jeetne ke baad bhi kirayedaar ne khaali nahin kiya bechara makaan malik mar gaya
Dameg for suter sent court carset criminal justice system legal services 6
All the rules favour the person who plays mischief.When time bound decision are not given , every lecture is useless.
❤
Aap kuchh bantu type se baat karte hain. Thodaaahista aur aaram se baat kiya karen.
Makan maalik ek jut ho jaao makan maalikon ki association banai jaaje
Your presentation is very scary.. looks same old court
System..
Itna lamba process...tired listening
Mehnat karke jasmeen lo Ghar banao bas kirayedar aaya ghar par kabja
Ni ce
अंधा कानून
Sadko per autar jao ye kanoon khtam karo
Not satisfied with the way of presentation
Please sir help me