अंजुम जी, कभी-कभी आपके प्रश्नों का स्तर इतना ऊंचा होता है कि लेखक उत्तर देते समय सतर्क हो जाता है। ऐसी स्थिति में वह स्वाभाविक प्रतिक्रिया नहीं दे पाता। आपकी कार्यप्रणाली अहंकार को सतह पर ले आती है। कभी-कभी अशिक्षित, मासूम बनकर उन्हें खुलकर बोलने का मौका दें। आप भी ऐसे ही बनें।
श्योराज सिंह बेचैन जी ने बिना लाग लपेट के जैसा लिखा है, वैसा ही यहाँ पर बोल और स्वीकार भी रहे हैं। दलित साहित्य व सरोकार के यथार्थ का विश्लेषण बिलकुल तर्क संगत किया है बधाई सर जी, महिपाल मानव हिसार हरियाणा
वास्तविक तथ्यों को लेकर संगत प्लेटफॉर्म द्वारा प्रस्तुत प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ श्यौराज सिंह बेचैन सर का महत्वपूर्ण साक्षात्कार, बहुत बेहतरीन साक्षात्कार।
आदरणीय श्यौराज सर, आपका लिखना -बोलना हमारे अंदर व्याप्त कमियों को बाहर निकाल फेंकता है, हममें सुधार करता है, हमें बेहतर मनुष्य बनाता है। यद्यपि आप उस शिक्षक का नाम लेते, जिन्होंने आप में संभावना की रिपोर्ट दी तथा उस मित्र का भी, जिसके यहां पढ़ते थे (बाद में रोक लगवा दी गई), तो और बेहतर होता।
hindwi❣❣❣❤ ka dhnyabad jo sangat ke madhayam se esi sakhsiyat se milwane ka kary kar rahi h lekin anjum ji se nivedan h🙏🙏🙏🙏🙏 ki sangat ke allawa bhi hindi and hindi sahitya se sambhdit programme ki suruat kare jisse hindi bhasha hi nahi balki hindi sahitya me kya ho raha h jisse samnya pathak barg bhi parichit ho sake kyoki hindwi ki yah pahal students ke liye bhi sahayak or romanchkari rahi h...................🙏🙏👍❤❤💫💫
अंजुम जी आपसे अनुरोध करती हैं कि आप परिचय भाग के लिए कुछ समय दें, जिसमें उनके द्वारा लिखी गई पुस्तकों पर प्रकाश डाला जाए। विभिन्न समकालीन लेखकों के बारे में उनकी राय भी पूछें ताकि हम अधिक संख्या में पुस्तकों को पढ़ सकें। उनकी पुस्तकों को पढ़े बिना ये परिचय अधूरे हैं।
अत्यंत सार्थक चर्चापूर्ण संगत, अंजुम जी का चुन चुन कर सवाल दागना और श्योराज जी का बेलाग सटीक जवाब, बस महिलाओं के मामले में थोड़ी उदारता की आव्यशयकता थी
इसके समाधान की पहल सवर्ण नही करेगा बल्कि दलित बुद्धिजीवियों को अपने बच्चों की शादी अपने पायदान से नीचे खड़ी जाति से करना चाहिए लेकिन दलित बुद्धिजीवी जब उनका वर्ग बदल जाता है तब वो अपने से नीचे पायदान पर खड़ी जाति के व्यक्ति से नहीं करता है तब वो अपने से ऊपर की जाती और अपने आर्थिक वर्ग से करता है यह कथनी और करनी का अंतर जब तक बना हुआ है जाती नही टूट सकती।
Ye bade aascharay ki bat h kuchh din mahino pahle social media par muhim chala tha ki EWS ka reservation nhi chahiye jo spacially general caste ke kamjor aay varg wale logon ko dhyan me rakhkar banaya gya tha......log reservation chhorne ke liye taiyar ho gye lekin jaati chhorne ke liye taiyar nhi hue.
हिन्दी ने आपको इतना बड़ा मंच दिया,पहचान दी ,दिल्ली यूनिवर्सिटी हिंदी विभाग का अध्यक्ष बनने के बावजूद भी आप हिंदी को एक बेहतर भविष्य नही दे पाये, हिन्दी के शोध में अपने जाति व निजी पहचान वालो लोगों को वरियता दी , हिंदी शोध के भविष्य को अपने चाटूकार लोगो के हाथो मे सोंपा दिया
Caste based census is already doing in India as per 2011 census schedule caste papulation was 16.7 %percent and 8.6%percent schedule tribe in India 😢😢😢😢
अंजुम जी आप "चमार" शब्द का प्रयोग करते समय कहते हैं कि इस शब्द का प्रयोग करना नहीं चाहता l क्या आप का यह कहना "चमार" जाति सूचक शब्द होंने के कारण उस जाति का अपमान नहीं है l
अंजुम जी, कभी-कभी आपके प्रश्नों का स्तर इतना ऊंचा होता है कि लेखक उत्तर देते समय सतर्क हो जाता है। ऐसी स्थिति में वह स्वाभाविक प्रतिक्रिया नहीं दे पाता। आपकी कार्यप्रणाली अहंकार को सतह पर ले आती है। कभी-कभी अशिक्षित, मासूम बनकर उन्हें खुलकर बोलने का मौका दें। आप भी ऐसे ही बनें।
2005 के बाद आज श्योराज जी को सुनने का मौका मिला। बहुत अच्छा लगा। बहुत सुंदर।
श्योराज सिंह बेचैन जी ने बिना लाग लपेट के जैसा लिखा है, वैसा ही यहाँ पर बोल और स्वीकार भी रहे हैं।
दलित साहित्य व सरोकार के यथार्थ का विश्लेषण बिलकुल तर्क संगत किया है बधाई सर जी,
महिपाल मानव हिसार हरियाणा
Bilkul Bhai
यह साक्षात्कार बहुत उपयोगी, ज्ञानवर्धक और कई गुत्थियों को सुलझानेवाला है। धन्यवाद।
श्योराज सर जी को सुना बहुत-बहुत अच्छा लगा!
वास्तविक तथ्यों को लेकर संगत प्लेटफॉर्म द्वारा प्रस्तुत प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ श्यौराज सिंह बेचैन सर का महत्वपूर्ण साक्षात्कार, बहुत बेहतरीन साक्षात्कार।
हर बार की तरह शानदार। अंजुम भाई, संगत के प्लेटफार्म पर गीतांजलि श्री जी के साक्षात्कार का इंतजार रहेगा। संगत और उसकी टीम को ढेरों शुभकामनाएं।
आप जामिया के राहुल हैं?
जी।
आदरणीय श्यौराज सर, आपका लिखना -बोलना हमारे अंदर व्याप्त कमियों को बाहर निकाल फेंकता है, हममें सुधार करता है, हमें बेहतर मनुष्य बनाता है। यद्यपि आप उस शिक्षक का नाम लेते, जिन्होंने आप में संभावना की रिपोर्ट दी तथा उस मित्र का भी, जिसके यहां पढ़ते थे (बाद में रोक लगवा दी गई), तो और बेहतर होता।
hindwi❣❣❣❤ ka dhnyabad jo sangat ke madhayam se esi sakhsiyat se milwane ka kary kar rahi h lekin anjum ji se nivedan h🙏🙏🙏🙏🙏 ki sangat ke allawa bhi hindi and hindi sahitya se sambhdit programme ki suruat kare jisse hindi bhasha hi nahi balki hindi sahitya me kya ho raha h jisse samnya pathak barg bhi parichit ho sake kyoki hindwi ki yah pahal students ke liye bhi sahayak or romanchkari rahi h...................🙏🙏👍❤❤💫💫
अंजुम जी आपसे अनुरोध करती हैं कि आप परिचय भाग के लिए कुछ समय दें, जिसमें उनके द्वारा लिखी गई पुस्तकों पर प्रकाश डाला जाए। विभिन्न समकालीन लेखकों के बारे में उनकी राय भी पूछें ताकि हम अधिक संख्या में पुस्तकों को पढ़ सकें। उनकी पुस्तकों को पढ़े बिना ये परिचय अधूरे हैं।
अत्यंत सार्थक चर्चापूर्ण संगत, अंजुम जी का चुन चुन कर सवाल दागना और श्योराज जी का बेलाग सटीक जवाब, बस महिलाओं के मामले में थोड़ी उदारता की आव्यशयकता थी
बहुत ही अच्छा और शानदार।
बहुत सुंदर गीत , सुंदर गाया आपने
इसके समाधान की पहल सवर्ण नही करेगा बल्कि दलित बुद्धिजीवियों को अपने बच्चों की शादी अपने पायदान से नीचे खड़ी जाति से करना चाहिए लेकिन दलित बुद्धिजीवी जब उनका वर्ग बदल जाता है तब वो अपने से नीचे पायदान पर खड़ी जाति के व्यक्ति से नहीं करता है तब वो अपने से ऊपर की जाती और अपने आर्थिक वर्ग से करता है यह कथनी और करनी का अंतर जब तक बना हुआ है जाती नही टूट सकती।
Ha Bhai dalit dusre dalit se shadi nahi karte.
दलित साहित्यकार ऐसे ही निकलते रहे और लेखन करते रहे समाज को सुधारे 🙏🙏🙏🙏
बहुत शानदार साक्षात्कार
Ek bhuktbhogi ka pradurbhav,Naman
सार्थक संवाद। आईना। आभार अंजुम सार्थक संवाद के लिए।
बहुत लाजवाब साक्षात्कार 😊
Bahut badhiya sir ❤❤❤❤❤
बेहद निराश करने वाला साक्षात्कार
शानदार वार्ता
बहुत सुंदर बातचीत 👍🙏
It is very much connected with behaviour.
बहुत शानदार 💐
बेहतरीन संवाद 💐
बहुत शानदार
Bahut achcha sir bas kashi nath ji ko bhi la hi do sir
बहुत सही💐💐💐
जाति जिसने बनाया उसने तोड़ने का प्रयास नहीं किया है। आपने फायदा के लिए
Ye bade aascharay ki bat h kuchh din mahino pahle social media par muhim chala tha ki EWS ka reservation nhi chahiye jo spacially general caste ke kamjor aay varg wale logon ko dhyan me rakhkar banaya gya tha......log reservation chhorne ke liye taiyar ho gye lekin jaati chhorne ke liye taiyar nhi hue.
हिन्दी ने आपको इतना बड़ा मंच दिया,पहचान दी ,दिल्ली यूनिवर्सिटी हिंदी विभाग का अध्यक्ष बनने के बावजूद भी आप हिंदी को एक बेहतर भविष्य नही दे पाये, हिन्दी के शोध में अपने जाति व निजी पहचान वालो लोगों को वरियता दी , हिंदी शोध के भविष्य को अपने चाटूकार लोगो के हाथो मे सोंपा दिया
😂
ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। आप जो कह रहे हैं बिल्कुल गलत कह रहे हैं।
Caste based census is already doing in India as per 2011 census schedule caste papulation was 16.7 %percent and 8.6%percent schedule tribe in India 😢😢😢😢
There is no clarification on change from Marxism to Ambedkarite..
Poverty not depend on caste majority of upper caste doing labor work 😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢
There must be an effect of the change from Marxism to Ambedkarite.
Sarthak samvaad
How far it can be true cannot be said. But it seems that the presentation is not clear.
मुझे समझ नही आता की दलित लेखक अस्पृश्यता के विरुद्ध गांधी जी के योगदान को स्वीकार क्यों नही करते?
दलित स्त्री अपने को ब्राह्मण बता कर किसी के घर में खाना बनाए, ऐसा शायद अपवाद स्वरूप भी न मिले। ऐसा झूठ बोलने का जोखिम कोई नहीं उठाएगा।
सामान्यतः जाती गानना
Sir aapke pass ache teacher nahi ka h?
अंजुम जी आप "चमार" शब्द का प्रयोग करते समय कहते हैं कि इस शब्द का प्रयोग करना नहीं चाहता l क्या आप का यह कहना "चमार" जाति सूचक शब्द होंने के कारण उस जाति का अपमान नहीं है l
Dalit Sahitye se kisi ka koi uthan nahi honee wala kewal unko nikkama bana fega
Mohhmod rafi chamar tha
Salman sharukh sweeper hai
Ye log tamirlamg ko bhagwan khane lagege jisne 10 lakh ko muslim bana karultam bekdiya tha
Ambedkar was kumar potter not Chamar