Sangat Ep.41 | Arun Kamal on Poetry, Society, Bihar, Criticism, ved & Apni keval Dhar | Anjum Sharma

แชร์
ฝัง
  • เผยแพร่เมื่อ 23 พ.ย. 2024

ความคิดเห็น • 60

  • @divakarpandey4231
    @divakarpandey4231 ปีที่แล้ว +3

    संगत हिंदवी का एक सराहनीय प्रयास है। अंजुम जी की प्रस्तुति इसे और बेहतरीन बनाती है।

  • @chandrakantavishin3332
    @chandrakantavishin3332 11 หลายเดือนก่อน +1

    प्रभावी साक्षात्कार . अंजुम साहित्यकारों के लिए सहज वातावरण बनाते हैं । अरुण कमल दोस्ताना अंदाज़ में कटु यथार्थ को पाठक तक पहुँचाने का गुर जानते हैं।
    बहुत अच्छा लगा यह साक्षात्कार !सहज, जीवंत और ज़रूरी !
    बहुत-बहुत बधाइयाँ दोनों को!

  • @neetubala1646
    @neetubala1646 11 หลายเดือนก่อน +1

    बहुत ही सुन्दर। बहुत कुछ जाना आज अरूण कमल जी आपके बारे में। जो मेरे शोध विषय में बहुत ही मूल्यवान रहा। थैंक्यू। अंजुम शर्मा जी

  • @mamta-kalia
    @mamta-kalia ปีที่แล้ว +13

    बहुत मन लगा अरुण कमल जी की बातचीत में।रात के एक बजे गए।घड़ी को धकेल कर सुना गुना।अंजुम का कमाल है संगत।

  • @namitasachan
    @namitasachan หลายเดือนก่อน

    प्रेम सबसे करो पर विश्वास थोड़े से लोगों पर करो.......कितनी बढ़िया बात

  • @vibhasingh8064
    @vibhasingh8064 2 หลายเดือนก่อน

    अंजुम जी आप को बहुत बहुत धन्यवाद

  • @shubhamfaujdar9501
    @shubhamfaujdar9501 10 วันที่ผ่านมา

    बहुत ही अद्भुत अनुभव है अंजुम जी बहुत अच्छा लगा सुनकर

  • @arunsheetansh7331
    @arunsheetansh7331 ปีที่แล้ว +3

    अंजुम शर्मा भी संबंध कविता को सुनकर भावना से भर गए। कितना कठिन होता है साक्षात्कार लेना।

  • @kamleshkumardiwan
    @kamleshkumardiwan ปีที่แล้ว +1

    जिसके पास हम बार-बार जाएं यही प्रेम है..... सही कहा है अरूण कमल जी ने अभिनंदन 🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉

  • @aagaazbyrashmileher2194
    @aagaazbyrashmileher2194 ปีที่แล้ว +2

    कितना आभार कहें अंजुम जी! लखनऊ में आदरणीय कमल साहब को सुनने का अवसर मिला था! लाजवाब रचनाकारों से उनके अनुभव सुनकर अक्सर विस्मित रह जाती हूॅं। "थोड़े से लोग बस हों, ज़िन्दगी चल जाती है! " सच कहा कमल साहब ने! आप दोनों को सादर अभिवादन!🎉🎉

  • @kamalprakash549
    @kamalprakash549 ปีที่แล้ว +1

    अरुण जी ने सही कहा है कि हमारा समाज साहित्य को समर्थन नहीं देता। पूर्णरूप से साहित्य पर निर्भर रहकर भारतीय समाज में अपना दैनिक जीवन चला पाना हमेशा ही असंभव रहा है।

  • @curiosityofarunparasharbar916
    @curiosityofarunparasharbar916 ปีที่แล้ว +1

    कमाल
    कमाल ❤
    अद्भुत बातचीत रही।
    अरुण कमल जी और अंजुम शर्मा दोनों का अभिनन्दन ❤❤

  • @GautamBuddhaSiddarth
    @GautamBuddhaSiddarth ปีที่แล้ว

    अंजुम आपके द्वारा लिया गया साक्षात्कार बहुत ही उत्तम होता है।

  • @bhupendrasingh3521
    @bhupendrasingh3521 ปีที่แล้ว

    अरुण कमल जी ने बहुत सधे हुए अंदाज़ में बहुत hi विवेकपूर्ण बातें कही है। कविता ko बंधी हुई शैली में लिखी जाये तो अच्छा है। कविता अगर अखबार की रिपोर्ट बन जाए तो यह ठीक नहीं है। मैं भी एक कवि होने के नाते कवियों को पर्याप्त प्रोत्साहन और धनराशि दिए जाने का समर्थन करता हूँ। आखिरकार कवि ही वह इंसान है जो मानवता को बेहतर बनाने का प्रयास करता है ।वह जीवन के अनुभव संसार से एक सघन अनुसंधान के बाद सृजन कर पाता है।

  • @rashmikashelkar8209
    @rashmikashelkar8209 ปีที่แล้ว

    मी ऐकतेय या महान हिंदी साहित्यिकांना.अंजुम शर्मा उत्तम मुलाखतकार आहेत.

  • @prabhashankar514
    @prabhashankar514 ปีที่แล้ว +1

    अपना क्या है इस जीवन में
    सब तो लिया उधार
    सारा लोहा उन लोगों का
    अपनी केवल धार।
    नए युग के नागार्जुन के साथ संगत की पंगत में शामिल करने के लिए धन्यवाद ।
    अंजुम आप लेखक या कवि को अपनी पकड़ से बाहर नही जाने देते।क्रॉस क्वेश्चन जरूर करते है😊

  • @amanvats5028
    @amanvats5028 หลายเดือนก่อน

    बहुत सुन्दर साक्षात्कार ❤

  • @Shekharvani
    @Shekharvani ปีที่แล้ว

    बहुत शानदार बातचीत।

  • @shyamkant4911
    @shyamkant4911 9 หลายเดือนก่อน

    Great personality...

  • @kamleshkumardiwan
    @kamleshkumardiwan ปีที่แล้ว

    माननीय श्री अरूण कमल जी का स्वागत है अभिनंदन 🎉🎉🎉🎉🎉

  • @पूनमशुक्ला-ब6थ
    @पूनमशुक्ला-ब6थ ปีที่แล้ว

    बहुत अच्छा साक्षात्कार सुनने को मिला । धन्यवाद।

  • @lalankumarchaubey4860
    @lalankumarchaubey4860 ปีที่แล้ว

    यह बहुत उपयोगी साक्षात्कार है। इससे कवियों और पाठकों को बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।

  • @kamleshkumardiwan
    @kamleshkumardiwan ปีที่แล้ว

    कविता के और लेखन से संबंधित बहुत अच्छा वक्तव्य दिया है।
    आज केवल पुस्तक प्रकाशन वालों को ही लेखक कवि माना जाता है परन्तु पुस्तक प्रकाशन की कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए ब्लॉग लिखने लगे यूट्यूब पर कविता अपलोड करते हैं उन्हें भी ध्यान में रखना चाहिए उचित होगा धन्यवाद।

  • @kamaljeet6529
    @kamaljeet6529 ปีที่แล้ว

    वाह। सुन्दर बातचीत। यहाँ सहजता, विनम्रता, ठहराव, गम्भीरता... एक साथ कितना कुछ है। प्रेरक। कवि अग्रज को शुभकामनाएँ।
    प्रिय अंजुम जी, आपका और आपकी टीम का आभार।
    - कमल जीत चौधरी
    ( जम्मू-कश्मीर)

  • @reetuchauhan2988
    @reetuchauhan2988 ปีที่แล้ว +1

    बहुत सुन्दर 🎉🎉

  • @नास्तिककीकलमसे-ब8ड

    बहुत प्यारे, संजीदा और अल्हड़ हैं अरुण जी। उन्हें बहुत इश्क़, मिलने का ख़्वाहिश-मंद हूॅं। शुक्रिया अंजुम!✨

  • @narayanmishra1329
    @narayanmishra1329 ปีที่แล้ว

    शानदार अनुभव और बातचीत। बहुत सीखते हैं अरुण जी से। अपनी पीढी के नायाब कवि हैं। सबसे बड़ा कवि कहूँ तो शायद गलत नहीं है।

  • @उज्ज्वलपांडेय-य2ण

    अरुण सर की कविता सहज ही प्रभावित करती हैं

  • @nerdy_mulgi
    @nerdy_mulgi ปีที่แล้ว

    क्या कमाल संयोग है आज ही विद्यालय में जयंत नार्लिकार जी की लिखी कहानी पढाई गयी और उनका ज़िक्र यहाँ भी आ गया

  • @jyotirita6226
    @jyotirita6226 ปีที่แล้ว +1

    कई जगह अरुण कमल जी को सुनते हुए हंसी और गंभीर हुई। थोड़ी और समृद्ध हुई।

  • @sumanhulgoolkar9195
    @sumanhulgoolkar9195 8 หลายเดือนก่อน

    बहुत सुंदर था। शानदार बातचीत।🎉

  • @rituverma8888
    @rituverma8888 ปีที่แล้ว

    कोई बेहतरीन कविता सुनने जैसा साक्षात्कार

  • @brajmohansingh4888
    @brajmohansingh4888 ปีที่แล้ว

    दुनिया को बदलने वाले कवि के हौसले को हजारों हजार सलाम

  • @kamlasharmam8688
    @kamlasharmam8688 8 หลายเดือนก่อน

    बहुत सुन्दर साक्षात्कार

  • @vaibhavamanthakur6293
    @vaibhavamanthakur6293 ปีที่แล้ว +1

    उम्दा साक्षात्कार।

  • @mukeshnirvikar9340
    @mukeshnirvikar9340 ปีที่แล้ว

    बहुत अच्छा साक्षात्कार अंजुम जी!! आंनद आया। अत्यंत सार्थक वार्ता।

  • @divyasuhag5164
    @divyasuhag5164 10 หลายเดือนก่อน

    सराहनीय

  • @ashutoshrai524
    @ashutoshrai524 ปีที่แล้ว

    What an anchoring and a polite conversation till last❤❤❤

  • @sunitadaga9734
    @sunitadaga9734 ปีที่แล้ว

    बहुत ही शानदार साक्षात्कार।

  • @latakhatri2906
    @latakhatri2906 ปีที่แล้ว +1

    बहुत अच्छी रही बातचीत ❤

  • @yoyo-pe5km
    @yoyo-pe5km ปีที่แล้ว

    बहुत ईमानदार इंटरविव लगा.. आभार!!

  • @annaywatsala9161
    @annaywatsala9161 ปีที่แล้ว

    ❤❤❤ gajab... thanku hindvi thanku Anjum jii 👍👍🙏

  • @PoojaPatel-gy5jm
    @PoojaPatel-gy5jm ปีที่แล้ว

    बहुत सुन्दर

  • @v.p.tripathi7857
    @v.p.tripathi7857 ปีที่แล้ว

    बेहतरीन साक्षात्कार .

  • @palnod
    @palnod ปีที่แล้ว

    बेहद सुंदर साक्षात्कार

  • @maneeshdwivedi5047
    @maneeshdwivedi5047 ปีที่แล้ว +1

    बढ़िया साक्षात्कार❤❤

  • @reelserealeducation3541
    @reelserealeducation3541 ปีที่แล้ว +1

    उतारे कोई डर का बोझ सर से,
    मैं कोशिश कर चुका अपने हुनर से!
    ख़ुशी के पल भी सब कुछ जानते हैं,
    गुज़रते तक नहीं हैं मेरे घर से!
    मेरे ही दोस्त से शादी भी हाए,
    ये दोहरी चोट है दोहरे असर से!
    कहाँ जाए निकाला जो गया हो,
    मुहब्बत की गली से यार के घर से!
    मेरे अपने भी मुझसे कम नहीं हैं,
    नमक भी हाथ में दुख भी नज़र से!
    #स्वरचित

  • @radheshyamsharma2026
    @radheshyamsharma2026 ปีที่แล้ว

    बहुत सुंदर।

  • @arunsheetansh7331
    @arunsheetansh7331 ปีที่แล้ว

    शानदार है यह साक्षात्कार

  • @shubhammanitripathi9624
    @shubhammanitripathi9624 ปีที่แล้ว

    बढ़िया जानकारी 🌼

  • @freefall68
    @freefall68 2 หลายเดือนก่อน

    हिंदी कविता की किताबें कम क्यों बिकती हैं यह समझने के लिए हिन्दी के कवि को आत्म निरीक्षण भी करना होगा। समाज को दोष देने से काम नहीं चलेगा। आज हिन्दी का पाठक कविता का आनंद लेने के लिए निदा फ़ाज़ली, बशीर बद्र, ख़ुमार बाराबंकवी जैसे उर्दू के कवियों को पढ़ना/ सुनना अधिक पसंद करता है। दरअसल हिंदी कविता में छन्द मुक्त कविता के नाम पर गद्य की पंक्तियों को आड़ा तिरछा तोड़ कर लिख देना ही कविता मान लिया गया है। आज की हिंदी कविता से छन्द ही नहीं, लय, प्रवाह, ध्वन्यात्मकता सभी कुछ ग़ायब है। एक आम पाठक के लिये आज की हिंदी कविता में काव्यात्मकता का कोई आनंद नहीं है। फिर एक आम पाठक से समर्थन की उम्मीद भी क्यों?

  • @namitasachan
    @namitasachan หลายเดือนก่อน

    कितनी सधी हुई बात-चीत......किसने कहा कि ज्ञान प्रतिक्रियावादी होता है।

  • @indirasharma8906
    @indirasharma8906 ปีที่แล้ว

    Bahut nayab
    Charcha

  • @mukesh.burnwal
    @mukesh.burnwal 3 หลายเดือนก่อน

    मजे की बात:
    दिल्ली विश्वविद्यालय के एक गर्ल्स कॉलेज में स्त्री विमर्श पढ़ाने के क्रम में ’संबंध’ कविता का संदर्भ देने को महिला शिक्षिकाओं ने आपत्तिजनक करार दिया

  • @manjusingh9446
    @manjusingh9446 10 หลายเดือนก่อน

    30:09--कविता को कैसे पढ़ा जाना चाहिए

  • @arunsheetansh7331
    @arunsheetansh7331 ปีที่แล้ว

    सोवियत संघ जब १९८५ में ग ए थे तो मेरे लिए कंघी ले आए थे।

  • @manurana7929
    @manurana7929 ปีที่แล้ว

    Sir aj dayalu kaun hota h
    Kay vakai m ye itna rare hi gaya h ?

  • @arunsheetansh7331
    @arunsheetansh7331 ปีที่แล้ว

    अंजुम शर्मा भी संबंध कविता को सुनकर भावना से भर गए। कितना कठिन होता है साक्षात्कार लेना।