Sangat Ep.81 | Kumar Ambuj on Poetry, Prose, Cinema, Society, Bhopal and Utopia | Anjum Sharma
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- เผยแพร่เมื่อ 23 พ.ย. 2024
- हिंदी साहित्य-संस्कृति-संसार के व्यक्तित्वों के वीडियो साक्षात्कार से जुड़ी सीरीज़ ‘संगत’ के एपिसोड 81 में मिलिए कवि कुमार अम्बुज से।
Sangat Ep.81 | Kumar Ambuj on Poetry, Prose, Cinema, Society, Bhopal and Utopia | Anjum Sharma
सुपरिचित कवि कुमार अम्बुज का जन्म 13 अप्रैल 1957 को गुना, मध्य प्रदेश में हुआ। कविता जगत में उनका प्रवेश 1989 में ‘किवाड़’ कविता के साथ हुआ जिसे नेमिचंद्र जैन ने भारतभूषण अग्रवाल कविता पुरस्कार के लिए चुना। तब से उनकी कविता-यात्रा जारी है और उनके पाँच कविता-संग्रह आ चुके हैं। वह बहुचर्चित सीरिज़ ‘कवि ने कहा’ और प्रतिष्ठित सीरिज़ ‘प्रतिनिधि कविताएँ’ में शामिल किए गए हैं।
विष्णु खरे के शब्दों में, ‘‘...कुमार अम्बुज की कविता भाषा, शैली और विषय-वस्तु के स्तर पर इतना लंबा डग भरती है कि उसे ‘क्वांटम जंप’ ही कहा जा सकता है। उनकी कविताओं में इस देश की राजनीति, समाज और उसके करोड़ों मज़लूम नागरिकों के संकटग्रस्त अस्तित्व की अभिव्यक्ति है। वे सच्चे अर्थों में जनपक्ष, जनवाद और जन-प्रतिबद्धता की रचनाएँ हैं। जनधर्मिता की वेदी पर वे ब्रह्मांड और मानव-अस्तित्व के कई अप्रमेय आयामों और शंकाओं की संकीर्ण बलि भी नहीं देतीं। यह वह कविता है जिसका दृष्टि-संपन्न कला-शिल्प हर स्थावर-जंगम को कविता में बदल देने का सामर्थ्य रखता है। कुमार अम्बुज हिंदी के उन विरले कवियों में से हैं जो स्वयं पर एक वस्तुनिष्ठ संयम और अपनी निर्मिति और अंतिम परिणाम पर एक ज़िम्मेदार गुणवत्ता-दृष्टि रखते हैं। उनकी रचनाओं में एक नैनो-सघनता, एक ठोसपन है। अभिव्यक्ति और भाषा को लेकर ऐसा आत्मानुशासन, जो दर-अस्ल एक बहुआयामी नैतिकता और प्रतिबद्धता से उपजता है और आज सर्वव्याप्त हर तरह की नैतिक, बौद्धिक तथा सृजनपरक काहिली, कुपात्राता तथा दलिद्दर के विरुद्ध है, हिंदी कविता में ही नहीं, अन्य सारी विधाओं में दुष्प्राप्य होता जा रहा है। अम्बुज की उपस्थिति मात्र एक उत्कृष्ट सृजनशीलता की नहीं, सख़्त पारसाई की भी है।’’
'किवाड़’ (1992), 'क्रूरता’ (1996), 'अनंतिम’ (1998), 'अतिक्रमण’ (2002) और ‘अमीरी रेखा’ (2011) उनके काव्य-संग्रह हैं और उनकी कहानियाँ 'इच्छाएँ’ (2008) में संकलित हुई है। इसके अतिरिक्त, वैचारिक लेखों पर एक संकलन ‘मनुष्य का अवकाश’ और डायरी एवं सर्जनात्मक टिप्पणियों का एक संकलन ‘थलचर’ शीर्षक से प्रकाशित है।
वह मध्य प्रदेश साहित्य अकादेमी का माखनलाल चतुर्वेदी पुरस्कार, भारतभूषण अग्रवाल स्मृति पुरस्कार, श्रीकांत वर्मा पुरस्कार, गिरिजाकुमार माथुर सम्मान, केदार सम्मान और वागीश्वरी पुरस्कार से नवाज़े गए हैं।
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एक और लाजवाब साक्षात्कार. अम्बुज जी को सुनना समृद्ध होना है. अंजुम जी, आपका बहुत शुक्रिया.
मेरा किसी से विरोध नहीं है
मैं ख़ुद के पक्ष में हूँ
अपनी पक्षधरता के बारे में स्पष्ट हूँ
बहुत खूब! 🌼
अम्बुज जी से रुब रु के लिए धन्यवाद अंजुम जी
अम्बुज जी वास्तव में एक जन रचनाकार हैं,
जो मानवीय सरोकारों ko❤ तरजीह देते हैं,
बहुत ही सुंदर वार्ता रही साहित्य को समझने की समझ बढ़ी
बधाई जी।
अंबुज जी ने कई जवाब ऐसे दिये कि चकित भी हुआ जा सकता है। बहुत सोचने के बाद जो उत्तर दिये जाते, वे उन्होंने तुरंत ही दिये। उनकी चिंतन क्षमता गज़ब है।
यह एक ऐसा साक्षात्कार है जिसे कई बार सुना जा सकता है। सुमिता जी ने सही कहा है कि अम्बुज जी को सुनना समृद्ध होना है। अंजुम जी के प्रश्न तो होते ही खोजी हैं ।
प्रखर इंटरव्यू। अम्बुज जी को अपना व्यंग्य संकलन लाना चाहिए।
अंजुम जी को सादर प्रणाम
कृपया ज्ञानेंद्रपति जी के साथ भी साक्षात्कार प्रस्तुत करें।❤
हर आलोचना की सकारात्मक अभिव्यक्ति की खूबसूरती। धन्यवाद अंजुम जी
बहुत रोचक संवाद चल रहे हैं। प्रतिभा को प्रयास व परिश्रम सार्थक बनाता है , बहुत ही सही है।
मधु संचय कविताओं की थी। गद्य सुधा कहानी व निबन्धों की तथा विज्ञान वाटिका में एवरेस्ट विजय जैसे लेख थे साथ में काव्य के अंग। इस तरह चार किताबें हिन्दी के पाठ्यक्रम में थीं।
बहुत ही बढ़िया साक्षात्कार, आपकी विचारक क्षमता को प्रणाम है । सवाल पूछने वाले और जवाब देने वाले दोनों ही माहिर है ।
आपके विचार संवेदनशील लोगों के लिए ऐसा मुझे लगता है
कहानी कविता फ़िल्म कुमार अम्बुज ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
इनकी भाषा मक्खन है।
महत्वपूर्ण बातचीत
अंजुम जी सच से आंखे चुराना आशा नही है सही कहा कुमार अम्बुज जी ने
अंबुज जी को पढ़ना सुनना दोनों आनंददायक
इंतजार खत्म हुआ धन्यवाद अंजुम और अम्बुज
बहुत ही शानदार इंटरव्यू
Anjum ji dwara bahut badhiya sahitic karyakram
बहुत ही उत्तम साक्षात्कार। वास्तविकता के करीब।
काफी इनसाइटफुल, दोनों को बधाइयां
संगत का सार्थक संवाद। साधुवाद।
Kumar Ambuj aur Anjum Sharma ko Salam
इस पौने दो घंटे के कार्यक्रम को देखकर यही लगता है कि कार्यक्रम कवियों लेखकों और साहित्य के प्रोफेसरों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। हम जैसे कम पढ़े लिखे लोग जो साहित्यकारों और उनकी रचनाओं के प्रेमी हैं उनके लिए थोड़ा सा personal touch भी लाएं कृपया। गूढ़ प्रश्नों और हल्के फुल्के प्रश्नों में संतुलन हो ताकि मेहमान को भी थोड़ा सा स्टार वाली feel आए। बाकी सब उत्तम है । आप त्वमनलिका में मौजूद सबसे बेहतरीन कंटेंट की सूची में सबसे ऊपर हैं।
Welcome Ambuj Ji
Bhut sundar
शानदार अंजुम जी
Anjum Sharma kudos for another great interview.hope you are planning for mohan rakesh Centenary in Jan 2025.
Waah
इंतजार खत्म
स्वागत है
कुमार अंबुज से मुझे अभी बहुत सीखना है। कस्बे में रहने के अलावा भी बहुत कुछ ❤
पॉप0आपो
सुंदर साक्षात्कार।
अच्छी बातचीत
बहता रहे ये साहित्य का निर्झर।
💐💐
श्रम नहीं प्रतीक्षा ... वाह
Bahut achha
❤❤❤❤
Very nice ❤
So nice going
🙏🙏🙏🙏🙏
Kahin kajin bhari virodhaas hai: Kavita vichar Pradhan hain, lekin shram nahin prateeksha karta hoon!
Mujhe is bhai se baat karni bahut bahut jyada jaruri hai
निश्छल मासूम मुस्कान,और ईमानदारी से अपनी बात कहना ,
प्रकाशन की पहचान होती थी कि ये स्तर की किताब छापता है।अब सही है निराश होते हैं कि ऐसी भी छप जाती है किताब ।
एक लेखक कटघरे में। अंजुम बतरस करते लगते हैं।
Jo bhai interview le raha hai kya mujhe uska number mil sakta hai vah bhai baat Ko le Jana chahte Hain aadami ke man ki gahrai mein aur dusra vyakti baton ko ghuma kar le ja raha hai sansar mein donon ki batchit ka taalmel nahin ban raha Jawan ladke ke vicharon mein ek alag se lahar hai aur jo bujurg vyakti hai unki baton mein ek taraf Ki baat hai
हिंदवी का मोबाइल एप है क्या ?
मंच ने श्रेष्ठ कविताओं को पीछे कर दिया है। दूसरी तरफ लोकप्रियता के प्रलोभन में श्रेष्ठ कवि भी मंच के लिए लिखने लगते हैं।
अभी 15 मिनट का ही देख सका हूँ।
लेकिन यह अच्छी बात है कि अंजुम अपना अतिरिक्त ज्ञान कम उड़ेल रहे हैं।
अन्यथा होता यह है, कि अपने ज्ञान के प्रदर्शन के चक्कर में अंजुम बमुश्किल ही सामने वाले को बोलने देते।
उम्मीद है, यह सुधार आगे भी देखने को मिलेगा।
अंजुम का cerebellium बेहतरीन /आप शायद पूर्वाग्रह से ग्रसित या इर्ष्याग्रस्त या समझने में अक्षम
टोपी क्यों /natural रहे
असद ज़ैदी को बुलाइए कृपया।
Mujhe is bhai ka contact number chahie kaise milega