बहुत ही रोचक रही सारी बातचीत । शुरुआत में जो आपने विज्ञान में रुचि ना होने पर साहित्य में आना आख़िर में जो आपने कहा मन का बहुत कुछ नहीं हो पाता - दिल को छू गया ।
Thnx to हिंदवी Such a beautiful conversation निःसंदेह संदेह रस तो करूण ही है नीले आसमान में हमसबका साझा है Is remarkable line. His writings are like a landmark in this world. I agree with is political point of view. His political views are updated n impactful. उमड़ कर आँखों से चुपचाप वही होगी कविता अंजान
बहुत बेबाक संवाद । प्रेम और करूणा सचमुच में हमारे जीवन मूल्य नही काव्य मूल्य है ,पंकज के इस बात से हिंदी के पाठक सहमत होगे । यह बातचीत पंकज की काव्य यात्रा को समझने में हमारी मदद जरूर करेगे । नामवर सिंह किसी ने किसी रूप में हमारे बीच मौजूद रहते हैं ,उनके बिना न आलोचना पूरी होती होती हैं और न कोई विमर्श ।
परम सौभाग्य कि हम इस प्रकार साक्षात्कार से रूबरू होकर समकालीन काव्य यात्रा की समझ व जानकारी बढ़ा सकेंगे। पंकज जी को सादर प्रणाम व अंजुम जी को प्रणाम बहुत-बहुत धन्यवाद 🌹🙏🌹
बेहतरीन संवाद। यह संवाद साहित्य और कविता की अनुभव तथा अध्ययन से की यात्रा का निष्पक्ष सार है। कवि और आलोचक की सजगता की प्रतिमूर्ति हैं पंकज जी। अंजुम जी के सवालों ने कई ऐसी परतों को हमारे सामने रखा है, जो केवल कवि केंद्रित न होकर साहित्य केंद्रित भी हैं।
संगत पिछले कुछ महीनों से मेरा सबसे पसंदीदा चैनल है इस बात से अंदाज़ा लगा सकते है की ये सभी साक्षात्कार कितने पसंद आ रहें हैं और अंजुम जी जितनी तारीफ़ करें वो कम ही होगी उनकी साहित्य की समझ ने हम सभी का मन मोह लिया है
बहुत ही सुखद अनुभूति। एक लंबे अरसे के बाद अपने बचपन के मित्र को देखकर मुझे वो दिन याद आए जब हम घंटो बैठकर बातें करते थे।लखनऊ(विद्यालय,आकाशवाणी,विश्विद्यालय) से लेकर दिल्ली तक के सफर के बाद पंकज जी को आज उन को ऊंचाइयों पर देखकर अपर सुख का अनुभव हो रहा है। आप सभी को बताते हर्ष हो रहा है की पंकज जी का अंग्रेजी का ज्ञान भी हिंदी जैसा ही बेहतर और उच्च दर्ज का है।
संगत में पंकज चतुर्वेदी जी का जरूरी साक्षात्कार अच्छा लगा अंजुम शर्मा जी के हस्तक्षेप के चलते ब्लैकमनी वाला कथन अधूरा रह गया। वहाँ पंकज जी कुछ महत्वपूर्ण तथ्य प्रस्तुत करते जिनके अर्थ खुलने से रह गए। बहरहाल हिन्दवी की यह जरूरी प्रस्तुति महत्वपूर्ण है। बहुत बधाइयाँ।
sabhi sangat ke episode dekhe hai shilap par bunavat var aantrik kriyakalpon par kavya ka bodha sangrahit hone par jo itna acha snvad hota hai bhot marmik hai aapki bhot sarhana hai hindawi aur bhot sare abhar
"हिन्दू परित्यक्त महिलाओं की संख्या मुस्लिम परित्यक्त महिलाओं की संख्या से ज्यादा है "ये कैसा तथ्य प्रकट कर दिया आपने ।अगर आपको ये कहना ही था तो प्रतिशत में बात करते ।संख्या के लिहाज से आपका कथन सही है पर ये कहके आप जो स्थापित करना चाहते हैं वो असत्य है।क्योंकि यहां तथ्य नहीं बोल रहे हैं बल्कि अपने पहले से ही निष्कर्ष निकाला लिया और उसी अनुरूप एकांगी तथ्य बोल दिया ।ये बहुत खतरनाक है,हिंदी लेखको में मुझे ये बीमारी बहुत अधिक मिलती है ।
अंजुम जी, पंकज जी से, यदि कभी फिर मिले तो पूछियेगा कि सवर्ण से सवर्ण, लड़का से लड़का आदि परस्पर संवाद करते हैं तो यह संवाद की कमी कहां से है। यह एक संवाद का का स्वरूप नहीं है क्या?
Anjum ji sawal aap khoob poochte hain. Magar bahut se sawalon me aap ek khas soch ki party lagte Hain. Iski ek wajah lakhak se kuch ugalwana ho sakta hai lekin kabhi kabhi iska maqsad kuch aur lagta hai.
'संगत' का यह एपिसोड आपको कैसा लगा?
बेहतरीन साक्षात्कार के साथ बहुत ही अच्छा 🌹🙏🌹
मैं बड़ी उत्सुकता से इंतजार करती हूं और चाव से देखती हूं अंजुम जी
@@MukeshKumar-up9mut5fggfc) ho4. h/lllll ,,,,,, nn, knll, kl
बहुत अच्छा रहा है । पंकज जी के विचारों से सहमति असहमति से अलग बहुत खुलकर बतकही हुई है
Bohot bhatareen. Anjum shrama rocks 🎉❤
JNU के बाद आज पंकज जी को देखा, सुना। आनंद आ गया। बहुत सुंदर।
पंकज चतुर्वेदी
एक समर्थ आलोचक की तरह बोलते हैं। इन के आरंभिक जीवन बारे जानना बहुत अच्छा लगा।
बहुत शांति और धैर्य से लिया दिया गया साक्षात्कार।पंकज जी को सुनना सुखद लगा।
पंकज की बातों में एक ईमानदारी है । अब तक का संगत का सबसे सच्चा संवाद
बहुत ही रोचक रही सारी बातचीत । शुरुआत में जो आपने विज्ञान में रुचि ना होने पर साहित्य में आना आख़िर में जो आपने कहा मन का बहुत कुछ नहीं हो पाता - दिल को छू गया ।
Thnx to हिंदवी
Such a beautiful conversation
निःसंदेह संदेह रस तो करूण ही है
नीले आसमान में हमसबका साझा है
Is remarkable line.
His writings are like a landmark in this world. I agree with is political point of view. His political views are updated n impactful.
उमड़ कर आँखों से चुपचाप वही होगी कविता अंजान
बहुत बेबाक संवाद । प्रेम और करूणा सचमुच में हमारे जीवन मूल्य नही काव्य मूल्य है ,पंकज के इस बात से हिंदी के पाठक सहमत होगे । यह बातचीत पंकज की काव्य यात्रा को समझने में हमारी मदद जरूर करेगे । नामवर सिंह किसी ने किसी रूप में हमारे बीच मौजूद रहते हैं ,उनके बिना न आलोचना पूरी होती होती हैं और न कोई विमर्श ।
परम सौभाग्य कि हम इस प्रकार साक्षात्कार से रूबरू होकर समकालीन काव्य यात्रा की समझ व जानकारी बढ़ा सकेंगे। पंकज जी को सादर प्रणाम व अंजुम जी को प्रणाम बहुत-बहुत धन्यवाद 🌹🙏🌹
बेहतरीन संवाद।
यह संवाद साहित्य और कविता की अनुभव तथा अध्ययन से की यात्रा का निष्पक्ष सार है। कवि और आलोचक की सजगता की प्रतिमूर्ति हैं पंकज जी।
अंजुम जी के सवालों ने कई ऐसी परतों को हमारे सामने रखा है, जो केवल कवि केंद्रित न होकर साहित्य केंद्रित भी हैं।
संगत पिछले कुछ महीनों से मेरा सबसे पसंदीदा चैनल है इस बात से अंदाज़ा लगा सकते है की ये सभी साक्षात्कार कितने पसंद आ रहें हैं और अंजुम जी जितनी तारीफ़ करें वो कम ही होगी उनकी साहित्य की समझ ने हम सभी का मन मोह लिया है
बहुत ही सुखद अनुभूति। एक लंबे अरसे के बाद अपने बचपन के मित्र को देखकर मुझे वो दिन याद आए जब हम घंटो बैठकर बातें करते थे।लखनऊ(विद्यालय,आकाशवाणी,विश्विद्यालय) से लेकर दिल्ली तक के सफर के बाद पंकज जी को आज उन को ऊंचाइयों पर देखकर अपर सुख का अनुभव हो रहा है। आप सभी को बताते हर्ष हो रहा है की पंकज जी का अंग्रेजी का ज्ञान भी हिंदी जैसा ही बेहतर और उच्च दर्ज का है।
Pankaj Chaturvedi ko bohot sa Prem, gramin pareevesh se.❤
संगत के सबसे बेहतरीज एपिसोड्स में एक, शुक्रिया अंजुम जी। पंकज जी को सुनना सदैव एक मार्जन का कृत्य है, देखते देखते बस ठहर कर एकटक देख गया।✨
पंकज चतुर्वेदी जी, बेहद सुंदर कवि हैं
अच्छा साक्षात्कार सर का। कविता को परखने की एक पारखी नज़र मिली।
सुंदर और रोचक संवाद के लिए हिन्दवी का धन्यवाद!
बहुत ही सुंदर बातचीत। पंकज चतुर्वेदी सर और हिंदवी का आभार।
Bhot shaamdar insaan hai Pankaj Chaturvedi
बहुत महत्वपूर्ण जानकारियों वाली बात चीत
Bahut hi sunder anshu ka adbhutt sanyog 🙏💐
आप लाजवाब हैं सर! इतनी बेबाकी से कम लोग बात करते हैं!
बहुत ही लाजवाब एपिसोड! सादर आभार शेयर करने के लिए!
पंकज से यह बातचीत सुनी जानी चाहिए...🥰
Guru ji saadar charan sparsh
अति सुंदरता और सादरता के साथ अद्भुत कवित्व 🥰
प्रेम अभिशप्त रहा! निःशब्द!
बहुत अच्छा संवाद!
संगत में पंकज चतुर्वेदी जी का जरूरी साक्षात्कार अच्छा लगा अंजुम शर्मा जी के हस्तक्षेप के चलते ब्लैकमनी वाला कथन अधूरा रह गया। वहाँ पंकज जी कुछ महत्वपूर्ण तथ्य प्रस्तुत करते जिनके अर्थ खुलने से रह गए।
बहरहाल हिन्दवी की यह जरूरी प्रस्तुति महत्वपूर्ण है।
बहुत बधाइयाँ।
सीता का विषय.. प्यार से ज्यादा प्रतिष्ठा को महत्व.. काश इस पर चिंतन हो!
एक सलाह ये भी देना चाहता हूं की आप एपिसोड के समयावधि की चिंता न करें हम 2घंटे से ज्यादा भी ये पूरे दिन भी ये साक्षात्कार देख सकते हैं
रोचक और ज्ञानवर्धक संवाद 😊
कच्छा! कक्षा!
बहुत ही सुंदर संवाद!
सार्थक संवाद 🎉
Bahut bhdhiya ji.
इतना रोचक साक्षात्कार सुनकर मन खुश हो गया!
sabhi sangat ke episode dekhe hai shilap par bunavat var aantrik kriyakalpon par kavya ka bodha sangrahit hone par jo itna acha snvad hota hai bhot marmik hai aapki bhot sarhana hai hindawi aur bhot sare abhar
विषयांतर हो रहे हैं😅....वैसे इंटरव्यू बहुत रोचक है..❤
😂
@@ajeyklg qqqqqqqqqqqqq
दो तरह की कविता.. सही कहा!
👌🙏
"हिन्दू परित्यक्त महिलाओं की संख्या मुस्लिम परित्यक्त महिलाओं की संख्या से ज्यादा है "ये कैसा तथ्य प्रकट कर दिया आपने ।अगर आपको ये कहना ही था तो प्रतिशत में बात करते ।संख्या के लिहाज से आपका कथन सही है पर ये कहके आप जो स्थापित करना चाहते हैं वो असत्य है।क्योंकि यहां तथ्य नहीं बोल रहे हैं बल्कि अपने पहले से ही निष्कर्ष निकाला लिया और उसी अनुरूप एकांगी तथ्य बोल दिया ।ये बहुत खतरनाक है,हिंदी लेखको में मुझे ये बीमारी बहुत अधिक मिलती है ।
अंजुम जी, पंकज जी से, यदि कभी फिर मिले तो पूछियेगा कि सवर्ण से सवर्ण, लड़का से लड़का आदि परस्पर संवाद करते हैं तो यह संवाद की कमी कहां से है। यह एक संवाद का का स्वरूप नहीं है क्या?
👏👏👏👏
👍💐
बुद्धिजीवी आज का सबसे निर्जीव शब्द है ।
अंजुम तुम कवि को आंच को सह नहीं पाए
नामवर की namwari साधन पर थी साध्य पर नहीं! हा बुद्धि थी तो कूट कौशल से सत्य को असत्य कर देते थे! नमक मिलाएं इसलिए कभी कभी सत्य को सत्य कर देते थे !
Anjum ji sawal aap khoob poochte hain. Magar bahut se sawalon me aap ek khas soch ki party lagte Hain. Iski ek wajah lakhak se kuch ugalwana ho sakta hai lekin kabhi kabhi iska maqsad kuch aur lagta hai.
Vihag Vaibhav aur Anuj logon Ko bulai
अपनी कविताओं को पोस्ट करना आत्मप्रचार कैसे?यह समझ में नहीं आया।
🙏🙏👍
अपनी कविताओं को पोस्ट करना आत्मप्रचार कैसे?यह समझ में नहीं आया।