सबसे पहले सतीश सृजन की इस रचना को बारम्बार प्रणाम। आशुतोष राणा जी तो बहुमुखी कलाकार है उनका क्या कहना लेकिन वैष्णवी शर्मा ने जो किरदार अभिनीत किया है, उसे सर आंखों पर। बहुत सुंदर अप्रतिम अभिनय, कलाकृति और रचना।
निस्सन्देह! आशुतोष जी को उनकी फिल्मों में और उसके भी पहले स्वाभिमान में देखा सुना है और उसी प्रभाव स्वरूप इस संवाद के श्रवण का लोभ था- यहाँ आकर दोगुना आह्लाद। वैष्णवी जी के स्वर ने कैकेयी के चरित को जीवन्त कर दिया।
@@Omji-e5c ये सत्य है भाई लेकिन शास्त्रों के अनुसार उनकी बुद्धि बदली गई थी ताकि प्रभु राम वन जाए और रावण वध करे और वर्तमान परिवेश में राजा दशरथ की तीन पत्नियों की तुलना तीन अलग अलग भाइयों की पत्नियों से कर सकते है..जो प्रारंभ में खुश और एकजुट रहती है लेकिन अलग होने पर अपने बच्चों के लिए संपत्ति के लिए अपने ही परिजनों के खिलाफ कोई न कोई चाल चलती है
@Yadunandan_95 ha lekin phir vahi mata kaikai bhagwan ko vapas lane ke liye bhi gyi thi ..... Vo ek kutila nhi thi mata saraswati ne unki jihva pe baith kar unse ye sab kuch bulvaya tha aur mata bhi Prabhu ke vachan se bandhi Hui thi ..... Par koun si stree apne pati ke marne par vyang karegi bhala .... Mujhe thoda sa ahat hua ye kavita sun kar .....
इस पूरे संवाद को सुनते समय, विशेषकर भरत की मनोव्यथा का इतना मार्मिक चित्रान्त अश्रुधार नहीं रुक रही है। रचनाकार श्री सतीश सृजन को नमन। आशुतोष भाई इस रचना को इस प्रकार प्रस्तुत करने के लिए अनेकों अनेक आभार धन्यवाद।
कितना अच्छा लेखक ने लिखा है और कितना अच्छा दोनों लोग गाए हैं मैं सुनते-सुनते जैसे लगता मैं सामने ही देख रहा हूं मन द्रवित हो गया बहुत-बहुत धन्यवाद 🙏🙏🙏🙏
कैकयी के तर्क कितनी मजबूती से सतीश सृजन जी ने रचा है। एक माँ के तौर पर कैकयी का बहुत मजबूती भरा तर्क पहली बार जाना और मन में जम गया। आशुतोष जी ने भारत की और वैष्णवी जी आपकी शैली कैकयी को जीवंतर कर दिया।❤❤
कोई सुन्दर से भी अति सुन्दर शब्द ढूँढ लूँ इस कथा के प्रशंसा में अपनी पोटली में, ऐसी शक्ति अभी मुझे मिली नहीं..... श्री हरि 💝 🙏🏻 #ayodhya #ramayan #jaishreeram
मां हिंदी और भारतीय संस्कृति की इस सेवा केलिए, मैं इस कवि का ऋणी सदा रहूंगा और आप ने अपना उर लगाकर इस कविता को पल्लवित किया इसके लिए राणा जी आपका जितना आभार मानूं कम है।❤
वैष्णवी की भावभंगिमा और राणा जी के आवाज़ सतीश दा के लेखनी,इस तिकड़ी ने शब्दों का ऐसा से ऐसा सरोबार किया है अद्भुत❤ जैसे किसी सुखी जमीं पे बरसा हो सावन की पहली बारिश, मनमोहक
अद्भुत, अद्वितीय, अभूतपूर्व...संवाद...। आप धन्य है, आशुतोष राणा जी..मेरे जैसे नादान का हृदय जीत लिया... आपको और वैष्णवी जी को सादर अभिवादन, वन्देमातरम्.....।।
बरसों से चली आ रहे और अनेको बार सुने हुए इस प्रसंग को जैसे पहली बार सुना या देखा? समझ में ही नहीं आया की आंख खोल कर वीडियो देखा जाए या आंख बंद कर ट्रांस जैसी अवस्था में प्रसंग घटित होता अनुभव किया जाए।जब लिखित शब्दों को इतनी मजबूत प्रस्तुति मिलती है तब अनुभूति व्यक्त करने के लिए हम जैसे भावकों को तो शब्द ही नहीं मिलते। आशुतोष जी की कला के कायल तो हमेशा से थे पर वैष्णवी जी आपकी प्रस्तुति भी अत्यंत मनोहारी एवं प्रणाम की अधिकारी है।🙏🙏🙏
आशुतोष जी और वैष्णवी जी द्वारा की गई भरत-केकई संवाद की प्रस्तुति ने भावुक कर दिया। आंसुओं के बीच ऐसा लगा कि चि॰ भरत और माता केकई त्रेता युग से अभी कलयुग में जीवन्त हो गए हैं। प्रस्तुति के लिए और सनातन की मर्यादा समझाने के ढेरों धन्यवाद 🙏🙏
Aashutosh Rana ji aapko bahut bahut pranaam. Aap logo ko Hindu dharam ki jaankariya dete hai, jo logo ko sanskaari banne ko prerit karti hai. Jai Shree Ram ji ki
इस महान रचना के लिए सतीश सृजन जी को कोटि-कोटि धन्यवाद और आशुतोष जी तथा वैष्णवी जी आप दोनों की प्रस्तुति नें मुझे भाव-विभोर कर दिया है। मेरी ईश्वर से प्रार्थना है कि वो मुझे कभी आपसे मिलने और काव्य पाठ सुनने अवसर प्रदान करें!
साधुवाद, साधुवाद 🙏💐🥹 आरंभ से अंत तक, एक क्षण के लिए भी शरीर की सिहरन बंद नहीं हुई। यही लगता रहा कि सामने ही सब कुछ घटित हो रहा है। बहुत जल्दी खत्म हो गया, ये पूरे दिन चलता रहे तो भी मैं देखती सुनती रहूं। केवल एक शब्द थोड़ा कानों में चुभा...'हजारों' की जगह 'सहस्त्रों' लिया जा सकता था। वैसे कुछ भी कहना मेरी योग्यता के बाहर की बात है। आप सबको नमन 🙏🙏 ऐसी अदभुत रचना और ऐसा सुंदर अभिनय 🥹🥹 काश विधाता ने मुझे भी ऐसा कोई गुण दिया होता 🥺🥺
वाह.. बहुत सुंदर, रोंगटे खड़े कर दिए। आशुतोष जी आपकी आवाज़ में बहुत सुंदर गरज है, वैष्णवी शर्मा जी ने भी मन मोह लिया। साधुवाद सतीश सृजन जी और आप दोनों को बहुत बहुत।
मैं अभी बारहवीं में हु पर आपको देख देख मुझे कविताओं से इतना प्रेम होगया है कि अपने पाठ्यक्रम का वन शॉट देखना भारी लगता है लेकिन मैंने इस संवाद को पूरा देखा पूरे उल्लाह के साथ 😊 आपका बहुत बहुत धन्यवाद श्रीमान 🙏🙏
दो बार पूरा सुना आशुतोष सर आप तो हमेशा ही अपनी शैली से देश भर के लोगों पर प्रभाव डालते हैं परंतु इस बार आपके साथ कैकयी का पात्र का वाचन रही वैष्णवी ने भी बहुत प्रभावित किया । सतीश जी कविताएं आप दोनों के माध्यम से हम तक पहुँची उनका, आपका और आपकी पूरी टीम का हृदय से आभार ❤️
मने सुना, कई बार सुना, सुनकर मन हर्षाया, देख के अनमोल वचन मन का कवि बोल गया, लिखूं मैं भी दो वचन मन की भावना व्यक्त करूँ आनंदित हूँ, मैं हर्ष में हूँ लिखते हुए ये छंद। jai hind
अद्भुत अद्वितीय अविस्मर्णीय। आशुतोष जी अपनी वाणी और भाव से आपने सृजन जी के शब्दों को जीवन्त और अमर कर दिया। इस अलौकिक कृति की रचना हेतु आशुतोष जी, सतीश जी, वैष्णवी जी और सभी शेष कलाकारों को हमारा कोटि कोटि नमन और साधुवाद।🙏
आशुतोष सर....आपकी आवाज़ बहुत अच्छी है और जिस तरह से आप कविता सुनाते हैं...वो तो श्रेष्ठता से भरा हुआ है.... बहुत बहुत धन्यवाद सर हम नई पीढ़ी को आध्यात्मिक दुनिया से जोड़ने के लिए...लाख-लाख बार धन्यवाद .....
कविता के बीच में ही कमेंट करने से अपने आपको रोक नहीं पाया सर। अंततः आंसु भी आ ही गए।आपकी शैली ही ऐसी है कि रोएं खड़े हो जाते हैं सुनते सुनते। वैष्णवी दीदी ने भी अच्छी प्रस्तुति दी।बहुत बहुत धन्यवाद सर 🙏🙏
आजकल के सोशल मीडिया और रिल के जमाने मे हम सब का जीवन धन्य कर दिया आशुतोष जी बार बार प्रणाम है आपकों। श्री राम और भरत जैसे भाई की कहानी शायद कुछ लोगो को फिर से एक कर सके।❤❤❤
अद्भुत प्रस्तुति ऐसा सुंदर प्रस्तुति देख ऐसा लगा कैकेई और भरत संवाद का पूर्ण नाट्य मंचन देख रही हूं 🙏 बहुत बहुत शुभकामनाएं एवं बधाई बधाई आप दोनों को 💐💐👏👏🙏🙏
प्रिय आशुतोष जी आपको कोटि कोटि मेरा नमन आप धर्म गद्दी पर बैठे धर्म के ठेकेदारों से कई लाख गुना अच्छा कार्य धर्म के लिए कर रहे हैं आप जैसे मर्यादा पुरूषोतम व्यक्तित्वों को मैं बारम्बार नमन करता हूं
आप दोनों ही लोगों की काव्य पाठ की भाव भंगिमा अद्भुत है ...जहां आशुतोष जी बहुमुखी प्रतिभा संपन्न अभिनेता है ...वहीं हमारी बहन वैष्णवी जी की काव्य शैली सराहनीय है ...आप पर माँ सरस्वती की कृपा हमेशा बनी रहे
भावुक कर दिया कैकई और भरत का संबाद, कोई शब्द नही हैं मेरे पास इस प्रस्तुति की प्रसंसा करने हेतु,कैकई भरत संबाद तो न जाने कितनी बार देखा और सुना पर आप जैसा नही ,आप दोनो की प्रस्तुति ने अंदर तक झकझोर के रख दिया, अद्भुत ।।🙏🏻🙏🏻
Literally, every line could be felt in the whole Kavya…..the way it is expressed…..felt like everything was happening in front of eyes ……far better than any show ……….hats off to Ashutosh Rana ji.
❤ आप दोनों की प्रस्तुति सर्वोतम है। 🙏🙏 वैष्णवी जी प्रशंसा की अधिकारी है, जिन्होंने आपके समक्ष इतनी अच्छी और सहज प्रस्तुति दी है। आपका सानिध्य शायद इतना सहज बना दिया है उनको। और इस प्रस्तुति ने इस लेखनी को जीवंत बना दिया है।
क्या संवाद लिखा है वाह..🙏अतिविशिष्ट!!!🔥🔥 जितनी सुन्दर रचना (सतीश सृजन जी की कलम से 🙏) उतना ही अप्रतिम आप दोनों(आशुतोष दादा एवं वैष्णवी जी )का अभिनयपूर्ण संवाद🔥🔥♥️🙏🔥 जय श्री राम🙏🙏
भरत का राज्यसभा की मंत्रणा,केवट संवाद, भरत मिलाप आदि भी सुनने को जी चाहता है। इतनी सुंदर प्रस्तुति। जैसे जी ललचा के छोङ दिया। मन मंत्र मुग्ध था और खतम हो गया।
Vaishnavi ji and Rana ji your expressions of this duet have made alive of true picturisation of that time. I am unable to stop my writing for both of you. Charan sparsh to both.😮
शिक्षा जरूरी है मगर संस्कार भी होने चाहिए।
घर घर में राम और भरत से किरदार होने चाहिए।
👏👏
❤❤❤❤❤ उत्तम विचार
💯
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सुनते सुनते द्रवित ह्रदय से,
कई बार मुझे रोना आया।
ऐसी रचना करके तुमने,
धन्य किया मेरा काया।।
कौन कौन सुनते हुए रोए है।😢😢😢😢
😍😍
सभी
धन्य कर दी मेरी काया
Aap sabhi log 2,line quotes kre sunder sa....
Bhut sunder prastuti h sir
क्या कहूं, जितनी सुंदर रचना है, उतना ही सुंदर पठन। अद्भुत ।
सबसे पहले सतीश सृजन की इस रचना को बारम्बार प्रणाम। आशुतोष राणा जी तो बहुमुखी कलाकार है उनका क्या कहना लेकिन वैष्णवी शर्मा ने जो किरदार अभिनीत किया है, उसे सर आंखों पर। बहुत सुंदर अप्रतिम अभिनय, कलाकृति और रचना।
सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री-गायिका
Radhe Krishna Radhe Radhe ❤️❤️😍😍😘😘😍😍
नहीं माता कैकई ने ऐसे नहीं बताया
नि: शब्द। सर्वोत्तम प्रस्तुति
केकई और भरत जैसा वास्तविक संवाद। बहुत ही शानदार निभाया है किरदार।
अद्वितीय अविश्वनीय अकल्पनीय रचनाकार सतीश जी कलाकार,आशुतोष जी वैष्णवी जी आपने भरत संवाद को अविस्मरणीय कर दिया ।आप सभी को मेरा नमस्कार।
सुनते सुनते मेरा मन श्री राम के प्रति मोहित हो गया 🎉 जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय जय श्री
आंसू भर गए आंखों में धन्य हैं मेरे आराध्य का भाई भरत
आजकल कबिताओ से मन बिचलित हो गया था पर अब आपके परेयासों से आने वाले पीढ़ी अब फिर से कबिता का आनंद ले पाएंगे तहे दिल से आपका धनेबाद 🙏🏼👌🏼
अप्रतिम! अद्वितीय! आशुतोष और वैष्नवी ने भरत कैकेई संवाद को इस तरह गाया कि त्रेतायुग का वह प्रकरण पुनः सम्मुख आ खड़ा हुआ। 🌟🌟🌟🌟🌟
आशुतोष जी का तो अभिनय उच्चतम स्तर का है ,परन्तु वैष्णवी जी का अभिनय देखकर से एक ही शब्द निकलता है.... अद्भुत अद्भूत अद्भुत ❤
निस्सन्देह! आशुतोष जी को उनकी फिल्मों में और उसके भी पहले स्वाभिमान में देखा सुना है और उसी प्रभाव स्वरूप इस संवाद के श्रवण का लोभ था- यहाँ आकर दोगुना आह्लाद। वैष्णवी जी के स्वर ने कैकेयी के चरित को जीवन्त कर दिया।
Mata kaikayi ka aisa to bilkul bhi nhi tha vo villain nhi thi ... Prabhu ki priy Mata thi vo ...
@@Omji-e5c ये सत्य है भाई लेकिन शास्त्रों के अनुसार उनकी बुद्धि बदली गई थी ताकि प्रभु राम वन जाए और रावण वध करे और वर्तमान परिवेश में राजा दशरथ की तीन पत्नियों की तुलना तीन अलग अलग भाइयों की पत्नियों से कर सकते है..जो प्रारंभ में खुश और एकजुट रहती है लेकिन अलग होने पर अपने बच्चों के लिए संपत्ति के लिए अपने ही परिजनों के खिलाफ कोई न कोई चाल चलती है
@Yadunandan_95 ha lekin phir vahi mata kaikai bhagwan ko vapas lane ke liye bhi gyi thi ..... Vo ek kutila nhi thi mata saraswati ne unki jihva pe baith kar unse ye sab kuch bulvaya tha aur mata bhi Prabhu ke vachan se bandhi Hui thi ..... Par koun si stree apne pati ke marne par vyang karegi bhala .... Mujhe thoda sa ahat hua ye kavita sun kar .....
Bahut hi sunder
इस पूरे संवाद को सुनते समय, विशेषकर भरत की मनोव्यथा का इतना मार्मिक चित्रान्त अश्रुधार नहीं रुक रही है। रचनाकार श्री सतीश सृजन को नमन। आशुतोष भाई इस रचना को इस प्रकार प्रस्तुत करने के लिए अनेकों अनेक आभार धन्यवाद।
कितना अच्छा लेखक ने लिखा है
और कितना अच्छा दोनों लोग गाए हैं
मैं सुनते-सुनते जैसे लगता मैं सामने ही देख रहा हूं मन द्रवित हो गया
बहुत-बहुत धन्यवाद
🙏🙏🙏🙏
भरत राम .... गर्व है भारतीय होने पर जहा पर इतना भ्रातृत्व जीवित रहा
मुझे ऐसा लगता रहा कि स्वयं श्री भरत जी ही बोल रहे हो, आपको ये अभिनय करने लिये बहुत बहुत धन्यावाद जी 🙏🙏🙏🙏
कैकयी के तर्क कितनी मजबूती से सतीश सृजन जी ने रचा है। एक माँ के तौर पर कैकयी का बहुत मजबूती भरा तर्क पहली बार जाना और मन में जम गया। आशुतोष जी ने भारत की और वैष्णवी जी आपकी शैली कैकयी को जीवंतर कर दिया।❤❤
अभिभूत हुआ मन सुन संवाद,
हृदय हुआ पवित्र गंगा समान,
इस सारे भाषण में एक बस
मेरे राम का ही तो है गुणगान ।मेरे राम।मेरे राम।
वह🎉❤
❤❤❤❤❤😊😊😊
Kavi pramukha
Aap bhi koi kavi se kam nahi
महान कलाकृति, अप्रतिम अभिनय...मन गदगद हो गया इस संवाद को सुन के और देख के!!
श्री राम और श्री भरत के इस प्रेम को नमन!
Ashutosh sir toh actor hain acting toh mast hai hi pr Vaishnavi didi ne bilkul awesome performance di hai ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤ #VAISHNAVI DIDI 🎉🎉🎉🎉
कोई सुन्दर से भी अति सुन्दर शब्द ढूँढ लूँ इस कथा के प्रशंसा में अपनी पोटली में, ऐसी शक्ति अभी मुझे मिली नहीं..... श्री हरि 💝 🙏🏻 #ayodhya #ramayan #jaishreeram
नमन है आप जैसे सनातनी ब्रह्मा की अनोखी देन है देवो की धरती भारत को.. 🙏🙏🙏🙏👍👍💐💐💐💐💐
मां हिंदी और भारतीय संस्कृति की इस सेवा केलिए, मैं इस कवि का ऋणी सदा रहूंगा और आप ने अपना उर लगाकर इस कविता को पल्लवित किया इसके लिए राणा जी आपका जितना आभार मानूं कम है।❤
वैष्णवी की भावभंगिमा और राणा जी के आवाज़ सतीश दा के लेखनी,इस तिकड़ी ने शब्दों का ऐसा से ऐसा सरोबार किया है अद्भुत❤ जैसे किसी सुखी जमीं पे बरसा हो सावन की पहली बारिश, मनमोहक
ह्रदय भाव से भर गया
हैं नयनों में अश्रु मेरे
संवाद सुन भरत केकयी का
मन हैं विछोह से भर गया
आशुतोष राणा महोदय व वैष्णवी शर्मा शक्तिस्वरूपा सनातन आप दोनों पर गर्व करता है।धन्य हैं आप।
Ashutosh Sir❤❤ And Vaishnavi ❤❤
Her eyes are expressingg everything so well❤❤
Ashutosh Rana sir ❤ vaishnavi bahan❤ excellent performance
सर आशुतोष राणा एव वैष्णव जी को बहुत बहुत आभार ये प्रस्तुती देने के लिए 🙏🙏🙏🙏
आप निश्चय रूप से अद्भुत वक्ता हैं लेकिन बहन की प्रस्तुति अत्यंत अद्भुत है। बहुत ही खूब बहन।।🎉🎉
माननीय श्री आशुतोष राणा जी आपकी वाणी हमें मंत्र मुक्त कर गया🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
अद्भुत, अद्वितीय, अभूतपूर्व...संवाद...। आप धन्य है, आशुतोष राणा जी..मेरे जैसे नादान का हृदय जीत लिया... आपको और वैष्णवी जी को सादर अभिवादन, वन्देमातरम्.....।।
बरसों से चली आ रहे और अनेको बार सुने हुए इस प्रसंग को जैसे पहली बार सुना या देखा?
समझ में ही नहीं आया की आंख खोल कर वीडियो देखा जाए या आंख बंद कर ट्रांस जैसी अवस्था में प्रसंग घटित होता अनुभव किया जाए।जब लिखित शब्दों को इतनी मजबूत प्रस्तुति मिलती है तब अनुभूति व्यक्त करने के लिए हम जैसे भावकों को तो शब्द ही नहीं मिलते।
आशुतोष जी की कला के कायल तो हमेशा से थे पर वैष्णवी जी आपकी प्रस्तुति भी अत्यंत मनोहारी एवं प्रणाम की अधिकारी है।🙏🙏🙏
आपने भी काफ़ी अच्छे से अपने भावों को व्यक्त किया है, आप भी प्रशंसा की पात्र हैं।
आशुतोष जी और वैष्णवी जी द्वारा की गई भरत-केकई संवाद की प्रस्तुति ने भावुक कर दिया। आंसुओं के बीच ऐसा लगा कि चि॰ भरत और माता केकई त्रेता युग से अभी कलयुग में जीवन्त हो गए हैं।
प्रस्तुति के लिए और सनातन की मर्यादा समझाने के ढेरों धन्यवाद 🙏🙏
सुनते सुनते आँखें भर आई।
बहुत सुंदर कविता लिखी है और उतना ही सुंदर सुनाया है,
सरस्वती ने स्वयं आकर आशुतोष को बनाया है।
वाह इस आधुनिक reels जमाने में इस तरह के हृदय स्पर्शी धार्मिक प्रसंग को हम सब तक पहुंचने के लिए आप दोनों का बहुत बहुत धन्यवाद 🙏❤
कविता कहने वाले महान हैं आशुतोष जी ने विलक्षण बुद्धि पाई है🙏
Aashutosh Rana ji aapko bahut bahut pranaam. Aap logo ko Hindu dharam ki jaankariya dete hai, jo logo ko sanskaari banne ko prerit karti hai. Jai Shree Ram ji ki
Kya baat hai Ashutosh Rana ji... Aisa lag rha hai... Bharat ji aap me samahit ho chuke the
अद्वितीय ❤
हमारी संस्कृति हमारा साहित्य चरम पर है 🏵️
इस महान रचना के लिए सतीश सृजन जी को कोटि-कोटि धन्यवाद और आशुतोष जी तथा वैष्णवी जी आप दोनों की प्रस्तुति नें मुझे भाव-विभोर कर दिया है। मेरी ईश्वर से प्रार्थना है कि वो मुझे कभी आपसे मिलने और काव्य पाठ सुनने अवसर प्रदान करें!
Aap donon ki is mahan Rachna ki prastuti se aap donon ko koti koti pranam
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प्रभु श्रीराम और भरत सम्बाद
रात के 1 बजे, आंख में आंसु, शरीर पर रोंगटे और मै निःशब्द 🫡
आपने इस अप्रतिम रचना को फिर एक बार अमर कर दिया ❤️🙏
I have no words for this This Is wordless🙏🙏🙏🙏
आपके माता पिता को कोटि कोटि प्रणाम करता हूं। आपकी कविता सुन के मन विभोर हो जाता है 🙏🙏🙏🙏🙏 आंख में आंसू।आ जाती है
बहुत बहुत धन्यवाद
कोई भी शब्द सार्थक नहीं इस प्रस्तुति की प्रशंसा हेतु गुरुदेव। अद्भुत अतुलनीय अद्वितीय
साधुवाद, साधुवाद 🙏💐🥹
आरंभ से अंत तक, एक क्षण के लिए भी शरीर की सिहरन बंद नहीं हुई।
यही लगता रहा कि सामने ही सब कुछ घटित हो रहा है।
बहुत जल्दी खत्म हो गया, ये पूरे दिन चलता रहे तो भी मैं देखती सुनती रहूं।
केवल एक शब्द थोड़ा कानों में चुभा...'हजारों' की जगह 'सहस्त्रों' लिया जा सकता था।
वैसे कुछ भी कहना मेरी योग्यता के बाहर की बात है।
आप सबको नमन 🙏🙏
ऐसी अदभुत रचना और ऐसा सुंदर अभिनय 🥹🥹
काश विधाता ने मुझे भी ऐसा कोई गुण दिया होता 🥺🥺
Aap mai wo gun hai jo aap ak ak shabd ko dhyaan p Dhyan purvak Suni aur apna vichar Rakha yah aapki bahut badi gunvatta hai
@@Suman-r5h ji, Aapka aabhaar 🙏😊
Ek teacher ka yahi kaam hota hai, hai na 😅
वाह.. बहुत सुंदर, रोंगटे खड़े कर दिए।
आशुतोष जी आपकी आवाज़ में बहुत सुंदर गरज है, वैष्णवी शर्मा जी ने भी मन मोह लिया।
साधुवाद सतीश सृजन जी और आप दोनों को बहुत बहुत।
सतीश सृजन जी की सारी कविताएं मुझे बहुत पसंद है साथ ही वैष्णवी दीदी जिस तरह प्रस्तुत करती है उसका क्या ही कहना। मैं निशब्द हूं हमेशा की तरह इस बार भी।
मैं अभी बारहवीं में हु पर आपको देख देख मुझे कविताओं से इतना प्रेम होगया है कि अपने पाठ्यक्रम का वन शॉट देखना भारी लगता है लेकिन मैंने इस संवाद को पूरा देखा पूरे उल्लाह के साथ 😊 आपका बहुत बहुत धन्यवाद श्रीमान 🙏🙏
भाई वो वीडियो बना कर कमाई कर रहे हैं। आप अपनी बारहवीं का पाठ्यक्रम ना छोड़े
@@DarkhorseUS जी श्रीमान 😊
बेटा सीमाओं में रहकर हिंदी कविताओं से जुड़े रहोगे तो शायद व्यक्तित्व निखर जाये और चरित्र बच जाएगा ढलती उम्र तक 🙏❤️
@@sahityaprem4887 🙏
Same
Oh my God! Itni acchi chiz se aaj tak hum vanchit rahe! ❤❤❤
दो बार पूरा सुना आशुतोष सर आप तो हमेशा ही अपनी शैली से देश भर के लोगों पर प्रभाव डालते हैं परंतु इस बार आपके साथ कैकयी का पात्र का वाचन रही वैष्णवी ने भी बहुत प्रभावित किया । सतीश जी कविताएं आप दोनों के माध्यम से हम तक पहुँची उनका, आपका और आपकी पूरी टीम का हृदय से आभार ❤️
रोम रोम सुनकर इस कविता को रो पड़ा क्या सुंदर प्रस्तुति दी आप दोनों ने आपको कोटि कोटि प्रणाम आशुतोष भैया और वैष्णवी जी 🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹
रचनाकार जी को यसी प्रस्तुति के लिए धन्यवाद
आशुतोष जी स्वयं गुरुदेव की कृपा दृष्टि से आपने हम सबको ये संवाद सुनाया आपका बहुत बहुत साधुवाद🙏
अत्यंत अनूठी एवं अद्वितीय प्रस्तुति 👏
संभवतः इस संकल्पना पर प्रथम प्रयास 🤗
आदरणीय दादाश्री सादर चरणस्पर्श प्रणाम 🙏
मन बहुत दुखित हुआ ये संवाद सुनकर.....लेकिन हुआ आनंदित भी ........जिस प्रकार से आप दोनों ने ये संवाद प्रस्तुत किया। बहुत बहुत धन्यवाद ऐसी रचना को भी।
जितनी अच्छी लिखावट थी उतनी ही अच्छी आप दोनों की प्रस्तुति ❤🎉
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मने सुना, कई बार सुना,
सुनकर मन हर्षाया,
देख के अनमोल वचन
मन का कवि बोल गया,
लिखूं मैं भी दो वचन
मन की भावना व्यक्त करूँ
आनंदित हूँ, मैं हर्ष में हूँ
लिखते हुए ये छंद।
jai hind
मुझे भी शब्दों को कविता का रूप देने मे सहयोग करे 😊
अद्भुत अद्वितीय अविस्मर्णीय।
आशुतोष जी अपनी वाणी और भाव से आपने सृजन जी के शब्दों को जीवन्त और अमर कर दिया। इस अलौकिक कृति की रचना हेतु आशुतोष जी, सतीश जी, वैष्णवी जी और सभी शेष कलाकारों को हमारा कोटि कोटि नमन और साधुवाद।🙏
आशुतोष सर....आपकी आवाज़ बहुत अच्छी है और जिस तरह से आप कविता सुनाते हैं...वो तो श्रेष्ठता से भरा हुआ है.... बहुत बहुत धन्यवाद सर हम नई पीढ़ी को आध्यात्मिक दुनिया से जोड़ने के लिए...लाख-लाख बार धन्यवाद .....
पावन अवधभूमि से आप दोनों को प्रणाम।
उम्दा लेखन और प्रस्तुति गजब है। ❤️
इतना अद्भुत संवाद क्या कहना दोनों ही क़िरदार लाजवाब ❤ लेखन का तो जवाब ही नहीं 🙏❤️
कविता के बीच में ही कमेंट करने से अपने आपको रोक नहीं पाया सर। अंततः आंसु भी आ ही गए।आपकी शैली ही ऐसी है कि रोएं खड़े हो जाते हैं सुनते सुनते। वैष्णवी दीदी ने भी अच्छी प्रस्तुति दी।बहुत बहुत धन्यवाद सर 🙏🙏
सतीश सृजन सर और उनकी सपुत्री वैष्णवी बहन की कौशल अद्भुत है..❤ आशुतोष राणा सर तो हैं ही अद्भुतम..❤
Love vaishnavi for her simplicity n beauty very gracefully love her.
आजकल के सोशल मीडिया और रिल के जमाने मे हम सब का जीवन धन्य कर दिया आशुतोष जी बार बार प्रणाम है आपकों।
श्री राम और भरत जैसे भाई की कहानी शायद कुछ लोगो को फिर से एक कर सके।❤❤❤
क्या कविता सूनाई है सर मेरी आंखे असुओ से भीग गई।वैष्णवी बहन् की भी क्या प्रस्तुति है। दोनो को बहुत बहुत प्रणाम।
rona aa gaya sunkar, pure time aankhen bhari rahi, itni vedna itna kashth.
adbhut likha hai sharma sir aapne !
Ashutosh, and Vaishnavi are wonderful. warm regards to Sh. Satish Ji.
सतीश srajan जी का जैसा नाम है वैसा ही काम है उन्होंने क्या srajan किया है भरत - सँवाद ❤❤❤❤ thanks❤ rana sir and maaam ❤❤❤
अद्भुत प्रस्तुति ऐसा सुंदर प्रस्तुति देख ऐसा लगा कैकेई और भरत संवाद का पूर्ण नाट्य मंचन देख रही हूं 🙏
बहुत बहुत शुभकामनाएं एवं बधाई बधाई आप दोनों को 💐💐👏👏🙏🙏
❤❤❤❤❤❤❤❤❤
😢😢 no words wonderful
Beautiful lovable koti
Koti namaskar
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प्रिय आशुतोष जी आपको कोटि कोटि मेरा नमन आप धर्म गद्दी पर बैठे धर्म के ठेकेदारों से कई लाख गुना अच्छा कार्य धर्म के लिए कर रहे हैं आप जैसे मर्यादा पुरूषोतम व्यक्तित्वों को मैं बारम्बार नमन करता हूं
I'm watching this for the first time, and I'm amazed by this girl's incredible recitation skills!💫
Watch her poetry on draupadi ... name- कुपित याज्ञसेनी
जय श्री राम आपके इस कविता को सुनकर आंखे नम हो गईं, इसके प्रशंसा के लिए कोई शब्द नहीं हैं
Me too❤❤❤
आप दोनों ही लोगों की काव्य पाठ की भाव भंगिमा अद्भुत है ...जहां आशुतोष जी बहुमुखी प्रतिभा संपन्न अभिनेता है ...वहीं हमारी बहन वैष्णवी जी की काव्य शैली सराहनीय है ...आप पर माँ सरस्वती की कृपा हमेशा बनी रहे
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भावुक कर दिया कैकई और भरत का संबाद, कोई शब्द नही हैं मेरे पास इस प्रस्तुति की प्रसंसा करने हेतु,कैकई भरत संबाद तो न जाने कितनी बार देखा और सुना पर आप जैसा नही ,आप दोनो की प्रस्तुति ने अंदर तक झकझोर के रख दिया, अद्भुत ।।🙏🏻🙏🏻
😢😢 shree Satish ji aur Aashutosh ji aur vaishnavi ji ko koti koti pranam
अद्वितीय प्रसंग ये दिल तक पहुंच गया और हमें इस प्रेम गाथा से विभोर कर दिया
अदभुत प्रस्तुति आप दोनों की! ऐसा लगा मानो मेरे आंखों के सामने भरत और कैकई खड़े हो! 👏👏
सतीश सृजन जी को कोटि कोटि प्रणाम
आशुतोष जी और वैष्णवी जी को भी मेरा प्रणाम
आपने इस संवाद से कलयुग मे त्रेतायुग का जीवंत परिचय कराया
💐💐जय श्री राम💐💐
Literally, every line could be felt in the whole Kavya…..the way it is expressed…..felt like everything was happening in front of eyes ……far better than any show ……….hats off to Ashutosh Rana ji.
Nishabd kar diya hamen hamesha ki tarah.....Satish Srujan,Ashutoshji aur Vaishnavi ko koti-koti naman 🙏👍👏👏👏👏👏👌
अदभुत , अतुलनीय, अद्वितीय 🚩🙏
जय सियाराम
Bahut hi sunder ❤aaj tak itni achi kavita nahi lagi koi👌
❤ आप दोनों की प्रस्तुति सर्वोतम है। 🙏🙏
वैष्णवी जी प्रशंसा की अधिकारी है, जिन्होंने आपके समक्ष इतनी अच्छी और सहज प्रस्तुति दी है। आपका सानिध्य शायद इतना सहज बना दिया है उनको। और इस प्रस्तुति ने इस लेखनी को जीवंत बना दिया है।
क्या संवाद लिखा है वाह..🙏अतिविशिष्ट!!!🔥🔥
जितनी सुन्दर रचना (सतीश सृजन जी की कलम से 🙏) उतना ही अप्रतिम आप दोनों(आशुतोष दादा एवं वैष्णवी जी )का अभिनयपूर्ण संवाद🔥🔥♥️🙏🔥
जय श्री राम🙏🙏
अति सुन्दर संवाद है, भरत जी और माता कैकेई के संवाद को जीवंत कर दिया आशुतोष जी वैष्णवी जी ने, सादर नमन है आप दोनों को ❤❤❤❤❤
जितनी सुंदर रचना, उतनी ही सुंदर प्रस्तुति! धन्यवाद आप दोनों को!🙏🙏
Lahaja adbhud hai pyara hai.
Bhasha Pravaah bhi nyara hai.
Charano tk Pahuche salaam mera.
Prastuti ko koti Pranaam mera.
🤩🥰🥰🥰🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
आशुतोष राणा जी आप पर माँ शारदा सदैव आप पर कृपालु बनी रहेगी,ऐसा मेरा अटूट विश्वास है।
I cannot stop my tears.
Every word has so much emotions, descriptions 👏
Masterpiece ❤
आप दोनों महान विभूतियों को हृदय की गहराइयों से प्रणाम करता हूं। मन विभोर हो गया भाई भरत और माता केकई के इस प्रसंग को सुनकर 🙏
I am in absolute awe❤❤...its almost vusualized storytelling... Ashutosh & Vaishnavi ji ...a big fan...🙏🙏
आशुतोष जी ऐसा काव्य पाठ पहले ना सुना कभी, आपसे आग्रह ऐसे और वीडियो प्रेषित करें भविष्य में.
भरत का राज्यसभा की मंत्रणा,केवट संवाद, भरत मिलाप आदि भी सुनने को जी चाहता है। इतनी सुंदर प्रस्तुति। जैसे जी ललचा के छोङ दिया। मन मंत्र मुग्ध था और खतम हो गया।
अद्भुत! अद्भुत! साक्षात् भरत और कैकेयी होते, तो इससे अलग क्या होते?!
Waah kya baat hai! Ashutosh Rana sir aur Vaishnavi Ji screen share karte hue! ❤🎉
अद्भुत, अविश्वसनीय
,रचनाकार को और प्रस्तुतीकर्ताओं को बहुत बहुत बधाई
Vaishnavi ji and Rana ji your expressions of this duet have made alive of true picturisation of that time. I am unable to stop my writing for both of you. Charan sparsh to both.😮
अद्भुत अद्भुत
राणा जी को बहुत-बहुत साधुवाद एक ऐसा ही संवाद भरत जी और राम जी के मिलन का हो जाए।
कोटि-कोटि साधुवाद 🙏 जय जय सियाराम
आशुतोष राणा जी एवं वैष्णवी शर्मा जी की संवाद अदायगी अभूतपूर्व है। सृजन जी की रचना की जितनी प्रसंशा की जाए कम है।❤😂❤