मैं अभी बंगाल में जॉब कर रहा हूं, यहां के लोग उत्तराखंड के लोगों को बडे समान से देखते है, वो कहते है आप देवभूमि के आदमी हो, मेने देखा है कि बाहर के लोगों का नजरिया हमारे प्रति, ईमानदारी, साहसी, भरोसेमंद, सादगी वाला है, जो कि हमारे लिए गर्व कि बात है. और हमे इसे हमेशा बनाये रखना चाहिए.
पर भाई यात्रा सीजन मे रु 20 की पानी की बोतल रु 70 मे बेचने से इमेज तो खराब हो रही है ,,,और ये लूट सिर्फ पानी की बोतल तक ही सीमित नहीं है ,,,दूध ,चाय, नाश्ता,खाना होटल के कमरों पर भी पूरी तरह से लागू होती है ,,,तीर्थ यात्रियों की जेबों पर डाका भी इसी देव भूमि मे डाला जा रहा है ,,,हम लोग ऐसे नहीं थे ,,व्यवसायिकता ने इंसानियत को मार दिया है ,,,ये कड़वा है पर सच है,,,
हमारी उत्पत्ति का स्रोत चाहे जो भी रहा हो.. लेकिन मुझे गर्व है कि मैंने mahan Bharat Desh ke ek Pavitra राज्य वीरों की भूमि देव भूमि उत्तराखंड में जन्म लिया है... अब समय आ गया है कि हम बिना किसी भेदभाव और व्यक्तिगत स्वार्थों से परे अपनी जन्मभूमि को विकास के पथ पर अग्रसर बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें... 🇮🇳🇮🇳जय हिंद जय उत्तराखंड 🇮🇳🇮🇳
में देव भूमि उत्तराखण्ड से में हूं और में जनता हु की यह कुछ बाहर से जरूर आए है पर वो भी अति प्राचीन लोग है में शुद्र दलित हूं बाकी देश में हमको पूजा सही करने नही देते पर अपने देव भूमि मे सबसे ज्यादा जागर और यज्ञ पंडिताई करते है और अपने राजो को हमने साथ दिया है कत्यूर वंश से लेकर राजुली मालूशाही और आरोहित की गाथा हमारा इतिहास है। बस जातिभेदभाव खत्म करो भाईयो जात से नफरत नही बस भेद भाव से मन दुखता है
भाई आपने अपने को शुद्र, दलित शब्द का इस्तमाल क्यों कहा, हम ये शब्द का इस्तमाल जानते ही नहीं गावों में। ये तो राजनीतिक शब्द है। हमारे घरों में तो जिनको हरिजन बोलने लगे है अब , उनको भी मामा , चाचा शब्दो से संभोदन करते है। सिर्फ खाना और शादी बया नही होता। ये मैंने खुद देखा है।
उत्तराखंड में शूद्र या दलित शब्द कभी नहीं सुना । शिल्पकार बोला जाता था जिससे एक जाति विशेष का हुनरमंद होना सिद्ध होता है। पहाड़ के घरों के नक्काशीदार दरवाजे शिल्पकारों के कुशलतम शिल्प के नमूने हैं।
अधिकतर चैनल और पहाड़ी इतिहासकारों का पसंदीदा विषय 'जातिवादी श्रेष्ठता' होता है। ऐसे विषयों से परहेज करें जिससे एक वर्ग खुद को ऊंचा व दूसरा अपने को कमतर समझे।
भारतीय नेता और नेपॉलक़े नेता देब भूमि नेपॉल हिन्दू रास्ट्र क़े लिय ग़द्दार हैं, यदि बिश्वो युद्ध हूवातो मात्र दूनिया क़ा सब्से उच्चा हिमालय बचेगा क्यूँकि वाहापर माहादेब स्वोयम रहते हैं, बहादुर शाहक़े देश नेपॉल क़े कश्मीर, हिमांचल, उत्तराखंड, कमाऊ गढ़वाल, पोख़रा, काठमाण्डू, दार्जीलिंग सिक्किम आशाम और अरुणाचल प्रदेश ग्रेटर नेपॉल बचेगा, ए सब में नहीं कहराहाहु, जसरी नेपालि भाषा लाईं यहाँ दबाइयक़ो छ यों सब कूकार्या ग़र्ने नेपॉल र भारतक़ा ग़द्दार नेता हरूँ हुँन साथी, नक़्सा ज़लेक़ो छैन ईतिहास मेटाउन भारत जहिले नेपॉलक़ो ग़द्दार हरुलाईं पैसा क़ो प्रलोभन देखाऊछ ईतिहास दबाऊँन क़ो लागी ईतिहास भारतीयक़ो विर्ता होईन, ग्रेटर नेपॉलक़ो नक़्सा बेलायत मा छ अहिले पनी, अब भग़्वान आफैलें फ़ैसला गर्देछन चाइनीज़, जापनिज, अंग्रेज़ अमेरिकन, ऑस्ट्रीयन र यसियाँन वैज्ञानिक हरु लें दाबीं गरिसकेक़ा छन, भूकम्प क़ो माध्यम कश्मीर देखीं, अरुनांचल सम्म हिमालाय अलग़ हूँदैछ, हिमालय देब भूमि नेपॉल l ❤🕉🕉🚩🚩🇳🇵🫶
उत्तराखंड में भेदभाव नहीं होना चाहिये, में UP में जॉब करता हूं यहां जिस प्रकार का भेदभाव होता है बहुत बुरा लगता है, मुझे गर्व है अपने पहाड़ी होने पर जो हमारे यहां इतना नहीं होता
जाती वाद हमलोग नही करते है हमारे तो औफिस मै सब जाती के है सब साथ मै खाते है ये जो आरक्षण है ना ये हट जाय तो सब की मानसिकता ठीक हो जायेगी इसी से जाती वाद हो रहा है बड़े बुजूर्ग लोग करते है उसमै उनकी गलती नही है उनहोने शुरु से ही ऐसा माहौल देखा है ना तब आज की पीडी 100 मै 5 लोग होंगे जो करते होंगे वरना कोई नही करता है सारी फसाद की जड आरक्षण ही है बहन
इतिहास जानना और समझना बहुत अच्छी बात है, हमने 52 गढ़ के बारे में भी पढ़ा हर गांव में सभी जातियां रहती थी सब का कार्य अपने अपने स्तर का होता था सुनार,दर्जी ,मिस्त्री,लोहार,पुजारी,फूलारी,कई तरह के कार्यों में लोग बंटे थे । किन्तु अब सबकुछ बदल गया है बाल बनाने के लिए मुसलमान बुचड मुसलमान दर्जी मुसलमान मिस्त्री मुसलमान लोहार मुसलमान केवल पंडित मुसलमान बनने शेष रह गये हैं ये सब तब है जब हम कार्य को छोटा समझने लगगये हैं, जब कि मुसलमान सबकुछ करने में झिझक महसूस नहीं करते, इसलिए हमें फिर से समाज में नई क्रान्ति लाने की जरूरत है।
बस आपने सही बात कही पता नही क्यों जातियों में बंट रहे है ।सब काम मुसलमान कर रहे हैं क्यों कि उनको उत्तराखंड में घुसना है फिर देखो आप सब क्या होगा आगे जाकर । इतना ही कहना चाहती हूं जयश्रीकृष्ण हरहरमहादेव जयसियाराम
ये आपका कार्य बहुत सराहनीय क्योंकि डा कठोच जी की पुस्तकों से अनेकों पी एच डी हुई और काफी उम्र दराज है और उत्तराखंड में एकमात्र शख्स जो पुरानी लिपि को पढ सकते हैं ❤
मुस्लिम गांवों तक पहुंच चुके हैं देवभूमि उत्तराखंड में ये मुस्लिम कहाँ से आ रहे हैं ईन्हे केसे रोका जाय ईस पे चर्चा करो नहीं तो एक दिन कश्मीरी पंडितों की तरह भागना पडेगा सतर्क रहो अलर्ट रहो सुरक्षित रहो जय देवभूमि उत्तराखंड 🔱🕉️🚩
कहीं से भी आ रहे हों इन्हें वहाँ बसा कौन रहा है अपनी जमीनें कौन दे रहा है ये ज्यादा महत्वपूर्ण है और इसके लिए प्रधान की भूमिका और जवाबदेही तय की जानी चाहिए कि मुसलमानों को जमीनें बिल्कुल ना दी जायें !
जय मूलनिवासी, आज यशवंत कटोच ने जिस प्रकार की टिपणी की वो मेरे लिए और समाज और मेरे पूर्वजों को न्याय दिलाने वाली बात सी है, क्यूं की हिंदू जातिवादी समाज में मेरे पूर्वजों के संघर्ष को परिभाषित किया को ये देवभूमि उत्तराखंड का आदिनिवासी करार दिया है,
पहाड़ के 90% लोग जो रिव्निया मे आ गये यही बस गये वापस जाना नही चाहते पहाड़ के गॉव घर वीरान पड़ चुके हैं रोहैग्यां कब्जा कर रहे हैं हम लोगो को अपनी मात्रभूमि का तिरस्कार नही करना चाहिये था हम उत्तराखण्डी बाद मे पश्चछतायेगें
गढ़वाली व कुमाउं के लोग उत्तराखंड में कहां से आए और इनकी जाती पर बहस अभी तक चली आ रही है। अब बहस होनी भी चाहिए क्योंकि सरकार ने उत्तराखंड के लोगों का मूल निवास 1950 को खत्म जो कर दिया है ।
डोटी, गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्र मे कत्यूरी साम्राज्य की समय इ.पु 2500 से इ.स 700 तक ही मानते हैं । कत्यूरी साम्राज्य की समय मे साैन, सामन्त फिउडल किंग से जाना जाता थे । कत्यूरी जाे सख कहलाते थे है ।
देव भूमि के लोगो को देवी देवता का समान और अपने धर्म और पहाड़ी परम्परा को हमने आगे बढ़ाना है। अपन कुमाऊं गढ़वाली सवर्ग हबेर सुंदर छू और देव पुजुः पहाड़ हे वापस उन पडल । जय मसान देवता जय मईया गढ़देवी 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
प्रश्न के लिए धन्यवाद। मुल:त मै एक पहाडी खस समुदाय परिवार से ताल्लुक रखता हु।ईतिहास कि बाते माने तो,छैटवा सताब्दीमे कुछ खस कुमाउ से पुर्व उत्तर काली नदि पार नेपाल कि कर्णाली प्रदेश होकर मानसरोबर तक पहुच गए थे।१२ वि सताब्दीमे कर्णाली प्रदेश तक सिमित रहा हम खसके राज्य। मेरे परिवार और कहि खस समुदायको १२ वि सताब्दी के वाद क्षत्री जातिमे पहचान दिए है।
@@jaimahakaljainepal9391what is greater Nepal answer ? Himachal and Kashmir there are different thre have 6 feet height Himachal people tall people khali bhi Himachal se h 😂😂😂 harme Himachal ma Nepali reascim kaliya bolte h😂
मैं राजस्थान मे भारतीय पुरातत्व विभाग मे नोकरी करता हूं। पहली बार एहसास हुआ कि हमारा देश जातिवाद मे कैसे बटा हुवा है। चुकी अपने यहां लगभग सबको समान दिया जाता है चाहे किसी भी जाति का हो यहां की अपेक्षा। यहां तो इस्थिति काफ़ी खराब है। जो की भाविष्य की दृष्टि से ठीक नही है और misinformation भी बहुत है यहां लोगों के पास। हर कोई अपनी जाति को बेहतर साबित करने मे लगा होता है। जब तक तार्किक सोच विकसित नहीं होगी तब तक ऐसा ही चलता रहेगा। आशा करता हूं की सब शिक्षित होकर भारतीयता को उपर रखेंगे।
मैं उत्तराखंड के गढ़वाल से हु .आज 2023 मैं भी छुवाछुत यहाँ पर चरम सीमा पर हैं।यहाँ तक की आज भी यहाँ निम्न जाति के लोगों को कमरा तक नही मिलता और दुःखद आज भी यहाँ sc वालों को मंदिरों मैं आना वर्जित हैं।। दुःख होता हैं ये सब देख कर। यशवंत सिंह जी आप एक महान इतिहास कार है पर आपने आज तक इस सच्चाई को खुल कर सामने नहीं रखा दुःखद😢
हम सब देवभूमि से हैं, हमें अपने आप पर गर्व है। सवाल था यहां के लोग कहां से आये। निष्कर्ष निकला ज्यादतर सब यहीं से हैं। बिषलेषक महानुभावों का आदर है, मगर फैक्टस कम रहे। डिटेल में चर्चा की जरूरत महसूस हुई ज्ञान के लिए, भविष्य के लिए ❤। प्रणाम
शंकर वर्ण तो होना ही है, ना धर्म, ना कर्म, ना अर्थ, ना मुक्ति,ना धैर्य, ना सत्य, ना श्रद्धा, ना भक्ती, ना परमार्थ, केवल स्वार्थ,सब को सभी कुछ चाहिए,जो हो ही नहीं सकता,🙏
Uttarakhand was more progressive when it was part of UP,it suffered severely after separation due to politics,this fact is not to be resented but thought over,the purpose which was purported to the progress of the hilly region ,soon lost its direction and local politics soon took over, enlightened people of the region say, public is talking.
प्रणाम जी मैं योगाचार्य हूं पुणे में ( आत्मबोध पतंजलि वेलनेस पुणे ) जब भी लोग हमारे वेलनेस में आते हैं जैसे ही उनको पता चले की योगाचार्य उत्तराखण्ड से हैं वे बहुत ही खुश होते हैं ओर जब यह कहूं की मै केदारनाथ से हूं तो सब कहते है आपको बाबा केदारनाथ ने ही भेजा है हमारे लिए आप तो स्वर्ग से आय है
भाई लोगो इस संदर्भ में ऐसा मालूम होता है कि किसी को भी उत्तराखंड का इतिहास पता ही नहीं है। सब को पता है कि हम यदि ब्राह्मण है तो कैसे ब्राह्मण है यदि राजपूत हैं तो कैसे राजपूत हैं यदि हरिजन हैं तो कैसे हरिजन हैं। सवाल ए उठता है कि हम सभी उत्तराखंडी हैं और उत्तराखंड से प्यार है। हमारे पूर्वजों में जो जात पात का भेद भाव था वह हमारी नवीं पीढ़ी ने समाप्त कर दिया है। अब सब प्यार से रहते है और ए समझने में कामयाब हो गए हैं कि हम सब केवल उत्तराखंडी हिन्दू है।
We are himaylan, tribal basically just like islam born 1400 yrs ago make them itself supream we also tried our self great. We are Himalayan. My mother blood of Kshatriya Rajput girl you are but my innocent mother how can I say to her. Any way superiority is dead humanity and I'm santani who flow with way of life. Peace only❤
Interesting that still today we donot have an all acknowledged theory regarding the original inhabitants of the Central Himalaya, popularly known as Garhwal and Kumaon. Don't we still require carrying out Historical, Anthropological, Archialogical and Socio - Cultural - Educational investigations for establishing the almost full and final answer to this question ? It's interesting to listen to Dr. Katoch, Dr. Hatwal and Dr. Badoni.
1. " ARCHIALOGICAL" is WRONG ==> "ARCHAEOLOGICAL " 2. Please never use "NEGATIVE" words as you have done here - ". . Don't we still require carrying out ......"" ? Can you please re-write it by making it a positive sentence ...
❤ uttarakhand ke log chahe kisi jati ke ho bas mujhe unke liye dil se samman feel hota hai 👌❤️ vo kumauni ho ya gadwali sbhi meri najar me sammanniye hai 🙏🏻🙏🏻🙏🏻jiyo pahaad jiyo pahadi 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻✌️✌️✌️✌️✌️✌️✌️✌️✌️👏👏👏👏🙌🙌🙌🙌🙌🙌🤲🤲🤲🙌🙌🙌🙌
जौनसारी लोग वास्तव मे गढ़वाली एवं कुमाउनी लोगो से शारीरिक संरचना मे बिल्कुल अलग दिखाई देते हैँ,,, डा कटोच सही हैँ कि जातियों का सम्मिश्रण जौनसारियों मे नहीं हुआ जबकि ये पूरा क्षेत्र खस लोगों का है,,,
Haan bhai even uttarakashi mai purity dikh jayegi and upper tehri mai bhi . Pauri side mongoloids+ khas mix hai jayda with some plain migrants. Kumaun mai mongoloids mixture with khas jayda hai
Uttarakhand is a diverse state with all kinds of features, size, color and shape. Khass wala angle h Uttarakhand m pehele se but u can identify them gotr puch k. Uttarakhand is a place where people used to live from before and came from another region of India jaise Rajasthan, Gujrat, Maharashtra, majorly. This is what I had heard from our old grand dads.
@businessman4473 bhai uttrakhand state ki history koi stable history nhi h Himalayan range m kbhi na kbhi kahi na kahi kisi na kisi ka prabhav rha hi hoga chahe wo Ashok k smy ya chandragupt maury k smy ho pure india m esa hi h ye sikke shilalekh milna hint hota h pkka saboot nhi hota. Aur bhai esa kuch ni h Rajasthan wale nomads bnke ghum rhe thae 500 bc m waha jiwan pehelae h kafi. Pure Rajasthan registan m ni h.
exactly brother thats what i believe even the the rajputs of rajasthan uttar pradesh bihar look very different from phadi people we are more fairer taller have sharp facia;l features like central asians hume pahadi nasal hone par hi proud hona chahiye@businessman4473
@businessman4473ek baat btau jra dimaag lgaa ke sochna abhi bs garhwal vale ke baare me kehra hu 822 isvi me jb panwae, pramar vansh ka ek bnda jiska naam kanak pal tha jo dhar malva shetra ka tha ab ye mt keh dena ye bhi jhutt😂😂 h kuki ye historical fact h jb vo chandkot gadhi ka raja bna tha tb tum ye socho vo time aaj se 1300 sall purana tha ye socho vo apne saath kitne sainik kitne log laya hoga bhai vo to dusri jgh ka tha saath me tp logo ko layega hi ab ye dimaag lgao us time period se lekr 1800 tk kitne aaye hoge bully krne se kuch nhi hota bhai ab tumhe do example deta hu mai tehri ke narendra nagar ki kwili patti se hu hmare sirf hmare hmare mai baki uttarakhand ke chauhano ki bat jhi krra bs jo mere vansh ke the hmare aaj ki time me 12 gaon ho gye or sirf hm 12 gaon ke chauhano ko dugukotti ka chauhan kehte h kuki 12 me se ek gaon ka nam dugukotti tha vhi se hm sb nikle the or dysra tumne rudraprayag ki side raithal homestay suna hoga vha pele rana parivar rhaa krta tha jinki jansnkhya bdte bdte aaaj vo khi or bs gye ese hi hm sbki jnsnkhya bdi thi yaadash ke liye tum logo ko yaddila du ki shayd sbko pta hoga pele kitne kitne bche hote the so think is point me bhi i hope maine logical bat khi
धर्म के ठेकेदारों को उत्तराखंड गढ़वाली समाज को बदनाम नहीं करना चाहिए ये कहानी किस्से सुना के कुछ नहीं देवभूमि है देवभूमि जिसने जन्म लिया वही गढ़वाली कहालया❤❤❤
जय देवभूमि उत्तराखंड बहुत ही इन्तेजार करवाया सर् जी आपने तो वीडियो लाने में नई सीरीज अगली सीरीज कब तक आने वाली है। केदारनाथ जी की कपाट ओपनिंग की कवरेज देखना को मिलेगी अब तो उसके बाद ही कोई सीरीज आएगी शायद जय नंदा जय हिमाल जय देवभूमि उत्तराखंड जय श्री बद्री केदार ।
कोई किस का घर नही चला रहा सब अपना घर का लालन पालन खुद काम कर के कर रहे हैं कोई किसी को नहीं पाल रहा चाहे वो किस वि जाति का हो पहली बात तो ये की जात पात कुछ होती ही नहीं है ना होनी चाहिए 👍
जय नमो भगवते वासुदेवाय अगले जन्म में फिर से देवभूमि में ही जन्म देना क्योंकि जो मान सम्मान उत्तराखंड वालो को पूरी दुनिया में मिलता है वैसा किसी और प्रदेश वालो को नही मिलता। थोड़ा भेद भाव होता है सुनता हूं कई गांव में मगर जो आर्थिक रूप से मजबूत है उनके साथ नही होता मगर ऐसा होना ही नही चाहिये बिना दलित के अखंड भारत का निर्माण नही हो सकता हमारा मुख्य रूप ध्यान यहां मुस्लिम अतिक्रमण पर होना चाहिए। 🙏🙏🙏
अक्सर देखा गया है कि आज कल कुछ उत्तराखंडी भाई हिंदू मुसलमान की घृणित मानसिकता को जन्म दे रहे हैं जो हमारे शांत प्रिय, ईमानदार उत्तराखड के हित में नहीं है हम अधिकतर यूके से बाहर पलायन किए हुए हैं यदि हमारे साथ कोई असमानता वाली बात अन्य राज्यों, महानगरो में हो जाती है तो कौन जिम्मेदार होगा?
मान्यवर इतिहास कारों ने रावत पदवी योधाओं द्वारा राजस्थान के विभिन्न युद्धों में मुगलों को हराने पर या इस तरह कहिए की युद्ध में अद्भुत रण कौशल दिखाकर जीतने पर रावत की उपाधि दी गई।
Late Dr Shiv Prasad डबराल Khas are the original ऑफ उत्तराखंड। सीढ़ी नुमा खेती बनाने वाले खस ही है। पशुपालन उनका मुख्य भूमिका। टेहरी रियासत बंदोबस्त में भी खस का उल्लेख है। मध्य हिमालय पर्वत के मूल निवासी खस ही थे।
Koi bhi log kahi se nahi Aata hai angrej bharat Aaya tha to kya hua fir bhi Aakhir mein usko birtain jana pada kyuki who log wahi ke hi Rane wale the isliye uttrakhand ke log kahi se nahi Aaya ye log uttrakhand ke hi hai Jada kya bolu
I hate those people who look down on the people of Uttarakhand in the name of caste and this happens in every village of Uttarakhand. All humans are equal but this still happens in Uttarakhand. I Proud to Be Indian Proud be Sanatani ❤️ Proud Be born Devbhoomi uttrakhand 🙏Radhe Radhe ❤️
I am from Uttarakhand, I support your statement. No discrimination on basis of Caste. We all are Hindus from Devbhoomi. I am worried about outsiders encroachment from Nehibouring state and borders. Especially Muslims and Rohingya Muslims, Bangladeshi Muslims etc. Crime rate also going High due to these influx. Radhe Radhe ❤❤❤❤❤
Uttarakhand always was a khas land Khas people historically lives From gandaki to kedarnath & there is a clear archeological & literature record from around almost 600 BCE & is very similar culture traditions & face's in that region
ब्रिटिश काल में 1930 तक की उत्तराखंड की जनगणना में खस राजपूत और राजपूत अलग रूप से अपनी पहचान बताया करते थे, परन्तु उत्तराध के वर्षो में सब राजपूत अपने को राजपूतना से जोड़ लेते हैं, वैसे देखा जाये तो खस राजपूत यही के मूल निवासी हैं, जिनका राजपूतीकरण किया गया.
Right. Now allmost everyon have discarded their khas indentity an everyone is a rajput . king of Nepal who sent is minister to sisodias of mewar claiming to br from royal sisodia clan but was not taken seriously by sisodias
Me 13 saal Uttarakhand mein rha. Wha par koi jaativaad nhi dekha. Uttarakhand ke log achche hote he, deshbhakt hote he. Siyasat ke vajah se vaha jat-pat phelaya jaa rha he ye me mehsoos kia. South rajyo ka jati bhedbhav bhyankar he. Aarya bahar se nhi aye the ... aarya -dravid sab jhoot he
@@BALBIRSINGH-ne2ip samajhne ke lye history ka knowledge ki jaroorat nhi. Ye saf saf dikhta he. Bharateeyon mein bhedbhav peda karne ke lye aarya - dravid jesa jhoot peda hua he
हिमाचल, उत्तराखंड, नेपाल, सिक्किम-दार्जिलिंग और पूर्वोत्तर राज्य इन सभी क्षेत्रों के लोग एक जैसे दिखते हैं तथापि पूर्वोत्तर राज्य, सिक्किम-दार्जिलिंग और पूर्वी नेपाल के लोगों के पूर्वज तिबेटो-बर्मिज हैं जबकि पश्चिम नेपाल, उत्तराखंड और हिमाचल के लोगों के पूर्वज खसों को माना जाता है। खस लोग central Asia से आए हुए लोग माने जाते हैं इसलिए कजाकिस्तान, उज़्बेकिस्तान, किर्गिस्तान जैसे दिखते हैं इस क्षेत्र के लोग किंतु उत्तराखंड के लोगों का कहना है की उनके पूर्वज राजस्थान से आए थें पर राजस्थान के लोग उत्तराखंड या पश्चिम नेपाल के लोगों जैसे नहीं दिखते।
Aadarniya Kathouch saheb sadar pranam. Aaj aapko lagbhag 64-65 saal baad U tube par darshan huye aapki bani suni bahut hee khsushi hui. Aapko shyad yaad ho na ho main Madan Singh Gusain Village Sinwal patty Ghurdoursyun.Aap mere 7th-8th class mein Mason Gaon ki MIddle School mein Head Master Rahe hain. Aaj aap ki baani aur darshan U Tube ke dwara hui main dhanya hogaya. Aajkal main bahar hoon aakar aapko jaroor miloonga. Maine pata kiya to pata chala aap Pauri mein settled hain.
हमने भी अपने दादा परदादा से ये ह सूना है हम नेगी रावत चौहान राण और भी दो तीन जाती है राजपूतों की जो राजस्थान से आये है और राज के लिए लड़ते थे हथियार रखते थे हम और राजशाही जान के बाद हमलोग भारतीय सेना में रहे मेरे दादा फौज में हवलदार थे हमारा इतिहास उत्तराखंड से लेकर राजस्थान में लिखित में है
Main himachal ka pahadi hun aur mujhe lagta hai ki hum log rajasthan se migrate hue hain aur rajasthan se pehle kahin aur se aaye the. Aryans keh sakte ho. Hamare yahan guga bhagwan ki puja hoti hai jinhe rajasthan ya haryana mein goga maharaj bhi kaha jata hai aur wo har jgh kisi na kisi roop mein puje jaate hain, migration belt keh lo, jaise Rajasthan, haryana, hote hue fir pahadon ki trf agr follow karein to. Pahadi by nature choti height ke hote hain, jaise pahadon ke mool maveshi bhi chote hote hain, kyun ki prakriti ne aisa banaya hai parantu voht se pahadi lambe lambe hote hain; wo mool niwasi nhi hain, wo rajasthani ya haryanviin ke jaise lambe hote hain, is se ye lagta hai mujhe ki hum wahin se migrated item hain....waise meri height kam hai😢 bhai log. Jai Himachal. Jai Uttarakhand. Jai pahadi devta.....
@@vaibhavthakur9234 nahi o mere bhau, pehle ka khana sbse jyada nutritious hota tha. Meri daadi wahi khana khakr 100 saal ji gyi kyunki koi maggi, chips, pizza nahi. Meri chachi abhi bhi active hai jo gaon mein rehti hai. Gaon ke jo purane lig hain aur gaon mein hi rahe hain, jo bahar nhi gye kbhi bhi wo sab healthy hain. Abhi to khair sab gand aa gya hai gaon mein bhi par pehle aisa nhi tha. Aapki baat sahi hai ki ab 5 feet parents ke bache bhi 6 feet tak ja rahe hain par wo genetic evolution ho raha hai. Agar original pahadi dekhoge, purane budhe raaste mein chalte hue, bhed bakariyan charaate hue, wo chote hi dikhenge height mein. Nature ne aisa hi banaya hai bhai mereya...
@@bipins7295 bhai sahi mai family genetics kaafi alag hai lagta hi nahi ki hum Uttarakhand se pahadi hai ...kyunki hum kaafi lambe chaude daadi mooch wale hain ....rang bhi kaafi kadak hai to isliye mujhe bhi aisa feel hota hai
@@pradyumanpandey2079 bhai aisa hi hai, prakriti ne aisa hi banaya hai aur prakriti ki banai hui har cheez perfect hai, kbhi galat nhi hoti. Asli pahadi nepali hain, gorkha, nagas, wagera sab chote hote hain height mein. Kyunki pahadon pr oxygen kam hota hai to shareer chota hota hai taki kam oxygen lage, lekin lungs bade hote hain jyada oxygen store krne ke liye jaise sukhe ilakon kam patte wale ped hote hain taaki kam paani lage. So prakriti perfect hai.
@@pradyumanpandey2079 bhai logon yesab galat hai ki uttarakhand ke genetics mai sirf chote log hote hai Jaake uttarakashi tehri and jaunsar mai dekho wahan ke log Kashmiri jaise dikhte and lambe bhi hote hai. Ensab mai khas genetics jayda hai compare kare toh and pauri chamoli ke side mongoloids+ khas ka mixture hai esliye choti height wale bhi hote hai. Chamoli mai toh jayda mongoloids type hai. Similar kumaun ka bhi hoga. Toh khas log Kashmiri Iranian type dikhte hai jo pure hote hai. Haan bahar sae aaye migrants ka bhi mixture hai ensab khas and mongoloids ( kirats) mai.
Aap ne sahi kaha, Uttarakhand ke logo ko imandaar, bharosemand, saadgi aur mann ke achhey aur sachhey logo mai maana jaata tha lekin mera ye maanana hai ki ab ye dharana hamare baarey mai jo thi wo dheere dheere khatam hotti jaa rahi hai..Uttarakhand ke adhiktar logo mai ab aapko saarey negative traits nazar aayenge khaaskar peechle 15-20 saalon se mene ye notice kiya aur especially young generation mai.
मैं अभी बंगाल में जॉब कर रहा हूं, यहां के लोग उत्तराखंड के लोगों को बडे समान से देखते है, वो कहते है आप देवभूमि के आदमी हो, मेने देखा है कि बाहर के लोगों का नजरिया हमारे प्रति, ईमानदारी, साहसी, भरोसेमंद, सादगी वाला है, जो कि हमारे लिए गर्व कि बात है. और हमे इसे हमेशा बनाये रखना चाहिए.
जब गाँव से दिल्ली की तरफ निकले तो कुछ ऐसा हुआ जो शहरों मैं नहीं होता, कोई नहीं करता
th-cam.com/video/8ljTDR7Mpus/w-d-xo.html
पर भाई यात्रा सीजन मे रु 20 की पानी की बोतल रु 70 मे बेचने से इमेज तो खराब हो रही है ,,,और ये लूट सिर्फ पानी की बोतल तक ही सीमित नहीं है ,,,दूध ,चाय, नाश्ता,खाना होटल के कमरों पर भी पूरी तरह से लागू होती है ,,,तीर्थ यात्रियों की जेबों पर डाका भी इसी देव भूमि मे डाला जा रहा है ,,,हम लोग ऐसे नहीं थे ,,व्यवसायिकता ने इंसानियत को मार दिया है ,,,ये कड़वा है पर सच है,,,
SO PROUD FEELING... 🙏🚩🕉️🔱
Bilkul aisa hai Bhai
Kai log to uttarakhand hi nhi jante bahar ke haridwar or kedarnath jante h bas
हमारी उत्पत्ति का स्रोत चाहे जो भी रहा हो.. लेकिन मुझे गर्व है कि मैंने mahan Bharat Desh ke ek Pavitra राज्य वीरों की भूमि देव भूमि उत्तराखंड में जन्म लिया है... अब समय आ गया है कि हम बिना किसी भेदभाव और व्यक्तिगत स्वार्थों से परे अपनी जन्मभूमि को विकास के पथ पर अग्रसर बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें...
🇮🇳🇮🇳जय हिंद जय उत्तराखंड 🇮🇳🇮🇳
Mujhe Bhi bhartiya hone ka Garv hai,Main Jharkhand se hu,Aur Main Har State ko Respect se dekhti hu
Jai Hind
अंग्रेज के इन्ड्या आने से पहले से लेकर 1850 तक का ईतिहास पढना। पहले क्या था।
Mere khyal se uttrakhand jese h acha h vikash na hi ho to santi bni rhegi
Mere khyal se uttrakhand jese h acha h vikash na hi ho to santi bni rhegi
में देव भूमि उत्तराखण्ड से में हूं और में जनता हु की यह कुछ बाहर से जरूर आए है पर वो भी अति प्राचीन लोग है में शुद्र दलित हूं बाकी देश में हमको पूजा सही करने नही देते पर अपने देव भूमि मे सबसे ज्यादा जागर और यज्ञ पंडिताई करते है और अपने राजो को हमने साथ दिया है कत्यूर वंश से लेकर राजुली मालूशाही और आरोहित की गाथा हमारा इतिहास है। बस जातिभेदभाव खत्म करो भाईयो जात से नफरत नही बस भेद भाव से मन दुखता है
दीपक जी कोई कत्यूरी जागर वाला हैं तो no send करना
भाई आपने अपने को शुद्र, दलित शब्द का इस्तमाल क्यों कहा, हम ये शब्द का इस्तमाल जानते ही नहीं गावों में। ये तो राजनीतिक शब्द है। हमारे घरों में तो जिनको हरिजन बोलने लगे है अब , उनको भी मामा , चाचा शब्दो से संभोदन करते है। सिर्फ खाना और शादी बया नही होता। ये मैंने खुद देखा है।
उत्तराखंड में शूद्र या दलित शब्द कभी नहीं सुना । शिल्पकार बोला जाता था जिससे एक जाति विशेष का हुनरमंद होना सिद्ध होता है। पहाड़ के घरों के नक्काशीदार दरवाजे शिल्पकारों के कुशलतम शिल्प के नमूने हैं।
Uttrakhand ke purane log jada bhedbhao krte h
Absolutely right brother
अधिकतर चैनल और पहाड़ी इतिहासकारों का पसंदीदा विषय 'जातिवादी श्रेष्ठता' होता है। ऐसे विषयों से परहेज करें जिससे एक वर्ग खुद को ऊंचा व दूसरा अपने को कमतर समझे।
ir ab to 3 warg h grib samany amir h ya nhe aap btao
जाति से में सनातनी हिन्दू।।। मातृभूमि उत्तराखंड मेरे लिए बस इतना ही काफी है ❤ जय उत्तराखंड जय हिन्द 🇮🇳🚩✨🌿
Great
भारतीय नेता और नेपॉलक़े नेता देब भूमि नेपॉल हिन्दू रास्ट्र क़े लिय ग़द्दार हैं, यदि बिश्वो युद्ध हूवातो मात्र दूनिया क़ा सब्से उच्चा हिमालय बचेगा क्यूँकि वाहापर माहादेब स्वोयम रहते हैं, बहादुर शाहक़े देश नेपॉल क़े कश्मीर, हिमांचल, उत्तराखंड, कमाऊ गढ़वाल, पोख़रा, काठमाण्डू, दार्जीलिंग सिक्किम आशाम और अरुणाचल प्रदेश ग्रेटर नेपॉल बचेगा, ए सब में नहीं कहराहाहु,
जसरी नेपालि भाषा लाईं यहाँ दबाइयक़ो छ यों सब कूकार्या ग़र्ने नेपॉल र भारतक़ा ग़द्दार नेता हरूँ हुँन साथी, नक़्सा ज़लेक़ो छैन ईतिहास मेटाउन भारत जहिले नेपॉलक़ो ग़द्दार हरुलाईं पैसा क़ो प्रलोभन देखाऊछ ईतिहास दबाऊँन क़ो लागी ईतिहास भारतीयक़ो विर्ता होईन, ग्रेटर नेपॉलक़ो नक़्सा बेलायत मा छ अहिले पनी, अब भग़्वान आफैलें फ़ैसला गर्देछन चाइनीज़, जापनिज, अंग्रेज़ अमेरिकन, ऑस्ट्रीयन र यसियाँन वैज्ञानिक हरु लें दाबीं गरिसकेक़ा छन, भूकम्प क़ो माध्यम कश्मीर देखीं, अरुनांचल सम्म हिमालाय अलग़ हूँदैछ, हिमालय देब भूमि नेपॉल l ❤🕉🕉🚩🚩🇳🇵🫶
उत्तराखंड में भेदभाव नहीं होना चाहिये, में UP में जॉब करता हूं यहां जिस प्रकार का भेदभाव होता है बहुत बुरा लगता है, मुझे गर्व है अपने पहाड़ी होने पर जो हमारे यहां इतना नहीं होता
हमारे यहां जातिवाद बहुत ज्यादा है उत्तराखंड में
Reservation kyun letey ho general mein aao dumdon
जाती वाद हमलोग नही करते है हमारे तो औफिस मै सब जाती के है सब साथ मै खाते है ये जो आरक्षण है ना ये हट जाय तो सब की मानसिकता ठीक हो जायेगी इसी से जाती वाद हो रहा है बड़े बुजूर्ग लोग करते है उसमै उनकी गलती नही है उनहोने शुरु से ही ऐसा माहौल देखा है ना तब आज की पीडी 100 मै 5 लोग होंगे जो करते होंगे वरना कोई नही करता है सारी फसाद की जड आरक्षण ही है बहन
@@bhajansangrahgeetatewari2677 jaati khtm kr dijiye 😂😂isme to aapki saans fool jati
@@gauravrana5083 uk se bahar chali Jaa tab pata chalega jaatiwaad kise boltey hai...
इतिहास जानना और समझना बहुत अच्छी बात है, हमने 52 गढ़ के बारे में भी पढ़ा हर गांव में सभी जातियां रहती थी सब का कार्य अपने अपने स्तर का होता था सुनार,दर्जी ,मिस्त्री,लोहार,पुजारी,फूलारी,कई तरह के कार्यों में लोग बंटे थे । किन्तु अब सबकुछ बदल गया है बाल बनाने के लिए मुसलमान बुचड मुसलमान दर्जी मुसलमान मिस्त्री मुसलमान लोहार मुसलमान केवल पंडित मुसलमान बनने शेष रह गये हैं ये सब तब है जब हम कार्य को छोटा समझने लगगये हैं, जब कि मुसलमान सबकुछ करने में झिझक महसूस नहीं करते, इसलिए हमें फिर से समाज में नई क्रान्ति लाने की जरूरत है।
सही कहा आपने
बस आपने सही बात कही पता नही क्यों जातियों में बंट रहे है ।सब काम मुसलमान कर रहे हैं क्यों कि उनको उत्तराखंड में घुसना है फिर देखो आप सब क्या होगा आगे जाकर । इतना ही कहना चाहती हूं जयश्रीकृष्ण हरहरमहादेव जयसियाराम
Bilkul sahi kaha bhai ji aapne
सबसे बढिया और सच्ची बात कही आपने।🙏
very good prena to bhut ache dte ho jmene tor pr bhrman krke dekho tb pta chlega
ये आपका कार्य बहुत सराहनीय क्योंकि डा कठोच जी की पुस्तकों से अनेकों पी एच डी हुई और काफी उम्र दराज है और उत्तराखंड में एकमात्र शख्स जो पुरानी लिपि को पढ सकते हैं ❤
❤
Niskarsh kya nikla
Samajh me nahi aaya
Hm sb uttrakhand ke logon m bhut pyar h hm sb ak h ak rhenge.jai baba bhole nath🙏🙏🙏🙏
मुस्लिम गांवों तक पहुंच चुके हैं देवभूमि उत्तराखंड में ये मुस्लिम कहाँ से आ रहे हैं ईन्हे केसे रोका जाय ईस पे चर्चा करो नहीं तो एक दिन कश्मीरी पंडितों की तरह भागना पडेगा सतर्क रहो अलर्ट रहो सुरक्षित रहो
जय देवभूमि उत्तराखंड 🔱🕉️🚩
Shi kha
Esyliye bhookanun ki maang karo sir
Arab countries main 2 crore Hindu kaam kar rhe ha 😅
Bhai apko shayd gyat nhi h muslims aj se nhi h 700 salo se waha reh rahe h.
कहीं से भी आ रहे हों इन्हें वहाँ बसा कौन रहा है अपनी जमीनें कौन दे रहा है ये ज्यादा महत्वपूर्ण है और इसके लिए प्रधान की भूमिका और जवाबदेही तय की जानी चाहिए कि मुसलमानों को जमीनें बिल्कुल ना दी जायें !
जय मूलनिवासी, आज यशवंत कटोच ने जिस प्रकार की टिपणी की वो मेरे लिए और समाज और मेरे पूर्वजों को न्याय दिलाने वाली बात सी है, क्यूं की हिंदू जातिवादी समाज में मेरे पूर्वजों के संघर्ष को परिभाषित किया को ये देवभूमि उत्तराखंड का आदिनिवासी करार दिया है,
जाति के आधार पर भेदभाव नहीं होना चाहिए, सभी इंसान है
Acha tabi toh Muslim Raj ho Jana hai uttrakhand me jb aap log aise bologe
@@kukuloveanki_uk_12wale69 Bhai jara dhang se padh ,,,,Wo jati ki baat kar raha hai dharm ki nahi,,,
Jatia Aadhar per bhedbhav ka naam bahut galat h sab Insan ki Santan h
Jati k aadhar par bhai mandiron m bhedbhav hota h yr or badrinath m ek caste based genocide b ho chuka h
बिल्कुल सही कहा। जातिगत आरक्षण के आधार पर तथाकथित सवर्ण का शोषण बंद हो।
शायद मैं बहुत खुश नसीब हूँ कि मैने देवभूमि उत्तराखंड में जन्म लिया 🙏🙏🙏
पहाड़ के 90% लोग जो रिव्निया मे आ गये यही बस गये वापस जाना नही चाहते पहाड़ के गॉव घर वीरान पड़ चुके हैं रोहैग्यां कब्जा कर रहे हैं हम लोगो को अपनी मात्रभूमि का तिरस्कार नही करना चाहिये था हम उत्तराखण्डी बाद मे पश्चछतायेगें
Uttrakhand ke gaon jaise log baaki jagah nahi hain
बहुत अच्छी जानकारी धन्यवाद इतिहास को संजोना और जानना एक जीवंत और गतिमान समाज की निशानी है
पुरा एपिसोड देखने के बाद भी अभी तक पता नही चला की कुमौनी और गढ़वाली कहा से आये.
Shi baat😂
Me bhi yehi dekhne aya hu,forward karke bich tak pahuch gya ,fir apke comment par nazar padi , thanks ab me ja raha hu ..😊😊
गढ़वाली व कुमाउं के लोग उत्तराखंड में कहां से आए और इनकी जाती पर बहस अभी तक चली आ रही है। अब बहस होनी भी चाहिए क्योंकि सरकार ने उत्तराखंड के लोगों का मूल निवास 1950 को खत्म जो कर दिया है ।
डोटी, गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्र मे कत्यूरी साम्राज्य की समय इ.पु 2500 से इ.स 700 तक ही मानते हैं । कत्यूरी साम्राज्य की समय मे साैन, सामन्त फिउडल किंग से जाना जाता थे । कत्यूरी जाे सख कहलाते थे है ।
देव भूमि के लोगो को देवी देवता का समान और अपने धर्म और पहाड़ी परम्परा को हमने आगे बढ़ाना है। अपन कुमाऊं गढ़वाली सवर्ग हबेर सुंदर छू और देव पुजुः पहाड़ हे वापस उन पडल । जय मसान देवता जय मईया गढ़देवी 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Jai baba latkedar
जब गाँव से दिल्ली की तरफ निकले तो कुछ ऐसा हुआ जो शहरों मैं नहीं होता, कोई नहीं करता
th-cam.com/video/8ljTDR7Mpus/w-d-xo.html
Khas ka sahi shabd
Khas, vishes
उत्तराखंड की गढ़वाल पट्टी खाटली समाज को जानने के लिए चैनल को लाइक और सब्सक्राइब अवश्य कीजिए ।
youtube.com/@khatlivikasmandaldelhi?si=Gc3kE4CMv4XtMuW4
अपने उत्तराखंड के लोग बहुत परिश्रमी होती हैं। मददगार होते हैं।❤
Love from Nepal Proud to be Khas blood🙏
Please tell more about khud blood 🩸 if you would like to tell
प्रश्न के लिए धन्यवाद। मुल:त मै एक पहाडी खस समुदाय परिवार से ताल्लुक रखता हु।ईतिहास कि बाते माने तो,छैटवा सताब्दीमे कुछ खस कुमाउ से पुर्व उत्तर काली नदि पार नेपाल कि कर्णाली प्रदेश होकर मानसरोबर तक पहुच गए थे।१२ वि सताब्दीमे कर्णाली प्रदेश तक सिमित रहा हम खसके राज्य। मेरे परिवार और कहि खस समुदायको १२ वि सताब्दी के वाद क्षत्री जातिमे पहचान दिए है।
Greater Nepal 🇳🇵🔱
I'm also a proud Khasa.
@@jaimahakaljainepal9391what is greater Nepal answer ? Himachal and Kashmir there are different thre have 6 feet height Himachal people tall people khali bhi Himachal se h 😂😂😂 harme Himachal ma Nepali reascim kaliya bolte h😂
बहुत ही सुंदर जानकारी दी है उत्तराखंड से भेदभाव आप खत्म हो जाएगा सब की सोच सब की सोच अच्छी हो
मैं राजस्थान मे भारतीय पुरातत्व विभाग मे नोकरी करता हूं। पहली बार एहसास हुआ कि हमारा देश जातिवाद मे कैसे बटा हुवा है। चुकी अपने यहां लगभग सबको समान दिया जाता है चाहे किसी भी जाति का हो यहां की अपेक्षा। यहां तो इस्थिति काफ़ी खराब है। जो की भाविष्य की दृष्टि से ठीक नही है और misinformation भी बहुत है यहां लोगों के पास। हर कोई अपनी जाति को बेहतर साबित करने मे लगा होता है। जब तक तार्किक सोच विकसित नहीं होगी तब तक ऐसा ही चलता रहेगा। आशा करता हूं की सब शिक्षित होकर भारतीयता को उपर रखेंगे।
मैं उत्तराखंड के गढ़वाल से हु .आज 2023 मैं भी छुवाछुत यहाँ पर चरम सीमा पर हैं।यहाँ तक की आज भी यहाँ निम्न जाति के लोगों को कमरा तक नही मिलता
और दुःखद आज भी यहाँ sc वालों को मंदिरों मैं आना वर्जित हैं।।
दुःख होता हैं ये सब देख कर।
यशवंत सिंह जी आप एक महान इतिहास कार है पर आपने आज तक इस सच्चाई को खुल कर सामने नहीं रखा दुःखद😢
Garhwal mai wastav mai abhi bahut chuachut hai.
me khas empire prichin nepal se hu bhumi putra hamara khas empira dekhana ho ga sar
time aya he hamara kalchar khatam hudai xa sar
Humare yaha to itni chuachut nhi h. Kumaon me Aisa nhi h sabko samman milta h mandir b jate h sab
Kya sach mein aisa h ? Mujhse to aajtaik Kisi ne caste ni poochhi Kisi bhi Mandir m ? Kumao mein aisa aksar HOTA h lekin garhwal m bhi ye hone laga ?
सुंदर अति सुन्दर प्रस्तुति उत्तराखंड के इतिहास के बारे में सब की अलग अलग राय रही है और ये रहेगी लेकिन संदीप अपने दिखाया सुंदर है
Proud to be uttrakhandi❤
बहुत बढ़िया जानकारी। I really enjoyed watching. 👍👌🙏
हम सब देवभूमि से हैं, हमें अपने आप पर गर्व है। सवाल था यहां के लोग कहां से आये। निष्कर्ष निकला ज्यादतर सब यहीं से हैं। बिषलेषक महानुभावों का आदर है, मगर फैक्टस कम रहे। डिटेल में चर्चा की जरूरत महसूस हुई ज्ञान के लिए, भविष्य के लिए ❤। प्रणाम
Obs,sc,st yha ke mool nivasi hai
Baki sab videshi hain...
@@arnavsingh2080tatti saaf kar bhimte 🤮
@@arnavsingh2080 tu toh pahadi bhi nhi hain bhimte 💩
Aur singh surname kyun laga rakha hain chamaar
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हमें अपने उत्तराखंड पर गर्व है।
Good
शंकर वर्ण तो होना ही है, ना धर्म, ना कर्म, ना अर्थ, ना मुक्ति,ना धैर्य, ना सत्य, ना श्रद्धा, ना भक्ती, ना परमार्थ, केवल स्वार्थ,सब को सभी कुछ चाहिए,जो हो ही नहीं सकता,🙏
Varna sankarta aajkal development ka pryavachi ho gya hai bhai ji
I am proud to Santani Hindu and Utrakhand my matrubhoomi love you 💕 Uttrakhand love you Hindu dharam
Uttarakhand was more progressive when it was part of UP,it suffered severely after separation due to politics,this fact is not to be resented but thought over,the purpose which was purported to the progress of the hilly region ,soon lost its direction and local politics soon took over, enlightened people of the region say, public is talking.
प्रणाम जी मैं योगाचार्य हूं पुणे में
( आत्मबोध पतंजलि वेलनेस पुणे ) जब भी लोग हमारे वेलनेस में आते हैं जैसे ही उनको पता चले की योगाचार्य उत्तराखण्ड से हैं वे बहुत ही खुश होते हैं
ओर जब यह कहूं की मै केदारनाथ से हूं तो सब कहते है आपको बाबा केदारनाथ ने ही भेजा है हमारे लिए
आप तो स्वर्ग से आय है
I am proud to be an Indian as uttrakhandi
भाई लोगो इस संदर्भ में ऐसा मालूम होता है कि किसी को भी उत्तराखंड का इतिहास पता ही नहीं है। सब को पता है कि हम यदि ब्राह्मण है तो कैसे ब्राह्मण है यदि राजपूत हैं तो कैसे राजपूत हैं यदि हरिजन हैं तो कैसे हरिजन हैं। सवाल ए उठता है कि हम सभी उत्तराखंडी हैं और उत्तराखंड से प्यार है। हमारे पूर्वजों में जो जात पात का भेद भाव था वह हमारी नवीं पीढ़ी ने समाप्त कर दिया है। अब सब प्यार से रहते है और ए समझने में कामयाब हो गए हैं कि हम सब केवल उत्तराखंडी हिन्दू है।
Sahi kaha Uttarakhandi ch apdi pehchan pahadi cha hum jai Himalayas
bhai ji koe sman nhe h grib samany amir y jati kha gye en koto aap bhul gye
We are himaylan, tribal basically just like islam born 1400 yrs ago make them itself supream we also tried our self great. We are Himalayan. My mother blood of Kshatriya Rajput girl you are but my innocent mother how can I say to her. Any way superiority is dead humanity and I'm santani who flow with way of life.
Peace only❤
@@deekshabisht3279 arey khna kya chahte ho
Kewal 25 saal mey apne ko Uttrakhandi kahne lagey, tou socho, jo log apne ko mool niwasi kah rahe unhone apney History key sath kitna corruption kiya hoga ?
Interesting that still today we donot have an all acknowledged theory regarding the original inhabitants of the Central Himalaya, popularly known as Garhwal and Kumaon.
Don't we still require carrying out Historical, Anthropological, Archialogical and Socio - Cultural - Educational investigations for establishing the almost full and final answer to this question ?
It's interesting to listen to Dr. Katoch, Dr. Hatwal and Dr. Badoni.
1. " ARCHIALOGICAL" is WRONG ==> "ARCHAEOLOGICAL "
2. Please never use "NEGATIVE" words as you have done here - ". . Don't we still require carrying out ......""
? Can you please re-write it by making it a positive sentence ...
Sir maine ye bhi suna h ki yaha Rajasthan me jab yudh hote the to bahut pariwar yaha bas gaye
Bahut hi badiya vyakhaan kiya Badoni ji ne
बहुत सुंदर ज्ञानवर्धन बाते जानने को मिली, वैसे भी आपके rural tale का शुरु से viewar हूं
आर्य भारत के ही मूल निवासी थे आर्य न ही कोई स्थानवाचक शब्द हैं ना ही कोई जाति वाचक शब्द हैं आर्य एक सम्मानवचक शब्द हैं जिसका मतलब होता हैं श्रेष्ट
सत्य कहा आपने
विशेषण बोल दे ना
Is buddhe ko kuch pata nhi angrejo ka itihas padh ke bol rha kuch bhi😂
हमें गर्व है हम देवभूमि उत्तराखंड। सब एक हैं जय जय हिंद जय
Ye log Arya ko humanity race sabit krna chahte he jo jhoot he
बहुत सुन्दर जानकारी है नयी पीढ़ी के लिए ज्ञानवर्धक है
ऊँ नमो नारायणाय नम:
सत्यम् शिवम् सुन्दरम्
Sabhi jaghe even aborad me bhee bahut sammaan hai uttarakhand ka .
Pahadiyon kee honesty ,hardwork ,deshbhakti, divinity ko sab bahut respect kerte.
@Rural Tales -- कृपया 1:27 आदि पर दिखाए गए स्थानों के नाम प्रदर्शित करने की कृपा करें
❤ uttarakhand ke log chahe kisi jati ke ho bas mujhe unke liye dil se samman feel hota hai 👌❤️ vo kumauni ho ya gadwali sbhi meri najar me sammanniye hai 🙏🏻🙏🏻🙏🏻jiyo pahaad jiyo pahadi 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻✌️✌️✌️✌️✌️✌️✌️✌️✌️👏👏👏👏🙌🙌🙌🙌🙌🙌🤲🤲🤲🙌🙌🙌🙌
❤❤❤
Very good seema
बडोनी जी बहुत अच्छा लगा आपको देख कर
Proud to be uttarakhandi.
We are PAN India,love our culture 🙏
No we are AADHAR india, however both have to b linked ie PAN and AADHAR
proud to be garhwali jai dev bhoomi uttrakhand
बहुत ही सुंदर...... इस वीडियो में बहुत सारे सीन हमारे क्षेत्र से है..... उखीमठ.... केदारनाथ घाटी...
Negi G Radhe Radhe
I am from uttarakhand, chamoli😊
Himachal
@@krishandev1222 nice place
जौनसारी लोग वास्तव मे गढ़वाली एवं कुमाउनी लोगो से शारीरिक संरचना मे बिल्कुल अलग दिखाई देते हैँ,,, डा कटोच सही हैँ कि जातियों का सम्मिश्रण जौनसारियों मे नहीं हुआ जबकि ये पूरा क्षेत्र खस लोगों का है,,,
Hm they are pure khash also they practice polyandry and avoid marriage outside
Kumauni kirats jayda hai (jayda mongoloids mix and khas)
Garhwal mai khas hai but jaydatar khas+ mongoloids mix
Jaunsar ke pure khas hai Mostly
Haan bhai even uttarakashi mai purity dikh jayegi and upper tehri mai bhi . Pauri side mongoloids+ khas mix hai jayda with some plain migrants.
Kumaun mai mongoloids mixture with khas jayda hai
Uttarakhand is a diverse state with all kinds of features, size, color and shape. Khass wala angle h Uttarakhand m pehele se but u can identify them gotr puch k. Uttarakhand is a place where people used to live from before and came from another region of India jaise Rajasthan, Gujrat, Maharashtra, majorly. This is what I had heard from our old grand dads.
@businessman4473 bhai uttrakhand state ki history koi stable history nhi h Himalayan range m kbhi na kbhi kahi na kahi kisi na kisi ka prabhav rha hi hoga chahe wo Ashok k smy ya chandragupt maury k smy ho pure india m esa hi h ye sikke shilalekh milna hint hota h pkka saboot nhi hota. Aur bhai esa kuch ni h Rajasthan wale nomads bnke ghum rhe thae 500 bc m waha jiwan pehelae h kafi. Pure Rajasthan registan m ni h.
@businessman4473 proud h bhai pura pr inferior feel kra kr nhi sbko sath rakh k
exactly brother thats what i believe even the the rajputs of rajasthan uttar pradesh bihar look very different from phadi people we are more fairer taller have sharp facia;l features like central asians hume pahadi nasal hone par hi proud hona chahiye@businessman4473
@businessman4473 lawde rajsthan ab bana hai us say pehle kya tha pata hai chutye...
@businessman4473ek baat btau jra dimaag lgaa ke sochna abhi bs garhwal vale ke baare me kehra hu 822 isvi me jb panwae, pramar vansh ka ek bnda jiska naam kanak pal tha jo dhar malva shetra ka tha ab ye mt keh dena ye bhi jhutt😂😂 h kuki ye historical fact h jb vo chandkot gadhi ka raja bna tha tb tum ye socho vo time aaj se 1300 sall purana tha ye socho vo apne saath kitne sainik kitne log laya hoga bhai vo to dusri jgh ka tha saath me tp logo ko layega hi ab ye dimaag lgao us time period se lekr 1800 tk kitne aaye hoge bully krne se kuch nhi hota bhai ab tumhe do example deta hu mai tehri ke narendra nagar ki kwili patti se hu hmare sirf hmare hmare mai baki uttarakhand ke chauhano ki bat jhi krra bs jo mere vansh ke the hmare aaj ki time me 12 gaon ho gye or sirf hm 12 gaon ke chauhano ko dugukotti ka chauhan kehte h kuki 12 me se ek gaon ka nam dugukotti tha vhi se hm sb nikle the or dysra tumne rudraprayag ki side raithal homestay suna hoga vha pele rana parivar rhaa krta tha jinki jansnkhya bdte bdte aaaj vo khi or bs gye ese hi hm sbki jnsnkhya bdi thi yaadash ke liye tum logo ko yaddila du ki shayd sbko pta hoga pele kitne kitne bche hote the so think is point me bhi i hope maine logical bat khi
आर्य का मतलब श्रेष्ठ सभी गढ़वाली कुमाउनी दुनिया में श्रेष्ठ है चाहे कृष्ण वर्ण हो या गौर वर्ण
Superb sir for this information
Meri nazar me ye Bahut shudh itihas bataya hai aap ne, dhanyawad ji🙏
मुझे गर्व है की मै और मेरा परिवार पहाड़ी है और मैंने देवभूमि उत्तराखंड, भारत में जन्म लिया है 🕉️🇮🇳🙏
The land of Ganga and shiva, the Garhwal Himalayas is the sacred land on the earth, save it.
धर्म के ठेकेदारों को उत्तराखंड गढ़वाली समाज को बदनाम नहीं करना चाहिए ये कहानी किस्से सुना के कुछ नहीं देवभूमि है देवभूमि जिसने जन्म लिया वही गढ़वाली कहालया❤❤❤
उत्तराखंड को अगर जानना है समझना है तो रूरल टेल्स एक नाम ही काफी है।❤❤
उससे तो केवल भौगोलिक, सामाजिक, व आर्थिक जानकारी आपको मिल सकती हैं लेकिन ऐतिहासिक नहीं
मैं राजस्थानसे हूं मेरे यहां भी पहाड़ी है मैं उनका सम्मान करता हूं और कुछ मेरे दोस्तभी है बहुत ही अच्छा लगता है एक पहाड़ी से मिलना 👍🏻
बहुत सुन्दर ❤
जय देवभूमि उत्तराखंड 🙏
Last me music bahut pyara laga🎉❤ ar jankari bhi
पहली बात तो ये की तुम होते कोन हो किसी को छोटा बड़ा बताने वाले और किसने दिया तुमको ये अधिकार सब इंसान है और सब एक जैसे है
Jay Hind, Jay uttarakhand 💙
Jai Hind
जय देवभूमि उत्तराखंड बहुत ही इन्तेजार करवाया सर् जी आपने तो वीडियो लाने में नई सीरीज अगली सीरीज कब तक आने वाली है। केदारनाथ जी की कपाट ओपनिंग की कवरेज देखना को मिलेगी अब तो उसके बाद ही कोई सीरीज आएगी शायद जय नंदा जय हिमाल जय देवभूमि उत्तराखंड जय श्री बद्री केदार ।
कोई किस का घर नही चला रहा सब अपना घर का लालन पालन खुद काम कर के कर रहे हैं कोई किसी को नहीं पाल रहा चाहे वो किस वि जाति का हो
पहली बात तो ये की जात पात कुछ होती ही नहीं है ना होनी चाहिए 👍
I salute to Rural tales
Bahot bahot hi jamin se Judi jaankari dene k liye
I love rural tales
Mini tailor Mumbai
फालतू का ज्ञान लेकर आ जाते हैं सबके एक से रिति रिवाज हैं
जय नमो भगवते वासुदेवाय अगले जन्म में फिर से देवभूमि में ही जन्म देना क्योंकि जो मान सम्मान उत्तराखंड वालो को पूरी दुनिया में मिलता है वैसा किसी और प्रदेश वालो को नही मिलता। थोड़ा भेद भाव होता है सुनता हूं कई गांव में मगर जो आर्थिक रूप से मजबूत है उनके साथ नही होता मगर ऐसा होना ही नही चाहिये बिना दलित के अखंड भारत का निर्माण नही हो सकता हमारा मुख्य रूप ध्यान यहां मुस्लिम अतिक्रमण पर होना चाहिए। 🙏🙏🙏
बिल्कुल सही कहा आपने
भाई दलित भी हमारे भाई-बहन हैं हम सब हिन्दूओं को मिल जुलकर रहना चाहिए
अक्सर देखा गया है कि आज कल कुछ उत्तराखंडी भाई हिंदू मुसलमान की घृणित मानसिकता को जन्म दे रहे हैं जो हमारे शांत प्रिय, ईमानदार उत्तराखड के हित में नहीं है हम अधिकतर यूके से बाहर पलायन किए हुए हैं यदि हमारे साथ कोई असमानता वाली बात अन्य राज्यों, महानगरो में हो जाती है तो कौन जिम्मेदार होगा?
Right👍
Pagal ha kya
Tera dimaag kharaab hai kya
Shyad ye m hai...
मान्यवर इतिहास कारों ने रावत पदवी योधाओं द्वारा राजस्थान के विभिन्न युद्धों में मुगलों को हराने पर या इस तरह कहिए की युद्ध में अद्भुत रण कौशल दिखाकर जीतने पर रावत की उपाधि दी गई।
बहुत खूब ये जो आपने वर्णन किया बिलकुल बढ़िया तरीके से किया है 🌹🙏🙏
I am proudly saying I am from the Bhoomi Uttarakhand
खस जाती🚩🚩🚩🚩
from Nepal 🇳🇵
Khas from. Himalayans khas people kasmir to asam pura khas hay
अच्छी जानकारी de आपने 🙏🙏🌹🌹
Late Dr Shiv Prasad डबराल
Khas are the original ऑफ उत्तराखंड। सीढ़ी नुमा खेती बनाने वाले खस ही है। पशुपालन उनका मुख्य भूमिका।
टेहरी रियासत बंदोबस्त में भी खस का उल्लेख है। मध्य हिमालय पर्वत के मूल निवासी खस ही थे।
पहली बात ये है कि आर्य बाहर से नहीं आये भारत से बाहर गये कोई ये नहीं कह सकता है यही सच है सुधांशु जी को सुनिये भारत का इतिहास वो बताते हैं सबूत के साथ
Koi bhi log kahi se nahi Aata hai angrej bharat Aaya tha to kya hua fir bhi Aakhir mein usko birtain jana pada kyuki who log wahi ke hi Rane wale the isliye uttrakhand ke log kahi se nahi Aaya ye log uttrakhand ke hi hai Jada kya bolu
I hate those people who look down on the people of Uttarakhand in the name of caste and this happens in every village of Uttarakhand. All humans are equal but this still happens in Uttarakhand.
I Proud to Be Indian
Proud be Sanatani ❤️
Proud Be born Devbhoomi uttrakhand
🙏Radhe Radhe ❤️
I am from Uttarakhand, I support your statement. No discrimination on basis of Caste. We all are Hindus from Devbhoomi. I am worried about outsiders encroachment from Nehibouring state and borders. Especially Muslims and Rohingya Muslims, Bangladeshi Muslims etc. Crime rate also going High due to these influx. Radhe Radhe ❤❤❤❤❤
@@dhananjayk130 yup
We all are uttarakhandi hindu brother....proud for being pahadi hindu
Uttarakhand always was a khas land
Khas people historically lives From gandaki to kedarnath & there is a clear archeological & literature record from around almost 600 BCE & is very similar culture traditions & face's in that region
Mujhe to apna kumauni hone pr bhut garw h ya khu pahadi hamari riti pure visw mai alg hi h ❤❤❤❤
Right 👍
Hi bhawna ji
Thanks
Welcome
Thanks for super thanks
ब्रिटिश काल में 1930 तक की उत्तराखंड की जनगणना में खस राजपूत और राजपूत अलग रूप से अपनी पहचान बताया करते थे, परन्तु उत्तराध के वर्षो में सब राजपूत अपने को राजपूतना से जोड़ लेते हैं, वैसे देखा जाये तो खस राजपूत यही के मूल निवासी हैं, जिनका राजपूतीकरण किया गया.
Right. Now allmost everyon have discarded their khas indentity an everyone is a rajput .
king of Nepal who sent is minister to sisodias of mewar claiming to br from royal sisodia clan but was not taken seriously by sisodias
Stupidity at highest level though I say.
You pls keep your rajputana aside and come to visit our place. Most welcome.
May be bro ..... Ham rajput likhate hain jabki garhwali hai
@@Rajiv.Dixit.unofficial konse Negi ho bhula ?
Baki bnde ne bat sahi kahi hai. Bad ki Jan ganna me sb log khud ko rajput bolne Lage khas ki jagah.
@@gumankafola negi hain ... Bas baki negi ke type nahi pta ham bhi rajput लिखते हैं तो pta nahi fir kaun sa negi
🙏🙏🙏🙏बहुत ही बढ़िया जानकारी दी है आपने👍👍👍👍
जय हो उत्तराखण्ड ❤❤
Jai Himachal
Bahut mahatvpurn jankari
बहुत सूंदर प्रस्तुति।👍
Me 13 saal Uttarakhand mein rha. Wha par koi jaativaad nhi dekha. Uttarakhand ke log achche hote he, deshbhakt hote he. Siyasat ke vajah se vaha jat-pat phelaya jaa rha he ye me mehsoos kia. South rajyo ka jati bhedbhav bhyankar he. Aarya bahar se nhi aye the ... aarya -dravid sab jhoot he
Aap ko history ka a b c d ka bhi nahi pta
@@BALBIRSINGH-ne2ip samajhne ke lye history ka knowledge ki jaroorat nhi. Ye saf saf dikhta he. Bharateeyon mein bhedbhav peda karne ke lye aarya - dravid jesa jhoot peda hua he
दिलचस्प जानकारी धन्यवाद आपका ❤❤❤🎉🎉🎉
Dhanyawad bhaiji apan humta humar puran itihas baaram batai
सब के सब नेपाली जैसे दिखाई पडते हैं और संस्कृति भि एक जैसा है ।
Hm
Nepalli aur hm ek hi h bro
Sab Nepali kaise nahi dikhai padte bhai .....har tarah ke log hai yaha facial features wise
हिमाचल, उत्तराखंड, नेपाल, सिक्किम-दार्जिलिंग और पूर्वोत्तर राज्य इन सभी क्षेत्रों के लोग एक जैसे दिखते हैं तथापि पूर्वोत्तर राज्य, सिक्किम-दार्जिलिंग और पूर्वी नेपाल के लोगों के पूर्वज तिबेटो-बर्मिज हैं जबकि पश्चिम नेपाल, उत्तराखंड और हिमाचल के लोगों के पूर्वज खसों को माना जाता है। खस लोग central Asia से आए हुए लोग माने जाते हैं इसलिए कजाकिस्तान, उज़्बेकिस्तान, किर्गिस्तान जैसे दिखते हैं इस क्षेत्र के लोग किंतु उत्तराखंड के लोगों का कहना है की उनके पूर्वज राजस्थान से आए थें पर राजस्थान के लोग उत्तराखंड या पश्चिम नेपाल के लोगों जैसे नहीं दिखते।
@@rahuljoshi1181tum nepali ho fir, bhartiye kaise hue
Aadarniya Kathouch saheb sadar pranam. Aaj aapko lagbhag 64-65 saal baad U tube par darshan huye aapki bani suni bahut hee khsushi hui. Aapko shyad yaad ho na ho main Madan Singh Gusain Village Sinwal patty Ghurdoursyun.Aap mere 7th-8th class mein Mason Gaon ki MIddle School mein Head Master Rahe hain. Aaj aap ki baani aur darshan U Tube ke dwara hui main dhanya hogaya. Aajkal main bahar hoon aakar aapko jaroor miloonga. Maine pata kiya to pata chala aap Pauri mein settled hain.
uttrakhand is sanatan capital of world.
No no uttarakhand is tribal area... Yaha khas community rhti hai bss woo log bhrmm main hain kee rajput hain
If our ancestors were khas then I still proudly can call myself khas.
हमने भी अपने दादा परदादा से ये ह सूना है हम नेगी रावत चौहान राण और भी दो तीन जाती है राजपूतों की जो राजस्थान से आये है और राज के लिए लड़ते थे हथियार रखते थे हम और राजशाही जान के बाद हमलोग भारतीय सेना में रहे मेरे दादा फौज में हवलदार थे हमारा इतिहास उत्तराखंड से लेकर राजस्थान में लिखित में है
Negi rawat toh bilkul bhi nhi aaye especially negi. Rawat 2,3 type ke sahyad aaye hai
Main himachal ka pahadi hun aur mujhe lagta hai ki hum log rajasthan se migrate hue hain aur rajasthan se pehle kahin aur se aaye the. Aryans keh sakte ho. Hamare yahan guga bhagwan ki puja hoti hai jinhe rajasthan ya haryana mein goga maharaj bhi kaha jata hai aur wo har jgh kisi na kisi roop mein puje jaate hain, migration belt keh lo, jaise Rajasthan, haryana, hote hue fir pahadon ki trf agr follow karein to. Pahadi by nature choti height ke hote hain, jaise pahadon ke mool maveshi bhi chote hote hain, kyun ki prakriti ne aisa banaya hai parantu voht se pahadi lambe lambe hote hain; wo mool niwasi nhi hain, wo rajasthani ya haryanviin ke jaise lambe hote hain, is se ye lagta hai mujhe ki hum wahin se migrated item hain....waise meri height kam hai😢 bhai log. Jai Himachal. Jai Uttarakhand. Jai pahadi devta.....
@@vaibhavthakur9234 nahi o mere bhau, pehle ka khana sbse jyada nutritious hota tha. Meri daadi wahi khana khakr 100 saal ji gyi kyunki koi maggi, chips, pizza nahi. Meri chachi abhi bhi active hai jo gaon mein rehti hai. Gaon ke jo purane lig hain aur gaon mein hi rahe hain, jo bahar nhi gye kbhi bhi wo sab healthy hain. Abhi to khair sab gand aa gya hai gaon mein bhi par pehle aisa nhi tha. Aapki baat sahi hai ki ab 5 feet parents ke bache bhi 6 feet tak ja rahe hain par wo genetic evolution ho raha hai. Agar original pahadi dekhoge, purane budhe raaste mein chalte hue, bhed bakariyan charaate hue, wo chote hi dikhenge height mein. Nature ne aisa hi banaya hai bhai mereya...
@@bipins7295 bhai sahi mai family genetics kaafi alag hai lagta hi nahi ki hum Uttarakhand se pahadi hai ...kyunki hum kaafi lambe chaude daadi mooch wale hain ....rang bhi kaafi kadak hai to isliye mujhe bhi aisa feel hota hai
@@pradyumanpandey2079 bhai aisa hi hai, prakriti ne aisa hi banaya hai aur prakriti ki banai hui har cheez perfect hai, kbhi galat nhi hoti. Asli pahadi nepali hain, gorkha, nagas, wagera sab chote hote hain height mein. Kyunki pahadon pr oxygen kam hota hai to shareer chota hota hai taki kam oxygen lage, lekin lungs bade hote hain jyada oxygen store krne ke liye jaise sukhe ilakon kam patte wale ped hote hain taaki kam paani lage. So prakriti perfect hai.
Baki rahne do ye hight wala joke😂 sahi tha
@@pradyumanpandey2079 bhai logon yesab galat hai ki uttarakhand ke genetics mai sirf chote log hote hai
Jaake uttarakashi tehri and jaunsar mai dekho wahan ke log Kashmiri jaise dikhte and lambe bhi hote hai. Ensab mai khas genetics jayda hai compare kare toh and pauri chamoli ke side mongoloids+ khas ka mixture hai esliye choti height wale bhi hote hai. Chamoli mai toh jayda mongoloids type hai.
Similar kumaun ka bhi hoga.
Toh khas log Kashmiri Iranian type dikhte hai jo pure hote hai.
Haan bahar sae aaye migrants ka bhi mixture hai ensab khas and mongoloids ( kirats) mai.
Jai Hind Jai Bharat
जातिवाद किसने फैलाया...? जातिवाद से क्या फायदा हुआ या नुकसान हुआ...? जातिवाद और क्षेत्रवाद से क्या होता है....?
भेजी आप सोनप्रयाग कब आयेंगे इस बार???
Jay Devbhoomi Uttrakhand ❤️🙏
Pranam🎉 sir ji..
this is very good. we want to know our history it is fascinating. i personally want detailed video and it would be great if Dr. Yashwant explain it.
तुम्ही हो बड़े ,,ज्ञानी पता चल रहा है कितना ज्ञान है,,,,,,,,,,,,,,,,,
Aap ne sahi kaha, Uttarakhand ke logo ko imandaar, bharosemand, saadgi aur mann ke achhey aur sachhey logo mai maana jaata tha lekin mera ye maanana hai ki ab ye dharana hamare baarey mai jo thi wo dheere dheere khatam hotti jaa rahi hai..Uttarakhand ke adhiktar logo mai ab aapko saarey negative traits nazar aayenge khaaskar peechle 15-20 saalon se mene ye notice kiya aur especially young generation mai.