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ye nepali log border pe patthar baazi kar rahe hai uttrkhand border pe and even overseas these nepalis hate indians, we need to teach them a lesson if they dont behave properly in doon, havent seen any issue with them since 90's but recently they have been showing us a lot of attitude....
अच्छी प्रस्तुति। यह किताब मैंने पढ़ी है। इससे हमें शिक्षा मिलती है कि विभिन्न समुदायों को आपस मे स्नेह से रहना चाहिए। आपसी लड़ाई से दुश्मन मजबूत होता है। पुराने मतभेद भुलाकर समाज और राष्ट्र के के विकास के लिए काम करना चाहिए । हम सब कुमाऊंनी, गढ़वाली, गोरखे, जौनसारी, पंजाबी, बंगाली आदि मूल के लोग अब उत्तराखंड में स्नेहपूर्वक रहते हैं। मानव इतिहास में पहले तो ना जाने क्या क्या हुआ है। कुछ व्यक्तियों के बुरे व्यवहार के कारण पूरे समुदाय को बुरा कहना अनुचित है। आज के गोरखे हमारे देश और दुनिया की शान हैं। अंग्रेजों ने हम पर अत्याचार किये पर अब वहाँ एक भारतीय मूल का प्रधानमंत्री है। जय हिंद, जय उत्तराखंड।
क्लास मे नेपाली बिषय मे नालापानी हम भि पढते थे उसमे गोर्खाली फौज का गाथा था !ये भिडियो और हमारे किताब मे 98% सच इतिहास बताया गया हे ,फिर बचपन याद आगया ❤
गोरखा शासन ने उत्तराखंड के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ा, खासकर कुमाऊँ और गढ़वाल क्षेत्रों में। 1790 में रणबहादुर शाह के नेतृत्व में गोरखाओं ने कुमाऊँ पर कब्जा किया और 1815 तक यहां शासन किया। इस दौरान गोरखाओं ने अपने अनुशासन, न्यायप्रियता, और अद्वितीय प्रशासनिक व्यवस्था से पूरे क्षेत्र को प्रभावित किया।गोरखा शासकों ने कठोर न्याय व्यवस्था लागू की, जिसमें स्थानीय अधिकारियों और सेना के अधिकारियों का प्रमुख योगदान था। उनकी कर व्यवस्था और 'दीप' प्रणाली ने न केवल न्याय को सुनिश्चित किया बल्कि समाज में अनुशासन भी बनाए रखा।गढ़वाल पर भी गोरखाओं का आक्रमण सफल रहा। 1804 में अमर सिंह थापा ने गढ़वाल को अपने अधीन किया और इस क्षेत्र में भी गोरखा शासन की छाप छोड़ी। उनके शासन में, कुमाऊँ और गढ़वाल दोनों क्षेत्रों में स्थायित्व और सुरक्षा का माहौल बना रहा।1814 में गोरखाओं और अंग्रेजों के बीच हुए युद्ध ने उनकी वीरता और रणनीतिक क्षमता को भी प्रदर्शित किया। हालांकि, अंग्रेजों के साथ संगौली की संधि के बाद गोरखाओं को उत्तराखंड छोड़ना पड़ा, लेकिन उनके अनुशासन, बहादुरी, और अद्वितीय प्रशासनिक कौशल की छाप आज भी उत्तराखंड के समाज और संस्कृति में देखी जा सकती है।गोरखाओं का उत्तराखंड पर शासन केवल एक राजनीतिक घटना नहीं थी, बल्कि यह उनके अनुशासन, वीरता, और न्यायप्रियता की गाथा है, जो सदियों तक याद की जाएगी।
Aaj uttarakhand ka kya haal h?? Kitne pratishat uttrakhandi log kumaun aur gadwali m baat krte h?? Uttarakhand ki sabhyata abb UP Ke hindi ki sabhayata ban chuki h pahadi nhi reh gaye h gadwal aur kumaon k log. Pahadiyon ko ek hona chahiye.
@Sammy-lv9iv मित्रों उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर, नृत्य, लोकगीत, और भाषाएँ हमारी पहचान और परंपराओं की अद्वितीय छवि हैं। यह सांस्कृतिक परंपराएं न केवल हमें हमारी जड़ों से जोड़ती हैं, बल्कि हमें एक सामूहिक समाज के रूप में एकजुट भी रखती हैं। गढ़वाली और कुमाऊँनी लोकनृत्य, जैसे कि जागर, पांडव नृत्य, और वीर योद्धाओं के रणभूत नृत्य, हमारे इतिहास और लोक संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हैं। इनमें निहित मूल्य, त्यौहार, धार्मिक मान्यताएं और रीति-रिवाज हमें हमारे पूर्वजों की समृद्ध विरासत से जोड़े रखते हैं। आज के दौर में, जहां आधुनिकता के प्रभाव में लोग अपनी मूल भाषाओं और परंपराओं से दूर होते जा रहे हैं, हमें अपनी सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने की जरूरत है। हमारी लोकभाषाएँ, जैसे कि गढ़वाली, कुमाऊँनी और जौनसारी, भी हमारे अस्तित्व का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, लेकिन यह चिंता का विषय है कि इनमें बातचीत करने वाले लोग घटते जा रहे हैं। नई पीढ़ी का हिंदी और अंग्रेजी की ओर झुकाव बढ़ रहा है,इसका तात्पर्य यह भी नहीं कि हमें इंगलिश और हिंदी से दूरी बनानी है। लेकिन इसे पूर्ण रूप से धारण जिससे हमारी लोक भाषाओं का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है। सभी समुदायों को मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है ताकि हम अपने-अपने लोक भाषा, कला, नृत्य, और परंपराओं को बचा सकें। इस दिशा में स्थानीय सांस्कृतिक उत्सवों, नृत्य कार्यक्रमों और भाषा शिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन मददगार साबित हो सकता है। जब हम इन परंपराओं में सहभागिता करेंगे, तो हमारी युवा पीढ़ी भी इनसे जुड़ी रहेगी। हमारी संस्कृति को बचाने के साथ-साथ हमें अन्य समुदायों की सांस्कृतिक धरोहरों का सम्मान करना भी सीखना चाहिए। हर संस्कृति की अपनी अलग पहचान और महत्व है, और हमें इन विविधताओं को स्वीकार कर एक-दूसरे का आदर करना चाहिए। इससे आपसी सामंजस्य बढ़ेगा और एक सकारात्मक समाज का निर्माण होगा। दूसरे समुदायों की परंपराओं और मान्यताओं को समझने से हम एक समृद्ध समाज बना सकते हैं, जहाँ सबकी पहचान को सम्मान मिलता है। हमारी यह सांस्कृतिक विरासत एक अमूल्य धरोहर है, जिसे हमें भावी पीढ़ियों के लिए संरक्षित करना है। अपनी संस्कृति का महत्व समझाने और उनकी जड़ों से जोड़ने के लिए हमें अपनी पीढ़ी को जागरूक करना होगा। जब हमारे बच्चे अपनी संस्कृति की महत्ता को समझेंगे और इसे गर्व से अपनाएंगे, तभी यह धरोहर सुरक्षित रह सकेगी। यही नहीं, वे अन्य संस्कृतियों को भी उतना ही महत्व देंगे और उनसे सीखते हुए उन्हें सम्मानित करेंगे। उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर हम सभी के लिए गर्व का विषय है। इसे सहेजना और अगली पीढ़ी को सौंपना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। इस विरासत को बचाने के लिए हमें मिलकर प्रयास करना होगा, अपनी भाषाओं और परंपराओं का सम्मान करना होगा, और दूसरी संस्कृतियों का भी महत्व समझना होगा। जब हम अपनी संस्कृति और परंपराओं को सजीव रखेंगे, तभी हमारा इतिहास और हमारी पहचान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।
आपने, बहुत ही रोचक ढंग से कुमाऊं और गढ़वाल (आज का उत्तराखंड) में गोरखा शासन की अवधि में हुए अत्याचारों का वर्णन किया है। मैं यह कहना चाहता हूं कि जहां तक मुझे ज्ञात है, हरिवंश महाभारत का भाग नहीं है, अपितु एक अलग ग्रंथ है। कृपया इस तथ्य की ढूंढ खोज करके इसमें सुधार कर लें। धन्यवाद। कैप्टन टी एस सुयाल, हल्द्वानी.
Angrej k jhuthi books jo ush bakt nepal k liye likha tha ,weshi books me aaj vi hamare yaha nepal me kuch chutiya log ye news ko sach batane ki kosis karte he karte he😂,bhai video me 50% se jyada wrong information diya he🤣,angrej ne jhuthi books likhi to make uttrakhand people believe that British always help them and nepalese are worst ,by doing this strategy so that uttrakhand peope will not take the side of nepal and to make uttrakhand gulam they did ,vai literally yr itna jyada misinformation failate ho bohot dukh hota he,pahadi logo ko alag karne k liye bohot misinformation failaya tha without proof ,so please aise faltu k juthi videos pe biswas mat kariye
@@thansinghsuyal5362 नेपॉल वाले सीमा में लाक़र क़भी भि लड़ाई नहीं कर्ता क्यूँकि भारत ने जिन जिन जगावोमे सीमा बनाया हैं वो सब (विशाल नेपॉल) greater nepal का अंग हैं, गोरखपुर यूपी, आधा विहार, उत्तराखण्ड, पूरे हिमानचल छेत्र, कमाल गढ़वाल काला पानी, लिपुलेख़, लिंपियाधुरा से सतलज नदी काँगड़ा तक, पूर्व में सिलीगुड़ी क़रिडोर, सिक्किम, दार्जीलिंग ईस छेत्रक़ो नेपाल सदियों से देश क़े हिस्से ओर वाहाक़े जानताक़ो आफ़ने घर क़े भाईं समझ्ते हैं लेकिन वाहा क़े नेपाल विरोधी नेताओकि कारण देश टुकड़ा टुकड़ा होयया था, क़ोही नेपाली नागरिक मुस्लिम होगय क़ोही भारतीय क़ोही अंग्रेज़ क़े नाजायज़ संतान लेक़िन नेपॉल देश माहादेब क़े भूमि हैं यहाँपर सदियों से भग़्वान क़ी कृपा रहींहैं य सारें भुभाग़ ज़मीन क़े मालिक़ माहादेब हैं, जिनदग़ानि में आज़ आक़ार ए देख़्नेक़ो मिल रहा हैं, नेपॉल माताक़ी जितनेभि देश प्रेमी सन्तान हैं, सब लोग़ नेपॉल ओर हर नेपालीक़ो एक़ी देश एक़ी भूमि एक़ी झण्डा, एक़ संस्कृति आफ़नो मौलिक़ हर अधिक़ार मा ल्यायर नेपॉल देश मा आफ़नो एक़ मुट्ठी साँस क़ो संसारकै सबैभँदा ठुलो देब भूमि नेपॉलमा आफ़ू लाईं समर्पण ग़र्न चाहांछन, क़िनक़ी ऊनी हरूँ लाईं आफ़नो ज़्यांन भनदा प्यारो आफ़नो देशक़ो माटों लाग़दछ, विशाल नेपॉल अबस्य सम्भव छ, र विशाल देश क़ी नेपॉल आमाक़ो ज़य होंस, हर हर माहादेब हिन्दू रास्ट्र नेपॉल ज़िन्दाबाद l 🚩🚩🇳🇵🇳🇵🇳🇵❤️❤️🫶
बलभद्र थापा नहीं कुंवर थे । भक्ति थापा जो ७५ वर्ष के थे और गोरखा सैना का कमान सम्हाले थे , उनका सामना अंग्रेजी फोज से हुआ। ओर उनके वीरगति पाने के पश्चात युद्ध विराम हुआ, तब सुगोली संधी के बाद नये बाडर बने । गोरखा सेना हिंदू सेना थी , उन्होंने इस प्रकार का कोई काम नहीं किया जो धर्म के विरुद्ध है । बारामासा आप सही इतिहास को बतायें,आप बगैर तथ्य को जाने अपने तरफ से बातें ना रखें।
@@bhupendrajethi3008 नेपॉल वाले सीमा में लाक़र क़भी भि लड़ाई नहीं कर्ता क्यूँकि भारत ने जिन जिन जगावोमे सीमा बनाया हैं वो सब (विशाल नेपॉल) greater nepal का अंग हैं, गोरखपुर यूपी, आधा विहार, उत्तराखण्ड, पूरे हिमानचल छेत्र, कमाल गढ़वाल काला पानी, लिपुलेख़, लिंपियाधुरा से सतलज नदी काँगड़ा तक, पूर्व में सिलीगुड़ी क़रिडोर, सिक्किम, दार्जीलिंग ईस छेत्रक़ो नेपाल सदियों से देश क़े हिस्से ओर वाहाक़े जानताक़ो आफ़ने घर क़े भाईं समझ्ते हैं लेकिन वाहा क़े नेपाल विरोधी नेताओकि कारण देश टुकड़ा टुकड़ा होयया था, क़ोही नेपाली नागरिक मुस्लिम होगय क़ोही भारतीय क़ोही अंग्रेज़ क़े नाजायज़ संतान लेक़िन नेपॉल देश माहादेब क़े भूमि हैं यहाँपर सदियों से भग़्वान क़ी कृपा रहींहैं य सारें भुभाग़ ज़मीन क़े मालिक़ माहादेब हैं, जिनदग़ानि में आज़ आक़ार ए देख़्नेक़ो मिल रहा हैं, नेपॉल माताक़ी जितनेभि देश प्रेमी सन्तान हैं, सब लोग़ नेपॉल ओर हर नेपालीक़ो एक़ी देश एक़ी भूमि एक़ी झण्डा, एक़ संस्कृति आफ़नो मौलिक़ हर अधिक़ार मा ल्यायर नेपॉल देश मा आफ़नो एक़ मुट्ठी साँस क़ो संसारकै सबैभँदा ठुलो देब भूमि नेपॉलमा आफ़ू लाईं समर्पण ग़र्न चाहांछन, क़िनक़ी ऊनी हरूँ लाईं आफ़नो ज़्यांन भनदा प्यारो आफ़नो देशक़ो माटों लाग़दछ, विशाल नेपॉल अबस्य सम्भव छ, र विशाल देश क़ी नेपॉल आमाक़ो ज़य होंस, हर हर माहादेब हिन्दू रास्ट्र नेपॉल ज़िन्दाबाद l 🚩🚩🇳🇵🇳🇵🇳🇵❤️❤️🫶
बेटी आप गोरखाओंकी हिं बेटी हो । आपकी बातो से द्वेष हिं बढेगा । आपको पूर्खोंकी एक करनेकी ऐतिहासिक प्रयत्नको सराहना करना चाहिए । गोरखा नेपाल मानव विश्व रखखक होते हैं । इसबातकि इजाफा करते हुवे प्रधान मन्त्रि मोदी भी नहि थकते । आपकी नजरिया सुधार लो ।
नेपाल के राजाओं का गलत था राजा को बंदी बनाया जाता था जिसे नजरबंद कहा जाता है और सेनापति ही राज करते थे इसलिए राज के लिए लोगों पर इतना जुर्म किया लोग कभी भी नहीं भूल पाएंगे जबकि बाद में अंग्रेजों और गढ़वाल के राजा की मदद से संपूर्ण गढ़वाल और कुमाऊं से गोरखा भगा दिए गए
इतिहास पढ़ो पहले गढ़वाल और कुमाऊं का पहले गढ़वाल और कुमाऊं एक ही था बाद में गढ़वाल के राजा ने एक भाग कुमाऊं छोटे बेटी और गढ़वाल बड़े बेटे को दे दिया आगे चलकर के गढ़वाल और कुमाऊं अलग राज्य शासन होगा उसके बाद गोरखा ओं का शासन 25 साल कुमाऊं और 12 साल गढ़वाल लेकिन लेकिन यह शासन अच्छा नहीं था क्योंकि वह लोग मुगलों की तरह पापी और क्रूर थे उनका वंशज कैसे हो सकते हैं जबकि गढ़वाली और कुमाऊंनी ऐसे नहीं थे ऐसे तो गढ़वाल तिब्बत पर जीत हासिल की लेकिन गोरखा हूं जैसा अत्याचार नहीं किया
Abe ye sab angrej ne likha jhytha history bataya he,video me 50% se jyada misinformation he😂😂,angrej did this to make uttrakhand people believe that Britishers always do good for the people to make gulam and Nepalese are bad ,bhai kassam se itna misinformation 😂
Angrej k jhuthi books jo ush bakt nepal k liye likha tha ,weshi books me aaj vi hamare yaha nepal me kuch chutiya log ye news ko sach batane ki kosis karte he karte he😂,bhai video me 50% se jyada wrong information diya he🤣,angrej ne jhuthi books likhi to make uttrakhand people believe that British always help them and nepalese are worst ,by doing this strategy so that uttrakhand peope will not take the side of nepal and to make uttrakhand gulam they did ,vai literally yr itna jyada misinformation failate ho bohot dukh hota he,pahadi logo ko alag karne k liye bohot misinformation failaya tha without proof ,so please aise faltu k juthi videos pe biswas mat kariye
Bhai insan Agyani he , woh insan hi nahi banega alag alag dharam jati or rashtra me bant jate he Phir amir garib insano me janwar ko dekhte he , insano ko dharam jati or unch nich tyag kar insan banke ek hona chaiye bhulke sab batware insan bano
this is more than 50% wrong information in video,britishers spread propagandas so that we khas pahadi people will be separated,people were strict at that time,if gorkha had done some mistake then you must research on the cruelty of Chand and Panwar dynasty which was more than gorkha.Gorkhas united all khas pahadi people ,so that in these time also the people of kumaon and gharwal can join gorkha regiment but biharis desi can't join.Abhi Gharwal k king ki maharani Malala Rajya laxmi shah nepal royal family se he aur tehri gharwal ki sansad vi he
प्रगति जी आपके द्वारा एकत्र की गई जानकारी सराहनीय है।मैं भी इतिहास में रूचि रखता हूं।उस वक्त छत पर धूप सेकनी व कपडे़ सुखाने वाली बात से मैं सहमत नहीं हूं ,किंतु गोर्खाणी व ब्रिटिश शासन की जो जानकारी आपके द्वारा दी गई है वह सत्य है।गोरखा लोग सच्चे व ईमानदार थे।उन्हे गलत होते देखना बर्दास्त नहीं होता था।उनकी बहादूरी को देख कर अंग्रेज भी प्रभावित थे। जयहिंद।
Angrej k jhuthi books jo ush bakt nepal k liye likha tha ,weshi books me aaj vi hamare yaha nepal me kuch chutiya log ye news ko sach batane ki kosis karte he karte he😂,bhai video me 50% se jyada wrong information diya he🤣,angrej ne jhuthi books likhi to make uttrakhand people believe that British always help them and nepalese are worst ,by doing this strategy so that uttrakhand peope will not take the side of nepal and to make uttrakhand gulam they did ,vai literally yr itna jyada misinformation failate ho bohot dukh hota he,pahadi logo ko alag karne k liye bohot misinformation failaya tha without proof ,so please aise faltu k juthi videos pe biswas mat kariye,ye log toh angrej aur mugals ko toh gorkha se accha ki batayenge na kyu ki hamare raja ne 57 ushbakt converted cristians aur pastor ko desh nikala kiya tha
क्रीस्चियन मिशनरीओं कि पुस्तकको आधार बनाकर आप लोग जिस तरह एक महान हिन्दुवादी राजतन्त्रको और इस पृथ्वी पर एक विशाल हिन्दुराष्ट्र का संकल्प लिए निकले गोर्खाओं को बदनाम करने कि कोशिश कर रहे हो? चिन्ता मत करो तुमारी आनेवाली पिढीं या तो इस्लाम कि या तो क्रीस्चियनों कि फिर से गुलाम होगी, जो गोर्खा गिता और महाभारत जैसे हिन्दु ग्रन्थ कि शपथ दिलाकर न्याय करता था वह अत्याचारी हो हि नहि सकतें? गोर्खा उन्हि से शक्ति से पेश आते थे जो उन के बनाइ गए कानुन व्यवस्था को चुनौती देता था जो अङ्ग्रेजों के लिए मुखवरी करते थे! कुछ गद्दारों के हि कारण गोर्खाओं को हिमाचल कुमाउ गडवाल चन्डीगड अवध सिक्किम बङगाल जैसे क्षेत्रओं को अङ्ग्रेजओं को देना पडा उस काल खण्ड में कुछ गद्दारओं ने गद्दारी नहि कि होती तो आज विश्व कि पटल पर एक शक्तिसाली सनातन हिन्दु किङडम होता! क्या करे🤔 तुम अङ्ग्रेज और मुगलों का जुठा चाट्नेवाले,आज भि किसी अंग्रेज़ कि चाटुकारिता करने वालों के पुस्तक का उदाहरण देकर एक कर्मठ और निडर गोर्खा जाती का अपमान कर रहे हो? जय महाकाली, आयो गोर्खाली! 🚩🚩 तुम लोगों कि एक खासियत हैं, तुम्हारी जुवान केवल अपनो के विरुद्ध हि निकलती है! 800 वर्ष मुगल और 200 वर्ष अङ्ग्रेजओं ने राज किया 1000 वर्ष दास बनाया तुमको? इन इतिहासकारों के पुस्तकों का उदाहरण देकर आँप बकवास कर रहि हो, उन इतिहासकारों ने मुगल और क्रीस्चियन के विरुद्ध कितने पुस्तक लिखें?🚩🇳🇵
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उस समय नेपाल ने कृश्चियन धर्म प्रचारकको नेपाल में प्रतिबन्धित करदिया था । इसि गुस्से में आकर बेलायती लोगों ने नेपाल के बारेमेँ कई गलत इतिहास लिखा और प्रचार किया !
Bhai shahab ye 50%galat batey hey kiyoki ye to us time they nahi or rahi bato ko to aapko pata hey ki ek baat hajaro logo ke muh se nikaltey nikaltey hajaro bar tadka lag chuki hoti hey Or ha nepal me jo chetri (khas) hey or dom's hey vo log humarey hi khun ke log hey
Bhai sab doglapan hai Gorkha khuch nahi bolte is liye hampe hawi hotey hai log,. Aur rahi baat krurta aur atyachar ki toh Panwar aur Chand Dynasty k sare Raja konse ache the unke atyachar pe video kyu nahi batane ye log, Maularam ne 'Gadgeet sangram'/Gadika natak likha hai usme prakram Shah k atyacharo k bare mai likha hai, usey b cover kare Barhamasa
Chalo 1806 aur uttrkhand ke pure gaon ghume ho aap. Chath shabad galat use kiya hai video me . Jaroori nhn ve chath word ka use same aise kar rhe ho jo aaj use aur uska meaning hau . Kya 3 majilo vaale ghar nhn the. Kya mahilaa. Upar vaale makaan me aagano me dhup ya kapde nhn sukhaati.. sirf pathar ke nhn ladki ke ghar bhi hai. Koti banaal jaise ghar hazaaro hai uttrkhand ne abhi bhi. Jabhi unke liye shabad bhi hai gharwalo or kumaoni me jaise. Thibarru, dhandyaalu, chaubaru, chaazh, nimdaari, saangaadh, akhshaandh, tri pura, duipura, khantali.
Your channel is so underrated we need to promote History of Our own lovely state. I don't know why the people of India are more centred towards myths and legends rather than learning our actual history and learning from it.
@@acesolta4045 she forgot to mention how gorkha sold newari women and dhoti region women in banaras and haridwar. 🤣 now mostly leaders in gorkha regiment of india. 🤣 even himachali hates gorkhas. And gorkhas are busy looking for their forefather in kashmir 🤣. Calling us dhoti. Abhe madarchod tere janew ke samay chutiye tu apne aap dhoti baandh ke bhikhsa maangta hai. 🤣 aur hum pahaadiyo ko dhoti bol rha hai.
@@Garh52 95% of Nepalese can’t point utrakhnd place in map and never even heard the name and here you dhotis putting videos after videos about Nepalese people and it’s rulers 😂 Pa jeet dhotis and their weird obsession with Nepal.
this is more than 50% wrong information in video,britishers spread propagandas so that we khas pahadi people will be separated,people were strict at that time,if gorkha had done some mistake then you must research on the cruelty of Chand and Panwar dynasty which was more than gorkha.Gorkhas united all khas pahadi people ,so that in these time also the people of kumaon and gharwal can join gorkha regiment but biharis desi can't join.Abhi Gharwal k king ki maharani Malala Rajya laxmi shah nepal royal family se he aur tehri gharwal ki sansad vi he
मित्रों उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर, नृत्य, लोकगीत, और भाषाएँ हमारी पहचान और परंपराओं की अद्वितीय छवि हैं। यह सांस्कृतिक परंपराएं न केवल हमें हमारी जड़ों से जोड़ती हैं, बल्कि हमें एक सामूहिक समाज के रूप में एकजुट भी रखती हैं। गढ़वाली और कुमाऊँनी लोकनृत्य, जैसे कि जागर, पांडव नृत्य, और वीर योद्धाओं के रणभूत नृत्य, हमारे इतिहास और लोक संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हैं। इनमें निहित मूल्य, त्यौहार, धार्मिक मान्यताएं और रीति-रिवाज हमें हमारे पूर्वजों की समृद्ध विरासत से जोड़े रखते हैं। आज के दौर में, जहां आधुनिकता के प्रभाव में लोग अपनी मूल भाषाओं और परंपराओं से दूर होते जा रहे हैं, हमें अपनी सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने की जरूरत है। हमारी लोकभाषाएँ, जैसे कि गढ़वाली, कुमाऊँनी और जौनसारी, भी हमारे अस्तित्व का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, लेकिन यह चिंता का विषय है कि इनमें बातचीत करने वाले लोग घटते जा रहे हैं। नई पीढ़ी का हिंदी और अंग्रेजी की ओर झुकाव बढ़ रहा है,इसका तात्पर्य यह भी नहीं कि हमें इंगलिश और हिंदी से दूरी बनानी है। लेकिन इसे पूर्ण रूप से धारण जिससे हमारी लोक भाषाओं का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है। सभी समुदायों को मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है ताकि हम अपने-अपने लोक भाषा, कला, नृत्य, और परंपराओं को बचा सकें। इस दिशा में स्थानीय सांस्कृतिक उत्सवों, नृत्य कार्यक्रमों और भाषा शिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन मददगार साबित हो सकता है। जब हम इन परंपराओं में सहभागिता करेंगे, तो हमारी युवा पीढ़ी भी इनसे जुड़ी रहेगी। हमारी संस्कृति को बचाने के साथ-साथ हमें अन्य समुदायों की सांस्कृतिक धरोहरों का सम्मान करना भी सीखना चाहिए। हर संस्कृति की अपनी अलग पहचान और महत्व है, और हमें इन विविधताओं को स्वीकार कर एक-दूसरे का आदर करना चाहिए। इससे आपसी सामंजस्य बढ़ेगा और एक सकारात्मक समाज का निर्माण होगा। दूसरे समुदायों की परंपराओं और मान्यताओं को समझने से हम एक समृद्ध समाज बना सकते हैं, जहाँ सबकी पहचान को सम्मान मिलता है। हमारी यह सांस्कृतिक विरासत एक अमूल्य धरोहर है, जिसे हमें भावी पीढ़ियों के लिए संरक्षित करना है। अपनी संस्कृति का महत्व समझाने और उनकी जड़ों से जोड़ने के लिए हमें अपनी पीढ़ी को जागरूक करना होगा। जब हमारे बच्चे अपनी संस्कृति की महत्ता को समझेंगे और इसे गर्व से अपनाएंगे, तभी यह धरोहर सुरक्षित रह सकेगी। यही नहीं, वे अन्य संस्कृतियों को भी उतना ही महत्व देंगे और उनसे सीखते हुए उन्हें सम्मानित करेंगे। उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर हम सभी के लिए गर्व का विषय है। इसे सहेजना और अगली पीढ़ी को सौंपना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। इस विरासत को बचाने के लिए हमें मिलकर प्रयास करना होगा, अपनी भाषाओं और परंपराओं का सम्मान करना होगा, और दूसरी संस्कृतियों का भी महत्व समझना होगा। जब हम अपनी संस्कृति और परंपराओं को सजीव रखेंगे, तभी हमारा इतिहास और हमारी पहचान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।
🔔 Cruel alien creature watchmans, worst than demons Who killed lakhs innocent ppl mercilessly, that's why begging money ,food, Medicine from the world, became slaves of China , have no self respect anywhere in the world 😎 That's karma for them !!
Bhai this is not the right video of saying jai gurkhali Kehne ko to ye bhi keh skte h Ki gorkhas ne 10 saal koshish kri pr kabja nhi kr paaye uttrakhand pe Jab bhukamp aaya aur rajvansh hii gya tb gurkha aaye hamla krne Isme kya bahaduri h Please be wise and kind Dont comment shit Tb
I'm from sudrupaschim Nepal.. my district shares border with champawat... Maine toh yeh bhi padha thaa kahi .. ek waqt me baz chand ne kumou rajya east karnali tak banaya thaa
थैंक्स प्रगति आपका प्रेजेंटेशन बहुत शानदार है मैं एक आर्किटेक्ट हू और हिस्टोरिकल और कंजर्वेशन आर्किटेक्चर के काम करता हूं आपकी जानकारी बहुत अच्छी लगी आप से एक अनुरोध करना चाहूंगा सालों बीत गए है लेकिन कुमाऊं और गडवाल के लोगों में कहीं न कही एक कुमाऊनी गड़वाली वाला बिद्वेस देखते हैं हम लोग जो कि मेरी समझ में अच्छा नहीं है मेरी समझ मे कालांतर मे कभी ये दोनों एक ही हुवा करते थे मैं चाहूंगा आप इस पर कोई अच्छी सी रिफरेंस के साथ डाक्यूमेंट्री बनाएं जिससे इन दोनों जगह के पड़े लिखे लोग इस गडवाली कुमाऊनी सोच का विरोध कर पाए और इस दोनो समाज की सोच बदल सके हम इंतजार करेंगे आप की इस विषय मै डाक्यूमेंट्री की धन्यवाद आर्किटेक्ट हेम जोशी चंडीगढ़
भारतीय लाेग जब भि बाेंलेंगे, दुसराेंकाे निचा दिखाएंगे, चाहे वाे हकिकत हाे चाहे ईतिहास हाे, हम नहिं जानते कि ईनके पास रखे ईभिडेन्स कितना वास्तविक हैं, ईनकाे सहि ईभिडेन्स देने के लिए मैं चुनाैती देता हुँ
हमारे पूर्वज गढ़वाल नरेश के दीवान थे, परिवार में आज भी गोरखा अत्याचारों और हरिद्वार के दास बाज़ार की बात होती है तो कई विचार और आयाम निकलते हैं। यद्यपि ये ज़रूर है कि गढ़वाल में गोरखा आज भी सम्मान से नहीं देखे जाते, बीते समय के आक्रांता और आज के मज़दूर ही समझा जाता है ।
this is more than 50% wrong information in video,britishers spread propagandas so that we khas pahadi people will be separated,people were strict at that time,if gorkha had done some mistake then you must research on the cruelty of Chand and Panwar dynasty which was more than gorkha.Gorkhas united all khas pahadi people ,so that in these time also the people of kumaon and gharwal can join gorkha regiment but biharis desi can't join.Abhi Gharwal k king ki maharani Malala Rajya laxmi shah nepal royal family se he aur tehri gharwal ki sansad vi he
I belong to Kinnaur of Himachal Pradesh. Gorkha ruled Rampur Bushahar also . Gorkha Army tried to conquer Kinnaur also but could not do so and had to go back. You have given a very good information related to Gorkhali rule in your state. Thanks .
😂😂😂 seriously Saare pahadi ek hai bhai gorkha are non different mai Nepal se hi hu we are same ye sab history bakwas hai kuch bhi faltu likha hai British rulers neh ye ladai rajao ki thi na ki janta ki rajao ko bas badnaam kiya gya hai history mai jabki loktantra neh hamko luta hai rajao neh Kam se kam desh ko bachai rakha jab Tak unka Shashan tha
@@samrath3251 Oh gorkhya ek koini h . Gorkhyo ne yha ki dharti pe mughlo se kam cruelty nhi dikhayi .. I too have heard about the barbaric rule of gorkhyas from my elders .
@@SR-xz7nz 😂😂😂 utrakhand se ho kya bhai dekho bhai raj tantra mai kya huwa kis neh kiya kyu Kiya ye na mai janu na tum toh unn ka hisaab kitab mai kaise batau ha mai app orr bakiyo k liye kya kr sakta hu is pr Mera bas chal sakta hai
@@20062601 only Britishers reference who rewrite their own version ..lol, we all knows how britisher manipulated the history , their propaganda is always same divide and rule . इतिहास को जब भी पढ़े, उसके दोनो पहुलिओ को अपने दिमाग में अवश्य रखे । अखंड भारत में युद्ध हमेशा से और हर जगह थे राजाओं के बीच में थे पर Slavery सिर्फ और सिर्फ ब्रिटिशर की वजह से आई क्योंकि उन्हें सिर्फ लूटना था ।
हेल्लो प्रगती नमस्कार । कुमाउ कि गोर्खाणी राज कि बात जानकर खुसि हुइ। मै नेपाली हु लेकिन हमे कुमाउनी ब्राह्मण कहते है। कुमाउनी चन्द राजा के कुल गुरु भि उस वक्त शायद तिवारी ब्राह्मण हि थे। लेकिन नेपाल मे उपाध्याय ब्राह्मण का हि बोलबाला है। हम कुमाउनी ब्राह्मण का महत्व कम है हालाकी नेपाल मे ज्यादातर गुरुकुल तिवारी पन्त और पाण्डे ब्राह्मण हि चलाते थे। एक बात बताना चाहता हु कि फिरङ्गी ( अंग्रेज़ ) का लिखा हुवा इतिहात ९०% गलत है । इतना अत्याचार गोर्खालिओ ने किया है बिश्वास नहि होता। अङ्ग्रेज कि बातो को बिश्वास मत करो क्यो कि गोर्खाली राजा से सब अंग्रेज़ नाराज थे वजय ये था कि उन्हो नि क्रिश्चियन धर्म प्रचारक पादरियो को नेपाल से निकाल दिया था।
@@bhojrajtiwari4263 oli kumai bahun ho pro ali education pugena timro aahile dherai kumaoni bahun bharat kai bibhina thau bhata chanda raja ra katuriya le bolayera gayeka thiye. Kumaoni tiwari afai nagar brahmin thiye gujarat ka iitihas padhdha ramro dherai kumaoni bahun nepal ka joshi thiye jun mahrashtra ka jyotishe thiye jaslai chanda rajale bolayera durbar ma kaam garna ga thiye. Aahilaka kumai regmi mainali tehi joshi ka pusta hun. Lohani rajasthan bata almora chire. Pande haru gaud sarswat brahmins thiye jun kumaon chire rajakai prastab ma. Panta pani karhade brahmin thiye jun maharasthra bata kumaon ma chire. Farak yeti ko hi sabai bahun nepal ka samma india ko terai ma basthey paxi raja le bolayera pahad chireka hun. Mera khanal ka purkha haryana ko kurukshetra ra karnal area vanni thauka thiye pahila hamro surname kaushik thiyo paxi argakanchi ka raja le bolyera khana bata khanal bako ra aahile pani hamro basobas gulmi ra argakanchi mai xa. Aali iithas paadha ramro bro. Ani oli haru kumai nai hunxan garhwali hainan. Oli ra upreti eeutai thau bata aako vaninxa tyo ho pitoragarh
इस वीडियो के माध्यम से दुर्लभ जानकारी दी गयी है जो प्रशंसनीय है किन्तु जैसा मैंने सुना है उसके अनुसार मैंने इस वीडियो की वक्ता "प्रगति" को उनका नाम "प्रगती" बोलते हुये सुना,दूसरा जब किसी शब्द को बहुवचन (Plural) में बोला जाना चाहिए तो शब्द के अंतिम अक्षर में अं की बिंदी लगाकर बोला जाना चाहिए जैसे गोरखा का बहुवचन होगा गोरखे,या "गोरखाओं" कई बार सुना गया "गोरखाओ" इसी प्रकार पुरुषों को "पुरुषो" औरतों को "औरतो "खुंकरियों" को "खुंकरियो" सुना गया,"सुव्यवस्थित" को "सूव्यवस्थित" सुना गया याने बोला गया है ऐसे बहुत सारे शब्द हैं जिनमें अं की बिंदी का उच्चारण बहुवचन वाले शब्दों में लोगों द्वारा नहीं किया जा रहा और ह्रस्व और दीर्घ मात्राओं वाले शब्दों के उच्चारण में गलतियाँ हो रही हैं,इस प्रकार के उच्चारण की अशुद्धियाँ उत्तर प्रदेश के लोगों से बहुतायत में सुनने को मिल रहे हैं जिनसे बचा जाना चाहिए।
इसमे कइ बात अंग्रेजो ने लिखा इतिहास है , जिसने गोर्खा बिरोधि बात लिखा है । क्यों कि ये इतिहासमे अंग्रेजो ने गोर्खा को पराजित करना नहिं सकने से ये झुट फैलाया था ।
@@NobitaKaBilla4865 at first britishers brainwashed you and now bihari desi people brainwashed you,they desi people don't want to see we Khas Pahadi people united.you can search also about malala rajya laxmi shah who is currently MP(sansad) of tehri gharwal of BJP party(and also she belongs to nepal royal family) and she is wife of present so called king of gharwal as well. sister hamare bir yoddha logo ne bohot last saas tak hamko bachane ki kosis ki thi,hamare gaddaro ne britishers ko fort ka paani supply bataya tha aur britishers ne cut kiya paani supply isiliye abhi ka kumaon gharwal ko chodna padha tha,Hamare king ki age 16 years thi jab anglo nepal war of 1814-1816 huwa tha,famous Nalapani war 5000 advanced british army vs 600 gorkha war vi abhi k dehradun me huwa tha jisme bohot kosis k baad vi british ham ko fight karke nahi hara paaye aur paani supply cut karke chodna pada tha,last me hamare bir balbhadra ne kaha tha ki tum log hamko fight karke kabhi nahi jit paayoge ab ham hamari marji se chod rahe the bola tha kyu ki british ne fight karke ham pahadi logo se nahi jita tha,We Majority people of today's uttrakhand and today's Nepal are of same ancestors and we are khas Pahadi people and we are not desi bihari people
Are you gadwali bro?? Cuz i am also bista nepali We are more or less the same khas arya pahadi people of western Himalayas. My request to all khas people to be always proud of their heritage. Forget bout past, but always remember one thing that kumaon and gadwalis aren't Biharis or UPs, Britishers merged Uttarakhand with United Provinces. Under gorkhas, we constituted a united pahadi kingdom. We have deep respect for kumaonis, gadhwalis and even people of Himachal.
See in India when u fight Gurkha...the best alternative is Garhwalis....ye British ne 1814 me kiya tha....aur Indian Army me bhi yahi hota he....we know Gurkhas better than others...we r their rivals as well as best friends.... Gurkhas to the Gurkhas banane me Garhwali n kumaoni bhi he.....
😂😂😂 नेपाली राजा को भी राजपूत बना दिया। गढवाली इतिहास में लिखा है 8 या 10 लाख के आसपास गड़वाली को गोरखा हर साल बेच देते थे। मतलब 11 साल में कम से कम 50 लाख गढवाली को बेचा होगा। इतनी जनसंख्या तो 200 साल की मिलाकर भी नहीं है गढवाल की😂। और कुमाउँ का 70% भूभाग नेपाल के पास है। कुमाउँ की जनता ने ही डोटी गढवाल और कुमाऊनी गद्दार ब्राह्मणों पर हमला करने के लिए नेपाली को सहयोग दिया था। असली कुमाउँ भाषा नेपाल में बोली जाती है। गडवाली कुमाऊनी नेपाली जनता जो नेपाल के समर्थन में लड़ाई लड़ती थी उनको लोग गोरखा बोलते थे।उत्तराखंड में अधिकतर गोरखा गड़वाला कुमाऊ के ही मूल निवासी हैं। गडवाली इतिहास बोलता है गोरखा सेना मुगलों से अधिक खूंखार अत्याचारी थी अगर ये सच होता तो 1 महीने में ही गड़वाल की जनसंख्या खत्म कर देते गोरखा। सात आठ हजार की फौज थी गडवाल कुमाऊ में इतने कम सैनिक जनता का कुछ नही बिगाड़ सकते। गोरखा ने गडवाल में मंदिर और रास्ते बनाए महिलाओं निचली जातियों को उत्पीड़न से बचाया। गोरखा सख्त जातिप्रथा मानते थे उसके बावजूद भी भेदभाव उत्पीड़न नहीं करते थे गरीब को जमींदारों से आजाद कराया कुमाऊ डोटी गडवाल में इसीलिए जनता ने गोरखा का साथ दिया। आज गड़वाली कुमाऊनी ना अपना इतिहास जानते है ना भाषा हिंदी उर्दू मिक्स करके भाषा बोलते हैं। और गढ़वाल का तो बुरा हाल है सब अंग्रेजो से वफादारी करने का फल मिला है। जनता को शासक जब चाहे मूर्ख बना सकता है। गोरखा के खिलाफ जंग लड़के गड़वाली खुद अपने बच्चो नौजवानों को अंग्रेजी फौज को बेचने के लिए मजबूर हुवे ब्राह्मणों को प्रति व्यक्ति पैसा मिलता था गड़वाली को ब्रिटिश सरकार का नौकर और सैनिक बनाने के लिए। नेपाल ने अधिकतर सत्ता ब्राह्मणों के हाथ में नही थी इसलिए नेपाल बच गया।
Because we Kumaoni , Gadhwali, Gurkhas( later Nepalese )are from hilly regions. The higher the place more powerful people just like soneko jitna tapaya utna chamakta he reason.
Why would you not know us?? The khas pahadi aryas from uttarakhand, kumaon and nepal are same people. Surnames like karki, joshi, pant, pokhrel or pokhriyal, bista or bisht, thapa or thapliyal etc all belong to the khas pahadis of nepal and uttarakhand. General Amar Singh Thapa chhetri was also a khas pahadi rajput from nepal.
आज उन सब राज्यों को इंडिया ने अपना बना दिया है। कभी इंडिया भी 580 से ज्यादा राजाओं का देश होता था। कुमार गढ़वाल का संस्कृति और नेपाल से मिलती-जुलती है।
Angrej k jhuthi books jo ush bakt nepal k liye likha tha ,weshi books me aaj vi hamare yaha nepal me kuch chutiya log ye news ko sach batane ki kosis karte he karte he😂,bhai video me 50% se jyada wrong information diya he🤣,angrej ne jhuthi books likhi to make uttrakhand people believe that British always help them and nepalese are worst ,by doing this strategy so that uttrakhand peope will not take the side of nepal and to make uttrakhand gulam they did ,vai literally yr itna jyada misinformation failate ho bohot dukh hota he
Team baramasa आप सभी बधाई के पात्र हैं। आप सब बहुत ही मेहनती हैं। आपके द्वारा दी जाने वाली हर एक जानकारी अति महत्वपूर्ण होती है। हमे हमारा इतिहास बताने के लिए धन्यवाद है आपका।
बहेंजी बकवास बंद करो उत्तराखण्ड आज भी देवभूमि है तुम लेफ्ट विंग वाली लग रहे हो कुछ भी बकवास मेरे BUBU NE 2 WORLD WAR MAI ब्रिट्श सासन मैं चंदा दिया था और वे पापा को कई uttrakhadi पवित्र कल्चर के बरे मैं कहते थे ऐसा कुछ नहीं था अफगानी स्थान की कहने बता रहे हो।
@@prayagarya7960 पहले लेफ्ट विंग के बीरे में पढ़ना तब बकवास करना, पीसी जोशी का नाम सुना है, कमालाराम नौटियाल के बारे में सुना है पती कुछ है नहीं इतिहास का बल लेफ्ट विंग लेफ्ट विंग करते रहते हैं
😂😂😂 नेपाली राजा को भी राजपूत बना दिया। गढवाली इतिहास में लिखा है 8 या 10 लाख के आसपास गड़वाली को गोरखा हर साल बेच देते थे। मतलब 11 साल में कम से कम 50 लाख गढवाली को बेचा होगा। इतनी जनसंख्या तो 200 साल की मिलाकर भी नहीं है गढवाल की😂। और कुमाउँ का 70% भूभाग नेपाल के पास है। कुमाउँ की जनता ने ही डोटी गढवाल और कुमाऊनी गद्दार ब्राह्मणों पर हमला करने के लिए नेपाली को सहयोग दिया था। असली कुमाउँ भाषा नेपाल में बोली जाती है। गडवाली कुमाऊनी नेपाली जनता जो नेपाल के समर्थन में लड़ाई लड़ती थी उनको लोग गोरखा बोलते थे।उत्तराखंड में अधिकतर गोरखा गड़वाला कुमाऊ के ही मूल निवासी हैं। गडवाली इतिहास बोलता है गोरखा सेना मुगलों से अधिक खूंखार अत्याचारी थी अगर ये सच होता तो 1 महीने में ही गड़वाल की जनसंख्या खत्म कर देते गोरखा। सात आठ हजार की फौज थी गडवाल कुमाऊ में इतने कम सैनिक जनता का कुछ नही बिगाड़ सकते। गोरखा ने गडवाल में मंदिर और रास्ते बनाए महिलाओं निचली जातियों को उत्पीड़न से बचाया। गोरखा सख्त जातिप्रथा मानते थे उसके बावजूद भी भेदभाव उत्पीड़न नहीं करते थे गरीब को जमींदारों से आजाद कराया कुमाऊ डोटी गडवाल में इसीलिए जनता ने गोरखा का साथ दिया। आज गड़वाली कुमाऊनी ना अपना इतिहास जानते है ना भाषा हिंदी उर्दू मिक्स करके भाषा बोलते हैं। और गढ़वाल का तो बुरा हाल है सब अंग्रेजो से वफादारी करने का फल मिला है। जनता को शासक जब चाहे मूर्ख बना सकता है। गोरखा के खिलाफ जंग लड़के गड़वाली खुद अपने बच्चो नौजवानों को अंग्रेजी फौज को बेचने के लिए मजबूर हुवे ब्राह्मणों को प्रति व्यक्ति पैसा मिलता था गड़वाली को ब्रिटिश सरकार का नौकर और सैनिक बनाने के लिए। नेपाल ने अधिकतर सत्ता ब्राह्मणों के हाथ में नही थी इसलिए नेपाल बच गया।
एसी झूठी बातें फैला के लोगों में नफरत क्यों भरते हो गोरखा सैनिक से ज्यादा ईमानदार कोई नहीं था बुराइयों के लिए काल थे गोर्खा अच्छे लोगों पर कोई जुर्म नहीं किया झूठी अफवाह की किताबें आप पढ़ा रही हो !'उत्तराखंड भी नेपाल का धरोहर हुआ करता था आज हमारे परिवार इधर से उधर हो गए ! नेपाल हमारे दादा पर दादा की जन्मभूमि है जय उत्तराखंड जय नेपाल आमा 🙏🇳🇵
@@chuski_009 नेपॉल वाले सीमा में लाक़र क़भी भि लड़ाई नहीं कर्ता क्यूँकि भारत ने जिन जिन जगावोमे सीमा बनाया हैं वो सब (विशाल नेपॉल) greater nepal का अंग हैं, गोरखपुर यूपी, आधा विहार, उत्तराखण्ड, पूरे हिमानचल छेत्र, कमाल गढ़वाल काला पानी, लिपुलेख़, लिंपियाधुरा से सतलज नदी काँगड़ा तक, पूर्व में सिलीगुड़ी क़रिडोर, सिक्किम, दार्जीलिंग ईस छेत्रक़ो नेपाल सदियों से देश क़े हिस्से ओर वाहाक़े जानताक़ो आफ़ने घर क़े भाईं समझ्ते हैं लेकिन वाहा क़े नेपाल विरोधी नेताओकि कारण देश टुकड़ा टुकड़ा होयया था, क़ोही नेपाली नागरिक मुस्लिम होगय क़ोही भारतीय क़ोही अंग्रेज़ क़े नाजायज़ संतान लेक़िन नेपॉल देश माहादेब क़े भूमि हैं यहाँपर सदियों से भग़्वान क़ी कृपा रहींहैं य सारें भुभाग़ ज़मीन क़े मालिक़ माहादेब हैं, जिनदग़ानि में आज़ आक़ार ए देख़्नेक़ो मिल रहा हैं, नेपॉल माताक़ी जितनेभि देश प्रेमी सन्तान हैं, सब लोग़ नेपॉल ओर हर नेपालीक़ो एक़ी देश एक़ी भूमि एक़ी झण्डा, एक़ संस्कृति आफ़नो मौलिक़ हर अधिक़ार मा ल्यायर नेपॉल देश मा आफ़नो एक़ मुट्ठी साँस क़ो संसारकै सबैभँदा ठुलो देब भूमि नेपॉलमा आफ़ू लाईं समर्पण ग़र्न चाहांछन, क़िनक़ी ऊनी हरूँ लाईं आफ़नो ज़्यांन भनदा प्यारो आफ़नो देशक़ो माटों लाग़दछ, विशाल नेपॉल अबस्य सम्भव छ, र विशाल देश क़ी नेपॉल आमाक़ो ज़य होंस, हर हर माहादेब हिन्दू रास्ट्र नेपॉल ज़िन्दाबाद l 🚩🚩🇳🇵🇳🇵🇳🇵❤️❤️🫶
आप की टीम एक अलग तरह की पत्रकारिता कर रहे हैं। आप सभी को धन्यवाद और शुभकामनाएं। आज की व आगे पीछे के एपिसोड में मुझे तो यही लगता है कि जो होता है उसमें तीन पक्ष होते हैं एक वो जो एस में होते हैं, दुसरे वो जो सिस्टम से लड़ रहे होते हैं और तीसरे वो जो मात्र जीवन के जद्दोजहद में लगे रहते हैं।ये सिलसिला हर दौर में लगा रहता है ़़़़़़़़़़
Angrej k jhuthi books jo ush bakt nepal k liye likha tha ,weshi books me aaj vi hamare yaha nepal me kuch chutiya log ye news ko sach batane ki kosis karte he karte he😂,bhai video me 50% se jyada wrong information diya he🤣,angrej ne jhuthi books likhi to make uttrakhand people believe that British always help them and nepalese are worst ,by doing this strategy so that uttrakhand peope will not take the side of nepal and to make uttrakhand gulam they did ,vai literally yr itna jyada misinformation failate ho bohot dukh hota he,pahadi logo ko alag karne k liye bohot misinformation failaya tha without proof ,so please aise faltu k juthi videos pe biswas mat kariye,ye log toh angrej aur mugals ko toh gorkha se accha ki batayenge na kyu ki hamare raja ne 57 ushbakt converted cristians aur pastor ko desh nikala kiya tha ,.
History must be told. & Respect for baramasa there are only few videos on history of uttrakhand in youtube ,Great effort. & there is also a lesson in this for other states even with all these Atrocities Gurkha's & gadhwali's & kumaoni's are very close & unite. People have forgotten nd forgiven. So Which is a good thing.
Angrej k jhuthi books jo ush bakt nepal k liye likha tha ,weshi books me aaj vi hamare yaha nepal me kuch chutiya log ye news ko sach batane ki kosis karte he karte he😂,bhai video me 50% se jyada wrong information diya he🤣,angrej ne jhuthi books likhi to make uttrakhand people believe that British always help them and nepalese are worst ,by doing this strategy so that uttrakhand peope will not take the side of nepal and to make uttrakhand gulam they did ,vai literally yr itna jyada misinformation failate ho bohot dukh hota he,pahadi logo ko alag karne k liye bohot misinformation failaya tha without proof ,so please aise faltu k juthi videos pe biswas mat kariye,ye log toh angrej aur mugals ko toh gorkha se accha ki batayenge na kyu ki hamare raja ne 57 ushbakt converted cristians aur pastor ko desh nikala kiya tha
I praud to be Uttrakhandi. You know History always distorted on regional level on heroic notes and high moral ground and dipicted some regional people as Hero on very high moral grounds and values. This fills a very positive and high energy in their people. You know, Uttrakhand history is almost like Sikkim. The difference is, one became part of India in 1975 after independence, while present Uttrakhand by British India in 1814 and drafted by Sugauli Treaty. Any country publish history according to their teste and favour and create one or more as Hero/Leader of this history and made him as role model of their fellow country men. Like in our history of Mahtama Gandhi ji, who is dipicted on high moral ground and leader of India's independence. I'm not curtailing their role. His role was important but not as dipicted in our history, Gandhi Ji was than social activist like Anna Hazare today, who stands against atrocities. Hence, first of all we must understand this fact. Now tell me who made independent to other lots of other so poor African countries after second world war who were colonised. You people knows, This was happened because European countries like Britain came under huge debt and their economy had shattered after second world war and their position topple to handle to these countries, moreover, United Nation was founded in 1945 as to check and balance to prevent war in future and a resolving body of world affairs and that put on pressure on colonial powers to let them free. That's why France, Britain, Purtugal and Spain have liberated one by one those countries were colonised by them for 200 to 300 years. I have been few African countries and also read history of other countries.
Yes well said ... sikkim was under gorkha for 40 years kumau for 20 + years and gadwal for 12 and in between and before many historical facts are hidden which was untouched....
I would like to make a little correction tho: Firstly I will start by saying "A Nation is not a geographic territory BUT its people" and from this point of view I DONOT agree that present Uttrakhand became part of India "only" after 1814 (Sugauli Treaty) narrative as propagated by Nepal. Story of India and it's Indian race starts from 9000 yrs old Mehrgarh Civilization moving forward to Indus valley phase (6000 yrs) and then to Vedic age (3500 yrs) to modern times. Genetic evidence clearly shows that "almost" all modern day Indians (including people of Uttrakhand) are direct descendants of people from Indus valley civilization AND Nepal was NOT part of Indus valley civilization (and as a matter of fact no civilization at all !). From this prospective Nepal just handed over occupied Indian lands to the Britishers BUT Nepal certainly did NOT posses any right to rule those parts to begin with. Nepal was just ruling people from a distinct civilization who were also genetically different than them by forceful occupation. (This is completely different from Sikkim's case... as India conducted a referendum in Sikkim and people of Sikkim voted overwhelmingly in favour of India (democracy) against a monarch (dictatorial rule) and from 1975 to present Indian government has invested more than 100,000 crores in Sikkim for the betterment of the people of Sikkim and has modernized the state on many aspects)
@@tusharrawat6670 tum pahadi log bas sarkari naukari k peeche bhaago . Tera galti nahi hai poora pahadi mindset aisa hi hai , ki sarkari Naukri nahi mili to sab khatam , sab barbad ho jaaega.
@@VikashSingh-vp6zl tera mentality hai gyan dev ban kar assume kar lena. Wo govt employee bane ya palayan kar ke plate saaf kare tune aisa kyun maan liya ke tu jyada akalmand h aur usse behter janta hai uske bare mein ? Pahadi mindset? Desi hai tu to jaa kar UP Bihar theek kar lena Bhaiya.
this is more than 50% wrong information in video,britishers spread propagandas so that we khas pahadi people will be separated,people were strict at that time,if gorkha had done some mistake then you must research on the cruelty of Chand and Panwar dynasty which was more than gorkha.Gorkhas united all khas pahadi people ,so that in these time also the people of kumaon and gharwal can join gorkha regiment but biharis desi can't join.Abhi Gharwal k king ki maharani Malala Rajya laxmi shah nepal royal family se he aur tehri gharwal ki sansad vi he.
I have lived in temples in kumaon n garhwal made by or supported by then gorkha rulers.... given rice field n etc for the taking care n to worship..... War is cruel but gurkhas come to garhwal to fight n stop British not to force crueality to garhwal people.......
Bhai sab doglapan hai Gorkha khuch nahi bolte is liye hampe hawi hotey hai log,. Aur rahi baat krurta aur atyachar ki toh Panwar aur Chand Dynasty k sare Raja konse ache the unke atyachar pe video kyu nahi batane ye log, Maularam ne 'Gadgeet sangram'/Gadika natak likha hai usme prakram Shah k atyacharo k bare mai likha hai, aur Gorkha haya khud nahi aye the bulaya gaya tha Harsh dev Joshi dwara usey b cover kare Baramasa
Gorkha came to gadwal to stop british but not to unleash cruelty its your own hypothesis bhai...initially gorkha lost from kumau and gadwal in their attack but as the video mentions due to internal dispute of rulers they won kumau and right after gadwal was hit by massive earthquake known as great himalayan tsunami they triumph the gadwal region...
@@sandeepsinghnegi7106 hai bhai Gorkha pehle 1790 mai Kumaon mai jitey fir 1791 Garhwal mai attack Kiya waha treaty of langurgarh hua jismei panwar Raja ko 25000 annual tax dena pda uske baad 1803 mai jab earthquake aya tab attack Kiya Garhwal mai jaha Jeet Gaye vo uske baad pardyuman Shah haridwar Jake 12000 logo ki sena ikhata kre dubara attack Kiya Gorkha pe jaha pe khurbhura mai unki death ho gai. Aur Gorkha pehle nahi the Nepal sey 1191AD mai Ashokchalla aur Krachalla rule kar chuke hai uttrakhand unka mention Baleshwar mandir k tambptr mai milta hai jo ki ache Raja hua krte the bhot logo ki madad ki hai, my point is aise adhe adhure facts video sey disputes create hota hai jo ki uttrakhand mai already bad raha hai hame apas mai ekta chaiye na ki batwara.sab pahadi cultures apas mai ek dusre ko madad kare aur uttrakhand aur aagey Jaa sake. 🙏
मैं बारहमासा के सभी सदस्यों का बहुत बहुत धन्यवाद करता हूं कि आप सभी चैनल के माध्यम से उत्तराखंड में हुई अब तक की सभी घटनाओं से हमें अवगत कराते रहे है। मेरा आपकी टीम से निवेदन है की एक बार जौनसार बाबर के लाखामंडल गांव के बारे में एक फुल वीडियो भी बना दीजिए।। ताकि हमें भी लाखामंडल के पांडव कालीन इतिहास के बारे में पता। धन्यवाद जय देवभूमि जय उत्तराखंड 🙏🙏
Angrej k jhuthi books jo ush bakt nepal k liye likha tha ,weshi books me aaj vi hamare yaha nepal me kuch chutiya log ye news ko sach batane ki kosis karte he karte he😂,bhai video me 50% se jyada wrong information diya he🤣,angrej ne jhuthi books likhi to make uttrakhand people believe that British always help them and nepalese are worst ,by doing this strategy so that uttrakhand peope will not take the side of nepal and to make uttrakhand gulam they did ,vai literally yr itna jyada misinformation failate ho bohot dukh hota he,pahadi logo ko alag karne k liye bohot misinformation failaya tha without proof ,so please aise faltu k juthi videos pe biswas mat kariye,ye log toh angrej aur mugals ko toh gorkha se accha ki batayenge na kyu ki hamare raja ne 57 ushbakt converted cristians aur pastor ko desh nikala kiya tha .
Angrej k jhuthi books jo ush bakt nepal k liye likha tha ,weshi books me aaj vi hamare yaha nepal me kuch chutiya log ye news ko sach batane ki kosis karte he karte he😂,bhai video me 50% se jyada wrong information diya he🤣,angrej ne jhuthi books likhi to make uttrakhand people believe that British always help them and nepalese are worst ,by doing this strategy so that uttrakhand peope will not take the side of nepal and to make uttrakhand gulam they did ,vai literally yr itna jyada misinformation failate ho bohot dukh hota he,pahadi logo ko alag karne k liye bohot misinformation failaya tha without proof ,so please aise faltu k juthi videos pe biswas mat kariye,ye log toh angrej aur mugals ko toh gorkha se accha ki batayenge na kyu ki hamare raja ne 57 ushbakt converted cristians aur pastor ko desh nikala kiya tha
मनुस्मृति से दंड देते थे बोल रहे हैं इनसे बड़ा सनातनी कौन हिंदू होगा। पिछले वक्तव्य में आपने बोला वो हिंदू नहीं थे। वो हिंदू ही हैं श्रीमहाकाली गुरु गुरुगोरक्षनाथ के पुत्र हैं।
Angrej k jhuthi books jo ush bakt nepal k liye likha tha ,weshi books me aaj vi hamare yaha nepal me kuch chutiya log ye news ko sach batane ki kosis karte he karte he😂,bhai video me 50% se jyada wrong information diya he🤣,angrej ne jhuthi books likhi to make uttrakhand people believe that British always help them and nepalese are worst ,by doing this strategy so that uttrakhand peope will not take the side of nepal and to make uttrakhand gulam they did ,vai literally yr itna jyada misinformation failate ho bohot dukh hota he,pahadi logo ko alag karne k liye bohot misinformation failaya tha without proof ,so please aise faltu k juthi videos pe biswas mat kariye,ye log toh angrej aur mugals ko toh gorkha se accha ki batayenge na kyu ki hamare raja ne 57 ushbakt converted cristians aur pastor ko desh nikala kiya tha
this is more than 50% wrong information in video,britishers spread propagandas so that we khas pahadi people will be separated,people were strict at that time,if gorkha had done some mistake then you must research on the cruelty of Chand and Panwar dynasty which was more than gorkha.Gorkhas united all khas pahadi people ,so that in these time also the people of kumaon and gharwal can join gorkha regiment but biharis desi can't join.Abhi Gharwal k king ki maharani Malala Rajya laxmi shah nepal royal family se he aur tehri gharwal ki sansad vi he.
Bhai aapko kuch forget ya forgive karne ki jarurat nahi hai. Lekin yeh toh confirm kar lo ki jo Angrez( Atkinson) keh rahe hain aur jo aapke buzurg keh rahein hain, woh ek hi cheez hai. Mujhe dono alag alag cheeze lagte hain ... Atkinson ke hisaabh se 'slave trade' hua jo puri tarah se jhoot hai aur aapke buzurgon ke hisaab se Gorkhaon ke wajah se bahut taqleef hue, jo puri tarah se satya hai, kyonki unko fauz ko palna padh raha tha ... In today's world people mix these two things and accept it as a gospel truth. Isse hamare Garhwali aur Kumaoni population mein ek victimhood paida karta hai .. aur manobal giraata hai . Isse Gorkha logon ko kuch fark nahi padega , chahe koi kuch samjhe, lekin aapke manobal mein iss jhoot ke karan fark padega ...
@@samirthapa6145 Bro hmare manobal m koi kami na thi na hei ye hmare purkhon ki jameene hein hame nahi angrezo na utna kasth or peeda phunchayi th na hi mughals ne jeetna gorkhaon ne atank felaya th uttarakhand m m kisi angrez ki books pre belive kru na kru par m apne bujurgo ki btayi huvi baaton p jarur bharosa krunga or ye kh kar apna pala jhad lena ki unko army ko palna padra th toh vo hme loote ye khn se shi hai hmri auroto ke sath mass rape or trading huvi thi its true chahe toh aap uttarakhand ke kisi bhi historian se confirm kr lein and i am tagging a link here of Narendra singh Negi who always pointed out the issues in Uttarakhand th-cam.com/video/Pd10WKD9hwc/w-d-xo.html
@@JOY1428 : Aise toh Angrezon ne 'Harry Potter' bhi likha hai ... usko bhi maan loge saanch? Link bhej doon Harry Potter ka? Isliye sirf kitaabh leekh lene se kuch nahi hota ... uske liye physical saboot chahiye.... kya ek bhi physical saboot hai?
@@samirthapa6145 Bhai tumme common sense h ya nahi thoda 200 saal phle ka physical saboot dun m tumhe aaj k time pe or mene kab bola mein angrezon ki kitab p beleive kra hu m apne purvazon ki btayi huvi cheezon p yakin kara hu jo ki sach hei or dusri baat fictional story or reality m fark hota h bhai
@@JOY1428 : Bhai, kuch physical saboot rehta hai ... jo iss aur ishaara karta hai ... Yeh aapko bilkul andaaz nahi hoga ki muje Garhwali samaaj ke logon se kita lagao hai ... mere bachpaan ka best friend ek 'Barthwal' hai ... dhoondh ne koshish kariye ... agar 'slave trade' hua hoga, toh kisi na kisi roop mein koi saboot hoga ... hum sabhi ko Truth chahiye bhai ..
आज भी कुमाऊं में कहावत है,, किसी भी बात होती है तो बोलते है गोरखा राज है क्या,,, मतलब ये की गोरखा राज बहुत ही बुरा था,, अपने दादा जी से v सुना था की गोरखाओं ने कुमाऊं मे बहुत अत्याचार किया था,,, आप की बताइए गई जानकारी एक दम सही है
Bilkul sahi khaa.itne chote saankaal m bhi inlogo nai bahut atyachaar kiye. Kyuki ye ek junglee army thee en logo ko raaj Krna nahi aata thaa. Lekin y log apne discipline or ekta k kaaran bahut famous hue. En logo n he Punjab k jallianwala baagh m nihatte logo mai firing ki thi.
@@rachitrawat937 😂😂chup kar barna gorkha lagadunga yeh bhashya toh uttarakhand ke gaun mein hain nah. Chal kohi bhi ho uttrakhand toh nepal hi tha. Gopal kaal se lekhar gorkha kaal tak. Jay himavat khanda nepal
बिल्कुल सही कहा है, गोरखा सैनिकों ने अमानवीय कृत्य किया था,गोरखाणी अत्याचारों के कारण ही अंग्रेजों की मदद लेकर गुलामी से मुक्ति मिली थी, देश में अंग्रेजों से आजादी मिलने पर बहुत खुशी मिली परंतु गढ़वाल कुमाऊं तथा हिमाचल में गोरखा अत्याचारों से मुक्ति मिली
@@omkarchettri405 ये गलत जानकारी नहीं,ये इतिहास में ऐसा काला धब्बा है जो उस समय के गोरखा कमांडर अमर सिंह थापा ने सैनिकों ने किया था। नेपाल के राजा उस समय एक 7-8 साल का बच्चा था तथा इसी कारण गोरखा कमांडर अमर सिंह थापा निरंकुश हो गया था
@@Jagmohan-i3l this is more than 50% wrong information in video,britishers spread propagandas so that we khas pahadi people will be separated,people were strict at that time,if gorkha had done some mistake then you must research on the cruelty of Chand and Panwar dynasty which was more than gorkha.Gorkhas united all khas pahadi people ,so that in these time also the people of kumaon and gharwal can join gorkha regiment but biharis desi can't join.
@@Hemsingh-k6u इतिहास को झुठलाना अच्छी बात नहीं। यह एक ऐसा विभत्स इतिहास है जिसे झुठलाना उन नीरीह गढ़वाली कुमाउनी आम जनता की मौत को भूलना है जो उस समय के गोरखों के अत्याचारों की भेंट चढ गये,पुराने बुजुर्गों लेखकों रियासत कालीन कवियों ने अपनी आनेवाली पीढ़ियों को उस गोरख्याणी अत्याचार की कहानी बयां की है
@@Hemsingh-k6u मैने उस गोरख्याणी इतिहास को पढा है जो खुद अभी काठमांडू लाईब्रेरी में गोरखों द्वारा लिखा गया है,पहले इतिहास पढ़ो फिर ऐसे मुद्दों पर कमेंट करना
You did a good job trying to create animosity between pahadi people. You based your narrative on anecdote of a Anglo-Saxon overseer of East India company. Even if it was true, let bygones be bygones, don't scratch healed wounds.
it has written by Britisher and those kings who got thr kingdoms after supporting Britisher.. you never get such information in doti area.. Even you can search Bhakti thapa wiki where nepal kingdom issued a letter for stopping human trafficking
@@SR-xz7nzGorkhali ne accha dulai kiya heh. Kya tum mujhe bta skto ho ki ek dialogue garwal meon famlus hey ki - jab kohi baccha rota heh tyo uski maa kehti hey ki mat roh barna gorkha aayenge😂kya yeh kahete the
Even if Amar wanted to leave himachal, utrakahdn or kangra alone. It wouldn’t be easy. He would be accused as traitor and tortured. Soldiers were given lands and needed money so taxes had to be collected.
😂😂😂 नेपाली राजा को भी राजपूत बना दिया। गढवाली इतिहास में लिखा है 8 या 10 लाख के आसपास गड़वाली को गोरखा हर साल बेच देते थे। मतलब 11 साल में कम से कम 50 लाख गढवाली को बेचा होगा। इतनी जनसंख्या तो 200 साल की मिलाकर भी नहीं है गढवाल की😂। और कुमाउँ का 70% भूभाग नेपाल के पास है। कुमाउँ की जनता ने ही डोटी गढवाल और कुमाऊनी गद्दार ब्राह्मणों पर हमला करने के लिए नेपाली को सहयोग दिया था। असली कुमाउँ भाषा नेपाल में बोली जाती है। गडवाली कुमाऊनी नेपाली जनता जो नेपाल के समर्थन में लड़ाई लड़ती थी उनको लोग गोरखा बोलते थे।उत्तराखंड में अधिकतर गोरखा गड़वाला कुमाऊ के ही मूल निवासी हैं। गडवाली इतिहास बोलता है गोरखा सेना मुगलों से अधिक खूंखार अत्याचारी थी अगर ये सच होता तो 1 महीने में ही गड़वाल की जनसंख्या खत्म कर देते गोरखा। सात आठ हजार की फौज थी गडवाल कुमाऊ में इतने कम सैनिक जनता का कुछ नही बिगाड़ सकते। गोरखा ने गडवाल में मंदिर और रास्ते बनाए महिलाओं निचली जातियों को उत्पीड़न से बचाया। गोरखा सख्त जातिप्रथा मानते थे उसके बावजूद भी भेदभाव उत्पीड़न नहीं करते थे गरीब को जमींदारों से आजाद कराया कुमाऊ डोटी गडवाल में इसीलिए जनता ने गोरखा का साथ दिया। आज गड़वाली कुमाऊनी ना अपना इतिहास जानते है ना भाषा हिंदी उर्दू मिक्स करके भाषा बोलते हैं। और गढ़वाल का तो बुरा हाल है सब अंग्रेजो से वफादारी करने का फल मिला है। जनता को शासक जब चाहे मूर्ख बना सकता है। गोरखा के खिलाफ जंग लड़के गड़वाली खुद अपने बच्चो नौजवानों को अंग्रेजी फौज को बेचने के लिए मजबूर हुवे ब्राह्मणों को प्रति व्यक्ति पैसा मिलता था गड़वाली को ब्रिटिश सरकार का नौकर और सैनिक बनाने के लिए। नेपाल ने अधिकतर सत्ता ब्राह्मणों के हाथ में नही थी इसलिए नेपाल बच गया।
@@acesolta4045 Cruel alien creature who killed lakhs of innocent ppl can not be justified, it's their problem if they had to feed their army , nobody invited them to come and attack, that's why became a slave begger nation now..with no self respect anywhere in the world 😎
Thank you ..! I cant thank you enough , the Efforts you are doing for todays Youth and teach them our culture our history which noone talks about not even our Parents or our grandparents.. This is important as our history our culture is dying . Thank you again for it. Jai hind Jai uttarakhand🙏
If you have been to Doon, there was/is Astley Hall near Rajpur Road. Infront of Astley Hall is Gandhi Park. After Anglo-Gorkha war, this was a huge ground where British burned hundreds of bullock-carts ( bail-gadi) of Garhwali , Nepali and Kumaoni books These books were history and literature looted from libraries. This bon-fire lasted for a week or so. We know this because we lived in Doon since many generations. What was the purpose of the British to destroy our books? To destroy our culture and language, and rewrite their version of history. Since Nepal was an independant country, the Nepali language was never in danger ... but Garhwali & Kumaoni suffered. Jai Hind ! Jai Dev bhoomi !
@@samirthapa6145 तुम नेपाली लोग हम उत्तराखंडी की चिंता मत करो भाई हम उत्तराखंडी और भारतीय अपना कल्चर भाषा खुद सम्भाल लेंगे आयी बात समझ में .........एक तरफ तुम नेपाली कह रहे हो कि हम पीढ़ियों से भारत में रह रहे हैं और दूसरी तरफ गीत नेपाल के गा रहे हो और हमे मत सिखाओ कि हमारी गढ़वाली कुमाऊनी हिन्दी का क्या भविष्य है तुम अपने नेपाल चीन की सोचो..... तुम्हारा नेपाल भी 1815 में अंग्रेजों से हार गया था लेकिन वहां कि भुखमरी को देखकर अंग्रेजों ने वहां राज ना करके वहां एक सैन्य टुकडी रखी थी जिसका खर्चा नेपाल का राजा उठाता था
@@rajuniyal2898 to isme iska kya dosh ? Vidiyo nhi dekhi kya tune ? Shuru mein kya bola ke samaj nhi shasak ka raj hota tha. Ashoka aur Chola par bada proud hota hai tume jab wo Indonesia tak Raj karte the . Bewkufi ki koi to hadd rakho,Nepal humare itihas ka kadwa sahi abhing hissa hai,tum rote raho aaj ke logo se chido. Tum Musalman se daro,Buddhist se khaar khao aur Nepali se khafa raho,sardar zameen le gar tarai ki uss par rona karo. Bewkuf bane rahi bas heen bhawna rakho aage na bado
@@tusharrawat6670 Nepali's begger can't tell indians about progress 😁😁 as u are surviving on Indian's donations, we are 5tg largest economy in the world 😎 we'll never forget Traitors of Nepal's helped Britishers after in 1857 time of Jhansi ki Rani and Mangal Pandey, they crushed rebellion indian army against Britishers, that's why facing karma and begging from the world now 😎
आज योगी जी का सुशासन देख कर लगता है कि राज्य अलग करवा कर कोई बड़ा काम नहीं किया, हालाँकि योगी जी का संन्यास-पूर्व जीवन गढ़वाल से था ये स्वयं गौरव का विषय है।
@@tusharrawat6670 It seems that you have little knowledge of the facts, haridwar and rishikesh are a part of Uttarakhand, और रही बात बरेली की तो हमारा परिवार देश विदेश में बसा हुआ है, आपको अपने घर परिवार की चिंता करनी चाहिए।
@@RahulUrvashi what ? Little knowledge? I'm living in UP since last 20 years ,what the hell are you propagating here about Ajay Bisht? Yeah Kashipur and Sitarganj are also in UK but that's not Almora or Pithoragarh,do you really couldn't understand what i meant or you want me to spoon feed. Lol you only made an absurd statement about getting our own state for which people of UK lost their lives, although opportunist have no loyalty. It's Ajay Bisht today Lalu or Akhilesh tomorrow.
this is more than 50% wrong information in video,britishers spread propagandas so that we khas pahadi people will be separated,people were strict at that time,if gorkha had done some mistake then you must research on the cruelty of Chand and Panwar dynasty which was more than gorkha.Gorkhas united all khas pahadi people ,so that in these time also the people of kumaon and gharwal can join gorkha regiment but biharis desi can't join.Abhi Gharwal k king ki maharani Malala Rajya laxmi shah nepal royal family se he aur tehri gharwal ki sansad vi he,
Can u make a video how many original gorkhali ( pahadi ksatriya of small gorkha kingdom n magar n gurung excluding magar of palpa n sikkim who fought with magar of gorkha itself during for his king ) were in gorkha army who took kumaon n how many soldiers of annexed kingdoms were there who were not seen much loyal soldiers. Like from jumla, palpa n doti ( eastern Nepali kirati annexed by actual gorkhali first fought for gorkha king only during gorkha vs british war in eastern front ). N how many kumaoni soldiers were there when gorkha kingdom ( gorkha kingdom from today s sikkim to Kumaon) attacked garwal . N how many kumaoni n garwali soldiers when gorkha kingdom annexed sirmour or kangra ( sikh writter had mentioned about combined force of gorkha, kumaoni, garwali they r not aware of other pahadi original identity before gorkha expansion to todays nepal uttarakhand border ) . As per my knowledge there were no doteli soldier in gorkha vs kumaon war as doti was annexed in 1789 n kumaon including baitadi in 1790. but there were many doteli n kumaoni soldiers when gorkha kingdom took garwal in 1804. So how doteli n kumaoni including Nepali of baitadi dist) r seen differently in garwal apart from nationality . N also other western Nepali pahadi like jumli, palpeli etc to west of gorkha kingdom who r also called gorkhali today in india) . Or if modern nepal as made though gorkha kingdom expansion n changing name in 1923 would have been under indian union was gorkhas expansion would have been seen like expansion of sikh kingdom or maratha kingdom with glory against british ruler ? Just like annexed Nepali of diff kingdoms with diff pahadi dialect see today gorkha expansion as unification for same nationality ? spcly all pahadi of Nepal n magar , gurung n some kirati of east. Some kirati of todays east nepal, sikkim still see as annexation sply limboo, rai, lepcha. When u present some history u shd be aware of complete history. Otherwise people take it as ethnic issue rather than power issue. Cuz khas of palpa n jumla kingdom of todays west nepal fought with khas of gorkha itself many times under his king n magar of palpa fought with magar of gorkha itself under his king if it's ethnic issue
Garhwali ppl r brainwashed by their corrupted historian their job is to make their kings hero,great warrior n make kumaonis deceitful , in their book garhwali kings did not die by defeat in the war they just killed by kumaoni king by cheat 🤷♂️ 🤣🤣
I m from Nepal. Our forefathers were also ruled by the same rulers at that time. Such mistreatment was not here. British historians have presented the history in such a way that the British invasion in south east Asia can be justified and the British rulers get sympathy from Indians.
गौरखो ने उत्तराखंड मे बहुत अत्याचार किये है जी उस समय देबि भगवती दीबा ने रक्षा करती थी जैसै गोरखा आते थे उपर पहाड़ो से आवाज लगाया करती व उनको सतर्क कर देती थी जै मा भगवती दीबा
this is more than 50% wrong information in video,britishers spread propagandas so that we khas pahadi people will be separated,people were strict at that time,if gorkha had done some mistake then you must research on the cruelty of Chand and Panwar dynasty which was more than gorkha.Gorkhas united all khas pahadi people ,so that in these time also the people of kumaon and gharwal can join gorkha regiment but biharis desi can't join.Abhi Gharwal k king ki maharani Malala Rajya laxmi shah nepal royal family se he aur tehri gharwal ki sansad vi he.
आज भी हमारे बुर्जुग कोई गलत करता है तो उसको क्यो क्या गोरखा राज समझ रखा है इसी बात से समझ जाओ कितने अत्याचारी थे उनको उनके बुर्जुगो ने बताया होगा तभी ना वो इतिहास नही पढे जो हुआ वही बात आगे की पीढ़ी बतायी ।❤
this is more than 50% wrong information in video,britishers spread propagandas so that we khas pahadi people will be separated,people were strict at that time,if gorkha had done some mistake then you must research on the cruelty of Chand and Panwar dynasty which was more than gorkha.Gorkhas united all khas pahadi people ,so that in these time also the people of kumaon and gharwal can join gorkha regiment but biharis desi can't join.
Bhai christian ke propoganda se bahar aa. Tu indian ko christian itna bhadka chuka he eak eg he tumhara Pm modi. Gorkha ka raja ne tow christian aur mughal se hindu dharma bachaya tha aur Jeet bhi liya tha. Tumhara Shivaji, Chauhan aur Maharana pratap ne kya kiya???
अंग्रेजी फिरंगी लेखकों द्वारा गोरखाओं को निचा दिखाने के लिए गलत लिखा गया था। उस हि सच मानकर इतिहास को तोड मरोड नहि करना चाहिए। कांगडा से टिस्टा तक का गोर्खा (खस आर्य किरात) साम्राज्य को ग्रेटर नेपाल कहा जाता है।
😂😂😂 नेपाली राजा को भी राजपूत बना दिया। गढवाली इतिहास में लिखा है 8 या 10 लाख के आसपास गड़वाली को गोरखा हर साल बेच देते थे। मतलब 11 साल में कम से कम 50 लाख गढवाली को बेचा होगा। इतनी जनसंख्या तो 200 साल की मिलाकर भी नहीं है गढवाल की😂। और कुमाउँ का 70% भूभाग नेपाल के पास है। कुमाउँ की जनता ने ही डोटी गढवाल और कुमाऊनी गद्दार ब्राह्मणों पर हमला करने के लिए नेपाली को सहयोग दिया था। असली कुमाउँ भाषा नेपाल में बोली जाती है। गडवाली कुमाऊनी नेपाली जनता जो नेपाल के समर्थन में लड़ाई लड़ती थी उनको लोग गोरखा बोलते थे।उत्तराखंड में अधिकतर गोरखा गड़वाला कुमाऊ के ही मूल निवासी हैं। गडवाली इतिहास बोलता है गोरखा सेना मुगलों से अधिक खूंखार अत्याचारी थी अगर ये सच होता तो 1 महीने में ही गड़वाल की जनसंख्या खत्म कर देते गोरखा। सात आठ हजार की फौज थी गडवाल कुमाऊ में इतने कम सैनिक जनता का कुछ नही बिगाड़ सकते। गोरखा ने गडवाल में मंदिर और रास्ते बनाए महिलाओं निचली जातियों को उत्पीड़न से बचाया। गोरखा सख्त जातिप्रथा मानते थे उसके बावजूद भी भेदभाव उत्पीड़न नहीं करते थे गरीब को जमींदारों से आजाद कराया कुमाऊ डोटी गडवाल में इसीलिए जनता ने गोरखा का साथ दिया। आज गड़वाली कुमाऊनी ना अपना इतिहास जानते है ना भाषा हिंदी उर्दू मिक्स करके भाषा बोलते हैं। और गढ़वाल का तो बुरा हाल है सब अंग्रेजो से वफादारी करने का फल मिला है। जनता को शासक जब चाहे मूर्ख बना सकता है। गोरखा के खिलाफ जंग लड़के गड़वाली खुद अपने बच्चो नौजवानों को अंग्रेजी फौज को बेचने के लिए मजबूर हुवे ब्राह्मणों को प्रति व्यक्ति पैसा मिलता था गड़वाली को ब्रिटिश सरकार का नौकर और सैनिक बनाने के लिए। नेपाल ने अधिकतर सत्ता ब्राह्मणों के हाथ में नही थी इसलिए नेपाल बच गया।
When britishers ended gorkha rule, but backed out from promise of handing garhwal back to Shah rulers, people celebrated, as they knew Britishers were less cruel..
Slave trading tabhi kaam karti hai, agar woh profitable ho. African slave trade isliye centuries tak chali kyonki America aur South America mein cotton plantation ( hazaron hectare farm) the, hard labour ke liye mazdoor chahiye the. Indian slave trade jo Maurituis, Fiji, Guyana, West Indies etc mein isliye chali kyonki Bihar , Bengal aur East UP ke mazdoor , sugarcane plantation ke liye chahiye the. Nepal ke paas koi plantation nahi tha, koi factory nahi thi. Agar woh slaves khareed bhi litien hain, toh koi laabh nahi. Ghar par bitha kar khilana padega ... Yeh ek kapol kalpith Angrezon ka divide aur rule ka hissa tha ... propaganda tha . Koi sabut hai toh dikhain. Atkinson likhtein hain ki .... 🙂 Nepali, Garhwali aur Kumaoni mein roti aur beti ka rishta hai ... aaj bhi. [ Mistake: unhe Rohilkhand ke Barielly mein becha jaata tha ... Saara Bharatvarsh including Rohilkhand par Britain ka raj tha, jo Nepal ke dushman the. Kya yeh sambhav hai ki hum apni vastu apne dushman ke desh mein sale karein? Jaise ki koi free-trade-agreement ho 🙂 ... Sabh kapol kalpith logic hai , Atkinson ka .... ]
Bhai sab doglapan hai Gorkha khuch nahi bolte is liye hampe hawi hotey hai log,. Aur rahi baat krurta aur atyachar ki toh Panwar aur Chand Dynasty k sare Raja konse ache the unke atyachar pe video kyu nahi batane ye log, Maularam ne 'Gadgeet sangram'/Gadika natak likha hai usme prakram Shah k atyacharo k bare mai likha hai, aur Gorkha haya khud nahi aye the bulaya gaya tha Harsh dev Joshi dwara usey b cover kare Baramasa
बारामासा चैनल से अनुरोध है कि नेपाल के उस इतिहास पर विस्तार से विवरण दे जब गोरखा सेनाओं ने काठमांडू पर विजय पाने के बाद वहाँ के लोगों के शारीरिक अंगों को काटे थे ।
@@Fire10101 even though it was a rumour but at least being a history learner we should know what actually was that story? who was that Christian paster? In which book those things were mentioned? I have heard about that story somewhere but could not get the whole story and its time. Could you please make a video on that topic. Even though it was a rumour let it be. At least we need to know that.
@@tenzinwangchuk4423 a Capuchin paadari came and settled in Kathmandu valley who was chased away by the Gorkhali army after the victory in Kathmandu valley.
Sorry to say you are reading a distorted version of history because the late 17th and early 18th century Britisher came and distorted the history and our few Indian writers and personalities ( like Raja Ram Mohan Roy and even Tegor ) also supported them please read the history with the sense of GeoPolitics angle.
Totally agree with you! It is easy to distort the thinking of people by false history. That's why, they were able to rule many places in the world by creating hates among people. Of course, there are some people who are mentally colonized and start thinking though the history westerner provided.
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Why you dhotis so much focused on what happened ages ago? So sad. Move on.
@@acesolta4045 धोती क्या होता है नेपाली घुसपैठियों ये तो बता दो तुम नेपाली लोग हमारे भारत और उत्तराखंड का खाते हो और मिर्च भी लगती है 😀
@@acesolta4045 oye nepali dutiyal... ji saabji bol aur nikal idhar se....
@@acesolta4045 और आज ये चिंकी नेपाली हमारे यहां चाउमीन मोमो की ठेली लगाते है,और डूतीयाल/मजदूर और चौकीदार है।😂😂
ye nepali log border pe patthar baazi kar rahe hai uttrkhand border pe and even overseas these nepalis hate indians, we need to teach them a lesson if they dont behave properly in doon, havent seen any issue with them since 90's but recently they have been showing us a lot of attitude....
अच्छी प्रस्तुति। यह किताब मैंने पढ़ी है। इससे हमें शिक्षा मिलती है कि विभिन्न समुदायों को आपस मे स्नेह से रहना चाहिए। आपसी लड़ाई से दुश्मन मजबूत होता है। पुराने मतभेद भुलाकर समाज और राष्ट्र के के विकास के लिए काम करना चाहिए । हम सब कुमाऊंनी, गढ़वाली, गोरखे, जौनसारी, पंजाबी, बंगाली आदि मूल के लोग अब उत्तराखंड में स्नेहपूर्वक रहते हैं। मानव इतिहास में पहले तो ना जाने क्या क्या हुआ है। कुछ व्यक्तियों के बुरे व्यवहार के कारण पूरे समुदाय को बुरा कहना अनुचित है। आज के गोरखे हमारे देश और दुनिया की शान हैं। अंग्रेजों ने हम पर अत्याचार किये पर अब वहाँ एक भारतीय मूल का प्रधानमंत्री है। जय हिंद, जय उत्तराखंड।
क्लास मे नेपाली बिषय मे नालापानी हम भि पढते थे उसमे गोर्खाली फौज का गाथा था !ये भिडियो और हमारे किताब मे 98% सच इतिहास बताया गया हे ,फिर बचपन याद आगया ❤
Na bhule hen na bhulenge Jai Uttarakhand
@@YouthCare01oy nepali pathar phod liye ki 😅😅
बिष्ट जी हम(( शिल्पकार डूम)) कभी तुम्हारे साथ नही आयेंगे ।।।।।
हजारों सालों की जलालत को भूल जाएं क्या ???
@beautifulnature7389 फोड़ लिया भाई 😊
गोरखा शासन ने उत्तराखंड के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ा, खासकर कुमाऊँ और गढ़वाल क्षेत्रों में। 1790 में रणबहादुर शाह के नेतृत्व में गोरखाओं ने कुमाऊँ पर कब्जा किया और 1815 तक यहां शासन किया। इस दौरान गोरखाओं ने अपने अनुशासन, न्यायप्रियता, और अद्वितीय प्रशासनिक व्यवस्था से पूरे क्षेत्र को प्रभावित किया।गोरखा शासकों ने कठोर न्याय व्यवस्था लागू की, जिसमें स्थानीय अधिकारियों और सेना के अधिकारियों का प्रमुख योगदान था। उनकी कर व्यवस्था और 'दीप' प्रणाली ने न केवल न्याय को सुनिश्चित किया बल्कि समाज में अनुशासन भी बनाए रखा।गढ़वाल पर भी गोरखाओं का आक्रमण सफल रहा। 1804 में अमर सिंह थापा ने गढ़वाल को अपने अधीन किया और इस क्षेत्र में भी गोरखा शासन की छाप छोड़ी। उनके शासन में, कुमाऊँ और गढ़वाल दोनों क्षेत्रों में स्थायित्व और सुरक्षा का माहौल बना रहा।1814 में गोरखाओं और अंग्रेजों के बीच हुए युद्ध ने उनकी वीरता और रणनीतिक क्षमता को भी प्रदर्शित किया। हालांकि, अंग्रेजों के साथ संगौली की संधि के बाद गोरखाओं को उत्तराखंड छोड़ना पड़ा, लेकिन उनके अनुशासन, बहादुरी, और अद्वितीय प्रशासनिक कौशल की छाप आज भी उत्तराखंड के समाज और संस्कृति में देखी जा सकती है।गोरखाओं का उत्तराखंड पर शासन केवल एक राजनीतिक घटना नहीं थी, बल्कि यह उनके अनुशासन, वीरता, और न्यायप्रियता की गाथा है, जो सदियों तक याद की जाएगी।
True with Fact information bro!!
Wow
Aaj uttarakhand ka kya haal h??
Kitne pratishat uttrakhandi log kumaun aur gadwali m baat krte h??
Uttarakhand ki sabhyata abb UP Ke hindi ki sabhayata ban chuki h pahadi nhi reh gaye h gadwal aur kumaon k log.
Pahadiyon ko ek hona chahiye.
@Sammy-lv9iv मित्रों
उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर, नृत्य, लोकगीत, और भाषाएँ हमारी पहचान और परंपराओं की अद्वितीय छवि हैं। यह सांस्कृतिक परंपराएं न केवल हमें हमारी जड़ों से जोड़ती हैं, बल्कि हमें एक सामूहिक समाज के रूप में एकजुट भी रखती हैं। गढ़वाली और कुमाऊँनी लोकनृत्य, जैसे कि जागर, पांडव नृत्य, और वीर योद्धाओं के रणभूत नृत्य, हमारे इतिहास और लोक संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हैं। इनमें निहित मूल्य, त्यौहार, धार्मिक मान्यताएं और रीति-रिवाज हमें हमारे पूर्वजों की समृद्ध विरासत से जोड़े रखते हैं।
आज के दौर में, जहां आधुनिकता के प्रभाव में लोग अपनी मूल भाषाओं और परंपराओं से दूर होते जा रहे हैं, हमें अपनी सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने की जरूरत है। हमारी लोकभाषाएँ, जैसे कि गढ़वाली, कुमाऊँनी और जौनसारी, भी हमारे अस्तित्व का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, लेकिन यह चिंता का विषय है कि इनमें बातचीत करने वाले लोग घटते जा रहे हैं। नई पीढ़ी का हिंदी और अंग्रेजी की ओर झुकाव बढ़ रहा है,इसका तात्पर्य यह भी नहीं कि हमें इंगलिश और हिंदी से दूरी बनानी है। लेकिन इसे पूर्ण रूप से धारण जिससे हमारी लोक भाषाओं का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है।
सभी समुदायों को मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है ताकि हम अपने-अपने लोक भाषा, कला, नृत्य, और परंपराओं को बचा सकें। इस दिशा में स्थानीय सांस्कृतिक उत्सवों, नृत्य कार्यक्रमों और भाषा शिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन मददगार साबित हो सकता है। जब हम इन परंपराओं में सहभागिता करेंगे, तो हमारी युवा पीढ़ी भी इनसे जुड़ी रहेगी।
हमारी संस्कृति को बचाने के साथ-साथ हमें अन्य समुदायों की सांस्कृतिक धरोहरों का सम्मान करना भी सीखना चाहिए। हर संस्कृति की अपनी अलग पहचान और महत्व है, और हमें इन विविधताओं को स्वीकार कर एक-दूसरे का आदर करना चाहिए। इससे आपसी सामंजस्य बढ़ेगा और एक सकारात्मक समाज का निर्माण होगा। दूसरे समुदायों की परंपराओं और मान्यताओं को समझने से हम एक समृद्ध समाज बना सकते हैं, जहाँ सबकी पहचान को सम्मान मिलता है।
हमारी यह सांस्कृतिक विरासत एक अमूल्य धरोहर है, जिसे हमें भावी पीढ़ियों के लिए संरक्षित करना है। अपनी संस्कृति का महत्व समझाने और उनकी जड़ों से जोड़ने के लिए हमें अपनी पीढ़ी को जागरूक करना होगा। जब हमारे बच्चे अपनी संस्कृति की महत्ता को समझेंगे और इसे गर्व से अपनाएंगे, तभी यह धरोहर सुरक्षित रह सकेगी। यही नहीं, वे अन्य संस्कृतियों को भी उतना ही महत्व देंगे और उनसे सीखते हुए उन्हें सम्मानित करेंगे।
उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर हम सभी के लिए गर्व का विषय है। इसे सहेजना और अगली पीढ़ी को सौंपना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। इस विरासत को बचाने के लिए हमें मिलकर प्रयास करना होगा, अपनी भाषाओं और परंपराओं का सम्मान करना होगा, और दूसरी संस्कृतियों का भी महत्व समझना होगा। जब हम अपनी संस्कृति और परंपराओं को सजीव रखेंगे, तभी हमारा इतिहास और हमारी पहचान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।
आपने, बहुत ही रोचक ढंग से कुमाऊं और गढ़वाल (आज का उत्तराखंड) में गोरखा शासन की अवधि में हुए अत्याचारों का वर्णन किया है। मैं यह कहना चाहता हूं कि जहां तक मुझे ज्ञात है, हरिवंश महाभारत का भाग नहीं है, अपितु एक अलग ग्रंथ है। कृपया इस तथ्य की ढूंढ खोज करके इसमें सुधार कर लें। धन्यवाद।
कैप्टन टी एस सुयाल, हल्द्वानी.
Angrej k jhuthi books jo ush bakt nepal k liye likha tha ,weshi books me aaj vi hamare yaha nepal me kuch chutiya log ye news ko sach batane ki kosis karte he karte he😂,bhai video me 50% se jyada wrong information diya he🤣,angrej ne jhuthi books likhi to make uttrakhand people believe that British always help them and nepalese are worst ,by doing this strategy so that uttrakhand peope will not take the side of nepal and to make uttrakhand gulam they did ,vai literally yr itna jyada misinformation failate ho bohot dukh hota he,pahadi logo ko alag karne k liye bohot misinformation failaya tha without proof ,so please aise faltu k juthi videos pe biswas mat kariye
Very good knowledge, Baramasa is good but this episode's research is weak
@@thansinghsuyal5362 नेपॉल वाले सीमा में लाक़र क़भी भि लड़ाई नहीं कर्ता क्यूँकि भारत ने जिन जिन जगावोमे सीमा बनाया हैं वो सब (विशाल नेपॉल) greater nepal का अंग हैं,
गोरखपुर यूपी, आधा विहार, उत्तराखण्ड, पूरे हिमानचल छेत्र, कमाल गढ़वाल काला पानी, लिपुलेख़, लिंपियाधुरा से सतलज नदी काँगड़ा तक, पूर्व में सिलीगुड़ी क़रिडोर, सिक्किम, दार्जीलिंग ईस छेत्रक़ो नेपाल सदियों से देश क़े हिस्से ओर वाहाक़े जानताक़ो आफ़ने घर क़े भाईं समझ्ते हैं लेकिन वाहा क़े नेपाल विरोधी नेताओकि कारण देश टुकड़ा टुकड़ा होयया था, क़ोही नेपाली नागरिक मुस्लिम होगय क़ोही भारतीय क़ोही अंग्रेज़ क़े नाजायज़ संतान लेक़िन नेपॉल देश माहादेब क़े भूमि हैं यहाँपर सदियों से भग़्वान क़ी कृपा रहींहैं य सारें भुभाग़ ज़मीन क़े मालिक़ माहादेब हैं, जिनदग़ानि में आज़ आक़ार ए देख़्नेक़ो मिल रहा हैं, नेपॉल माताक़ी जितनेभि देश प्रेमी सन्तान हैं, सब लोग़ नेपॉल ओर हर नेपालीक़ो एक़ी देश एक़ी भूमि एक़ी झण्डा, एक़ संस्कृति आफ़नो मौलिक़ हर अधिक़ार मा ल्यायर नेपॉल देश मा आफ़नो एक़ मुट्ठी साँस क़ो संसारकै सबैभँदा ठुलो देब भूमि नेपॉलमा आफ़ू लाईं समर्पण ग़र्न चाहांछन, क़िनक़ी ऊनी हरूँ लाईं आफ़नो ज़्यांन भनदा प्यारो आफ़नो देशक़ो माटों लाग़दछ, विशाल नेपॉल अबस्य सम्भव छ, र विशाल देश क़ी नेपॉल आमाक़ो ज़य होंस, हर हर माहादेब हिन्दू रास्ट्र नेपॉल ज़िन्दाबाद l 🚩🚩🇳🇵🇳🇵🇳🇵❤️❤️🫶
बलभद्र थापा नहीं कुंवर थे । भक्ति थापा
जो ७५ वर्ष के थे और गोरखा सैना का कमान सम्हाले थे , उनका सामना अंग्रेजी फोज से हुआ। ओर उनके वीरगति पाने के पश्चात युद्ध विराम हुआ, तब सुगोली संधी के बाद नये बाडर बने ।
गोरखा सेना हिंदू सेना थी , उन्होंने इस प्रकार का कोई काम नहीं किया जो धर्म के विरुद्ध है ।
बारामासा आप सही इतिहास को बतायें,आप बगैर तथ्य को जाने अपने तरफ से बातें ना रखें।
पहाड़ों पर छत में कपड़े सुखाने कैसे जाते थे? ये तो हास्यास्पद बात है। जिसकी जैसी मर्जी आए वैसा इतिहास लिखा जाता था
😂😂😂😂😂sahi hai bhai. 😂😂😂😂
@@bhupendrajethi3008 नेपॉल वाले सीमा में लाक़र क़भी भि लड़ाई नहीं कर्ता क्यूँकि भारत ने जिन जिन जगावोमे सीमा बनाया हैं वो सब (विशाल नेपॉल) greater nepal का अंग हैं,
गोरखपुर यूपी, आधा विहार, उत्तराखण्ड, पूरे हिमानचल छेत्र, कमाल गढ़वाल काला पानी, लिपुलेख़, लिंपियाधुरा से सतलज नदी काँगड़ा तक, पूर्व में सिलीगुड़ी क़रिडोर, सिक्किम, दार्जीलिंग ईस छेत्रक़ो नेपाल सदियों से देश क़े हिस्से ओर वाहाक़े जानताक़ो आफ़ने घर क़े भाईं समझ्ते हैं लेकिन वाहा क़े नेपाल विरोधी नेताओकि कारण देश टुकड़ा टुकड़ा होयया था, क़ोही नेपाली नागरिक मुस्लिम होगय क़ोही भारतीय क़ोही अंग्रेज़ क़े नाजायज़ संतान लेक़िन नेपॉल देश माहादेब क़े भूमि हैं यहाँपर सदियों से भग़्वान क़ी कृपा रहींहैं य सारें भुभाग़ ज़मीन क़े मालिक़ माहादेब हैं, जिनदग़ानि में आज़ आक़ार ए देख़्नेक़ो मिल रहा हैं, नेपॉल माताक़ी जितनेभि देश प्रेमी सन्तान हैं, सब लोग़ नेपॉल ओर हर नेपालीक़ो एक़ी देश एक़ी भूमि एक़ी झण्डा, एक़ संस्कृति आफ़नो मौलिक़ हर अधिक़ार मा ल्यायर नेपॉल देश मा आफ़नो एक़ मुट्ठी साँस क़ो संसारकै सबैभँदा ठुलो देब भूमि नेपॉलमा आफ़ू लाईं समर्पण ग़र्न चाहांछन, क़िनक़ी ऊनी हरूँ लाईं आफ़नो ज़्यांन भनदा प्यारो आफ़नो देशक़ो माटों लाग़दछ, विशाल नेपॉल अबस्य सम्भव छ, र विशाल देश क़ी नेपॉल आमाक़ो ज़य होंस, हर हर माहादेब हिन्दू रास्ट्र नेपॉल ज़िन्दाबाद l 🚩🚩🇳🇵🇳🇵🇳🇵❤️❤️🫶
छत के उपर का अर्थ है उचाई पर जाना टीनों के या पुवाल के छत के नीचे जो कपडे सुखाने की जगह होती थी वहां भी महिलाओं को जाना आना मना था
Pathal k pathat ki chat hoti thi aur kapde v sukhaye jate they unko pathar rakh kar sukhaya jata tha
😂😂 ha pathr ke makano m kapde sukhane chaat main
बेटी आप गोरखाओंकी हिं बेटी हो । आपकी बातो से द्वेष हिं बढेगा । आपको पूर्खोंकी एक करनेकी ऐतिहासिक प्रयत्नको सराहना करना चाहिए । गोरखा नेपाल मानव विश्व रखखक होते हैं । इसबातकि इजाफा करते हुवे प्रधान मन्त्रि मोदी भी नहि थकते । आपकी नजरिया सुधार लो ।
Right
नेपाल के राजाओं का गलत था राजा को बंदी बनाया जाता था जिसे नजरबंद कहा जाता है और सेनापति ही राज करते थे इसलिए राज के लिए लोगों पर इतना जुर्म किया लोग कभी भी नहीं भूल पाएंगे जबकि बाद में अंग्रेजों और गढ़वाल के राजा की मदद से संपूर्ण गढ़वाल और कुमाऊं से गोरखा भगा दिए गए
इतिहास पढ़ो पहले गढ़वाल और कुमाऊं का पहले गढ़वाल और कुमाऊं एक ही था बाद में गढ़वाल के राजा ने एक भाग कुमाऊं छोटे बेटी और गढ़वाल बड़े बेटे को दे दिया आगे चलकर के गढ़वाल और कुमाऊं अलग राज्य शासन होगा उसके बाद गोरखा ओं का शासन 25 साल कुमाऊं और 12 साल गढ़वाल लेकिन लेकिन यह शासन अच्छा नहीं था क्योंकि वह लोग मुगलों की तरह पापी और क्रूर थे उनका वंशज कैसे हो सकते हैं जबकि गढ़वाली और कुमाऊंनी ऐसे नहीं थे ऐसे तो गढ़वाल तिब्बत पर जीत हासिल की लेकिन गोरखा हूं जैसा अत्याचार नहीं किया
Tumhare logon ne glat Kiya tha or aaj tum bhug rhe ho or bhugtoge
Tum log Hindu kehlane ke layak nahi ho
Gorkhaon ki beti ho kaise?
बहुत अच्छी जानकारी। कायदे से कक्षा 10 तक के उत्तराखण्ड के बच्चों के पाठ्यक्रम में ऐसी क्षेत्रीय जानकारी होनी चाहिए। बारामासा का आभार।
Abe ye sab angrej ne likha jhytha history bataya he,video me 50% se jyada misinformation he😂😂,angrej did this to make uttrakhand people believe that Britishers always do good for the people to make gulam and Nepalese are bad ,bhai kassam se itna misinformation 😂
गरीबों का शोषण होता आया है और होता रहेगा,,ये सदेव सत्य है ,,🙏🙏
Angrej k jhuthi books jo ush bakt nepal k liye likha tha ,weshi books me aaj vi hamare yaha nepal me kuch chutiya log ye news ko sach batane ki kosis karte he karte he😂,bhai video me 50% se jyada wrong information diya he🤣,angrej ne jhuthi books likhi to make uttrakhand people believe that British always help them and nepalese are worst ,by doing this strategy so that uttrakhand peope will not take the side of nepal and to make uttrakhand gulam they did ,vai literally yr itna jyada misinformation failate ho bohot dukh hota he,pahadi logo ko alag karne k liye bohot misinformation failaya tha without proof ,so please aise faltu k juthi videos pe biswas mat kariye
जहाँ भी गरिबोंका शोसण होता हि हे।एक बर्ग मै हि नहि अपना हि बर्ग ओैर अपना हि भाइ-भाइ मै भी होरहा हे ।
Bhai insan Agyani he , woh insan hi nahi banega alag alag dharam jati or rashtra me bant jate he Phir amir garib insano me janwar ko dekhte he , insano ko dharam jati or unch nich tyag kar insan banke ek hona chaiye bhulke sab batware insan bano
this is more than 50% wrong information in video,britishers spread propagandas so that we khas pahadi people will be separated,people were strict at that time,if gorkha had done some mistake then you must research on the cruelty of Chand and Panwar dynasty which was more than gorkha.Gorkhas united all khas pahadi people ,so that in these time also the people of kumaon and gharwal can join gorkha regiment but biharis desi can't join.Abhi Gharwal k king ki maharani Malala Rajya laxmi shah nepal royal family se he aur tehri gharwal ki sansad vi he
प्रगति जी आपके द्वारा एकत्र की गई जानकारी सराहनीय है।मैं भी इतिहास में रूचि रखता हूं।उस वक्त छत पर धूप सेकनी व कपडे़ सुखाने वाली बात से मैं सहमत नहीं हूं ,किंतु गोर्खाणी व ब्रिटिश शासन की जो जानकारी आपके द्वारा दी गई है वह सत्य है।गोरखा लोग सच्चे व ईमानदार थे।उन्हे गलत होते देखना बर्दास्त नहीं होता था।उनकी बहादूरी को देख कर अंग्रेज भी प्रभावित थे। जयहिंद।
Nepal had restricted European christian that time. So they wrote and spread all the wrong story about Nepal
मेरी समझ के अनुसार गोर्खानी एक अत्याचार का तरीका है|इससे मै सहमत नहीं हूं|
बाकीं आपके विचार बहुत अच्छे हैं
इतिहास का मुझे ज्ञान नही है
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क्रीस्चियन मिशनरीओं कि पुस्तकको आधार बनाकर आप लोग जिस तरह एक महान हिन्दुवादी राजतन्त्रको और इस पृथ्वी पर एक विशाल हिन्दुराष्ट्र का संकल्प लिए निकले गोर्खाओं को बदनाम करने कि कोशिश कर रहे हो? चिन्ता मत करो तुमारी आनेवाली पिढीं या तो इस्लाम कि या तो क्रीस्चियनों कि फिर से गुलाम होगी, जो गोर्खा गिता और महाभारत जैसे हिन्दु ग्रन्थ कि शपथ दिलाकर न्याय करता था वह अत्याचारी हो हि नहि सकतें? गोर्खा उन्हि से शक्ति से पेश आते थे जो उन के बनाइ गए कानुन व्यवस्था को चुनौती देता था जो अङ्ग्रेजों के लिए मुखवरी करते थे! कुछ गद्दारों के हि कारण गोर्खाओं को हिमाचल कुमाउ गडवाल चन्डीगड अवध सिक्किम बङगाल जैसे क्षेत्रओं को अङ्ग्रेजओं को देना पडा उस काल खण्ड में कुछ गद्दारओं ने गद्दारी नहि कि होती तो आज विश्व कि पटल पर एक शक्तिसाली सनातन हिन्दु किङडम होता! क्या करे🤔 तुम अङ्ग्रेज और मुगलों का जुठा चाट्नेवाले,आज भि किसी अंग्रेज़ कि चाटुकारिता करने वालों के पुस्तक का उदाहरण देकर एक कर्मठ और निडर गोर्खा जाती का अपमान कर रहे हो? जय महाकाली, आयो गोर्खाली! 🚩🚩 तुम लोगों कि एक खासियत हैं, तुम्हारी जुवान केवल अपनो के विरुद्ध हि निकलती है! 800 वर्ष मुगल और 200 वर्ष अङ्ग्रेजओं ने राज किया 1000 वर्ष दास बनाया तुमको? इन इतिहासकारों के पुस्तकों का उदाहरण देकर आँप बकवास कर रहि हो, उन इतिहासकारों ने मुगल और क्रीस्चियन के विरुद्ध कितने पुस्तक लिखें?🚩🇳🇵
www.google.com/search?q=history+of+all+prithvi+narayan+shah&rlz=1C1UEAD_enIN1100IN1100&oq=history+of+all+prithivi&gs_lcrp=EgZjaHJvbWUqCQgDECEYChigATIGCAAQRRg5MgkIARAhGAoYoAEyCQgCECEYChigATIJCAMQIRgKGKABMgkIBBAhGAoYoAEyBwgFECEYnwUyBwgGECEYnwXSAQo1NjAxNmoxajE1qAIAsAIA&sourceid=chrome&ie=UTF-8
घर भले नये जमाने के दिखाएं गये हैं पर एक कहानी सच है हमारे पुरखों ने भी हमें ए कहानी बचपन में सुनाई थी
Angrej k jhuthi books jo ush bakt nepal k liye likha tha ,weshi books me aaj vi hamare yaha nepal me kuch chutiya log ye news ko sach batane ki kosis karte he karte he😂,bhai video me 50% se jyada wrong information diya he🤣,angrej ne jhuthi books likhi to make uttrakhand people believe that British always help them and nepalese are worst ,by doing this strategy so that uttrakhand peope will not take the side of nepal and to make uttrakhand gulam they did ,vai literally yr itna jyada misinformation failate ho bohot dukh hota he,pahadi logo ko alag karne k liye bohot misinformation failaya tha without proof ,so please aise faltu k juthi videos pe biswas mat kariye,ye log toh angrej aur mugals ko accha ki batayenge na kyu ki hamare raja ne 57 ushbakt converted cristians aur pastor ko desh nikala kiya tha
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उस समय नेपाल ने कृश्चियन धर्म प्रचारकको नेपाल में प्रतिबन्धित करदिया था । इसि गुस्से में आकर बेलायती लोगों ने नेपाल के बारेमेँ कई गलत इतिहास लिखा और प्रचार किया !
क्या 1806 में, छत पर कपड़े सुखाये जाते थे? सीमेंट की छतें थी, टिन और पत्थर की छतों पर तो कोई नहीं जाता धूप सेंकने या कपड़े सुखाने।
Bhai shahab ye 50%galat batey hey kiyoki ye to us time they nahi or rahi bato ko to aapko pata hey ki ek baat hajaro logo ke muh se nikaltey nikaltey hajaro bar tadka lag chuki hoti hey
Or ha nepal me jo chetri (khas) hey or dom's hey vo log humarey hi khun ke log hey
Sab aapni dollar ke liye Tod madorke batatee hi
Bhai logo ye bat shi hai ye uttarakhand ka kala history hai mene bhi padha hai
Bhai sab doglapan hai Gorkha khuch nahi bolte is liye hampe hawi hotey hai log,. Aur rahi baat krurta aur atyachar ki toh Panwar aur Chand Dynasty k sare Raja konse ache the unke atyachar pe video kyu nahi batane ye log, Maularam ne 'Gadgeet sangram'/Gadika natak likha hai usme prakram Shah k atyacharo k bare mai likha hai, usey b cover kare Barhamasa
Chalo 1806 aur uttrkhand ke pure gaon ghume ho aap. Chath shabad galat use kiya hai video me . Jaroori nhn ve chath word ka use same aise kar rhe ho jo aaj use aur uska meaning hau . Kya 3 majilo vaale ghar nhn the. Kya mahilaa. Upar vaale makaan me aagano me dhup ya kapde nhn sukhaati.. sirf pathar ke nhn ladki ke ghar bhi hai. Koti banaal jaise ghar hazaaro hai uttrkhand ne abhi bhi. Jabhi unke liye shabad bhi hai gharwalo or kumaoni me jaise. Thibarru, dhandyaalu, chaubaru, chaazh, nimdaari, saangaadh, akhshaandh, tri pura, duipura, khantali.
Your channel is so underrated we need to promote History of Our own lovely state. I don't know why the people of India are more centred towards myths and legends rather than learning our actual history and learning from it.
She forgot to add British empire taking out minerals from Uttarakhand for their navies. Dhotis are hilarious.
@@acesolta4045 she forgot to mention how gorkha sold newari women and dhoti region women in banaras and haridwar. 🤣 now mostly leaders in gorkha regiment of india. 🤣 even himachali hates gorkhas. And gorkhas are busy looking for their forefather in kashmir 🤣. Calling us dhoti. Abhe madarchod tere janew ke samay chutiye tu apne aap dhoti baandh ke bhikhsa maangta hai. 🤣 aur hum pahaadiyo ko dhoti bol rha hai.
@@acesolta4045 what minerals british took from utrrkhand 🤣 saale mandhbuddhi.
@@Garh52 Nepalese ppl are in your dhoti mind, rent free. Losers are begging for our attention 😂
@@Garh52 95% of Nepalese can’t point utrakhnd place in map and never even heard the name and here you dhotis putting videos after videos about Nepalese people and it’s rulers 😂
Pa jeet dhotis and their weird obsession with Nepal.
शानदार रिपोर्ट।इतिहास का एक काला अध्याय गोरख्याणी।
this is more than 50% wrong information in video,britishers spread propagandas so that we khas pahadi people will be separated,people were strict at that time,if gorkha had done some mistake then you must research on the cruelty of Chand and Panwar dynasty which was more than gorkha.Gorkhas united all khas pahadi people ,so that in these time also the people of kumaon and gharwal can join gorkha regiment but biharis desi can't join.Abhi Gharwal k king ki maharani Malala Rajya laxmi shah nepal royal family se he aur tehri gharwal ki sansad vi he
@@gajendrarautelahimalayanso2309 तुम को गोर्खालि लेखन भि नहि आते 😫
@@rameshgtrameshgt8842 यहाँ गोर्खाली की नहीं गोरख्याणी की ही बात हो रही है ।पूरी रिपोर्ट को ठीक से समझिए।
@@gajendrarautelahimalayanso2309 Right 😀
Madam this is pure progaganda, please provide reference where it is mentioned except Max Muller ki book.
मित्रों
उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर, नृत्य, लोकगीत, और भाषाएँ हमारी पहचान और परंपराओं की अद्वितीय छवि हैं। यह सांस्कृतिक परंपराएं न केवल हमें हमारी जड़ों से जोड़ती हैं, बल्कि हमें एक सामूहिक समाज के रूप में एकजुट भी रखती हैं। गढ़वाली और कुमाऊँनी लोकनृत्य, जैसे कि जागर, पांडव नृत्य, और वीर योद्धाओं के रणभूत नृत्य, हमारे इतिहास और लोक संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हैं। इनमें निहित मूल्य, त्यौहार, धार्मिक मान्यताएं और रीति-रिवाज हमें हमारे पूर्वजों की समृद्ध विरासत से जोड़े रखते हैं।
आज के दौर में, जहां आधुनिकता के प्रभाव में लोग अपनी मूल भाषाओं और परंपराओं से दूर होते जा रहे हैं, हमें अपनी सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने की जरूरत है। हमारी लोकभाषाएँ, जैसे कि गढ़वाली, कुमाऊँनी और जौनसारी, भी हमारे अस्तित्व का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, लेकिन यह चिंता का विषय है कि इनमें बातचीत करने वाले लोग घटते जा रहे हैं। नई पीढ़ी का हिंदी और अंग्रेजी की ओर झुकाव बढ़ रहा है,इसका तात्पर्य यह भी नहीं कि हमें इंगलिश और हिंदी से दूरी बनानी है। लेकिन इसे पूर्ण रूप से धारण जिससे हमारी लोक भाषाओं का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है।
सभी समुदायों को मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है ताकि हम अपने-अपने लोक भाषा, कला, नृत्य, और परंपराओं को बचा सकें। इस दिशा में स्थानीय सांस्कृतिक उत्सवों, नृत्य कार्यक्रमों और भाषा शिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन मददगार साबित हो सकता है। जब हम इन परंपराओं में सहभागिता करेंगे, तो हमारी युवा पीढ़ी भी इनसे जुड़ी रहेगी।
हमारी संस्कृति को बचाने के साथ-साथ हमें अन्य समुदायों की सांस्कृतिक धरोहरों का सम्मान करना भी सीखना चाहिए। हर संस्कृति की अपनी अलग पहचान और महत्व है, और हमें इन विविधताओं को स्वीकार कर एक-दूसरे का आदर करना चाहिए। इससे आपसी सामंजस्य बढ़ेगा और एक सकारात्मक समाज का निर्माण होगा। दूसरे समुदायों की परंपराओं और मान्यताओं को समझने से हम एक समृद्ध समाज बना सकते हैं, जहाँ सबकी पहचान को सम्मान मिलता है।
हमारी यह सांस्कृतिक विरासत एक अमूल्य धरोहर है, जिसे हमें भावी पीढ़ियों के लिए संरक्षित करना है। अपनी संस्कृति का महत्व समझाने और उनकी जड़ों से जोड़ने के लिए हमें अपनी पीढ़ी को जागरूक करना होगा। जब हमारे बच्चे अपनी संस्कृति की महत्ता को समझेंगे और इसे गर्व से अपनाएंगे, तभी यह धरोहर सुरक्षित रह सकेगी। यही नहीं, वे अन्य संस्कृतियों को भी उतना ही महत्व देंगे और उनसे सीखते हुए उन्हें सम्मानित करेंगे।
उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर हम सभी के लिए गर्व का विषय है। इसे सहेजना और अगली पीढ़ी को सौंपना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। इस विरासत को बचाने के लिए हमें मिलकर प्रयास करना होगा, अपनी भाषाओं और परंपराओं का सम्मान करना होगा, और दूसरी संस्कृतियों का भी महत्व समझना होगा। जब हम अपनी संस्कृति और परंपराओं को सजीव रखेंगे, तभी हमारा इतिहास और हमारी पहचान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।
बहुत आच्छा ईतिहास सुनाया आपने मै नेपाल से हु लेकिन ये क्रुरता का काहानि नेपालका ईतिहास मे छुपाया है बाँकि सब सहि है घन्यबा 🙏🙏🙏
गोर्खाली को जय हो. जय महाकाली आयो गोर्खाली.. 🇳🇵🇳🇵
Gorkhaaj not telling like u,,
Hail to himavat khand. Hail to Himalayan culture
🔔 Cruel alien creature watchmans, worst than demons Who killed lakhs innocent ppl mercilessly, that's why begging money ,food, Medicine from the world, became slaves of China , have no self respect anywhere in the world 😎 That's karma for them !!
Bhai this is not the right video of saying jai gurkhali
Kehne ko to ye bhi keh skte h
Ki gorkhas ne 10 saal koshish kri pr kabja nhi kr paaye uttrakhand pe
Jab bhukamp aaya aur rajvansh hii gya tb gurkha aaye hamla krne
Isme kya bahaduri h
Please be wise and kind
Dont comment shit
Tb
Ching Chong Ching Chu Che Gorkhali
कत्यूर वंश का शासन काल वाला कालखंड गढ़वाल और कुमाऊँ के इतिहास में सबसे उत्कृष्ट रहा
I'm from sudrupaschim Nepal.. my district shares border with champawat...
Maine toh yeh bhi padha thaa kahi .. ek waqt me baz chand ne kumou rajya east karnali tak banaya thaa
थैंक्स प्रगति आपका प्रेजेंटेशन बहुत शानदार है मैं एक आर्किटेक्ट हू और हिस्टोरिकल और कंजर्वेशन आर्किटेक्चर के काम करता हूं आपकी जानकारी बहुत अच्छी लगी आप से एक अनुरोध करना चाहूंगा सालों बीत गए है लेकिन कुमाऊं और गडवाल के लोगों में कहीं न कही एक कुमाऊनी गड़वाली वाला बिद्वेस देखते हैं हम लोग जो कि मेरी समझ में अच्छा नहीं है मेरी समझ मे कालांतर मे कभी ये दोनों एक ही हुवा करते थे मैं चाहूंगा आप इस पर कोई अच्छी सी रिफरेंस के साथ डाक्यूमेंट्री बनाएं जिससे इन दोनों जगह के पड़े लिखे लोग इस गडवाली कुमाऊनी सोच का विरोध कर पाए और इस दोनो समाज की सोच बदल सके हम इंतजार करेंगे आप की इस विषय मै डाक्यूमेंट्री की
धन्यवाद
आर्किटेक्ट हेम जोशी चंडीगढ़
एक संसकार संस्कृति को अलग करने मे अंग्रेज और भारत बहुत अच्छि तर्ह जित गया जो खस जति को बिभाजन कर के यह मनगणन्त इतिहास रचदिया
भारतीय लाेग जब भि बाेंलेंगे, दुसराेंकाे निचा दिखाएंगे, चाहे वाे हकिकत हाे चाहे ईतिहास हाे, हम नहिं जानते कि ईनके पास रखे ईभिडेन्स कितना वास्तविक हैं, ईनकाे सहि ईभिडेन्स देने के लिए मैं चुनाैती देता हुँ
ये कहानियाँ पूर्ण रूप से सच नहीं हैं. अलग अलग किताबों मैं अलग वर्णन हैं
हमारे पूर्वज गढ़वाल नरेश के दीवान थे, परिवार में आज भी गोरखा अत्याचारों और हरिद्वार के दास बाज़ार की बात होती है तो कई विचार और आयाम निकलते हैं। यद्यपि ये ज़रूर है कि गढ़वाल में गोरखा आज भी सम्मान से नहीं देखे जाते, बीते समय के आक्रांता और आज के मज़दूर ही समझा जाता है ।
this is more than 50% wrong information in video,britishers spread propagandas so that we khas pahadi people will be separated,people were strict at that time,if gorkha had done some mistake then you must research on the cruelty of Chand and Panwar dynasty which was more than gorkha.Gorkhas united all khas pahadi people ,so that in these time also the people of kumaon and gharwal can join gorkha regiment but biharis desi can't join.Abhi Gharwal k king ki maharani Malala Rajya laxmi shah nepal royal family se he aur tehri gharwal ki sansad vi he
I belong to Kinnaur of Himachal Pradesh. Gorkha ruled Rampur Bushahar also . Gorkha Army tried to conquer Kinnaur also but could not do so and had to go back. You have given a very good information related to Gorkhali rule in your state. Thanks .
😂😂😂 seriously Saare pahadi ek hai bhai gorkha are non different mai Nepal se hi hu we are same ye sab history bakwas hai kuch bhi faltu likha hai British rulers neh ye ladai rajao ki thi na ki janta ki rajao ko bas badnaam kiya gya hai history mai jabki loktantra neh hamko luta hai rajao neh Kam se kam desh ko bachai rakha jab Tak unka Shashan tha
@@samrath3251 Oh gorkhya ek koini h . Gorkhyo ne yha ki dharti pe mughlo se kam cruelty nhi dikhayi .. I too have heard about the barbaric rule of gorkhyas from my elders .
@@SR-xz7nz 😂😂😂 utrakhand se ho kya bhai dekho bhai raj tantra mai kya huwa kis neh kiya kyu Kiya ye na mai janu na tum toh unn ka hisaab kitab mai kaise batau ha mai app orr bakiyo k liye kya kr sakta hu is pr Mera bas chal sakta hai
@@samrath3251 ab jo hua h, aur bde buddho se sunte aa rahe h, vahi toh bolenge, itihaas toh nahi badal jaayega, pr man me ab koi dwesh nahi h bs.
Gorkha me milne wale negi chhetri kaun hai?????
I m from Nepal I don't know mush about history but Garhwal and Kumaon all of Uttarakhand are our brothers and sisters.
जब इतिहास का वर्णन होता है तो तब रेफरन्स भी दिया करे इससे मतभेद नही होगे।
She have given a lot of refrences and mentioned books and historians statements, what else do you want.
@ash rawat ऐश रावत refrenece matlab jo bol raha hai vo kaha likha hai
pura video dekhe bhai reference diya hai
Kitabe khud bi padho
@@20062601 only Britishers reference who rewrite their own version ..lol, we all knows how britisher manipulated the history , their propaganda is always same divide and rule . इतिहास को जब भी पढ़े, उसके दोनो पहुलिओ को अपने दिमाग में अवश्य रखे । अखंड भारत में युद्ध हमेशा से और हर जगह थे राजाओं के बीच में थे पर Slavery सिर्फ और सिर्फ ब्रिटिशर की वजह से आई क्योंकि उन्हें सिर्फ लूटना था ।
हेल्लो प्रगती नमस्कार । कुमाउ कि गोर्खाणी राज कि बात जानकर खुसि हुइ। मै नेपाली हु लेकिन हमे कुमाउनी ब्राह्मण कहते है। कुमाउनी चन्द राजा के कुल गुरु भि उस वक्त शायद तिवारी ब्राह्मण हि थे। लेकिन नेपाल मे उपाध्याय ब्राह्मण का हि बोलबाला है। हम कुमाउनी ब्राह्मण का महत्व कम है हालाकी नेपाल मे ज्यादातर गुरुकुल तिवारी पन्त और पाण्डे ब्राह्मण हि चलाते थे। एक बात बताना चाहता हु कि फिरङ्गी ( अंग्रेज़ ) का लिखा हुवा इतिहात ९०% गलत है । इतना अत्याचार गोर्खालिओ ने किया है बिश्वास नहि होता। अङ्ग्रेज कि बातो को बिश्वास मत करो क्यो कि गोर्खाली राजा से सब अंग्रेज़ नाराज थे वजय ये था कि उन्हो नि क्रिश्चियन धर्म प्रचारक पादरियो को नेपाल से निकाल दिया था।
😡😡
@@kabirajkumar2132 तुम्हे क्यु मिर्ची लागि बिहारी बाबू?
@@butwalbutwal9122 kumai and kumaon bahun are different ho. Bahun kam chhan
K p oli garwali ho bahun pani hoina
@@bhojrajtiwari4263 oli kumai bahun ho pro ali education pugena timro aahile dherai kumaoni bahun bharat kai bibhina thau bhata chanda raja ra katuriya le bolayera gayeka thiye. Kumaoni tiwari afai nagar brahmin thiye gujarat ka iitihas padhdha ramro dherai kumaoni bahun nepal ka joshi thiye jun mahrashtra ka jyotishe thiye jaslai chanda rajale bolayera durbar ma kaam garna ga thiye. Aahilaka kumai regmi mainali tehi joshi ka pusta hun. Lohani rajasthan bata almora chire. Pande haru gaud sarswat brahmins thiye jun kumaon chire rajakai prastab ma. Panta pani karhade brahmin thiye jun maharasthra bata kumaon ma chire. Farak yeti ko hi sabai bahun nepal ka samma india ko terai ma basthey paxi raja le bolayera pahad chireka hun. Mera khanal ka purkha haryana ko kurukshetra ra karnal area vanni thauka thiye pahila hamro surname kaushik thiyo paxi argakanchi ka raja le bolyera khana bata khanal bako ra aahile pani hamro basobas gulmi ra argakanchi mai xa. Aali iithas paadha ramro bro. Ani oli haru kumai nai hunxan garhwali hainan. Oli ra upreti eeutai thau bata aako vaninxa tyo ho pitoragarh
इस वीडियो के माध्यम से दुर्लभ जानकारी दी गयी है जो प्रशंसनीय है किन्तु जैसा मैंने सुना है उसके अनुसार मैंने इस वीडियो की वक्ता "प्रगति" को उनका नाम "प्रगती" बोलते हुये सुना,दूसरा जब किसी शब्द को बहुवचन (Plural) में बोला जाना चाहिए तो शब्द के अंतिम अक्षर में अं की बिंदी लगाकर बोला जाना चाहिए जैसे गोरखा का बहुवचन होगा गोरखे,या "गोरखाओं" कई बार सुना गया "गोरखाओ" इसी प्रकार पुरुषों को "पुरुषो" औरतों को "औरतो "खुंकरियों" को "खुंकरियो" सुना गया,"सुव्यवस्थित" को "सूव्यवस्थित" सुना गया याने बोला गया है ऐसे बहुत सारे शब्द हैं जिनमें अं की बिंदी का उच्चारण बहुवचन वाले शब्दों में लोगों द्वारा नहीं किया जा रहा और ह्रस्व और दीर्घ मात्राओं वाले शब्दों के उच्चारण में गलतियाँ हो रही हैं,इस प्रकार के उच्चारण की अशुद्धियाँ उत्तर प्रदेश के लोगों से बहुतायत में सुनने को मिल रहे हैं जिनसे बचा जाना चाहिए।
इसमे कइ बात अंग्रेजो ने लिखा इतिहास है , जिसने गोर्खा बिरोधि बात लिखा है । क्यों कि ये इतिहासमे अंग्रेजो ने गोर्खा को पराजित करना नहिं सकने से ये झुट फैलाया था ।
गोरखा शासन बढ़िया था। अंग्रेजो से इज्जत लुटवाने से तो अच्छा ही था।
Tere purvajo ko agar mandi mai bech diya hota tho kya pta aaj tu bhi na hota...
@@NobitaKaBilla4865 at first britishers brainwashed you and now bihari desi people brainwashed you,they desi people don't want to see we Khas Pahadi people united.you can search also about malala rajya laxmi shah who is currently MP(sansad) of tehri gharwal of BJP party(and also she belongs to nepal royal family) and she is wife of present so called king of gharwal as well. sister hamare bir yoddha logo ne bohot last saas tak hamko bachane ki kosis ki thi,hamare gaddaro ne britishers ko fort ka paani supply bataya tha aur britishers ne cut kiya paani supply isiliye abhi ka kumaon gharwal ko chodna padha tha,Hamare king ki age 16 years thi jab anglo nepal war of 1814-1816 huwa tha,famous Nalapani war 5000 advanced british army vs 600 gorkha war vi abhi k dehradun me huwa tha jisme bohot kosis k baad vi british ham ko fight karke nahi hara paaye aur paani supply cut karke chodna pada tha,last me hamare bir balbhadra ne kaha tha ki tum log hamko fight karke kabhi nahi jit paayoge ab ham hamari marji se chod rahe the bola tha kyu ki british ne fight karke ham pahadi logo se nahi jita tha,We Majority people of today's uttrakhand and today's Nepal are of same ancestors and we are khas Pahadi people and we are not desi bihari people
Britishers have done few things well for India.Really Gorkha were wicked than britishian
@@Lathait-y3wabhi apni desh ki border pe raat me paharedwari karwaake Khud chain ki kharate marte sote ho
Are you gadwali bro??
Cuz i am also bista nepali
We are more or less the same khas arya pahadi people of western Himalayas.
My request to all khas people to be always proud of their heritage. Forget bout past, but always remember one thing that kumaon and gadwalis aren't Biharis or UPs, Britishers merged Uttarakhand with United Provinces.
Under gorkhas, we constituted a united pahadi kingdom.
We have deep respect for kumaonis, gadhwalis and even people of Himachal.
जितेंद्र हनेरी जैसे व्यक्ति ही सही मायने में उत्तराखंड के विकास केद्योतक होंगे। उनके कार्यों को मेरा सलाम।
See in India when u fight Gurkha...the best alternative is Garhwalis....ye British ne 1814 me kiya tha....aur Indian Army me bhi yahi hota he....we know Gurkhas better than others...we r their rivals as well as best friends.... Gurkhas to the Gurkhas banane me Garhwali n kumaoni bhi he.....
😂😂😂 नेपाली राजा को भी राजपूत बना दिया। गढवाली इतिहास में लिखा है 8 या 10 लाख के आसपास गड़वाली को गोरखा हर साल बेच देते थे। मतलब 11 साल में कम से कम 50 लाख गढवाली को बेचा होगा। इतनी जनसंख्या तो 200 साल की मिलाकर भी नहीं है गढवाल की😂। और कुमाउँ का 70% भूभाग नेपाल के पास है। कुमाउँ की जनता ने ही डोटी गढवाल और कुमाऊनी गद्दार ब्राह्मणों पर हमला करने के लिए नेपाली को सहयोग दिया था। असली कुमाउँ भाषा नेपाल में बोली जाती है। गडवाली कुमाऊनी नेपाली जनता जो नेपाल के समर्थन में लड़ाई लड़ती थी उनको लोग गोरखा बोलते थे।उत्तराखंड में अधिकतर गोरखा गड़वाला कुमाऊ के ही मूल निवासी हैं। गडवाली इतिहास बोलता है गोरखा सेना मुगलों से अधिक खूंखार अत्याचारी थी अगर ये सच होता तो 1 महीने में ही गड़वाल की जनसंख्या खत्म कर देते गोरखा। सात आठ हजार की फौज थी गडवाल कुमाऊ में इतने कम सैनिक जनता का कुछ नही बिगाड़ सकते। गोरखा ने गडवाल में मंदिर और रास्ते बनाए महिलाओं निचली जातियों को उत्पीड़न से बचाया। गोरखा सख्त जातिप्रथा मानते थे उसके बावजूद भी भेदभाव उत्पीड़न नहीं करते थे गरीब को जमींदारों से आजाद कराया कुमाऊ डोटी गडवाल में इसीलिए जनता ने गोरखा का साथ दिया। आज गड़वाली कुमाऊनी ना अपना इतिहास जानते है ना भाषा हिंदी उर्दू मिक्स करके भाषा बोलते हैं। और गढ़वाल का तो बुरा हाल है सब अंग्रेजो से वफादारी करने का फल मिला है। जनता को शासक जब चाहे मूर्ख बना सकता है। गोरखा के खिलाफ जंग लड़के गड़वाली खुद अपने बच्चो नौजवानों को अंग्रेजी फौज को बेचने के लिए मजबूर हुवे ब्राह्मणों को प्रति व्यक्ति पैसा मिलता था गड़वाली को ब्रिटिश सरकार का नौकर और सैनिक बनाने के लिए। नेपाल ने अधिकतर सत्ता ब्राह्मणों के हाथ में नही थी इसलिए नेपाल बच गया।
Because we Kumaoni , Gadhwali, Gurkhas( later Nepalese )are from hilly regions. The higher the place more powerful people just like soneko jitna tapaya utna chamakta he reason.
Why would you not know us??
The khas pahadi aryas from uttarakhand, kumaon and nepal are same people.
Surnames like karki, joshi, pant, pokhrel or pokhriyal, bista or bisht, thapa or thapliyal etc all belong to the khas pahadis of nepal and uttarakhand.
General Amar Singh Thapa chhetri was also a khas pahadi rajput from nepal.
आज उन सब राज्यों को इंडिया ने अपना बना दिया है। कभी इंडिया भी 580 से ज्यादा राजाओं का देश होता था। कुमार गढ़वाल का संस्कृति और नेपाल से मिलती-जुलती है।
बहुत ही शानदार वीडियो इसी तरह के वीडियो बनाकर जनता को जागरूक करना चाहिए उनके बुजुर्गों ने पुरखों ने कितना अत्याचार सहा है जिसमें आज वह मौज ले रहे हैं
Angrej k jhuthi books jo ush bakt nepal k liye likha tha ,weshi books me aaj vi hamare yaha nepal me kuch chutiya log ye news ko sach batane ki kosis karte he karte he😂,bhai video me 50% se jyada wrong information diya he🤣,angrej ne jhuthi books likhi to make uttrakhand people believe that British always help them and nepalese are worst ,by doing this strategy so that uttrakhand peope will not take the side of nepal and to make uttrakhand gulam they did ,vai literally yr itna jyada misinformation failate ho bohot dukh hota he
Team baramasa आप सभी बधाई के पात्र हैं। आप सब बहुत ही मेहनती हैं। आपके द्वारा दी जाने वाली हर एक जानकारी अति महत्वपूर्ण होती है। हमे हमारा इतिहास बताने के लिए धन्यवाद है आपका।
Bhai bilkul galat jankari hai mam chhat ki bat karti hai bina siment ke chhat wale ghar kaha se aaye
बहेंजी बकवास बंद करो उत्तराखण्ड आज भी देवभूमि है तुम लेफ्ट विंग वाली लग रहे हो कुछ भी बकवास मेरे BUBU NE 2 WORLD WAR MAI ब्रिट्श सासन मैं चंदा दिया था और वे पापा को कई uttrakhadi पवित्र कल्चर के बरे मैं कहते थे ऐसा कुछ नहीं था अफगानी स्थान की कहने बता रहे हो।
@@prayagarya7960 पहले लेफ्ट विंग के बीरे में पढ़ना तब बकवास करना, पीसी जोशी का नाम सुना है, कमालाराम नौटियाल के बारे में सुना है पती कुछ है नहीं इतिहास का बल लेफ्ट विंग लेफ्ट विंग करते रहते हैं
@@prayagarya7960 तुम्हारे बुबू भू वही होंगे अंग्रेजों के चम्मचे और और पैसा मार के पूंजीपति बने हो।
Sorry
Jai Neem karori baba ji ki 🙏
Jay baba🖤
😂😂😂 नेपाली राजा को भी राजपूत बना दिया। गढवाली इतिहास में लिखा है 8 या 10 लाख के आसपास गड़वाली को गोरखा हर साल बेच देते थे। मतलब 11 साल में कम से कम 50 लाख गढवाली को बेचा होगा। इतनी जनसंख्या तो 200 साल की मिलाकर भी नहीं है गढवाल की😂। और कुमाउँ का 70% भूभाग नेपाल के पास है। कुमाउँ की जनता ने ही डोटी गढवाल और कुमाऊनी गद्दार ब्राह्मणों पर हमला करने के लिए नेपाली को सहयोग दिया था। असली कुमाउँ भाषा नेपाल में बोली जाती है। गडवाली कुमाऊनी नेपाली जनता जो नेपाल के समर्थन में लड़ाई लड़ती थी उनको लोग गोरखा बोलते थे।उत्तराखंड में अधिकतर गोरखा गड़वाला कुमाऊ के ही मूल निवासी हैं। गडवाली इतिहास बोलता है गोरखा सेना मुगलों से अधिक खूंखार अत्याचारी थी अगर ये सच होता तो 1 महीने में ही गड़वाल की जनसंख्या खत्म कर देते गोरखा। सात आठ हजार की फौज थी गडवाल कुमाऊ में इतने कम सैनिक जनता का कुछ नही बिगाड़ सकते। गोरखा ने गडवाल में मंदिर और रास्ते बनाए महिलाओं निचली जातियों को उत्पीड़न से बचाया। गोरखा सख्त जातिप्रथा मानते थे उसके बावजूद भी भेदभाव उत्पीड़न नहीं करते थे गरीब को जमींदारों से आजाद कराया कुमाऊ डोटी गडवाल में इसीलिए जनता ने गोरखा का साथ दिया। आज गड़वाली कुमाऊनी ना अपना इतिहास जानते है ना भाषा हिंदी उर्दू मिक्स करके भाषा बोलते हैं। और गढ़वाल का तो बुरा हाल है सब अंग्रेजो से वफादारी करने का फल मिला है। जनता को शासक जब चाहे मूर्ख बना सकता है। गोरखा के खिलाफ जंग लड़के गड़वाली खुद अपने बच्चो नौजवानों को अंग्रेजी फौज को बेचने के लिए मजबूर हुवे ब्राह्मणों को प्रति व्यक्ति पैसा मिलता था गड़वाली को ब्रिटिश सरकार का नौकर और सैनिक बनाने के लिए। नेपाल ने अधिकतर सत्ता ब्राह्मणों के हाथ में नही थी इसलिए नेपाल बच गया।
Jai gurudev... ❣️🔥🌸🌟
एसी झूठी बातें फैला के लोगों में नफरत क्यों भरते हो गोरखा सैनिक से ज्यादा ईमानदार कोई नहीं था बुराइयों के लिए काल थे गोर्खा अच्छे लोगों पर कोई जुर्म नहीं किया झूठी अफवाह की किताबें आप पढ़ा रही हो !'उत्तराखंड भी नेपाल का धरोहर हुआ करता था आज हमारे परिवार इधर से उधर हो गए ! नेपाल हमारे दादा पर दादा की जन्मभूमि है जय उत्तराखंड जय नेपाल आमा 🙏🇳🇵
@@chuski_009 नेपॉल वाले सीमा में लाक़र क़भी भि लड़ाई नहीं कर्ता क्यूँकि भारत ने जिन जिन जगावोमे सीमा बनाया हैं वो सब (विशाल नेपॉल) greater nepal का अंग हैं,
गोरखपुर यूपी, आधा विहार, उत्तराखण्ड, पूरे हिमानचल छेत्र, कमाल गढ़वाल काला पानी, लिपुलेख़, लिंपियाधुरा से सतलज नदी काँगड़ा तक, पूर्व में सिलीगुड़ी क़रिडोर, सिक्किम, दार्जीलिंग ईस छेत्रक़ो नेपाल सदियों से देश क़े हिस्से ओर वाहाक़े जानताक़ो आफ़ने घर क़े भाईं समझ्ते हैं लेकिन वाहा क़े नेपाल विरोधी नेताओकि कारण देश टुकड़ा टुकड़ा होयया था, क़ोही नेपाली नागरिक मुस्लिम होगय क़ोही भारतीय क़ोही अंग्रेज़ क़े नाजायज़ संतान लेक़िन नेपॉल देश माहादेब क़े भूमि हैं यहाँपर सदियों से भग़्वान क़ी कृपा रहींहैं य सारें भुभाग़ ज़मीन क़े मालिक़ माहादेब हैं, जिनदग़ानि में आज़ आक़ार ए देख़्नेक़ो मिल रहा हैं, नेपॉल माताक़ी जितनेभि देश प्रेमी सन्तान हैं, सब लोग़ नेपॉल ओर हर नेपालीक़ो एक़ी देश एक़ी भूमि एक़ी झण्डा, एक़ संस्कृति आफ़नो मौलिक़ हर अधिक़ार मा ल्यायर नेपॉल देश मा आफ़नो एक़ मुट्ठी साँस क़ो संसारकै सबैभँदा ठुलो देब भूमि नेपॉलमा आफ़ू लाईं समर्पण ग़र्न चाहांछन, क़िनक़ी ऊनी हरूँ लाईं आफ़नो ज़्यांन भनदा प्यारो आफ़नो देशक़ो माटों लाग़दछ, विशाल नेपॉल अबस्य सम्भव छ, र विशाल देश क़ी नेपॉल आमाक़ो ज़य होंस, हर हर माहादेब हिन्दू रास्ट्र नेपॉल ज़िन्दाबाद l 🚩🚩🇳🇵🇳🇵🇳🇵❤️❤️🫶
@@chuski_009 Right
I agree to your comment.Any body can make a story.so far I know kumaoni ,Garhwal and Gorkha are brothers.So still their is similarity in all aspects.
Right
@@chuski_009 सही बात l ❤️🫶
आप की टीम एक अलग तरह की पत्रकारिता कर रहे हैं। आप सभी को धन्यवाद और शुभकामनाएं। आज की व आगे पीछे के एपिसोड में मुझे तो यही लगता है कि जो होता है उसमें तीन पक्ष होते हैं एक वो जो एस में होते हैं, दुसरे वो जो सिस्टम से लड़ रहे होते हैं और तीसरे वो जो मात्र जीवन के जद्दोजहद में लगे रहते हैं।ये सिलसिला हर दौर में लगा रहता है ़़़़़़़़़़
Angrej k jhuthi books jo ush bakt nepal k liye likha tha ,weshi books me aaj vi hamare yaha nepal me kuch chutiya log ye news ko sach batane ki kosis karte he karte he😂,bhai video me 50% se jyada wrong information diya he🤣,angrej ne jhuthi books likhi to make uttrakhand people believe that British always help them and nepalese are worst ,by doing this strategy so that uttrakhand peope will not take the side of nepal and to make uttrakhand gulam they did ,vai literally yr itna jyada misinformation failate ho bohot dukh hota he,pahadi logo ko alag karne k liye bohot misinformation failaya tha without proof ,so please aise faltu k juthi videos pe biswas mat kariye,ye log toh angrej aur mugals ko toh gorkha se accha ki batayenge na kyu ki hamare raja ne 57 ushbakt converted cristians aur pastor ko desh nikala kiya tha ,.
History must be told. & Respect for baramasa there are only few videos on history of uttrakhand in youtube ,Great effort. & there is also a lesson in this for other states even with all these Atrocities Gurkha's & gadhwali's & kumaoni's are very close & unite. People have forgotten nd forgiven. So Which is a good thing.
Angrej k jhuthi books jo ush bakt nepal k liye likha tha ,weshi books me aaj vi hamare yaha nepal me kuch chutiya log ye news ko sach batane ki kosis karte he karte he😂,bhai video me 50% se jyada wrong information diya he🤣,angrej ne jhuthi books likhi to make uttrakhand people believe that British always help them and nepalese are worst ,by doing this strategy so that uttrakhand peope will not take the side of nepal and to make uttrakhand gulam they did ,vai literally yr itna jyada misinformation failate ho bohot dukh hota he,pahadi logo ko alag karne k liye bohot misinformation failaya tha without proof ,so please aise faltu k juthi videos pe biswas mat kariye,ye log toh angrej aur mugals ko toh gorkha se accha ki batayenge na kyu ki hamare raja ne 57 ushbakt converted cristians aur pastor ko desh nikala kiya tha
I praud to be Uttrakhandi. You know History always distorted on regional level on heroic notes and high moral ground and dipicted some regional people as Hero on very high moral grounds and values. This fills a very positive and high energy in their people. You know, Uttrakhand history is almost like Sikkim. The difference is, one became part of India in 1975 after independence, while present Uttrakhand by British India in 1814 and drafted by Sugauli Treaty.
Any country publish history according to their teste and favour and create one or more as Hero/Leader of this history and made him as role model of their fellow country men. Like in our history of Mahtama Gandhi ji, who is dipicted on high moral ground and leader of India's independence. I'm not curtailing their role. His role was important but not as dipicted in our history, Gandhi Ji was than social activist like Anna Hazare today, who stands against atrocities. Hence, first of all we must understand this fact. Now tell me who made independent to other lots of other so poor African countries after second world war who were colonised. You people knows, This was happened because European countries like Britain came under huge debt and their economy had shattered after second world war and their position topple to handle to these countries, moreover, United Nation was founded in 1945 as to check and balance to prevent war in future and a resolving body of world affairs and that put on pressure on colonial powers to let them free. That's why France, Britain, Purtugal and Spain have liberated one by one those countries were colonised by them for 200 to 300 years. I have been few African countries and also read history of other countries.
negi ji ne kya bola gorkhayani ke baare mein th-cam.com/video/Pd10WKD9hwc/w-d-xo.html
Yes well said ... sikkim was under gorkha for 40 years kumau for 20 + years and gadwal for 12 and in between and before many historical facts are hidden which was untouched....
Ek insaan jo critically sonchta hai , woh bilkul aapke jaisa soncha hai. Saanch samajhne ke liye, yeh 'critical sonch' bahut jaroori hai ...
Could you tell us more about the history about the country
I would like to make a little correction tho:
Firstly I will start by saying "A Nation is not a geographic territory BUT its people" and from this point of view I DONOT agree that present Uttrakhand became part of India "only" after 1814 (Sugauli Treaty) narrative as propagated by Nepal.
Story of India and it's Indian race starts from 9000 yrs old Mehrgarh Civilization moving forward to Indus valley phase (6000 yrs) and then to Vedic age (3500 yrs) to modern times. Genetic evidence clearly shows that "almost" all modern day Indians (including people of Uttrakhand) are direct descendants of people from Indus valley civilization AND Nepal was NOT part of Indus valley civilization (and as a matter of fact no civilization at all !). From this prospective Nepal just handed over occupied Indian lands to the Britishers BUT Nepal certainly did NOT posses any right to rule those parts to begin with. Nepal was just ruling people from a distinct civilization who were also genetically different than them by forceful occupation.
(This is completely different from Sikkim's case... as India conducted a referendum in Sikkim and people of Sikkim voted overwhelmingly in favour of India (democracy) against a monarch (dictatorial rule) and from 1975 to present Indian government has invested more than 100,000 crores in Sikkim for the betterment of the people of Sikkim and has modernized the state on many aspects)
I'm a PCS aspirant. This video is vry useful as per pcs mains prespective
Sarkari naukari ka chakkar chhod de bhai barbad ho jaaega
@@VikashSingh-vp6zl kyun ki naukriya nikalna band hi gaya hai,modi asamarth hai ye sab karne mein.
@@tusharrawat6670 tum pahadi log bas sarkari naukari k peeche bhaago . Tera galti nahi hai poora pahadi mindset aisa hi hai , ki sarkari Naukri nahi mili to sab khatam , sab barbad ho jaaega.
@@VikashSingh-vp6zl tera mentality hai gyan dev ban kar assume kar lena. Wo govt employee bane ya palayan kar ke plate saaf kare tune aisa kyun maan liya ke tu jyada akalmand h aur usse behter janta hai uske bare mein ? Pahadi mindset? Desi hai tu to jaa kar UP Bihar theek kar lena Bhaiya.
Great depiction of history. Love from 🇳🇵
जय भारत जय गोरखा जय उत्तर प्रदेश
कुमाउ और गढवाल पहेले नेपालका हिस्सा हि था madam अङ्ग्रेजने अलग किया था
Nepal se ho kya bhai
बहुत बहुत धन्यवाद आपका जो आप हमको उस समय के बारे में जानकारी दे रहे हैं ।🙏🇮🇳🙏
Very nice baramasa team. 🙏🙋♂️👌
this is more than 50% wrong information in video,britishers spread propagandas so that we khas pahadi people will be separated,people were strict at that time,if gorkha had done some mistake then you must research on the cruelty of Chand and Panwar dynasty which was more than gorkha.Gorkhas united all khas pahadi people ,so that in these time also the people of kumaon and gharwal can join gorkha regiment but biharis desi can't join.Abhi Gharwal k king ki maharani Malala Rajya laxmi shah nepal royal family se he aur tehri gharwal ki sansad vi he.
I have lived in temples in kumaon n garhwal made by or supported by then gorkha rulers.... given rice field n etc for the taking care n to worship..... War is cruel but gurkhas come to garhwal to fight n stop British not to force crueality to garhwal people.......
this channel is trying to defame hindu gorkhali people..may be they are funded by church;
Bhai sab doglapan hai Gorkha khuch nahi bolte is liye hampe hawi hotey hai log,. Aur rahi baat krurta aur atyachar ki toh Panwar aur Chand Dynasty k sare Raja konse ache the unke atyachar pe video kyu nahi batane ye log, Maularam ne 'Gadgeet sangram'/Gadika natak likha hai usme prakram Shah k atyacharo k bare mai likha hai, aur Gorkha haya khud nahi aye the bulaya gaya tha Harsh dev Joshi dwara usey b cover kare Baramasa
Gorkha came to gadwal to stop british but not to unleash cruelty its your own hypothesis bhai...initially gorkha lost from kumau and gadwal in their attack but as the video mentions due to internal dispute of rulers they won kumau and right after gadwal was hit by massive earthquake known as great himalayan tsunami they triumph the gadwal region...
@@Sgt.Slaughter rightly said... bahut se facts to bataye hi nahi ki log naraz ho jayenge ...
@@sandeepsinghnegi7106 hai bhai Gorkha pehle 1790 mai Kumaon mai jitey fir 1791 Garhwal mai attack Kiya waha treaty of langurgarh hua jismei panwar Raja ko 25000 annual tax dena pda uske baad 1803 mai jab earthquake aya tab attack Kiya Garhwal mai jaha Jeet Gaye vo uske baad pardyuman Shah haridwar Jake 12000 logo ki sena ikhata kre dubara attack Kiya Gorkha pe jaha pe khurbhura mai unki death ho gai. Aur Gorkha pehle nahi the Nepal sey 1191AD mai Ashokchalla aur Krachalla rule kar chuke hai uttrakhand unka mention Baleshwar mandir k tambptr mai milta hai jo ki ache Raja hua krte the bhot logo ki madad ki hai, my point is aise adhe adhure facts video sey disputes create hota hai jo ki uttrakhand mai already bad raha hai hame apas mai ekta chaiye na ki batwara.sab pahadi cultures apas mai ek dusre ko madad kare aur uttrakhand aur aagey Jaa sake. 🙏
मैं बारहमासा के सभी सदस्यों का बहुत बहुत धन्यवाद करता हूं कि आप सभी चैनल के माध्यम से उत्तराखंड में हुई अब तक की सभी घटनाओं से हमें अवगत कराते रहे है। मेरा आपकी टीम से निवेदन है की एक बार जौनसार बाबर के लाखामंडल गांव के बारे में एक फुल वीडियो भी बना दीजिए।। ताकि हमें भी लाखामंडल के पांडव कालीन इतिहास के बारे में पता।
धन्यवाद जय देवभूमि जय उत्तराखंड 🙏🙏
Angrej k jhuthi books jo ush bakt nepal k liye likha tha ,weshi books me aaj vi hamare yaha nepal me kuch chutiya log ye news ko sach batane ki kosis karte he karte he😂,bhai video me 50% se jyada wrong information diya he🤣,angrej ne jhuthi books likhi to make uttrakhand people believe that British always help them and nepalese are worst ,by doing this strategy so that uttrakhand peope will not take the side of nepal and to make uttrakhand gulam they did ,vai literally yr itna jyada misinformation failate ho bohot dukh hota he,pahadi logo ko alag karne k liye bohot misinformation failaya tha without proof ,so please aise faltu k juthi videos pe biswas mat kariye,ye log toh angrej aur mugals ko toh gorkha se accha ki batayenge na kyu ki hamare raja ne 57 ushbakt converted cristians aur pastor ko desh nikala kiya tha .
I m proud uttrakhandi❤❤
Angrej k jhuthi books jo ush bakt nepal k liye likha tha ,weshi books me aaj vi hamare yaha nepal me kuch chutiya log ye news ko sach batane ki kosis karte he karte he😂,bhai video me 50% se jyada wrong information diya he🤣,angrej ne jhuthi books likhi to make uttrakhand people believe that British always help them and nepalese are worst ,by doing this strategy so that uttrakhand peope will not take the side of nepal and to make uttrakhand gulam they did ,vai literally yr itna jyada misinformation failate ho bohot dukh hota he,pahadi logo ko alag karne k liye bohot misinformation failaya tha without proof ,so please aise faltu k juthi videos pe biswas mat kariye,ye log toh angrej aur mugals ko toh gorkha se accha ki batayenge na kyu ki hamare raja ne 57 ushbakt converted cristians aur pastor ko desh nikala kiya tha
मनुस्मृति से दंड देते थे बोल रहे हैं इनसे बड़ा सनातनी कौन हिंदू होगा।
पिछले वक्तव्य में आपने बोला वो हिंदू नहीं थे।
वो हिंदू ही हैं श्रीमहाकाली गुरु गुरुगोरक्षनाथ के पुत्र हैं।
बहुत अच्छा एवं ऐतिहासिक ज्ञानवर्धक 👍👍👍🙏🙏🙏
Angrej k jhuthi books jo ush bakt nepal k liye likha tha ,weshi books me aaj vi hamare yaha nepal me kuch chutiya log ye news ko sach batane ki kosis karte he karte he😂,bhai video me 50% se jyada wrong information diya he🤣,angrej ne jhuthi books likhi to make uttrakhand people believe that British always help them and nepalese are worst ,by doing this strategy so that uttrakhand peope will not take the side of nepal and to make uttrakhand gulam they did ,vai literally yr itna jyada misinformation failate ho bohot dukh hota he,pahadi logo ko alag karne k liye bohot misinformation failaya tha without proof ,so please aise faltu k juthi videos pe biswas mat kariye,ye log toh angrej aur mugals ko toh gorkha se accha ki batayenge na kyu ki hamare raja ne 57 ushbakt converted cristians aur pastor ko desh nikala kiya tha
this is more than 50% wrong information in video,britishers spread propagandas so that we khas pahadi people will be separated,people were strict at that time,if gorkha had done some mistake then you must research on the cruelty of Chand and Panwar dynasty which was more than gorkha.Gorkhas united all khas pahadi people ,so that in these time also the people of kumaon and gharwal can join gorkha regiment but biharis desi can't join.Abhi Gharwal k king ki maharani Malala Rajya laxmi shah nepal royal family se he aur tehri gharwal ki sansad vi he.
हर्ष देव जोशी कि कृपा से ये गोरखे ने उत्तराखंड पर राज किया
बिलकुल सही कहा आपने।
Kumaon ka vibhishan whi tha. Britishers ko bhi uSsi ne bulaya tha. 🙂
Christian Paster acting like he know every history. Indian😂😂😂
Gadwall and Nepal is a one country. Both should one to protect language and culture.
जबतक यूरोपियन ईतिहॅासकारका लेखन से ईतिहॅासको बर्णन होताहै तबतक ईतिहॅासका सत्यता आगे नहि आसक्ताहै ।
"Truth can not be long hidden" All the youth of Uttarakhand should know this truth even if we forgive but we should never forget.
Bhai aapko kuch forget ya forgive karne ki jarurat nahi hai. Lekin yeh toh confirm kar lo ki jo Angrez( Atkinson) keh rahe hain aur jo aapke buzurg keh rahein hain, woh ek hi cheez hai. Mujhe dono alag alag cheeze lagte hain ... Atkinson ke hisaabh se 'slave trade' hua jo puri tarah se jhoot hai aur aapke buzurgon ke hisaab se Gorkhaon ke wajah se bahut taqleef hue, jo puri tarah se satya hai, kyonki unko fauz ko palna padh raha tha ... In today's world people mix these two things and accept it as a gospel truth. Isse hamare Garhwali aur Kumaoni population mein ek victimhood paida karta hai .. aur manobal giraata hai . Isse Gorkha logon ko kuch fark nahi padega , chahe koi kuch samjhe, lekin aapke manobal mein iss jhoot ke karan fark padega ...
@@samirthapa6145 Bro hmare manobal m koi kami na thi na hei ye hmare purkhon ki jameene hein hame nahi angrezo na utna kasth or peeda phunchayi th na hi mughals ne jeetna gorkhaon ne atank felaya th uttarakhand m m kisi angrez ki books pre belive kru na kru par m apne bujurgo ki btayi huvi baaton p jarur bharosa krunga or ye kh kar apna pala jhad lena ki unko army ko palna padra th toh vo hme loote ye khn se shi hai hmri auroto ke sath mass rape or trading huvi thi its true chahe toh aap uttarakhand ke kisi bhi historian se confirm kr lein and i am tagging a link here of Narendra singh Negi who always pointed out the issues in Uttarakhand th-cam.com/video/Pd10WKD9hwc/w-d-xo.html
@@JOY1428 : Aise toh Angrezon ne 'Harry Potter' bhi likha hai ... usko bhi maan loge saanch? Link bhej doon Harry Potter ka? Isliye sirf kitaabh leekh lene se kuch nahi hota ... uske liye physical saboot chahiye.... kya ek bhi physical saboot hai?
@@samirthapa6145 Bhai tumme common sense h ya nahi thoda 200 saal phle ka physical saboot dun m tumhe aaj k time pe or mene kab bola mein angrezon ki kitab p beleive kra hu m apne purvazon ki btayi huvi cheezon p yakin kara hu jo ki sach hei or dusri baat fictional story or reality m fark hota h bhai
@@JOY1428 : Bhai, kuch physical saboot rehta hai ... jo iss aur ishaara karta hai ... Yeh aapko bilkul andaaz nahi hoga ki muje Garhwali samaaj ke logon se kita lagao hai ... mere bachpaan ka best friend ek 'Barthwal' hai ... dhoondh ne koshish kariye ... agar 'slave trade' hua hoga, toh kisi na kisi roop mein koi saboot hoga ... hum sabhi ko Truth chahiye bhai ..
आज भी कुमाऊं में कहावत है,, किसी भी बात होती है तो बोलते है गोरखा राज है क्या,,, मतलब ये की गोरखा राज बहुत ही बुरा था,, अपने दादा जी से v सुना था की गोरखाओं ने कुमाऊं मे बहुत अत्याचार किया था,,, आप की बताइए गई जानकारी एक दम सही है
Bilkul sahi khaa.itne chote saankaal m bhi inlogo nai bahut atyachaar kiye. Kyuki ye ek junglee army thee en logo ko raaj Krna nahi aata thaa. Lekin y log apne discipline or ekta k kaaran bahut famous hue. En logo n he Punjab k jallianwala baagh m nihatte logo mai firing ki thi.
@@superboy3633 fuck ur thoughts about gorkha...🇳🇵🇳🇵🇳🇵🇳🇵🏳️🇳🇵
@@superboy3633darfog logo ko mere puste ne dhul chataye.😂😂jay gorakha jay gorakhnath. Jay akhanda Nepal
@@PhilosopherX-y7skayar the.. usse phle garhwL ne nepalio ka bhoot bna dia tha ladai mai.. earthquake ka fyda utha k jeete..
@@rachitrawat937 😂😂chup kar barna gorkha lagadunga yeh bhashya toh uttarakhand ke gaun mein hain nah. Chal kohi bhi ho uttrakhand toh nepal hi tha. Gopal kaal se lekhar gorkha kaal tak. Jay himavat khanda nepal
अंग्रेजो के द्वारा लिखा गया इतिहास ।
बिल्कुल सही कहा है, गोरखा सैनिकों ने अमानवीय कृत्य किया था,गोरखाणी अत्याचारों के कारण ही अंग्रेजों की मदद लेकर गुलामी से मुक्ति मिली थी, देश में अंग्रेजों से आजादी मिलने पर बहुत खुशी मिली परंतु गढ़वाल कुमाऊं तथा हिमाचल में गोरखा अत्याचारों से मुक्ति मिली
Galat jankari hai bhai aap ko
@@omkarchettri405 ये गलत जानकारी नहीं,ये इतिहास में ऐसा काला धब्बा है जो उस समय के गोरखा कमांडर अमर सिंह थापा ने सैनिकों ने किया था। नेपाल के राजा उस समय एक 7-8 साल का बच्चा था तथा इसी कारण गोरखा कमांडर अमर सिंह थापा निरंकुश हो गया था
@@Jagmohan-i3l this is more than 50% wrong information in video,britishers spread propagandas so that we khas pahadi people will be separated,people were strict at that time,if gorkha had done some mistake then you must research on the cruelty of Chand and Panwar dynasty which was more than gorkha.Gorkhas united all khas pahadi people ,so that in these time also the people of kumaon and gharwal can join gorkha regiment but biharis desi can't join.
@@Hemsingh-k6u इतिहास को झुठलाना अच्छी बात नहीं। यह एक ऐसा विभत्स इतिहास है जिसे झुठलाना उन नीरीह गढ़वाली कुमाउनी आम जनता की मौत को भूलना है जो उस समय के गोरखों के अत्याचारों की भेंट चढ गये,पुराने बुजुर्गों लेखकों रियासत कालीन कवियों ने अपनी आनेवाली पीढ़ियों को उस गोरख्याणी अत्याचार की कहानी बयां की है
@@Hemsingh-k6u मैने उस गोरख्याणी इतिहास को पढा है जो खुद अभी काठमांडू लाईब्रेरी में गोरखों द्वारा लिखा गया है,पहले इतिहास पढ़ो फिर ऐसे मुद्दों पर कमेंट करना
An episode full of brainstorming knowledge
You did a good job trying to create animosity between pahadi people. You based your narrative on anecdote of a Anglo-Saxon overseer of East India company. Even if it was true, let bygones be bygones, don't scratch healed wounds.
thanks for explanation about gorkha, expect more information in next video.
it has written by Britisher and those kings who got thr kingdoms after supporting Britisher.. you never get such information in doti area..
Even you can search Bhakti thapa wiki where nepal kingdom issued a letter for stopping human trafficking
Gurkha is brave and honesty always.
Afsos ki saari kahani european diary se ayi hai....Hume is kahani pe shak hai....Garhwal Kumaon or Nepal ke logo ko bhaiyo ki tarah rehna chahiye
Afsos ki nahi Bhai sharam ki baat hai ki hm Garhwali or kumaoni log apne hi sath huve anyay ko nakar rahe hein
Sharam to unko aani chaiye jo apne baap dada ke sath hue attyachar ke baad bh dushman ke sapole ke talwe chaat rhe h 😎
Ye kahaniya humne apne buzurgo se suni h... Angrezo se nhi
@@SR-xz7nzGorkhali ne accha dulai kiya heh. Kya tum mujhe bta skto ho ki ek dialogue garwal meon famlus hey ki - jab kohi baccha rota heh tyo uski maa kehti hey ki mat roh barna gorkha aayenge😂kya yeh kahete the
@@PhilosopherX-y7szyada movie mt dekha kr nepali.. jaake chowkidaari kr.. oo shaabji ki aulad..😂😂😂😂
गढ़वाल का तो पता नहीं लेकिन कुमाऊँ मे हमने ऐसी कोई बेचने वाली कहानी नहीं सुनी हा युद्ध मे जरूर हमारे राजा हार गए थे.....
जो दुसरो कों बुरा देखता है ओ खुद भि बुरा होता है,ईसिलिए दुसरो कों बुरा देखता है भगवान भोलेनाथ ही जाने क्या भला कौन भला हैं कैन बुरा है
Such a wonderful presentation... Very well researched... Keep the good work... Looking forward to new episodes ❤❤❤❤
Even if Amar wanted to leave himachal, utrakahdn or kangra alone. It wouldn’t be easy. He would be accused as traitor and tortured. Soldiers were given lands and needed money so taxes had to be collected.
😂😂😂 नेपाली राजा को भी राजपूत बना दिया। गढवाली इतिहास में लिखा है 8 या 10 लाख के आसपास गड़वाली को गोरखा हर साल बेच देते थे। मतलब 11 साल में कम से कम 50 लाख गढवाली को बेचा होगा। इतनी जनसंख्या तो 200 साल की मिलाकर भी नहीं है गढवाल की😂। और कुमाउँ का 70% भूभाग नेपाल के पास है। कुमाउँ की जनता ने ही डोटी गढवाल और कुमाऊनी गद्दार ब्राह्मणों पर हमला करने के लिए नेपाली को सहयोग दिया था। असली कुमाउँ भाषा नेपाल में बोली जाती है। गडवाली कुमाऊनी नेपाली जनता जो नेपाल के समर्थन में लड़ाई लड़ती थी उनको लोग गोरखा बोलते थे।उत्तराखंड में अधिकतर गोरखा गड़वाला कुमाऊ के ही मूल निवासी हैं। गडवाली इतिहास बोलता है गोरखा सेना मुगलों से अधिक खूंखार अत्याचारी थी अगर ये सच होता तो 1 महीने में ही गड़वाल की जनसंख्या खत्म कर देते गोरखा। सात आठ हजार की फौज थी गडवाल कुमाऊ में इतने कम सैनिक जनता का कुछ नही बिगाड़ सकते। गोरखा ने गडवाल में मंदिर और रास्ते बनाए महिलाओं निचली जातियों को उत्पीड़न से बचाया। गोरखा सख्त जातिप्रथा मानते थे उसके बावजूद भी भेदभाव उत्पीड़न नहीं करते थे गरीब को जमींदारों से आजाद कराया कुमाऊ डोटी गडवाल में इसीलिए जनता ने गोरखा का साथ दिया। आज गड़वाली कुमाऊनी ना अपना इतिहास जानते है ना भाषा हिंदी उर्दू मिक्स करके भाषा बोलते हैं। और गढ़वाल का तो बुरा हाल है सब अंग्रेजो से वफादारी करने का फल मिला है। जनता को शासक जब चाहे मूर्ख बना सकता है। गोरखा के खिलाफ जंग लड़के गड़वाली खुद अपने बच्चो नौजवानों को अंग्रेजी फौज को बेचने के लिए मजबूर हुवे ब्राह्मणों को प्रति व्यक्ति पैसा मिलता था गड़वाली को ब्रिटिश सरकार का नौकर और सैनिक बनाने के लिए। नेपाल ने अधिकतर सत्ता ब्राह्मणों के हाथ में नही थी इसलिए नेपाल बच गया।
@@acesolta4045 Cruel alien creature who killed lakhs of innocent ppl can not be justified, it's their problem if they had to feed their army , nobody invited them to come and attack, that's why became a slave begger nation now..with no self respect anywhere in the world 😎
Thank you ..! I cant thank you enough , the Efforts you are doing for todays Youth and teach them our culture our history which noone talks about not even our Parents or our grandparents.. This is important as our history our culture is dying . Thank you again for it. Jai hind Jai uttarakhand🙏
If you have been to Doon, there was/is Astley Hall near Rajpur Road. Infront of Astley Hall is Gandhi Park. After Anglo-Gorkha war, this was a huge ground where British burned hundreds of bullock-carts ( bail-gadi) of Garhwali , Nepali and Kumaoni books These books were history and literature looted from libraries. This bon-fire lasted for a week or so. We know this because we lived in Doon since many generations. What was the purpose of the British to destroy our books? To destroy our culture and language, and rewrite their version of history. Since Nepal was an independant country, the Nepali language was never in danger ... but Garhwali & Kumaoni suffered. Jai Hind ! Jai Dev bhoomi !
@@samirthapa6145 तुम नेपाली लोग हम उत्तराखंडी की चिंता मत करो भाई हम उत्तराखंडी और भारतीय अपना कल्चर भाषा खुद सम्भाल लेंगे आयी बात समझ में .........एक तरफ तुम नेपाली कह रहे हो कि हम पीढ़ियों से भारत में रह रहे हैं और दूसरी तरफ गीत नेपाल के गा रहे हो और हमे मत सिखाओ कि हमारी गढ़वाली कुमाऊनी हिन्दी का क्या भविष्य है तुम अपने नेपाल चीन की सोचो..... तुम्हारा नेपाल भी 1815 में अंग्रेजों से हार गया था लेकिन वहां कि भुखमरी को देखकर अंग्रेजों ने वहां राज ना करके वहां एक सैन्य टुकडी रखी थी जिसका खर्चा नेपाल का राजा उठाता था
@@rajuniyal2898 Bhai mey NEPALI hu DARJEELING sey.
Mujhe NEPALI geet sunna hey tho kaha sey suno ?
@@rajuniyal2898 to isme iska kya dosh ? Vidiyo nhi dekhi kya tune ? Shuru mein kya bola ke samaj nhi shasak ka raj hota tha. Ashoka aur Chola par bada proud hota hai tume jab wo Indonesia tak Raj karte the . Bewkufi ki koi to hadd rakho,Nepal humare itihas ka kadwa sahi abhing hissa hai,tum rote raho aaj ke logo se chido. Tum Musalman se daro,Buddhist se khaar khao aur Nepali se khafa raho,sardar zameen le gar tarai ki uss par rona karo. Bewkuf bane rahi bas heen bhawna rakho aage na bado
@@tusharrawat6670 Nepali's begger can't tell indians about progress 😁😁 as u are surviving on Indian's donations, we are 5tg largest economy in the world 😎 we'll never forget Traitors of Nepal's helped Britishers after in 1857 time of Jhansi ki Rani and Mangal Pandey, they crushed rebellion indian army against Britishers, that's why facing karma and begging from the world now 😎
लखनऊ, उत्तर प्रदेश से अपने उत्तराखंड का इतिहास सुन रहा हूँ...उत्तर प्रदेश 🤗 उत्तराखण्ड
आज योगी जी का सुशासन देख कर लगता है कि राज्य अलग करवा कर कोई बड़ा काम नहीं किया, हालाँकि योगी जी का संन्यास-पूर्व जीवन गढ़वाल से था ये स्वयं गौरव का विषय है।
@@RahulUrvashi hahahaha kya UP ko haridwar aur rishikesh de kar mann nhi bharr raha ? Yogi fans Bareilly jaa kar reh sakte hai,Kurmanchal nagar mein Garwali Kumauni, pithoragarh wale almora wale thakur baman vibhajan ityadi vibhajan available hai. Transition mein kasht bhi nhi hoga.
@@tusharrawat6670 It seems that you have little knowledge of the facts, haridwar and rishikesh are a part of Uttarakhand, और रही बात बरेली की तो हमारा परिवार देश विदेश में बसा हुआ है, आपको अपने घर परिवार की चिंता करनी चाहिए।
@@RahulUrvashi what ? Little knowledge? I'm living in UP since last 20 years ,what the hell are you propagating here about Ajay Bisht? Yeah Kashipur and Sitarganj are also in UK but that's not Almora or Pithoragarh,do you really couldn't understand what i meant or you want me to spoon feed. Lol you only made an absurd statement about getting our own state for which people of UK lost their lives, although opportunist have no loyalty. It's Ajay Bisht today Lalu or Akhilesh tomorrow.
@@tusharrawat6670 Have fun living in UP :)
Aapka bolne ka tarika nice he jabse aapka vedio dekha aapaki aavaj me mithapan he naveen❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
हा ये समय उत्तराखंड के लिए सबसे दुखद दौर था तबकी बातें सुनकर खून खोल उठता है जी करता है हर नेपाल वाले से इसका बदला लिया जाएं
this is more than 50% wrong information in video,britishers spread propagandas so that we khas pahadi people will be separated,people were strict at that time,if gorkha had done some mistake then you must research on the cruelty of Chand and Panwar dynasty which was more than gorkha.Gorkhas united all khas pahadi people ,so that in these time also the people of kumaon and gharwal can join gorkha regiment but biharis desi can't join.Abhi Gharwal k king ki maharani Malala Rajya laxmi shah nepal royal family se he aur tehri gharwal ki sansad vi he,
पागल साला लडाइ करन्ने कहाँ गए उनसे बदला लेल्यो
बहुत अच्छा इतिहास वर्णन किया गया
Thanks for this knowledgeable episode.
Can u make a video how many original gorkhali ( pahadi ksatriya of small gorkha kingdom n magar n gurung excluding magar of palpa n sikkim who fought with magar of gorkha itself during for his king ) were in gorkha army who took kumaon n how many soldiers of annexed kingdoms were there who were not seen much loyal soldiers. Like from jumla, palpa n doti ( eastern Nepali kirati annexed by actual gorkhali first fought for gorkha king only during gorkha vs british war in eastern front ). N how many kumaoni soldiers were there when gorkha kingdom ( gorkha kingdom from today s sikkim to Kumaon) attacked garwal . N how many kumaoni n garwali soldiers when gorkha kingdom annexed sirmour or kangra ( sikh writter had mentioned about combined force of gorkha, kumaoni, garwali they r not aware of other pahadi original identity before gorkha expansion to todays nepal uttarakhand border ) . As per my knowledge there were no doteli soldier in gorkha vs kumaon war as doti was annexed in 1789 n kumaon including baitadi in 1790. but there were many doteli n kumaoni soldiers when gorkha kingdom took garwal in 1804. So how doteli n kumaoni including Nepali of baitadi dist) r seen differently in garwal apart from nationality . N also other western Nepali pahadi like jumli, palpeli etc to west of gorkha kingdom who r also called gorkhali today in india) . Or if modern nepal as made though gorkha kingdom expansion n changing name in 1923 would have been under indian union was gorkhas expansion would have been seen like expansion of sikh kingdom or maratha kingdom with glory against british ruler ? Just like annexed Nepali of diff kingdoms with diff pahadi dialect see today gorkha expansion as unification for same nationality ? spcly all pahadi of Nepal n magar , gurung n some kirati of east. Some kirati of todays east nepal, sikkim still see as annexation sply limboo, rai, lepcha. When u present some history u shd be aware of complete history. Otherwise people take it as ethnic issue rather than power issue. Cuz khas of palpa n jumla kingdom of todays west nepal fought with khas of gorkha itself many times under his king n magar of palpa fought with magar of gorkha itself under his king if it's ethnic issue
Garhwali ppl r brainwashed by their corrupted historian their job is to make their kings hero,great warrior n make kumaonis deceitful , in their book garhwali kings did not die by defeat in the war they just killed by kumaoni king by cheat 🤷♂️ 🤣🤣
बहुत बढ़िया इतिहास पढ़ने मै नही सुनने मै ही मजा आता है 🤠🤠
लग रहा है तुमने सिर्फ सुना है पढ़ा नही है😎
@@दर्पण-घ2ग पढ़ा है तभी पढ़ने और सुनने की तुलना कर रहा हूं 🥸
किसकी rough copy से पढ़ा🤣🤣
@@दर्पण-घ2ग bhai best source kya hai uttarakhand k liye konsi book h ?
@@दर्पण-घ2ग भाई मै रफ मै गणित के प्रश्न करता हु और मै यह पढ़ने की बात कर रहा हु
I m from Nepal. Our forefathers were also ruled by the same rulers at that time. Such mistreatment was not here. British historians have presented the history in such a way that the British invasion in south east Asia can be justified and the British rulers get sympathy from Indians.
History tells us that Gorkhas are brave and loyal but never cruel especially to women and children.
बलभद्र कुँवर थे थापा नही । सरदार भक्ती थापा ने केदारनाथ मन्दिर का जिर्णाेद्वार किया था जाे केदारनाथ मे अबस्थित शिलापत्र मे आज भी माैजुद हे ।
गढ़वाल में घर के छत ऐसे नहीं होते की कोई ऊपर चढ़ सके. 👺
Kyo nhi pathhar ke chhat hoti hai, jisme mirch sukhane ya kaddu rakhne, ghas rakhne ke liye chhat me jate the.
गोर्खाली ने कभी भि अत्याचार नहि किया। झुठी खबर मत फेलाओ।
गौरखो ने उत्तराखंड मे बहुत अत्याचार किये है जी उस समय देबि भगवती दीबा ने रक्षा करती थी जैसै गोरखा आते थे उपर पहाड़ो से आवाज लगाया करती व उनको सतर्क कर देती थी जै मा भगवती दीबा
सुन्दर जानकारी ।
Jai Uttarakhand
Love From Pahadi Vlogger
this is more than 50% wrong information in video,britishers spread propagandas so that we khas pahadi people will be separated,people were strict at that time,if gorkha had done some mistake then you must research on the cruelty of Chand and Panwar dynasty which was more than gorkha.Gorkhas united all khas pahadi people ,so that in these time also the people of kumaon and gharwal can join gorkha regiment but biharis desi can't join.Abhi Gharwal k king ki maharani Malala Rajya laxmi shah nepal royal family se he aur tehri gharwal ki sansad vi he.
छत पर दालें सुखाने पर टैक्स लगाया गया।
पठाल वाली छतों पर धूप सेकने का कोई चलन नहीं था।
ये इन्डियन लोंग ना अंग्रेज के गुलामि अभि तक भुल नहिं पाए है! इतिहास को पढके आओ!!
@@gslama4792 सहि हो ब्रदर
प्रगति बहुत सुन्दर presentation
आज भी हमारे बुर्जुग कोई गलत करता है तो उसको क्यो क्या गोरखा राज समझ रखा है इसी बात से समझ जाओ कितने अत्याचारी थे उनको उनके बुर्जुगो ने बताया होगा तभी ना वो इतिहास नही पढे जो हुआ वही बात आगे की पीढ़ी बतायी ।❤
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Hat's off to your efforts 🙏
हिन्दूभक्त इसे जरूर देखे।और सोचे सत्ता का कोई धर्म नही होता।राजा केवल सिहासन देखता था।उसका कोई धर्म नही होता था।
Shivaji maharaj? Maharana pratap? Aur bhi kayi raja hai jinhone dharm ka palan karte hue raaj kiya. Raaja ke upar depend karta hai vo
Bhai christian ke propoganda se bahar aa. Tu indian ko christian itna bhadka chuka he eak eg he tumhara Pm modi. Gorkha ka raja ne tow christian aur mughal se hindu dharma bachaya tha aur Jeet bhi liya tha. Tumhara Shivaji, Chauhan aur Maharana pratap ne kya kiya???
अंग्रेजी फिरंगी लेखकों द्वारा गोरखाओं को निचा दिखाने के लिए गलत लिखा गया था। उस हि सच मानकर इतिहास को तोड मरोड नहि करना चाहिए। कांगडा से टिस्टा तक का गोर्खा (खस आर्य किरात) साम्राज्य को ग्रेटर नेपाल कहा जाता है।
Awesome explanation mam thanks 🙏🙏👍👍
I love your info about our history jai uttrakhand 🙏
Little knowledge is dangerous.
बहुत बढ़िया प्रस्तुति करण प्रगति और लाजवाब स्क्रिप्ट मनमीत सर। दोनों को बधाई ❤️❤️। एंपायर का मुझे बेसब्री से इंतजार रहता है।
What nonsense
😂😂😂 नेपाली राजा को भी राजपूत बना दिया। गढवाली इतिहास में लिखा है 8 या 10 लाख के आसपास गड़वाली को गोरखा हर साल बेच देते थे। मतलब 11 साल में कम से कम 50 लाख गढवाली को बेचा होगा। इतनी जनसंख्या तो 200 साल की मिलाकर भी नहीं है गढवाल की😂। और कुमाउँ का 70% भूभाग नेपाल के पास है। कुमाउँ की जनता ने ही डोटी गढवाल और कुमाऊनी गद्दार ब्राह्मणों पर हमला करने के लिए नेपाली को सहयोग दिया था। असली कुमाउँ भाषा नेपाल में बोली जाती है। गडवाली कुमाऊनी नेपाली जनता जो नेपाल के समर्थन में लड़ाई लड़ती थी उनको लोग गोरखा बोलते थे।उत्तराखंड में अधिकतर गोरखा गड़वाला कुमाऊ के ही मूल निवासी हैं। गडवाली इतिहास बोलता है गोरखा सेना मुगलों से अधिक खूंखार अत्याचारी थी अगर ये सच होता तो 1 महीने में ही गड़वाल की जनसंख्या खत्म कर देते गोरखा। सात आठ हजार की फौज थी गडवाल कुमाऊ में इतने कम सैनिक जनता का कुछ नही बिगाड़ सकते। गोरखा ने गडवाल में मंदिर और रास्ते बनाए महिलाओं निचली जातियों को उत्पीड़न से बचाया। गोरखा सख्त जातिप्रथा मानते थे उसके बावजूद भी भेदभाव उत्पीड़न नहीं करते थे गरीब को जमींदारों से आजाद कराया कुमाऊ डोटी गडवाल में इसीलिए जनता ने गोरखा का साथ दिया। आज गड़वाली कुमाऊनी ना अपना इतिहास जानते है ना भाषा हिंदी उर्दू मिक्स करके भाषा बोलते हैं। और गढ़वाल का तो बुरा हाल है सब अंग्रेजो से वफादारी करने का फल मिला है। जनता को शासक जब चाहे मूर्ख बना सकता है। गोरखा के खिलाफ जंग लड़के गड़वाली खुद अपने बच्चो नौजवानों को अंग्रेजी फौज को बेचने के लिए मजबूर हुवे ब्राह्मणों को प्रति व्यक्ति पैसा मिलता था गड़वाली को ब्रिटिश सरकार का नौकर और सैनिक बनाने के लिए। नेपाल ने अधिकतर सत्ता ब्राह्मणों के हाथ में नही थी इसलिए नेपाल बच गया।
When britishers ended gorkha rule, but backed out from promise of handing garhwal back to Shah rulers, people celebrated, as they knew Britishers were less cruel..
@@darkodonnie2729 you fool, where is he glorifying Britishers ? he's just comparing.
Shah rulers?? No it's Panwar rulers bro
Hahaha jativaadi sab bitak gae. Kuch nhi hoga itihaas ka achaar dalo aaj ka uttrakhand thakur baman, kumauni garwali se aage thodi badega. Proud 😁 lol
@@tusharrawat6670gadhe itihaas se pata chalta hai kaun si galti nhi karni.
Britishers were very civilized people unlike cruel junglee Gorkhiya who eat dogs,Snakes,insects,etc.
बहुत शानदार जानकारी दी है
Very nice
Informative 👍💐
Slave trading tabhi kaam karti hai, agar woh profitable ho.
African slave trade isliye centuries tak chali kyonki America aur South America mein cotton plantation ( hazaron hectare farm) the, hard labour ke liye mazdoor chahiye the.
Indian slave trade jo Maurituis, Fiji, Guyana, West Indies etc mein isliye chali kyonki Bihar , Bengal aur East UP ke mazdoor , sugarcane plantation ke liye chahiye the.
Nepal ke paas koi plantation nahi tha, koi factory nahi thi. Agar woh slaves khareed bhi litien hain, toh koi laabh nahi. Ghar par bitha kar khilana padega ...
Yeh ek kapol kalpith Angrezon ka divide aur rule ka hissa tha ... propaganda tha . Koi sabut hai toh dikhain. Atkinson likhtein hain ki .... 🙂
Nepali, Garhwali aur Kumaoni mein roti aur beti ka rishta hai ... aaj bhi.
[ Mistake: unhe Rohilkhand ke Barielly mein becha jaata tha ... Saara Bharatvarsh including Rohilkhand par Britain ka raj tha, jo Nepal ke dushman the.
Kya yeh sambhav hai ki hum apni vastu apne dushman ke desh mein sale karein? Jaise ki koi free-trade-agreement ho 🙂 ... Sabh kapol kalpith logic hai , Atkinson ka .... ]
Bhai sab doglapan hai Gorkha khuch nahi bolte is liye hampe hawi hotey hai log,. Aur rahi baat krurta aur atyachar ki toh Panwar aur Chand Dynasty k sare Raja konse ache the unke atyachar pe video kyu nahi batane ye log, Maularam ne 'Gadgeet sangram'/Gadika natak likha hai usme prakram Shah k atyacharo k bare mai likha hai, aur Gorkha haya khud nahi aye the bulaya gaya tha Harsh dev Joshi dwara usey b cover kare Baramasa
बारामासा चैनल से अनुरोध है कि नेपाल के उस इतिहास पर विस्तार से विवरण दे जब गोरखा सेनाओं ने काठमांडू पर विजय पाने के बाद वहाँ के लोगों के शारीरिक अंगों को काटे थे ।
Chal bhag this is wrong book written by britishers because nepal king ne deshnikala kiya tha cristian missionaries ko
That's totally wrong. These are false rumors written by the pastor after the Gorkhali army chased the Christian pastor from Kathmandu valley.
@@Fire10101 even though it was a rumour but at least being a history learner we should know what actually was that story? who was that Christian paster? In which book those things were mentioned? I have heard about that story somewhere but could not get the whole story and its time. Could you please make a video on that topic. Even though it was a rumour let it be. At least we need to know that.
@@tenzinwangchuk4423 a Capuchin paadari came and settled in Kathmandu valley who was chased away by the Gorkhali army after the victory in Kathmandu valley.
@@Fire10101not pastor catholic father.
Sorry to say you are reading a distorted version of history because the late 17th and early 18th century Britisher came and distorted the history and our few Indian writers and personalities ( like Raja Ram Mohan Roy and even Tegor ) also supported them please read the history with the sense of GeoPolitics angle.
they dont understand sir. they compare us (Gorkhas) with Taliban.
Bewakoof hai saare
@@rahulnarayanthapa what's the difference? Gorkhas are as bloodthirsty as Taliban.
@@rahulnarayanthapawho brother?
Totally agree with you! It is easy to distort the thinking of people by false history. That's why, they were able to rule many places in the world by creating hates among people. Of course, there are some people who are mentally colonized and start thinking though the history westerner provided.
Bhut hi sundar jaankari di aap ne
ये आप बहुत अच्छे से पड़ताल कर लाई कुछ बड़ी बड़ी ब्रारंती होती है पर SACHAI NAI पहाड़ के सीधे साधे लोगो से उनका भूत जाना जा सकता है